Article By Mr. Abhishek Kant
धोखाǃ धोखाǃ टीईटी पास करने वालों बेरोजगारों से।
टीईटी से मेरिट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी जहां हाईकोर्ट ने टीईटी मेरिट को अच्छी प्रक्रिया माना। टीईटी मेरिट से चयन के लिए धरना प्रदर्शन आंदोलन डण्डे बेरोजगारों को खाना पड़ा। मुख्यमंत्री का आश्वासन पाकर छात्र रूक गये लेकिन थके नहीं। आज जब यह रिपोर्ट आ रही है कि टीईटी को रद् कर दिया जाये और चयन का आधार हाईस्कूल इण्टरमीडिएट बीए के अंक से चयन होगा इसके लिए नियमों में परिवर्तन होगा। क्या टीईटी उतीर्ण करने वाले छात्र के साथ अन्याय नहीं हो रहा हैॽ आखिर ऐसी व्यवस्था पर मुहर क्यों लगाई जाएगी। जिससे केवल नकल माफियों को और नकल की प्रवृत्ति को बढ़ावा ही मिलेगा।
क्या सभी पहलुओं पर गौर हुआ हैॽ
इस रिपोर्ट को तैयार करने में सभी पहलुओं पर ध्यान दिया गया हैॽ यह सवाल हर एक के मन में गूंज रहा है। क्या यह नहीं दिखता कि किस तरह से यूपी बोर्ड में धुंआधार नकल होती है। बीएड डिग्री कालेज भी चाहते है कि उनके कालेज में नंबर पाने के लिए हजारों रूपये देने वाले छात्र मिले। क्या सभी बोर्ड और यूनिवर्सिटी में एक ही परीक्षा होती है एक ही सेलेबस है एक ही पैटर्न पर मार्किंग होती हैॽ नहीं तो कैसे हाईस्कूल इण्टरमीडिएट बीए के अंकपत्र देखर आप अन्तिम रूप से उसे अन्य के मुकाबले सर्वश्रेष्ठ मानकर शिक्षक बना देंगे। क्या एकेडमिक की मेरिट से चयन लोकतंत्रिक तरीका हैॽ नहीं। क्यों आज शिक्षा में इस कदर भ्रष्टाचार से भरा पड़ा है कि चयन से लेकर ट्रांसफर तक में नोट खिलाना पड़ता है। अरबों रूपये काली कमाई नकल कराने के नाम पर वसूल किया जाता है। पिछले समय की खबरों को देखे तो इसे नकारा नही जा सकता है कि इसमें शिक्षा विभाग के कुछ भ्रष्ट लोग भी जुड़े हैं। क्या रिपोर्ट में इस पहलुओं पर गौर किया गया है।
ऐकेडमिक अंक कैसे है एक समान यचन की प्रणाली हैॽ
जब मार्किंग की एक समान प्रणाली नहीं है तो चयन का आधार अलग–अलग बोर्ड और यूनिवर्सिटी के नंबरों को एक तराजू में तौलकर किसी को आप टीचर कैसे बना सकते हैं। सोचिये इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 50 प्रतिशत स्नातक की काबलियत ओपेन यूनिवर्सिटी के 75 प्रतिशत के बराबर होगीॽ यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र तो 25 अंकों से ओपेन यूनिवर्सिटी के छात्र से पिछड जाएगा और चाहे इलाहाबाद यूनविर्सिटी से पास यह छात्र अपनी मेंहनत से टीईटी में 85 प्रतिशत अंक ही क्यों न लाया हों वह प्राइमरी टीचर नहीं बन सकता है भले वह केंद्रीय विद्यालय संगठन में उसका चयन हो जाएगा क्योंकि वहां चयन का अन्तिम आधार एकेडमिक नहीं है यानी वह वहां टीचर बन सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद विश्वविद्याल का उतीर्ण स्नातक और वहीं से बीएड करने वाला छात्र यहां प्राइमरी टीचर की दौड़ में पीछे हो जएगा। जब एनसीटीई यह कहती है शिक्षक पात्रता परीक्षा 60 प्रतिशत से उतीर्ण करने वाले शिक्षक बन सकते हैं और यह भी कहता है कि चाहे तो अपना स्कोर बढ़ाने के लिए वह हर बार परीक्षा में बैठ सकता है तो साफ है कि यह पात्रता परीक्षा के अंक का महत्व है। यानी टीईटी मेरिट से चयन का आधार भी सही है।
प्राइमरी टीचर की भर्ती कंपटीशन से क्यों नही होतीॽ
