शिक्षक भर्ती ः बीएसए द्वारा जारी की गई संशोधित लिस्ट
पूर्व काउंसलिंग में अनुपस्थित आवेदकों को जांच सूची से हटाया
29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Upper Primary Teacher Recruitment UP , 29334 junior teacher vacancy in up latest news, , UPTET, SARKARI NAUKRI NEWS , SARKARI NAUKRI
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Blog Editor Ke Vichaar : Agar Anupasthit Aavedakon Ko Hata Kar Counselling Ke Liye Merit Tayaar Kee Jaatee Hai, to
3rd Counselling Last / Final Counselling Bhee Ho Saktee Hai,
Kyunki is se Bahut Saare naye aur Vastavik Aavedakon Ko Chance Jyada Milne Jaa Raha Hai.
Kuch Logo ne Farjee Marks 100% Bharkar Phisical Handicap cat aadi mein bharkar Merit unchee kar dee thee, aur ye aavedak farjee prateet hote hain. Is Tarh se Merit Bahut Neeche Gir Jayegee.
Aur Ab 3rd Counselling mein Jisko Moka Milega, Vo Jyada Risk Na Lete Hue, Seedhe Apne Choice Ke District Par Counseling ke Liye Jyada Pahunchegaa.
News] mein Likha hai ki Anupasthit Aavedakon ko Chance to Diya Jayegaa, Lekin Cut-off Merit Unko Hata Kar Tayaar Kee jayegee
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इलाहाबाद(ब्यूरो): बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों गणित और विज्ञान पदों की भर्ती के लिए में बृहस्पतिवार को होने वाली तीसरी काउंसलिंग की मेरिट लिस्ट को बदल दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से संशोधित मेरिट लिस्ट जारी की गई है। जिसमें पूर्व काउंसलिंग में अनुपस्थित आवेदकों को जांच सूची से हटा दिया गया है। ऐसे में संशोधित मेरिट लिस्ट में कट ऑफ मार्क्स कम हुए हैं।
दरअसल, 18 अगस्त को जो मेरिट लिस्ट जारी की गई थी, उसमें पूर्व काउंसलिंग में अनुपस्थित आवेदकों को भी शामिल कर लिया गया था। जबकि पूर्व अनुपस्थित आवेदकों को हटा मेरिट तैयार करनी थी। अनुपस्थित आवेदकों को सिर्फ काउंसलिंग में शामिल करने के निर्देश थे। इसके बाद भी कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा कन्फ्यूजन के चलते अनुपस्थित आवेदकों को मेरिट लिस्ट में शामिल कर लिया गया। इस पर बेसिक शिक्षा परिषद ने निर्देश भेजे। जिसके बाद मेरिट लिस्ट में बुधवार को बदलाव कर दिया गया। संशोधित मेरिट में विज्ञान विषय में सामान्य जाति 71.04, अनुसूचित जाति 64.39, अनुसूचित जन जाति 49.63, अन्य पिछड़ी जाति 69.42, दृष्टि बाधित विकलांग 63.40, श्रवण बाधित विकलांग 63.43, चलन क्रिया विकलांग 69.42, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित 56.65 और भूतपूर्व सैनिक 47.79 है। इसी तरह गणित विषय में सामान्य जाति 68.59, अनुसूचित जाति 61.13, अनुसूचित जन जाति 49.63, अन्य पिछड़ी जाति 66.69, दृष्टि बाधित विकलांग 62.69, श्रवण बाधित विकलांग 61.90, चलन क्रिया विकलांग 67.18, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित 56.29 और भूतपूर्व सैनिक 47.79 है।
News Sabhaar: Amar Ujala(21.08.2014)
और कितने इम्तेहान लेगा वक़्त तू ।।।
ReplyDeleteज़िन्दगी मेरी है फिर मर्ज़ी तेरी क्यों ।।।
"संघर्षो में यदि कटता है तो कट जाए सारा जीवन,
ReplyDeleteकदम-कदम पर समझौता मेरे बस की बात नहीं"
DEKHIYE 19 AUG. KI SCERT ME TALABANDI KA ASAR 14SE19 TAK KOI NIRDESH NAHI 2O KO DIET S KI KARYAPRANALI KO GAMBHIR MANTE HUE KADA NIRDESH V SACHIV STAR KI MEETING BHI HO GAYI SAF PARILIKSHIT HAI YE BINA DAKKA DIYE AAGE NAHI BADATE HAI .
ReplyDeleteशिक्षकों की भर्ती में रहेगी पारदर्शिता
ReplyDeleteजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी होगी। न्यायालय की रोक खत्म होते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
नई पीढ़ी को बेहतर बनाने के लिए अच्छे शिक्षक दिया जाना जरूरी भी है इस दायित्व को सेवा चयन बोर्ड बखूबी समझता है व उसे अंजाम तक पहुंचाएगा।
यह बात बुधवार को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो. परशुराम पाल ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से कहीं। नए अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा ही मेरुदंड है। जब अच्छे शिक्षकों का चयन होगा तो विद्यार्थी अच्छे निकलेंगे और देश बनेगा।
इस बात को संकल्प के रूप में लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सेवा चयन बोर्ड के सारे काम कानून के दायरे में होंगे सबको साथ लेकर अब तक चलते आए हैं और यह परंपरा यहां भी जारी रहेगी।
कोर्ट में जो मामले लंबित है उनकी पैरवी पूरे मनोयोग से होगी। भावी शिक्षक या फिर आम जन सेवा चयन बोर्ड से यदि जन सूचना मांगेंगे तो उसका तुरत-फुरत जवाब दिया जाएगा।
प्रयास यह होगा कि आरटीआइ का जवाब वेबसाइट पर डाला जाए, ताकि सब लोग जान सकें। उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर वह कोई काम नहीं करेंगे, लेकिन जो हाल में ही निर्णय लिए गए हैं, उनका रिव्यू जरूर होगा।
वह बड़ी लकीर खींचने का काम करेंगे। नए अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एवं सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने उन पर जो विश्वास जताया है उस पर खरे उतरने का प्रयास करेंगे और ऐसा करेंगे, ताकि सेवा चयन बोर्ड से सरकार की छवि बन सकें।
नए अध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण के दौरान कार्यवाहक अध्यक्ष डा. आशाराम यादव कार्यालय में नहीं थे, ऐसे में डा. पाल को सचिव के कमरे में बैठकर कार्यभार लेना पड़ा। डा. आशाराम ने कहा कि वह जरूरी कार्य से शहर से बाहर हैं,
शुक्रवार को कार्यालय पहुंचकर कमरा और कार्यभार नए अध्यक्ष को सौंप देंगे। इस दौरान सेवा चयन बोर्ड के सचिव जितेंद्र कुमार एवं बोर्ड के अन्य सदस्य आदि मौजूद थे।प्रो. परशुराम पाल।
इलाहाबाद : टीजीटी एवं पीजीटी 2011 एवं 2013 की परीक्षा कराने की मांग को लेकर बुधवार को दर्जनों अभ्यर्थी कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए। उनके प्रतिनिधिमंडल को सचिव जितेंद्र कुमार ने बुलवाया और उनसे वार्ता की।
सचिव ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया कि 2011 की परीक्षा का प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है। 14 अगस्त को उसकी सुनवाई नहीं हो पाई है। जल्द ही सुनवाई होगी और रास्ता साफ होते ही परीक्षा कराई जाएगी।
साथ ही 2013 की परीक्षा के लिए शासन से अनुमति लेने के लिए पत्र भेजा गया है। इससे अभ्यर्थी संतुष्ट होकर लौट गए।
अभ्यर्थियों को सचिव ने मनाया
मेरी तो हँसी ही नहीं रुक रही यार...
