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Saturday, April 26, 2014

News : लूटने के लिए नहीं है सरकारी फंड’

News : लूटने के लिए नहीं है सरकारी फंड’


यूपी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में करोड़ों की हेराफेरी के बारे में हाईकोर्ट ने की टिप्पणी

कोर्ट ने केंद्र सरकार के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार के हाथ बंधे हुए हैं तो किसके हाथ खुले हैं? यह आपकी योजना है। अगर आपके हाथ बंधे हैं तो इसे बंद कर दीजिए।

नई दिल्ली। सरकारी फंड लूटने के लिए नहीं होता। यह तल्ख टिप्पणी हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना के करोड़ों रुपयों की हेराफेरी के संबंध में की है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सरकारी फंड की लीकेज रोकने का निर्देश दिया है।
जस्टिस मनमोहन की पीठ ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर अगली सुनवाई तक सरकारी फंड की लीकेज नहीं रुकी तो स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
पीठ ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी योजना का दुरुपयोग हो रहा है। आप अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते। सरकारी फंड की लूट को रोकिए। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो फंड वापस ले लीजिए।
केंद्र सरकार व बीमा कंपनियों को निर्देश जारी करते हुए पीठ ने कहा कि करोड़ों रुपये लीक हो चुके हैं। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार व बीमा कंपनियों को कदम उठाना है। यह जानकारी स्वास्थ सचिव को दें।
कोर्ट का यह निर्देश यूपी सरकार की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें इस योजना में धांधली की पुष्टि जांच में हुई है। यूपी सरकार ने योजना में घोटाले की जांच के लिए पैनल बनाया था जिसने अपनी रिपोर्ट में घोटाले की बात कही है।
यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस बाबत 22 मार्च को उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है जो फर्जी कार्ड जारी के लिए जिम्मेदार थे।
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि योजना को लागू करने में सरकार को पेश आ रही परेशानियों की जानकारी पत्र द्वारा केंद्र सरकार को भेज दी गई हैं। केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसके हाथ बंधे हुए हैं। इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार के हाथ बंधे हुए हैं तो किसके हाथ खुले हैं? यह आपकी योजना है। अगर आपके हाथ बंधे हैं तो इसे बंद कर दीजिए



News Source / Sabhaar : Amar Ujala / अमर उजाला ब्यूरो / http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20140426a_004101007&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20140426a_004101007(26.04.2014)