सहायक अध्यापक भर्ती मामले में कोर्ट ने दिया निर्देश
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्राथमिक विद्यालयों मेें 72825 प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी काउंसलिंग में कला वर्ग की टीईटी उत्तीर्ण छात्रों को भी शामिल करने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। अभ्यर्थी चंचला को टीईटी में 91 अंक प्राप्त हुए हैं। उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर विज्ञान और कला वर्ग की अलग-अलग मेरिट बनाने को चुनौती दी है।
अधिवक्ता अनिल बिसेन और अग्निहोत्री कुमार ने पक्ष रखते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक ) नियमावली में चयन की योग्यता मात्र स्नातक है। इसमें विज्ञान स्नातक या कला स्नातक का भेद नहीं है। टीईटी परीक्षा में भी विज्ञान और कला वर्ग के अलग-अलग प्रश्नपत्र नहीं थे।
इसलिए चयन में विज्ञान और कला की अलग-अलग मेरिट बनाना गलत है। याची ओबीसी वर्ग की है और उसे टीईटी परीक्षा में 91 अंक प्राप्त हुए हैं। कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए याची को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि उसका चयन याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा।
शुभ प्रभात साथियों,
ReplyDelete.
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गत 25-26 को tet संघर्ष मोर्चा ने विषम परिस्थति में अपनी एकता को दिखाते हुए सत्य और न्याय के लिये अपने समर्पण को सिद्व कर दिया हे । इसके लिये हमारे सभी लोगो कि कोटि कोटि प्रसंशा ।
ऐसी विषम स्थिति में हम सबने हमारे दिल्ली में उपस्थित साथियों को जिस गति से वकीलों कि फीस मुहैय्या कराई वो एक मिसाल हे,आर्थिक सहयोग करने वाले सभी साथी तो प्रसंशा के पात्र हें ही साथ ही दिल्ली में उपस्थित टीम या जिन्होंने किसी भी जोखिम कि परवाह किये बिना अपने a/c या atm उपलब्ध कराये,यथा -
ReplyDelete1-अनील कुमार जी बागपत
2-अनील बर्मा जी
3-अनील कुन्दु जी
4-विजय तोमर जी
5-एस. के.पाठक जी
6-नीतीन मेहता जी
7-अवनीश यादव जी
आप सभी को हम सभी कि ओर से विशेष अभिनन्दन और धन्यवाद ।
आपका सहयोग अतुलनीय है ।
मित्रों,
ReplyDeleteहमारा संगठन औरों के लिये नजीर बन गया हे,ये सब हमारे समर्पण,कर्मठता,एकता और आपसी विश्वास को दर्शाता हे कि 15-16 घंटे के अल्प समय में हमने वकीलों कि लाखों कि फीस को पहुँचा दिया ।
हमारे इसी विश्वास और पारदर्शीता को चिरकालिक रखने हेतु हम सबने निर्णय लिया हे कि 29 dec. को लखनऊ में होनेवाली प्रदेश स्तरीय मिटिंग में हम आय व्यय का आकलन कर सभी साथियों को विदित कर देंगे जिससे कि पारदर्शीता और विश्वास स्थिर रहे और ज़रूरत होने पर सहयोग बना रहे ।
ReplyDeleteइसके लिये उक्त विदित सभी साथियों से आग्रह हे कि वो 29 कि मीटिंग में अपने साथ a/c कि डीटेल्स,ओरिजिनल पासबुक,नगद प्राप्ति का ब्यौरा और व्यय का ब्यौरा लेते आयें जिससे आय व्यय का आकलन कर आगे कि रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके । उक्त सभी साथियों कि उपस्थिति उस दिन अतिअपेक्षित हे चूँकि हमें आगे कि रणनीति उसी दिन बना तुरंत ही 10 dec कि हियरिंग कि तैयारी कर लेनी हे,चूँकि समय कम है।
26 का ऑर्डर आ गया हे जिसका अध्ययन हमारी कोर टीम ने किया,इसमें सभी पक्षों से लिखित आख्या और कानूनी समस्याओं पर सॉलिसीटर जनरल और ncte के अधिवक्ता से उनकी सलाह और clarrification देने को कहा हे,इसके और अधिक पहलुओं पर 29 कि मीटिंग में और अपने अधिवक्ताओं से चर्चा करेंगे तब आपको विस्तृत जानकारी मिलेगी ।
ReplyDeleteअब आने वाले समय में सभी लोग विशेष सतर्क और संगठित रहें,अफवाहों और नकारात्मक विचारों से दूर रहें,
ईश्वर पर आस्था रखते हुए सत्य और न्याय के कर्म पथ पर आगे बढ़ते रहें ।
कितनी भी बड़ी चुनौती हो पर हम विजेता थे और सदैव रहेंगे ।
एक हो विरोधियों को मुँह तोड़ जवाब देते रहें,
ईश्वर इनका अंत जल्दी ही करने वाला हे ।
सन्घेय शक्ति सर्वदा ।
जय हिन्द जय tet । ।
टीईटी योद्धाओं,
ReplyDelete.
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कुछ गधे रेंक रहे हैं कि टीईटी मेरिट खतरे में है..
हाईकोर्ट से लगाकर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के चीफ जस्टिस भाँग खाकर आदेश नहीं देते... विधि के नियमों व संविधान पर भरोसा रखें चाहे किसी व्यक्ति पर रखें या न रखें...
एनसीटीई ने अपने अधिकार क्षेत्र का अधिकतम उपयोग किया तथा राज्यों में टीईटी लागू करवा दिया... राज्य ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए अध्यापक मानक परीक्षा में अर्जित अंक को चयन का मानक बना दिया... अब एनसीटीई के अधिकार क्षेत्र का हनन हुआ या राज्य ने एनसीटीई के नियम का उल्लंघन किया?? आप सोचें...
