UPTET : बगैर प्रमाण पत्रों के कर रहे थे नौकरी, लगे थे मृतक आश्रित कोटे से
दो अध्यापकों की नौकरी गई
पूरे मामले में तत्कालीन बीएसए की भूमिका संदिग्ध
जागरण संवाददाता, सम्भल : तत्कालीन बीएसए ने मानकों के विपरीत दो मृतक आश्रितों को परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त कर दिया। अब मामले का खुलासा होने पर बीएसए ने दोनों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
हजरतनगर गढ़ी के जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक चंद्रपाल शर्मा तैनात थे। बीमारी के चलते 25 मई 11 को उनका निधन हो गया। आठ सितंबर 11 को तत्कालीन बीएसए बालमुकुन्द प्रसाद ने मृतक आश्रित के रूप में उनके बेटे मुकेश कुमार शर्मा को असमोली के रुस्तमपुर न्यावली में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त कर दिया। इतना ही नहीं अनुराग मिश्रा को भी मृतक आश्रित के रूप में सकरपुर सोत के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात किया। उत्तर-प्रदेश निशुल्क एवं बाल शिक्षा के अधिकार 2011 के नियम के तहत उच्च एवं प्राथमिक परिषदीय विद्यालयों में टीईटी योग्यता धारक को ही अध्यापक के पद पर नियुक्त करने का प्रावधान है।
मानक के विपरीत नियुक्ति करने पर उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई। उच्चाधिकारियों के आदेश पर बीएसए ने दोनों अध्यापकों को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा। इसके बावजूद दोनों अध्यापक उपस्थित नहीं हुए और न ही अभिलेख दिखाए। इस पर बीएसए ने दोनों अध्यापकों की नियुक्ति को नियमविरुद्ध मानते हुए सेवा समाप्त कर दी।
News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/moradabad-city-9434687.html / Jagran (4.7.12)
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TET is mandatory as per NCTE Guidelines / Basic Shiksha Niyamavalee, And without qualifying UPTET, Primary/Upper Primary teacher job is not possible.
Now it is clear from above news - Importance of UPTET exam.
UPTET 2011 was last TET exam for B Ed candidates as per NCTE guidelines.