जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : अगले महीने शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के पहले केंद्र ने सांसदों को बड़ा तोहफा दे दिया है। कभी केंद्रीय विद्यालयों के दाखिले में संासदों का कोटा खत्म करने की वकालत करने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने एक शैक्षिक सत्र में दाखिला कोटा दो से बढ़ाकर छह कर दिया है। जिन सांसदों के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय नहीं हैं, वे पड़ोस के केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले की सिफारिश कर सकेंगे। खास बात यह है कि उसमें किसी कक्षा में छात्रों की पहले से तय सीटें भी आड़े नहीं आएंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय विद्यालय संगठन बोर्ड की बैठक में सांसदों के दाखिले की सिफारिश का दायरा बढ़ाने की मंजूरी दी गई। सिब्बल के मुताबिक, कोटा बढ़ाने की मांग लगातार हो रही थी। अब कोई भी सांसद अपने क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय में आधा दर्जन दाखिले की सिफारिश कर सकेगा। अभी लोकसभा के 142 सांसदों के संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय नहीं हैं। बताते हैं कि अब वे अपने पड़ोस के केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले की सिफारिश कर सकेंगे। राज्यसभा के संासद अपने राज्य के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में सिफारिश कर सकेंगे जबकि, मनोनीत सदस्यों की सिफारिश किसी भी हिस्से के केंद्रीय विद्यालय में लागू हो सकेगी
News Source : Jagran (14.7.12) / http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=49&edition=2012-07-14&pageno=1
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आखिर सांसदों को कोटा क्यूँ मिलता है ?
sansado ko kota is liye diya jata hai ki we garib aur jaruratmand logo ki sahayta kar sake par sansad apne hitaisi logo ki hi seva karne ki liye is kote ka upyog karte hai. sayad ab bhi kuch achee sansad bache ho jo aisa nahi karte ho.
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