SUJEET SINGH >>>
टेट साथियो नमस्कार.......,
वर्तमान समय में एक अजीबोगरीब समस्या हमारे सामने खड़ी हो गयी है जिससे आप सभी अवगत हैं कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनपर शायद किसी ने ध्यान नहीं दिया है. समस्या ये है कि जिस मा० जज महोदय ने हमारी SLP ग्रांट कि थी और अंतिरम आदेश दिया था, उनकी उपस्थिति के बाद भी हमारा केस दूसरी बेंच में कैसे चला गया. इस तथ्य पर विचार-विमर्ष चल रहा है और उम्मीद है कि समाधान भी मिल जायेगा.
अभी तक जो भी घटनाएँ हुई हैं उनपर मैं अपनी पूरी नज़र बनाये हुए हैं एवं अधिवक्ता श्री विपुल महेश्वरी जी, श्री प्रशांत शुक्ल जी, AOR आभा शर्मा जी, से लगातार संपर्क में हूँ तथा उन्ही लोगों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मैं, सदानन्द भाई, जीतेन्द्र भाई एवं अन्य साथियो से आपस में बातचीत कर निर्णय लिए हैं इसी परिपेक्ष्य में जीतेन्द्र भाई पिछली दो सुनवाई में दिल्ली उपस्थित रहे हैं. लेकिन हमारे कुछ साथी इस बात को लेकर व्यथित हैं कि मैं उपरोक्त मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं, परिणामस्वरूप मुझे स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है. इसी संधर्भ में कई साथियों ने संपर्क किया है. आप लोगो की संतुन्ष्टि के लिए स्पष्ट कर रहा हूँ कि परेशान होने की जरूरत नहीं है,,,,, समस्या के साथ- साथ समाधान भी आता है.
कल की सुनवाई की बहस में विवाद के दो विषय सामने आये है जिनपर 10-दिसंबर को सुनवाई होनी है जिसे जीतेन्द्र भाई ने अपनी फेसबुक वाल पर अपडेट किया है......
1. क्या टेट मेरिट से नियुक्ति हो सकती है ...., स्पष्टीकरण देने केलिए NCTE को पार्टी बनाया गया है,
2. क्या स्टेट के पास पॉवर है कि नियुक्ति से पहले, सर्विस रूल में संशोधन करके किसी चयन प्रक्रिया में कोई परवर्तन कर सकती है या नहीं,,,,,?
इन दोनों बिंदुओं को लेकर सभी टेट मेरिट समर्थक परेशान है इस विषय में स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह कोई नयी समस्या नहीं है, इसको हमलोग मा० हाईकोर्ट की SB, DB, तथा मा० सुप्रीमकोर्ट की मा० एच.एल. दत्तू साहब की पीठ में अपने पक्ष में सही सिद्ध करते आये है, और इस संधर्भ में हमारे पास सुप्रीमकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए कई आदेश उपलब्ध हैं. इसके अतिरिक्त NCTE की अधिकार सीमा, उ०प्र० सरकार के अधिकार एवं विज्ञापन में आवेदित हम सभी आवेदकों के अधिकारों की विस्तृत व्याख्या हमारे अधिवक्ताओं द्वारा ससक्त तरीके से मा० कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर चुके हैं और आगे भी करेंगे. हमने अब तक अपना केस संगठित होकर केस की मेरिट के आधार पर जीता है न कि किसी के दया पर.
मित्रों 10-दिसंबर को अंतिम सुनवाई होगी, जिसमे नॉन-टेट और सरकार का पक्ष सुनने बाद हमें मौका मिलेगा. हमें इसके लिए मानसिक और आर्थिक रूप से सहयोग के लिए तैयार रहना होगा. पूर्व की भांति इसबार भी जीतेन्द्र भाई के बैंक खाता में पारदर्शी तरीके से आर्थिक सहयोग लिया जायेगा. सभी सक्रीय जिला प्रतिनिधियों एवं सक्रीय सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा है.
इलाहाबाद के सभी टेट मेरिट समर्थकों को सूचित किया जाता है 10-दिसंबर की सुनवाई के सन्दर्भ में विचार-विमर्श एवं आर्थिक सहयोग हेतु, 30/11/2014 को 10-बजे मुस्लिम होस्टल में मीटिंग आहूत की गयी है. सभी साथी अपनी उपस्थित सुनश्चित करें.
शीघ्र ही आप सभी मित्रों को सुप्रीमकोर्ट में अगली सुनवाई और उसकी रणनीति के वारे में आप सभी को अवगत कराया जायेगा.
धन्यवाद.
सत्यमेव जयते.
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