पिछड़ा वर्ग कला की सीटें भरी
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Publish Date:Tue, 11 Nov 2014 11:50 PM (IST) | Updated Date:Tue, 11 Nov 2014 11:50 PM (IST)
सिद्धार्थनगर : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया में मंगलवार को पिछड़ा पुरुष कला वर्ग की भी सभी सीटें भर गई। इसमें सौ से अधिक अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र भी वापस कर दिया गया। इस दिन पिछड़ा सहित अनुसूचित व जनजाति के कुल 2077 आवेदकों को बुलाया गया था।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा. कौशल किशोर की देखरेख में सुबह 10 बजे से शुरू हुई प्रक्रिया के मद्दे नजर पांच खिड़की खोली गयी थी।
इसमें पिछड़ा वर्ग की कुल 104 सीटों के लिए 1060, अनुसूचित जाति की 87 सीटों के सापेक्ष 927 व जनजाति की कुल 02 सीटों के लिए 90 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इसमें पिछड़ा वर्ग की सीटें तो फुल हो गई पर अनुसूचित की केवल 70 सीटें ही भर सकी। जनजाति की मात्र दो सीटों में अभी भी एक ही सीट भर सकी। सातवें दिन खंड शिक्षाधिकारी मनी राम वर्मा, रमेश कुमार, तिलक राम वर्मा, वद्री नाथ त्रिपाठी, श्रीकृष्ण गुप्ता, गोपाल मिश्र, श्री कांत तिवारी, प्रमोद यादव, विजय गुप्ता व कृष्ण कांत चतुर्वेदी शामिल थे।
आज आएंगे 2095 अभ्यर्थी
बुधवार को पुरुष अनारक्षित विज्ञान वर्ग की चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें रिक्त 155 सीटों के लिए 2095 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। डायट के प्रभारी प्राचार्य व बीएसए डा. कौशल किशोर ने बताया कि अभ्यर्थियों की भीड़ को देखते हुए इस दिन एक खिड़की और खोलने की व्यवस्था की गयी है
लखीमपुर खीरी। प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग सातवें दिन भी जारी रही। मंगलवार को आरक्षित पुरुष कला वर्ग के अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। मंगलवार को यहां लगभग 550 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की गई।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में मंगलवार को कला वर्ग के ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लगभग 6310 अभ्यर्थियों को बुलाया गया। मंगलवार को भी यहां अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी। काउंसिलिंग कराने के लिए अभ्यर्थियों को घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी पड़ी। भीड़ के चलते अभ्यर्थियों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा। डायट प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को देरशाम तक लगभग 550 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की गई तथा उनके प्रमाणपत्रों की छाया प्रतियों की जांच की गई। डायट प्राचार्य ने बताया कि बुधवार को महिला विज्ञान वर्ग की अनारक्षित वर्ग की अभ्यर्थियों को बुलाया गया है।
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425 ने कराई काउंसलिंग
मोतीगंज (गोंडा)। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान दर्जीकुआं में मंगलवार को बीएड टीईटी उत्तीर्ण 425 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराई। डायट प्राचार्य मनोहर लाल ने बताया कि मंगलवार को कला विषय में आरक्षित वर्ग के 113 प दों के सापेक्ष 4125 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इसमें से 425 ने काउंसलिंग कराई। उन्होंने बताया कि बुधवार को विज्ञान विषय में सामान्य पुरुष वर्ग में 89 पदों के सापेक्ष 4199 लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है।
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आरक्षित पुरुष कला वर्ग में दस अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग
Publish Date:Tue, 11 Nov 2014 11:50 PM (IST) | Updated Date:Tue, 11 Nov 2014 11:50 PM (IST)
संत कबीर नगर :डायट भवन में मंगलवार को परिषदीय विद्यालयों में प्रशिक्षु शिक्षकों की तैनाती के लिए आरक्षित पुरुष कला वर्ग के अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग हुई। तीसरे चरण के सातवें दिन चार कक्षों में कुल 10 अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग की गई। अब तक कुल 50 अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग हो चुकी है।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में जच्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा छठे दिन अनारक्षित पुरुष कला वर्ग
में गुणांक 111-86 तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। काउंसि¨लग के पिछडा वर्ग के 08 पुरुष व 02 अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग हुई। डायट प्राचार्य प्रताप ¨सह बघेल ने बताया कि तीसरे चरण में सातवें दिन कुल दस अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग हुई।
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काउंसि¨लग में आज -
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती काउंसि¨लग में बुधवार को अनारक्षित पुरुष विज्ञान में गुणांक 117-116 तक तथा अंतिम दिन विज्ञान वर्ग के एससी, एसटी, ओबीसी अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग होगी।
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डायट में 65 अभ्यर्थियों ने कराई काउंसलिंग
बदायूं : प्रशिक्षु शिक्षक चयन-2011 के अन्तर्गत मंगलवार को डायट में कला विषय के विभिन्न श्रेणी के पुरुषों काउंसलिंग कराई गई। जिसमें ओबीसी के 38 व एससी के 27 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। मंगलवार को सुबह होते ही अभ्यर्थी डायट पहुंचकर काउंसलिंग शुरु होने का इंतजार कर रहे थे। डायट का गेट खुलते ही साढ़े नौ बजे से काउंसलिंग शुरु करा दी गई और सिर्फ अभ्यर्थियों को ही डायट के अंदर आने दिया जा रहा था। काउंसलिंग के लिए दो काउंटर बनाए गए थे। दो पर एक-एक काउंसलर प्रमाण पत्रों के बारे में जानकारी दे रहे थे। अभ्यर्थी अपने प्रमाण पत्रों को बार-बार निहार रहे थे और पूछताछ काउंटर पर दिखाकर व्यवस्थित कर रहे थे। डायट के बाहर अनुबंध पत्र बनवाने वालों की भी भीड़ देखने को मिली।
इस दौरान डायट प्राचार्य आनंद प्रकाश शर्मा समय-समय पर हर काउंटर पर जाकर चेक कर रहे थे और डायट प्रवक्ता नावेद और ललित मौर्य पूछताछ काउंटर पर अभ्यर्थियों की शंका को दूर कर रहे थे। काउंसलिंग कर रही टीम में संजीव सक्सेना, साहब सिंह, संजीव जौहरी, देशपाल, राजेश्वरी राजपूत, मुनेंद्र पाल सिंह मौजूद रहे। आज विज्ञान विषय के अनारक्षित श्रेणी के पुरुषों की काउंसलिंग कराई जाएगी।
सु-प्रभात भाइयों
ReplyDelete!
