अमृतसर| अँधेरे जीवन में उजाला फ़ैलाने वाले डॉक्टरों की लापरवाही ने 60 लोगों की आँखों की रोशनी छीन ली| मामला पंजाब के गुरदासपुर ज़िले का है जहां एक आईकैंप में इलाज के बाद 60 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। पाया गया कि कुल 60 मरीज थे जिसमें से 16 अमृतसर के थे और शेष गुरदासपुर के रहने वाले हैं। 4 नवंबर को लगाए गए इस कैंप को एक एनजीओ गुरुनानक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से गुरदासपुर ज़िले में लगाया गया था।
अमृतसर के उपायुक्त रवि भगत का कहना है कि 16 लोगों का सहायक प्रोफेसर कर्मजीत सिंह की देखरेख में इलाज चल रहा है। सिंह ने बताया कि इन मरीजों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई है और वे कभी भी देख नहीं सकेंगे। उपायुक्त भगत ने बताया कि इस मामले की जांच के सिविल सर्जन को आदेश दे दिए गए हैं। उनसे सोमवार तक रिपोर्ट मांगी गई है।
पीड़ितों को अमृतसर और गुरदारसपुर के ईएनटी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है| घटना का ब्योरा देते हुए अमृतसर के सिविल सर्जन राजीव भल्ला ने कहा कि सभी मरीजों का ऑपरेशन तकरीबन 10 दिन पहले गुरदासपुर जिले के घुमन गांव के एक नेत्र शिविर में किया गया था| मामला उस समय सबके सामने आया जब अमृतसर के 16 मरीजों ने उपायुक्त भगत से शिकायत की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने एक जांच समिति का गठन किया है| यह यह समिति मामले की जाँच के लिए शुक्रवार को घुमान गांव का दौरा करेगी| इसके बाद अपनी रिपोर्ट देगी|
आंखों के अस्पताल में दाखिल गगोमाहल की रहने वाली शिंदर कौर, डडीयां निवासी प्यार कौर और अन्य के मुताबिक वह गगोमाहल में लगे कैंप में आंखों की जांच करवाने गए थे. उसी शाम उन्हें गुरदासपुर के घुम्मान स्थित चेरिटेबल अस्पताल में ले जाया गया गया और आपरेशन कर दिए गए. जब उनकी आंखों की पट्टी खुली तो वह देख पाने के काबिल नहीं थे. उन्होंने कहा कि वह अपना गुजारा कैसे करेंगे. इन लोगों ने मांग की कि कैंप के आयोजकों और डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
रोशनी चले जाने का मामले सामने आने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की पता किया जा रहा हैं. साथ ही अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ राजीव भल्ला को जांच की रिपोर्ट शुक्रवार तक सौंपने को कहा गया है. राम लाल आई एंड ईएनटी अस्पताल के अंकुर भटनागर के मुताबिक पीड़ित 1 महीने बाद उनके पास आए हैं, ऐसे में इनफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ चुका है. सिर्फ 1 मरीज सविंद्र कौर की आंख की रोशनी बच सकती है.
दोस्तोँ !
ReplyDeleteइस बार सुप्रीम कोर्ट में सरकार की कुछ ऐसी ही धुलाई होगी जिसके बाद सरकार सीधे रास्ते पर आ जाएगी और प्राइमरी भर्ती एकदम चमक उठेगी ।
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मित्रो लेकिन इस सबके लिए आपके सहयोग की जरुरत है । आप जिसको उचित समझे तुरंत अपना सहयोग दे । 10 तारीख का इंतजार ना करे । जितना पैसा अभी मिल जायेगा उसी के अनुसार वकील तय होगा ।
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मित्रो टेट मोर्चा और उनके साथियों की तयारी जोरो पर है । कुंडू भाई ने अमरेन्द्र सरन जी के साथ मिनाक्षी लेखी जी को हायर कर लिया है । जो भी संसाधन उनके पास उपलब्ध है । सुजीत भाई भी दिल्ली पहुच चुके है और कार्य पर लग चुके है । इसके साथ टेट मोर्चा की टीम भी एडवोकेट्स के चैम्बर छान रही है । लेकिन अब जादा समय नहीं रह गया है । और हो सके आज शाम तक वकीलों को तय कर लीजिये ।
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वकीलों की फ़ौज खड़ी करने के साथ अपने संसाधनों पर भी नजर डाल ले । काउंसलिंग भले ही 55-60 हजार लोगो ने करा ली है लेकिन सपोर्ट करने वाले गिनती भर है । इसलिए जो भी वकील खड़ा करे कम से कम 2-3 सुनवाई की फ़ीस की व्यवस्था कर ले या फिर बजट देखकर ही तय करे । जिसको भी सहयोग करना है वो लगभग अपना अधिकतम सहयोग कर चुका है इसलिए अब और पैसा मिलना मुश्किल होगा । इसलिए पिछली बातो को ध्यान रखते हुए उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करे । लेकिन जो भी करना है जल्द करे । अगर किसी रणनिति के कारण वकीलों का नाम न बता सके तो मत बताये । केवल इतना ही बता दे कि वकील तय हो गया है । हमे पूरा विश्वाश है की टेट मेरिट सपोर्टर्स को बेस्ट वकीलों का पैनल मिलेगा ।
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इसके साथ ही मै टेट मेरिट सपोर्टर भाईयो से अपील करूँगा कि धैर्य और विश्वास बनाये रखे ।
प्रिय मित्रों
ReplyDeleteयदि कोई यह समझ रहा है कि चन्दा देकर हम
मजबूत हो जाते हैं और जीत जाते हैं पर
ऐसा नही है...हम सभी जब एक होते हैं और एक
आवाज में हुँकार भरते है तो सच जान लीजिए
उसी समय अकादमिक की साँस अवरुद्ध होकर
धौंकनी की तरह चलने लग जाती है....सहयोग
भी दीजिए और जोर से मेरे साथ बोलिए
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जय टेट।
ये क्यों कहे दिन आजकल अपने ख़राब है ?
ReplyDeleteकाटों से घिर गये है, समझ लो गुलाब है !
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"यीशु ने ये बातें कहीं और अपनी आंखे आकाश की ओर उठाकर कहा, हे पिता, वह घड़ी आ पहुंची, अपने पुत्र की महिमा कर, कि पुत्र भी तेरी महिमा करे। क्योंकि तू ने उस को सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तू ने उस को दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे। और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जाने।'' .