ReplyDeleteबिल गेट्स ने अपने माइक्रोसॉफ्ट के कनाडा के बिज़नेस के लिए चेयरमैन की जॉब लिए एन इंटरव्यू रखा... इंटरव्यू के लिए 5000 लोग एक बड़े होल में इकट्ठा हुए...
इन सब में एक कैंडिडेट पटना, बिहार से भी थे... नाम था ‘मनोज प्रताप’
बिल गेट्स: इंटरव्यू में आने के लिए आप सबका शुक्रिया... जो लोग java नहीं जानते हैं, वो जा सकते हैं
(ये सुन कर 2000 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘मनोज प्रताप’ ने मन में सोचा, “मुझे कौन-सा ससुरी java आती है... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे क्या होता है”
बिल गेट्स: जिन लोगों को 100 लोगों से बड़ी टीम को मैनेज करने का तजुर्बा नहीं हैं, वो जा सकते हैं...
(ये सुन कर 2000 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘मनोज प्रताप’ ने मन में सोचा, “मैंने तो ससुरी भैंस भी एक साथ 3 से ज्यादा नहीं चराई... ये 100 लोगों की टीम मैनेज करने की बात कर रहा है... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे क्या होता है”
बिल गेट्स: जिन लोगों के पास मैनेजमेंट का डिप्लोमा नहीं है, वो जा सकते हैं...
(ये सुन कर 500 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘मनोज प्रताप’ ने मन में सोचा, “मैंने तो 8वी क्लास में ही स्कूल छोड़ दिया था... ये ससुरा डिप्लोमा की बात कर रहा है... ... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे क्या होता है...”
सबसे आखिर में बिल गेट्स ने कहा: जो लोग जापानी भाषा में बात नहीं कर सकते, वो जा सकते हैं...
(ये सुन कर 498 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘मनोज प्रताप’ ने मन में सोचा, “मुझे तो जापानी भाषा का एक शब्द भी नहीं आता... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे क्या होता है...”
अब ‘मनोज प्रताप’ ने पाया की वो खुद और सिर्फ़ एक ही और candidate इंटरव्यू के लिए बचे हैं... बाकी सब जा चुके थे...
बिल गेट्स उन दोनों के पास आया और उनसे कहा, “जैसा की आप देख सकते हैं कि अब सिर्फ़ आप दोनों ही हैं candidate बचे हैं जो जापानी भाषा जानते हैं... में चाहूँगा कि आप दोनों आपस में जापानी में बात करके दिखाएँ”
‘मनोज प्रताप’ धीरे से दूसरे candidate से बोला, “कौन जिला घर पड़ी हो..??”
दूसरे ने जवाब दिया, “छपरा... ...
और तोहार?”
"दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो,
ReplyDeleteगर्द हटती है, तो आईने भी चमक उठते हैं"
मैने आप लोगों से पहले ही बता दिया था कि मैं ज्योतिषी या भगवान नही हूँ जो मेरे द्वारा कही गई बात सत्य हो,
ReplyDeleteमैने जो भी आप लोगों से बताया था उसमें से एक भी बात अपने मन से नही बताया था, सचिव/निदेशक ने खुद कहा था कि 25 से काऊंसलिंग कराई जाएगी, नही हुआ तो मै और मेरा सोर्स क्या कर सकता है,
फिलहाल जो मेरे अपने है वो मुझे कभी गलत नहीं समझेंगे,
जो अपने नही है, वो 25 से अपनी काऊंसलिंग जरूर कराएगे
आप लोगों के बीच रहकर कुछ मिला हो चाहे न मिला हो, लेकिन जिंदगी के कुछ अनुभव जरूर मिल गया है,
धन्यवाद
फिलहाल जो मेरे अपने है वो मुझे कभी गलत नहीं समझेंगे,
ReplyDeleteजब मैंने "दारू"
ReplyDeleteपहली बार पी थी,
में खुद अपनी नज़र
में गिर गया था.......
और मैंने दारू छोड़ने का
फैसला कर लिया ?
लेकिन तब मैंने,
इन तमाम लोगों के बारे में सोचा..... .
किसान-जो अँगूर उगाते है।
वो "दारू" फेक्टरी के मजदूर,
वो कांच की बोतल की फेक्टरी में काम करने वाले मजदूर,
वो "बार" में नाचने वाली गरीब
बार डांसर,
वो "बार"में काम करने वाले वेटर,
वो "कबाड़ी" जो बोतल इकट्ठा कर अपना अपनी रोजी रोटी कमाते है,
इन सबको लादकर चलने वाले गरीब ट्रक ड्राइवर ,
और उनके बीबी बच्चों के बारे में सोचा तो मेरी आंख भर आयी,
और बस......
उसी पल फैसला किया की अबसे,
में रोज पियूँगा........
क्योंकि .........
"अपने लिये तो सब जीते है,
हम तो गरीबों के लिये पीते है"
जीयो और जीने दो,
पीयो और पीने दो............