कोई भी कोर्ट टीईटी मेरिट को गलत और असंवैधानिक नहीं कह सकती बल्कि मेरा दावा है कि कोर्ट इस सेलेक्शन क्राइटेरिया की प्रशंसा ही करेगी...
यदि जरूरत समझ में आए तो संगठन पूर्व की भाँति इमानदारी पूर्वक सर्वश्रेष्ठ संविधानविद को खड़ा कर सकता है...
पर यदि कोई गधा यह स्वप्न देखता है कि 72825 में कोई और मेरिट बन सकती है या टीईटी मेरिट पर कोई खतरा है तो उससे बड़ा...._____....इस धरती पर नहीं है...
॥जय हिंद॥
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ReplyDelete.
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ग
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Apne Hathon Mein Duaon Ki Tarah Utha Loon Tum Ko...!!!
Jo Mil Jao To Kisi Khazane Ki Tarah Sambhaloon Tum Ko...!!!
वर्तमान समय में एक अजीबोगरीब समस्या हमारे सामने खड़ी हो गयी है जिससे आप सभी अवगत हैं कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनपर शायद किसी ने ध्यान नहीं दिया है. समस्या ये है कि जिस मा० जज महोदय ने हमारी SLP ग्रांट कि थी और अंतिरम आदेश दिया था, उनकी उपस्थिति के बाद भी हमारा केस दूसरी बेंच में कैसे चला गया. इस तथ्य पर विचार-विमर्ष चल रहा है और उम्मीद है कि समाधान भी मिल जायेगा.
ReplyDeleteअभी तक जो भी घटनाएँ हुई हैं उनपर मैं अपनी पूरी नज़र बनाये हुए हैं एवं अधिवक्ता श्री विपुल महेश्वरी जी, श्री प्रशांत शुक्ल जी, AOR आभा शर्मा जी, से लगातार संपर्क में हूँ तथा उन्ही लोगों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अन्य साथियो से आपस में बातचीत कर निर्णय लिए हैं इसी परिपेक्ष्य में जीतेन्द्र भाई पिछली दो सुनवाई में दिल्ली उपस्थित रहे हैं.
ReplyDeleteGudmrng frnds
ReplyDeleteआप लोगो की संतुन्ष्टि के लिए स्पष्ट कर रहा हूँ कि परेशान होने की जरूरत नहीं है,,,,, समस्या के साथ- साथ समाधान भी आता है.
ReplyDelete.
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26 की सुनवाई की बहस में विवाद के दो विषय सामने आये है जिनपर 10-दिसंबर को सुनवाई होनी है
1. क्या टेट मेरिट से नियुक्ति हो सकती है ...., स्पष्टीकरण देने केलिए NCTE को पार्टी बनाया गया है,
ReplyDelete2. क्या स्टेट के पास पॉवर है कि नियुक्ति से पहले, सर्विस रूल में संशोधन करके किसी चयन प्रक्रिया में कोई परवर्तन कर सकती है या नहीं,,,,,?
इन दोनों बिंदुओं को लेकर सभी टेट मेरिट समर्थक परेशान है इस विषय में स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह कोई नयी समस्या नहीं है, इसको हमलोग मा० हाईकोर्ट की SB, DB, तथा मा० सुप्रीमकोर्ट की मा० एच.एल. दत्तू साहब की पीठ में अपने पक्ष में सही सिद्ध करते आये है, और इस संधर्भ में हमारे पास सुप्रीमकोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए कई आदेश उपलब्ध हैं. इसके अतिरिक्त NCTE की अधिकार सीमा, उ०प्र० सरकार के अधिकार एवं विज्ञापन में आवेदित हम सभी आवेदकों के अधिकारों की विस्तृत व्याख्या हमारे अधिवक्ताओं द्वारा ससक्त तरीके से मा० कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर चुके हैं और आगे भी करेंगे. हमने अब तक अपना केस संगठित होकर केस की मेरिट के आधार पर जीता है न कि किसी के दया पर.
ReplyDeleteमित्रों 10-दिसंबर को अंतिम सुनवाई होगी, जिसमे नॉन-टेट और सरकार का पक्ष सुनने बाद हमें मौका मिलेगा. हमें इसके लिए मानसिक और आर्थिक रूप से सहयोग के लिए तैयार रहना होगा. पूर्व की भांति इसबार भी जीतेन्द्र भाई के बैंक खाता में पारदर्शी तरीके से आर्थिक सहयोग लिया जायेगा. सभी सक्रीय जिला प्रतिनिधियों एवं सक्रीय सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा है.
ReplyDeleteइलाहाबाद के सभी टेट मेरिट समर्थकों को सूचित किया जाता है 10-दिसंबर की सुनवाई के सन्दर्भ में विचार-विमर्श एवं आर्थिक सहयोग हेतु, 30/11/2014 को 10-बजे मुस्लिम होस्टल में मीटिंग आहूत की गयी है. सभी साथी अपनी उपस्थित सुनश्चित करें.
ReplyDeleteअतः शीघ्र ही आप सभी मित्रों को सुप्रीमकोर्ट में अगली सुनवाई और उसकी रणनीति के वारे में आप सभी को अवगत कराया जायेगा.
ReplyDeleteधन्यवाद.
सत्यमेव जयते.
खौफ और खून हमेशा आँखों में रखो...!क्यूंकि...हथियारों से
ReplyDeleteसिर्फ दुश्मनों की हड्डिया टूटती है
होसले नही..
अब रोज 16 या 17 कमेँट के बाद हम नीचे नही मिलेंगे हम उसी न्यूज के अगले पेज पर मिलेंगे !
ReplyDeleteयानी नीचे जाने की जरूरत नही है बस पेज को बदलना पड़ेगा !