हम सब जानते है कि किसी भी पद के लिए काम्पीटीशन सही होता है उसी के अंक के आधार पर चयन होता है। लेकिन जब टीईटी अनिवार्य है और सरकार प्राइमरी टीचर की भर्ती हेतु कोई कंपटीशन कराके प्राइमरी टीचर की भर्ती करने से बचती रही है लेकिन जब आज शिक्षा अधिकार कानून के अंतर्गत टीईटी परीक्षा अनिवार्य कर दिया गया तो इसके अंकों की मेरिट से चयन क्यों नहीं हो सकता है हम सब जानते है कि सरकार कंपटीशन कराने की प्रक्रिया से बचती रही है। अब सरकार अपनी जिम्मदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। क्योंकि टीईटी अनिवार्य है और प्राइमरी टीचरों का चयन प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर होना चाहिए। फिलहाल टीईटी के नंबरों के आधार पर चयन उचित है। मुख्यमंत्री को भेजे जाने वाले इस रिपोर्ट में जिसमें केवल चयन का आधार एकेडमिक मेरिट से हो कि सिफारिश को नहीं मानना चाहिए क्यों की इससे सभी मेधावी छात्रों के साथ न्याय नहीं होगा। समझना चाहिए कि इस रिपोर्ट से केवल नकल करने वाले छात्र और शिक्षा माफियों की दुकान चल पड़ेगी। और यह भी ध्यान रखना चाहिए की एकेडमिक मेरिट चयन सही नहीं है क्योंकि सभी बोर्ड और विश्वविद्यालय की नंबर देने और परीक्षा कराने में जमीन आसमान अंतर है ऐसे में लोग पिछले चार पांच सालों में ऐसे संस्थानों से हाईस्कूल इण्टर बीए और बीएड कर जिन पर हमेशा संदेह रहा है और वहां पैसे के बल पर रेवड़ी की तरह अंक बांटे जाते हैं। यहां 70 से 80 प्रतिशत अंक छात्रों को आसानी से मिलता है जबकि कई ऐसे यूनिवर्सिटी हैं जहां टापर मुश्किल से 70 प्रतिशत अंक पाते है। ऐसे में प्राइमरी टीचर की भर्ती के चयन का आधार केवल कंपटीशन या टीईटी मेरिट होना चाहिए।मिलता है।
Pahale mulayam ko pm banao tab baad me tet marit ke vare me socha jayega
ReplyDelete"ham rahe ye des rahe ya na rahe"
Why ABISHEK you are writing so long essay on rejected topic.
ReplyDeleteRECRUITMENT beta acd. se he hoga.
KOI DOSRAE EXAM KO BHI PASS KAR LO.
hip hip hurrah
teacher तो अब क्मपटीशन पास करने वीले कोही बनना चाहीए
ReplyDeleteteacher तो अब क्मपटीशन पास करने वीले कोही बनना चाहीए teacher make nation
ReplyDeleteBlog editor ji, you are right. tet merit is the best .
ReplyDeleteBlog Editor Ji, you are right. tet merit is the best and it gives equal chance to everyone.
ReplyDeletecomment likhate-2 thak gaye hai kuch samjh nahi aata ki ab kya likhu bhai. i am very very tired about tet.
ReplyDeleteMuskan didi sham se kisi ka coment ni so kr rha hai.....kuch news hai kya. Tet is the best
ReplyDeleteBikul sahi baat bole rahe hai merit to tet se hi banani chahiye aur sanghrsh karna hoga hum sabhi ko
ReplyDeletemujhe to yahi lagta hai hum chahe kitni b kaushish kr le lekin UP Govt. wahi karegi jo wah chahti hai q ki sarkar unki, highcourt unka, sachiv unka, kanoon unka, or sabse badi baat sarkar pure bahumat se.....ab to koi samarthan wali party b tang nahi ada sakti
ReplyDeleteabhishek ji ye bilkul sahi hai ki acd merit se chayan karke sarkar nakal mafiyaon ko badawa de rahi hai aur isse mehnat karne wale pichhe rah jayege. Iska hum sabhi ko virodh karna chahiye. Lucknow me pradarshan karne se kuch nahi hoga kyoki sarkar hamare paksh me nahi h isliye hum sab ko court me jald se jald jana chahiye.