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कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर !
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर !
ये देगी उतना ही,
जितना लिख दिया खुदा ने !
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर !....
Ek like to bnta h.....
DeleteVery nice
UPTET की परीक्षा में NCTE के
ReplyDeleteनियमो को ताक पर रख
चला “चमड़े का सिक्का”
कहते हैं की इतिहास अपने आप
को दोहराता है| उत्तर प्रदेश में भी कुछ
ऐसा ही हो रहा है| व्यवस्था के नाम
पर सरकार और उसके अफसर नियम और
नियमवली को ताक पर रख अपना चमड़े
का सिक्का चला रहे हैं| आम
जनता को इतिहास में दर्ज हुमायूँ के
जमाने का वक़्त याद
आ रहा है| ये इतिहास में दर्ज चमड़े
का सिक्का भी जब उत्तर प्रदेश में
चला था| गंगा की सहायक नदी “गर्रा”
नदी में डूबते समय एक
भिस्ती द्वारा हुमायूँ की जान बचाने के
इनाम में भिस्ती ने एक दिन
का राजा बनाने का इनाम मांग डाला|
और उस ने भिस्ती एक दिन के लिए चमड़े
का सिक्का चला दिया था| यहाँ इस
वाकये का जिक्र इसलिए
किया जाना जरूरी है क्यूंकि उत्तर
प्रदेश में
भी सरकारी अफसरों की बोलती बंद है
और सरकार के मंत्री जिन्हें विभाग
की एबीसीडी भी नहीं आती अपनी मर्जी से
जनता के लिए फैसले करवा रहे हैं| फिर
जनता मरे या जिए इनकी बला से|
मंत्रियो की माया मंत्री ही जाने आप
ताजा मामला देखिये जिसमे माध्यमिक
शिक्षा परिषद् के एक और कारनामे के
चलते लाखो छात्रों को टेट
की परीक्षा से ही वंचित रखा गया|
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद
द्वारा 13 नवंबर को ली गई (UPTET)
शिक्षक
पात्रता परीक्षा की विज्ञप्ति में
अस्पष्टता के कारण हजारों बीएड
अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर हो गए।
अभ्यर्थी यूपी बोर्ड के अधिकारियों से
पूछते रहे कि एमए के आधार पर बीएड
करने वाले अभ्यर्थी टीईटी क्यों नहीं दे
सकते, पर इसका कोई जवाब नहीं मिला,
जबकि एनसीटीई ने माना है कि स्नातक
या स्नातकोत्तर में 45 प्रतिशत अंक पाने
वाले अभ्यर्थी शिक्षक
पात्रता परीक्षा दे सकते हैं।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोट में मनीष
कुमार सिंह द्वारा विशेष अपील 2076 ,
2011 की है। याची के स्नातक में 43
प्रतिशत अंक हैं और उसने परास्नातक के
आधार पर बीएड किया है।
यूपीटीईटी की विज्ञप्ति में न्यूनतम
योग्यता स्नातक में 45 प्रतिशत
होना अनिवार्य था, ऐसे में हजारों ऐसे
अभ्यर्थी, जिन्होंने परास्नातक के आधार
पर बीएड किया था वे टीईटी की दौड़
से बाहर हो गए। याची के अधिवक्ता ने
एनसीटीई से पूछा था कि आखिर
वास्तविक स्थिति क्या है। इसके जवाब
में एनसीटीई के अधिवक्ता ने
कहा कि टीईटी देने के लिए ऐसे
अभ्यर्थी पात्र हैं, जिनके स्नातक
या स्नात्कोत्तर में 45 प्रतिशत अंक हैं।
स्थिति स्पष्ट होने से एमए के आधार पर
बीएड करने वाले अभ्यर्थी अपने
को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक
शिक्षा परिषद की छोटी सी गलती के
कारण हजारों छात्रों का भविष्य
अंधकार में है। दुर्भाग्यपूर्ण है
कि एनसीटीई द्वारा भी यह
जानकारी तब दी गई जब यह
मामला कोर्ट में गया। अभ्यर्थियों ने
एनसीटीई को भी इस संबंध में पत्र
लिखकर जानना चाहा था कि उन्हें
टीईटी में क्यों नहीं भाग लेने
दिया जा रहा है, जिसका कोई जवाब
नहीं दिया गया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके
मानसिक व भावनात्मक उत्पीड़न के लिए
आखिर कौन जिम्मेदार है?