मै समझता हूँ कि आप मेरी बात समझ गये होंगे ।
धन्यवाद !
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ReplyDelete.
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Yaha pr drama kr rahe ho kya
Deleteखौफ और खून हमेशा आँखों में रखो...!क्यूंकि...हथियारों से
ReplyDeleteसिर्फ दुश्मनों की हड्डिया टूटती है
होसले नही..
Gudmrng frnds
ReplyDeletewomen's reservation pr bhi morche ko apna stand clear krarna hoga
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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Itni lambi post!!!!...but..I like it..n I understand wht do u want to say sir.
Deletekya sir g ..itna lamba majaaakkkkkkk....
ReplyDeleteमजाक तो अपनी खुद की जिंदगी ही बनकर रह गई है दोस्त !
ReplyDeleteमुझे पोस्ट करने मे कुछ परेशानी हो रही थी जिसके चलते मैने ऐसा किया और जिसके बारे मे पहले ही लिख चुका हूँ जिससे आप लोगों को मजाक न लगे !
धन्यवाद !
72,825 शिक्षक भर्ती: कोर्ट का एक और आदेश जारी
ReplyDeleteअमर उजाला, इलाहाबाद
अलग-अलग मेरिट बनाना गलत
प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी काउंसलिंग में कला वर्ग की टीईटी उत्तीर्ण छात्रों को भी शामिल करने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। अभ्यर्थी चंचला को टीईटी में 91 अंक प्राप्त हुए हैं। उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर विज्ञान और कला वर्ग की अलग-अलग मेरिट बनाने को चुनौती दी है।
अधिवक्ता अनिल बिसेन और अग्निहोत्री कुमार ने पक्ष रखते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक ) नियमावली में चयन की योग्यता मात्र स्नातक है। इसमें विज्ञान स्नातक या कला स्नातक का भेद नहीं है।
टीईटी परीक्षा में भी विज्ञान और कला वर्ग के अलग-अलग प्रश्नपत्र नहीं थे। इसलिए चयन में विज्ञान और कला की अलग-अलग मेरिट बनाना गलत है।
याची ओबीसी वर्ग की है और उसे टीईटी परीक्षा में 91 अंक प्राप्त हुए हैं। कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए याची को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि उसका चयन याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा।
जो लोग रोज मन्दिर जाते हैं, भगवान को याद करते हैं,
ReplyDeleteयह भी ध्यान रखें कि...
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कभी गलती से भगवान ने याद कर लिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आ गया है । आप लोगो ने देख लिया होगा । मुझे जितना समझ में आया उसके हिसाब से हमे एक बार फिर पूरा जोर लगाना होगा अपने पक्ष में फाइनल ऑर्डर के लिए । ऑर्डर में जो मुख्य बाते है वो इस तरह है -
ReplyDelete1- ncte और सोलिसिटर जनरल को हमारे मुद्दे में बहुत सी बाते समझने के लिए बुलाया गया है क्योकि हमारी भर्ती rte कानून से जुडी हुई है ।
2- इस ऑर्डर का सबसे महत्वपूर्ण भाग यही है । इसमें जज साहब पूरे मुद्दे को एक बार फिर से समझने की कोसिस कर रहे है और उसे कानून की की कसौटी पर परख रहे है । यही बात हमे खटक रही है क्योकि एक बार हमे अंतरिम राहत मिलने के बाद फिर से हमे वो सब बहस फिर से करवानी है जो आज तक पिछले 3 साल में हुआ । इसके लिए टेट मोर्चे को जल्द से जल्द सीनियर वकील को ब्रीफ करके पूरा केस समझाना होगा । जिससे उन्हें इस 3 साल में घटे पूरे घटनाक्रम को समझने का मौका मिले । 26 तारीख में हुई बहस में db में पारित हर्कौली जी का स्टे ऑर्डर हमारे लिए राम बाण साबित हो सकता है । क्योकि उसमे उसी बात को कहा गया है जो जज साहब समझने की कोसिस कर रहे थे । जज साहब इस केस को केवल कानून के चश्मे से देख रहे है । बहस के समय हमारे वकीलों को इस भर्ती के पोलिटिकल पार्ट को भी उजागर करना होगा । जज साहब को हमे ये भी बताना होगा की उस समय की सभी भर्तियो की यही दुर्दशा है । धाधली का रोना रोने वाली सरकार आजतक संजय मोहन के खिलाफ चार्ज शीट तक नही दाखिल की । प्रभा त्रिपाठी को जिस आरोप के कारण 3 साल पहले डिमोसन दिया गया था आज फिर वो उसी पद पर विराजमान है । इस मुद्दे पर विस्तार से और चर्चा अलग पोस्ट में करूँगा ।
3- राम प्रकाश का नान टेट का मुद्दा हमसे अलग कर दिया गया है और उसका केस 11 को लगा है जबकि हमारा 10 दिसम्बर को ।
4- हमारे लिए सबसे अचम्भे वाली बात है कि कोर्ट ने अंतरिम आदेश के पालन न करने की बात पर सरकार से कोई जवाब तलब नहीं किया है ।
मित्रो एकजुट होकर सीनियर अग्रेसिव वकील द्वारा अपने मुद्दे पर पूरा जोर लगाना है जिससे रामनानी और दिवेदी की जुगलबंदी को नेस्तनाबूद किया जा सके । मुझे जितना समझ में आया मैंने इस ऑर्डर के बारे में बताया है । यदि कही मुझसे समझने में गलती हुई हो तो क्षमा चाहूँगा । अगर आप ऑर्डर के बारे में और समझना चाहते है तो फिर टेट मोर्चे की मीटिंग में पधारे ।
ReplyDeleteधन्यवाद
koi lt grade merit k baare me kuch janta h?aaj publish hogi kya?
