http://joinuptet.blogspot.com/
Source : http://information.up.nic.in/View_hindinews.aspx?id=203
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As a blogger, my work is to share only information.
Government is employer and they have their rights to frame policy for selection.
And please don't make inappropriate words on this blog. Only logical thought can be shared on this blog.
When I started blogging, I don't know this day come.
I share information only for public interest / which can help public.
Blog editor ji mera mail publish kijiye plz.
ReplyDeleteno hope for changing this dicision of cabinet so every thin have been finished those who have takin fake marksheets of u.p.board and coming from altu faltu university and c.b.s.e. board candidates will get the job
ReplyDeleteSHYAM DEV MISHRA JI WHERE IS UR EXPERT COMMENTS JHOTHA HI SAHI DILASA TO DIJIYE
ReplyDeleteab kul mila kar gov ko bharti nahi karni hai kewal bharti ko latkane ki ek sochi samjhi aur door ki chaal hai
ReplyDeletehello frd
ReplyDeleteGood evening
ReplyDeletehello ji
ReplyDeletemera sabhi tetians se req hain plz bharti hone do acd aur tet me mat lado <>
ReplyDeletenahi to yeh bharti latak jayage aur kisi ko kuch nahi milega kuch to frd aase hain jo soch rahe hain ki hame nahi to kisi ko nahi?
ReplyDeleteAapka acc ke through ho raha hoga but mera nahi to meto chahunga k tet merit he bane
ReplyDeleteसंख्या - ७ में ०५.०७.२०१२ को केस संख्या - रिट ए - ७६०३९ / २०११ (यादव कपिलदेव लालबहादुर बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेश एंड अदर्स) में न्यायमूर्ति अरुण टंडन द्वारा दिए गए आदेश का सरल अनुवाद:
ReplyDeleteन्यायालय द्वारा मामला कुछ विस्तार में सुना जा चुका है, न्यायालय में सचिव, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक शपथपत्र दाखिल किया जा चुका है जिसमे कहा गया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) कि शुचिता (Fairness) राज्य सरकार के सम्मुख जांच के दायरे में है. इस प्रयोजनार्थ एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है. उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशें अभी लंबित (प्रतीक्षाधीन) है. टी.ई.टी. परीक्षा के सम्बन्ध में लंबित याचिकाओं तथा बी.टी.सी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा बिना अध्यापक पात्रता परीक्षा के ही नियुक्ति के लिए दायर विशेष याचिकाओ का भी सन्दर्भ लिया गया है.
श्री सी.बी. यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा है कि मामला राज्य सरकार के सक्रिय विचाराधीन है और इस बिना अनावश्यक विलम्ब के निर्णय लिया जायेगा.
न्यायालय केवल इस बात को संज्ञान में लेता है कि परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति पूर्णतया प्रदेश सरकार द्वारा टी.ई.टी. की शुचिता व अन्य पहलुओं पर लिए जाने वाले निर्णय पर निर्भर है. खाली पड़े पदों की संख्या हजारों में है.
(मामले का) अंतिम निर्णय शीघ्रातिशीघ्र लिया जाना चाहिए. अतः, न्यायालय निर्देश देता है कि राज्य सरकार टी.ई.टी. की शुचिता व अन्य पहलुओं तथा अन्य ऐसे सभी सम्बंधित मुद्दों, जिन्हें वो चाहे, के सम्बन्ध में यथासंभव (जहां तक संभव हो सके - preferably) आज से चार सप्ताह के अंदर निर्णय लेगी. राज्य सरकार का निर्णय स्वयं सचिव के शपथपत्र के जरिये ६ अगस्त २०१२ को या उस से पहले न्यायालय के संज्ञान में लाया जायेगा. यह (भी) स्पष्ट किया जाता है कि इस हेतु आगे और समय दिए जाने के (राज्य सरकार के) अनुरोध को न्यायालय द्वारा ठीक नहीं समझा जायेगा.
६ अगस्त २०१२ को सूचीबद्ध करें.
अंतरिम आदेश, यदि कोई हो, अगली तारीख तक प्रभावी रहेगा.
आदेश की तिथि : ०५.०७.२०१२
Jul 9 · · Like
baat mera aur aapke nahi hain sabhi ka hona chaiye
ReplyDeleteसंख्या - ७ में ०५.०७.२०१२ को केस संख्या - रिट ए - ७६०३९ / २०११ (यादव कपिलदेव लालबहादुर बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेश एंड अदर्स) में न्यायमूर्ति अरुण टंडन द्वारा दिए गए आदेश का सरल अनुवाद:
ReplyDeleteन्यायालय द्वारा मामला कुछ विस्तार में सुना जा चुका है, न्यायालय में सचिव, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक शपथपत्र दाखिल किया जा चुका है जिसमे कहा गया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) कि शुचिता (Fairness) राज्य सरकार के सम्मुख जांच के दायरे में है. इस प्रयोजनार्थ एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है. उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशें अभी लंबित (प्रतीक्षाधीन) है. टी.ई.टी. परीक्षा के सम्बन्ध में लंबित याचिकाओं तथा बी.टी.सी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा बिना अध्यापक पात्रता परीक्षा के ही नियुक्ति के लिए दायर विशेष याचिकाओ का भी सन्दर्भ लिया गया है.
श्री सी.बी. यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा है कि मामला राज्य सरकार के सक्रिय विचाराधीन है और इस बिना अनावश्यक विलम्ब के निर्णय लिया जायेगा.
न्यायालय केवल इस बात को संज्ञान में लेता है कि परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति पूर्णतया प्रदेश सरकार द्वारा टी.ई.टी. की शुचिता व अन्य पहलुओं पर लिए जाने वाले निर्णय पर निर्भर है. खाली पड़े पदों की संख्या हजारों में है.
