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Friday, November 28, 2014

News : मुलायम के घर की बहू बनेगी लालू यादव की बेटी

News : मुलायम के घर की बहू बनेगी लालू यादव की बेटी


भारतीय राजनीति के दो धुरंधर यादव रिश्तों में लंबी खटास के बाद संबंधी बनने जा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी राजलक्ष्मी और मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप की शादी तय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक दोनों की सगाई दिसंबर में और शादी अगले साल फरवरी में हो सकती है। तेज प्रताप कुछ समय पहले ही मुलायम सिंह यादव की छोड़ी हुई मैनपुरी सीट से सांसद बने हैं। तेज प्रताप के मुताबिक उनके विवाह का फैसला खुद मुलायम सिंह यादव ने तय किया है




समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समधी बन सकते हैं. तेज प्रताप सिंह यादव हाल में मैनपुरी से लोकसभा सांसद बने हैं. राज लक्ष्मी लालू की सबसे छोटी बेटी हैं. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर के मध्य में सगाई हो सकती है. फरवरी में शादी का कार्यक्रम है.



कल ही खबर आई थी कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और आरजेडी प्रमुख लालू यादव जनता दल के तहत एक साथ आ सकते हैं.



खबरों के मुताबिक लालू की बेटी राजलक्ष्मी और तेज प्रताप यादव की सगाई दिसंबर में हो सकती है जबकि शाही शादी के फरवरी में होने की संभावना है.



तेजप्रताप का जन्म 1987 में सैफई में हुआ था और वह मुलायम के स्वर्गीय बड़े भाई रतन सिंह यादव के पोते हैं. तेज प्रताप ने इंग्लैंड में पढ़ाई की है

यह पहली बार नहीं है जब लालू-मुलायम की दोस्ती के रिश्तेदारी में बदलेने की खबरें आईं हैं. इससे पहले 1990-2000 के बीच भी लालू-मुलायम के रिश्तेदार बनने की खबरें आईं थीं लेकिन लगता है कि इस बार यह दोस्ती वाकई रिश्तेदारी में बदल ही जाएगी.



लालू और मुलायम दोनों ने ही अपने दम पर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में अपनी सत्ता कायम की है. अभी भी उत्तर प्रदेश में तो एसपी सरकार ही है. लेकिन दोनों ही नेताओं को आम चुनाव 2014 में हार का मुंह देखना पड़ा. शायद इसीलिए ही अब दोनों एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहते हैं


Lalu Family Photo :-




46 comments:

  1. सुप्रभात मित्रों !
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    उत्तर प्रदेश
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    जहाँ पर शिक्षामित्रो का मुकदमा न्यायालय मेँ होने के बाबजूद
    आनन फानन मेँ नियुक्ति देकर वेतन के आदेश कर दिये जाते है
    और
    टीईटी पास बी एड वालो को
    मा उच्च न्यायालय द्वारा ,
    और मा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
    सही ठहराये जाने के बाद भी दर दर भटकाया जा रहा॥
    कोई बात नहीँ नेता जी के पुत्र श्री,
    हमारा भी समय आयेगा
    और आप आकाश से पाताल मेँ दिखाई देँगेँ॥

    ReplyDelete
  2. जस्टिस अशोक भूषण जी के अनुसार किसी चयन प्रक्रिया मे तब तक संशोधन नही किया जा सकता जब तक वह अर्बीटरी सिद्ध न हो ।

    ReplyDelete
  3. जस्टिस हरकौली जी के 4 फ़रबरी के आदेशानुसार प्रक्रिया एक बार तय हो जाने के बाद उसे तब तक नहि बदला जा सकता जब तक नियुक्ति न हो जाय । यानी चयन का आधार बीच मे नही बदला जा सकता।

