Desh Kee Khoj, Amazing, Useful Information,
बनारस (वाराणसी) में इंजीनियरिंग के दो छात्रों ने मिलकर एक नई तकनीक विकसित कर कमाल कर दिया है। इसके माध्यम से अब वाशिंग मशीन में कपड़े धोने के लिए बिजली का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
बिन बिजली ही 20 से 30 मिनट में ढेर सारे कपड़े आसानी से साफ कर सकेंगे। यह वाशिंग मशीन साइकिल के पैडल के जरिए काम करती है। इससे मोबाइल भी चार्ज हो जाता है। वहीं, यह बिजली से चलने वाली वाशिंग मशीन से काफी सस्ती होगी। इस तकनीक को विकसित करने वाले दोनों युवक अशोका इंस्टिट्यूट पहड़िया में मेकैनिकल इंजीनियरिंग, फाइनल ईयर के छात्र हैं। बता दें कि अरविंद और दीपक बचपन में अपनी मां द्वारा ढेर सारे कपड़े रोज धोते देख काफी दुखी थे।
मां की परेशानी को देखकर उन्होंने ठान लिया कि बड़ा होकर उन्हें इंजीनियर बनना है। इसके बाद एक ऐसी मशीन बनानी है, जो उनकी मां के लिए हर तरह से लाभदायक हो। इसके लिए उन्होंने 2010 में अपने दो साथियों धीरज और नवीन के साथ मिल कर यह सपना साकार करने की कोशिश शुरू की। परिणाम यह हुआ कि मार्च 2014 में उनके मिशन को कामयाबी मिली। दीपक के पिता एक मामूली जनरल स्टोर चलाते हैं, जबकि अरविंद के पिता इंजीनियर हैं।
यह वाशिंग मशीन बिजली से नहीं, बल्कि साइकिलिंग के जरिए चलेगी। इसके बकेट में बुली लगा है, जो कपड़ों को रोटेट (घुमाता) करता है। 20-30 मिनट चलाने पर 100-120 कैलोरी ऊर्जा शरीर में बनती है। एक बार में सात से आठ कपड़े धोए जा सकते हैं। पानी गिरा देने पर बुली ड्रायर का भी काम करता है। वाशिंग मशीन की ऊर्जा से मोबाइल भी आसानी से चार्ज किया जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए लाभदायक, क्योंकि इसमें साइकिलिंग व्यायाम भी हो जाता है।
-यह वाशिंग मशीन बिजली से नहीं, बल्कि साइकिलिंग के जरिए चलेगी।
-इसके बकेट में बुली लगा है, जो कपड़ों को रोटेट (घुमाता) करता है।
-20-30 मिनट चलाने पर 100-120 कैलोरी ऊर्जा शरीर में बनती है।
-एक बार में सात से आठ कपड़े धोए जा सकते हैं।
-पानी गिरा देने पर बुली ड्रायर का भी काम करता है।
-वाशिंग मशीन की ऊर्जा से मोबाइल भी आसानी से चार्ज किया जा सकता है।
-स्वास्थ्य के लिए लाभदायक, क्योंकि इसमें साइकिलिंग करनी पड़ती है।
क्या कहते हैं इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर: अशोक इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर अमित मौर्या ने बताया कि वाशिंग मशीन के बकेट में बुली लगा है, जो कपड़ों को अंदर रोटेट करता है। साइकिल के पैडल से बुली कनेक्टेड है। इससे आठ वोल्ट तक ऊर्जा भी जेनरेट (उत्पन्न) होती है। इससे मोबाइल आसानी से चार्ज किया जा सकता है। इस पर कुल लागत मात्र 1400 रुपए आई है। उन्होंने कहा कि प्रतिभावान छात्रों के प्रोजेक्ट पर संस्थान आर्थिक मदद भी करता है।
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शुभ प्रभात दोस्तोँ !
ReplyDelete.
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वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी...।
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वर्ना
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जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दे..॥
सुप्रीम कोर्ट
ReplyDeleteका शानदार निर्णय
72825 शिक्षक
भर्ती को पूरी करने के
वास्ते
कल सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा से
शानदार निर्णय देते हुए 72825
शिक्षकों की भर्ती टेट मेरिट से
पूरी करने को हरी झण्डी दे
दी ।
सुप्रीम कोर्ट के ऐसे ही निर्णय
की आशा थी, ऐसा लगता है
की सुप्रीम कोर्ट इस
भर्ती को पूरा करने के लिए खुद
पहल कर रहा है ,
सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम आदेश न देते
हुए अंतरिम आदेश दिया , और
भर्ती पूरी करने को कहा है ।
अगर अंतिम आदेश दे देती तो फिर
कोई पुनर्विचार
याचिका सुप्रीम कोर्ट में
डाल देता और भर्ती एक बार इस
याचिका के निस्तारण तक लटक
सकती थी ।
या फिर आगे कोई
नया बखेड़ा खड़ा करते हुए कोई
हाई कोर्ट में किसी अन्य कारण
पर याचिका डाल देता ।
आसार इस बात के बढ़ गए हैं
की दुसरी काउंसलिंग तक के
लोगों को जल्दी नियुक्ति पत्र
मिल जायेगा ,
जिसको की राज्य सरकार
अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट
दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट में
दाखिल कर सकती है । या फिर
सारी काउंसलिंग सर्वोच्च
प्राथमिकता पर जल्द से जल्द
होंगी
अभी तीसरी काउंसलिंग
वालों को नियुक्ति पत्र
मिलने के आसार नहीं हैं
कल जिस प्रकार से अफरा-तफरी के माहौल के बाद हम सीनियर एडवोकेट खडा कर पाये और अपने पक्ष को रख पाये यह हर्ष के विषय के साथ-साथ बहुत ही गंभीर चिन्तन का विषय है हमें जश्न मनाने के बजाय पूरी रणनीति के साथ 10 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट में अच्छे एडवोकेट के साथ उतरना होगा...NCTE को पार्टी बनाने का मतलब यह है कि टेट मेरिट को पुनः एक बार अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा..यह विदित है कि ncte हाईकोर्ट में पार्टी थी...
ReplyDeleteएक अजीब असमानता और देख रहा हूँ कि जिस दिन HC में शिक्षा मित्रो के मामले में बहस हो रही है ठीक उसी दिन SC में अपना मैटर भी टेक अप हो रहा है...
जश्न मनाने का वक्त बाद में भी मिलेगा..लेकिन यह वक्त जीत के खुमारी से निकलकर धरातल पर काम करने का है...