ReplyDeleteabhishek ji ye bilkul sahi hai ki acd merit se chayan karke sarkar nakal mafiyaon ko badawa de rahi hai aur isse mehnat karne wale pichhe rah jayege. Iska hum sabhi ko virodh karna chahiye. Lucknow me pradarshan karne se kuch nahi hoga kyoki sarkar hamare paksh me nahi h isliye hum sab ko court me jald se jald jana chahiye.
ReplyDeletemeri samajh me ye nahi aa raha ki jb high court ne academic walo ki yachika ko aswikar kr ke un par Rs. 4500 zurmana laga diya tha or high court samajhta hai ki TET pr merit banana sabse achha hai to SAchiv Javed Usmani ji or unki kameti walo ko is se kya dikkat hai ki merit TET pr n lagayi jaye....aiaa b ho sakta hai ki highcourt javed usmani ji or unki kameti walo pr Rs. 4500 zurmana laga de
ReplyDeleteKisi phlu pr dhyan nhi diya h,sirf ek phlu h is sarkar ka k jo log frji marksheet liye hue h unko naukri milni chahiye chahe yogya student berojgar baithe rhe.
ReplyDeleteYe sarkar hai he dhannlebajo ki.
AAJ AMAR UJALA M KHABAR HAI K MUKHYA SACHIV NE APNI REPORT M VIGYAP[AN KO NIRSTA KO KRNE KI SNATUTI DE H.
ReplyDeleteUNKE ANUSAAR TET KI PRIKRIYA KO JARI RAKHA JAYE LEKIN CHAYAN KA ADHAR ACD MERIT HI HO.
ISKE SATH HE NIYMAWLI M SANSHOADHAN KI TAIYARI TEJ HO GYI H.
AB TO JAAG JAO TET K LEADERO,
ReplyDeleteAKHIR AB KISKA INJAAR H.
KHI AISANA HO BHUT DEER HO JAYE,
QK YE PAKKA H K 30/4/2012 KO HIGH COURT APNA FAISLA DE DEDEGI JOP SARKAR K PAKSH M HE JAYEGA.
AB TO SUREME COURT M PIL DAL HE DO,SIR JI.
Raj shekhar beta tau se kitne me digri khrid ks baithe ho. agar bute me dum ho to koi pariksha tum pass karke dikho. HUM ABHISKEK JI KE BATON SE SAHAMAT HAI AUR BHARTI ISI PASS PRIKSHA SE HOGI. APNE TAU SE KAH DO HIGH COURT AUR SUPRIM COURT CHALANE K TAIYAR RAHE.
ReplyDeleteBeta Rajshekhar tau se digri kitne me kharide ho. bute me dum ho to apne man se koi pariksha pass karke ke dikho. tum bachho ko kya bataoge yahi n ki digri kaise khariden. BHARTI TET MERIT SE HOGI ISKE LIYE HUM HC & SC TAK JAYENGE.TAU SE BOL DENA WO BHI CHHALANE K LIYE TAIYAR RAHE.
ReplyDeleteTET K LIDERON HUME KHARE SAHAB SE MILANA CHHAHIYE. AGAR Ad. CANCEL HOTA HAI TO HUME TURANT PURW KE TAHAT VIGYAPAN SANSODHAN KA WRITT DAKHIL KARNA CHHAHIYE. TAKI SARKAR KOI KANOON SANSODHAN N KAR SAKE. FIR DEKHATE HAI SARKAR KAISE ACD. MERIT PAR BHARTI KARTI HAI.
ReplyDeletekyu pareshan hote ho..pil dalne se kuch nahi hone wala..kyuki antim nirnay sarkar ko hi lena h..court isme kuch nahi kar payega.
ReplyDeletekuch nahi kar paoge ap sab..sarkar jo chahegi wo karegi..court bhi kuch nahi kar payega..kyuki niyam sarkar banati h...
ReplyDeletekyu pareshan hote ho..pil dalne se kuch nahi hone wala..kyuki antim nirnay sarkar ko hi lena h..court isme kuch nahi kar payega.
ReplyDeletekyu pareshan hote ho..pil dalne se kuch nahi hone wala..kyuki antim nirnay sarkar ko hi lena h..court isme kuch nahi kar payega.
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