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यूहन्ना 17:1-3
Doston mai sabhi logon se anurodh karta hoon ki woh aapna-aapna contribution kisi bhi halat me aaj ya monday tak kar de,mai bhi monday ko karne wala hoon,kyunki salary monday ko hi hogi.
ReplyDeletedoston kam se kam woh log to aage aayen hi jinki counselling ho chuki hai ya hone wali hai,aur thoda bahut jo bhi ho sakta hai jaroon kareen,
ReplyDeleteLADIES PL COME FORWARD.(Its only humble request)
do your duty and rest leave to bhagwan.
ReplyDeletedear selected and will be selected candidates pls fast contribute to tet morcha for fighting against currupted persons and party.jay tet
ReplyDeleteacchhe din ab aane bale hain.contribute for good days.tet zindabad.
ReplyDeletegood morning ...mere low merit bhaio .....jaise ki abhi abhi soochna mili hai...mere ..najdeekio se jo diet .me job karte hai...unk anusaar ..........anubandhik coun k madhyam se ..spa dwara ..farziwada karwaya gaya hai...hum log ab kucch bhee nahi kar sakte hai....enki sankhya 20 hazaar batai ja rahi hai ..es karan merit 116 se neeche nahi aa rahi hai....
ReplyDeleteBhole ab logon ko mat pakao,log pagal ho rahe hain.
ReplyDeletebhagwan ke naam pe hi sahi,yahan se chale jao.
Dosto ye bharti old vigyapan pe ho rhe hai, jisme mahilaon ka 50% reserved seat hai, TET MORCHA KO SAHYOG KRE AUR APNA FUTURE SAFE KRE.hamari is ladai me kapil sibbal jaise reputed lawyer hai, aur upar wala apne sath hai.PLZ ALL FEMALES COME FORWARD AND CONTRIBUTE.
ReplyDeleteUMESH KUMAR VISHWAKARMA
A/C NO.380002010009267
IFSC code ubin053801
Frnds I am already in job, afterthat i giving much time to meetings with my wife, because my wife is counsield..so all females plz contribute
ReplyDeleteKapil & party 4 din chen se so sakti he, uske baad to unhe rona hi he. 10 ko court me yadi judge saheb ne mamle ke gambhirta ko samjha to usi din 3 saal ka drama khatam or ravan (kapila pasu ahar), ka dahen bhe.
ReplyDeleteIn Kandhanko (Kpillullaahha and Decadmics) ko ek baat ki samajh honi chahiye ki koi bhi organisation updated avm smart karamchkari chahata hai .
ReplyDeleteare tumhaari knowledge me kya kida laga tha Jo tet me fat gyi tumhaari .
smart boys always smart.tet merit supporter are smart kyoki enke (tet academic ) dono me achcha score hai.
Tet merit ko esliye support kiya ja raha kyoki tet merit satya hai,smart teacher hi student ko smart banayega. Tet merit wale kachuaa chaal se chle lekin manjil(tet pass kiya) tak pahuche.dcadmic wale khargosh ki traha nakal ki aur so gye bich me (tet fail or lowest support).
decadmic wale Akillllullaahaasusu
Azimullullaahaaa
mullaaayaammullahhh
kapillullaahh
jaise studend paida krenge jo desh ke liye hi nahi samaj ko bhi kalankit krenge.
Jo khud to kuch krenge nahi bus dusro ke raste me roda basnege, logo ko loloioop denge.
Kapilluulluu ki Face Book (Mission 72825 group)pe aaj ki post padhe jisme usne decamics team ko unki asli aukaat batayi arthart unko NAPUNSAK khaa hai sirf or sirf es baar chanda na dene ke liye.
ReplyDelete100 bar diya 01 bar na diya to sab decadmic wale Napunsak ho gye.ha...ha......ha........
sali decadmic Napunsko ki team hai kpillluuulluuu ko pata chal gya.
Napunsak team ka leader kapilllulllaha bechara internet pe bhikh mang raha hai.
दोस्तोँ अब हो सकता है सरकार चौथी काउन्सलिंग में अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र और जाँच पत्र के साथ साथ एक रिट डालने का फार्म भी दे ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो और हर डायट पे एक ए०आर०ओ० भी उपलब्ध कराएगी जो पेन और मुहर लेके तैनात रहेगा और लोगों को एहसास कराएगा की यह समाजवाद कितना आपके साथ है।अगर आप चंदा वसूलने के फेर में हैं तब तो और सहूलियतें हैं। वहाँ एक बैंक वाला भी तैनात रहेगा आसानी से जुबान पे चढ़ने वाले अकाउन्ट नम्बर के साथ।:
ReplyDeleteSahi kaha bhai
Deleteसाथियों,
ReplyDelete10 Dec.की फाइनल हियरिंग के लिये हमारी तैयारी पुरजोर चल रही है,
सर्वश्रेष्ठ एवम उच्कोटि के वकीलों के चयन का काम पूरा हो गया हे,अफवाहों को दूर रखने के कारण नाम नहीँ बताये गये हें ।
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आप टी ई टी संघर्ष मोर्चा के सभी सदस्य निर्दुन्द रह कर परमपिता से प्राथना कीजिये की हम एक होकर विजेता बने ।
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परीक्षा की घड़ी में हमारे विरोधियों के पास तरह तरह की अफवाहें फैलाकर हमें डराने का अवसर होता हे जिससे हम डरकर अपना कर्मपथ भूल जाये पर हम सच और न्याय के पथ पर निरंतर अग्रगामी हें क्योंकि परमपिता हमारे मार्गदर्शक और रक्षक हे ।
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इसलिये विरोधी चाहे जितना कुटिल,आडम्बरी,छद्म रूप लें हमें डराय पर हम सत्य और न्याय के पथ पर अटल थे,और रहेंगे ।