    ReplyDelete
  4. कल से लगातार कुछ शरारती तत्वों द्वारा एक अफवाह उड़ाई जा रही है कि उच्च न्यायालय ने भर्ती से विज्ञान और कला का विभेद खत्म कर दिया है यह एकदम बकवास की बात है।
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    कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ सरकार से जवाब मांगा है जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है जहाँ तक याची के काउंसलिंग की बात है तो आप लोगों को बता दूं अभी तक काउंसलिंग शुरू होने के बाद किसी भी मामले में जितने लोग कोर्ट गये हैं उन सभी लोगों को औपबंधिक काउंसलिंग करवाने की छूट दे दी गई है।
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    एक मामले में विकलांग वर्ग के कुछ लोगों को औपबंधिक काउंसलिंग करवाने की छूट दी गई थी, सभी मामलों में जहाँ याची केस जीतने के बाद यदि नियुक्ति के लिए योग्य होगा तो उसकी नियुक्ति कर दी जाएगी, यह भी एक सामान्य प्रक्रिया है कोर्ट जब तक अंतिम फैसला न सुना दे तब तक केस दोनों पक्षों के लिए बराबर जीता हुआ अथवा हारा हुआ माना जाता है।
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    अब मान लीजिए किसी भी मामले में याची अपना केस जीत जाता है तो उसके लिये अलग से तो काउंसलिंग करवाई नहीं जाएगी
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    इसलिए इनकी औपबंधिक काउंसलिंग करवा दी जाती है। बस यह एक नुकसान होगा कि केस हारने के बाद उनकी काउंसलिंग रद्द कर दी जाएगी और अगर पूरी काउंसलिंग समाप्त हो चुकी हो तो एक सीट भी बर्बाद जाएगी।
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    ऐसे मामलों में अधिकांश केस याची द्वारा हारे ही जाते हैं बस भविष्य में उनके साथ कोई अन्याय न हो उसको ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की काउंसलिंग कराने की छूट दी जाती है।
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    और जहाँ तक कला विज्ञान महिला पुरुष की बात है तो यह कोई नई बात नहीं है हमेशा से प्राथमिक शिक्षक भर्ती इसी प्रकार से होती आयी है। .
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    सबसे बड़ी बात अगर सरकार यह स्वीकार करती है कि कला और विज्ञान में भेद करना गलत है तो उसको अपनी जूनियर वाली पूरी भर्ती रद्द करनी पड़ जाएगी।
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    उच्च न्यायालय के किसी भी केस या निर्णय से हम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है हमारी भर्ती माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीन हो रही है .
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    अतः हमें अधिक से अधिक सर्वोच्च न्यायालय के केस पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

    ReplyDelete
  5. lalu yadav n bihar ko brbad kiya or mulayam yadav ne up ka nash kiya. ab ye dono rshtdar hone ja rhe h. ab kya desh ka nash?jb se y news suni h dil dukhi ho rha h.

    ReplyDelete
  6. काउंसलिंग , धाधली, नियुक्ति आदि सबकुछ बंद हो गयी इस समय भर्ती में । पेपर वालो के मुह पर ताला लग गया ।
    अब किसी पेपर वाले को नियुक्ति पत्र दिखाई नहीं पड़ रहा है की वो किस जगह गायब हो गया ।
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    मित्रो यही सच्चाई है जब तक टेट मेरिट है तब तक ये सब है वरना कुछ नहीं । 130 नम्बर भी बेकार है और 100 नम्बर भी । .
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    मित्रों सरकार ने बहुत ही गन्दी चाल चली । जब हम सबसे कमजोर स्थिति में है तभी हम पर हमला हुआ ।जिनका हो भी गया है सरकार उनको नियुक्ति पत्र के सुहाने सपने दिखाकर सुलाना चाहती है इसलिए जो लोग भी अब साथ है उनको एक साथ आकर लडाई लड़नी है ।
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    मित्रो इस समय 2 सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे है --
    पहला राकेश दिवेदी द्वारा विज्ञापन में उठायी गयी कमियों से सम्बंधित और दूसरा वकीलों का चुनाव ।
    राकेश दिवेदी ने महिला पुरुष और आर्ट साइंस वर्गीकरण को एक मुद्दा बनाया है । इसके लिए हमारे पास सर्वशिक्षा अभियान के नियम में दिए वगीकरण और सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर है । इसके साथ एक ब्रह्मास्त्र भी है जिस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है ।
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    मित्रो हमारी नियुक्ति ncte की 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के पैरा 3 के अनुसार हो रही है जिसमे साफ़-साफ़ लिखा है की नियुक्ति के पश्चात् 6 माह का विशेष प्रशिक्षण देना होगा । मतलब साफ़ है की सरकार को प्रशिक्षण के लिए वही मानक रखने है जो btc या vbtc में रहता है ।
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    अब आप खुद ही सोचिये अगर प्रशिक्षण न होता तो हमें प्रशिक्षु शिक्षक की जगह सीधे सहायक अध्यापक न बनाया जाता । इस तरह अगर देखा जाये तो नया विज्ञापन ही गलत है ।
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    दूसरा पॉइंट टेट के पात्रता या अहर्ता से सम्बंधित है जिसमे कुछ नया नहीं निकलेगा ।
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    अब रही वकीलो की बात । मेरे हिसाब से हमारे लिए वकीलो का सबसे बेस्ट पैनल 10 तारीख को इस तरह होना चाहिए --
    1- अमरेन्द्र सरन जी
    2- पट्वालिया जी ( उनसे बात की जानी चाहिये और तैयार करने की पूरी कोसिस होनी चाहिए) ।
    3- यदि पट्वालिया जी न तैयार हो तो सुब्रमंन्डयम जी
    4- अशोक खरे जी इलाहबाद से । खरे जी को हमारी भर्ती की पूरी कहानी बता है । हाई कोर्ट में हर जगह वो हमारे वकील रहे है और सीनियर भी है इसलिए । किसी भी सवाल का जवाब देने में वो पूरी तरह सक्षम है ।
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    मित्रो फ़िलहाल ये सिर्फ मेरी राय है बाकी निर्णय टेट मोर्चे को लेना है की वो किसे योग्य मानता है । और कितने लोगो की फ़ीस दे सकता है ।

