GADDU SINGH AUR TAMAAM TATHAAKATHIT ACADMIC SUPPORTERS KEE BAATON KA JAVAAB JANTA KEE ADAALT MEIN BLOG SAMPADAK DWARAAA DIYE JAA RAHE HAIN
GADDU SINGH KA KEHNAA HAI
१-बीच में गेम का नियम चेंज नही हो सकता----
JI HAAN KHEL KE NIYAM BEECH MEIN NAHIN BADLE JAA SAKTE JAB TAK KOEE SAMVEDHANIK ADCHAN NA HO YA FIR KOEE TECHINIKAL REASON NA HO.
KVS MEIN KHEL KA NIYAM BEECH MEI BADLAA KYUNKI RTE (SAMVIDHAAN KE TEHTA) ACT KE TET BADHYKAREE HO GAYA THAA.
LEKIN 72825 MEIN BHRTEE TET MERIT SE USEE RTE ACT KE PRAAVDHAAN KE TEHAT HO RAHEE THAA,
AGAR KOEE TECHNICAL BAADHAA THEE TO SIRF US TECHINCAL BAADHAA KO DOOR KIYAA JAANA CHAHIYE NA KI KHEL KE NIYAM AISE PALAT DIYE JAAYEN KI JEETNE VAALAA HAAR JAAYE.
2. टेट एक पात्रता परीक्षा है इसका वेटेज ० से लेकर कितना होना चाहिए अगर वेटेज दिया जाय तो देने का अधिकार किसके पास है एनसीटीई के पास या सरकार के पास,हाईकोर्ट के बृहद पीठ ने भी वेटेज देने की बात की है-------------
ISKAA JAVAAB SEEDHAA AUR SPASHT HAI -
RTE ACT NE NCTE KO ACADMIC AUTHORITY BANAATE HUE TET PARIKSHA KA PRAVDHAAN KIYAA, AUR TET KEE GUIDELINES NCTE NE BANAYEE HAIN
1. WEIGHTAGE OF TET MARKS SHOULD BE GIVEN IN SELECTION PROCESS.
2. CANDIDATE KO MARKS IMPROVE KARNE KE LIYE REAPPEAR / DOBARA EXAM DENE KEE CHOOT DEE GAYEE HAI.
TET MARKS WEIGHTAGE NIYAM KO RAJYA SARKAR / NIYOKTAA KO DIYAA HAI -
JISMEN 2011 MEIN TATKALEEN UP GOVERNMENT NE 100% TET MARKS KA WEIGHTAGE LETE HUE SELECTION PROCESS KEE.
NCTE NE KAHIN NAHIN LIKHAA THAA KEE TET MARKS KA 100% WEIGHTAGE NAHIN LIYA JAA SAKTAA HAI.
JISKO US DORAAN ALLAHABAD HIGH COURT NE SAHEE THARAYAA THAA
AUR KUCH RAJYON MEIN BHEE TET MERIT YA FIR TET WTZ KE THROUGH BHRTEE HO RAHEE HAI. WEIGHTATGE SABHEE JAGHE LIYAA JAA RAHAA HAI.
TAMILNADU, ANDHRA PRADHESH, GUJARAT, M.P, RAJASTHAAN , SSA CHANDIGARH AADI.
VAASTAV MEIN YE ACAD SUPPORTER AISE LAG RAHE HAIN JINKA SELECTION ACAD AUR TET SE KAHIN BAOUNDRY PAR HAI, AUR BHRTEEYON MEIN YEN KEN MUSHKIL PAIDAA KARTE REHTE HAIN.
AUR IN LOGO KI VAJHE SE LAAKHON LOGO KEE JINDGEE NARAK HO GAYEE HAI.
ABHEE ACAD SE JRT AUR LT GRADE TEACHER KEE BHRTEE BHEE CHAL RAHEE HAI, LEKIN YE NA JAANE KON SE ACAD SUPPORTERS HAIN, JO IN SABMEN STHAAN NAHIN BANA PAA RAHE,
VASTAV MEIN IN COURT BAJEE KE CHAKKAR MEIN YOGYA CANDIDATE ( JO HAR TARH SE CHYANIT HO SAKTAA THAA - TET MERIT, ACAD MERIT, TET WTZ+ACAD WTZ, COPMPETITIVE EXAM AADI) PIS RAHAA HAI, SABSE JYADAA B ED DHAREE PIS RAHE HAIN. 3 SAALON SE KOEE B ED DHAREE KEE BHRTEE NAHIN HO PAYEE HAI.