जो भी लोग यह सोंचकर बैठे हैं कि काउंसिलिंग हो गई है और नियुक्ति पत्र मिल ही जायेगा ऐसे लोग तुरन्त सचेत हो जायें...सुप्रीमकोर्ट से जो भी अपडेट है उसके अनुसार चलती प्रक्रिया पर कोई रोक नही लगी है परन्तु टेट मेरिट एक बार न्याय की कसौटी पर फिर 10 दिसम्बर को परखा जायेगा...जो शांति के समय पसीना बहाता है वही युद्ध के समय चैन की नींद सोता है...
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ReplyDelete.
हम विजयी थे,
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हैं,,,,
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और
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Rahenge....
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हाई कोर्ट का आदेश बिल्कुल सही है.....Justice Mahoday
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Next date 10 दिसंबर for final decision.
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No change in selection process....
मैंने तो 2 दिन पहले ही बता दिया था कि भर्ती अपने पथ पर गतिमान रहेगी । विरोधियों का मुंह काला होगा । लो आ गया आदेश कि अंतरिम आदेश में कोई छेडछाड़ न होगी ।
ReplyDeleteअब प्रमाणित हो गया...जब tet वीर औकात पे आ जाये तो मोर्चा अपने आप संगठित हो जाता है...तमाम वैचारिक मतभेद के बाद भी आपने एक जुटता दिखाई इसके लिये आप सभी बधाई के पात्र है.
ReplyDeleteमेरे आह्वाहन मात्र से कुछ मित्रोँ ने पैसोँ का ढेर लगा दिया, मात्र कुण्डा मोर्चे ने अपने दम पर 15000 रुपयोँ की व्यवस्था 12 घण्टे के अन्दर कर दिया ।
ReplyDeleteमैँ उन मित्रोँ का जीवन पर्यन्त आभारी रहूँगा जिन्होने ऐसे समय पर हमारा साथ दिया ।
सभी टेट मेरिट साथियों को एक बार पुनः जीत की बधाई हो...
ReplyDelete.......जय टेट मेरिट
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"हे पिता, मैं चाहता हूं कि जिन्हें तू ने मुझे दिया है, जहां मैं हूं, वहां वे भी मेरे साथ हों कि वे मेरी उस महिमा को देखें जो तू ने मुझे दी है, क्योंकि तू ने जगत की उत्पत्ति से पहिले मुझ से प्रेम रखा।''
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यूहन्ना 17:24
भावनाओँ मेँ न बहकर तनिक दिमाग से विचार करो हाईकोर्ट .डबल बेँच. टिपिल बेँच फिर सुप्रीम कोर्ट तक के सफर मेँ कितने ही मर्मज्ञ जजोँ के सामने यह मामला आया । कपिल से लाखगुनी अधिक शक्तिशालीये सरकार घुटनोँ के बल बैठ गयी । फिर भी ये कपिल हर बार कहता है कि अबकी जीत हमारी होगी । कल 100% झूठी खबर कपिल के नाम से आयी थी कि मैँने एस.के पाठक का साथ देना शुरू कर दिया है इस शर्त पर कि वो नये विज्ञापन को बहाल कराने मेँ मेरी मदद करेँगे । जरा सोचो इस झूठी खबर को हकीकत मेँ बदलने का प्रयास किया जाये तो कितना सुखद होगा । आपको ये नौकरी मिले या न मिले लेकिन कपिल आप लोगोँ से उतना धन ले चुका जितना ये सरकारीनौकरी देती । याद रखना बुद्धिमान लोग पहले कष्ट उठाते हैँ और बाद मेँ सुखोँ का भोग करते हैँ । अभी वक्त है जिस दिन नये विज्ञापन का पैसा वापस करने लगी ये सरकार तब ये अवसर भी खत्म हो जायेगा ।ईश्वर आपको सद्बुद्धि दे ।
ReplyDeleteऐसे लोग जो टेट मेरिट का विरोध कर रहे हैं शायद उन्हें पता नहीं कि टेट मेरिट ध्रुव तारे की भाँति अटल है जिसे कोई डिगा नहीं सकता। जो लोग यह दिवास्वप्न देख रहे हैं कि NCTE का वकील आएगा और कहेगा कि TET केवल एक अर्हता परीक्षा है पात्रता नहीं, उन लोगों की जानकारी के लिए मैं बता देना चाहता हूँ कि NCTE के वकील ने 30 December 2011 के दिन हाईकोर्ट को यह बताया था कि अगर सरकार चाहे तो उसे पात्रता भी बना सकती है।
ReplyDeleteनीचे मैं उस फैसले का एक महत्वपूर्ण अंश पेस्ट कर रहा हूँ।
समस्त गधांकधारी जिन्हें न समझ में आए वो Google translate एप में अनुवाद करके ध्यान से पढ़ लें तो शायद...............................
9. So far as making of qualifying examination basis of selection is concerned, it is always permissible to the rules framing authority to determine the criteria for selection which may base on the merits of the candidate possessed in various academic qualifications or qualifying test or any other criteria which may otherwise be valid and once it is so determined, unless it can be said that the same amendment in the rule is contrary to any statutory provision or otherwise ultra vires or vitiated in law, the same cannot be interfered.
अगर इतना जान कर भी लुटने को तैयार हो तो जाओ ।
फिर तो रावण ही मालिक है ।
जय टेट मेरिट।
सरकारी नौकरी के SMS अपने मोबाइल पर पाए..अपने मोबाइल से
ReplyDelete022-33598491 पर एक बार मिस्ड कॉल करे !
