72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, UP-TET 2011,
टीईटी में कम अंक वालों को भी नौकरी की आस
इलाहाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में टीईटी 2011 में कम अंक पाने वालों को भी नौकरी की आस लगी है। लगभग ढाई साल तक प्रक्रिया लटकने के कारण उस वक्त आवेदन करने वाले हजारों युवाओं को नौकरी मिल चुकी है।
दरअसल नवंबर 2011 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया में बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी मौका दिया गया था। लेकिन भर्ती लंबित होने पर बीटीसी प्रशिक्षुओं ने याचिका कर दी और हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार को अक्तूबर 2012 में 9770 शिक्षकों के लिए अलग से भर्ती शुरू करनी पड़ी। इसमें लगभग साढ़े तीन हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं को नौकरी मिल गई थी। इसी प्रकार टीईटी में 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों को भी मौका दिया गया था। लेकिन उर्दू आवेदकों को भी नौकरी नहीं मिल सकी तो सपा सरकार ने 5 अगस्त 2013 को 4280 उर्दू शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी। इसमें दो हजार से अधिक आवेदकों को नौकरी मिल गई। यही नहीं पहली बार 2011 में आयोजित टीईटी में 2010 बैच के लगभग साढ़े सात हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं ने भी सफलता पाई थी। लेकिन 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई 10,800 शिक्षकों की भर्ती में 2010 बैच के छह हजार से अधिक प्रशिक्षुओं को नौकरी मिल गई
News Source / Sabhaar : Live Hindustan Paper (29-04-14 12:29 AM)
Khubsurat Insan Se Muhabbat Nahi Hoti
ReplyDeleteBalke Jis Se Muhabbat Ho Jaye
Wo Khubsurat Lagne Lagti Hai,
Rishte Khoon Ke Nahi Hote
Rishte Ehsaas Ke Hote Hein
Agar Ehsaas Ho To Ajnabi Bhi Apne,
Agar Ehsas Na Ho To Apne Bhi Ajnabi Hote Hai
अरविंद . . . . . . . . . G
ReplyDeleteपहली बात कि मैं आपके सवाल जवाब के लिए यहाँ पर नही नियुक्त किया गया हूँ अगर कोई सवाल जवाब हो तो उसे फोन करके समाधान कर लो
बेकार मे और लोगों को क्यों असमंजस मे डाल रहे हो मुझे मेल कर सकते हो
वोट देने जाते समय वोटर आइडि कार्ड के साथ कुछ और चीज़े भी अपने दिमाग में ले जाना याद रहे..
ReplyDeleteबेरोजगारी याद रहे
महंगाई याद रहे
गुंडागर्दी याद रहे
भ्रष्टाचार याद रहे
किसानों की दुर्दशा याद रहे
मुजफ्फरनगर दंगा याद रहे
बेगुनाह टैट अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज याद रहे
सैफई महोत्सव में जनता के धन का दुरूपयोग याद रहे
बिजली पानी और सड़क की समस्या याद रहे
शिक्षा का गिरता स्तर याद रहे
घोटाले बाजों को पकडती देश की बेटी निलंबित दुर्गा शक्ति याद रहे.
मुलायम सिंह द्वारा बलात्कारियों को दिया गया प्रोत्साहन याद रहे
सपा सरकार द्वारा वोट बैंक की खातिर आतंकवादियों को छुड़ाने कि पहल याद रहे
2G घोटाला याद रहे ,
कामनवेल्थ घोटाला याद रहे,
जीजा जी घोटाला याद रहे
कोयला घोटाला याद रहे,
जन लोकपाल याद रहे,
काला धन याद रहे,
डीजल पेट्रोल याद रहे,
गैस के बड़ते दाम याद रहे
हमारे प्यारे सेनिकों के कटे हुए सर याद रहे,
1984 का दंगा और असम का कत्लेयाम याद रहे,
लद्दाख में घुसता चीन याद रहे,
पाकिस्तान की धमकी याद रहे
FDI याद रहे,
बोफोर्सतोप घोटाला याद रहे
आज़ाद मैदान पर टूटता शहीद स्मारक याद रहे
मजबूरी में जकड़ी सी बी आई याद रहे,
रामलीला मैदान में आधी रात को चलते डंडे याद रहें
इण्डिया गेट पर औरतों की सुरक्षा मांगते युवाओं पर चलती पानी की बौछार याद रहे
कांडा के कांड याद रहे,
पाताल में गिरता रुपया याद रहे
12 रूपये और 5 रूपये में भरपेट खाना याद रहे
याद रखें" आपकी कमज़ोर याददाशत ही गलत सरकार की संजीवनी है।
इसलिए अबकी बार मोदी सरकार ....
नमस्कार मित्रों,
ReplyDeleteमेरा अनुरोध है कि इसे जरूर पढ़ें और अगर मेरी बात सही लगे तो इसको और लोगों के सामने भी रखें,
दोस्तों कल लोकसभा के सातवें दौर का मतदान है और उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण 14 सीटों पर वोट पड़ेगा, मैं इस बार किसी पार्टी या नेता को वोट करने के लिए अपील नहीं करूँगा बल्कि यह अपील करूँगा कि वोट डालने जरूर जाये।
वोट डालने जाने से पहले शांति से ठंडे दिमाग से यह सोचिए कि आप पार्टी के कार्यकर्ता नहीं बल्कि एक मतदाता हैं। आप वोट डालने क्यों जा रहे हैं और इस एक वोट से आपको क्या मिलेगा?