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कुछ ऐसे मित्रों को सलाह है कि जो अपना स्वच्छ और सुंदर प्रतिबिम्ब अंकित करना चाहते हें की वे कोई भी विचार और अफवाह ऐसी ना फैलायें की हमारी एकता खंडित हो,
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10 dec को यदि हमारे सभी वकीलों ने एक सुर और ताल के साथ मिलकर हमारा पक्ष ना रखा तो ये हमारे लिये खतरनाक और आत्मघाती सिद्व होगा,
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खुद को श्रेष्ठ और उत्तम सिद्व करने के लाखों अवसर जीवन में मिलेंगे पर टी ई टी मेरिट की अस्मिता और हमारी नौकरी या जीवन के लिये ये अंतिम और सबसे कठिन निर्णायक दिन है
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इसलिए एक बार सभी से पुनः अपील करता हूँ की सभी पक्ष एक साथ आकर एक सुर में बोले क्योंकि सभी का लक्ष्य टी ई टी मेरिट से नौकरी पाना हे ना की किसी भी प्रकार की गुटबाजी आदि ।
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सभी से निवेदन हे परिस्थिति की गम्भीरता का आकलन कर अपना दम्भ और व्यक्तिगत लक्ष्य को किनारे कर एक हों वरना परिणाम अत्यन्त दुखदायी और घातक होंगे ।
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सभी साथी मिलकर हमारी एकता को मजबूत करें और नाकारात्मक विचारों और अफवाहों से ना केवल दूर ही रहें बल्कि एकता को खंडित करने वाले विचारों को नेस्तनाबूत कर दें ।
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एक बार पुनः अपील करूँगा की जो भी टी ई टी मेरिट के लिये लड़ रहे हें वो सब एकमंच पर आकर एकता के साथ काम करें,अंतिम और सबसे कठिन घड़ी में व्यक्तिगत हित या विचार को त्याग दें वरना अदालत में विरोधी वक़ील की ज़रूरत नहीँ होगी और हमारे ही वक़ील आपस में टकरा हराने का काम कर देंगे ।
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आशा है की उच्कोटि की उपाधियों को धारण करने वाले शिक्षा का मूल अभिप्राय जानेंगे और समझेंगे और तदनुसार व्यक्तिगत हितों और लाभों को छोड़ एक होकर केवल और केवल टी ई टी मेरिट की जीत के लिये काम करेंगे । क्योंकि -
सन्घेय शक्ति सर्वदा ।
जय हिन्द जय टी ई टी । ।
# मुददेकभी कमजोर नही होते बस उन्हें कोर्ट में सिद्ध करने में कमजोरी या मजबूती की जरूरत होती है जैसे :-एक ही जज (माननीय भूषण जी ) के कोर्ट मे बिना टीइटी और 100%टीइटी का आदेश आना !
ReplyDelete# 26नवम्बरको हुई बहस में एक ऐसा ही मुददा उठाया था एकेडमिक वकील राकेश द्विवेदी ने
# उन्होनेकहा कि सरकार टीईटी मेरिट से भरती कर रही है , यह कौन सी नियमावली में लिखा है पहले यह बताओ ,
# यह भी कहा पात्रता परीक्षा को अहर्ता परीक्षा किससे पूछ कर बनाया यह भी बताओ
# तृतीयबेंच का आर्डर या एनसीटीई की गाईडलाईन में लिखी एक लाईन कि tet weightage should be given और government can not ignore tet marks पर राकेश द्विवेदी ने कहा कि वेटेज तो तब दिया जाता है। जब चयन में कहीं एकेडमिक अंक भी हो , पर यहाँ तो टीईटी के अंक ही पूरी भर्ती का आधार बना दिये गये हैं ।
# इसपर हमारी ओर से कोई वकील कुछ नही बोल पाया और बस यहीं से शुरुआत हुई डरने की कि क्या टीईटी मेरिट भारांक मामले पर पूर्ण रूप से चयन का आधार बन भी सकती है या नहीं
# यहीवजह है हमारे साथी इस बार कुछ ज्यादा ही परेशान हो गये हैं और पिछली बार की तरह इस बार कोई गलती नही करना चाहते हैं ।
# इनसब मामलों के बावजूद धांधली , पूर्ण जीओ अनुपालन न होना और सीडी गायब होना तथा अंतरिम आदेश पूर्ण नही हुआ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हमारे ही लो मेरिट भाई पधारेंगे
# जोजरा सी अपने फेवर में स्थिति बनते देख सबसे पहले नियुक्ति पत्र पर रोंक की मांग करेंगे
# सत्यऔर इंतजार की लडाई में नौकरी बचाने हेतु बडे भाईयों का मनमुताबिक सहयोग जरूर करते रहें
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ReplyDeleteमित्रो 10 दिसम्बर को विश्व मानवाधिकार दिवस है । भगवान करें इस दिन सभी टेटीयन्स को न्याय मिल जाये सुप्रीम कोर्ट से और एक अत्याचारी सरकार के द्वारा लगातार 3 साल से किये जा रहे आर्थिक और मानसिक अत्याचारों का अंत हो जाये ।
ReplyDelete.
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इस सरकार के मुह पर कालिख पुत जाये देश की सबसे बड़ी कोर्ट से और हम इसके सीने पर चढ़ कर नियुक्ति पत्र ले ।
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लेकिन मित्रो हम सब जानते है कोई भी अधिकार बिना लडे नहीं मिलता । इसके लिए कभी आन्दोलन करना पड़ता है तो कभी कोर्ट में लड़ना पड़ता है । इसके लिए हमारा एक साथ आना जरुरी है ।
आईये एक साथ मिलकर इस सरकार का मुह तोड़ जवाब दे
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मित्रो इस समय सुजीत भाई भी दिल्ली में है और एक बार फिर टेट मेरिट की रक्षा के लिए सक्रीय हो चुके है । इसके साथ ही टेट मोर्चा के अन्य अग्रणी लोग भी सक्रिय है । फ़िलहाल हमे टेट मोर्चे की कार्यप्रणाली से थोड़ी निराशा जरुर है । .
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क्योँकि पिछले 10 दिनों में एक भी सीनियर वकील तय नही हो पाया ।
दोस्तोँ फिरभी हम विश्वास करते है की टेट मोर्चा इस अंतिम मौके पर बिना कोई गलती किये सरकार और शत्रु पक्ष पर जबरदस्त प्रहार करेगा और हजारों टेटीयन्स की आशाओ पर खरा उतरेगा ।
ReplyDelete.