अब जरा ध्यान से सुनिए १ दिसंबर को हमारी रिट संख्या 6698 / 2014 जितेंदर सिंह सेंगर व १६ अन्य बनाम उत्तर-प्रदेश सरकार व अन्य पर सुनवाई है और सरकार के पहुचने की पूरी उम्मीद है क्यूंकि चयनितों की लिस्ट निकल नहीं रही है और काउंसलिंग पर काउंसलिंग चल रही है तो जवाब देने के लिए आना पड़ेगा वर्ना उसे पता है लड़के अब इम्प्लीड भी कर सकते हैं इस पर तो कम से कम सफाई तो देनी ही पड़ेगी | हम भी अपने अधिवक्ता से प्रक्रिया में चौथी काउंसलिंग स्टार्ट होने का हवाला देकर अर्जेंसी में केस मेंशन कराएंगे |
ReplyDeleteमोर्चे की शर्तें आज भी २ ही हैं "विज्ञापन एवं पारदर्शिता" |
ReplyDeleteदोनों ही बातों को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया जायेगा और फिर एक बार कोर्ट को अवगत कराया जायेगा की पहली काउंसलिंग के बाद जो पत्रांक आया है वह पूरी तरह से विज्ञापन के अनुसार नहीं है और तमाम रिटेन जो पेंडिंग हैं सभी को बंच करके एक वकील से इम्प्लीड कराया जायेगा |
उपरोक्त के सन्दर्भ में ३० नवंबर २०१४ को लखनऊ के केसर बाघ चौराहे के पास बारादरी पार्क में सुबह १० बजे से मीटिंग है , कृपा करके भर्ती समर्थक जो की भर्ती नियमानुसार और साफ़ सुथरी चाहते हैं जरुरु पहुंचे अपने सहयोग और धांधली के सुबूतों के साथ | इम्प्लीड कैसे कब और किस विधि से करना है जरूर आएं और सुझाव रखें |
ReplyDeleteकौन्सेल्लेड कैंडिडेट्स अगर सहयोग नहीं कर सकते तो कम से कम विरोध भी न करें क्यूंकि ये सर्वहित और भर्ती के हित की बात है और हर मोर्चे पर हमारी लड़ाई सरकार से है नाकि आपसी |
अब बात कल की थोड़ी सी :
ReplyDeleteवादी पक्ष ने फिर वही गलती की जिसकी उम्मीद थी यानी टेट मेरिट के अगेंस्ट |
जबकि अपने नये विज्ञापन की बहाली पर ज्यादा जोर देना था |
खैर १० दिसंबर डेट लगी है |
Good morning dosto jai tet jai bharat jeet hamari hi hogi
ReplyDeleteमाँ जब जगाती थी तो कभी लेट नहीं होते थे
ReplyDeleteक्योंकि माँ
के पास snooze के बाद
थप्पड़ का option होता था।
smartphone में वो बात कहाँ।
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ReplyDelete.
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ग
ज
रे
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वा
ली
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तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!
एक सच जो बहुत कम लोग
ReplyDeleteजानते होंगे।।।।
1-सर्व प्रथम सिंगल बेंच मैं स्टे आर्डर लेने के लिए ओल्ड ऐड के
विज्ञापन की कमियों को सामने
लाया गया फिर महीनो बहस और डेट पे डेट के खेल के बाद मामले के
सही निस्तारण के बजाय धांधली
की और मोड़ दिया गया जिसमें
उस्मानी कमेटी बनी कोर्ट मैं उसकी
रिपोर्ट दाखिल की गई।
माननीय अरुण टंडन जी ने
नियम और शर्तो को ठीक करने के
आदेश दिए और एक नए ऐड का
जन्म हुआ ।।।दूसरी तरफ इस ऐड मैं भी बहुत सी खामिया रह गयी पता
नहीं किन्तु कोर्ट ने न्यू ऐड के प्रफोर्मा
को देख कर भर्ती का आदेश दिया
जब लोग निश्चिन्त होकर अपना
फॉर्म भर रहे थे तब दूसरी तरफ इस
विज्ञापन को रोकने के लिए पटकथा
लिखी जा चुकी थी कियोंकि
कपिल जी ने कोई caviate डबल
बेंच मैं नहीं लगाई थी।।।
उधर नवीन जी इस मामले को चुनोती
दी कहा की पुराना क्यों रद्द किया गया
।कहानी यहाँ से और पेचीदा हो गई
मामला लटक गया कई जज बदल
गए और अभ्यर्थी आत्म हत्या करते
रहे ।।फिर एक आदेश आया की
नॉन टेट पास अभ्यर्थी भी शिक्षक
भर्ती मैं फॉर्म डाल सकता है
जेसे राम प्रकाश शर्मा वाला केस
पूरा भर्ती का भुरता यहीं से हुआ
मामला तीन जजों के पास गया
वहां भी कोई महत्व पूर्ण तथ्य सामने
नहीं आया कियोंकी
न नवीन जी न कपिल जी
की तरफ से ncte को पार्टी बनाया
गया टेट भारांक के मुद्दे पर
Ncte को पार्टी केवल राम प्रकाश जी
वाले मामले मैं बनाया गया था। जिसमें
टेट को महत्वपूर्ण मानकर इसके
भारांक तय करने की छूट सरकार
को दी लेकिन कोर्ट ने न्याय करने के
वजाय मामला फंसा दिया उसी का
परिणाम हुआ हाई कोर्ट से टेट मेरिट
नहीं बल्कि पुराना विज्ञापन
बहाल हुआ जिसमें
टेट को 100 % भारांक
था।।।
होगी जीतने के बाद भी आदेश सरकार
ReplyDeleteने नहीं माना और सरकार सुप्रीम
कोर्ट चली गई। तब की स्थिति
मे भी न कपिल ने न एस के पाठक जी ncte को पार्टी बनाया
आप कह सकते हैं दोनों पक्ष
इस ncte नामक भूत से बचते रहे और ncte की अनुपस्थिति
मैं ही कोर्ट को बताते रहे की
@-टेट एक पात्रता है
@-टेट का भारांक दिया जा सकता
है
@टेट की परीक्षा बार बार देकर
आप अपने अंक सुधार कर सकते हैं
वगेरह वगेरह बता ते रहे
लेकिन ncte की अनुपस्थिति मैं
ही कोर्ट ने अंतरिम आदेश से डबल
बेंच
के आदेश को बहाल
कर दिया।।।
और एक तरफ ख़ुशी दुसरी तरफ
मातम छा गया।।
लेकिन ncte को पार्टी तब भी नहीं
बनाया गया ।।।
उस जीवन के वचन
ReplyDelete. .
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"और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। क्योंकि जिन्हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। फिर जिन्हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है॥'' .