आप वोट इसलिए डालने जा रहे हैं क्योंकि यही लोकतंत्र में आपका सबसे बड़ा हथियार है और आपके एक वोट से भारत सरकार बनने जा रही है।
भारत सरकार कैसी चाहिए किस पार्टी की चाहिए, कैसा प्रधानमंत्री चाहिए यह सब दिमाग में बैठाकर वोट डालने जाइए।
मैं क्षेत्रीय दलों के समर्थकों से एक अपील जरूर करूँगा कि अपना वोट बर्बाद न करें।
छोटे दलों के नेता प्रधानमंत्री बनने का झूठा सपना दिखाते हैं और अगर वे किसी भी प्रकार की खिचड़ी सरकार बना भी लिए तो वो देश के लिए विनाशकारी साबित होगा क्योंकि वो सरकार किसी बड़ी पार्टी के बैसाखी पर टिकी होगी। नेता जी या बहिन जी कभी 20 20 सांसद लाकर प्रधानमंत्री नहीं बन सकते वे आपके बहुमूल्य वोट को केन्द्र में बड़ी पार्टी को अच्छे दाम पर बेच देते हैं। पिछले दस वर्षों में कांग्रेस के सभी भ्रष्टाचार महंगाई लाने वाले फैसलों में इन दोनों पार्टियों का संसद में खुला समर्थन था।
इसलिए इस बार वोट डालियेगा तो एक मजबूत सरकार के लिए एक मजबूत प्रधानमंत्री के लिए।
Tell me about ncte letter. Ye kaun si site se milega?
ReplyDeleteइस लोकसभा के चुनाव में हमें एक ऐसे प्रधानमंत्री को चुनना है जो हमारे जवानों के सिर कटने पर पाकिस्तान की आँखें निकाल ले, जिसके नाम से आतंकवादियों में खौफ आ जाये, जो देश को विकास के रास्ते पर ले जाये, जिसका काम लोगों ने देखा हो, जो 24 घंटे बिजली, पानी देसकता हो, जो अच्छी सड़के बनवा सकता हो, जो रोजगार दे सकता हो, जो महंगाई को रोक सकता हो हमें ऐसी सरकार चाहिए।
ReplyDeleteअपनी जाति या अपने धर्म की सरकार बनवाने से हमें कुछ नहीं हासिल होगा।
सभी पार्टियों के बारे मे सोचिए उनका पिछला रिकॉर्ड याद कीजिए, जिनकी सरकार चल रही है उनका भी रिकार्ड देखिए। दस वर्ष की केन्द्र की सरकार का आकलन कीजिए, राज्य की सरकार के पार्टी की सोच का आकलन कीजिए, बहन जी का कांग्रेस के आगे समर्पण याद कीजिए, नेता जी का धर्म निरपेक्ष (मुस्लिम/आतँकी/बलात्कारी ) प्रेम देखिए तब वोट कीजिए।
विश्वास कीजिए आपको पाँच सालों तक अपने दिये हुए वोट पर कभी पछतावा नहीं होगा।
TMNTBBN tum teacher ni leader banne ki tayyari kar rahe ho kya ? Ramdev ko tou kuch ni bologe Jo dalit virodhi aur BJP supporter hai.
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ReplyDelete72825 भर्ती में सरकार शुरू से ही टाइम खाना चाहती थी जिसमें वो काफी हद तक सफल भी हुयी । अभी भी उसके कानों मे जूँ तक नहीं रेंगी है । सिर्फ कुछ विभागीय हलचल समझ आ रही है। आखिरकार वो कौन सी वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद इनका कार्य इतना धीमे चल रहा है कि एक एक करके 36 दिन 84 दिनों में व्यतीत कर दिये गये । इतिहास गवाह है कि 72825 जैसी बडी भर्ती बचे 50 दिनों में कभी नही भर पायी है। क्या यह दोबारा कोर्ट जाकर समय मांगेगी। या फिर शासन को विश्वास है कि कि वह इसे समय रहते पूरा कर लेगा। वैसे भी यदि सुप्रीम कोर्ट का आर्डर सरकार न माने या समय से न करे तो कौन सी सी एम साहब को हथकडी लग जायेगी । कोई भी गाज गिरेगी तो सचिव और विभागीय आधिकारियों पर । जिसकी शासन को कोई परवाह नही ।कोई भी अधिकारी जेल जाये या कोर्ट,, सरकार के ठेंगे से । ऐसे मामलों पर सरकार को अधिक से अधिक सुप्रीम कोर्ट फटकार लगा सकता है। और सरकार इतनी निर्लज्ज है कि फटकार और बदनामी की अभ्यस्त हो चुकी है। मै आपको हतोत्साहित नही कर रहा , सरकारी ढर्रा बता रहा हूँ जो हमारी भर्ती पर चल रहा है । फिर भी विश्वास है कि सब कुछ ठीक होगा । और मई के अन्तिम सप्ताह तक काउंसिलिंग शुरू होने की पूरी उम्मीद है
ReplyDeleteचाणक्य ने कहा है कि यदि आप राजनीति से दूर भागते हैं.. तो आप अयोग्य लोगों को अपने ऊपर शासन करने का मौका देते हैं।
ReplyDeleteइसलिए वोट जरुर डालिए
Today I and sujit singh went to
ReplyDeleteS C ,today there was neither
the date of our case nor larger
bench matter . As our case has
turned into appeal ,so there is
no chance of hearing in near
future .larger matter has the
date of 11 august .be happy
and enjoy life .our process will
start very soon .donot pay
attention on the rumours of tet
merit list .