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Sunday, November 30, 2014

हास्य & व्यंग्य

हास्य & व्यंग्य 

Avnish Avi >>>


Alok K. Singh >>

हास्य & व्यंग्य :-- How to fit 2.5 lakh people in 72825 bharti ?-- अब आप कहेंगे की मैं हिंदी व्यंग्य में ये अंग्रेजी कहाँ घुसेड़ रहा हूँ। मेरा मन - बस बात आपको समझ में आ जानी चाहिए। हम लोगों की भर्ती में सबसे बड़ी समस्या यही है की २०११ में टेट पास सभी 2.5 लाख लोगों को ये नौकरी चाहिए लेकिन पद केवल ७२८२५ है। तो जिनका नहीं हो रहा है वो रिट दाखिल कर रहे है। तो मैंने विचार करके इस समस्या का हल निकला है , जो आपके सामने प्रस्तुत है --
१- एक पद पर ४ लोगों की काउंसलिंग होनी चाहिए और साल में सभी चारों अभ्यर्थी ३ -३ माह नौकरी करेंगे। जिससे की १ अभ्यर्थी लगभग 1.20 लाख कमा लेगा , तो उसके महीने का औसत लगभग १०००० रुपये हुए। तो ये एक अछा वेतन होगा। इससे सभी टेट पास लोगों को नौकरी मिल जाएगी। अब आप पूछेंगे की ये कैसे संभव है ? इतिहास पर नजर डालिये - हमारे ही उत्तर प्रदेश में रोटेशन पर ६ -६ माह की सरकार चली है। जब रोटेशन पर सरकार चल सकती है तो हम सभी आपसी सहमति से रोटेशन पर नौकरी क्यों नहीं कर सकते ?
२- महिला अभ्यर्थियों को रोटेशन देते समय उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि देखि जनि चाहिए। जिनकी शादी हो चुकी है और जिनके बाल - बच्चे है उनको प्रथम वरीयता , फिर जिनकी शादी तय होने वाली है उनको द्वितीय वरीयता , और जो अभी सिंगल और बॉयफ्रेंड के साथ है , उनको अंतिम वरीयता, क्योकि कुछ खर्च तो वो अपने बॉयफ्रेंड से भी निकाल सकती है।
३- कला और विज्ञानं वर्ग का भेद भी मिट सकता है। क्या है की कला वर्ग के दोस्तों को विज्ञानं वाले थोड़ा बहुत विज्ञानं का ज्ञान दे देंगे और कला वाले , विज्ञानं वालो को बाबर , हुमायूँ , अकबर और राणा प्रताप के चेतक की कहानी सुना देंगे। इससे कोई भी वर्ग हो, सभी हर विषय पढ़ा सकते है। और बच्चो का भी भला हो जायेगा।
४- अब बची बात 'रेषुफ्फ्लिंग ' की--- तो जब सभी अभ्यर्थी नौकरी पा जायेंगे तो सामान्य , पिछड़ा वर्ग , अनुशुचित , अनुशुचित जनजाति सबका भेद मिट जायेगा। और सामाजिक सद्भाव पैदा होगा। और रेषुफ्फ्लिंग की समस्या अपने आप हल हो जाएगी।
५- रही बात अकादमिक वालो की -- तो उनको केवल चंदा चाहिए - नहीं तो वो साले केस कर देंगे। तो हम लोग उनको 'गुंडा टैक्स ' समझ कर साल में ५०० रूपया उनके अकाउंट में डाल दिया करेंगे। इस तरह वो सब भी खुश हो जायेंगे। और अपना पशु आहार खाते रहेंगे और जुगाली करके मस्त रहेंगे।
देखे , एक दम सर्वमान्य हल प्रस्तुत किया न। सभी खुश। भाईयों , इन्तेजार करके कोई कुछ न पाये , इससे तो अच्छा है की सभी कुछ न कुछ पा जाये ।
हंसिए कम , इन समाधानो पर विचार करिये। .... --धन्यवाद




8 comments:

  1. Arre nhi yaar!!!! Bilkul vyang nhi laga, lekin dusre angke se sochne ko majboor kr rha h.
    Good,
    Wise thinking.

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  2. Editer mahody byng to byng hote h.
    Pr aapne to sirf 2011 ki bat ki.jsme 2.5 lakh h.baki 2012-13+14 wale aa gye to 3 mhine k bjay 3 din hi milenge tb aapka sailri aakda kya hoga?

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  3. Are Kaha ki wise thinking pal ji.. Avnish Ji ka vyang hasa kam or rula zyada raha hai....pahle hi is bechare dil ke itne tukde ho chuke hain or ab Apka vyang in chote chote tukdo ka keema bana raha hai..ab agar up sarkar ne Inke vyang ko seriously le liya to????

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  4. Very good solution for this nikammi goberment

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  5. Isi tarah se hi sahi kam se kam bharti to puri ho jayegi

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  6. Bhai formula acha hai! Ab aisa na ho koi kal hi court kuhlne par ise lagu karvane ko rit dal de! or Andha kanun na jane kab kya order de dega.

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