पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों की नियुक्ति करेगा लोक सेवा आयोग
UPPSC, PGT, UP TGT PGT,
मंडलायुक्त की कमेटी करेगी ट्रेंड ग्रेजुएट शिक्षकों की भर्ती
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर प्रदेश में बनाये जा रहे मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से दस तक को पढ़ाने वाले शिक्षकों (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर/टीजीटी) की भर्ती संबंधित मंडल के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। समिति टीजीटी का चयन शैक्षिक गुणांक और साक्षात्कार के अंक के आधार पर करेगी। वहीं मॉडल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाएंगे। मॉडल स्कूलों में शिक्षणोत्तर कर्मचारियों के रूप में एक लिपिक का पद सृजित है। हर स्कूल में एक लाइब्रेरियन और एक लैब असिस्टेंट का पद सृजित किया जाएगा। इस बारे में शासन ने आदेश जारी कर दिया है।
केंद्र सरकार की मॉडल स्कूल योजना के तहत प्रदेश में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े 680 विकासखंडों में मॉडल स्कूल खोलने की योजना है। फिलहाल 193 विकासखंडों में मॉडल स्कूल बनाये जा रहे हैं। राज्य सरकार की मंशा है कि अगले शैक्षिक सत्र से इन स्कूलों में पढ़ाई शुरू करायी जाए। सरकार ने पहले साल में मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से नौ और उसके अगले साल कक्षा छह से दस तक संचालित करने का फैसला किया है। तय किया है कि पहले साल प्रत्येक कक्षा में एक सेक्शन चलाया जाएगा। इसके लिए पहले साल में हर स्कूल में प्रधानाचार्य और आठ शिक्षकों की जरूरत होगी। शुरुआत में मॉडल स्कूलों में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति समय से सुनिश्चित करने के लिए उनका चयन राज्य मॉडल स्कूल संगठन के कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। मॉडल स्कूलों का संचालन शुरू हो जाने के बाद प्रधानाचार्यों का चयन उप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराया जाएगा। मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्यों का पद और ग्रेड-पे राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य की तरह होगा। प्रारंभिक चरण में मॉडल स्कूलों के प्रधानाचार्यों के चयन के लिए गठित समिति के सदस्यों में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक, डिप्टी कमिश्नर केंद्रीय विद्यालय संगठन और प्रमुख सचिव/सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से नामित सदस्य होंगे जबकि उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक इसके सदस्य-सचिव होंगे। यह समिति प्रधानाचार्यों का चयन शैक्षिक गुणांक और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर करेगी। वहीं मॉडल स्कूलों में कक्षा 11 व 12 को पढ़ाने वाले पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) की जरूरत तब होगी जब इंटरमीडिएट की कक्षाएं शुरू होंगी। लिहाजा शासन ने तय किया है कि पीजीटी शिक्षकों का चयन उप्र लोक सेवा आयोग के जरिये किया जाएगा। पीजीटी का वेतन, ग्रेड पे आदि केंद्रीय विद्यालय के समान होंगे। मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से दस तक के शिक्षकों के चयन के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में जो कमेटी गठित होगी उसके सदस्य-सचिव संबंधित मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक या रीजनल डिप्टी कमिश्नर होंगे। राज्य मॉडल स्कूल संगठन के कमिश्नर द्वारा नामित जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान का प्राचार्य और मंडलायुक्त की ओर से नामित जिला विद्यालय निरीक्षक समिति के सदस्य होंगे।
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मंडलायुक्त की कमेटी करेगी ट्रेंड ग्रेजुएट शिक्षकों की भर्ती
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर प्रदेश में बनाये जा रहे मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से दस तक को पढ़ाने वाले शिक्षकों (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर/टीजीटी) की भर्ती संबंधित मंडल के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। समिति टीजीटी का चयन शैक्षिक गुणांक और साक्षात्कार के अंक के आधार पर करेगी। वहीं मॉडल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाएंगे। मॉडल स्कूलों में शिक्षणोत्तर कर्मचारियों के रूप में एक लिपिक का पद सृजित है। हर स्कूल में एक लाइब्रेरियन और एक लैब असिस्टेंट का पद सृजित किया जाएगा। इस बारे में शासन ने आदेश जारी कर दिया है।
केंद्र सरकार की मॉडल स्कूल योजना के तहत प्रदेश में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े 680 विकासखंडों में मॉडल स्कूल खोलने की योजना है। फिलहाल 193 विकासखंडों में मॉडल स्कूल बनाये जा रहे हैं। राज्य सरकार की मंशा है कि अगले शैक्षिक सत्र से इन स्कूलों में पढ़ाई शुरू करायी जाए। सरकार ने पहले साल में मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से नौ और उसके अगले साल कक्षा छह से दस तक संचालित करने का फैसला किया है। तय किया है कि पहले साल प्रत्येक कक्षा में एक सेक्शन चलाया जाएगा। इसके लिए पहले साल में हर स्कूल में प्रधानाचार्य और आठ शिक्षकों की जरूरत होगी। शुरुआत में मॉडल स्कूलों में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति समय से सुनिश्चित करने के लिए उनका चयन राज्य मॉडल स्कूल संगठन के कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। मॉडल स्कूलों का संचालन शुरू हो जाने के बाद प्रधानाचार्यों का चयन उप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराया जाएगा। मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्यों का पद और ग्रेड-पे राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य की तरह होगा। प्रारंभिक चरण में मॉडल स्कूलों के प्रधानाचार्यों के चयन के लिए गठित समिति के सदस्यों में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक, डिप्टी कमिश्नर केंद्रीय विद्यालय संगठन और प्रमुख सचिव/सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से नामित सदस्य होंगे जबकि उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक इसके सदस्य-सचिव होंगे। यह समिति प्रधानाचार्यों का चयन शैक्षिक गुणांक और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर करेगी। वहीं मॉडल स्कूलों में कक्षा 11 व 12 को पढ़ाने वाले पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) की जरूरत तब होगी जब इंटरमीडिएट की कक्षाएं शुरू होंगी। लिहाजा शासन ने तय किया है कि पीजीटी शिक्षकों का चयन उप्र लोक सेवा आयोग के जरिये किया जाएगा। पीजीटी का वेतन, ग्रेड पे आदि केंद्रीय विद्यालय के समान होंगे। मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से दस तक के शिक्षकों के चयन के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में जो कमेटी गठित होगी उसके सदस्य-सचिव संबंधित मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक या रीजनल डिप्टी कमिश्नर होंगे। राज्य मॉडल स्कूल संगठन के कमिश्नर द्वारा नामित जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान का प्राचार्य और मंडलायुक्त की ओर से नामित जिला विद्यालय निरीक्षक समिति के सदस्य होंगे।