UP News : प्रमोशन-डिमोशन पर लगी रोक, प्रोन्नति में कोटा
रिव्यू याचिका की तैयारी ः सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण व्यवस्था समाप्त किए जाने संबंधी आदेश के खिलाफ आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति रिव्यू याचिका दाखिल करने की तैयारियों में जुट गई है
न्यूज़ साभार - अमर उजाला
प्रशासनिक आदेश जारी होने के बाद होगी कार्यवाही
लखनऊ। पदोन्नतियों में आरक्षण के मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शासन ने फिलहाल किसी भी तरह की पदोन्नति व पदावनति पर रोक लगा दी है। इस सबंध में कार्मिक विभाग की ओर से सभी विभागों को निर्देश भेज दिए गए हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपेक्ष्य में कार्मिक विभाग द्वारा सभी बिंदुओं का परीक्षण करते हुए पदोन्नति व पदावनति के संबंध में समस्त विभागों को अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। कार्मिक विभाग की ओर से आज आदेश जारी करके सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि नए दिशा-निर्देश जारी होने तक किसी भी प्रकार की पदोन्नति या पदावनति की कार्यवाही न की जाए।
सूत्रों के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद शीर्ष न्यायालय ने फरवरी 11 में यथास्थिति का आदेश दिया था। शुक्रवार को न्यायालय का आदेश आने के बाद यथास्थिति संबंधी आदेश स्वत: समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल के लिए प्रशासनिक आदेश की औपचारिकता पूरी की जानी है। सूत्रों का कहना है कि आदेश जारी करने के पीछे सरकार की मंशा की यह भी है कि कहीं कोई विभाग न्यायालय के आदेश की अपने तरीके से व्याख्या करके पदोन्नति या पदावनति का फैसला न कर ले।
एसएलपी दायर करने की तैयारी तेज
लखनऊ। प्रमोशन में आरक्षण को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण विरोधी व समर्थकों की सक्रियता बढ़ गई है। पदोन्नति में आरक्षण की मुखालफत कर रहे कर्मचारी संगठन जहां सरकार पर तत्काल रिक्त पदों पर प्रमोशन के दबाव बनाने में जुटे हैं वहीं आरक्षण समर्थक खेमा सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका दायर करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से राय करने में जुटा है।
आरक्षण विरोधी खेमे द्वारा न्यायालय के फैसले के बाद सालों से रुके प्रमोशन शुरू करने की मांग तेज हो गई है। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर रिक्त पदों को प्रमोशन से शीघ्र भरने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण संबंधी 1994 के अधिनियम की धारा 3 (7) एवं परिणामी ज्येष्ठता संबंधी 2007 की नियमावली के नियम 8 क को अवैधानिक करार दिया है। इसलिए मुख्यमंत्री इसे लागू कराने का आदेश शीघ्र जारी करें, ताकि सरकारी विभागों व निगमों में प्रमोशन शुरू हो सके।
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News : Amar Ujala (29.4.12)
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