(मामले का) अंतिम निर्णय शीघ्रातिशीघ्र लिया जाना चाहिए. अतः, न्यायालय निर्देश देता है कि राज्य सरकार टी.ई.टी. की शुचिता व अन्य पहलुओं तथा अन्य ऐसे सभी सम्बंधित मुद्दों, जिन्हें वो चाहे, के सम्बन्ध में यथासंभव (जहां तक संभव हो सके - preferably) आज से चार सप्ताह के अंदर निर्णय लेगी. राज्य सरकार का निर्णय स्वयं सचिव के शपथपत्र के जरिये ६ अगस्त २०१२ को या उस से पहले न्यायालय के संज्ञान में लाया जायेगा. यह (भी) स्पष्ट किया जाता है कि इस हेतु आगे और समय दिए जाने के (राज्य सरकार के) अनुरोध को न्यायालय द्वारा ठीक नहीं समझा जायेगा.
६ अगस्त २०१२ को सूचीबद्ध करें.
अंतरिम आदेश, यदि कोई हो, अगली तारीख तक प्रभावी रहेगा.
आदेश की तिथि : ०५.०७.२०१२
Jul 9 · · Like
प्रिय टी ई टी उत्तीर्ण भाइयों /बहनों
ReplyDeleteआप से अनुरोध है कि आप सरकार द्वारा मंत्री परिषद् की बैठक में टी ई टी को पात्रता बनाने के सन्दर्भ में लिए गए अदूरदर्शी फैसले को बहुत अधिक गंभीरता से न लें
समाजवादी पार्टी के लगभग 5 माह के कार्यकाल में राजनैतिक विद्वेष के चलते पूरवर्ती सरकार के फैसलों को केवल बदला है, न की जनहित में कोइ कार्य किया है
दोस्तों,
राजनैतिक विद्वेष के कारण सपा सरकार अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है और टी ई टी पर फैसला इसी असंतुलन की स्तिथि में लिया गया है
साथियों हाई कोर्ट ने अपने 5 जुलाई के अंतरिम आदेश में सरकार से केवल इतना कहा था की वह टी ई टी की निष्पक्षता पर अपना रुख स्पष्ट करे
पर सरकार में बैठे लोगों ने अपनी अकल लगाकर न केवल प्राथमिक शिक्षक के चयन का आधार बदल डाला बल्कि यह भी तय कर डाला की वर्तमान विज्ञापन निरस्त किया जायेगा और नए सिरे से विज्ञापन जारी होगा जब की मामला कोर्ट में विचाराधीन है अब इस मामले में कोर्ट ही कुछ आदेश कर सकता है अन्यथा सरकार कोर्ट की अवमानना की दोषी होगी
यादव कपिल देव मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट कपिल के वकील को इसी बात पर कई बार लताड़ चुका है की आप का केस विज्ञापन की वैधता को लेकर है न की चयन का आधार बदलने का क्यों की कपिल का वकील भी विज्ञापन की वैधता से ज्यादा चयन का आधार बदलने में रूचि ले रहा है
मुझे लगता है की आगामी 6 अगस्त को जब हमारे केस की सुनवाई होनी है कही उत्तर प्रदेश सरकार को भी ऐसी लताड़ न मिल जाये
की आप टी ई टी पर अपना रुख स्पष्ट करने के बजाये चयन का आधार क्यों बदल रहें है जबकि मामला विज्ञापन की वैधता का है
साथियों उत्तर प्रदेश सरकार की अधिकारिक वेबसाइट में टी ई टी के मुद्दे पर प्रेस नोट में कहा गया है की पूरवर्ती सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के विरुद्ध जाकर टी ई टी मेरिट से भर्ती का निर्णय लिया था अतः सपा सरकार ने इसमें संशोधन कर के विधि के अनुकूल काम किया है
शायद सरकार को मालुम नहीं है की हाई कोर्ट इलाहाबाद पहले ही टी ई टी मेरिट से चयन को वैध मान चुका है इसमें एन सी टी ई के किसी नियन का उलंघन नहीं हुआ है
जल्दबाजी में सरकार एक और गलती कर चुकी है की उसने टी ई टी को पात्रता बनाकर अप्रत्यक्ष रूप से टी ई टी की निष्पक्षता को हरी झंडी दे दी
अब कोर्ट सरकार से सवाल पूंछ है सकता है की यदि टी ई टी को पात्रता मानकर चयन हो सकता है तो अहर्ता से क्यों नहीं ?
अतः हमें 6 अगस्त की प्रतीक्षा करनी चाहिए निश्चित ही न्यायपालिका सत्य का साथ देगी और सरकार को लताड़ के साथ-साथ पूर्व प्रकाशित विज्ञप्ति की शर्तों के साथ भर्ती करने का आदेश देगी
यदि हाई कोर्ट का फैसला हमारे हक़ में न आया तो न्याय पाने के लिए हम हाई कोर्ट डबल बेंच तथा इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जायेगे हमें विश्वाश है कि
''सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं''
आपका भाई
अनवार
कानपुर
सक्रिय सदस्य टी ई टी संघर्ष मोर्चा
aap sabhi log yeh chahte hi nhi ki bhari ho??
ReplyDeleteagar gov tet cancel kar deti to sab chup baot jate
Yah u r right, baat mera aapke nahi balki legal or illegal(haq) ki hai
ReplyDeletebahut aase frd bhi hain jinhone apne tet me no badwaye hain unka kya hoga
ReplyDeleteTo kya bo acc me select nahi honge kya and gov unko mark kerke punish ker sakti hai
ReplyDeleteaap kis dist se hain
ReplyDeletebharti wahi rokana chaahate hai jo tet me to pass ho gaye magar b.ed me fail ho gaye hai.
ReplyDeleteMy parents are angry with my blogging and handling comments all time.And they are worried.
ReplyDeleteBetter to use FB for some days.