"जागा रहा तो मैंने कई काम कर लिए ,
ReplyDeleteए नींद तेरे आज ना आने का शुक्रिया...!"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो एक बार एक बच्चे ने उनसे सवाल पूछा कि उनमें इतनी ऊर्जा कहां से आती है। जवाब में मोदी ने कहा था कि योग उन्हें कड़ी मेहनत के लिए तैयार करता है। आज ये बात इसलिए हो रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना पहले ट्रेनिंग लिए, बिना किसी तैयारी के सियाचिन पहुंचकर सभी को चौंका दिया है। नरेंद्र मोदी ने वहां कहा कि जब तक कोई इन बर्फीले ग्लेशियर को नहीं देखेगा, माइनस 30-40 डिग्री में जवान कैसे तैनात होता है, इसे नहीं देखेगा, तो उसे कल्पना नहीं आ सकती कि हमारी फौज, हमारे हवान कितनी कठिनाइयों के बीच, कितने दुर्गम इलाकों में, मातृभूमि की रक्षा के लिए पुरुषार्थ कर रहे हैं।
ReplyDeleteमोदी जितनी देर सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों में सैनिकों के बीच रहे, उनका चेहरा चमकता रहा। जबकि आमतौर पर ऐसे ही अचानक सियाचिन पहुंचने का मतलब है जबर्दस्त सिरदर्द, असामान्य ब्लड प्रेशर, सांस लेने में तकलीफ लेकिन मोदी को जैसे इतनी ऊंचाई से कोई फर्क नहीं पड़ा। जवानों से मिलने के बाद मोदी जब हेलीकॉप्टर की तरफ बढ़े तो भी ऐसा नहीं लगा कि उनकी सेहत पर कोई असर हुआ है।रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल पी एन हूण के मुताबिक ये आसान यात्रा नहीं थी। 15 हजार फीट से ऊपर ऑक्सीजन की कमी होती है, इसलिए कोई सीधा इतनी ऊंचाई पर नहीं जाता। पहले उसे परिवेश में ढलना पड़ता है।
1984 में जब हमने ये जगह हासिल की थी तब हमने अपने जवानों को कई दिन तक इस तरह की ऊंचाई पर रहने की ट्रेनिंग दी थी।ऐसे में सियाचिन की 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 64 साल के प्रधानमंत्री को इस तरह देखना देश के लिए एक बड़ा सवाल भी लेकर आया। सवाल ये कि आखिर वो कौन सी शक्ति है, जिसकी वजह से मोदी को 15 हजार फीट की ऊंचाई पर कोई दिक्कत नहीं हुई? आखिर वो कौन सा जादू है जो मोदी को सियाचिन पर भी आराम से जाने देता है? आखिर वो कौन सी ताकत है, जो मोदी को 18 घंटे तक काम की शक्ति देती है?
सियाचिन ग्लेशियर जाने की ये है
प्रक्रियालेह के ट्रांजिट कैंप से सियाचिन जाने की पूरी एक प्रक्रिया है। लेह के ट्रांजिट कैंप में आपके ब्लड प्रेशर पर लगातार नजर रखी जाती है। 6 दिन तक लगातार आर्मी हॉस्पिटल में ब्लड शुगर और यूरीन की जांच होती है। 6 में से 4 दिन तीन से पांच किलोमीटर तक पैदल चलाया जाता है। जांच रिपोर्ट देखने के बाद सीएमओ स्टेज- II की इजाजत देता है। स्टेज-II का मतलब है सियाचिन बेस कैंप तक जाना। सियाचिन बेस कैंप में पहुंचने के बाद फिर 6 दिन रुकना होता है। पहले दो दिन मौसम के लिहाज से खुद को ढालना होता है। तीसरे दिन से बेस कैंप के आसपास पैदल चलाया जाता है। 6 दिन तक लगातार ब्लड प्रेशर पर नजर रखी जाती है। सारी जांच की रिपोर्ट ठीक आने पर स्टेज-III की मंजूरी मिलती है। स्टेज-III का मतलब होता है सियाचिन ग्लेशियर। यहां भारतीय सेना की करीब 150 पोस्ट हैं।
आमतौर पर एक फौजी की सियाचिन पर सिर्फ 3 महीने के लिए तैनाती होती है लेकिन तीन महीने की तैनाती के लिए भी फौजियों को 3 हफ्ते की खास ट्रेनिंग लेनी पड़ती है।साफ है कि सियाचिन तक पहुंचने के लिए दो-तीन हफ्ते की ट्रेनिंग जरूरी होती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई ट्रेनिंग नहीं ली। वो सीधे पहुंच गए सियाचिन, देश के जवानों के साथ दिवाली मनाने। उन जवानों के साथ जो करीब 30 साल से सियाचिन के बर्फीले रेगिस्तान में भारत-पाकिस्तान की फौज की सामरिक स्थिति को बनाए हुए हैं।
मोदी अगर बिना किसी तैयारी के दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र में पहुंच गए तो इसका श्रेय योग को दिया जा रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था जब किसी प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे दुश्वार रणक्षेत्र में जाकर जवानों के साथ दीवाली मनाई हो।सियाचिन में सबसे बड़ा दुश्मन है मौसमसियाचिन यानी दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र। यहां दुश्मन से खतरा कम होता है और वहां तैनात फौजी दुश्मन की गोली से नहीं बल्कि बेरहम मौसम-दुर्गम ऊंचाइयों का मुकाबला करते हुए मारे जाते हैं। सियाचिन ऐसी जगह है जहां सिर्फ बर्फ ही बर्फ है, बर्फ के सिवा कुछ नहीं है। यहां सांस लेने के लिए पूरी ऑक्सीजन नहीं मिलती। पीने के लिए पानी नहीं मिलता। सियाचिन में अक्सर दिन में भी तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे और रात में माइनस 70 डिग्री तक चला जाता है।