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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उस जीवन के वचन
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"पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए। पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है॥''
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1 तीमुथियुस 6:6-10
समय की आग में जो भी जला है |
ReplyDeleteउसीकी आँख में इक ज़लज़ला है ||
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समय आख़िर किसी का कब टला है ?
यही जीवन मरण का सिलसिला है ||
हमारा मान लेने पर तुला है |
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कहाँ का दूध का तू भी धुला है ?
परिंदा आसमाँ में उड़ चला है |
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शिकारी साज़िशों में मुब्तला है ||
तुम्हारे शहर के अमृत से अच्छा |
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हमारे गावँ का पानी भला है ||
जो दिल से काम लेते हैं उन्हें तो |
सदा ही भावनाओं ने छला है ||
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ख़ुदा क्या ख़ुद को भी मैं भूल बैठा |
अरे ये इश्क़ देखो क्या बला है ||
चुराके दिल दिखाओ पारसाई |
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हमें बस आपसे ये ही गिला है ||
मेरी बन्दूक हो कांधा तुम्हारा |
यही तो आज जीने की कला है ||
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वफ़ा के नाम पर हम जान दे दें |
हमें तो ये विरासत में मिला है ||
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मुसलसल लहर टकराती है देखो |
नहीं साहिल हिलाए से हिला है ||
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मेरा तो नाम तक भी भूल बैठा |
मगर ग़ैरों से क़ाफ़िर जा मिला है ||
Jo mit ke bhi na mit paye jaha me,
DeleteWohi to pyar ka ek silsila hai!!!
This comment has been removed by the author.
Deleteदोस्तोँ अब हम चलते हैं अब हम दोपहर बाद मिलेंगे हमे और भी काम हैं अपडेट के अलावा तब तक के लिए अलविदा !
ReplyDeleteआपका दिन शुभ हो !
LT GRADE TEACHER KA RESULT AAJ NAHIN AAYEGAA,
ReplyDeleteDATA FEEDING MEIN DEREE KE CHALTE ABHEE TIME LAGEGAA
Gud Evng Frndz..
ReplyDelete--LT Grade Bharti me Moradabad JD Office jane par jankari mili ki 28 ko Cut-off nhi aane wali..Work load bahut jyada hone k kaaran December last tak aane ki ummid hai..Kaam joro shoro se chal rha hai..Ek room me forms ki subject n categorywise chatni chal rhi hai aur dusre room me unki feeding chal rhi hai..Lagbhag 1 lakh n 50 thousand k aas paas forms aaye hain..
--LT Grade bharti me Counselling k waqt Original Documents jma nhi honge, sirf photo copy se Verify karne k baad usi waqt waapas kar diye jayenge..
Good evening???
DeleteHelp ji Lagta hai ab apko doctor ki "help" leni hogi...
--Allahabad Mandal me abhi Feeding hi shuru nhi ki gayi..
ReplyDeletetiget ji sunne me aa raha hai ki farji log apne aavedan diet se wapas le rahe hai kya ye sahi hai
ReplyDeleteGumraha karne vaalee kisee site par na jayen, Seedhee Baat Abhee LT Grade Teacher Bhrtee ka result nahin aayaa hai
ReplyDeleteUP LT Grade Teacher Merit List 2014 Cut Off District Wise
State Government of Uttar Pradesh published 6645 posts LT Grade teachers merit list 2014. All candidates can check LT Grade Merit list and cut off district or Mandal wise online.
UP LT Grade Teacher Merit List 2014 Mandal Wise | Cut Off Marks
The State Government of Uttar Pradesh is going to be published 6645 Posts of Assistant Teacher in LT Grade UP Senior Secondary Schools, UP Rajkiya Government Inter College LT Grade B.Ed Teachers very soon. The cut off marks and merit list of LT Grade teachers would be announced in the month of November 2014 last week. The Government of Uttar Pradesh has been announced the notification for filling the posts of the LT Grade Teacher Recruitment for Government Inter college (GIC) and Government Girls inter colleges (GGIC) of uttar pradesh. There are total 6645 Posts available for various Subjects as Hindi, Sanskrit, Urdu, English, Maths–Science, Biology, General Study, Commerce, Art, Agriculture, Physical Education and Social Science. A large number of interested and eligible candidates have been submitted their application form. All those candidates are waiting for releasing the cut off marks and merit list. The original cut off marks will be published officially very soon on its official website.
Important News – UP 6645 Posts LT Grade GIC / GGIC TGT original Cut off Merit list (Male/ Female and Category wise – SC/ST/OBC/GEN) will be publish on 28th November 2014. The Counselling will be start from 5th December 2014 to 15th December 2014. You cna download Appointment Letter for joining from 23-12-2014.
We will provide UP LT Grade Teachers Gunank Method/ Gunank Formula as well as here very soon. Then you can check your Gunank easily.
We are providing expected cut off marks – Male/ Female candidates, all district/ Maldal wise.
Mandal Expected cut off (Male) Expected cut off (Female)
Agra 74 70
Aligarh 75 72
Allahabad 73 70
Azamgarh 72 71
Bareilly 73 72
Basti 74 71
Chitrakoot 74 70
Faizabad 68 76
Gorakhpur 73 74
Jhansi 69 75
Kanpur 72 70
Lucknow 76 68
Meerut 77 70
Mirzapur 72 72
Moradabad 73 75
Saharanpur 73 67
Varanasi 72 70
Devipatan 71 78
The Selection Process is totally based on Merit List. All selected candidates would be called up for Counseling and Final Selection will be based on Merit of the candidate. The Starting Date for Counseling is 15th December 2014 and the Joining Letter will be available from 23 December 2014.
