छात्र ज्ञानेश कहते हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल हमेशा बड़ी समस्या रही है। ऐसे में कुछ मुख्यमंत्रियों के समय में रिजल्ट जहां गिरावट प्रदर्शित करता है वहीं कुछ विशेष वर्षो में इसमें खासी वृद्धि हुई। इसलिए इसे आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं शिशिर, सुनील आदि भी ऐसे ही विचार रखते हैं।
वहीं दूसरी ओर एक खेमा ऐसा भी है जो इस निर्णय से खुश है। छात्र राजेश कहते हैं कि ज्यादातर राज्यों ने इसे अर्हताकारी परीक्षा ही माना है ऐसे में इसकी मेरिट को चयन का आधार बनाना उचित नहीं है। वह 13 नवंबर को हुई टीईटी में गड़बड़ियों का जिक्र करना भी नहीं भूलते। सदानंद मिश्र इसका विरोध करते हुए कहते हैं कि सही जांच से गड़बड़ियां ठीक भी की जा सकती हैं। कुछ छात्रों के किए की कीमत बाकी लोग क्यों भुगतें। अंतत: 72825 शिक्षकों की भर्ती के मामले न्यायालय की भी प्रमुख भूमिका होने से छात्रों को इंकार नहीं है।
News : Jagran (20.4.12)
jo acc wale abhi tak dhandhali dhandhli kahte the ab wahi tet ko sahi sahi kahne lage hain
ReplyDeletejo acc wale abhi tak dhandhali dhandhli kahte the ab wahi tet ko sahi sahi kahne lage hain.
ReplyDeletejo acc wale abhi tak dhandhali dhandhli kahte the ab wahi tet ko sahi sahi kahne lage hain.
ReplyDeletes.p. gov ek bar fir se nakalchi jugadu aur rupyafenk ki fasal ugana chahti hai
ReplyDeletewah re usmani akhir kar li apni man-mani.
ReplyDeletewah re usmani akhir kar li apni man-mani.
wah re usmani akhir kar li apni man-mani s.p. teri adat bhi hai wahi purani billi mausi badi sayani.
ReplyDeleteGood rhyming.
Deleteफैसले से हाई मैरिट वालों को झटका
ReplyDeleteइलाहाबाद/ वरिष्ठ संवाददाता
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी -टीईटी ) को भर्ती परीक्षा की बजाय अर्हता परीक्षा ही रखे जाने के सरकार के फैसले ने इस परीक्षा मे हाई मैरिट पाने वाले अभ्यर्थियोँ को तगड़ा झटका लगा है । अब टीईटी में सफल अभ्यर्थी सरकार को कोर्ट में खींचने का मन बना रहे हैं ।
टीईटी में सफल अभ्यर्थियोँ का कहना है कि 23 अप्रैल को हाई पावर कमेटी की एक और बैठक होनी है । यदि इस बैठक मे फैसले पर अन्तिम मुहर लगा दी जाती है तो इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएँगे । सफल अभ्यर्थियोँ का तर्क है कि एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति मे सबसे बड़ी अड़चन मानक को लेकर होगी ।
news-हिन्दुस्तान
20.04.2012
Jab tet me gadbdi he to chayan ka adhar badalne se kuchh nahi hoga mamla court me fansega
ReplyDeleteAcd vale tet me dhandhli bata kar acd chahate hai -jara sochiye yadi aap dhadhli batayege to kya tet hi bach payega
ReplyDeleteacd ki baat kho dhandhli ki baat mat karo
Pure fotms lene k bad selection process me change karna legally not correct.as i think.may be i am wrong
ReplyDeleteAkhileshji fir se abcd karne se behtar tha k omr sheets n certificates maga kar chk n niyukti.computer k yug me anpadho ki tarah nirnay na lijiye.doshi pakar k merit banana ek dn ka kaam hai.
ReplyDeleteItna sannata kyo hai bhai
ReplyDeleteEk namra nivedan hai
Jisne bhi 1.50 lakh 2 lakh
2.5 lakh paisa kharch kiya
Hai wo
Agli bharti ke liye paise ikaththa
Karna suru kar de
Beta Anil Itana akadna acchi baat nahi hai. tum kya samjh rahe ho sabhi students ke pass inta paisa hota hai ki won number badhwayege. Jab Itna hi paisa dena hota to b.Ed. nahi karte MBBS karte. Aur ye bhi itne saral paper ko agar qualified ya 100+ nahi la satke to tum baccho ko kya padhahoge.
ReplyDeleteअनिल भाई,
ReplyDeleteहम सभी अध्यापकों को एक जुट होकर इन भ्रष्टाचारियों से लडना होगा। हमें आपस में लडाकर ही यह मजा ले रहे हैं। ये एकडिमिक मेरिट की बात करते हैं क्या इसमें फर्जी मार्कशीट लगाकर भर्ती नहीं होगी। ये ही भ्रष्ट अधिकारी नियुक्ति करेंगे।
मीडिया वाले आज कह रहे हैं यूपीटीटी की शूचिता तार–तार हो गयी है। अधिकारी कह रहे हैं कि इस परीक्षा को निरस्त कर देना चाहिए।
ReplyDeleteमैं आप सभी से पूछता हूँ कि इस बार का ही यू०पी० बोर्ड परीक्षा को ही ले लें। हर जगह सामूहिक नकल हुआ है। कहीं जगह पेपर आउट हुआ है। तो क्या हाईस्कूल, इण्टरमीडियट की परीक्षा की शूचिता तार–तार नहीं हुई है। अधिकारी क्यों नहीं इन परीक्षाओं को निरस्त करने की बात कर रहें है। इन परीक्षाओं में कई अवैध फार्म भी भरे गये हैं। जबकि यूपीटीईटी में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। केवल कुछ लोगों के नम्बर बढाने के नाम का मामला है। इसे ओएमआर शीट द्वारा पकडा जा सकता है लेकिन ये अधिकारी पढे–लिखे जाहिल है इनको सण्मज्ञ में नहीं आता।
Ashish ji what do u think about media ?they are not chor but dkait.they r publishing that only for which they r paid.rahi baat in adhhikarion ki most of them r currupt from bottom to top.they will never consider talented people.
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