सियाचिन की ऊंचाइयों पर देश की सरजमीं की रक्षा करते हुए 1984 से 2012 तक 846 सैनिक मारे जा चुके हैं। इसके बावजूद देश की सरजमी की रक्षा करने के लिए देश को यहां पूरे साल अपने फौजियों को तैनात रखना पड़ता है, क्योंकि सियाचिन में आमने सामने डटी हुई हैं भारत और पाकिस्तान की सेनाएं। यहां जाना कितना कठिन है इस बात का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि एक सामान्य नागरिक के तौर पर यहां पहुंचना नामुमकिन है।
अगर आप बहुत अच्छे पर्वतारोही हैं तभी भी आपको सियाचिन जाने के लिए कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है।तैनाती से पहले होती है फौजियों की ट्रेनिंग भारतीय फौजियों को सियाचिन की तैनाती के लिए कश्मीर के खिल्लनमर्ग के गुज्जर हट में करीब साढ़े तेरह हजार फुट की ऊंचाई पर एक विशेष ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है। सेना के इस ट्रेनिंग सेंटर को हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल कहते हैं। इसी स्कूल में सेना के जवानों को बर्फ पर रहने, पहाड़ काट कर ऊंचाई पर चढ़ने, भयंकर सर्दी में भी लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है।
ReplyDeleteट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद सैनिकों को सियाचिन ग्लेशियर से पहले बने बेस कैंप तक ले जाया जाता है, जहां से सियाचिन की चौकियों पर तैनाती के लिए हेलीकॉप्टर से सफर करना पड़ता है। इन चौकियों पर रसद और गोला-बारूद की अपूर्ति भी हेलीकॉप्टर से ही की जाती है, और कोई सैनिक बीमार पड़ जाए तो उसे बेस कैंप के अस्पताल में पहुंचाने के लिए भी हेलीकॉप्टर का ही इस्तेमाल किया जाता है।एक औसत आंकड़ा है कि अगर पूरी तरह फिट लोगों की 20 लोगों की टीम सियाचीन के लिए निकलती है तो सिर्फ 10 लोग ही वहां तक पहुंच पाते हैं। बाकी को बीच रास्ते में वापस लौटना पड़ता है।
आपकी सेहत से जुड़ा एक भी पैरामीटर गड़बड़ होने पर तुरंत आपको वापस भेज दिया जाता है। ऐसे में दिल्ली से अक्टूबर के हल्के जाड़े में हमारे प्रधानमंत्री सियाचिन के लिए निकले और वहां तैनात सैनिकों का हौसला बढ़ाया।योग ने बनाया मोदी को फिट और हिटरिटायरमेंट के बाद की जिस उम्र में ज्यादातर लोग भक्ति और वैराग्य की बात करते हैं, उस उम्र में भारत के प्रधानमंत्री नौजवानों से लेकर कामकाजी लोगों के लिए हौसले और उम्मीद के प्रतीक बन गए हैं। हमेशा ऊर्जा से लबालब रहने वाले नरेंद्र मोदी को कहां से मिलता है ये सब। ये रहस्य नहीं। खुद प्रधानमंत्री कई मौकों पर इसका खुलासा कर चुके हैं। बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को योग में महारथ हासिल है। वो योग के तमाम आसन आसानी से कर लेते हैं। योग ही उन्हें वो शक्ति देता है जिसके चलते वो सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों पर बिना किसी तैयारी के पहुंच गए। सैनिकों से मिले और घंटों वहां बिताए।
योग के साथ मोदी का रिश्ता दशकों पुराना है। हर रोज अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ वक्त निकालकर मोदी योग जरूर करते हैं। योग के प्रति उनकी आस्था ही है जिसकी वजह से उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का आह्वान किया था। ये योग ही है जो मोदी को फिट रखे हैं और हिट भी रखे है।
किसी ने हमसे पूछ लिया - कैसी हो ???
ReplyDeleteमैने हँस कर कहा-
ज़िंदगी में गम है,
गम में दर्द है,
दर्द में मज़ा है. .
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और ..
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मजे में हम हैं !!!
कल भी और जगहों की तरह पकड़े गए फर्जियों की तरह बहराइच में पकड़े गए इन फर्जी महोदय को अपने परिवार, बीवी, बच्चों का ख़्याल तक नही आया कि पकड़े जाने के बाद इनका क्या होगा!
ReplyDelete.