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मित्रो इस अंतिम लडाई में अपना सहयोग जरुर सुनिश्चित करे जिसे भी आप उचित समझे चाहे सुजीत जी को या अन्य किसी को । लेकिन सहयोग जरुर करे ।
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मित्रो सहयोग के साथ अब इस बात का भी ध्यान रखे की अपने नेता जी वकील का नाम जरुर पूछ ले । हर हाल आज शाम तक वकीलों का पैनल जरुर तय हो जाना चाहिए । .
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क्योँकि हमे हर बार की तरह 9 तारीख की रात में तय किया गया वकील नहीं चाहिए ।
दोस्तोँ अब चाहे जितना भी कोइ आपको डराए या चाहे भयभीत करे लेकिन जहां तक मेरा कानूनी ज्ञान कहता है हमारा ७२८२५ का भविष्य टेट मेरिट से पूरी तरह से सुरक्षित है ...
ReplyDelete.
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यह बात टंडन साहब की बेंच से ही साबित हो गयी थी क्योंकि उन्होंने हमारी सारी बातें मान ली थी .वहां से हमको रिलीफ न मिलने का एक मात्र कारण था कि ट्रेनी टीचर का कैडर बेसिक शिक्षा नियमावली में उन्होंने नहीं पाया इसीलिये टंडन साहब ने अपने २० तारीख के आदेश में सहायक अध्यापक का नया विज्ञापन लाने को कहा था .
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साथ में यह भी कहा था की विज्ञापन में अभ्यर्थियों का हित प्रभावित नहीं होना चाहिए .
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लेकिन सरकार ने हर चीज को अपनी बाप की बपौती समझते हुए विज्ञापन में तो उचित बदलाव कर ही दिया साथ में नियमावली में भी परिवर्तन कर दिया .
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लोग चाहे जो भी तर्क दें लेकिन सरकार ने नियमावली परिवर्तन का कारण जो कोर्ट में प्रस्तुत किया वह यह था की अकेदमिक मेरिट से भर्ती करने से जो भी माल प्रैक्टिस हुयी है वह न्यून हो जायेगी .
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बस यही बात हमारी विजय का कारण बनती चली आ रही है
क्योंकि इस बात में कोइ ठोस कानूनी आधार नहीं है की अकेडमिक से भर्ती करने से सारे सरकारी नगीने बाहर हो जाएंगे .
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डबल बेंच के अंतरिम आदेश में भी सरकार के इस कदम का जिक्र करते हुए काफी भला बुरा लिखा है इसलिए इस बात की चिंता न करें कि टेट मेरिट पर कोइ आंच हमारे मामले आ सकती है .
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हाँ ये जरूर हो सकता है जिसको कि मै भी इनकार नहीं कर सकता कि सारे फसाद की जड़ विज्ञापन ही है तो हो सकता है कि टंडन साहब का आदेश एक बार फिर डबल बेंच की तरह मोडीफाई हो और जो नया विज्ञापन सरकार ने निकाला है उसी को टेट मेरिट का विज्ञापन बनाकर हमपर प्रभावी हो जाए .इससे दो फायदे होंगे ....की जितनी भी रिटें विज्ञापन के दोष को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पड़ी है सब स्वत: समाप्त हो जायेंगी .
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दूसरा की उन लोगों का भी चयन हो जाएगा जिनके सामान्य में ११३ और ११२ हैं .
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बाकी अगर यही पहले वाला विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हूँ ब हू प्रभावी रहा तो ११५ वाला भी घंटी ही बजाएगा .
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और सुप्रीम कोर्ट के सब विषयों पर अंतिम आदेश आने बाद समस्त रिटें स्वत: ही समाप्त हो जायेंगी
तब ये लो मेरिट वाले मसीहा भी किसी का कोइ भला नहीं कर पायेंगे .
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इन दोनों में परिस्थिति कोइ भी हो लेकिन ७२८२५ के लिए प्रभावी टेट मेरिट ही रहेगी .....
दोस्तों
ReplyDeleteअब हमकों मात्र ये देखना है की उच्चतम न्यायालय से ११२ वाला भी बराबर चयन पायेगा की वर्तमान परिस्थितिनुसार ११५ वाला भी घंटी बजाएगा ..........क्योंकि पुराने विज्ञापन में वर्णित महिला पुरूष वर्गीकरण को कोइ समाप्त नहीं करा सकता ......चाहे भले ही सप्रू मैडम ने अंतरिम राहत फौरी तौर दे दी हो .....लेकिन इस विषय पर अंतिम आदेश नहीं दिया जा सकता ......
संतकबीरनगर से .
ReplyDelete.
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आधी आबादी से कुछ जागरूक नाम-
1.रेखा राय1000रू
2.पूजा दूबे1000रू
3.कीर्ति गुप्ता1000रू
4.आकांक्षा वर्मा1000रू
5.इबराना नाज़1000रू
6.रेनू पाण्डेय1000रू
7.अर्चना मौर्या500रू
8.दीप्ति पाण्डेय500रू
9.श्यामली यादव500रू
10.शिखा यादव500रू
11.प्रतिभा श्रीवास्तवा500रू
12.सलोनी मौर्या500रू
13.स्वाती राय500रू
14.आशा गुप्ता500रू
15.दिव्या पाल500रू
16.नूपुर विश्वास500रू
17.वंदना गुप्ता200रू।
(इसमें से सलोनी मौर्या की काउंसलिंग अभी नहीं हुई है)।
कहां गई लग्जरी गाड़ियों में चार-पांच अंगरक्षकों के साथ डायटों में जुटने वाली भीड़ किसी को जानकारी हो तो बताए।
अंतरिम आदेश का पालन नहीं तो final hearing कैसे????
ReplyDelete.
खैर,
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10 Dec को हमारे संभावित वकील रहेंगे,
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1) कपिल सिब्बल जी
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2) पी. पी. राव जी
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3)गोपाल सुब्रमण्यम जी
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4) अमित पवन जी (AOR)
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5) शारदा देवी जी (AOR)
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6) अभिषेक श्रीवास्तव जी (इलाहाबाद हाई कोर्ट अधिवक्ता)
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7) अन्य जूनियर अधिवक्तागण
फैसला की घङी नजदीक आ रही है । अगर सब कुछ ठीक ठीक रहा तो, हम सब जल्द ही सहायक अध्यापक के पद पर तैनात होंगे । या तो दोनों ही विग्यापन बहाल होंगे या टोटल 2011-TET उत्तीर्ण को समायोजित करने की अजय ठाकुर आगरा की जनहित याचिका को मद्देनजर रखते हुये कोई उचित आदेश आ सकता है । .