Jhothee Site par yeh Likha Aa Raha Hai :
ReplyDeleteIf any candidates want to take Latest updates regarding UP LT Grade Teacher 2nd Merit List 2014 and Cut Off marks, then you can bookmark this page through “CTRL+D” & check regularly for latest updates. If any candidates have any query or information related to this post, then leave a comment in below the comment box. For more detals you can visit the official website at http://upsessb.org/.
3 Coun. Me selected candidates ki list KB tk ayegi plz tell anybody
ReplyDelete72825 की भर्ती इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों की रखैल बनकर रह गयी है जब जिस जज का मन करता है 72825 के साथ बलात्कार करता है !
ReplyDeleteमाता पिता का एक छोटा सा पैगाम अपने बेटे के नाम -
ReplyDelete1• जिस दिन तुम हमे बूढ़ा देखो तब सब्र करना और हमे समझने कीकोशिश करना...
•2• जब हम कोई बात भूल जाए तो हम पर गुस्सा ना करना और अपना बचपन याद करना...
•3• जब हम बूढ़े होकर चल ना पाए तो हमारा सहारा बनना और अपना पहला कदम याद करना..
•4• जब हम बीमार हो जाए तो वो दिन याद करके हम पर अपने पैसे खर्च करना जब हम तुम्हारी ख्वाहिशे पूरी करने के लिए अपनीख्वाहिशे कुर्बान करते थे...
•5• जब हमारी आँखोंमे आँसू देखना तो वह दिन याद करना , जब तुम रोते थे, तो सीने से लगाकर चुप कराते थे।
•6• जब हम ठंड से ठिठुर रहें हो और गुहार लगा रहें हों तो बिना कोई देर किये हमारे ऊपर रजाई और कम्बल डाल देना औरवह दिन याद करना जब ठंड के दिनों मे पैरों से रजाई नीचे गिरा देते थे और ठंड लगने पर रोते थे तो अपने कलेजे से लगाकर फिर रजाई ओढाते थे।
याद आती हैं २ बातें !
ReplyDelete!!
!!
!!
!!
!!
१) टंडन साहब के कथन - आप नया ऐड लाइए परन्तु अभ्यर्थियों का हित प्रभावित नहीं होना चाहिए |
टंडन साहब बेसिक के मास्टर जज हैं जो की अब सी.जे हैं |
२) भूषन साहब के कथन - इस ऐड से रिलेटेड जो भी समस्याएं हैं उन्हें निस्तारित कर लीजिये क्यूंकि ये ऐड भविष्य में प्रभावी होगा परन्तु अपनी त्रुटियों के साथ |
इस पर वरिष्ठ अधिवकता (नाम नहीं लूंगा) कह दिए की सर फिर इसमें कई साल लग जायेंगे हमारे अभ्यर्थियों में से किसी को अप्पत्ति नहीं है |
अब आप बताएं आज जो उच्च न्यायालय की रिट हैं या जो पड़ रही हैं वो इन्हो जजों की बात की अनदेखी है |
अब तो बात नौकरी के साथ मोर्चे के सम्मान से जुड़ गया है, न्यायालय न्याय करता है यह सार्वभौमिक सत्य है किन्तु कानून की आँख पर बन्धी पट्टी को खोलने हेतु हमेँ न्यूनतम दो वरिष्ठ अधिवक्ताओँ की आवश्यकता है ।
ReplyDeleteभूल जाइए कि हम युगल पीठ एवं वृहद पीठ के विजेता हैँ और याद कीजिए कि टण्डन की बेँच ने हमेँ कैसे उलझाए रखा जबकि सारी बातेँ स्पष्ट थीँ।
न्यायालय दलीलोँ पर न्याय करता है, और हमेँ ऐसे विधि-परिपक्व अधिवक्ताओँ को खड़ा करना है जो न्यायाधीष के समक्ष सच को सच साबित कर सके ।
जो लोग सहयोग करना चाहते हैँ/कर चुके हैँ अपनी टिप्पणी प्रेषित करेँ और अपने स्वविवेक से सहयोग के लिए खाते का चयन करे।
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ReplyDelete.
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ग
ज
रे
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वा
ली
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दुश्मन भी सामने आने से डरते है मेरे. . . . .
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और तू भी पगली.. . . .
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मोहब्बत मे मुझे कमीना/गधा/नालायक/ बोलकर चली गई....
कुछ आवश्यक बातें -.
ReplyDelete.
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मित्रों दो दिन से मेरे इनबाक्स में बहुत लोगों ने आग्रह किया कि मैं पिछली सुनवाई पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करूँ।
मैं सोच रहा था क्या लिखूँ ऐसा क्या नया हो गया जो चारों तरफ़ इतना हाहाकार मचा हुआ है, थोड़ा पीछे पलटकर याद कीजिए जिस दिन से हमारा केस अदालत की चौखट पर आया है उस दिन से एकडमिक वालों ने एक ही राग अलापा है कि टेट सिर्फ एक पात्रता परीक्षा है और जिस दिन से समाजवादी सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखना शुरू किया उसने खुद के अधिकारों की व्यवस्था इस प्रकार से कि है कि वे चाहे तो नियुक्ति के बाद भी नियम बदलकर एकडमिक से भर्ती शुरू करवा सकती है।
यही दो सवाल माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अगली और अंतिम सुनवाई के लिए सुनिश्चित किया गया है।
अब बात करते हैं पहले सवाल की क्या टेट सिर्फ एक पात्रता परीक्षा है? सच बोलूं तो अब हसी आती है इस सवाल पर मुझे नहीं लगता कोई भी ऐसा टेट मेरिट समर्थक होगा जिसके पास इस सवाल का जवाब न हो, सिंगल बेंच से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक कुल नौ जजों के सामने अभी तक इस सवाल को उठाया जा चुका है और मजें की बात सभी नौ के नौ जज इस बात पर एकमत से सहमत हैं कि टेट प्राप्तांक जो कि अध्यापक योग्यता का मानक है उसके आधार पर अगर भर्ती की जाती है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एक सवाल सभी के मन में आता है कि कहीं NCTE के वकील ने यह कह दिया कि टेट सिर्फ एक पात्रता परीक्षा है तो क्या होगा? मैं बताता हूँ कुछ नहीं होगा !