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रोमियो 8:28-30
दोस्तोँ परसों हमारा महान मोर्चा आर्थिक
ReplyDeleteकमजोरी महसूस कर रहा था,
जिसे हम सबके तीव्र और त्वरित योगदान से
सफलतापूर्वक दूर कर दिया गया,
हम सत्य के लिए अपनी निष्ठा लिए जीतते रहे हैं,
जिसे हमने अपनी मजबूती के साथ जीत के रूप में
हासिल कर साबित भी किया है,
निःसन्देह यह समय बेहद कठिन है,
एक छोटी सी भूल पूरे नतीजे के लिए शून्य कर
सकती है,
संघर्ष के साथ-२ हमें आपसी सामंजस्य पर जोर
देना होगा,
विवादों को कुचल के अन्याय को पूरी ताकत से
खत्म करना होगा,
मोर्चा कुछ मानसिकताओं का जाल न होकर
हजारों महान और पवित्र भावनाओं का सत्य के
लिए समर्पित समुदाय है,
मोर्चे के लिए समर्पित भाईयों से अपील है कि अब
हमारा संघर्ष सत्य की जीत के साथ-२
हमारी प्रतिष्ठा का बन चुका है,
अतः अपना अधिकतम योगदान सुनिश्चित करें,
मोर्चा से अपील है कि अपनी महानतम
रणनीति और समर्पण के साथ न्याय के मंदिर में प्रवेश
करें,
जीत हमारी ही होगी,
क्योंकि जो सत्य के लिए संघर्ष करते हैं ईश्वर
अपनी पूरी दया और कृपा के साथ उनकी जीत
सुनिश्चित करता है,
ध्यान दें,,,
किसी भी तरह की कमजोरी को कुचलने के लिए
संघर्ष की मजबूती को बढ़ाना ही एकमात्र
अपना विकल्प होता है,
हम प्रकृतिक रूप से जीत चुके हैं,
अतः अपनी जीत के विरूद्ध सर उठाने वाले
किसी भी कृत्रिम साधन या संसाधन को भारत के
सर्वश्रेष्ठ एडवोकेट पैनल को खड़ा कर धूल चटायेंगे,
वकीलों के चयन को लेकर कोई भी मतभेद
या कंजूसी हमारे जीवन को शून्य कर देगी,
ईश्वर मोर्चे को मजबूती प्रदान करे और सत्य
को जीत की परिधि में स्थापित करने में
हमारी मदद करे.
एक सच जो बहुत कम लोग
ReplyDeleteजानते होंगे।
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का शेष भाग
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2-अब बात वर्तमान की तो इतना
कहूँगा की जो पोस्ट कल से दौड़
रही हैं की ncte को पार्टी
बनाया गया है साधना जी की रिट
को बंच करा दिया गया है।।
10 दिसम्बर को ncte वेटेज पर
बहस करेगी तो फिर एक बार कह
रहा हूँ केवल दिव्या स्वप्न है।।
कियोंकि राम प्रकाश शर्मा जी के
मुद्दे पर जो काउंटर तीन जजों की
पीठ मैं लगाया था वाही काउंटर
दुबारा लगाया जाएगा अपना काउंटर ncte के अधिकारी मैं ताकत
नहीं है की अपना एफिडेविट
बदल कर नया शपथ पत्र दें और जो
मुद्दा उठाया ही नहीं गया या कहूँ की
कौर्ट से वेटेज की मांग न टेट मोर्चे
ने की है न एकेडमिक मोर्चे ने
न राम प्रकाश शर्मा ने तो फिर
बहस क्या इस मुद्दे पर होगी????
Ncte कोर्ट मैं राम प्रकाश के
मामले मैं केवल इतना कहेगी की
टेट प्राथमिक शिक्षक
बनने की आवश्यक एवं अनिवार्य योग्यता है टेट वेहद महत्वपूर्ण है
मेरी इस बात की पुष्टि कोई भी विद्वान्
तीन जजों की पीठ का 31 मई 2013
का आदेश पढ़ लें।।।
अगर मुद्दे या मांग के विपरीत किसी
भी बिंदु पर बहस हुई तो मामला
दोनों पक्षों को ले डूबेगा और भारी
भरकम नेताओं की जॉब जाने
वाली है याद रखना।।।
3-मेरे इस बिंदु को अन्यथा मैं मत
ReplyDeleteलेना कि मैं दोनों ऐड का पक्ष धर हूँ दोनों
अपने स्थान पर सही है लेकिन
सभी लोग पुराने विज्ञापन की कमियों
को बता रहे है तो आपको नए
विज्ञापन की कुछ विधिक
जानकारी अवगत कराने की
कोशिश कर रहा हूँ अपने अपने
स्तर पर मनन अवस्य करें
@- किसी भी भर्ती के विज्ञापन
मैं आपके सिग्नेचर होना जरुरी होता
है चाहे वो ऑनलाइन हो या ऑफ
लाइन कई भर्तियों मैं आपने देखा
होगा साफ़ लिखा रहता सिग्नेचर
के अभाव मैं आपका फॉर्म
अपूर्ण मान कर रद्द कर दिया जाएगा।।
अगर देखना हो तो pcs and ias,ssc,railwayetc के ऑनलाइन फॉर्म देख लेना सिग्नेचर
स्केन होकर लगाये जाते है तभी
आवेदन पूर्ण माना जाता है
मेरी बात की पुष्टि करें क्या नए विज्ञापन मैं सिग्नेचर लिए गए थे अथवा नहीं????
@- अब दूसरी बात पुराने विज्ञापन मैं धांधली सबको दिखी लेकिन मित्र
ReplyDeleteजरा गौर से देखो की नए विज्ञापन
मैं ओसामा ,ओबामा ,लादेन ,श्री राम जी ,आमिर खान इत्यादि फॉर्म फर्जी
डाले गए थे अथवा नहीं फर्जी मेरिट
बढाई गई थी अथवा नहीं ????
@ पुरुष और महिला को समान किया
गया जो की महिलाओं के अधिकारों
का हनन है क्या आज तक किसी
भी प्राथमिक की भर्ती मैं इनको
अलग करके भर्ती हुई है ????
4- अब अपनी बात रखूँगा जो
ReplyDeleteकुछ भी कल कौर्ट मे हुआ है वो पूरी तरह से सत्य किसी भी
साथी ने नहीं बताया मैं आपको
शाम को पूरी बात बताऊंगा ।
हमारी मांग सभी का समायोजन है।
न की किसी विज्ञापन विशेष की
इसलिए मेरे उपरोक्त विश्लेष्ण को
अन्यथा मे न लेकेर मनन करें
और सुझाव दें सबूत दें की किस
प्रकार से सभी का हित हो सकता
है
जय टीइटी
Sir hm prt walo ko joining leter se pahle jrt walo ko milna jruri h vrna low merrit walo ka bhala nhi hopayega sath hi hmlog ki counsling 4th 5th 6th hoti rahegi...aur bharti puri hone me bahut lamba samy lgjayega.....
DeleteSir hm prt walo ko joining leter se pahle jrt walo ko milna jruri h vrna low merrit walo ka bhala nhi hopayega sath hi hmlog ki counsling 4th 5th 6th hoti rahegi...aur bharti puri hone me bahut lamba samy lgjayega.....