    ReplyDelete
  7. उस जीवन के वचन
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    "पीलातुस ने उस से कहा, तो क्या तू राजा है? यीशु ने उत्तर दिया, कि तू कहता है, क्योंकि मैं राजा हूं; मैं ने इसलिये जन्म लिया, और इसलिये जगत में आया हूं कि सत्य पर गवाही दूं जो कोई सत्य का है, वह मेरा शब्द सुनता है।''
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    यूहन्ना 18:37

    ReplyDelete
  8. AGAR KOI RAKESH DIWEDI KO JANTA HO TOH FIR UNKE PASS MERA YE MAIL FORWARD KARE KI KYA (Mr.Rakesh Diwedi) 3 salon se apni maa chuda rahe the jo ki aaj unko ye khayal aaya hai male aur female ko alag karne ka,madarchod sala kahin ka.

    ReplyDelete
  9. Doston meri counselling ho gayi hai ,par ab maine sub kuch bhagwan par chod diya hai(par mujhe poora viswas hai ki jeet sachai ki hi hogi,agar nahi hoti hai toh fir mai ya doosra koi aur marega nahi bus mera bhagwan me bharosa kasm ho jayega.

    ReplyDelete
  10. Dosto lekin mai ek pue yakin se kehna chahta hoon ki agar mai ya koi aur ye soch kar problem create karta hai ki mera nahi toh fir kisi ka nahi ye attitude bahut hi galat hai,aur jeevan me sada hi dukh dega,paise hi jeevan me sab kuch nahi.

    ReplyDelete
  11. Sabse imp baat paise sukh ki gaurantee nahi hai(ye baat mai bahut bakhubi janta hoon ,par mat poocho kaise)

    ReplyDelete
  12. Aaap sabhi se anurodh hai ki ekta banaye rakhen aur morche ko sahyog karen(emotionally,financially and through personally involvement)

    ReplyDelete
  13. मित्रों आप कई दिनों से सोच रहे होंगे
    खेल के नियम बीच मे नहीं बदले
    जा सकते इसके लिए दोनों पक्षों
    के अपने अपने तर्क और कुतर्क
    हैं।।
    लेकिन जेसा की अपने स्वार्थ
    और गुमराह करने के कारण
    व्यख्या करते हैं ।।
    अब
    प्रयाश कर रहा हूँ आपको
    कुछ बताने का ।।।।