Thanks
ab bat ye nahi hain job kaise milegi , bat to satya jhoot ki hain , ek admi hum ko or pure prosess ko badal sakta hain sirf apni gandi manskta ke liye or vo naukri le le yeh galat hain or tet topper ke muh per ek tamacha hain mujhe ye bardast nahi ab chahe mujhe naukri bhi mile per stya ka sath duga ager aaj ek admi es main safal ho giya to bhavishya main bahut kerne wale khade ho jaige , anwar khan main aap ke sath hu, ek bol raha tha ki kai logo ne number baday hain to kirpya us detail de ager nahi hain to chup rahia
ReplyDeleteI'm from firozabad
ReplyDeleteI'm from firozabad
ReplyDeleteDusman-e-tufan se ye kah do, khair chahe to humse na uljhe,
ReplyDeleteaasmano se aage pahuch hai,koi bhi humse jeeta nahi hai.
Plz muskan ji don't leave us alone.
ReplyDeletemuskan mam der k aage jeet hai deo piyo aur pilao and dar door bhagao just chill mam
ReplyDeleteacademic me number theke par badaye jate hain tet ranker ne apni mehnat se mark prapt kiye hain.javed usmani ka bura hasra hoga isne nakalchio se riswat li hai.
ReplyDeleteblog editor g plz ab bech rah me mat choodiye
ReplyDeletedear editor aap se nivedan hai ki yadi aap fb use karne ki salah de rahe/rahi hai to plz ek news post kare ki.sabhi log UPTET MERIT @ LEGAL CORE COMITTEE group use kare nahi to sab bikhar jayenge
ReplyDeletethank u
ReplyDeleteKuch log narajgee/pareshanee/utsah min koee galat kadam na uthayen,
Aur mere is blog keee baat mere parents ko pata lag gayee hai, vo upset hain isko dekh kar.
Mene kaha bhee sirf news/information publish kee hai, kyunkee log hindusataan ke alag alag kono mein rehte hain aur koee internet par saaree info kee achhee website nahin hai, jo saree info provide kar sake.
Par galat/salat comments ke baare mein unhone mujse poochaa aur bola ye sab theek nahin hai.
Isleeye kuch samay mein comments etc. se thoda door rehna chahtee hoon.
Bhagwaan aap logo kee madad kare.
Dhanywad
blog editor ji plz aisa mat karo. Hum sab ek hai acd ya merit wale. Sab maa vaishno par chod do vo sab thik kar dengi.
ReplyDeleteJai maa vaishno.
UPTET - Allahabad Highcourt dismissed petitions against TET merit
ReplyDeleteHighcourt : No objection on TET Merit for selection in Primary Teacher (PRT) of UP Edu. Dept.
See judgement
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This is an UNCERTIFIED copy for information/reference. For authentic copy please refer to certified copy only. In case of any mistake, please bring it to the notice of Deputy Registrar(Copying).
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 71558 of 2011
Petitioner :- Seeta Ram
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare, Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C., Suresh Singh
Hon'ble Sudhir Agarwal, J.
1. Heard Sri Ashok Khare, learned Senior Advocate, and perused the record.
2. Petitioner is challenging advertisement dated 29/30.11.2011 as also Rule 14 (3) of U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 (hereinafter referred to as "Rules, 1981"). It is contended that National Council for Teachers Eduction (hereinafter referred to as "NCTE") provided minimum qualification for appointment on the post of Assistant Teacher in Primary Schools and passing of Teacher Eligibility Test (hereinafter referred to as "TET") conducted by appropriate Government in accordance with the guidelines given by NCTE was made essential qualification. Pursuant thereto the State Government conducted TET on 13.11.2011 result whereof was declared on 25.11.2011. Petitioner passed said test. In the meantime, Rules,1981 were amended by notification dated 9.11.2011 vide U.P. Basic Education (Teachers) Service (Twelfth Amendment) Rules, 2011 which came into force at once. It made amendment in Rules 8, 14, 27 and 29. Rule 8 was with reference to qualifications and Rule 14 with reference to procedure to be followed for recruitment for appointment on the post of Assistant Teacher in Primary Schools. The amendment incorporates TET as a part of essential qualification besides others and Rule 14 (3) provides that a list of the candidates of such persons who appear to possess prescribed academic qualification and eligible for appointment shall be prepared wherein their names shall be arranged in such manner that their names are placed in the descending order on the basis of marks in Teacher Eligibility Test conducted by Government of Uttar Pradesh. Pursuant to the said amendment in the Rules, an advertisement was published on 29/30.11.2011 for selection for appointment to the post of Assistant Teacher in Primary School which is consistent to the said amendment in the Rules. Sri Khare submitted that TET is one of the qualifying examination prescribed by NCTE and the process of such examination commenced before 13.11.2011 pursuant whereto the examination was held on 13.11.2011 and the result was declared on 25.11.2011. For the purpose of making selection and appointment as Assistant Teacher the said qualification cannot be made a basis/foundation particularly considering the process of the said test as it amounts to change of rules of the game when the game has already commenced and in support thereof placed reliance on judgements of this Court in K. Manjusree Vs. State of Andhra Pradesh and another (2008) 3 SCC 512 and Hemani Malhotra Vs. High Court of Delhi (2008) 7 SCC 11.