SUPREME COURT KO SABHEE BATEN DEKHTE HUE - NYAY SANGAT FESLAA DENAA CHAHIYE, JIS SE BADEE SANKHYA MEIN TAMAAM LOGO KE NYAYPOORN HIT PRBHAVIT NA HON.MATLAB KISEE BHEE VIGYAPAN KO NIKAALNE MEIN CANDIDATE KEE KYA GALTEE AUR UNKO UCHIT NYAY MILNAA CHAHIYE
AISE CHADAM ACAD SUPPORTER JO KABHEE APNE AAPKO BHRTEE SUPPORTER BHEE KEHTE THE, AUR BEECH MEIN ACAD MERIT SE BHRTEE BADALNE PAR KEHTE THE KEE BHRTEE HONE DO KAISE BHEE HONE DO.
JAB BHRTEE HONE KEE BAAREE AAYEE TO FIR BHRTEE SUPPORTER SE BADAL KAR ACAD SUPPORTER BANNE LAGE. IN LOGO KA KISEE BHEE MERIT SE MUSHKIL HEE HO RAHA HOGAA.
AISAA HEE ABHEE HAAL MEIN TET MERIT SE BHRTEE PAR DEKHNE KO MILAA JISMEN, KUCH LOGO KA CHAYN MUSHKIL HUAA TO PAALA BADALNE KEE BAAT KARNE LAGE.
JO BHEE HAI, NIYAMANUSAAR BHRTEE POOREE HONE DO, YAHAN NAHIN TO KAHIN AUR NUMBER AA JAYEGAA.
YAHAN COURT CASES MEIN ,LOG SAALON SE ULJHE PADE HAIN.
Guddu Singh
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एकेडमिक साथियों नमस्कार,
आप लोग ये समझ गये होंगे की आपकी टीम कितनी गंभीरता और रान्दिती के तहत एकेडमिक को जिताने के लिए कार्य कर रही है.सभी बाते सार्वजनिक नही किया जा सकता लेकिन कुछ मुख्य और विशेष बाते है ओ मै आप सभी को बता रहा हु.
टेट वाले चिला रहे है की हमलोग बेंच चेंज करा लेंगे,उनके लिए इतना ही कहना की अब टेटुए के विरुद्ध एकेडमिक टीम लड़ रही है हम लोग फर्दर हियरिंग में केस लगवा दिए है मतलब दीपक मिश्र के ही बेंच में बहस होनी है,वैसे भी हमारी टीम कही भी बहस करने को तैयार है.
इलाहबाद हाईकोर्ट से टेट वाले निम्न ३ बिन्दुओ पर ही केस जीते थे,जिसका समाधान विद्वान जज दीपक मिश्रा ने कर दिया है.
१-बीच में गेम का नियम चेंज नही हो सकता----
इस पर लम्बी बहस हुई जिसका निस्तारण करते हुए विद्वान जज ने कहा की हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने ओल्ड ऐड को निरस्त कर दिया था,और निरस्त होने के बाद सरकार ने नियमावली में संसोधन करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू की,नियमानुसार सरकार बीच में गेम का नियम चेंज कर सकती है या गेम रद भी कर सकती है इसका पूरा अधिकार सरकार के पास है लेकिन ये नियम के अनुसार हो.१५वा नियम सही है या नही इस पर जनरल सिटीरल ५ दिसंबर तक लिखित हलफनामा लगा देंगे.