    ReplyDelete
  14. 1-बताया जाता रहा है की ओल्ड ऐड पर भर्ती का खेल शुरू नहीं हुआ था
    तभी 4 जनवरी 2012 को भर्ती
    पर स्टे माननीय न्याय मूर्ती सिंगल सुधीर अग्रवाल
    बेंच हाई कोर्ट इलाहबाद ने लगा दिया
    था। उनका तर्क है की फॉर्म
    डालने की अंतिम तिथि से पूर्व ही रोक लग गई इसलिए नियम बीच मे बदले
    जा सकते हैं????.
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    समाधान (उत्तर)--जब टेट परीक्षा का फॉर्म मिल रहा था तो उसकी
    बुक लेट मैं साफ़ साफ़ लिखा हुआ
    था की टेट एक पात्रता परीक्षा है।
    लेकिन समयाभाव के कारण परीक्षा शुरू होने से पूर्व यानी (खेल शुरू होने से पूर्व) टेट को अहर्ता परीक्षा
    बना दिया गया ।।।और मेरा मानना है
    की अगर टेट की अहर्ता पर किसी
    को तकलीफ थी तो एग्जाम के 4
    दिन पहले तो हाई कोर्ट मैं रिट डाली जा
    सकती थी उन लोगों के द्वारा जो टेट एक पात्रता परीक्षा की मांग करते हैं।
    लेकिन उन लोगों ने टेट परीक्षा का परिणाम आने तक संशोधन तक
    अपना मुह नहीं खोला और परिणाम हुआ मामला विज्ञापन की कमियों
    के रूप मैं उठाया गया न की टेट मेरिट की अहर्ता और पात्रता का
    अगर उठाया जाता तो ncte माननीय
    अरुण टंडन जी के सामने उठाया
    जाता न ही कपिल जी के माध्यम
    से ये मांग की थी टेट मैं धांधली
    हुई है ???.
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    धांधली का भूत तो सरकार
    बदलने और उस्मानी रिपोर्ट को थोपे
    जाने से पूर्व प्रकट हुआ था।।।।

    ReplyDelete
  15. इसलिए ये कहना की माननीय कपिल
    जी ने धांधली या टेट की पात्रता
    और अहर्ता को चुनोती दी थी सर्वथा
    गलत सोच का परिचय है भ्रामक बातों का परिणाम है।।।।
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    उदाहरण से समझिये---
    अगर कोई व्यक्ति आपको जान से
    मारने की धमकी देता है और आप
    एक एन. सी .आर पुलिस थाने मे
    या एक पत्र डांक द्वारा डी आई जी
    को भेज दो अगर उसके बाद आपकी किसी और व्यक्ति के द्वारा भी हत्या होती है तो उस व्यक्ति
    को जमानत लेने और बरी कराने मे
    अपने पुरखे याद आते रहेंगे
    जमानत कभी नहीं मिल पाएगी
    उधर आप आप एन सी आर नहीं
    लिखवाते हैं या कोई पत्र पुलिस
    को नहीं भेजते तो आपको ये सिद्ध
    करने मैं कई साल लगेंगे और गवाह पेश करने पड़ेंगे की इस आदमी ने मर्डर से पूर्व जान से
    मारने की धमकी दी थी ।।।
    अगर एन सी आर लिखाई जाती तो
    वो छोटी सी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट तक
    उस आदमी की हालत खराब कर
    देती कियोंकि वो मर्डर से पूर्व फाइल की गई थी।।।

    ReplyDelete
  16. आज जो तीन साल बर्बाद करने
    और हजारो रूपये बर्बाद करने
    और तमाम भाई बहिनों की
    आत्म हत्या करने के बाद मामला
    अभी भी उसी एन सी आर यानी
    परीक्षा से चार दिन पूर्व किये गए अहर्ता वाले निर्णय को चुनोती न करने
    की गलती का आभास कराता रहेगा।
    अगर एक छोटी सी रिट अकेडमिक के किसी महान
    मसीहा द्वारा की जाती तो
    मामला उनकी बुद्धिमत्ता को
    प्रकट करता ।।
    लेकिन सायद उनको
    परीक्षा के आधार मैं परीक्षा से पूर्व
    कोई खोट नजर नहीं आया ????