10. In the result, writ petition lacks merit. Dismissed.
Dt. 12.12.2011
Dear TET qualified friends,
Now it’s been clear from the above mentioned information that selection of teachers will be done on the basis of TET merit only. After this recruitment, may be in the next recruitment Govt will change the selection criteria and give first preference to the academic marks but i think this time when already the whole process is governed and supervised by the court and the selection of TET merit is in the last stage then it is impossible for the govt. to change the rule. And if court will do so then may be the TET merit students will go to supreme court.(which is impossible with reference to the above mentioned statement)
Thanks and regards,
saurabh singh
Dear TET qualified friends,
ReplyDeleteNow it’s been clear from the above mentioned information that selection of teachers will be done on the basis of TET merit only. After this recruitment, may be in the next recruitment Govt will change the selection criteria and give first preference to the academic marks but i think this time when already the whole process is governed and supervised by the court and the selection of TET merit is in the last stage then it is impossible for the govt. to change the rule. And if court will do so then may be the TET merit students will go to supreme court.(which is impossible with reference to the above mentioned statement)
Thanks and regards,
saurabh singh
DEAR TET MERIT SUPPORTERS
ReplyDeleteMUJHE LAGTA HAI KI GOVT KO TET MERIT SE BHARTI KA THO KOI CRADIT MILTA NAHI KYUN KI PROCESS MAYA NE DECIDE KIYA THA THO BHARTI MAYA KE NAAM JATI AUR ADHAR CHANGE KARNA POSSIBLE NAHI HAI LEGALLY IS ADV KE LIYE ISLIYE C.M. NE ACD WALON KO VOTE BANK BANANE KE LIYE LOLIPOP DI HAI JO BAD ME KAH DE GA KI COURT NE KARIJ KAR DI MAINE TRY THO BAHUT KIYA.THIS IS MY OPINION .WHAT SAY?????????????
क्रान्ति को मजबूर शिक्षक-
ReplyDeleteसाथियोँ हमारी जीत का सिलसिला शुरु हो गया है। उ॰प्र॰ सरकार ने टीईटी को रद्द न करके हमेँ कोर्ट मेँ और अधिक मजबूत कर दिया है। जहाँ तक आधार बदलने की बात है उसके लिए सरकार को पुरानी विज्ञप्ति रद्द करना होगा और कोर्ट से विज्ञप्ति रद्द करने का आदेश प्राप्त करना सरकार के लिए आसन न होगा क्योँकि हाईकोर्ट ने पहले भी कहा है कि विज्ञप्ति रद्द नहीँ होगी। जहाँ तक मेरा मानना है कि विज्ञप्ति रद्द करने का कोई उचित तर्क सरकार के पास नहीँ है और सपा सरकार केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रही है क्योँकि वह 2014 लोकसभा चुनाव तक भर्ती को लटकाना चाहती है। सरकार यह बात अच्छी तरह जानती है कि यदि एकल बेँच उसके पक्ष मेँ निर्णय दे भी देती है असन्तुष्ट पक्ष डबल बेँच के सामने अपील करेगा और फिर उसके बाद भी निर्णय न हुआ तो सुप्रीम कोर्ट मेँ मामला जाएगा और न तो ये भर्ती ही हो पाएगी और न ही इसके बाद के 80000 पद भरे जा पाएगें। अतः साथियोँ अब जरुरत है पुनः एकजुट होकर एक विशाल आन्दोलन करने की जिससे सरकार अपने नापाक इरादोँ मेँ कामयाब न हो और बेरोजगार शिक्षकोँ जल्द रोजगार मिले।
आपका साथी-
आलोक जौनपुरी।
www.uptetfighter.blogspot.com
क्रान्ति को मजबूर शिक्षक-
ReplyDeleteसाथियोँ हमारी जीत का सिलसिला शुरु हो गया है। उ॰प्र॰ सरकार ने टीईटी को रद्द न करके हमेँ कोर्ट मेँ और अधिक मजबूत कर दिया है। जहाँ तक आधार बदलने की बात है उसके लिए सरकार को पुरानी विज्ञप्ति रद्द करना होगा और कोर्ट से विज्ञप्ति रद्द करने का आदेश प्राप्त करना सरकार के लिए आसन न होगा क्योँकि हाईकोर्ट ने पहले भी कहा है कि विज्ञप्ति रद्द नहीँ होगी। जहाँ तक मेरा मानना है कि विज्ञप्ति रद्द करने का कोई उचित तर्क सरकार के पास नहीँ है और सपा सरकार केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रही है क्योँकि वह 2014 लोकसभा चुनाव तक भर्ती को लटकाना चाहती है। सरकार यह बात अच्छी तरह जानती है कि यदि एकल बेँच उसके पक्ष मेँ निर्णय दे भी देती है असन्तुष्ट पक्ष डबल बेँच के सामने अपील करेगा और फिर उसके बाद भी निर्णय न हुआ तो सुप्रीम कोर्ट मेँ मामला जाएगा और न तो ये भर्ती ही हो पाएगी और न ही इसके बाद के 80000 पद भरे जा पाएगें। अतः साथियोँ अब जरुरत है पुनः एकजुट होकर एक विशाल आन्दोलन करने की जिससे सरकार अपने नापाक इरादोँ मेँ कामयाब न हो और बेरोजगार शिक्षकोँ जल्द रोजगार मिले।
आपका साथी-
आलोक जौनपुरी।
www.uptetfighter.blogspot.com
ok
ReplyDeleteok
ReplyDeletedear MUSKI didi
ReplyDeleteI don't mean to lecture and I don't mean to preach. And I know I'm just a Well-Wisher ...
always remember one thing in life THAT-" WITH GREAT POWER COMES GREAT RESPONSIBILITY "
u know very well what GREAT POWER hav u hold and if u know it then u should also understands the RESPONSIBILITIES associated with GREAT POWER.
U perform ur responsibilities very well in recent time but fortunately or unfortunately u r quite confused about ur POWER as BOON or CURSE, so left any confusion/limitation.
Difficulties may arose in ur path as remain MUSKAN(a definite identity) but if u want to overcome such small difficulties then u hav to override ur definite identity into any undefinite identity like MAK-D or MUS-D or B-EDITOR or any other undefinite identity suitable to u.
It doesn't matter who u r, the thing matters is what u did from ur SUPER-POWER.
