इलाहाबाद । उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के लिए 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में प्रोफेशनल डिग्रीधारियों को विज्ञान वर्ग में रखा जाएगा। हाई पावर कमेटी ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है और हाईकोर्ट में भी यही पक्ष रखे जाने की तैयारी है।
72,825 शिक्षक भर्ती के वर्ग निर्धारण को आधार बनाकर कमेटी ने गड़बड़ी सुधारने के लिए यह कदम उठाया है। वर्ग निर्धारण नहीं होने के कारण ही हाईकोर्ट ने 29,334 सहायक अध्यापकों के नियुक्ति पत्र जारी करने पर ही रोक लगा रखी है। दरअसल, 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए 29 से 31 अगस्त तक आयोजित पहले राउंड की काउंसिलिंग में बीएससी, बीएससी कृषि या बीएससी गृह विज्ञान के साथ बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को ही विज्ञान वर्ग में रखा गया था।
जबकि प्रोफेशनल डिग्रीधारकों ने विज्ञान वर्ग में ही बीएड या बीटीसी का प्रशिक्षण लिया है और विज्ञान वर्ग में ही टीईटी भी पास किया है। पहली काउंसिलिंग में कला वर्ग में रखे जाने पर बीटेक, बीफार्मा, बीएससी आईटी आदि प्रोफेशनल कोर्स वालों ने आपत्ति की। तो एससीईआरटी निदेशक ने अन्य मसलों के साथ इस विवाद को भी राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति के पास भेज दिया। समिति के सुझाव पर बीटेक, बीफार्मा, बीएससी कृषि और बीएससी गृह विज्ञान आदि प्रोफेशनल कोर्स को विज्ञान वर्ग में रखने का शासनादेश 12 सितम्बर को किया गया।
बीसीए को इंटरमीडिएट के आधार पर विज्ञान या कला वर्ग में रखे जाने का आदेश हुआ है। यानी बीसीए डिग्रीधारी जिन छात्रों ने इंटर में साइंस लिया था उन्हें विज्ञान वर्ग में रखा जाएगा और जिन्होंने कला वर्ग से 12वीं की परीक्षा पास की वे कला वर्ग में रखे जाएंगे। इसी शासनादेश के आधार पर 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए सोमवार से शुरू हुए दूसरे राउंड में प्रोफेशनल कोर्स वालों की काउंसिलिंग विज्ञान वर्ग में कराई जा रही है।
इसी के साथ 29,334 की भर्ती में भी यह विवाद लगभग समाप्त माना जा रहा है। क्योंकि ऐसा संभव नहीं है कि सरकार जिन प्रोफेशनल डिग्रीधारियों को 72,825 में विज्ञान वर्ग में नियुक्ति दे रही है उन्हें 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में कला वर्ग में शामिल कर दिया जाए। 'हिन्दुस्तान' ने तीन सितम्बर को उठाया था मसला इलाहाबाद। 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में कला वर्ग में प्रोफेशनल डिग्रीधारियों को शामिल करने का मसला 'हिन्दुस्तान' ने 3 सितम्बर को प्रमुखता से उठाया था।
'कला वर्ग के कोटे में प्रोफेशनल डिग्रीधारियों का डाका' शीर्षक समाचार प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग के अफसरों को गलती का अहसास हुआ और 12 सितम्बर को जारी शासनादेश में कमी दूर कर दी गई।
News Sabhar : Live Hindustan First Published:24-09-14 01:29 AM
Last Updated:24-09-14 01:29 AM
Aaj ke jrt ke court case ke baare mein koi information h?
ReplyDeleteYe paise dekar Btech wale kuch v karwa sakte hai
DeletePrt sahi h. Jrt ke leye court ja rahe h. Rule change carne ko 12-6-3 se 12-9-6
ReplyDeleteJrt me vises math+science graduation me ke visay hona chahiyea .es me btech bpharma bsc ag ko bilkul nahi lena chahyea court ko v aapati hai btech wale scienc me jane par sci wale math me aa jayenge jisase merit usi prakar se rahegi .12-9-6 rule laguka
ReplyDeleteZeenshin khan bhai bahut badi jyadati hai court me writ karna jaruri hai ham support karenge 12_9-6 rule Lagu ho
ReplyDeleteCourt me paise dekar Sab kuch ho ja raha hai .yadi prof Walo ko jrt me both to court sahi hai nahi to paise khilaye Gaye hai
ReplyDeleteCourt me paise dekar Sab kuch ho ja raha hai .yadi prof Walo ko jrt me both to court sahi hai nahi to paise khilaye Gaye hai
ReplyDeleteJrt me prof Walo ko court hi rok sakti hai
Jrt or prt dono ka aades glat h.
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