ReplyDelete.
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उ. प्र. सरकार ने इस भर्ती को लेकर हालात ही ऐसे उत्पन्न कर दिये हैं कि जज़ साहब को अन्तिम फैसला सुनाने से पहले सभी के हितों की तरफ भी ध्यान देना अनिवार्य हो गया है ।
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घबरायें बिलकुल नहीं, जीत हमेशा सत्य की ही होती है ।
Bhaiyo monday ko mai bhi apnas naam dal doonga.
ReplyDeletecontribution karke.
ReplyDeleteRAJAN SINGH AUR PIYUSH ARYA,B.K SINGH KAHAN PAR HO YAAR TUM LOG.
ReplyDeleteउस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"मैं तुझे परमेश्वर को जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह कर के जिस ने पुन्तियुस पीलातुस के साम्हने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूं, कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष रख। जिसे वह ठीक समयों में दिखाएगा, जो परमधन्य और अद्वैत अधिपति और राजाओं का राजा, और प्रभुओं का प्रभु है। और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। .
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आमीन॥'' .
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1 तीमुथियुस 6:13-16
मेरी ज़िन्दगी में अगर कलम और कागज का सहारा नहीं होता तो मैं ये ज़िन्दगी बड़ी मुश्किल से गुजार पाता ।
ReplyDeleteमैं अपने गम और ख़ुशी के पलों को कलम के माध्यम से अक्सर कागज पर उतार देता हूँ।
कभी तन्हाई में पढ़ कर रो लेता हूँ तो कभी ख़ुश हो लेता हूँ।
बस इतनी सी है मेरी ज़िन्दगी।
मेरी जिंदगी का सफर कभी धूप तो कभी छांव के साये के बीच अनवरत जारी है, राह में आयीं तमाम मुश्किलों ने समय के समन्दर में मुझे तैरना भी सिखलाया तो कभी- कभी मिली छोटी सी खुशी मेरी आंखों से क्या लुढ़की कि यह बूंद ही समूचा समन्दर हो चला, और तिस पर मेरी जिद् मुझे नये सफर का हौसला देती रही।
जब भी थोड़ा सुस्ताने बैठा तो मेरी तन्हाई की आहों के बीच, मेरे अपनों की यादें अनवरत चलने का संबंल देने से नहीं चूकी,
मेरे कदमों की रफ्तार मुझे यह यकीन भी दिलाती है? भविष्य में मेरी हथेली से कुछ छूटेगा, पर क्या छूटेगा कह नहीं सकता,
पर बहुत कुछ मिलेगा यह यकीन है। ...
सो लिखता रहता हूं ..
लिखता रहता हूँ .
कभी भीड़ में तो कभी तन्हाई मे ....।
Bhai Tiger ji, kya ye niymavali me likha hai ki bharti accademic se ho. Agar nahi likha hai to government exam ke through bhi bharti kar sakti hai aur doobara exam ke khrche se bachne ke liye apane visheshadhikar ke tahat usne patrata exam jo arhata exam bhi hai ko 100% base of sekection nirdharit kiya, wo ye bhi kar sakti thi ki ek alag se exam karakar usme tet ka weitage diya ja sakata tha, jiski sarkar ne koi jarurat hi nahi samjha tha aur accademic ya entrance exam ke mark ko zero weitage dete hue tet exam ko 100% waitage dekar use selection ka adhar banaya....... Mujhe bahut rule regulation to nahi pata hai, bas ye mere apne vichar hai.... kanuni jankari aapko mujhase behtar hai, so you can measure these views on your scale..... hopefull it will be fruitful to some extent.....
ReplyDelete6 दिसंबर विशेष पर पढ़ें: .
ReplyDelete.
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अयोध्या विवाद कब-कब, क्या-क्या हुआ?
पढ़ें विवाद की शुरुआत से लेकर अब तक का प्रमुख घटनाक्रमः-
1528: अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण किया गया जो हिंदू भगवान राम का जन्म स्थान हैं। मुग़ल सम्राट बाबर ने ये मस्जिद बनवाई थी जिस कारण इसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था।
1853: इस मुद्दे पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पहली हिंसा हुई।
1859: ब्रिटिश सरकार ने तारों की एक बाड़ खड़ी करके विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिदुओं को अलग-अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दे दी।
1885: मामला पहली बार अदालत में पहुंचा। महंत रघुबर दास ने फैजाबाद अदालत में बाबरी मस्जिद से लगे एक राम मंदिर के निर्माण की इजाजत के लिए अपील दायर की।
23 दिसंबर, 1949: करीब 50 हिंदुओं ने मस्जिद के केंद्रीय स्थल पर कथित तौर पर भगवान राम की मूर्ति रख दी। इसके बाद उस स्थान पर हिंदू नियमित रूप से पूजा करने लगे। मुसलमानों ने नमाज पढ़ना बंद कर दिया।
16 जनवरी, 1950: गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में एक अपील दायर कर रामलला की पूजा-अर्चना की विशेष इजाजत मांगी। उन्होंने वहां से मूर्ति हटाने पर न्यायिक रोक की भी मांग की।
5 दिसंबर, 1950: महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदू प्रार्थनाएं जारी रखने और बाबरी मस्जिद में राममूर्ति को रखने के लिए मुकदमा दायर किया। मस्जिद को ‘ढांचा’ नाम दिया गया।
17 दिसंबर, 1959: निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल हस्तांतरित करने के लिए मुकदमा दायर किया।
18 दिसम्बर, 1961: उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर किया।
1984: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बाबरी मस्जिद के ताले खोलने और राम जन्मस्थान को स्वतंत्र कराने व एक विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया।
1 फरवरी, 1986: फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिदुओं को पूजा की इजाजत दी। ताले दोबारा खोले गए। नाराज मुस्लिमों ने विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया।
जून 1989: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विहिप को औपचारिक समर्थन देना शुरू करके मंदिर आंदोलन को नया जीवन दे दिया।
1 जुलाई, 1989: भगवान रामलला विराजमान नाम से पांचवा मुकदमा दाखिल किया गया।
9 नवंबर, 1989: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने बाबरी मस्जिद के नजदीक शिलान्यास की इजाजत दी।
25 सितंबर, 1990: भाजपा अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिसके बाद दंगे हुए !
