UP Police Recruitment : पुलिस भर्ती बोर्ड नहीं बदल सकता नियम
दरोगा भर्ती परीक्षा के मामले में हाईकोर्ट का निर्णय
इलाहाबाद। खेल के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते हैं। इस नैसर्गिक सिद्धांत पर हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा दरोगा भर्ती परीक्षा में चयन के नियमों के लिए किए गए बदलाव को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह साफ किया है कि एक बार चयन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई तो उसके बाद नियमों में बदलाव का अधिकार चयनकर्ताओं को नहीं रहता है। ऐसे में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा नियम बदलना असंवैधानिक है। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि जो अभ्यर्थी चयनित हो चुके हैं वह इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
दरोगा भर्ती के दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने औसत पचास प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं उन सभी को सफल मानते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए।
कोर्ट ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया है कि वह सभी याचियों को एक-एक हजार रुपये हर्जाने के तौर पर अदा करे। याचियों की ओर से अधिवक्ता विजय गौतम ने पक्ष रखा। नागरिक पुलिस और प्लाटून कमांडेंट पीएसी में उपनिरीक्षक की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में विज्ञापन जारी किया गया।
शारीरिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को प्रारंभिक लिखित परीक्षा पास करनी थी। जिसमें दो सौ अंक के तीन प्रश्नपत्र निर्धारित थे। लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों के लिए तीनों प्रश्नपत्रों में औसत पचास प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य था। बाद में भर्ती बोर्ड ने नियमों में बदलाव करते हुए प्रत्येक प्रश्नपत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक और कुल योग का 50 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य कर दिया।
नियम परिवर्तन के परिणाम स्वरूप ऐसे तमाम अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में असफल हो गए जिन्होंने औसत तो पचास प्रतिशत प्राप्त किया था मगर किसी प्रश्नपत्र में 40 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त हुए। निर्णय को हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी गई परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बीच में नहीं बदला जा सकता है
News Sabhaar : Amar Ujala (4.8.13)