Deletedesh bhakt
ReplyDeleteThursday, November 27, 2014 10:52:00 AM
mere 3 jan pehchan ke log jinka 2 counselling me selection ho gaya hai maine un 3 logo aur apna milakar400 rs avaneesh yadav ji ke a/c me jama kar diya .un 3 logo ko meri baato ka koi asar nahi hua isi liye maine unka bhi paisa jama kar diya.har ek tet selected candidate ko apni jimmedari se tet ke liye fight karne walo ka sath dena chahiye na ki kewal free me sarkari naukri ka intejaar are isse jyada paisa to ap pata nahi kitni sarkari bhartiyon ke form bharne me barbad kar chuke honge.bas mujhe aur kuch nahi kahna baki ap khud samajhdar ho
72825 शिक्षकों का भर्ती प्रकरण महज 97 अंक पाने वाले को भी माना जा रहा काउंसिलिंगका अर्ह जासं, इलाहाबाद: प्रदेश भर में अभी प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825 शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच टीईटी अभ्यर्थियों ने ही साथियों का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है, जो काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि अभी कट ऑफ 110 अंक तक नहीं आया है, लेकिन 97 अंक पाने वाले को भी काउंसिलिंग के लिए अर्ह माना जा रहा है।1टीईटी संघर्ष मोर्चा ने मंगलवार को दावा किया कि टीईटी 2011 में रोल नंबर 12030991 सुधीर कुमार सिंह पुत्र राम रेखा सिंह का प्राप्तांक महज97 अंक है, लेकिन उसे राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओरसे जारी सूची में सुधीर को गाजीपुर, लखीमपुर, हरदोई, कुशीनगर, आजमगढ़,बहराइच, गोंडा, सीतापुर व शाहजहांपुर में काउंसिलिंग के लिए अर्हबताया गया है। ऐसे ही अनिल कुमार वर्मा का प्राप्तांक 89 है, जबकि काउंसिलिंग सूची में 118 अंक दिख रहा है। ऐसेही एक नहीं कई मामले हैं। दावा है कि कई परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो चुके हैं, उन्होंने फर्जी मार्कसीट के आधार पर काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग लिया है। मोर्चा ने इस संबंध में एससीईआरटी के निदेशक कोतमाम बार शिकायती पत्र दिया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसेमें मोर्चा ने हाईकोर्टकी लखनऊ खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया तो न्यायालय ने काउंसिलिंग प्रक्रिया की पूरी सूची को तलब किया है। मोर्चा ने मंगलवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में बैठक करके यह तय किया कि यदि अब अनदेखी हुई तो इस मामले को भी सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। यहां पर सच्चिदानंद चतुर्वेदी, नागेंद्र शुक्ल, अवधेश कुमार शुक्ल, पंकज कुशवाहा, शशि प्रकाश, अमरेंद्र कुमार मिश्र, आलोक जायसवाल, विनय कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
ReplyDeleteJAI TET AAP LOG SANGHARSH KARO HUM TUMHARE SAATH HAIN PLEASE MUJHE KISI TET SUPPORTER YA LEADER KA ACC. NO.DEN TAAKI MAI BHI KUCH SAHYOG KAR SAKOON.THANKS
ReplyDeleteTIGER JI MAI AAPSE KAHNA CHAHTA HOON KI MAI KAISE AAPKO AARTHIK SAHYOG KAR SAKTA HOON BHAGWAAN HAMARE SAATH HAI AAP HAMARE SAATH HAIN TO JEET HAMARI HOGI THANKS
ReplyDeletelow merit bhaio ek jutta banay rakhe ....sab farzio aur dalalo ...aur 2012 walo ko ....bahar karana hi ...hamara aim hona chahiye ....court ko ....dhandhali ka saboot dekar sc tak ladna hai...chahe ...gov ko tihar jail jana pade...bina jail jai...koi nahi manega....jo 2011 g.o ...ko fallow karega ....wahi patra hoga...baaki out ya phir jail....jai hind
ReplyDeleteAvanishh yadav
ReplyDeleteA/c no. 32980061185
Branch : sandi hardoi
IFSC code: SBIN 0011182
Baadshah Raj I Have mentioned the account number.
ReplyDeleteDear Mr.Badshah Raj go through the details.
ReplyDeleteAvanish yadav
A/c no. 32980061185
Branch : sandi hardoi
IFSC code: SBIN0011182
औरत की दिलेरी का अन्दाजा आदमी को उसी वक्त लगा लेना चाहिये, जब वो उसे लेने पुरी बारात लेकर जाता है
ReplyDeleteऔर
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वो 'शेरनी' चुपचाप उधर से अकेली चली आती है !
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ReplyDelete.
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ग
ज
रे
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वा
ली
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पूछ रही थी कल मुझसे:- क्या तुम मुझे याद
करते हो ?
मुस्कराकर मैं बोला:-
अरे पागल !
याद करना इतना आसान
होता तो . . . .
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टीइटी मे टॉप ना कर लेते
हम !!!
मित्रो,
ReplyDeleteकल हुई करीब 45 मिनट की सुनवाई की में जयादातर राज्य सरकार को ही सुना गया। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वेंकटरामिनी ने शुरुआत करते हुए वही सब रटी रटाई बातें दोहराईं जो आप सब शुरू से सुनते आ रहे हैं।
राज्य के बाद एकेडमिक का पक्ष रखते हुए उनके वकील राकेश द्विवेदी ने अपने मामले को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए अंतिम बहस के लिए दबाव डाला और कोर्ट को भ्रमित करने की ( आधारहीन कुतर्कों धांधली इत्यादि) नाकाम कोशिश की।
नाकाम इसलिए क्योंकि टेट मेरिट पक्ष के अधिवक्ता अमरेन्द्र शरण,मनोज प्रसाद,अभिषेक श्रीवास्तव जी ने इसी पॉइंट को ग्रैब करते हुए तर्क दिया चूँकि अभी अन्तारिम आदेश में कोई भी तबदीली वैधानिक रूप से सम्भव नहीं है क्योंकि इस मामले में सभी पक्षों के काउंटर-रेजोइंदरसहित सर्विस प्रोसेस पूरा नहीं किया गया है।
क्योंकि न्यायायिक प्रक्रिया के तहत फैसले के लिए होने वाली अंतिम बहस के पहले सभी पक्षों के औफेंसिव और डिफेंसिव अंतिम जवाब दाखिल होने के बाद ही अंतिम बहस सम्भव होती है।
अंतरिम आदेश का जिक्र छिड़ जाने पे कोर्ट ने इसे संज्ञान में लेते हुए राज्य अधिवक्ता से वर्तमान वास्तुस्थिति जाननी चाही जिस पर राज्य अधिवक्ता ने अंतरिम आदेश के तहत हो रही प्रक्रिया को कंटिन्यू बताते हुए NCTE द्वारा फ्रेम किये गए रूल्स का मुद्दा उठा डाला और कोर्ट ने गंभीरता से इसे सुना और राकेश द्विवेदी जी ने राज्य अधिवक्ता से सहमती जताते हुए उनका समर्थन किया।
इस पर त्वरित प्रक्रिया करते हुए हमारे वकीलों ने माननीय न्यायलय को NCTE के राइट्स एवं नोटिफिकेशन के बारे में अवगत कराया गया।
तत्पश्चात राम प्रकाश जी वाले मामले को सुनना शुरू किया और उसमें भी TET से छूट की प्रेयर पाकर माननीय कोर्ट ने रिमार्क किया कि क्या NCTE के किसी उपबंध में टेट से छूट का प्रावधान है या नहीं एवं हमारे मामलें में भी NCTE की भूमिका को और स्पष्ट करने के लिए 10 दिसम्बर को NCTE को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया।
जो लोग यहदिवास्वप्न देख रहे हैं कि NCTE का वकीलआएगा और कहेगा कि TET केवल एकअर्हता परीक्षा है पात्रता नहीं, उनलोगों की जानकारी के लिए मैंबता देना चाहता हूँ कि NCTE के वकील ने30 December 2011 के दिन हाईकोर्टको यह बताया था कि अगर सरकार चाहेतो उसे पात्रता भी बना सकती है।
NEFT Transaction with reference number N331140043379168 for INR 500.00 has been credited to the beneficiary account on 27-11-2014 at 11:52:46.