REGARDS
WeLL wiSHER
bharti ab shuru hone do otherwise sab latak gayege
ReplyDeletehehehe dar gai muskan
ReplyDeleteorignal baruta aaj comment kar raha hai koyo ki a G.O. padhkar mera aim mil gaya hahaha huuuu
Hi
ReplyDeleteHi
ReplyDeleteKyo ye kya hua publish kyo ni ho raha
ReplyDeletekya ab aap nahi aayengi?
ReplyDeleteANWAR kHAN JI AAP NEY CABNET KA JUDGEMENT DEEPLY STUDY KEYA HAI. MANY MANY THANKS. T.E.T. SANG. MOR. AMBEDKAR NAGAR.
ReplyDeleteDOSTO BHARTI JALDI HI HONE WALI HAI AISA GOV. KI MANSA HAI AUR BHARTI BUMPER HOGI KARIB SAB KE SAB TET PAS WALE JOB PA JAIYENGE AAP LOG GOV. KE KHILAF KOI BHI WORK NA KARE APKO JO BHAI BHADKATE HAI WO SAB TET VIRODHI AUR BSP KE AJENT HAI INKA KAM HAI KISI BHI HALAT MAI BHARTI NA HONE DENA MAI VISWAS DILATA HUN JITNE BHI TET PAS HAI SABKO JOB MIL JAIGI WO BHI JALDI HI ABHI GOV. 5 SALO MAI 10 LAKH BHARTI KAREGI YE USKA LAKSHYA HAI AAP SABHI TET PAS KISI KE BAHKAWE MAI NA AWE YE LOG APKO AGAI KR KE APKO FANSA KE BHAG JAINGE INSE BACHE JAI TET PAS JAI MUSKAN JINHONE TET KO BACHA LIA JAI
ReplyDeleteBad news for tet merit holder-
ReplyDeleteरद्दी बन गए सवा लाख आवेदन
25 Jul 2012 12:20,
Wednesday, July 25, 2012
सहारनपुर
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी मेंमहीनों से गोदाम में कैद रहे टीईटी अभ्यर्थियों के लगभग सवा लाख फार्म अब रद्दी बनकर रह गए हैं। टीईटी मेरिट पर
नियुक्ति न होने और पुरानी विज्ञप्ति को निरस्त कर जिला स्तर पर नई प्रक्रिया शुरू करने के फैसले के बाद ये फार्म अब किसी काम के नहीं रह गए हैं। टीईटी पर यह निर्णय न होने तक डायट महीनों से इन फार्मों की रखवाली कर रहा था कि कहीं अभ्यर्थियों का भविष्य इन आवेदनों को चूहे न कतर जाएं। नवंबर 2011 में टीईटी एग्जाम के बाद उस समय की व्यवस्था के अनुरूप पांच मंडल का विकल्प होने के कारण
सहारनपुर मंडल के जिलों के अलावा अन्य जनपदों से एक लाख 15 हजार अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मेरिट के लिए आवेदन फार्म
जमा कराए थे। आवेदनों की यह संख्या इतनी अधिक थी कि इन्हें तांगे में लादकर
ले जाना पड़ा था। बाद में यहां गोदाम में सुरक्षित रख दिया गया। कई महीनों से
अभ्यर्थी भी यह उम्मीद लगाए हुए थे कि कभी न
कभी तो इन फार्मों से मेरिट बनाकर नियुक्ति का नंबर आएगा मगर अब ऐसा नहीं होगा।इंसेट फार्मों की स्थिति के लिए निर्देशों का इंतजार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य संजय उपाध्याय का कहना है कि टीईटी मेरिट की बजाय नए
फार्मूले से नियुक्ति प्रक्रिया के बाद इन फार्मों का कोई प्रयोग तो नहीं रहा है मगर
इनका अब क्या होगा। इसके लिए सरकार के अगले
निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। अधिक संभावना तो यही है कि अब ये फार्म नीलाम किए जा सकते हैं। जब तक शासन के निर्देश
नहीं आएंगे तब तक फार्म गोदाम में ही रहेंगे।
माध्यमिक स्कूलों में नए अध्यापकों की राह
ReplyDeleteधूमिल
हरिशंकर मिश्र, लखनऊ
सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में प्रभारी जरूर
नियुक्त कर दिया है लेकिन इसके दामन पर लगे दागों को धो पाना आसान नहीं है। अध्यक्ष और सदस्यों के बीच मुकदमेबाजी, चयन में धांधली के आरोपों और सदस्यों की कमी के चलते लगभग तीन हजार शिक्षकों और प्रधानाचार्यो की नियुक्ति अधर में लटकी हुई
है। डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों के प्लेसमेंट भी लटके बताए जाते हैं। ऐसे में नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाने के बावजूद स्कूलों को नए अध्यापकों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
विवाद दर विवाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर आरोप तो पहले भी लगते रहे हैं लेकिन उस बार उसके दामन पर भ्रष्टाचार के गहरे छींटे हैं। विवाद की शुरुआत तो अध्यक्ष पद पर आरपी वर्मा के मनोनयन के
बाद ही हो गई थी लेकिन दो सदस्यों सतीश दुबे
और केसरी नंदन मिश्र से उनके झगड़ों ने बोर्ड की साख को और बट्टा लगा दिया। पहली बार ऐसे हुआ कि सदस्यों और अध्यक्ष के बीच मारपीट और एफआइआर तक की नौबत आई। इसमें एक सदस्य
को इस्तीफा तक देना पड़ा। बिना लिखित परीक्षा पास किए कुछ अभ्यर्थियों के चयन का मामला भी प्रकाश में आया। अध्यक्ष पर अपने
ही परिवार के लोगों को नौकरियां देने के आरोप लगे। इन्ही झगड़ों के बीच पहले की नियुक्तियों के मामले भी खुलने शुरू हो गए। कई स्कूलों में फर्जी ढंग से नियुक्तियों की बात सामने आई। जांच चल रही है।
तीन हजार पद, सदस्य तीन : चयन प्रक्रिया शुरू होने में सदस्यों की कमी भी एक
बड़ा रोड़ा है। बोर्ड में अध्यक्ष को मिलाकर
11 सदस्य होते हैं। वर्तमान में सिर्फ चार ही सदस्य रह गए हैं। इसमें भी एक के कामकाज पर शासन ने रोक लगा दी है। सपा सरकार के गठन के बाद उम्मीद थी कि नए सदस्यों की नियुक्ति हो जाएगी लेकिन अभी यह
मामला लटका हुआ है।
ऐसे में सिर्फ तीन सदस्यों के सहारे बोर्ड का सुचारु ढंग से काम कर पाना मुश्किल है।
सदस्य ही अध्यक्ष के साथ मिलकर नीतिगत फैसले
लेते हैं। चयन प्रक्रिया में भी उनकी अहम भागीदारी है।
नियुक्तियों पर रोक हटने का इंतजार :
यह बोर्ड के अंदरूनी विवाद का ही प्रतिफल है कि यहां नियुक्तियों पर अभी भी रोक लगी हुई है। सपा सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगाई थी लेकिन इसे बाद में हटा लिया गया था। चयन प्रक्रिया को लेकर धांधली का मामला गरमाने के बाद बोर्ड के अध्यक्ष ने अपने स्तर से नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी, जो अभी तक बरकरार है। अब यह बोर्ड के नए प्रभारी पर निर्भर है कि वह इस पर लगी रोक कैसे हटाते हैं।