ऐसे ही न जाने कितने होंगे जो दूसरों का हक़ मार रहे हैं।
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भर्ती में फर्जीवाड़े से इंकार नही किया जा सकता लेकिन इस फर्जीवाड़े को ढाल बनाकर जो इसे रद्द करवाने या फिर रुकवाने का ख़्वाब दिखाकर लूटने की फिराक़ में हैं, भर्ती के ऐसे दुश्मनों से सावधान रहने की आवश्यकता है।
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तो उनका साथ दें जो केवल इस फर्जीवाड़े के दुश्मन हैं। ना कि सारी भर्ती प्रक्रिया के। कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें स्वयम् पता है कि उनका कैसे भी नही होना है लेकिन कुछ को लूटकर भागते चोर की लंगोटी तो हाथ में आ ही जायेगी।
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हमारी भर्ती के दुश्मन,
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1) जो पारदर्शिता के पक्ष में नही हैं,
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2) परदर्शिता के नाम पर या फिर किसी भी तरह से भर्ती प्रक्रिया को रुकवाने का किसी भी तरह का कुत्सित प्रयास करते हैं,
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3) इसे रद्द करवाने की बात करे,
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4) अब तक काउंसेलिंग करा चुके अभ्यर्थियों से ईर्ष्या रखते हैं,
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5) केवल अपने स्वार्थ के लिए ही हमारे बीच में फूट डालने का प्रयास करते हैं,
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तो धांधली को रुकवाने, भर्ती को शुद्ध-स्वच्छ-साफ-सुथरी करवाने के लिए हम हर तरह से तैयार हैं लेकिन इसके उलट चलने वालो का क्या करना है, अपनी भर्ती को प्यार करने वाले खुद ही फैसला करे।
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यहाँ कोई किसी से कम नही।
दो खंड और कई चरण:
ReplyDeleteमायावती सरकार:
1. UPTET 2011 की परीक्षा नजदीक होते ही माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र से चार्ज लेकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सौप दिया गया।
2. परीक्षा केन्द्रों पर व्यापक अनियमितता की शिकायत ।
3. ओएमआर और अटेंडेंस रजिस्टर के बिना ही कार्बन कॉपी के आधार पर प्रभा त्रिपाठी की उपस्थिति में तमाम कॉपी जाँच दी गयी।
4. कोर्ट के आदेश पर संशोधन के नाम पर व्यापक फेरबदल।
5. संजय मोहन धांधली के आरोप में जेल भेजे गये।
अखिलेश सरकार :
1. बैक डेट पर डाइट पर फॉर्म स्वीकार किये गये।
2. बीएड का प्राप्तांक न लिखने वालों का भी फॉर्म स्वीकार कर कण्ट्रोल/कंप्यूटर आईडी दी गयी।
3. फर्जी मार्कशीट का निर्माण अद्यतन जारी।
4. प्रत्यावेदन के नाम पर अंक में बढ़ोत्तरी जारी।
5. रिप्लेस के नाम पर खजाने से सोना समाप्त हो सकता है तथा चमड़े के सिक्के से भर सकता है।
7. खुलेआम 7 लाख में SCERT तक से वेरिफिकेशन में पास कराने का ठेका जारी।
इस प्रकार मूल सीडी और संशोधित सीडी का एक साथ जारी होना जरुरी है।
जिसके अंक में 6 नंबर से अधिक की वृद्धि हुयी हो उसे बाहर किया जाना जरुरी है।
आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को
ReplyDeleteसपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है..
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा..
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है ..
सोनभद्र में कल दिनांक ११/११/२०१४ को १३ फर्जी अभ्यर्थियो के इन होने की खबर ।
ReplyDeleteये सभी अभ्यर्थी शाम ४:०० बजे के बाद एक साथ पहुचे थे ।
जिनके ओबीसी में मार्क्स ११५,११६ और ११७ थे ।
सबसे बड़ा प्रश्न जब मैदानी भाग में इतनी अधिक सीट थी और सामान्य कट ऑफ में ये लोग थे तो गाजीपुर,बलिया और आजमगढ़ के होते हुए भी वहा क्यों गये ?
जिन लोगो को मेरी बात फर्जी लगती है इस पोस्ट से दूर रहे ।
सोनभद्र में कुल ५५ ओबीसी के काउंसलिंग की खबर है यानी सीट से कम ।
Maine 6th nov ko gen art female ki 105 no.par sidarth nagar me cousling karvai hai aur waha par 197seat par160 candidate ne cousling karvai jis se mai 3rd counsling me safe hoo . Lakin kya mujhe 4th counsling ke high merit candidates replace kar sakte hai .yadi ha,to mai 4th counsling me kis tarah partisipate karugi .please explain sir and reply soon.