ReplyDeleteदोस्तों टीईटी मोर्चा के लिये कल कोर्ट में कुछ पक्ष विषम भी थे ,, जो कि कोर्ट आर्डर में दिये नही गये पर उन पर बहस हुई थी ,,
ReplyDeleteसरकार 15 वाँ संशोधन को बहाल कराना चाहती है ,,जो कि 72825 की नियुक्ति से पूर्व बहाल होना फिर गलत हो जायेगा , और यदि केवल हमारी भर्ती पर ही प्रभावी नही है तो सरकार 72825 पर फाइनल आदेश के बाद स्वतंत्र इकाई के रूप में कार्य करेगी जिस पर हम सभी उस पर चाहते हुये भी दबाब नही डाल पायेंगे ।
सरकार को उसके वकीलों ने इस भर्ती को फाइनल आदेश के बाद हो सकता है ,,कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में उच्च बेंच के गठन की मांग कर पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट से शुरू से सुनने की विशेष अपील दर्ज कराने की सलाह पहले से दे रखी हो । क्योंकि आदेश की जिस तरह से हीला हवाली हो रही है ,,उससे दाल कुछ काली भी हो सकती है ।
बाकी काम अगर अगली तारीख पर लो मेरिट भाई अच्छे से अपने तथ्य कोर्ट में रखते हैं ,तो अपने आप हो जायेगा ।
नये ऐड पर सरकार को अब 72825 भर्ती में तो राहत नही ही मिलने वाली , इन पदों को भरने हेतु सरकार पर अलग से छूट जरुर मिल जायेगी , जिस पर एनसीटीई से पुनः अनुमति लेनी पडेगी ।
कई दशकों बाद भारत को मोदी जी के रूप में एक ऐसी शख्सियत मिली है जो देश के नाम का डंका पूरे विश्व में बजा रहा है ! नेपाल से लेकर अमेरिका तक हर जगह मोदी – मोदी के स्वर ही सुनाई पड़्ने लगे हैं ! जिस भारत को अमेरिका और यूरोपीय देश बड़ी ही गिरी हुई नज़रो से देखा करते थे अब उसी भारत से आगे बढ़ कर गले मिलने को तैयार हैं ! जो टेक्नोलोजी और कच्चा माल हमे देने में आनाकानी करते थे आज लाइन लगा कर खड़े हैं ! तात्पर्य यह की पूरे विश्व में भारत और भारतियों के लिये एक विशेष आदर और सन्मान जाग्रित हो रहा है ! ऐसे में हम भारतवासियो का भी यह कर्तव्य हो जाता है कि अगर हम उस में कुछ वृद्धी नहीं कर सकते तो मोदीजी के प्रयासों पर तो पानी न फेरे ! परंतु अफसोस की बात तो यह है कि जिन राजनैतिक दलों को जनता ने लोकसभा के चुनाव में भारी बहुमत से नकार दिया था, वही दल अपनी गंदी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओंऔर स्वार्थों के लिये पार्लियामेंट सत्र को विफल करने पर तुले हुए दिख़ते हैं ! जो बिल दसियो सालों से धूल खा रहे थे, मोदी सरकार ने उन्हे तथा और बहुत सारे अन्य जनहित के बिलों को पास कराने का बीड़ा उठाया है, लेकिन ये स्वार्थी पार्टियां अपने असली रंग में आ गयी दिख़ती हैं ! सबने इसी समय को अपना बदला चुकाने का सबसे उपयुक्त मौका पाया है भले ही उससे देश का कितना भी नुकसान हो जाये ! और जो इज्जत और सम्मान विश्व की नज़रों में बनना शुरू हुआ है फिर से तार-तार हो जाये ! कांग्रेस को तक़लीफ है कि जो काम वो 60 सालों में नहीं कर पाये उसे मोदी सरकार कुछ महीनों में ही करने का कैसे सोच सकती है ! ममता को तक़लीफ है कि बंगाल में घुसपैठिये बंगलादेशियों की मदद से खडा किया साम्राज्य कहीं मोदी लहर में उड़ न जाय ! या फिर सारदा घुटाले में उनकी पोल ना खुल जाय ! इतना ही नहीं वे अपनी महत्वाकांन्क्षाओं की पूर्ति के लिये आतंकवादियों की कारगुज़ारियो को भी नज़रअंदाज़ करती रहीं हैं और अब जब की मोदी सरकार ने उन्हे रंगे हाथों पकड़ लिया है तो अब अपना गुस्सा इस तरह भारत और उसकी जनता पर उतार रही हैं ! कम्युनिस्टों को तो भारत की उन्नती वैसे भी कभी फूटी आंखो नहीं सुहाई !