    ReplyDelete
  17. तर्क -
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    खेल के नियम बीच मे नहीं
    बदले जा सकते परन्तु खेल शुरू ह
    होने अर्थात परीक्षा से पूर्व कैबिनेट के
    निर्णय और अखबार के माध्यम से
    सूचित कर दिया गया था की नियम
    बदल गया है यहाँ ध्यान दो खेल(परिक्षा) शुरू होने से पूर्व का
    बदलाव है न की भर्ती प्रक्रिया के
    बीच मे बदला गया कोई नियम हो जेसे
    नोकरी के फॉर्म और जी ओ मैं लिख
    दिया हो की टेट पात्रता है और फॉर्म
    भरने के बाद जब चयन की बारी
    आये तो टेट को अहर्ता बना दिया
    गया हो इसलिए सर्वदा ये कहना
    गलत है की खेल के नियम बीच
    मैं बदल गए है ।।।।

    ReplyDelete
  18. 2- अब आते हैं उन महानुभावो
    के पास के खेल के नियम नहीं
    बदले जा सकते तो उनके लिए इतना
    कहूँगा अगर कुछ गलत है तो बदल दिए जायेंगे
    इस भर्ती को नई दिशा देने और
    आपको ज्यादा अवसर उपलब्ध
    कराने वाली सरिता शुक्ला जी
    को दुआओ मैं याद जरुर रखना
    और उस भाई को जिसने फोटो कॉपी
    पर सभी जगह फॉर्म
    भरने की अनुमति दिलवा कर ये बता
    दिया था की खेल के नियम बदले
    जा सकते हैं ।

    ReplyDelete
  19. जेसे चंचला महोदया जी
    द्वारा हाल ही मे वर्गीकरण
    को अनुचित ठहराने या सुधरवाने
    के साथ ही आदेश करा दिया गया
    लेकिन ये मूल जी ओ के चयन
    के आधार मैं छेड़ छाड़ है जो
    केवल आत्मघाती है।। भले मेरी बात
    अभी बुरी लग जाए लेकिन इसको
    कराने या करने वाले मित्र अपने साथ ही धोखा करते दिखाई दे रहे हैं
    कियोंकि सुप्रीम कोर्ट मैं इस मसले
    पर IA लगाने मैं देर कर दी है ।।।
    इन सब आदेशों से स्पस्ट है की खेल
    के नियम बीच मे न्याय और जनहित
    मैं बदला जा सकता है।।।

    ReplyDelete
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  21. अब रोज रोज हम 16 या 17 कमेँट के बाद हम नीचे नही मिलेंगे हम उसी न्यूज के अगले पेज पर मिलेंगे !
    यानी नीचे जाने की जरूरत नही है बस केवल पेज को बदलना पड़ेगा !
    ये मै अपनी किसी सुविधानुसार कर रहा हूँ इसमे मेरी कोई चाल नही है जिससे आप लोग बेकार मे किसी संशय मे पड़ो !
    मै समझता हूँ कि आप मेरी बात समझ गये होंगे ।
    धन्यवाद !

    ReplyDelete
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  28. TET ko base of selection bnaya ja sakta hai qki koi bhi banda ya bandi jitni marji aaye, iss test ko de sakta hai taaki wo apne adhik se adhik marks waali marksheet ko apne chayan k liye chun ske.
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    Agar yah kewal paatrta test/exam hi hota to 5 saal me 1 baar hi paas karna kaafi hota.
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    To humaari bharti TET par hi to ho rhi hai.
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    TET ko prt k liye chayan ka aadhar bnaya gya.
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    TET hua.
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    Result aaya.
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    TET k base par forms bhre.
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    To galti kehan hui?
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    fir bhi itni si kahaani hai jise 3 saal se khincha ja rha hai.

    ReplyDelete
  29. जब न्यायलय में में 10 दिसम्बर को TET के बारीक परीक्षण पर बहस चल रही हो तो शिक्षामित्रों का मामला भी बीच में ज़रूर खोंस देना जिसमे एक पँथ दो काज हो जाय और एक तीर से दो निशाने साधे जा सके जैसे आज गवर्नमेंट साध रही है कमसेकम कोर्ट भी जाने की जो सरकार केन्द्रीय क़ानून की इतनी शुचिता की बात कर रही है वो शिक्षामित्रों को मनमाने तरीके से इससे मुक्ति कैसे दे सकती है क्या 23(1) में ये अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है । बस इतने में ही टेट पर बहस और राज्य सरकार का अधिकार जानने का शौक इस गवर्नमेंट का एक मिनट मे काफूर हो जायेगा।