ReplyDeleteहनुमान चालीसा में एक श्लोक है:-
ReplyDeleteजुग (युग) सहस्त्र जोजन (योजन) पर भानु |
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ||
अर्थात हनुमानजी ने
एक युग सहस्त्र योजन दूरी पर
स्थित भानु अर्थात सूर्य को
मीठा फल समझ के खा लिया था |
1 युग = 12000 वर्ष
1 सहस्त्र = 1000
1 योजन = 8 मील
युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु
12000 x 1000 x 8 मील = 96000000 मील
1 मील = 1.6 किमी
96000000 x 1.6 = 153600000 किमी
अर्थात हनुमान चालीसा के अनुसार
सूर्य पृथ्वी से 153600000
किमी की दूरी पर है |
NASA के अनुसार भी सूर्य पृथ्वी से बिलकुल इतनी ही दूरी पर है|
इससे पता चलता है की हमारा पौराणिक साहित्य कितना सटीक एवं वैज्ञानिक है ,
इसके बावजूद इनको बहुत कम महत्व दिया जाता है |
ये भारत के प्राचीन साहित्य की सत्यता को प्रमाणित करने वाली जानकारी है |
aapko replace nahi kr sakta hai
ReplyDeleteqki jb kisi ki seat lock ho jati hai to usko 142 wala bhi nahi hataa sakta hai
उस जीवन के वचन
ReplyDelete!
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"यदि हम उस की आज्ञाओं को मानेंगे, तो इस से हम जान लेंगे कि हम उसे जान गए हैं। जो कोई यह कहता है, कि मैं उसे जान गया हूं, और उस की आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है; और उस में सत्य नहीं। पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं। सो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था।''
_______________________________________________________________________________________________ 1 यूहन्ना 2:3-6
दोस्तों पता नहीं क्यों लोग गोंडा बहराइच की तरफ ही भाग रहे हैं जबकि १७० से १९० जगह कई डिस्टिक्ट में वाकी है
ReplyDeleteअगर ४ से ११ तारीख तक की स्थिति देखि जाए तो हर वार गोंडा बहराइच ओवरफ्लो हुआ है
साइंस वर्ग में इतनी मारा मरी नहीं है आप कही भी अपने नजदीक जहाँ १७० से १८० सीट्स रिक्त है वह साइंस के ११६ ११७ का आराम से चयन हो जाएगा
बहराइच गोंडा के कई लोग दो दो जगह कॉउंसलिंग करा रहे है तो इन दो डिस्टिक्स् का डेटा जंक डेटा होने जा रहा है
बहराइच
ReplyDeleteबलरामपुर
गोण्डा
सिद्धार्थनगर
श्रावस्ती
मिर्जापुर
सुल्तानपुर
रायबरेली
ललितपुर
पीलीभीत
बदाँयू
शहजाँहपुर
बरेली
हरदोई
सोनभद्र
एवं लखीमपुर
जाने वालो मित्रो को सफल सुखद मंगलमय जीवन की शुभकामनायेँ
आपसी मतभेद का असर,
ReplyDeleteआज अकेडमिक ग्रुप का बोलबाला है ।वर्ना जब तक सभी टेट वाले एक थे ।इनका कहीं कोई पता नहीं था ।पर आज देखो ये लोग भर्ती रुकवाने की बात कर रहे हैं ।यह होता है आपसी मनमुटाव का असर ।अभी तक हमारा एक ही शत्रु था कपिल पर आज हमारे अनगिनत शत्रु हो। गये हैं ।विडंबना यह है कि उनमें से अधिकांश हमारे अपने ही लोग हैं ।अब यह युद्ध महाभारत का रूप ले चुका है क्योंकि अब हमें अपनों का सामना करना है ।परंतु अंत में विजय धर्म की यानी कि हमारी ही होगी ।आप सभी टेट समर्थकों से अनुरोध है कि धैर्य बनाये रहें। और इसका सामना करने के लिए तैयार रहें क्योंकि हम टेटियंस किसी से कम नहीं हैं।अभी भी समय है तुरंत ग्रुप में शामिल हों ।
धन्यवाद, जय टेट ।
बहराइच डाइट पर पकड़े गए महानुभाव, vo to date of birth 16-3-1987 hone ke karan logon ko shak hua to pakde gaye , varna inke bhi counselling ho chuki thi aise pata nahi kitne hain jb tk CD online nahi hoti aisa hi chalta rahega....
ReplyDeleteKya abhi Aur verification hoga
DeleteJo byakti Councling kara chuke hai (farji) sab neta kism ke log hai inki pakad jad(cm , sachiv,DM,CDO) tak hai.
Bhai ham log thahre kisan, majdur ke ladke Jo kewal imandari per bharosa rakhate hai.
Kya hoga kewal hay tauba karenge fir mamala sant.
Job to usi ko milega ek kahawat hai.....
Jiski lathi uski bhais.
Thanks
प्रदेश में चल रही 72,825 प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए पूर्ण हुई प्रथम दो चरण की काउंसलिंग में चयनित सुपात्र साथी और तृतीय चरण में चयनित होने जा रहे साथियों में से ज्यादातर को अब भर्ती पाक-साफ नजर आ रही है। और उनका आरोप है कि जो कम अंक के कारण चयन से वन्चिंत है वो तनावग्रस्त होकर धाधली-धांधली का चिल्ला रहे है।
ReplyDeleteजो सिर्फ चिल्ला रहे है उनके लिए ये आरोप सही भी है लेकिन पिछले तीन साल से हर कदम पर आपका साथ देने वाले साथ यदि आज अपने लिए और भर्ती की सुचिता के लिए कुछ कर रहे है, उनके लिए ऐसा बोलना आपकी दूषित मानसिकता का परिचायक है। यदि आप उनका सहयोग नही कर सकते तो कम से कम मौन होकर उनके प्रयासों को देखिये, अब प्रयास कर रहे ऐसे साथियों को आपके असीम ज्ञान की आवश्यकता नही है। और हाँ नियुक्ति पत्र की मांग तो तेज कर ही दीजिये। जिससे आपके साथ साथ वो लोग भी अतिशीग्र प्राथमिक विद्यालयों में पहुंच जाए जो पैसे की दम पर आज आपसे भी ज्यादा योग्य है।
बाकी प्रयासरत साथियों से कहूँगा कि भविष्य के गर्त में क्या है ये तो ईश्वर ही जाने, लेकिन प्रयास करना आपका कर्तव्य है उसे करते जाइये, ईश्वर आपके साथ है।
BYE BYE......