Breaking news.------------farji wale apne document wapas le rahe ;
ReplyDeleteपहली बात तो NCTE का वकील भांग खाकर तो अपनी बात रखेगा नहीं, वे वही कहेगा जो गाइड लाइन में लिखा होगा वो इस बात को नहीं झुठला सकेगा कि गाइड लाइन में स्पष्ट लिखा है कि टेट के प्राप्तांको का वेटेज दिया जाए मैं इस झमेले में नहीं पड़ना चाहता कि उसका अर्थ क्या है, बस मैं अपने विरोधियों के ही बातों को मानते हुए कहना चाहता हूँ कि चलो ठीक है SHOULD मतलब "सकना" होता है, दिमाग झन्ना जाता है इन मूर्खों से तर्क की बात करने में इतनी ही अंग्रेजी अच्छी रही होती तो ये सब बवाल की नौबत ही नहीं आयी होती, हाँ तो मैं यह कह रहा था कि चलो SHOULD का मतलब "सकना" ही होता है तो भी तो इस सकना का सदुपयोग करने का अधिकार माया सरकार के पास था न? इस पर अधिक बोलने के लिए कुछ बचा ही नहीं है यह घिसा पिटा सवाल इतनी बार पूछा जा चुका है कि अभिषेक श्रीवास्तव आँख बंद करके एक सांस में इसका जवाब दे सकते हैं तो यह सवाल का कोई मतलब ही नहीं रह गया है।
ReplyDeleteअब बात करते हैं दूसरे सवाल की यह तो और भी हास्यास्पद सवाल है इसका जवाब देने से पहले मैं पिछले साल हुए दिल्ली गैंग रेप केस का उदाहरण देना चाहता हूँ उस गैंग रेप के बाद केन्द्र सरकार ने रेप के खिलाफ कठोरतम कानून की झड़ी लगाकर रख दिया संसद में सर्व सम्मति से कानून पारित हो गया लेकिन तत्कालीन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने केस के दौरान एक टिप्पणी की थी कि अब केंद्र कितना भी कठोर कानून क्यों न बना दें लेकिन इन आरोपियो पर उस समय का ही कानून लागू होगा जब इन्होंने अपराध किया था, इसका मतलब कि बलात्कार जैसे घिनौने अपराध में भी कोई कानून वापिस जाकर लागू नहीं किया जा सकता तो हम लोग तो अध्यापक बनने के लिए परीक्षा दिये थे उसमें कोई भी नियम अथवा कानून वापिस पिछे जाकर कैसे हमें सजा दे सकता है।
ReplyDeleteकोई भी कानून बनने की पहली शर्त और उसका आधार यही होता है कि वो कानून उस दिन से ही लागू किया जाएगा जिस दिन वो बनेगा चाहे संसद की सर्व शक्तिशाली सरकार हो या विधानसभा की पूर्ण बहुमत वाली शक्तिशाली सरकार वो अपने द्वारा बनाए गए किसी भी कानून को पिछले सरकार द्वारा किये गये निर्णय पर नहीं थोप सकती।
ReplyDeleteअब इससे अधिक मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है, बस मेरा एक छोटा सा आग्रह है हमारे सभी पैरवीकारो से सुनवाई के दौरान जज का मूड भी बहुत मायने रखता है किसी भी प्रकार से जज साहब के सामने इस बात का जिक्र हो जाए कि हमारे विपक्षियों का टेट प्राप्तांक कितना है और हम पक्षकारों का कितना है बस उसके बाद यह केस आईने की तरह साफ़ हो जाएगा। जज साहब को पूरा मामला समझने में एक मिनट का भी समय नहीं लगेगा वे तुरंत समझ जाएंगे कि अगर इस विरोधी पक्ष का प्राप्तांक 120 के आसपास होता तो ये यहाँ याचिका दायर करने की जगह अपनी काउंसलिंग में व्यस्त रहता।
DOST TUMHARA POINT BAHUT HI MAJBOOT HAI.
ReplyDeleteअसल में इस भर्ती में अभी तक पड़ी सभी याचिकाओं के पीछे का यही एकमात्र सच रहा है अब यह निर्णय कोर्ट के उपर छोड़ देना चाहिए कि किसी परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त किये हुए लोग ज्यादा योग्य हैं कि कम अंक प्राप्त किए हुए लोग, बस इसी निर्णय से हमारे खिलाफ पड़ी सभी याचिकाओं का निस्तारण हो जाएगा।
ReplyDeleteधन्यवाद !
Aaaj mere dimag me ye baat baith gayi hai,ab tention lena chod raha hoon,ab bhagwan me yakin aur bhi pakka ho gaya hai.
ReplyDeleteDost ye baaten TET LAWYER KO KAHNI CHAHIYE.
ReplyDeleteइलाहाबाद और लखनऊ हाई कोर्ट के लायक जजों को शिछामिञ केस में दिलचस्पी क्यों नहीं है ? लेकिन जैसे ही कोई 72825 को लेकर हगने/मूतने/खाँसने/छीँकने की परमीश माँगता है, ये लायक जज तुरन्त आरडर देते हैं !
ReplyDeleteलोग अक्सर उस जगह जाते है,
ReplyDeleteजहाँ पे इतिहास होता है, मगर..
हम तो जहाँ भी जाते है,
वहाँ .
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इतिहास बनाके आते है...
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteSale bribe karke judje bane hain.
ReplyDeleteHi dolly how are you? Kya aapki counciling ho chuki hai?
