•बहराइच छोड़कर अन्य जिलों में लागू होगा नया आदेश
•बसपा सरकार के आदेश का होगा नए सिरे से परीक्षण
शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। अखिलेश सरकार ने माया सरकार के उस आदेश को पलट दिया है कि जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के बर्खास्त शिक्षकों को बहाल करने का आदेश दिया गया था। यह आदेश तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने विधानसभा चुनाव के मतगणना वाले दिन यानी 6 मार्च को जारी किया था। इसे जारी करने के लिए हाईकोर्ट के उस आदेश का सहारा लिया गया, जिसमें लखनऊ बेंच ने बहराइच के 263 शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर बहाल करने का आदेश दिया है। अखिलेश सरकार ने बहराइच को छोड़कर अन्य जिलों के शिक्षकों की बहाली का आदेश स्थगित कर दिया है। अब इसका नए सिरे से परीक्षण कराया जाएगा कि इन्हें बहाल किया जा सकता है या नहीं।
यूपी में 2003 में बहराइच, गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज और बुलंदशहर में 1143 शिक्षकों की सीधी भर्ती कर ली गई थी। यह भर्ती तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री के इशारे पर की गई थी। इस संबंध में शासनादेश हुआ था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएड पास अभ्यर्थियों को शिक्षकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती कर सकते हैं। जबकि, बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली के मुताबिक बीटीसी या विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग प्राप्त करने पर ही सहायक अध्यापक नियुक्ति किए जा सकते हैं। जिलों में शिक्षकों की भर्ती का खुलासा लखनऊ के एक होटल में बरामद लाखों रुपये के बाद हुआ। इसके बाद सत्ता बदलने के साथ ही सीधे भर्ती किए गए शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया।
इसमें से बहराइच के 263 बर्खास्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में इसे चुनौती दी और 29 अप्रैल 2008 को उनके पक्ष में फैसला हुआ। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन इसे वहां से खारिज करते हुए वापस हाईकोर्ट में भेज दिया गया। हाईकोर्ट में 8 दिसंबर 2011 को इस मामले की सुनवाई के लिए तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा है कि पूर्व में दिए गए आदेश को वापस लेने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इसलिए सरकार 29 अप्रैल 2008 को दिए गए आदेश का पालन 10 हफ्ते में सरकार करे। हाईकोर्ट ने केवल बहराइच के शिक्षकों को बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन इसे आधार बनाते हुए तत्कालीन सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज और बुलंदशहर के बर्खास्त शिक्षकों को भी बहाल करने का आदेश दे दिया।
जिस दिन यह आदेश आया उसी दिन प्रदेश में सत्ता बदलने का जनादेश आया और 15 मार्च को अखिलेश सरकार ने काम संभाल लिया। सूत्रों का कहना है कि बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बनाते हुए वर्तमान सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार के पास इस आदेश को भेजा। इसके बाद तय किया गया कि हाईकोर्ट का आदेश केवल बहराइच के शिक्षकों को बहाल करने का है। इसलिए शेष अन्य चार जिलों के शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया स्थगित करने का निर्णय किया गया।
News : Amar Ujala (29.4.12)
HI,
ReplyDeleteTET MERIT SHOULD BE ON ACADEMIC BASIS DUE TO THE CAUSE OF BIG FRAUDS IN UP TET. THE USHAMANI COMMITY HAS TAKEN FINE DECISION. SECOND THING IS THAT THE MATTER IS IN COURT SO THE COURT WILL TAKE NOT UP GOVT SO THEIR IS NO MEANS OF DHARNA PRADARSHAN IN FRONT OF VIDHAN SHABHA.
THANKS
R.S.YADAV