वह तितलियोँ के बैठने का इंतजार कर रहा था कि अचानक बर्रे ने काट लिया ।
ReplyDelete72825 की सकारात्मक विषय वस्तु :
ReplyDelete19 तारीख के बाद से तो ऐसा लगता है जैसे सबकी नानी ही मर गई हो जब की लोग अच्छी तरह से जानते हैं सरकारी काम समयानुसार हो जाए तो इसका मतलब अलौकिक चमत्कार हो गया,,,
09/11 के अमेरिकी हमले में एक भी भारतीय नहीं मरा क्योंकि office बस खुले ही थे और भारतीय office late न जाए ऐसा हो नहीं सकता,,,
ReplyDeleteये तो रही मजाक वाली बात अब मुद्दे पर आओ,,,,
ReplyDelete19 तारीख से अपेक्षा लोगों की कुछ ज्यादा ही थी इसलिए दुख भी ज्यादा हुआ,,,सरकार ने बहुत पहले ही कहा था कि हम अगस्त के अन्तिम पखवारे से भरती शुरू कर देगें जिसका मतलब हम 24-31 ( अन्तिम सप्ताह) से लगा सकते हैं और अगर आपने आज का newspaper पढ़ा होगा तो पता चल गया होगा कि 23 तारीख को meeting है,,,वहीं पर सभी ग्रुप मे सबसे ज्यादा विश्वसनीय खबर देने वाले आनन्द अभिषेक श्रीवास्तव के अनुसार सितम्बर के पहले सप्ताह में counselling पर सहमति बनी है,,
थोड़ी बहुत लापरवाही तो वो करेंगे ही क्योंकि काम जबरदस्ती करवाया जा रहा है मर्जी से नहीं,,,
लेकिन कछुए की चाल से ही मगर हो तो रहा है और हम ये race भी जीतेंगे इसमें दो राय नहीं,,,,
जितने परेशान हम हैं उससे कम परेशान सरकार नहीं है क्योंकि उसके प्रिय 15 वे सशोधन पर की गई सारी भरतियो पर तलवार लटक रही है
इसलिए भाइ जहाँ तीन साल धीरज धरा हैं एक महीने और धर लो,,,ये बात बिल्कुल तय है कि जब तक सभी जिलों का data नहीं पहुँच जाता,,,counselling प्रारंभ नहीं हो सकती इसलिए 31 अगस्त तक इन्तजार तो बनता ही है,,,
ReplyDeleteसप्ताह दो सप्ताह इधर उधर भी हो सकता है क्योंकि "
हर काम में देरी भारतीयों का जन्मसिद्ध अधिकार है "
29334 total form - 3,80,000 first me - 88,002 forms second me - 1,04170 forms third me - 1,40,000 forms total forms vaste - 3,32,172 remindar forms - 47,828 fir bhi merit high? crropution ? or proffeshnial ko bhi sachive bha nahi bahar car rha ? h.
ReplyDeleteजब तुम अपना दुःख बांटते हो, तो वह घटता नहीं| जब तुम अपना आनंद नहीं बांटते, तो वह घट जाता है|
ReplyDeleteअपनी समस्याएं केवल ईश्वर के साथ ही बांटो, अपना आनंद सबके साथ|
इतनी ऊँचाई न देना प्रभु
ReplyDeleteकि,
धरती पराई लगने लगे l
इनती खुशियाँ भी न
देना कि,
दुःख पर किसी के हंसी आने
लगे ।
नहीं चाहिए
ऐसी शक्ति जिसका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ l
नहीं चाहिए ऐसा भाव
कि,
किसी को देख जल-जल मरूँ
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने
लगे I
ऐसी चतुराई भी न
देना जो,
लोगों को छलने लगे ।।
ReplyDeleteअभी-अभी सूत्रों से पता चला है की 19 अगस्त को SCERT घेराव और कंटेम्पट का नोटिस रिसीव कराये जाने के बाद सचिव महोदय के हाथ पाँव फूल गए हैं। हमारे टेट प्रतिनिधि मण्डल को दिलेरी दिखाने वाले हीरालाल गुप्ता का दिल अब धड़का मारने लगा है। कंटेम्पट के नाम से थर्राए हुए गुप्ता जी ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मोर्चे की सलाह पर अमल करते हुए CD से ही रैंक तैयार करवानी प्रारम्भ कर दी है। अभी कुल पाँच जिलों की रैंक तैयार हो चुकने की सूचना हमारे सूत्रों ने दी है जिसमें लखीमपुर, सीतापुर, गोण्डा, बहराइच और एक अन्य जिला शामिल है।अभी परीक्षण के तौर पर इन पाँच जिलों की रैंकिंग तैयार की गई है जल्द ही सभी जिलों के साथ यही प्रयोग किया जाना है,,,सम्बंधित सूत्र ने हमें यह भी बताया है की 23 अगस्त को शासनादेश जारी कर देने की पूरी कवायद की जा रही है और यह सब उस "कंटेम्पट बाबा" का ही प्रभाव है। हालांकि उस सूत्र ने यह सपष्ट किया है की ये रैंकिंग अभी सार्वजनिक होने में दो से चार दिन का समय लगेगा और काउंसलिंग भी सितम्बर के प्रथम सप्ताह में ही प्रारम्भ हो पाएगी किन्तु यह तो अब तय है की सरकार की गाँठ अब फँसने वाली है और वह अब नाक रगड़कर भर्ती शुरू करने जा रही है।
निरहुआ सभी टेट भाइयों का आह्वान करता है की गुटबंदी और द्वेष भाव त्यागकर एक हो जाइये और कंधे से कन्धा मिलाते हुए कंटेम्पट की तैयारी में जुट जाइये। मुझे बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है की अग्रणी भाइयों का एक दल दिल्ली पहुँच भी चुका है और सभी आवश्यक खानापूर्ति प्रारम्भ की जा चुकी है। आज तक जिस प्रकार आप सभी टेट बंधुओं ने मोर्चे को भरपूर सहयोग और समर्पण दिया है ठीक उसी प्रकार हमें तनिक सा साहस और अपना विश्वास और दे दीजिये, इसके अतिरिक्त हमारे उन अग्रणी भाइयों को आपसे कुछ नहीं चाहिए बस वे तो इस समय आप सभी से मात्र दो मीठे बोल की अपेक्षा करते हैं।
72825 के लिये मेरे भाई बहन अपना बेस्ट योगदान दे रहे हैँ
ReplyDeleteधैर्य रखे मंजिल मिलेगी अभी किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग ना करे
आज जुनियर मेँ काऊसलिँग कराने वाले भाई बहनो को शुभकामना
ReplyDeleteमाता रानी की कृपा बनी रहे
आप लोगों ने एक खबर तो पढी ही होगी । कि अगर किसी का चयन विधि सम्मत न हो। और गलत तरीके से हो जाये , तो चयन कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् भी रदद हो जाता है,
ReplyDeleteउपरोक्त खबर जिस पर भी लागू होती है। बचेगा नहीं
टेट मोर्चे में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ इस बात से मतलब है कि हर हफ्ते आन्दोलन होता रहे और उनकी नेतागिरी चाँद की तरह चमकती रहे ,,सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं कि हमें आज तक जो भी मिला है वो जजों ने दिया है ,, इससे पहले जितने भी आन्दोलन हुए उनसे कुछ नही भी मिला तो हमने कुछ खोया भी नही,, उन्हीं आन्दोलनों की वजह से टेट मोर्चा एक समुदाय का रूप ले सका जिससे हमारे साथियों को लम्बे समय तक भर्ती ना हो पाने से उत्पन्न दुःख को साझा करने के लिए बहुत सारे करीबी दोस्त मिले ,, सच तो यह है कि मोर्चा और फेसबुक /BLOG ना होता तो यह विवाद अब तक हजारों जिंदगियाँ लील चुका होता,,,,,,,
ReplyDeleteकल से आज तक लोगों को समझाते-समझाते परेशान हो गया हूँ कि contempt नोटिस पर सुनवाई से पहले यदि भर्ती शुरू ना हुयी तो slp डिसमिस होते ही सरकार तबाह हो जायेगी इसलिए भर्ती ना होने की कोई सम्भावना नही है ,लेकिन कोई मानने को तैयार ही नही ,,,, नेता बनने की तमन्ना रखने वालों को पता होना चाहिए कि नेतृत्व और समर्थकों के बीच का रिश्ता खून के रिश्ते से कहीं ज्यादा गहरा होता है ,,,,,,
ReplyDeleteसरकार कपिल को कुछ और समय देना चाह्ती है जिस से वो हाईकोर्ट मे रायता फैलाने का कुत्सित प्रयास करे...ये प्रयास छोटा भीम की काल्प्निक शक्तियो मे विस्वास करने जैसा है ..