ReplyDeleteI m fine Raj ji..meri counselling to ho chuki hai..
Deleteकुछ लोग लगातार अफवाह उडा रहे हैं कि उच्च न्यायालय ने कला एवं विज्ञान का वर्गीकरण समाप्त कर दिया है।
ReplyDelete.
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भाईयो ऐसा नही है काॅर्ट ने मात्र इसे चुनौति देने वाली लडकी की काऊन्सलिंग कराने
का आदेश दिया है और कहा है कि नियुक्ति अन्तिम आदेश पर निर्भर करेगी।यह आदेश सबके लिए नही है यह आदेश केवल वादी के लिए है।
अब बात करते है सर्वोच्च न्यायालय की.....
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10 दिसम्बर को कुछ भी ऐसा नही होने वाला है कि हमारे अकादमिक बन्धु खुशियां मनाये।जिन बिन्दुओं पर बहस होनी है उन बिन्दुओं पर पहले भी sb db tb में पर्याप्त बहस हो चुकी हैहम पहले भी विजेता थे अब फिर विजेता बनेंगे।लेकिन हमें किसी भी कीमत पर लापरवाही नही बरतनी है।इसी लिए हम इसे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं।हर बात को संजीदगी से लेना और हर अवसर को अंतिम अवसर समझना ही हमारी विजय की निशानी है।
नकरात्मक सोच को अपने पास फटकने न दे।
सत्य हमारे साथ है और जीत सत्य की ही होती है।
थोडा डरना भी जरूरी है क्योकि .
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डर के आगे जीत है.....
आज क ई लोग पूँछ रहे है कि कोर्ट शिक्षा मित्रो के केस पर कुछ फैसला क्यो नही करता ?
ReplyDeleteमित्रों कल जो चंचला महोदया के
ReplyDeleteरिट मैं आदेश आया है आर्ट 91
नम्बर को काउंसलिंग कराने की
जो अनुमति माननीय इलाहबाद
हाई कोर्ट इलाहबाद की माननीय
न्यायाधीश महोदया सप्रू जी ने
दिया है उससे दोनों तरफ हलकान
मचा दिया है।।
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मतलब अब कम अंक पर काउंसलिंग
कराने वाली साइंस महिला
को अब रिप्लेसिंग कराया जा सकता
है।।
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दूसरा खतरा अब कम अंक वाले
आर्ट एवं साइंस वाले पुरुष अभ्यर्थियों
को भी खतरा हो गया है कियोंकि
अब इस आर्डर को बेस बना कर
तमाम अभ्यर्थी उसी तरह आदेश
करायेंगे जिस तरह मयंक यादव
जी ने जूनियर मैं फोटो कॉपी
से काउंसलिंग करने का आदेश
प्राप्त किया है।।
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अब इस G.O. का गला घोंट दिया
गया है इसके रखवाले अब भगवान
के आलावा कोई नहीं ।
मेरी बात खटक सकती है।
लेकिन कृपया कमेन्ट करने
से पूर्व तर्क अवस्य दें
जिससे सभी मार्ग दर्शन हो सके
.
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2- ये है की सुप्रीम कोर्ट मे 26 नवम्बर के आदेश से जो लोग
अपने अपने स्वार्थ निहित पोस्ट
डाल रहे थे वो आये हुए आदेश को
पढ़ लें और सभी को आदेश का भावार्थ बताएं ।।
इस आर्डर मैं केवल हमारे द्वारा उठाये गेर rte act 2009 एवं
लगातार ncte को पार्टी बनाने वाली
बात को ही कहा गया है।
10 को एक पक्ष का मैदान साफ़
ReplyDeleteहोना है जो हारेगा उसके हितों की
रक्षा भी करनी है
निश्चित रहे अगर हो सके तो
टीम को सहयोग करें
अन्यथा मैदान तो किसी भी एक
का साफ़ होना है।।
बाकी सभी का हित हो !
बाकी बाते शाम तक !
जो भी हाई कोर्ट मे रिट डाल
रहा है वो सुप्रीम
कोर्ट मैं डाले तो पेसो का सदपयोग
होगा बाकी आपकी इच्छा
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क्योकि
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" झुठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं ,,
तरक्कीके बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती ।
Breaking news.------------farji wale apne document wapas le rahe ;
ReplyDeleteBreaking news.------------farji wale apne document wapas le rahe ;
ReplyDeleteVery gud news.........
ReplyDeleteSabhi tetians se appeal.
ReplyDelete..
Agar aap SC ke liye support kar rahe hain.
...
Tab kisi ke bhi ACCOUNT me individually paisa na bhejen.
Balki aap apne dist ke sanghatan ke kosh me jama karwayen.
...
Isse us paise ka misuse nahi ho payega
aur aap jis maqsad se paisa bhej rahe hain woh maqsad bhi hasil hoga.
...
Warna soch lijiye paisa lene ko har koi TAYYAR hai. Paisa kisi ko bura nahi lagta.
दत्तू सर ने अन्तरिम आर्डर देने के बाद कभी भी अपने अन्तरिम आर्डर को सर्वमान्य रखने का प्रयास नही किया ।
ReplyDeleteकभी उन्होंने गुड पार्ट बैड पार्ट के मसले पर कपिल तो कभी साधना मिश्रा को हाईकोर्ट भेजा और तो और कन्टेम्पट आफ कोर्ट पर भी सरकार का मौन समर्थन किया ,इतने सारे पेचो के बाद जब कोई दिशानिर्देश जारी करने की कन्दू जी ने प्रे एपलीकेशन दाखिल की तो भी जबम कुछ न बोले तो ऐसा लगा जैसे अन्तरिम आर्डर देने के बाद उन्होंने इस भर्ती को लावारिस छोड दिया हो ।
.....और अब जब उनकी बेंच कोर्ट मे बैठती है तब भी उनके अन्तरिम आर्डर पर कोई दूसरी बेच अन्तिम आर्डर देने जा रही है ....ऐसा कैसे हो रहा है , ये बात सोचने की है ।
....अब दत्तू सर के विचारो के विषय मे जब सोचता हू तो कोई निष्कर्ष नही निकाल पाता हूँ और कुछ चिन्ता बढ जाती है।
पर मुझे पूर्ण भरोसा है कि परमपिता परमेश्वर कभी हमे हमारी खुशियों से जुदा नही कर सकता ।
सत्यमेव जयते।
.