माध्यमिक स्कूलों में नए अध्यापकों की राह
ReplyDeleteधूमिल
हरिशंकर मिश्र, लखनऊ
सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में प्रभारी जरूर
नियुक्त कर दिया है लेकिन इसके दामन पर लगे
दागों को धो पाना आसान नहीं है। अध्यक्ष और
सदस्यों के बीच मुकदमेबाजी, चयन में धांधली के
आरोपों और सदस्यों की कमी के चलते लगभग तीन
हजार शिक्षकों और
प्रधानाचार्यो की नियुक्ति अधर में लटकी हुई
है। डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों के प्लेसमेंट
भी लटके बताए जाते हैं। ऐसे में नया शिक्षा सत्र
शुरू हो जाने के बावजूद स्कूलों को नए
अध्यापकों के लिए लंबा इंतजार करना पड़
सकता है।
विवाद दर विवाद : माध्यमिक
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर आरोप तो पहले
भी लगते रहे हैं लेकिन उस बार उसके दामन पर
भ्रष्टाचार के गहरे छींटे हैं। विवाद की शुरुआत
तो अध्यक्ष पद पर आरपी वर्मा के मनोनयन के
बाद ही हो गई थी लेकिन दो सदस्यों सतीश दुबे
और केसरी नंदन मिश्र से उनके झगड़ों ने बोर्ड
की साख को और बट्टा लगा दिया। पहली बार
ऐसे हुआ कि सदस्यों और अध्यक्ष के बीच मारपीट
और एफआइआर तक की नौबत आई। इसमें एक सदस्य
को इस्तीफा तक देना पड़ा। बिना लिखित
परीक्षा पास किए कुछ अभ्यर्थियों के चयन
का मामला भी प्रकाश में आया। अध्यक्ष पर अपने
ही परिवार के लोगों को नौकरियां देने के
आरोप लगे। इन्ही झगड़ों के बीच पहले
की नियुक्तियों के मामले भी खुलने शुरू हो गए।
कई स्कूलों में फर्जी ढंग से नियुक्तियों की बात
सामने आई। जांच चल रही है।
तीन हजार पद, सदस्य तीन : चयन
प्रक्रिया शुरू होने में सदस्यों की कमी भी एक
बड़ा रोड़ा है। बोर्ड में अध्यक्ष को मिलाकर
11 सदस्य होते हैं। वर्तमान में सिर्फ चार
ही सदस्य रह गए हैं। इसमें भी एक के कामकाज पर
शासन ने रोक लगा दी है। सपा सरकार के गठन के
बाद उम्मीद थी कि नए
सदस्यों की नियुक्ति हो जाएगी लेकिन अभी यह
मामला लटका हुआ है।
ऐसे में सिर्फ तीन सदस्यों के सहारे बोर्ड
का सुचारु ढंग से काम कर पाना मुश्किल है।
सदस्य ही अध्यक्ष के साथ मिलकर नीतिगत फैसले
लेते हैं। चयन प्रक्रिया में भी उनकी अहम
भागीदारी है।
नियुक्तियों पर रोक हटने का इंतजार : यह
बोर्ड के अंदरूनी विवाद का ही प्रतिफल है
कि यहां नियुक्तियों पर अभी भी रोक लगी हुई
है। सपा सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगाई
थी लेकिन इसे बाद में हटा लिया गया था। चयन
प्रक्रिया को लेकर धांधली का मामला गरमाने
के बाद बोर्ड के अध्यक्ष ने अपने स्तर से
नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी, जो अभी तक
बरकरार है। अब यह बोर्ड के नए प्रभारी पर
निर्भर है कि वह इस पर लगी रोक कैसे हटाते हैं।
news source-dainik jagran
उच्च प्राथमिक के लिए टीईटी पास करने वालों का भविष्य अधर में
ReplyDeleteअमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। राज्य सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 पर भले
ही निर्णय कर लिया हो, लेकिन केवल उच्च
प्राथमिक के लिए टीईटी पास करने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे। सरकार ने इन्हें केवल सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र
माना है। इससे इन अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में भी लटक सकता है। वजह साफ है, क्योंकि सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती स्कूल प्रबंधन और बेसिक शिक्षा अधिकारी की साठगांठ से होता है। इन
स्कूलों में भर्ती के लिए विज्ञापन भी एक साथ न
निकल कर एक-एक स्कूलों का निकलता है। प्रदेश में कक्षा आठ तक के स्कूलों में शिक्षक पद पर भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य है। टीईटी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर आयोजित की गई थी। प्राथमिक कक्षाओं के लिए
2,92,913 अभ्यर्थियों और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 2,64,928 अभ्यर्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। टीईटी के आयोजन के
समय यह बात आई थी सरकारी उच्च प्राथमिक
स्कूलों में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी, लेकिन राज्य सरकार ने अब निर्णय किया है कि उच्च
प्राथमिक स्तर के जिन अभ्यर्थियों ने टीईटी उत्तीर्ण की है, वह केवल सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र होंगे।
यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद से सहायता प्राप्त करीब 3700 जूनियर
हाईस्कूल हैं। प्रत्येक स्कूलों में छात्रसंख्या के आधार पर पद स्वीकृत किए गए हैं। अधिकतर स्कूलों में प्रधानाध्यापक को मिलाकर 5 शिक्षक होते हैं। सहायता प्राप्त स्कूलों में पद रिक्त होते ही स्कूल प्रबंधक बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्ताव भेजकर
उस पर नियुक्ति कर लेता है। कहा तो यहां तक जाता है कि इन स्कूलों में भर्ती के लिए विज्ञापन ऐसे अखबारों में दिया जाता है,
जो बाजार में कम दिखता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि स्कूल प्रबंधन अपने हिसाब से शिक्षकों को रख सके।
•सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के लिए
ही होंगे पात्र
•इन स्कूलों में रिक्तियों का एक साथ
नहीं निकलता विज्ञापन
Good morng
ReplyDeleteGd morning
ReplyDelete@ blog editor
ReplyDeleter u a tetian ?