ReplyDelete! उनका सपना तो हमेशा से रहा है कि देश गरीब और अनपढ़ बना रहे जिससे उनकी चौधरायियत चलती रहे और उनके मार्क्स और लेनिन फलते फूलते रहें ! रहा जेडीयू और समाजवादियों का ! तो उनका क्या कहना ! बिना पेंदी का लोटा भी उनके जैसी कलाबाज़ी क्या मारेगा ! जहां उनका स्वार्थ्य वहां वो, देश चाहे चूल्हेभाड़ में जाये ! रह गयी तथाकथित दो अबला? नारियां! मयावती और जयललिता जो की कब क्या करेंगी भगवान भी अंदाज़ नहीं लगा सकते ! इन देवियों ने तो वाजपेई जी को उनके शासनकाल में तिगनी का नाच नचा कर रख दिया था ! भगवान इन्हे सदबुद्धी दे ! और मोदी जी को इन सारे कष्टों को सहने का हौंसला दे जिससे वो निडर होकर राष्ट्र की उन्नति के लिये अपने निश्चित कार्यक्रमों को निर्धारित समय में पूरा कर सकें !
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो? यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है। मैं धमिर्यों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।''
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लूका 5:30-32
क्या आप जानते हैं कि
ReplyDelete.
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हमारे हिन्दू सनातन धर्म की परम्पराओं में ..... मंगलवार, गुरूवार और शनिवार को ...""बाल एवं नाख़ून" कटवाने से क्यों मना किया जाता है...?????
क्योंकि ... आजकल ये बात तो लगभग हर किसी को मालूम है कि.... ऐसा नहीं करना चाहिए....
लेकिन, ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए .... शायद ही किसी को मालूम हो...!
और... इसका परिणाम ये होता है कि....
जाने-अनजाने....हम हिन्दू स्वयं ही.... अपनी परम्पराओं को ..... अन्धविश्वास घोषित कर देते हैं ... और, उसका पालन करना .... अपनी आधुनिक शिक्षा के खिलाफ समझते हैं...!
जबकि.... सच्चाई ये है कि....
हम हिन्दुओं के अधिकतर परंपराओं और रीति-रिवाजों के पीछे....... एक सुनिश्वित एवं ठोस वैज्ञानिक कारण होता है...!
और इसीलिए.... आज भी हम.... घर के बड़े और बुजुर्गों को यह कहते हुए सुनते हैं कि.......मंगलवार, गुरूवार और शनिवार के दिन....... बाल और नाखून भूल कर भी नहीं काटने चाहिए...!
असल में ..... जब हम अंतरिक्ष विज्ञान और ज्योतिष की प्राचीन और प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करते हैं तो ......हमें इन प्रश्रों का बड़ा ही स्पष्ट वैज्ञानिक समाधान प्राप्त होता है...!
होता यह कि..... मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन ....... ग्रह-नक्षत्रों की दशाएं तथा अंनत ब्रह्माण्ड में से आने वाली अनेकानेक सूक्ष्मातिसूक्ष्म किरणें ( कॉस्मिक रेज़ ) ....मानवीय शरीर एवं मस्तिष्क पर अत्यंत संवेदनशील प्रभाव डालती हैं।
और..... अब वैज्ञानिक विश्लेषणों से यह भी स्पष्ट है कि ...... इंसानी शरीर में उंगलियों के अग्र भाग तथा सिर अत्यंत संवेदनशील होते हैं... तथा, कठोर नाखूनों और बालों से इनकी सुरक्षा होती है...!
इसीलिये ऐसे प्रतिकूल समय में ....... इनका काटना शास्त्रों के अनुसार वर्जित, निंदनीय और अधार्मिक कार्य माना गया है।
यह बेहद सामान्य सी बात है कि.... हर किसी का मानसिक स्तर एक समान नहीं होता है...... ना ही हर किसी को..... एक-एक कर ... हर बात की वैज्ञानिकता समझाना संभव हो पाता....
इसीलिए... हमारे ऋषि-मुनियों ने ..... गूढ़ से गूढ़ बातों को भी ...... हमारी परम्परों और रीति-रिवाजों का हिस्सा बना दिया.... ताकि, हम जन्म-जन्मांतर तक .... अपने पूर्वजों के ज्ञान-विज्ञान से लाभान्वित होते रहें...!
जानो ... समझो और अपनी अक्ल लगाओ .....
क्योंकि....
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अक्ल हमेशा ही भैस से बड़ी होती है....!!
सर्दियों के मौसम में एक बूढी औरत अपने घर के कोने में ठंड से तडप रही थी।।
ReplyDelete.
जवानी में उसके पति का देहांत हो गया था घर में एक छोटा बेटा था, उस बेटे के उज्जवल भविष्य के लिए उस माँ ने घर-घर जाकर काम किया काम करते-2 वो बहुत थक जाती थी, लेकिन फिर भी आराम नही करती थी वो सोचती थी जिस दिन बेटा लायक हो जाएगा उस दिन आराम करूंगी।।
देखते-2 समय बीत गया!
माँ बूढी हो गयी और बेटे को अच्छी नौकरी मिल गयी। कुछ समय बाद बेटे की शादी कर दी और एक बच्चा हो गया।
अब बूढी माँ खुश थी कि बेटा लायक हो गया
.......
लेकिन ये क्या
.......
बेटे व बहू के पास माँ से बात करने तक का वक़्त नही होता था बस ये फर्क पड़ा था माँ के जीवन में
पहले वह बाहर के लोगो के बर्तन व कपड़े धोती थी। अब अपने घर में बहू-बेटे के...
फिर भी खुश थी क्योंकि औलाद उसकी थी सर्दियों के मौसम में एक टूटी चारपाई पर, बिल्कुल
बाहर वाले कमरें में एक फटे से कम्बल में सिमटकर माँ लेटी थी!
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और सोच रही थी
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आज बेटे को कहूँगी तेरी माँ को बहुत ठंड लगती है एक नया कम्बल ला दे।। शाम को बेटा घर आया तो माँ ने बोला... बेटा मै बहूत बूढी हो गयी हूँ, शरीर में जान नही है, ठंड सहन नही होती मुझे नया कम्बल ला दे।।
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तो बेटा गुस्से में बोला, इस महीने घर के राशन में और बच्चे के एडमिशन में बहुत खर्चा हो गया! कुछ पैसे है पर तुम्हारी बहू के लिए शॉल लाना है वो बाहर जाती है। तुम तो घर में रहती हो सहन कर सकती हो।। ये सर्दी निकाल लो, अगले साल ला दुंगा।।
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बेटे की बात सुनकर माँ चुपचाप सिमटकर कम्बल में सो गयी अगले सुबह देखा तो माँ इस दुनियाँ में
नही रही... सब रिश्तेदार, पड़ोसी एकत्रित हुए, बेटे ने माँ की अंतिम यात्रा में कोई कमी नही छोड़ी थी।
माँ की बहुत अच्छी अर्थी सजाई थी!
