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टीईटी काउंसिलिंग में विज्ञान और कला वर्ग की अलग मेरिट असंवैधानिकः हाईकोर्ट
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इलाहाबाद. प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार 825 ट्रेनी टीचरों की काउंसिलिंग में विज्ञान और कला स्नातक में भेद को लेकर यूपी सरकार कटघरे में है। हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता चंचला को, जो कला वर्ग से है, को काउंसिलिंग में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया है।
ट्रेनी टीचरों की यह भर्ती यूपी बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 के अनुसार हो रही है। इसमें योग्यता केवल स्नातक है न कि स्नातक विज्ञान या कला। इसके अलावा यह भर्ती केवल टीईटी परीक्षा-2011 में प्राप्त अंकों के आधार पर हो रही है। टीईटी परीक्षा 2011 में कला स्नातक और विज्ञान स्नातक के लिए अलग-अलग प्रश्नपत्र नहीं थे। केवल एक ही प्रश्नपत्र था। इस लिए चयन में कला और विज्ञान वर्ग की अलग-अलग मेरिट बनाना अवैधानिक है।
कोर्ट ने आदेश में यह कहा है कि याचिकाकर्ता के टीईटी परीक्षा में 91 अंक हैं। इसे काउंसिलिंग में सम्मिलित कराया जाए। क्योंकि याचिका में यह बताया गया था कि याचिकाकर्ता ओबीसी/महिला/कला वर्ग में आती है और उसकी इसलिए काउंसिलिंग नहीं कराई जा रही है कि वह विज्ञान वर्ग में स्नातक नहीं है।
इस तरह आई कानूनी अड़चन
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संवर्ग बदले जाने से कानूनी अड़चन आ सकती है इसका अंदेशा पहले ही था। क्योंकि नवंबर 2011 में जारी शासनादेश में कला और विज्ञान वर्ग को अलग किए जाने संबंधी ऐसा कोई जिक्र नहीं था। उसमें सिर्फ स्नातक के साथ बीएड और टीईटी अर्हता थी। अब ढाई साल बाद अर्हता बदले जाने से हजारों आवेदक काउंसिलिंग को लेकर परेशान हैं
News Sabhaar : Denik Bhaskar (dainikbhaskar.com | Nov 27, 2014, 21:49PM IST)
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ReplyDeleteSo sad...
ReplyDeleteReally so sad...
ReplyDeleteYe shuru me kahan chali gayi thi
ReplyDeleteKabar mai thi...
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DeleteAap kya apni family ke kabar me mera sath thi
Delete91 no lekar hona jana kuch nahi
ReplyDeleteBas time pass kr rahi hai
Really yar pagal kr diya