जेबीटी शिक्षक भर्ती : बगैर परीक्षा ली डिग्री
Shikshak Bhrtee Ghotatala : HTET Pass Certificate Bager Exam Diye Milaa
Candidates Received HTET Pass Certificate Without Apearing in Exam
JBT (Junior Basic Teacher), HTET,
HTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates
/ Teacher Recruitment News
सिरसा(प्रैसवार्ता)। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार द्वारा वर्ष 2010 में किए गए जेबीटी के फर्जीवाडे से चयनित शिक्षकों पर संकट के बादल मंडराने लगे है, क्योंकि अध्यापक पात्रता परीक्षा में धांधली का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचने पर अदालत के आदेश पर जांच शुरू हो गई, जिसमें पात्रता परीक्षा पास करने वाले सभी शिक्षकों के अंगूठों का मिलान अनिवार्य था।जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के जांच दल द्वारा करीब 6 हजार शिक्षकों के अंगूठों का मिलान किया गया, जिसमें भिवानी के 802, हिसार के 425, रोहतक के 201, झज्जर के 83, कुरूक्षेत्र के 18, पलवल के 5, अंबाला के 8, यमुनानगर के 2, सोनीपत के 124, गुडग़ांव के 88, फरीदाबाद के 55, पानीपत से 45, करनाल के 108, नारनौल के 14 तथा फतेहाबाद के 68 जेबीटी शिक्षकों के अंगूठों का मिलान पात्रता परीक्षा के साथ नहीं हुआ है।
जांच दल के समक्ष कुछ ऐसे भी मामले आए है, जिनमें डिग्री हासिल करने वाले पात्र शिक्षक का फोटो भी परीक्षा फार्म पर लगे फोटो से मेल नहीं खाता था। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले के उजागर होने का ठीकरा सरकार ने आईपीएस अधिकारी लायक राम डबास पर फोडा और उन्हें अपने से हटाना पड़ा था। शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा जिलावर नियुक्त हुए जेबीटी शिक्षकों के अंगूठे का मिलान करवाया जा रहा है। दरअसल वर्ष 2008 में एक बार और वर्ष 2009 में दो बार पात्र परीक्षा का आयोजन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा किया गया।
शिक्षा बोर्ड ने जब यह परीक्षाएं ली थी, तो आवदेन फार्म में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि पात्रता परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थियों को डिग्री अंगूठों के निशान की जांच उपरांत दी जाएगी, मगर उनकी अनदेखी की गई थी। वर्ष 2010 में हुड्डा सरकार ने लगभग 9600 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती का रिजल्ट 16 सितंबर 2010 को जारी किया और इसमें 8401 का चयन हुआ। चयन में धांधली को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दस्तक दी गई, तो हाईकोर्ट के आदेश पर जांच शुरू हुई है।
Shikshak Bhrtee Ghotatala : HTET Pass Certificate Bager Exam Diye Milaa
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सिरसा(प्रैसवार्ता)। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार द्वारा वर्ष 2010 में किए गए जेबीटी के फर्जीवाडे से चयनित शिक्षकों पर संकट के बादल मंडराने लगे है, क्योंकि अध्यापक पात्रता परीक्षा में धांधली का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचने पर अदालत के आदेश पर जांच शुरू हो गई, जिसमें पात्रता परीक्षा पास करने वाले सभी शिक्षकों के अंगूठों का मिलान अनिवार्य था।जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के जांच दल द्वारा करीब 6 हजार शिक्षकों के अंगूठों का मिलान किया गया, जिसमें भिवानी के 802, हिसार के 425, रोहतक के 201, झज्जर के 83, कुरूक्षेत्र के 18, पलवल के 5, अंबाला के 8, यमुनानगर के 2, सोनीपत के 124, गुडग़ांव के 88, फरीदाबाद के 55, पानीपत से 45, करनाल के 108, नारनौल के 14 तथा फतेहाबाद के 68 जेबीटी शिक्षकों के अंगूठों का मिलान पात्रता परीक्षा के साथ नहीं हुआ है।
जांच दल के समक्ष कुछ ऐसे भी मामले आए है, जिनमें डिग्री हासिल करने वाले पात्र शिक्षक का फोटो भी परीक्षा फार्म पर लगे फोटो से मेल नहीं खाता था। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले के उजागर होने का ठीकरा सरकार ने आईपीएस अधिकारी लायक राम डबास पर फोडा और उन्हें अपने से हटाना पड़ा था। शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा जिलावर नियुक्त हुए जेबीटी शिक्षकों के अंगूठे का मिलान करवाया जा रहा है। दरअसल वर्ष 2008 में एक बार और वर्ष 2009 में दो बार पात्र परीक्षा का आयोजन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा किया गया।
शिक्षा बोर्ड ने जब यह परीक्षाएं ली थी, तो आवदेन फार्म में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि पात्रता परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थियों को डिग्री अंगूठों के निशान की जांच उपरांत दी जाएगी, मगर उनकी अनदेखी की गई थी। वर्ष 2010 में हुड्डा सरकार ने लगभग 9600 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती का रिजल्ट 16 सितंबर 2010 को जारी किया और इसमें 8401 का चयन हुआ। चयन में धांधली को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दस्तक दी गई, तो हाईकोर्ट के आदेश पर जांच शुरू हुई है।