if yes ....
plz publish ur tet roll no.
bhartee hogi to tet ki merit se hogi nahee to chaar saal baad hogee tatha acadmic merit se to bhartee hogee hee nahee.yahee akhilesh bhee chahate hain.
ReplyDeletebhrtee hogi to tet ki merit se hee hoge nahee to hogee hee nahee.
ReplyDeletebhartee keval purva vigyaapan per hee eo sakti hai.nahee to matter fir cour me latkega.
ReplyDeleteHIIIIIIIIIIIII
ReplyDeletetet mrt sathiyon
ReplyDeletenirash na ho
bharti hogi to kewl tet merit se jiske 99% chance ya fir up me aane wale 5 salo tak koi bhRti nahi hogi jiske 1% chance hai
acd mtt ka koi chance nahi govmnt kewal sapne dikha rahi hai
tet morcha sultAnpur
Muskan ji mai roj comments dekhta hu . Accha kharab sab but kabhi kuch shair nahi kiya. But aapke blog ko block karne ki bat...... Pls. Dnt do so. cos we will be alone without u.so pls dnt lev us ........
ReplyDeletePiyush Singh.
9554923893
Muskan ji mai roj comments dekhta hu . Accha kharab sab but kabhi kuch shair nahi kiya. But aapke blog ko block karne ki bat...... Pls. Dnt do so. cos we will be alone without u.so pls dnt lev us ........
ReplyDeletePiyush Singh.
9554923893
Sabhi tet muslim sathi apne jile or mob. No. Display kare kyoki hume is ramzan me sarkar pe dawab dal na hai...jaise ki har jume ki namaz k bad pardarshan karna hai ki hum kitne muslim hai jin ki rozi-roti is sarkar k hath me hai or aj hum educated hai or applicable hai is bharti k liye jo sarkar jo yeh kehti hai ki hum humdard hai musalmano k to wo hume age aane de.. MORADABAD,MERUT,BARILLY,LUCKNOW to hum sabhi chahe hum kahi k bhi ho hume har jume ko pahuch na padega .... Or apne hindu bhai shamko roza -aftiar kare .., AISA MERA SOCH NA ...
ReplyDeletetet sathiyon nirash na ho hamari puri team har pahaluon par dhyan dekar aage badh rahi hai
ReplyDeletebharti hogi to kewal tet mrt se jiske 99% chance hai ya fr up me agle 5 salo tak koi bhartij nahi hogi jiske 1%. chance hai
govmnt kewal sapne dikha rahi hai
aap agrawal ji ka jgmnt dekhiye. unhone tet mrtbest bataya hai
TET SANGHARSH MORCHA SULTANPUR
when process of selection was changed by using special power of bsp government from acd to tet merit during of process running befor 4 day of exam
ReplyDeleteso in the same way sp will be changed the process of selection and it is also legal
so te merit sup can do nothing
MUSKAN JI . PLS BLOG PAR COMENTS SHOW KARE-.
ReplyDeleteANWAR SIR please show your cell n i want to talk to you .
ReplyDeleteThis is the time to remain unite, Such kind of incident expose the political system prevailing in India. Lakhs of unemployed persons are paying the cost personal rivalry( MAYA vs Mulayam). Mr. Anwar Khan i am really appreciating your positive attitude. Society need the person like you.
ReplyDeletedosto me sabhi acd or merit supporter se hath jodkar vinti karta hu ki in bharti ko ho jane dijiye chahe base jo b ho. Agar aisa nahi hua to jaane apne kitne saathi hamko chodkar chale jayenge. Jara un btc2004 walo ke baare me socho jo ki job ki aas me apne kimti 3 and half year gava chuke hai or ab bhi ghar baithe hai. Maa vaishno ki kripa se sab tet pass walo ko job milegi.
ReplyDeleteJai maa vaishno.
agar tet me koi dhadle hote to ab tak jaroo koi to jai jata
ReplyDeleteIN 1991 AND IN 1993 SP GOVT IN U.P., U.P. BOARD RESULT WAS ABOVE 80% BUT IN 1992 U.P.BOARD RESULT 14% WHY THIS...BCZ NAKAL PREVENTED ,SP GOVT SUPPORT NAKAL IN EDUCATION.