ReplyDeleteभारतीय सीमा में चीनी सेना के बार-बार घुसपैठ की ख़बर बिलकुल गलत है । पिछली बार तो वे यह पूछने आए थे -
ReplyDelete"अच्छे दिन आ गए क्या ?"
और इस बार यह पूछ कर चले गए -"टमाटर कुछ सस्ता हुआ )
उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती
ReplyDeleteहमको ही ख़ासकर नहीं मिलती
शायरी को नज़र नहीं मिलती
मुझको तू ही अगर नहीं मिलती
रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया
ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती
लोग कहते हैं रूह बिकती है
मैं जिधर हूँ उधर नहीं मिलती ...
इतनी रात
ReplyDeleteको कहाँ दवा मिलेगी माँ ...?
तूम बाम लगा के सो जाओ।" उसने
कहा और वापस अपने कमरे में आ गया।
"हाँ जानू, बोलो।" वो वापस हेडफोन
कान में डालते हुए बोला।
"क्या हुआ था?" सामने से
मीठी आवाज आई।
"अरे कुछ नहीं, माँ को सरदर्द
हो रहा था, दवाई लाने के लिए बोल
रही थी।"
"तो ले आते न।"
"रात को ग्यारह बजे कौनसी दूकान
खुली होगी..? और वैसे
भी माँ के रोज
का हैं।
तुम....."
इतना कहा ही थी कि मोबाइल में
बीप-बीप की आवाज आ
गई।
"ओह नो! लगता हैं बैलेंस ख़त्म हो गया।"
"तो अब...."
"रुको, मैं कुछ करता हैं।" उसने फ़ोन
रखा और बाहर निकल गया।
"कहाँ जा रहे हो बेटा....?" माँ ने पूछा।
"तुम्हारे लिए दवाई लाने माँ...." उसने
जवाब दिया !!
हिन्दी गीत और उनके मेडिकल मीनिंग्स
ReplyDeleteजिया जले जान जले,
रात भर धुआँ चले – Fever
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तड़प तड़प के इस दिल से
आह निकलती रही – Heart Attack
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सुहानी रात ढल चुकी,
ना जाने तुम कब आओगे – Constipation
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बीड़ी जलायले जिगर से पिया
जिगर मा बड़ी आग है – असिडिटी
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तुझ में रब दिखता है,
यारा मैं क्या करूं – Cataract
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तुजे याद ना मेरी आई
किसी से अब क्या केहना – Alzheimer’s
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मॅन डोले मेरा टन्न डोले – Vertigo
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टिप्-टिप् बरसा पानी,
पानी ने आग लगाई – Urinary Infection
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दिल धड़क-धड़क के
केह रहा है –Hypertension
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आज काल पाओं ज़मीन पर
नहीं पड़ते मेरे – Corn On Feet
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हाय-रे-हाय नींद
नहीं आये –Insomnia
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बताना भी नहीं आता,
छुपाना भी नहीं आता – Piles
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और सबसे मस्त
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लगी आज सावन की फिर वो ज़डी है –Loose Motion
Thoda hasane ke liye Shukriya....
Deleteमुझे पसंद थी पटाखे/आतिशबाजी चलने के बाद आने वाली गन्धक की खुशबू..
ReplyDeleteमुझे अच्छा लगता था कभी कभी चारपाई पर घोँटू/घुटने मोड़कर उकड़ू बैठना..
मैँ अक्सर बैठे बैठे देखता रहता था उन कीड़ोँ को जो बनाकर लुढकाते ले जाते हैँ गोबर की छोटी छोटी गेँदनुमा गोलियाँ..
मुझे अच्छा लगता था सर्दी आने पर रजाई/गद्दोँ को बक्से मेँ से निकालने पर उनपर कूदना...
मुझे अच्छी लगती थी नयी किताबोँ से आने वाली स्याही की खुशबू...
या शादी/ब्याह/जन्मदिन/फंकशन/प्रोगाम मेँ आने वाली एक के अन्दर एक फँसी टैँट की कुर्सियोँ पर सबसे उपर जाकर बैठ जाना..
लगा देता था मैँ दौड कैसिटोँ से निकलने वाली काली रील की खीँचते हुये या लगाता था उसे गुच्छोँ मेँ एक सा काटकर साईकिल के हैण्डल के किनारोँ पर..
मुझे पसंद था वो सब कुछ जो तुम्हेँ लगता था बचकाना..