बहुत महंगा शॉल माँ को उढाया था।।
सारी दुनियां अंतिम संस्कार देखकर कह रही थी। हमको भी हर जन्म में भगवान ऐसा ही बेटा मिले!
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मगर उन लोगो को क्या पता था कि मरने के बाद भी एक माँ तडप रही थी।।।
विधि का शासन V/s बेईमानी का बैनामा :-
ReplyDelete.
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दोस्तोँ
कल कोर्ट में जिस बात ने हमें बेचैन कर दिया वह है
सरकार_का_बिशेषाधिकार ,
कोई भी बिशेषाधिकार
मानवाधिकारों को तभी निलम्बित कर सकता है जब
मानवाधिकार सामाजिक संरचना या संतुलन पर प्रहार कर रहे हों,
जबकि हमारे मानवाधिकार तो सामाज और संविधान को सशक्त करने
वाले हैं,
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बेशक हमने खुद को कमजोर महसूस किया है,
मगर कोई भी कमजोरी सत्य
की हार
का पैमाना नहीं होती,
बल्कि यह जीत के लिए मजबूत होकर खड़ा होने
में मदद करती है,
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अगर सरकार के पास बिशेषाधिकार हैं तो क्या हमारे मानवाधिकार
अापराधिक हैं...?
लोकतंत्र
की स्थापना मानवाधिकारों की रक्षा के लिए
की गयी या बिशेषाधिकारों के
हाथों मानवाधिकारों की हत्या करने को...?
क्या नैतिक मानवाधिकारों पर
बिशेषाधिकारों की प्रभाविता ही बिधि का शासन
है...?
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यह सच है कि संविधान एक सर्वोच्च संस्था है जो समाज
को सिद्धान्तों द्वारा निर्देशित करती है,
मगर यह भी सच है कि संविधान में संशोधन
भी होते रहे हैं,
कोई भी संशोधन समाज को अधिकतम संगठित और
संतुलित बनाने के लिए ही किया जाता है,
वह समाज जो संविधान की अधिकतम प्रभाविता और
प्रसंस्करण के लिए समर्पित हो क्या असंवैधानिक है...?
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आखिर टेट मेरिट में ऐसा क्या असंवैधानिक है जिसके लिए सरकार
उसके विरुद्ध अपने बिशेषाधिकार का प्रयोग कर
रही है...!
क्या टेट मेरिट से चयनित अध्यापक
आतंकवादी होगा...?
क्या टेट मेरिट से चयनित अध्यापक अपराध
की शिक्षा देगा...?
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जबकि सच यह है कि टेट मेरिट से चयनित अध्यापक
अपनी अधिकतम ऊर्जा संवैधानिक संवर्द्धन में
प्रयोग करेगा,
मान लिया कि टेट मेरिट हमारा मौलिक अधिकार
नहीं क्योंकि हमारे संविधान में इसका कोई जिक्र
नहीं,
मगर,,,
आदर्श शिक्षा प्राप्त करना बच्चों का मौलिक अधिकार जरूर है,
सिर्फ शिक्षा तो एक साक्षर
अपराधी भी दे सकता है,
क्या उसके द्वारा शिक्षा प्राप्त करने वाले संविधान के रक्षक
होंगे...?
एक आदर्श संविधान एक महान समाज
की गारंटी कभी नहीं रहा है,
मगर एक महान समाज कभी असंवैधानिक
नहीं होता,
देश का या देश के संविधान का भविष्य
वहां की शिक्षा निर्धारित करती है,
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दोस्तो,,,
हमें अपनी जीत सुनिश्चित करने
को अपनी एकता और संघर्ष को और भी मजबूत बनाना होगा !
धन्यवाद !
WRIT 64106/ 2014 SASHIPAL YADAV AND OTHERS ME FEMALE ARAXAN PAR JUDGE BHARTIY SAPRU NE SARKAR SE MAGA JAVAB...KYU GEN FEMALE KI MERIT OBC SE JA RAHI KAM....ye hai araxan niymo ke khilaf aur anuchched 14 aur 16 ka ulanghan..
ReplyDeleteDosto female araxan ko khatm krne ke mamle me ek bda kadam.
64079/2014 CHANCHLA & others me judge bharti sapru ne diya order ki jaha science ki kam merit jaye waha art wale science me kraye counseling...
2no matter me smanta ke adhikar anuchched 14 aur avsar ki smanta ke adhikar anuchched 16 ke ulanghan ka diya gya tha hwala...
dosto 30 nov. Bardari park lko me 12 bje pahuche kyuki suprime court me v ham party bnakar 10 december par dhandhli..male female sci art sambandhi smet sbi muddo par apne wakil ko khada kr krwayege bahas... kyuki female arxan sci art ka araxan bhi khatm hoga aur dhandhli v dur hogi..tet merit par badlna ek tedhi kheer hai magar old add ki kamiya suprime court ke aadesh se dur ho jayegi..aur bharti ke samst rukawate v dur hogi..
filhal uprokt writ no. Dal kr sham tk order jarur padhe ..
ham apne ative female member ko bahar hote nai dekh skte.
DEAR TIGER JI DEORIA DISTT ME KAUN TET REPRESENTATIVE LEADER HAI MUJHE UNKA NO.DEN TAAKI MAI BHI SAHYOG KAR SAKOON BECAUSE MERI 2ND CONCLING ME KUSHINAGAR ME HUA HAI SO PLEASE GIVE ME THE NO.FOR TET MERIT SUPPORT THANK YOU.
ReplyDeletehamare low merit bhaio...agar hum ek jut ho jate hai...aur court me dhandhali ka saboot aachi tarah rakh pate hai....farzi aur invalid ko in karne walo k khilaaf f.I.R..darz kara kar jail bheja jaiga....bharti ..2011 ..vigyapan ko fallow kare....
ReplyDeletejrt se proffesional wale bahar ho...tabhi ye bharti sambhav hai...kyoki yah bharti visay visesh ki na ki...proff..walo k lea...jo invalid hai...jab tak proff..bhai bahar nahi hoge....tab tak nyay nahi milega....
ReplyDeletetet morche ko women's reservation pr apna stand clear karna chahiye. ki wo fever me ya aginst h.
ReplyDeletejyada khush mat ho bhai. tum logo ne hi ye bharti atkai h.tet merit se to academic merit Sahi ti kam se kam bharti to Sahi ho rahi ti.Aj bharti ka bharta bana diya.jyadatar farg h or Jo Sahi h vo apni counseling ka wait kar rahe h.insaf to upar vala karega. jb uski lati padti h to avaj nahi hoti.
ReplyDelete