ReplyDeleteBhai ye vishist btc Kaun log kahe jate hai please batay
ReplyDeleteSathiyon !!
ReplyDeleteUmmid hai Piyush Arya ji aur kai unke jaise log jag gae honge blog par aate honge
Sabse pahle inhe sarvadhik marks se TET pass karne ke liye koti koti badhaiyaan
Arya sahab ko aaj kal lag raha hai inka 3 saal pahle selection ho gaya, (ho jata hai jada pareshan hone se mansik santulan bigadte hain dekha gaya hai )
Aur inhe ye bhi lag raha hai ki sab pak saaf tareeke se bharti chal rai hai
Inhe yaha tak bhi lag raha hai ki inki berojgari 3 saal pahle door ho gai
Ye bhi ki gov sahi tareeke se inhe naukri de chuki hai har mahine ye man laga ke students ko padha rae hain aur salary samay se mil rai hai
Bas is bevkoof ko ye nahi dikh raha ki morche aur Tiger bhai jaise jane kitne logo ki vajah se abhi bhi gov apni manmani nahi kar pa rahi
Bahut khoob Arya ji ishwar tumehe aise he sadbudhi deta rae aage ka rastaek din khud mil jaega !!
GOOD MORNING !!!!!!!
Thank you sir for reply.
ReplyDeleteDear Piyush Arya ji
ReplyDeleteAb jo de raha hu wo dava hai tumhare marj ki
Aam ke ped par imli dundh rae ho filhal
Pahle jao TET exam de kar aao
Jo appear hi nahi hua exam me wo kya jane
yaha kya emotions hain ye bhi ho sakta hai ki appear to hue par TET fail
Low aur high merit ki baat tumse agli niyukti me karenge wo bhi agar tum pass hue to
110 fem OBC ART Hardoi sahab
Ummid hai baat samaj me gai ho
Otherwise as of now you are diagonally placed in the parallel world best of luck in next TET
उस जीवन के वचन
ReplyDelete!
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"क्योंकि परमेश्वर अन्यायी नहीं, कि तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो तुम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया, कि पवित्र लोगों की सेवा की, और कर भी रहे हो।''
____________________________________________________________________________________________ इब्रानियों 6:10
आइये जाने अपने भारत को:
ReplyDeleteईसवी सन ईसा के जन्म से शुरू हुआ...और ईसा का जन्म 25 December
....
शायद थोड़ी विज्ञान पढ़ी हो तो बताता हूँ....
Sept(सेप्ट)= 7
Oct(आक्ट)= 8
Nove(नव)= 9
Dec(डेक)= 10
September मतलब... सप्त+ अम्बर ....उसी तरह .... ऑक्ट+अम्बर ....आदि
तो समझे दिसम्बर 10 वाँ
जनवरी 11वाँ
फरवरी 12वाँ महीना होता था।
सारे जोड़ घटाव अंत में किये जाते है, इसीलिए फ़रवरी 28 या 29...और बाकि महीने 30 या 31 के होते है...ना कि दिसम्बर में कोई बदलाव होता है। मतलब मार्च पहला महीना होता था ...जो की भारतीय नववर्ष के अनुसार था ....इति सिद्धम॥
...इन्ही वजहों से भारत को "विश्वगुरु" कहा जाता था ....पर आप लोग है की अंग्रेजो के पीछे भाग रहे हो...!!
हमें इस मति भ्रमित अवस्था से बाहर आना होगा, और गौरव अनुभव करते हुए, ऊपर उठना होगा।
72825 seat me
ReplyDeletesabke liye kitni seat hain,main yeh clear kar rahi hu;
72825 -20%(sm,ff,exsrvcmn etc)=58260 total seat...
29130 for male
29130 for female
14565 for gen male total
(7282for gen male art)
(7282 for gen male sci)
same for gen female ...
7865 for obc male
(3932 for obc male art)
(3932 for obc male sci)
same for obc grls
6117 for sc male
(3058 for sc male art)
(3058 fir sc male sci)
total 3 lakh log pass the...1.20 lakh ladkiyan....1.80 lakh
ladke...