बेशक सचिव महोदय को अवमानना का नोटिस दिया जाये या फिर अवमानना भी निकाली जाये परन्तु सचिव महोदय को मात्र दो बात बताई जाये कि अवमानना का मामला सिर्फ आप पर बनाया जायेगा एवं आपकी SLP सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज किये जाने की प्रार्थना की जायेगी जिससे हाई कोर्ट का आदेश प्रभावी हो जायेगा एवं संशोधन 15 पर हुयी समस्त भर्ती रद्द हो जाएगी
ReplyDeleteएवं खंडपीठ के आदेश का अंश भी सचिव को पढ़ा दिया जाये जो कि SLP ख़ारिज होते ही प्रभावी हो जायेगा तथा 9 नवम्बर 2011 को हुआ 12वां संशोधन प्रभावी हो जायेगा।
The U.P. Basic Education (Teachers) Service Amendment Rule, 2012 (15th Amendment Rule 31.8.2012) in so far as Rule 14(3) is concerned is declare to be ultra-virus to Article 14 of the Constitution and are struck down. Consequently, the Government Order date 31.8.2012 as well as the communication dated 31.8.2012 issued by the board of Basic Education are set-aside.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है...!..
ReplyDeleteकी मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है.
ReplyDeleteसमाजवादी उसे कहते हैं जो पहले समाज
का खाये और फिर समाज को खाये
हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे,
ReplyDeleteथाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे,
हम दोस्ती करते हैं पानी और
मछली की तरह, जुदा करना
चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे
श्री अरविन्द केजरीवाल उर्फ़ युगपुरुष का कहना है ...
ReplyDeleteअगर हम सत्ता में आते हैं तो गिरगिट को राष्ट्रीय जानवर घोषित करेंगे !!
उपरवाले ने अपनी गलती को सुधार लिया
ReplyDeleteएक लड़की जो दिमाग से पैदल मगर शक्ल से खूबसूरत थी
और एक लड़का जो शक्ल से बेवकूफ मगर दिमागवाला था
इन दोनों की बड़ी धूमधाम से शादी हुई और खुदा ने
खुद का शुक्रिया अदा किया अब आप हमसे यही पूछोगे ना
की खुदा ने ऐसा क्यूँ किया ? तो लीजिये आप भी सुन लीजिये
किसी को कुछ भी पता नहीं चला और ये गजब भी हो गया
के कुछ इस तरह उपरवाले ने अपनी गलती को सुधार लिया
10 मंज़िला मानवीय पिरामिड चड़ कर केजरीवाल दहि हांडी तक पहुंचे तो उन्हे पता चला की उसमे रायता नहीं है,
ReplyDeleteनाराज़ हो कर ऊपर ही धरने का ऐलान किया
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ReplyDelete.
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aashiqui ki raah bhi badi nirali hai...
jaha tum tum nahi, main main nahi,..
jab tak tum aur main , nahi bante hum...
ye sirf ek adhuri kahaani hai...
DOSTO AGAR KISI BHI CANDIDATE KE PAAS UPTET 2011 MARKSHEET SANSHODHAN SE RELATED KOI NEWS HO TO JAROOR BATAAYE ....AUR AGAR KISI CANDIDATE KI MARKSHEET ME BHI KOI TRUTI HAI YA KHO GAI HAI PER DUPLICATE YA SANSHODHIT MARKSHEET NAHI MIL PAA RAHI HAI TO WO BHI SAMPARK KARE....... MAIN ALLAHABAD KE MITRO SE AAGRAH KARTI HU K AGAR HO SAKE TO PLZZ AAP KISI BHI MADHYAM SE MADIYAMIK SHIKSHA PARISHAD YANI K BOARD OFFICE SE YE JAANKAARI LEKAR BATAAYE KE WAHA SANSHODHAN START HUA YA NAHI AGAR NAHI TO KYA STATUS HAI AAP LOGO KI ATI KRIPA HOGI......MAIN SAT SATH TET LEADRS SE BHI AGRAH KARTI HU KI KRIPYA HAMARE MATTER KO BHI UTHAYE KYONKI AISE BHUT SE CANDIDATE HAI JINKI MARKSHEET KAHI UN SE KHO GAYI YA JIS SANSTHA NE VITRAN KIYA THA UNHONE KHO DI YA UNKI MARKSHEET ME CANDIDATE NAME , FATHER'S NAME, CATEGORY, D.O.B ETC KO LEKAR DIKKAT HAI....PARANTU UNKI DUPLICATE YA SANSHODHIT MARKSHEET NAHI NIKAL PAA RAHI HAI......KRIPYA AAP KISI KE PAAS KOI BHI INFORMATION HO YA AAP ME SE KOI KHUD HE INME SE KOI EK PROBLEM SE HE PARESHAAN HO TO KRIPYA JAROOR SAMPARK KARE ......DHANYAWAD.
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ReplyDelete16va amendment prvabhi h bhai
ReplyDeleteDost uma mai doosro ki to nahi janta lekin aap par mai kabhi sak nahi kar sakta.
ReplyDeleteHi friends
ReplyDeletein deoria junior science seats general science 130
Ist councilling seats fill 32 vacant 98.
2nd counclling total sears 78 fill up 24 vacant 54 . 20 seats gone to reserved category with reshuffling
3rd councelling total seat 32. Another 22 seat gone to reserved category. Total candidates invited for councelling 320 from which 147 are obc.
General seat ko reserved category se fill kia ja rha h.
That's reason why general merit so high.
Jago general jago.