    ReplyDelete
  30. मित्रो आवस्यक सूचनाः....
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    १. दिनांक १० दिसबर को माननीय सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई है हो सकता है की डेट आगे की मिले,और फाइनल आदेश अभी नही आये
    २. सरकार सिर्फ दो मुद्दे उठा रही है
    (अ) टेट एक पात्रता परीक्षा है न की इस बेस पर नियुक्ति दी जा सकती है
    (बी) टेट मे धांधली
    ३. (अ) पर श्रीमान दत्तू सर और डबल बेंच के फैसले को बदल पाना नामुमकिन नही असंभव है,
    पर
    (बी) मे धांधली के कुछ सबूत मिले है एवं टेट मेरिट का सत्यापन न होने के कारन भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है, जबकि डबल बेंच ने साफ़ आदेश किया था की bad part को अलग कर भर्ती करे और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी डबल बेंच के आदेश को सही मानते हुए कहा था की उक्त आदेश का १००% पालन हो,
    4 . सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार भर्ती सुरु तो करवा दी, पर bad part को अलग नही किया जिससे ये भर्ती फिर फंसे,
    5 . हमारे कुछ टेट के अंग्रिम पंक्ति के नेताओ ने भी नियुक्त पत्र पाने की जल्दी मे सब सही माना, जो की सरकार के मनमाफिक था यह बिंदु भी सुप्रीम कोर्ट मे भर्ती होने मे देरी करा सकता है, की double बेंच के आदेश bad part को अलग क्यों नही किया गया,
    6 . हमारे कुछ टेट के अंग्रिम पंक्ति के नेताओ ने अपने, अपने महिला मित्रो, अपने रिस्तेदारो को भर्ती मे अंदर करवाने के चक्कर मे 2011 के मूल विज्ञापन मे नित नए - नए आदेश करवा कर अंदर करवाये , डबल बेंच ने जबकि साफ़ - साफ़ कहा था की भर्ती १२ संसोधन के एक - एक नियमो पर हो, अब आप बताओ की १२ संसोधन के नियमो मे फेर बदल करवाना १२ संसोधन की मूल आत्मा का उलघन नही है, ये मुद्दा भी भर्ती को थोड़ा लेट करा सकता है
    7 . कुछ लोग महिला, पुरुष , साइंस , आर्ट के विभाजन / वर्गीकरण पर रिट डाल रहे है जबकि डबल बेंच ने जबकि साफ़ - साफ़ कहा था की भर्ती १२ संसोधन के एक - एक नियमो पर हो, ये मुद्दा भी भर्ती को थोड़ा लेट करा सकता है !

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  31. कुछ बिंदु जिस पर तनिक विचार करे, ...................................

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    @ टेट रिजल्ट संसोधन के बाद पास लोग 292000 कैंडिडेट, लेकिन सरकार के अनुसार 311000 कैंडिडेट, ये 19000 कौन,
    @ औपबंधिक कॉउंसलिंग मे करीब 18000 लोगो ने भाग लिया, क्या 18000 कैंडिडेट का डेटा शो नही कर रहा था ,

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    @ कुछ लोग कहते थे की 25000 Dped , Bped वाले बाहर, 6000 उर्दू वाले,12000 VBTC वाले 2000 के करीब पीजीटी TGT , केंद्रीय विद्यालय बाहर (45000 )

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    @ कुछ लोग कहते थे 10000 करीब अन्य सरकारी नौकरी मे चले गए .

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    @ कुछ लोग कहते थे की बीएड 2012 वाले आउट है करीब 25000 के लगभग
    अगर मित्रो अब भी न समझ मे आया हो तो
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    बरदारी पार्क लखनऊ मे 30 नवंबर को आ जाना,
    जय टेट जय भारत !