ReplyDelete.
.
.
ग
ज
रे
.
.
वा
ली
.
.
लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जायेगा
तुम्हे अपना बना बैठे जो होगा देखा जायेगा।।
110 जातियां,
ReplyDeleteउप जातियां ओबीसी में शामिल
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वर्ष 2014 के दौरान अब तक 20 राज्यों की मांग पर 110 जातियों और उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में शमिल किया गया है और आठ राज्यों के प्रस्ताव अभी विचाराधीन हैं। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में इस साल 20 राज्यों की मांग पर 110 जातियों और उपजातियों को शामिल किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आठ राज्यों की मांगों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से सात और जम्मू-कश्मीर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से एक परामर्श भी मिला है। गहलोत ने गुंडू सुधारानी के प्रश्न का उत्तर देते हुए इसको गलत बताया कि केवल जाटों को ही अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जाटों के अलावा, वर्ष 2014 के दौरान 101 जातियों और उप जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में शामिल किया गया है।
एक बार उस शहर में..
ReplyDelete.
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वो दोनों मार्केट के एक कोने में सुकून ढूंढते थे। कोना यूं भी उनके लिए मुफीद था क्योंकि वहां एक ही साथ जूस और चाट की दुकान जो थी। चटपटी चाट के साथ जूस और दिल से लेकर दफ्तर की हर बात.. और क्या चाहिए था उन्हें। दोनों उस दुकान पर अक्सर आते थे इसलिए दुकानवाला पहचानने भी लगा था। मुस्कुराकर दोनों का स्वागत करता था। एक दिन बोला कि आप दोनों साथ में बहुत अच्छे लगते हैं। फिर किसी दिन बोला- आप लोग शादी कर लीजिए ना। एक और दिन कहा- कब कर रहे हैं शादी.. दोनों उसके सवाल सुनकर बस मुस्कुरा जाते।
फिर तो दोनों जब भी दुकान पर जाते तो दुकानदार जूस पकड़ाता हुआ ज़रूर पूछ लेता- इन सर्दियों में कर रहे हैं ना..
एक दिन लड़के ने भी मुस्कुराकर जवाब दिया- शादी तो कब की हो चुकी भाई.. इनका एक अदद पति है और मेरी एक पत्नी..
दुकानवाला इस बात को भी शायद मज़ाक ही समझ रहा था या वो ये समझ रहा था कि शायद वो दोनों आपस मे ही पति-पत्नी ही हैं !
Your Faith.Your Love.Your Beauty. Your Truth.
ReplyDeleteis a 100 times more powerful than any doubt.
माना की पुरुष /महिला आरक्षण इस
ReplyDeleteभर्ती ७२८२५ में ख़तम नही हो सकता ?
लेकिन
उदाहरण - १- कस्तूरबा का go में कही जिक्र
नहीं वो भी अन्दर
२- सभी सत्रों में ४५ % स्नातक go के अनुसार
नहीं वो भी अन्दर
३- pg का कही जिक्र नहीं वो भी अन्दर
४- lt का कही जिक्र नहीं वो भी अन्दर
हद तो जब हो गयी इसमें जो २०११ में बी.एड
ही नहीं वो भी अन्दर
*
इन हालातो को देखकर मुझे नहीं लगता की ये
वर्गीकरण समाप्त करना कठिन काम है
दहेज़ में बहु क्या लायी...
ReplyDeleteये सबने पूछा...
लेकिन एक बेटी क्या क्या छोड़ आई...
किसी ने सोचा ही नहीं...
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ReplyDelete.
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ग
ज
रे
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वा
ली
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Daulat K Bazar Me Sabse Garib Hu,
Pyar Ki Duniya Me Badnasib Hu..
Aapke Paas Mere Liye Waqt Hi Nahi,
Or Log Samjte He Mai Apke Sabse Karib Hu...
शुभ नाइट अट्ठानबे !
Don't worry frnds. We will win. After all SATYAMEV JAYATE
ReplyDeleteHello all tet friends, Important qstions which r about to come in all competitive exams along in tet also , pls read carefully- 1-72825 tet bharti sabse pehle kis year me nikli thi?
ReplyDelete2- sabse pehle 72825 tet vacancy kiski govt me nikali gyi this?
3- kis govt ne apna badla lene k liye 72825 tet bharti jo ki mayavati ne nikali thi usko cancle krwa diya
4- ye bharti kitne years tk chali? Isi tarah k aur bhi qstns aa skte hain:-)
N this bharti will become a history in Indian history. Aage ki generation ko bhi pata chalega ki is tarah ki ek saalo saal chalne wali tet bharti huyi thi . its like a war Jo saalo chalti hai.:-) thanx friend for reading. Hope is tension me thoda enjoy kiya hoga aaplogo ne.
tet merit supporter ko apni naukari pane k liye tn mn dhan ko tet merit PR nichhavr krna h .jai tet merit
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Dont worry Dosto 3 Sal ke mehnat Bekar nahi Jayegi Aur Judge bahut pade Likke Aur Suljhe Yue Hote Hai Faisla Satche Logo Ke Taraf He Hota Hai Bhawan Ap Logo Ke Sath Hai ......
ReplyDelete