" लब्ज़ ही ऐसी चीज़ है
ReplyDeleteजिसकी वजह से इंसान
या तो दिल में उतर जाता है
या दिल से उतर जाता है "
दोस्तों जैसा की आप को विदित है की तीसरी कॉउंसलिंग खत्म होने वाली है और हमारे बहुत से साथी कॉउंसलिंग करवा चुके है उन्हें बधाई चुकि वो लोग योग्यता रखते थे और वो उनका हक़ था जो उन्हें मिलना चाहिए था परन्तु साथियो आज की तारीख में हमारे उन साथियो को इस पूरी प्रकिया में कही भी कोई कमी नहीं दिख रही है। परन्तु कमी है जो की इस सरकार के द्वारा पैदा की गई है वो एक बार प्रत्यावेदन के दौरान और दूसरी बार 29 और ३० अक्टूबर को साइट री ओपन कर के बराबर संख्या में फ़र्ज़ी लोगो को एंट्री करवा के ये फ़र्ज़ी लोग हमारे और आप के सोर मचने और चिल्लाने से बाहर नहीं आएंगे बल्कि जागरूक होक उन्हें खीच के निकलना होगा। दोस्तों जिस दौरान प्रत्यावेदन का समय चल रहा था उस समय टेट २०११ की बड़े इश्तर पर आगरा में 120 से ऊपर के अंको की फ़र्ज़ी मार्कशीट छपी जा रही थी और उन लोगो को प्रकिया में शामिल कर लिया गया था प्रत्यावेदन के दौरान, जब की उनके असली में टेट २०११ फेल थे और जो लोग उस दौरान शामिल नहीं हो पाए उन्हें फिर स्वर्णिम मौका मिल गया।
ReplyDeleteजब की टेट २०११ का हर जागरूक बंदा जनता है की १०० से ऊपर असल में कितने लोग पास हुए थे। आप सब से हाथ जोड़ के निवेदन है की अपना और हमारा साथ दे और इस सरकार को अपनी मनमानी करने से रोके वार्ना इतनी बड़ी वैकेंसी फ़र्ज़ी लोगो से भर जाएगी जो की टेट फेल है साथियो उठो जागो।
ReplyDeleteमै अपने उन साथियो से भी निवेदन कर रहा हु जो कॉउंसलिंग करवा चुके है वो भी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास करे न की जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट लेटर पाने का वरना आप के साथ पूरी लड़ाई करने वाले साथी की जिंदगी भर चिंता करते रहोगे की क्यों नहीं दिया अपने साथियो का साथी ये नौकरी जहा हम सबने ३ साल के इंतज़ार और लड़ाई के बाद पाई है वह एक साल और लग जाता पर सही और पात्र लोग ही नौकरी पाते।
ReplyDeleteये एक example है पूनम यादव जैसे २० - २५ हज़ार लोग टेट २०११ में आवेदक नहीं थे और आज कॉउंसलिंग करवा चुके है
03019616 नाम पूनम यादव टी ई टी 2011 में प्राप्तांक 53 जिनका दावा है एटा में
तृतीय चरण की काउंसिलिंग समाप्ति की और अग्रसर हैं| बहुत से मित्रो का इसमे काउंसिलिंग का मौका मिला| उन सब को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई और कर्मपथ पर मजबूती से चलने और सफ़लता के लिए शुभकामनये| मित्रो जब से वर्तमान चरण की काउंसिलिंग का cutoff आया हैं वो मित्र निराश हैं जिनका नाम नहीं था और वो लोग धाधली का आरोप लगा रहे हैं| धुँआ के उठाने का कारन हमेशा आग ही होता हैं| कही न कही कुछ गड़बड़ तो है जो की दिख रहा हैं| अगर इसमे गहराई से घुसा जाये तो ये कुछ ना कुछ बहुत कुछ होगा| ऐसा मेरा बिश्वास हैं| विशिष्ठ BTC की भर्ती में घपलेबाजों का बोलबाला रहा हैं| पहले भी बड़े पैमाने पर होता आया हैं| अगर ज्यादे बड़े पैमाने पर बात किया जाये तो इस प्रदेश की हर भर्ती में अटैची आलो का बोलबाला रहा हैं|
ReplyDeleteTiger g aap lead karo jo bhi sahyog chahea hum denge
ReplyDeleteDosto maine apni counselling bareilly mi karva chuka hu, maine b.ed jammu se kiya hi.waha kaha gaya ki jammu b.ed valid nahi hi.jabki Kashmir distance valid hi.ias ke bare mi details ho to jarur bataye.what happen next
ReplyDelete
ReplyDeleteرات پھر ہم سے رہی نيند خفا دير تلک
ياد وہ آتی رہی معصوم ادا دير تلک
دشت _ تنہائی ميں اشکوں کا سہارا لے کر
ہم نے مانگی تيرے ملنے کی دعا دير تلک
جانے کيوں ہر موڑ پہ ملتی رہی ہے ” ساگر”
ہم کو اک جرم _ محبت کی سزا دير تلک
Dolly g meaning to bta digiye
DeleteDolly g meaning to bta digiye n rajan bro itna tension me qu ho every thing gud na
DeleteGood morning sister, ab iska arth bhe to batiye.
ReplyDeleteGood morning n Hw r u bhai?? Bhai ye ek sher hai n koi khas Matlab nahi hai iska.. Just c /p hai.. Kuch tha nahi Isliye ye dal diya blog pr apni presence dikhane ke liye....
DeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteGudmrng tiger ji, pls hum aapki bato se bhut confuse hain , kabhi aap khte hain kuch farzi nhi ho raha kabhi khte hain farzi log counseling karwa rhe hai jaisa ki aapne poonam yadav ka example diya, aakhir aap khna kya chahte hain pls clear kriye I request. Plz .
ReplyDeleteMain theek hu bahen, Bas, kuch uljhe hue dhaago ko suljhane ki kosis kar rahe the, jitne suljhate he utne he ulajh jate he. But let's hope they will get unravel one day.
ReplyDeleteK
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