33690 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ
Note : 2 Tarh Kee Bhrteeyan Hotee Hain -
1. Outsource/ Placement Agency Ke Jareeye Theke Par, Jismen Niyoktaa Placement Agency Hotee Hai Aur Vahee Salary Detee Hai, Placement Agency Ka Employee Sirf Sarkar Ke Liye Kaam Kartaa Hai Magar Usko Vetan Placement Agency Deteee Hai
Court Ne Inko Sarkaree Bhrteeyon Mein Age, Bonus Marks Kee Choot Mein Koee Raha Nahin Dee Hai, Kyunki Inka Control Direct Sarkar Ke Pass Nahin Hai
Vaheen
2. Shiksha Sahayak , Vidhyatrthee Mitra Va Para Teacher - Ye Sarkari Schools Mein Contract Teachers Ke Roop Mein Kaam Karte Hain.
Aur Inko Age , Bonus Marks Mein Rajasthan High Court Ne Sahee Thehrayaa Hai
जयपुर. हाईकोर्ट ने 33690 शिक्षा सहायक पदों की भर्ती के मामले में सरकार के नियमों को सही मानते हुए भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने सरकार को कहा है कि पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू करें। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुनील अंबवानी व न्यायाधीश वीएस सिराधना की खंडपीठ ने यह आदेश बुधवार को अतर सिंह गुर्जर सहित करीब 1800 याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया।
याचिकाओं में कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रेरक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, निजी स्कूलों के शिक्षक, नोडल प्रेरक व प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए नियुक्त कर्मियों ने राजस्थान शिक्षा सहायक नियम 2013 के नियम 15 व 25 की वैधानिकता और आयु सीमा में छूट व अनुभव के बोनस अंक नहीं देने को चुनौती दी थी। याचिकाओं में कहा था कि उन्हें भी विद्यार्थी मित्र, शिक्षा सहयोगी व पैरा टीचर के समान आयु सीमा में छूट व अनुभव के बोनस अंक दिए जाएं।
कोर्ट ने इन याचिकाओं पर 28 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। याचिकाओं में कहा था कि प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए कार्यरत कर्मचारियों, कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रेरक, केयर गिवर, कस्तूरबा गांधी छात्रावास के कर्मचारियों व निजी संस्थान में काम करने वालों को अनुभव और बोनस अंक का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
विद्यार्थी मित्र व लोक जंुबिश के तहत काम करने वालों को उम्र में छूट व बोनस अंक दिए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार के अधीन सीधे काम करने वालों का नियंत्रण व सुपरवीजन सरकार के पास है, जबकि याचिकाकर्ता सरकार के न अधीन है और न उनका सुपरवीजन सरकार के पास है।
2013 में शुरू हुई भर्ती
प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय ने 30 मई 2013 को शिक्षा सहायक के 33690 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की, जून 2013 में याचिकाएं दायर हुई थीं। इन कर्मचारियों को स्कूल में दाखिले के लिए लोगों को प्रेरित करना, स्कूल बीच में ही छोड़ चुके बच्चों की ट्रेकिंग, मिड डे मील वितरण, अनुशासन, सफाई व सहश्ौक्षणिक गतिविधि संचालन आदि के लिए भर्ती किया जाना था।
भर्ती में विषय वर्ग विभेद को कोर्ट ने पाया संविधान के अनुच्छेद 14 का उलंघन।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाराणसी की निवासी चंचला गुप्ता ने विज्ञान की मेरिट कला वर्ग से कम जाने पर तथा कुछ जिलों में अधिक जाने पर मौजूदा प्रक्रिया पर सवाल उठाया तथा संविधान के अनुच्छेद 14 का उलंघन बताया।
याची के वकील अग्निहोत्री त्रिपाठी और अनिल सिंह विसेन ने माननीय कोर्ट को बताया कि मेरी याची ने टीईटी की परीक्षा विज्ञान वर्ग की परीक्षा के समान की उत्तीर्ण की है अर्थात चयन परीक्षा में कोई विषय वर्ग विभेद नहीं था ।
अतः चयन में कला-विज्ञान वर्ग के बीच विभेद समानता के अधिकार का उलंघन है।
कोर्ट ने याची को उससे कम विज्ञान अथवा कला किसी भी उससे कम कटऑफ़ वाले जिले में काउंसिलिंग में प्रतिभाग हेतु राहत प्रदान की तथा सरकार से एक महीने में जवाब दाखिल करने को कहा ।
आरक्षित वर्ग के हितों की अनदेखी का आरोप ।
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वाराणसी के शशिकांत यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार पर शिक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया में ओबीसी की अनदेखी का मामला उठाया।
याची के वकील अग्निहोत्री त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ओबीसी की मेरिट अनारक्षित से अधिक जा रही है जिसका कारण अनारक्षित रिक्तियों का आरक्षित हितों की अनदेखी करके कई भागों में विभाजन है ।
जबकि विज्ञापन में वर्णित है कि विशेष परिस्थिति में महिला, पुरुष, कला, विज्ञान एवं शिक्षामित्रों का विभेद न करते हुये मात्र आरक्षण का ध्यान रखते हुये टीईटी के अंकों को मेरिट बनाकर भर्ती की जायेगी।
इस विषय को संज्ञान में लेते हुये माननीय न्यायालय ने एक महीने के अंदर सरकार को जवाब दाखिल करने का समय दिया।
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इस प्रकार यह देखने वाली बात होगी कि सरकार ओबीसी के हितों की रक्षा किस प्रकार करेगी।
"कश्मीर' शब्द का जिक्र सुनते ही मस्तिष्क की नसें, सजग हो जाती हैं और टेंस भी. तुरंत ही एक बने बनाए विचार प्रकोष्ठ में हमारी सोच कैद हो जाती है...या तो पक्ष में या विपक्ष में. खुल कर इस समस्या पर सोचने की कोई कोशिश ही नहीं करता.. हमारी हमदर्दी विस्थापित कश्मीर में रहनेवाले सामान्य जीवन गुजारने से वंचित लोगो के साथ है !