२-टेट एक पात्रता परीक्षा है इसका वेटेज ० से लेकर कितना होना चाहिए अगर वेटेज दिया जाय तो देने का अधिकार किसके पास है एनसीटीई के पास या सरकार के पास,हाईकोर्ट के बृहद पीठ ने भी वेटेज देने की बात की है-------------
इसका जबाब देते हुए सरकार की तरफ से वकील वेंकट रमणी ने कहा की वृहद् पीठ ने कहा है की शुड गिवेंन वेटेज मतलब वेटेज दिया जा सकता है लेकिन ये सरकार के ऊपर है की दे या ना दे सरकार बाध्य नही है.एकेडमिक वकील ने इस मुदे पर साधना मिश्रा का पक्ष रखा जिस पर टेट वकील अभिषेक ने विरोध करते हुए कहा की साधना पार्टी नही है इनकी बात ना सुनी जाय.एकेडमिक वकील राकेश दिवेदी ने कहा की ये हाईकोर्ट नही सुप्रीम कोर्ट है जिस पर विद्वान न्यायधीश दीपक मिश्र ने कहा की ये सुप्रीमकोर्ट की फुल बेंच है इस केस से सम्बंधित हर ओ बात सुनी जाती है जो इस केस को प्रभावित करे के साथ ही एनसीटीई को भी पार्टी बना दिया गया.
३-विद्वान जज ने सरकारी वकील से ये पूछा जो बात हाईकोर्ट में उठ चूका है जिसका जबाब हाईकोर्ट में सरकारी वकील नही दे पाए थे की जब आई एस के लिए एक ही परीक्षा होता है और मेरीट उसी परीक्षा पर बनती है तो फिर आपको इसमें क्या दिक्कत है उसमे तो कही भी एकेडमिक का जिक्र नही ---------------
इस पर सरकारी वकील वेंकट रमणी ने ३० मिनट बोला और एनसीटीई की हर ओ नियम बताया लेकिन जज साहब मानने को तैयारो नही दिख रहे थे मामले की गंभीरता को देखते हुए एकेडमिक वकील राकेश दिवेदी जी सामने आये और बताए की आइएस के लिए सिर्फ एक विज्ञापन निकलता है और वही चयन का अधिकार होता है जबकि टेट एक पात्रता परीक्षा है और टेट के परीक्षा पास कर लेने से कोई ये दावा नही कर सकता की मुझे शिक्षक बना दिया जाय शिक्षक बनने के लिए शिक्षक का विज्ञापन भरना होता है इस पर विद्वान न्यायधीश ने सहमती में सर हिलाते हुए कहा की दिवेदी जी यू आर राइट.
एकेडमिक साथियों बाजी अपने पक्ष में आ गयी है लेकिन इसके लिए अपना वकील का फीस बाकी है जो बहुत नाराज है किसी तरह पैर हाथ पर गिरकर हमलोग बहस करा लिए है लेकिन अगर फीस नही जुट पाया तो हमसब जीती बाजी हार जाएँगे,साथ ही उन्होंने ये सपस्त कर दिया है की साधना मिश्रा के लिए एक अलग से वकील रखो वकील से उन्होंने बात भी करा दी है आपकी एकेडमिक टीम इस समय वितीय संकट से जूझ रही है हौसले आसमान पर है लेकिन वित्त के आभाव में सही तरीके से पैरवी नही हो पा रही है,अगर हंसम इस अंतिम बहस में वकील ना कर सके तो हमसब पूरी जिन्दगी कही मुह दिखने लायक नही रह जाएँगे,जिस जनपद में मीटिंग हो वहा के अभ्यर्थी अपने जिलाध्यक्ष को सहयोग करे जहा मीटिंग ना हो पाए ओ सीधे कपिल जी के एकाउंट में सहयोग कर दे ये सहयोग ५ दिसंबर तक अवश्य कर दे.धन्यवाद जय एकेडमिक
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lo fir pakau aa gayaa ACD balon ko thagne .ACD bhaion in chanda chor logon she sav dhan rahen qki jeet tet merit ki hi honi h insha Allah.jai tet
ReplyDeleteSahi kaha Aapne Acadmic Netao mein Kuchh Aise Log Hai jo Na Acadmic se Chaynit Ho Sakte Hai Aor Na To TET Merit Se.
ReplyDeleteInka Laabh To Bharti ko Latkaye rakhne mei hi Ho Rha hai Chanda jo Laakho mein Mil Raha hai.. Inko berojgaaro ki khoon pasine ki kamayi jo Hraam Mein mil rahi hai.. Bhagwaan bhi Inko Maaf Nhi karega..
phir aa gay bheek mangne . naukary karne layak to bache nahi . katora pakad liya.........
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