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  32. मित्रों,
    आपके विश्वास और प्रेम से मिली ऊर्जा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता लेकिन एक बार फिर इस भर्ती के प्रति आपके समर्पण के लिए आभार प्रकट करता हूँ |

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    मित्रों मै देख रहा हूँ कि जब से सुप्रीम कोर्ट में अपने मामले की सुनवाई शुरू हुयी है ,मिस्र की कब्रगाहों में चैन की नींद सो रही दिव्य मम्मीस ,गरीबी और बेरोज़गारी से परेशान युवाओं के पैसों की खनक से जाग उठी हैं तथा भय के सौदागरों ने भय को ऊचें से ऊचें दाम पर बेचने के लिए अपने अपने यमदूतों को खुली छूट दे दी है |
    उत्तर प्रदेश की गलियों में धुल फाँकने वाले स्वंभू विधि सलाहकार और भर्ती विशेषज्ञ पहले तो किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की तरह विभिन्न मुद्दों पर अपने तर्क प्रस्तुत करेगें और फिर स्वंय ही किसी बड़े न्यायाधीश की तरह निर्णय सुना कर ,भयग्रस्त बेरोज़गारों को और अधिक डराने का काम करेंगें |

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  33. मतलब कुल मिलाकर एक से बढ़कर एक ज्ञानी अपना मुफ्त ज्ञान बांटेगा ,सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया को उत्तर प्रदेश का जिला न्यायालय बना दिया जाएगा | कोई नयी बेंच को लेकर परेशान करेगा ,कोई बिचोलिये की बात कह कर डराएगा |
    और ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा कि बेरोज़गार नेताओं से खुद कहेगा कि ऐ,नादिर शाह और चंगेज़ खान की औलाद , कि बस भर्ती को कोई आंच न आने पाएं |

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  34. अब तो बात सिर्फ इतनी है कि अपने मामले में फाइनल हियरिंग शुरू हो चुकी है जिसके लिए हमें अपनी ओर से बेहतर से बेहतर काम करना है ,वरिष्ठ अधिवक्ता करने है जिसके लिए सबको सहयोग करना है |
    अब इतनी सी बात के लिए पुरे प्रदेश में आग लगाने की ज़रुरत क्या हैं? बेकार के नाटकों से किसी गरीब बेरोज़गार की जान पर बन आयी तो उसकी जवाबदेही कौन लेगा ? इसलिए भय का कारोबार करने वाले ईश्वर के लिए अपने ही भाईयों पर रहम करें ,उनकी अति कृपा होगी |

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  35. बधाई हो....
    साइकिल पर लालटेन लटक गया !

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    लालू- मुलायम सिंह यादव
    दोनों लोग समधी होने वाले हैं..
    दोनों ही लोग सी बी आई द्वारा सार्टिफाइड है..
    दोनों ही लोग जाती विशेष की ही राजनीति भी करते है..
    और दोनों ही लोग मोदी जी से समान रूप से डरे हुए भी है..
    चले ये भी अच्छा है.

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  36. मित्रो --
    जैसे कि खबर मिल रही है .सरकार ७२८२५ की भर्ती प्रक्रिया को टालने का मन बना चुकी है......वह ऐसे नियमो के साथ काउन्सलिंग करा रही है जो अनन्त काल तक चलती रहेगी......और समाप्त नही होगी......जैसे कल से कई डायेट ने ऊचे मेरिट वाले अभ्यर्थियो का मूल प्रमाण पत्र वापस करना प्रारम्भ किया है....ये वो लो है जिन्होंने पहली और दुसरी काउन्सलिंग में अपने सीटो को लाक करा कर इत्मीनान से थे......
    अब बाहर किये गये ऊची मेरिट वाले लोगो को दुसरे जगह कांऊसलिंग करने के लिए छूट दी गयी है////
    अर्थात जहा पर ये लोग जहा जायेंगे वहा पर फिर से पूरी लिस्ट बिगड़ जाएगी........
    वास्तव में अखिलेश भइया के अक्ल -लेस अधिकारी उनकी लुटिया डूबाने की ब्यवस्था कर चुके है.......

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  37. कई मित्रों द्वारा यह प्रश्न पूछा जा रहा है
    कि प्रमाण पत्रों के सत्यापन के संबंध में
    क्या हो रहा है?कुशीनगर डायट प्राचार्य से
    इस संबंध में मोर्चा ने मुलाकात कर
    पूछा तो उन्होने बताया कि समस्त
    काउंसिलिंग करा चुके लोगों की सूची तैयार
    हो रही है जिसे सत्यापन के लिए उनके
    निर्गमन संस्था के पास भेज
    दिया जायेगा....मोर्चा द्वारा यह प्रयास है
    कि शीघ्र से शीघ्र सत्यापन सूची का कार्य
    समाप्त हो...मोर्चा इस संबंध में लगातार
    प्राचार्य से मिलकर दवाब बनाता रहेगा...