ReplyDeletekya koi bata sakta hai ki lakheempur aur seetapur me kitne form apply hue hai
ReplyDeleteacd walo hosh mai aao gov.ki chal ko samjho ye ham logo ko bhidana chahti hai tet merit best hai ye samanta ka adhikar deti hai court ke disigen ka wait kare jeet hamari hogi tet merit jindabad
ReplyDeleteacd walo hosh mai aao gov.ki chal ko samjho ye ham logo ko bhidana chahti hai tet merit best hai ye samanta ka adhikar deti hai court ke disigen ka wait kare jeet hamari hogi tet merit jindabad
ReplyDeletegd mg
ReplyDeletecourt koi doodh pita baccha nahi hai..wo puchega ki dhandhli hui to kisne ki..kiske number bade..proof kya hai? aur agar hai to ye tet cancel kyon nahi kiya..kya jawab degi sarkar? aur agar court sarkar ki baat maan leti hai to clear ho jayega ki court bhi bik chuki hai...sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....sadaaaa haqqqqq ittthhe rakhhhhh.....
ReplyDeleteNcte ki guide line me sarkar ko kuch adhikar diye gay hai
ReplyDeletejaise ki
tet ko pass karne ka kitna % hona chahiye
bharti ka adhar ksy hona chahiye
sito ka batwara kis tarah ho
adhi
to isko duniya ke kisi bhi cort me chaillang nahi kiya ja skta
yadi mayavati k decision ko change karne ki bat h to jis mayavati ne ye decision liya tha uske neta ya vo khud aj tak kaha h usne kyo nahi cabinate ki meeting m iska virodh kiya or na aj tak koi comments kiya iske upper. kyoki ye decision kevel or kevel upper baithe adhikariyo ki milibhagat thi paisa khane k liye isiliye usne 4 din pehle ye decision change karveya tha...
ReplyDeleteUp ka ab 5saal tk koi vikash nhi hoga.
ReplyDelete240acd female gen art per kyA chance hai
ReplyDelete240acd per kya chance hai plz reply
ReplyDeleteMUSKAN MAM THIS IS THE BEST PLATEFORM FOR TETANS AGAR YEH PLATEFORM BAND HO JAIGA TO TETIANS KO KOI NEWS NAHI MIL PAYIGE AUR VE SABHI TITER BITER HO JAIGE IS LIYA AAP SABHI KO BIKHARNE NA DE
ReplyDeleteTHIS IS MY PERSONAL REQUEST
MUSKAN JI PLEASE IS BLOG KO BAND NAA KARE
ReplyDeletedelhi me rehne wale sabhi tetians se anurodh hai ki we jantar mantar per ho rhe aandolan me jyada se jyada sankhya me pahuchkar team anna ke kisi na kisi sadasya se jrur milne ka prayas kre aur unhe apni samasyaye btakar manch se kehne ko khe. kyoki govt. ne acd final kar diya hai
ReplyDeletehello frnds n muskan mam,i am also tet merit supporter.but i have got some information that according to NCTE guidelines only weigtage of tet can be considered in recruitment.tet merit can not be the basis.therefore when mayawati govt.went for the approval by the court for tet merit.as it was against NCTE guidelines court didnt gave the permission,still mayawati govt.changed the rule may be just to fool public.THEREFORE THERE IS NO CHANCE OF TET MERIT AND EVEN IF TETIANS GO TO ANY COURT FOR TET MERIT THE WRIT WILL NOT BE ACCEPTED AS TET MERIT IS AGAINST THE GUIDELINES.AS WE WERE UNKNOWN NOW WE HAVE COME TO KNOW THAT WHY THE RULE IS AGAIN CHANGED TO ACCADEMIC.
ReplyDeletehello frnds n muskan mam,i m also a tet merit supporter bt i have received the information that NCTE guidelines k according tet marks ko bas weightage diya ja skta h recruitment me.tet merit basis nai ho skti.myawati govt. ne court se tet merit approve krane ki koshish ki ti but court refused bcoz ye ncte rules k against ta.but fir b last govt. ne rule change kiy shayad vo sbko equal opportunity dena chate te isliy.YE RULE NCTE K AGAINST TA ISLIY VAPAS CHANGE HO KAR ACC. PE KR DIY GYA.AND AGAR KOI B TETIAN COURT JATA H FOR TET MERIT THEN WRIT WILL BE CANCELLED AS TET MERIT IS AGAINST NCTE RULES.PEHLE HUME SHAYAD YE NAI PTA THA BUT AB JB HUME PTA H WE MUST BE HAPPY ATLEAST BHARTI START HOGI,ND MORE CHANCES H AB VACANCY INCREASE HOKE AYENGI
ReplyDeleteMAM PLEASE APPROVE AND PUBLISH MY EARLIER COMMENT.SO THAT LACK OF KNOWLEDGE K VAJAH SE WE SHOULD NOT BECOME HOPELESS AND NOT COMMIT OTHER MISTAKES
ReplyDeleteMUSKAN JI, PLEASE KUCH INFORMATION TO DETI RAHE
ReplyDelete23 july ke gov. cabinet meeting me jo faisla liya gaya hai usme main poin ko dhyan se padha jaye to likha hai, ADHYAPAK PATARTA PARIKSHA 2011 KO AHRKARI PRIKSHA BNANE KA NIRNAYA,,,,
ReplyDeleteto spast hai ahrakari ka matlab hota hai ki jo bharti ke valid ho aur patrta ka matlab hota hai, qualify only ab gov ne is patrta pariksha ko arhakari banane ka nirnaya liya hai to spasth hai ki bharti TET BASE HI HOGI,, agar kuch mera sochna galat hai to tell me plz,,, Lalit Sharma 9997300453
cabinet meeting ka faisla is link par padh sakte hai,,
http://information.up.nic.in/View_hindinews.aspx?id=203
dear freinds please tell me kya purva prakashit vigyapan cancell ho jaiyaga
ReplyDelete