नवंबर 1990: आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। भाजपा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। सिंह ने वाम दलों और भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
ReplyDeleteअक्टूबर 1991: उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार ने बाबरी मस्जिद के आस-पास की 2.77 एकड़ भूमि को अपने अधिकार में ले लिया।
6 दिसंबर, 1992: हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढाह दिया, जिसके बाद दंगे हुए। जल्दबाजी में एक अस्थाई राम मंदिर बनाया गया। प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने मस्जिद के पुनर्निर्माण का वादा किया।
16 दिसंबर, 1992: मस्जिद की तोड़-फोड़ की जिम्मेदार स्थितियों की जांच के लिए एम.एस. लिब्रहान आयोग का गठन हुआ।
जनवरी 2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यालय में एक अयोध्या विभाग शुरू किया, जिसका काम विवाद को सुलझाने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों से बातचीत करना था।
अप्रैल 2002: अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की।
मार्च-अगस्त 2003: इलाहबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का दावा था कि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के प्रमाण मिले हैं। मुस्लिमों में इसे लेकर अलग-अलग मत थे।
सितम्बर 2003: एक अदालत ने फैसला दिया कि मस्जिद के विध्वंस को उकसाने वाले सात हिंदू नेताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाए।
अक्टूबर 2004: आडवाणी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण की भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई।
जुलाई 2005: संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों ने विस्फोटकों से भरी एक जीप का इस्तेमाल करते हुए विवादित स्थल पर हमला किया। सुरक्षा बलों ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया।
जुलाई 2009: लिब्रहान आयोग ने गठन के 17 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
28 सितंबर 2010: सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहबाद उच्च न्यायालय को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज करते हुए फैसले का मार्ग प्रशस्त किया।
30 सितंबर 2010: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
MR.TIGER I LUV UR COMMENTS YAR GUD, KEEP IT UP
ReplyDeleteमु = मुलायम
ReplyDeleteस = सोनिया
ल = लालू
मा = मायावती
न = नितीश।
..अब संयोग भी देखिये की ये पाँचों मुसलमानो के हितैषी है,
I m nt agree with u here,
DeleteDon,t expect such commnts frm u.
I respect u very much, bt.....
It is showing communal hatred.
I m nt agree with u here,
DeleteDon,t expect such commnts frm u.
I respect u very much, bt.....
It is showing communal hatred.
Vry bad...
DeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteIs tarah k comment dal kr
DeleteKuttagiri mat karo
tiger naam ka sahi use karo
भारतीय संविधान भी हमें१८ वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात ही लोकतंत्र के लिए उचित प्रतिनिधि चुनने के योग्य मानता है।
ReplyDelete● जीवविज्ञानी भी यह स्थापित कर चुके हैं कि मानव शरीर में १८ वर्ष की उम्र तक प्राकृतिक रूप से शारीरिक व मानसिक विकास की प्रक्रिया चलती रहती है।
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निष्कर्ष:- फिर हम कैसे मान लें कि १५वर्ष (हाईस्कूल) व १७वर्ष (इण्टरमीडिएट) की आयु (जबकि मानसिक विकास की प्रक्रिया गतिमान है) मे अर्जित योग्यता को अंतिम मानते हुए उसको चयन का आधार बनाया जा सकता है वो भी तब जब सहायक अध्यापक बनने की न्यूनतम आयु २१ वर्ष हो।
● जबकि ICSE/ISC, CBSE, UP Board व विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा मूल्यांकन के अलग-अलग मापदण्ड अपनाए जाते हों। अत: इस आधार पर चयन करना तो संविधान की आत्मा 'प्रस्तावना' के 'समानता' नामक शब्द पर सीधे तौर पर चोट करना हैं।
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● चयन हेतु प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन करके योग्य व्यक्ति का चयन करना सदैव से अविवादित व विश्वसनीय माध्यम रहा है और इसका प्रमाण विश्व भर के प्राचीनतम इतिहासों में भी उपलब्ध है।
● शिक्षक की योग्यता किसी भी राष्ट्र के भविष्य का निर्धारण करती है। उस पर भी प्राथमिक शिक्षक का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि 'देश के नन्हें भविष्य' में आवश्यक बौद्धिक गुणों के अतिरिक्त अतिआवश्यक मानवीय व नैतिक गुणों के प्रादुर्भाव एवं संचार की ज़िम्मेदारी प्राथमिक शिक्षक की ही होती है। अत: शिक्षक की योग्यता का निर्धारण अभ्यर्थी की वर्तमान की कुशलता के आधार पर होना चाहिए न कि वर्षों पूर्व भिन्न परिस्थितियों मे अर्जित की गई उपाधियों के आधार पर।
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● ९० मिनट के टेट को कोसने वाले ये क्यों भूल जाते हैं कि उनके द्वारा अर्जित की गई उपाधियों का निर्धारण भी सालों चलने वाली किसी परीक्षा से नहीं बल्कि 'मिनटों' की परीक्षा द्वारा ही किया गया/जाता है और यह दुनिया भर में एक जैसा ही है।
●तत्काल रूप से आयोजित टेट परीक्षा में सभी अभ्यर्थियों की स्थिति एक जैसी ही थी जिसमे बी॰ एड॰ मे सफल अभ्यर्थियों को वर्षों पूर्व इसके चयन का आधार बन जाने की गुप्त सूचना पहले प्रेषित नहीं की गई थी।
उत्तर प्रदेश मे 2011 मे प्रथम बार तत्काल हुईं परीक्षा में धांधली की संभावना नहीं होती या कम से कम होती है।
ReplyDeleteजबकि नियमित तौर पर प्रदेश भर के स्वकेंद्रों में आयोजित होने वाली परीक्षाएं कितनी शुचिता से होती हैं यह किसी से छिपा नहीं है। अक्सर शिक्षा माफियाओं के रैकेट का खुलासा होता ही रहता है।
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शिक्षा के व्यावसायीकरण के इस दौर में निजी स्कूल/कालेज संचालक शत् प्रतिशत परिणाम हेतु स्वयं अनियमितता करने से नहीं चूकते।
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अधिक गुणांक वालों ने टीईटी परीक्षा में कम अंक आने का कारण अचानक हुए १२वें संशोधन को उचित कैसे बता सकते हैं जबकि ६०% से ऊपर अंक प्राप्त करने के बाद ही उनके उच्च गुणांक चयन हेतु प्रभावी होने थे इस लिहाज़ से सबसे ज़्यादा तैयारी तो उच्च गुणांकधारियों ने की होगी।
मगर अफसोस!