he
ReplyDeleteKya hal hai bhai Kuch update nahi aa raha hai kripya apne vichar share kare
ReplyDeleteकन्टेम्नट के लिये आवश्यक कार्यवाही की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में सचिव को मौखिक रूप से एवं लिखित कागज़ पत्र से भी समझा दिया गया है।
ReplyDeleteतो अब उन्हें चिन्ता होने को आयी है। क्योंकि अवमानना मामले में यह उच्च नही उच्चतम न्यायालय प्रकरण है। जहाँ कुछ ही सेकेण्ड में महीनों की पोल खुल जाती है।
स्पष्ट है कि समय दो बार मुँह मांगा दिया जा चुका है। अब उस समय का हिसाब किताब देना है। कि क्या किया।
इसलिए सचिव जी कार्य को अन्तिम मोड कहिये या मेरिट वेरिट रैंक वैंक जारी कर देने के पूर्ण प्रयास की कोशिश करना शुरू कर दिये हैं ।
ऐसा इसलिए है क्योंकि 12 सप्ताह का पुराना समय और 8 सप्ताह का अलग से पर्याप्त होता है किसी भी भर्ती को पूर्ण करने हेतु ।
यहाँ पूर्ण तो नही परन्तु प्रारम्भ तो करनी ही पडेगी । क्योंकि वकील को भर्ती के सम्बन्ध में कुछ तो सकारात्मक बताना ही पडेगा ।
अवमानना मामला होगा इसलिए जज भी उस रहमता से पेश नही आने वाला , जैसे कि पहले ,,,
हाँ एक शर्त पर जज कम कठोर हो सकता है यदि काउसिंलिंग प्रारम्भ हो जाती है तो
वरना , अभी जो भी फीडिंग वीडिंग मरजिंग वरजिंग ढिमका फलाना आराम आराम से कोका कोला पीकर हो रहा है।
फिर वो सख्त आदेश के चलते रात रात भर जगकर ग्लूकोज पीकर पूरा करना पडेगा ।
क्योंकि सचिव एक बात अच्छे से जानता है कि कुछ भी हुआ , तो सरकार को क्या फर्क पड जायेगा । फर्क तो उसके कैरियर और इज्जत पर पडेगा । इसलिए टेन्शन उसे भी है , , या यूँ कहें ।। अब ज्यादा होने लगी है।
खैर जो भी हो इतना तो मुझे अच्छे से मालूम है।
मानो या न मानो
इधर बीच दो ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे हम कह सकते हैं कि हम अपने सम्मान और अधिकार को पाने के काफी नजदीक हैं।
ReplyDeleteआज की दैनिक जागरण की खबर और स्थानान्तरण के मुद्दे पर संजय सिन्हा का बयान इस ओर संकेत करते हैं कि हम अपनी मंजिल के बहुत करीब है।
संजय सिन्हा ने स्थानांतरण के लिये मिलने गए प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि उनका स्थानांतरण सितंबर के बाद होगा जब 72825 पदों की भर्ती पूरी कर ली जाएगी।
इससे भी दो बातें स्पष्ट होती है कि भर्ती शुरू तो होगी ही सितंबर तक में पूरी करने का लक्ष्य भी है, मैं एक बात और याद दिला देना चाहता हूँ शिक्षा मित्रों के समायोजन के बाद दूसरा प्रमुख सरकारी एजेंडा स्थानांतरण का ही है।
ReplyDeleteजहाँ तक 19 तारीख को GO जारी न होने का सवाल है वो इतना भी बड़ा नहीं है कि हम मातम मनाये और गधे खुशियाँ मनाये।
एक सीधा सा मामला है आप कभी भी किसी सरकारी काम के लिए किसी विभाग में जाइए और आपको काम हो जाने की जो तारीख अधिकारी या बाबू द्वारा दी जाएगी क्या उस तारीख को आप काम होने की उम्मीद करते हैं? शायद नहीं? लेकिन आप यह भी उम्मीद नहीं करते कि आपका काम होगा ही नहीं, आपको मालूम होता है कि काम तो होगा ही थोड़ा समय जरूर लगेगा।
ReplyDeleteठीक यही बात हमारे साथ भी हो रही है उन्होंने 19 की तारीख बताया था और आज के अखबार में 23 की सूचना दी जा रही है अगर यह सच होता है तो ये हमारे लिए बहुत खुशी की बात होगी।
आप से एक अनुरोध है कि इस बार चंदा देने की हड़बड़ी न दिखाइये, आपका दिया हुआ चंदा कुछ लोगों की नीयत को खराब कर देता है और भर्ती को कोर्ट में फसाने का उत्प्रेरक बन जाता है।
ReplyDeleteयार आप लोग मस्त रहिये, चिंता परेशान उनको होने दीजिए जिनके पास अब कोई विकल्प कोई रास्ता न बचा हो, हमारे पास तो काम न होने की दशा में ब्रह्मास्त्र के रूप में अवमानना का विकल्प तो है ही।
खुश रहिये मस्त रहिये हमारी भर्ती हीरा लाल गुप्ता दौड़ते हुए करवायेंगे।
एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया - दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व
ReplyDeleteदिखने में लगभग एक जैसी थीं।
सौदागर ने राजा से कहा "महाराज - ये गायें माँ - बेटी हैं परन्तु मुझे यह नहीं पता कि माँ कौन है व बेटी कौन - क्योंकि दोनों में खास अंतर नहीं है।
मैंने अनेक जगह पर लोगों से यह पूछा किंतु कोई भी इन दोनों में माँ - बेटी की पहचान नहीं कर पाया - बाद में मुझे किसी ने यह कहा कि आपका बुजुर्ग मंत्री बेहद कुशाग्रबुद्धि का है और यहाँ पर मुझे अवश्य मेरे प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा इसलिए मैं यहाँ पर चला आया -
कृपया मेरी समस्या का समाधान किया जाए।"
यह सुनकर सभी दरबारी मंत्री की ओर देखने लगे -
मंत्री अपने स्थान से उठकर गायों की तरफ गया। उसने दोनों का बारीकी से निरीक्षण किया किंतु वह भी नहीं पहचान पाया कि वास्तव में कौन मां है और कौन बेटी ... ?
अब मंत्री बड़ी दुविधा में फंस गया, उसने सौदागर से एक दिन की मोहलत मांगी।
घर आने पर वह बेहद परेशान रहा - उसकी पत्नी इस बात को समझ गई।
उसने जब मंत्री से परेशानी का कारण पूछा तो उसने सौदागर की बात बता दी।
यह सुनकर पत्नी मुस्कराते हुए बोली 'अरे ! बस इतनी सी बात है -- यह तो मैं भी बता सकती हूँ ।'
अगले दिन मंत्री अपनी पत्नी को वहाँ ले गया जहाँ गायें बंधी थीं।
मंत्री की पत्नी ने दोनों गायों के आगे अच्छा भोजन रखा - कुछ ही देर बाद उसने माँ व बेटी में अंतर बता दिया - लोग चकित रह गए।
मंत्री की पत्नी बोली "पहली गाय जल्दी -जल्दी खाने के बाद दूसरी गाय के भोजन में मुंह मारने लगी और दूसरी वाली ने पहली वाली के लिए अपना भोजन छोड़ दिया, ऐसा केवल एक मां ही कर सकती है - यानि दूसरी वाली माँ है।
माँ ही बच्चे कैे लिए भूखी रह सकती है -
Moral :=
माँ में ही त्याग, करुणा,वात्सल्य,ममत्व के गुण विद्यमान होते है
13-14 साल की किशोरी... बस में
ReplyDeleteबैठने को सीट नहीं..इसलिये खड़ी थी..
कभी दुपट्टा सम्भालते,
कभी कुर्ती ठीक करती हूई..इसी बीच
एक सीट खाली
होती हैं..दो अंकल बैठे हैं,
उनके बीच वाली. मैं उसे उस
खाली सीट की तरफ इशारा कर
बैठने को कहता हूं..वो सीट पर एक
नज़र डालतीं हैं, पर असमंजस
की स्तिथी में
खड़ी ही रहती हैं..बैठती नहीं..कंडक्टर
भी २-३ दफे कहता हैं- बेबी बैठ
जाअो..पर
बेबी नहीं बैठती..तभी एक उम्रदराज़
आंटी जोर देकर कहती हैं-" बैठ
जाओ बेटा, खाली तो पड़ी हैं..