ReplyDeletePlz koi mujhe bataye ki b.sc biotech wale lt grade vaccancy me biology k liye eligible h ya nhi according to lt grade vaccancy bio k liye zoology or botany se b.sc hona chahiye jabki mere pass botany or biotech tha. Kya mai iske liye eligible hu.
ReplyDeleteKoi bhi bio ka studend ho to plz bataye..
ReplyDeleteEk paper zoology se pass kya hona chahiye
Deleteआखिर क्या हो गया हमारे देश के कानून को इस भर्ती में शिक्षामित्रों के स्थान का कस्तूरबा वाले, ८३ वाला शिक्षामित्र चयनित, ४५ प्रतिशत, पी जी, दूरस्थ न जाने कितने मुद्दे भर्ती से जुड़ गए !
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ReplyDeleteविज्ञान कला में अलग मेरिट लिस्ट को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती
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कोर्ट ने राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
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माँगा जवाब ---------------
मेरे नास्तिक होने के बाद हुए फायदों की लिस्ट.
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1- किसी भूत प्रेत, पीपल बरगद से डर नहीं लगता।
2-सांप बिच्छू तक से डर ख़त्म हो गया है प्यार बढ़ गया है।
3- पूजा पाठ- कथा प्रवचन में चवन्नी खर्च नहीं होती।
4- गाय और कुत्ते पर एक समान प्यार आता है।
5- अपने किये अच्छे काम का क्रेडिट खुद लेता हूँ और गलती को हरि इच्छा न मान कर आगे दोहराने से परहेज करता हूँ।
6- बिल्ली या नेवले के रास्ता काट जाने पर, घर से निकलते ही छींक आने पर या खाली बाल्टी देख कर वापस नहीं लौटना पड़ता।
7- किसी कार्य की संभावित सफलता के लिए किसी देवी देवता को तेल लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।
8- गंदगी से भरे नदी में नहाने की मजबूरी नहीं झेलनी पड़ती।
9- कोई भी शुभ काम शुरू करने के लिए सत्य नारायण की कथा सुनके अनुमति नहीं लेनी पड़ती।
10- नरक में जाने के डर से हर चबूतरे, देवोत्थान, लाल झंडा लगाए जगह पर सर नहीं झुकाना पड़ता।
11- 11, 21, 51 जैसी शुभ संख्याओं से कुछ लेना लादना नहीं।
सुब्बे सुब्बे अखबार में राशिफल देख कर अपने दिन का शेड्यूल नहीं बनाना पड़ता।
13- ज़िन्दगी मस्ती से कट रही है छोटी छोटी खुशियों में बड़ा बड़ा मजा लेते हुए।
एक और सबसे ख़ास
14- किसी को भी जाति, लिंग, नागरिकता, रंग, क्षेत्र, अमीरी गरीबी के आधार पर अलग नहीं समझता। इंसान को सिर्फ इंसान समझता हूँ
क्योकि इस संसार मे मेरे हिसाब से दो ही जातियां है एक महिला और दूसरा पुरुष !
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नुकसान :-
सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि मेरे स्वर्ग का टिकट कैंसिल हो गया और उसी के साथ 72 हूरों का जुगाड़ भी ख़त्म।
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(मैं किसी को सहमत असहमत होने के लिए नहीं कहता बस यही मेरा लाइफ स्टाइल है )
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ग
ज
रे
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वा
ली
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दुश्मन भी सामने आने से डरते है मेरे. . . . .
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और तू भी पगली.. . . .
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मोहब्बत मे मुझे कमीना/गधा/नालायक/ बोलकर चली गई....
Vinay ji mai apki bat samjhi ni thoda details batayege plz.
ReplyDeleteActually maine b.sc m.p se kiya hai or mere pass teeno year botany or biotech k paper hi the.
ReplyDeleteB.Sc.m Ek paper zoology hona jaruri h.if not then ur r not eligible. sorry
DeleteThanks vinay
Delete"शबे-फ़िराक़ के तारों गवाह रहना तुम ,
ReplyDeleteज़माना नींद में है और जागता हूँ मैं...!"
शुभ नाइट NINETY 8
Zindagi shaam se pehle hi agar
ReplyDeletethak jaye,
Khawb ankhon mein jo paltey hain
kidar jayenge..
ReplyDeleteWhatever is written in your Destiny ...
Will never change... no matter how much u try....
So, in Bhagwad geeta- Shri Krishna Says:
"Tu karta wohi hai
Jo tu chahata hai,
Par hota wohi hai
jo mai chahata hu !
Tu kar woh jo mai Chahata hu ....
Fir hoga woh jo tu chahta hai...
..^..
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\ |,
,,; ',
Good night everyone except....
Wah kya baat h. .. Dolly
DeleteKhawabo ke kab kaha koi dhikane hote hai, Yeh to chal date he jidhar afsane hote hai.
ReplyDeleteKya baat..kya baat..kya baat...wah!
DeleteVry nice dolly n rajan...dolly g ap apni post me except qu likhte ho har bar..kya meaning hai iska
ReplyDeleteIska matlb ye hai ki koi ek hi aisa banda hai yaha pr jise mai na to Gd mrng bolti hu or na hi Gd nt....bcoz according to him I m a person who shifts loyalties as per my suitability or u can say just like a rolling stone...
DeleteDolly ji khi vo mai to nhi
ReplyDeleteNahi Piyush ji aap bhi Kaisi baate krte ho..
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