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Friday, April 18, 2014

KVS Result 15 December 2013 for the post of TGT at https://jobapply.in/kvs2013admitfinal/kvs2013resulttgt.asp

KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN (HQ)
18, INSTITUTIONAL AREA, SAHEED JEET SINGH MARG, NEW DELHI-110016

View Result of Written Test held on 15 December 2013 for the post of TGT Enter any TWO of the following fields  Roll No , Date of Birth, Email ID at visiting following website link - https://jobapply.in/kvs2013admitfinal/kvs2013resulttgt.asp

(KVS ka Result Oopar Dee Gayee Website par Click Karke Dekh Sakte hain, Jyada Jaankaree Ke Liye Sambandhit Department Se Sampark Kar Sakte hain. Yahan Dee Gayee Jaankaree Aapke Liye Suchna Maatr hai)



  • Note 1: The merit is based on the performance of the candidate in written test (Part II) of the question paper. The Part – I of the question paper was only qualifying in nature.
  • Note 2: The cut off marks for calling the candidates for interview is as below.
    CATEGORY WISE CUT OFF MARKS FOR INTERVIEW
    POST TGT UR OBC SC ST OH VH
    English 85 84 80 74 73 71
    Hindi 83 82 78 77 76 72
    Sanskrit 83 82 79 76 74 63
    Maths 88 86 79 57 76 -
    Science 87 86 82 80 - -
    Social Studies 87 86 81 81 81 75

    STEPS ADOPTED FOR OBJECTIVITY AND TRANSPARENCY IN RESULT PROCESSING
    1. Candidates were permitted to carry the Question Booklets and the carbonless copy of the OMR Answer Sheets after the written examination.
    2. Answer Keys were uploaded on the portal for perusal by the candidates.
    3. Window for submission of observation, if any, by the candidates was provided for reporting such observation to designated email id.
    4. All observation received were examined by subject matter experts.
    5. Modification wherever required in the answer keys were incorporated and final results were processed. No further correspondence regarding Answer Keys/Results will be entertained.

  • 5 comments:

    1. ये जानना बहुत जरुरी है ...
      हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद।
      क्या कारण है |
      हमने दाल खाई,
      हमने सब्जी खाई,
      हमने रोटी खाई,
      हमने दही खाया
      लस्सी पी ,
      दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
      ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
      ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
      और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
      पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
      उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
      उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
      " epigastrium "|
      ये एक थेली की तरह होता है
      और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
      महत्वपूर्ण है
      क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
      ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
      इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
      हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|
      आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
      |ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
      ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
      यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
      ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है |
      लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|
      और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |
      अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|
      की जो क्रिया है वो रुक गयी|

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    2. पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
      एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
      फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
      और डायजेशन का मतलब हे पचना|
      तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|
      जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|

      यह सब हमें चाहिए|
      ये तो हुई खाना पचने की बात

      अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?
      खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )
      |कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
      मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है
      तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
      यूरिक एसिड कम करो|
      और एक दूसरा उदाहरण खाना
      जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
      LDL (Low Density lipoprotive)
      माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|
      जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )
      हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?
      तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |
      आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?
      तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |
      इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
      वो है VLDL
      (Very Low Density lipoprotive)|
      ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
      अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|
      खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|
      जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides"बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |
      तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
      विष हे और ऐसे विष 103 है |
      ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |

      ReplyDelete
    3. मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,
      कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |
      कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |
      क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|

      ReplyDelete
    4. खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि
      और
      खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
      ,LDL-VLDL|
      और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !
      पेट मे बनने वाला यही जहर जब
      ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
      *जिसे आप heart attack कहते हैं !
      तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
      की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
      और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|
      क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है
      नहीं खाने को पचाना है |
      आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।
      खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!
      "भोजनान्ते विषं वारी"

      ReplyDelete
    5. यानी खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
      है )
      * इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*
      अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???
      तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !
      अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??
      बात ऐसी है !
      जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !
      पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
      का समय लगता है !
      उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !
      (बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
      धीमी हो जाती है )
      पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !
      तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।
      तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!
      जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)
      उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
      लगता है उनको घंटे बाद
      पानी पीना चाहिए !
      अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???
      तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !
      अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????
      बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
      तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !
      और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !
      तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !
      तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !
      इसका जरूर पालण करे !
      अधिक अधिक लोगो को बताएं
      post share करे !!
      बहुत बहुत धन्यवाद !

      ReplyDelete

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