सीट..आखिरकार सकुचाते हूए संशय
भरी दृष्टि लिये वो किशोरी बैठ
जाती हैं उस खाली पड़ी सीट
पर...उसकों यूं असहज सा बैठे देखकर
जी में आता है की उसको कहूँ
की गुड़िया.. दुनिया
इतनी भी बुरी नहीं..
हालांकि घिनौनी घटनाओं से
तुम्हारा विश्वास दरक
गया हैं, इसलिये हर शख्स
को शंशय की द्ष्टि से
देखती हो...जानता हूं मैं..पर यूं संशय
नहीं, मन में उम्मीद रख कर
जीयो बिट्टो..दूनिया जीने के
लिये अभी भी बहुत खुबसूरत
हैं..अभी भी जिन्दा हैं
इंसानियत..अभी जिन्दा हैं
संवेदनायें...बस हम सभी को भी इस
इंसानियत में
अपनी तयहिस्सेदारी नहीं भूलनी है
अध्यापक ने बच्चो से प्रश्न किया।
ReplyDeleteदुनिया में सबसे अच्छी खुशबु किस चीज की होती है।
एक बच्चे ने कहा गुलाब की सबसे अच्छी होती है।
किसी ने कहा परफ्यूम की,
कोई टेलकम पाउडर बताने लगा।
पर मटमैले कपडे पहनकर बैठी चम्पा से अध्यापक ने पूछा-
चम्पा तुम बताओ सबसे अच्छी खुशबु किस चीज़ की होती है।
चम्पा धीरे से बोली -
!
!
!
!
!
!
!
!
!
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!
!
रोटी की।।
आजकल उत्तर प्रदेश के लिए ये लाइन बहुत चर्चित है
ReplyDeleteतेरी चाहत में हम दर-बदर हो गये !
सारी दुनियाँ से भी बेखबर हो गए !!
सज सँवर तुम सनम सैफई हो गयीं !
हम उजड़ कर मुजफ्फर नगर हो गए !!
.
.
जब बुद्धि अखिलेश हो जाती है !
तो जिन्दगी उत्तर प्रदेश हो जाती है !!
गुज़रेंग़ें अब हम
ReplyDeleteतेरी ग़ली तो बस गधे
लेक़र ......
.
.
.
.
क़्योंक़ि तेरे
नखरौं क़े बोझ
अब हम तो
उठायेंग़े ही नहीं ।।।
Narendra Modiजी अब क्या कांग्रेसियों की जान ही लोगे क्या?
ReplyDeleteपहले रेलवे में दलाली वाले एजेंट बंद....
NGOका विदेशो से चंदा बंद.....
फिर.....टोल नाका बंद......
फिर योजना आयोग बंद........
फिर हुर्यित की वार्ता बंद........
नेताओ और उद्द्योग्पतियो की 「सेटिंग」 वाले होटलो में वार्ता और सेमिनार बंद.....
पीऐ और पीआरओ. की न्युक्ति में सेटिंग बंद......
एक साल के लिए सांसद_निधि की मनमर्जी बंद....
अब ये नेता_विपक्ष का पद भी बंद.....
और ....अब RTO बंद....................
...................................अब क्या भूखे मारोगे... ये बिना दलाली और कमीशन के केसे जियेंगे.....
पप्पू की टोफिया कहा से आएगी ??
jrt ki vacancy ka kya hoga . means recrutment hoga ya ni????????/ koi bta skta hai to plzzzzzzz btaiye?//////
ReplyDeleteमेरा निजी विचार .... contempt पर सुनवाई की तारीख तक यदि भर्ती शुरू नही होती है तो contempt की कार्यवाही का औपचारिक आरम्भ होना ही चाहिए ,,,,, यदि भर्ती शुरू हो जाती है तो कोई अच्छा वकील तब तक कोर्ट जाने की सलाह नही देगा जब तक सरकार रिक्त पदों के लिए काउंसिलिंग कराने में आना-कानी नही करती .... वैसे तो contempt में किसी सीनियर काउन्सिल की जरूरत नही पड़ती लेकिन टेट मोर्चे के पैरवीकारों को 3 -4 लाख प्रति पेशी खर्च किये बिना तसल्ली मिलना मुमकिन नही है ,,, तीनों गुटों को चाहिए मुझे अपना दुश्मन मानकर आपस में गठबंधन कर लें और किसी एक सीनियर काउन्सिल पर सहमति बना लें ,,,, अनावश्यक में वकीलों के जखीरे की रसद हेतु चन्दा जमा करने से परहेज करें क्योंकि जिन कम टेट मेरिट वालों के रुपयों से वकीलों की फ़ौज खड़ी होती है वो वो लोग पुरुष-महिला ,विज्ञान -कला वर्गीकरण समेत रैंक देखने के बाद डाटागिरी करके मनमाने तरीके से मेरिट गिराने वालों को लाठी लेकर खोजेंगे .
ReplyDelete72825 बी.एड. शिक्षक भर्ती मामला .....
ReplyDeleteमित्रो, ,,जिस तरह से 19 अगस्त को जी.ओ. आने की चर्चा जोरो पर थी, ,परन्तु शासन की वादाखिलाफी व डायटो की लापरवाही के कारण यह सम्भव न हो सका । scert की तालाबन्दी एवं उच्च अधिकारियो से बार -बार आश्वाश्सनो की घुट्टी मिलने के बाद आथिर मोर्चे ने contempt की कार्यवाही प्रारम्भ कर ही दी, ,जिसका टी.ई.टी. उत्तीर्ण सभी बेरोजगार समर्थन कर रहा था ।
कल 20 अगस्त को ही सारी औपचारिकताओ को पूरा करके फाइल सबमिट कर दी गई ।
इसी बीच शासन के हाथ -पॉव भी फूल गये और आनन -फानन 21 डायट्स, जिन्होने अपना डाटा नही भेजा था उनको कङे निर्देश दिये गये कि हर हालत मे 21 की शाम 4:30 तक डाटा पहुँच जाये ।
>.>>>> मित्रो, 23 अगस्त को शासन स्तर पर काउन्सिलिंग की तिथि सम्बन्धी अन्य पहलुओ पर अन्तिम निर्णय लेने के लिए मीटिंग भी रख दी गई है .....
... इस मीटिंग मे सितम्बर के प्रथम सप्ताह मे काउन्सिलिंग कराने पर सहमति बनेगी ।
अब ये चाहे काउन्सिलिंग समय से कराये अथवा विलम्ब, ,,,,कन्टेम्प्ट से बच नही पायेगे ....