टेट अंकों ने उनके उच्च गुणांक अर्जित करने वाले स्तर की पोल खोल दी।
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२०वीं सदी के अंतिम वर्षों तक २५-३०% आने वाला रिज़ल्ट जो ८०-८५% का यूपी टॉपर देता था, अचानक ७५-८५% के रिज़ल्ट के साथ ९५-९८% वाला टॉपर कैसे देना लग गया।उदार मूल्यांकन की आड़ में हम पूर्व के अभ्यर्थियों को न तो कमतर आंका जा सकता था/है न ही उन्हें एक स्वस्थ प्रतियोगिता से वंचित किया जा सकता था/है।
"Now a days, universities are turning out highly skilled barbarians because we don't provide a framework of values to young people, who more & more are searching for it."
Steven Muller, President, John Hopkins University.
Yaar umashankar mai ye baat dawe se keh sakta hoon ki agar ye point aapke hai toh phir inme bahut dum hai woh bhi point ke saath,aap jindigi me ek safal lawyer ban sakte the.
ReplyDeleteउस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा, और मनुष्यों पर उसकी प्रीति प्रगट हुई। तो उस ने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। जिसे उस ने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें।'' .
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तीतुस 3:3-7
मेरी मित्र सूची मेँ जितने भी टेट मेरिट से अपने चयन की दावेदारी ठोँक रहे हैँ, मोर्चे का कितना आर्थिक सहयोग किया, खुलकर बताएँ,,,
ReplyDeleteएकेडमिक पुरुष एवं महिलाएँ उचित दूरी बनाएँ रखेँ ।
माननीय न्यायमूर्ति टंडन की कोर्ट (सिंगिल बेंच) में तकनीकी त्रुटि के कारण विज्ञापन रद्द हुआ था लेकिन बसपा सरकार द्वारा सृजित 72825 पदों के लिए चयन प्रक्रिया में retrospective effect से संशोधन को अमान्य करते हुए टेट के बैड पार्ट को हटाकर टेट मेरिट से नियुक्ति का आदेश हुआ था .
ReplyDelete.
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भर्ती विज्ञापन से नहीं बल्कि चयन प्रक्रिया से होती है ,,,यदि सुप्रीम कोर्ट का सीनियर काउन्सिल कोर्ट में यह कहता है कि हम सिंगिल बेंच में हारे थे तो या तो वो केस को और उलझाने के मकसद से ही कह रहा होगा या उसकी जानबूझकर गलत ब्रीफिंग की गयी होगी ,,, .
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अमरेन्द्र शरण जी ने 26 की सुनवाई में खेल के नियम खेल के बीच में बदले जाने का मामला उठाया .... यदि उन्होंने सिंगिल बेंच का फैसला देखा होता तो वो जान पाते कि ये मामला खेल ख़त्म हो जाने के बाद खेल के नियम बदले जाने का मामला है ना कि खेल के बीच में ,,,, .
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दोस्तोँ खेल की घोषणा उस दिन हुयी जिस दिन 12th संशोधन करके बेसिक शिक्षा नियमावली में टेट मेरिट आई ,.
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भर्ती मे असली खेल तो उसी दिन शुरू हो गया था जिस दिन टेट का पेपर हुआ था और जब से उस पेपर मे विजेताओं को पुरूस्कार वितरण हुआ मार्कशीट मिलनी शुरू हो गई थी तब से लेकर आज तक ये "खेल" जारी है और जारी रहेगा ....
धन्यवाद !
पहले
ReplyDeleteसे
दो
भर्तियां
पाइपलाइन
में,
अब
तीसरी
की
तैयारी
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उत्तर प्रदेश मे शुरू होने वाली बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया अभी पाइप लाइन में है कि एक और भर्ती के लिये आवेदन मांगने की तैयारी हो रही है।
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इससे प्राइमरी के 72825 और जूनियर के 29334 शिक्षकों के पदों पर आवेदन करके बैठे अभ्यर्थियों में रोष है। वह पहले से चल रही भर्तियों को अंजाम तक पहुंचाने की मांग करते हुए इसको लेकर कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
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वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिये फार्म भरे थे। सालों से लटकी भर्ती प्रक्रिया में कई उतार-चढ़ाव आने के बाद यह वर्ष 2014 में शुरु हुई। दो काउंसलिंग होने के बाद भी अभी करीब 28 फीसद पद रिक्त हैं। .
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यही हाल वर्ष 2013 में शुरु हुई जूनियर स्कूलों में गणित विज्ञान शिक्षकों के पदों पर भर्ती को लेकर है। पाँच काउंसलिंग होने के बाद भी अभी करीब दो हजार पद रिक्त हैं। कोर्ट ने ज्वाइनिंग लेटर जारी करने को लेकर रोक लगा रखी है।.
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अब बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिये 16 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी है। .
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पूर्व में हुई भर्तियों की तरह इसका भी कार्यक्रम जारी कर दिया गया जिसके तहत 13 दिसंबर को जिलेवार विज्ञापन, ऑनलाइन पंजीकरण व आवेदन 16 दिसंबर, पंजीकरण की अंतिम तिथि 5 जनवरी, शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी, आवेदन की अंतिम तिथि 10 जनवरी, काउंसलिंग 16 जनवरी के बाद करानी है। .
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पाइपलाइन में चल रही दो भर्तियों के पूरा न होने और नई भर्तियां निकालने से अभ्यर्थियों में रोष है। उनका कहना है कि पहले दोनों भर्तियों को पूरा किया जाए, इसके बाद कोई नई भर्ती निकाली जाए।
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पहले से जो प्रक्रिया चल रही है, उसमें बीएड वालों को मौका दिया गया था अब नई भर्ती में सिर्फ बीटीसी उत्तीर्ण वालों से आवेदन मांगे गए हैं।
-राजेंद्र प्रसाद यादव, बीएसए कानपुर
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
ReplyDeleteमुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
गुड NIGHT
90+आठ
Ab mai bhi chalta hoon UMASHANKAR Bhai.aaj saniwar hai mandir jata hoon fir bhog lagakar hi ghar par jaata hoon.