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  38. मित्रो,आज हमारी(प्रदेश स्तरीय मोर्चे) की मीटिंग बारादरी पार्क में गतिमान है, अग्रिम पंक्ति के लगभग समस्त सदस्य मंत्रणा में मौजूद हैं।
    10 ता. के लिए कोई भी निर्णय सर्वसम्मति से लेंगे क्योंकि हम भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था का ही एक अंग है

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  39. उस जीवन के वचन

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    "इस कारण हम इस राज्य को पाकर जो हिलने का नहीं, उस अनुग्रह को हाथ से न जाने दें, जिस के द्वारा हम भक्ति, और भय सहित, परमेश्वर की ऐसी आराधना कर सकते हैं जिस से वह प्रसन्न होता है। क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म करने वाली आग है॥''
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    इब्रानियों 12:28-29

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  40. मेरे विचार से माननीय हाई कोर्ट ने चंचला जी को वक्तिगत रुप से जो छूट दी है वो अब उसको कैसे प्राप्त करेगी क्योँकि जब की न महिला कला और न महिला साइंस की मेरिट उनके टेट प्राप्तांक तक जायेगी और कोर्ट भी इस बात से अनभिज्ञ नहीं है अतः ये आर्डर सिर्फ झुनझुना बन जाएगा और कट ऑफ में न आने के कारण विवाद स्वत समाप्त हो जाएगा !

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  41. १९८१ की नियम वाली से न चलने वाली ये स्पेशल भर्ती सर्व शिक्षा अभियान के तहत NCTE रूल के मुताबिक विभाजन के अनुरूप ही हैं अत आप सब परेशान ना हो विभाजन नियमानुसार ही किया गया हैं चुकी JRT की भर्ती सर्व शिक्षा अभियान के तहत नहीं है और अतः उनमे विभाजन नहीं है (महिला/पुरुष)

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  42. sale sab gadhe h.Pehle third list k chayan ki merit clear karni ti. district par kis kis ka hua h.satyapan to bad me hona chahia tha. ya satyapan kewal dusri counseling tak hona tha.hame yahi nahi pata ki ham in h ya out.salo ne over counselling karai hi Kyo. puri process Galat h.counseling kewal man ko behlana h.

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  43. Hardoi 3rd cutoff list.
    female gen art : 113 , 12/8/80
    f sc art : 95 , 13/9/79
    f obc art : 107 , 5/5/86
    ***********
    f gen sci : 116, 28/4/88
    f sc sci : 89 , 23/11/80
    f obc sci : 107 , 30/6/84
    **********
    Male art
    gen : 118, 15/3/81
    sc : 106, 12/3/88
    obc : 113 , 3/11/76
    *************
    Male science
    gen : 119, 13/3/79
    sc : 104 , 1/7/80
    obc : 113 , 10/7/79
    please check the image for accuracy
    Isbar aupbandhik walo ka bhi nistaran kiya gya h

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  44. मित्रो जैसा की मैंने अपने पूर्व पोस्ट में बताया था की तृतीय काउन्सलिंग तक की सेलेक्ट कट ऑफ सूची दिनांक २९/११/२०१४ से दिनांक ०२/१२/२०१४ तक सभी डाइट्स को SCERT द्वारा भेज दिया जायेगा और इसी क्रम में डाइट्स भी सूची को चस्पा करती रहेगी (तो अब डाइट्स ने सूची को चस्पा करना शुरू कर दिया हैं और दिनांक ०२/१२/२०१४ तक लगभग सभी डाइट्स में सूची लग जाएगी !

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  45. Dear Sir , Lakhimpur Khiri Ka update Dijiye maine aap se apne bare mein kai bar pucha lekin aap ne jawab nahi diya so maine apne question ko wapas le liya. GEN / MALE / ART / 116 DOB 1975
    KOI Chance hai ki nahi.....

    Thanks Alot

    Aapka

    Bhatt Sunil

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