ReplyDeleteSabhi logon ko namaskar
JAI TET .
Regards,
Ramdev Singh
9224305305
हाई कोर्ट में जितनी भी टेट मेरिट के खिलाफ कार्यवाहियाँ हो रही है अंततः वह सब सुप्रीम कोर्ट में BUNCH होंगी | .
ReplyDelete.
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जो हाई कोर्ट की डबल बेंच का जजमेंट है उसमे अंतरिम आदेश सुप्रीम कौर्ट ने दिया था उसमे कोई भी फेर बदल संभव नहीं है क्योकि NCTE के वकील हाई कौर्ट में अपना हलफनामा दे चुके है और उसमे कोई बदलाव संभव नहीं है .
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यदि किसी तरह का भ्रम की स्तिथि पैदा होती है ये भारत सरकार के गज़ट के अनुसार अंग्रेजी भाषा में लिखित आदेशों का परिक्षण कराया जा सकता है | .
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गज़ट में साफ़ लिखा है कि भ्रम की स्तिथि में अंग्रेजी में लिखा हुआ मान्य होगा | .
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NCTE के लिए अपना हाई कोर्ट में दिया हुआ हलफनामा कोई मज़ाक नहीं था वह सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट से SLP के साथ ही लगा दिया गया होगा | जिसमे फेरबदल की संभावना नगण्य है | .
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महिला पुरुष की सीटों का बटवारा सन 2002 से होता हुआ आ रहा है जिसमे सरकार का राज्य विशेष अधिकार है वह तत्कालीन माननीय राज्यपाल की अनुमति से गज़ट के द्वारा नियमावली में संशोधन करके विधिवत अपनाया गया है | इसलिए किसी की बातों में आकर भ्रमित न हों और टेट मोर्चा जो की हम सबके लिए लड़ रहा है उसका साथ दें |
धन्यवाद !
शुभ रात्रि मुम्बई !
yadi tet2011 ki mul cd nahi h, to tet se bharti nahi hogi ye kahne vale ye bataye k acad se bharti kaise ho sakti h..... or mul.cd k bina to 2013 btc wale teacher or , urdu bharti wale sb rduaee ho jayengee...
ReplyDeleteMul cd srkaar ki tension hee hmarii nhiii... bina uske tet marks varify hi na ho payenge... or phle wali sari bhartiyan jo bhii huii wo sb or ye dono prt or jrt sb rdd hongii
Good evening bhaiyo, koi bharti radd nahe hogi, sab apwah he.
ReplyDeleteKya bhai aap to itna accha liketo ho ki, virodhe bhe parsansak ban jaye. Lakin apne jo musalmano ki upar paribhasa di vo sahe nahe lage. Yeh neta na musalmano ke hai na hinduo ke. Yadi ye musalmano ke hitasi hote to aaj vo bahter halat me hote. Hindu ho ya muslim har dharam me acche buri soch ke log hote hai. Isliye kisi puri kom ke liye aise baat karna sahe nahe hai. Hum bhe modi samarthak hai, lakin muslim virodhi nahe. Please aise commet na likhe or meri baat ka bura na manna.
ReplyDeletem- mohbbt(Jo vatn se krta h)
ReplyDeleteu-usal se chalta h
s-sharafat jis k andr
a-acchhi aadaton bala
l-la Javab jiski bat
m-mijaz jiska behtr
a-acchhaion se bhara
n-nekdil insan.
tiger ji ye h paribhasa musalman ki bt I respect all Indian people and casts.tiger Jim kam ki beaten kiya kro Hindu Muslim ki baten n kro .yar Hindu Muslim bad me hain pehle Sab Indian hain.jay tet.
Ekdum ryt...ryt...ryt..
Deletem- mohbbt(Jo vatn se krta h)
ReplyDeleteu-usal se chalta h
s-sharafat jis k andr
a-acchhi aadaton bala
l-la Javab jiski bat
m-mijaz jiska behtr
a-acchhaion se bhara
n-nekdil insan.
tiger ji ye h paribhasa musalman ki bt I respect all Indian people and casts.tiger Jim kam ki beaten kiya kro Hindu Muslim ki baten n kro .yar Hindu Muslim bad me hain pehle Sab Indian hain.jay tet.
m- mohbbt(Jo vatn se krta h)
ReplyDeleteu-usal se chalta h
s-sharafat jis k andr
a-acchhi aadaton bala
l-la Javab jiski bat
m-mijaz jiska behtr
a-acchhaion se bhara
n-nekdil insan.
tiger ji ye h paribhasa musalman ki bt I respect all Indian people and casts.tiger Jim kam ki beaten kiya kro Hindu Muslim ki baten n kro .yar Hindu Muslim bad me hain pehle Sab Indian hain.jay tet.
m- mohbbt(Jo vatn se krta h)
ReplyDeleteu-usal se chalta h
s-sharafat jis k andr
a-acchhi aadaton bala
l-la Javab jiski bat
m-mijaz jiska behtr
a-acchhaion se bhara
n-nekdil insan.
tiger ji ye h paribhasa musalman ki bt I respect all Indian people and casts.tiger Jim kam ki beaten kiya kro Hindu Muslim ki baten n kro .yar Hindu Muslim bad me hain pehle Sab Indian hain.jay tet.
hum phle BHARTIA h. tab baad m hindu ya muslman. mere vichaar se ayodhya m vivadit sthal pr koi bhavya iit/iim/hospital/univ. banana chahiye .jisse desh k hr naagrik ka bhala ho sake. apke vichar sadaramantrit h.
ReplyDeleteMr. 24 ghante 365 din ji ap kahe ko yaha beech beech me tapak padta hain...pata nahi Aapki post ko koi tawajjo deta bhi hai ya nahi..Kyuki mai to apke naam ke siva ap apni post me kya information dena chahte ho kabhi padhti hi nahi!!!
ReplyDeleteNamaste, dolly sister
ReplyDeleteNamaste dr bhai...
DeleteYadi, sabhe dil se khud ko indian samjhte to is desh ke halat hi kuch or hote or in natao ki dukan kabhe ki band ho jati.
ReplyDeleteThik bola apne dolly ji pta nhi ye kya dikhana chate h pagal h ye 24365
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