धन्यवाद ..जय टी.ई.टी.
मैं सरकार पर रत्ती भर का भी भरोसा नहीं कर रहा, न ही मैं Contempt का विरोध कर रहा हूँ लेकिन अगर सरकार 31अगस्त से पहले काउंसलिंग और ज्वाइनिंग की समय सारणी बिना किसी और नौटंकी के जारी कर देती है तो मैं कभी Contempt का समर्थन नहीं करूँगा, क्योंकि चलती हुई काउंसलिंग में Contempt का केस खारिज हो जाएगा और बेरोजगारों के पैसो से कुछ लोगों का बैंक बैलेंस लाखों में चला जाएगा।
ReplyDeleteअगर सरकार बिना काउंसलिंग शुरू किये समय बढ़ाने की याचिका दायर करती है तब भी Contempt किया जा सकता है, यह किस कानून की किताब में लिखा है कि हम तब अवमानना याचिका दायर नहीं कर सकते।
मुझे गुस्सा इस बात का आ रहा है हमारे भोले भाले मित्रों की भावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश में कुछ लोग लग गए हैं।
अगर काउंसलिंग शुरू हो जाती है और उस दौरान आप लोग Contempt का हथियार चला दिये तो हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखियेगा। सरकार को एक बहाना मिल जाएगा काउंसलिंग रोकने का और फिर कोर्ट में पैसे का गंदा खेल शुरू हो जाएगा जो हम लोग तीन साल से देखते आ रहे हैं।
काउंसलिंग के कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद अवमानना की याचिका का समर्थन करना आत्महत्या के समान होगा।
समझने की कोशिश कीजिए अवमानना की याचिका अंतिम विकल्प है और बहुत खतरनाक।
मित्रों कल मैं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अमरेंद्र शरण जी चैंबर गया था ,अवमानना (contempt ) विषयक जानकारी लेने लिए ,वहाँ मेरी बातचीत श्री शरण जी से और AOR विवेक जी हुई। मैंने उनसे पूछा क्या हम 31 अगस्त के पहले कंटेम्प्ट का केस दाखिल सकते हैं ,उन्होंने साफ़ कहा नहीं आप कंटेम्प्ट का केस 31 अगस्त के पहले नहीं दाखिल कर सकते हैं। कोई भी कंटेम्प्ट केवल हाइपोथेटिकली नहीं उठ जाता है। मैंने श्री शरण साहब से विनती किया कि आप हमारे अवमानना केस बहस करिये ,इस पर उनका जवाब था कि आपका केस तो शीशे की तरह साफ़ है ,और आपकी अवमानना का केस स्वयं दत्तू साहब सुनेंगे आप लोगों को सीनियर वकील की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अवमाना की ड्राफ्टिंग के सम्बन्ध विवेक सिंह जी को यह निर्देशित किया कि इनका 25 मार्च का आदेश 20 नवम्बर के आदेश के क्रम में है अर्थात इनकी भर्ती का आदेश आये हुए 9 माह हो चुके है,यह तथ्य कंटेम्प्ट याचिका में लिखा जाए। विवेक जी कुल ड्राफ्टिंग का खर्च 60000 (साठ हज़ार रूपये ) और प्रति पेशी की उनकी फीस 20000 रुपया बताया। हमने आज विवेक जी से फोन पर पूछा कि कोई वकील 31 अगस्त के पहले कंटेम्प्ट केस दायर कर सकता है तो उन्होंने कहा नहीं कर सकता है ,अगर डिफेक्टिव रखते हुए दाखिल कर दिया और ये तकनिकी विषय कोर्ट के संज्ञान में आ गया तो ये आपको भारी पड़ जायेगा।
ReplyDeleteआज हर प्रकार के केस करने महारथी (जूनियर भारांक ,शिक्षा मित्र रोको ),डेट डेट विशेषज्ञ शिव कुमार पाठक जी ने अपनी वाल पर पोस्ट किया कि उन्होंने कंटेम्प्ट का केस दाखिल कर दिया है।
मै भाई पाठक जी पूछना चाहता हूँ कि अगर आपने श्रेय लेने के चक्कर में अपने पैरों कुल्हाड़ी मार ही ली है , कृपया कंटेम्प्ट फाइलिंग का डायरी नंबर सार्वजनिक करें। साथ साथ जूनियर वेटेज और शिक्षा मित्र केस की स्तिथि पर भी प्रकाश डालें।
टेट के प्रावधान ने मुख्यतः तीन संगठनों को जन्म दिया है ... एकेडमिक संघ ,शिक्षामित्र संगठन और टेट संघर्ष मोर्चा ,,,इन तीनों संगठनों के गठन का उद्देश्य क्रमशः एकेडमिक मेरिट से 72825 चयन ,sm को टेट से मुक्ति और टेट मेरिट से 72825 चयन के साथ-साथ एकेडमिक का नामोनिशान मिटाना है ,,, टेट संघर्ष मोर्चा अन्य दोनों संगठनों से इस मायने में भिन्न है कि इसमें केन्द्रीय नेतृत्व पर आँख बंद करके विश्वास नही किया जाता बल्कि कठोर आलोचनाओं द्वारा उन्हें आम समर्थकों के प्रति जवाबदेही स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जाता है जिससे वो किसी भी हालत में संगठन के मूल उद्देश्यों के साथ समझौता करने का प्रयास ना कर सकें ,,,,,,
ReplyDeleteअब आप ही फैसला कीजिए कि इन तीनों संगठनों में से कौन सबसे बेहतर है और कौन अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल हो सकेगा .......
एक समय था जब महीनों तक हम-आप जान ही नही पाए थे कि हम थर्ड पार्टी हैं या नही ,,एक समय था कि यह पता करने का प्रयास भी गुनाह था कि किस काम के लिए कितना पैसा लिया जा रहा है और कौन कितना पैसा दे रहा है ,एक समय था जब टेट मेरिट के लिए लड़ने वालों को समझा दिया जाता था कि सरकार को नीतिगत मामले में निर्णय लेने का अधिकार है इसलिए टेट मेरिट बन ही नहीं सकती ,चाहो तो 20-25% वेटेज मिल सकता है ,,, एक समय था जब पैरवीकार और उनके करीबी लोगों को समझाने में कामयाब हो गए थे कि जो व्यक्ति 7-12-12 में फ़ार्म नही भरेगा वो चयन प्रक्रिया से बाहर हो जाएगा .........
ReplyDeleteऔर एक समय आज है जब नेतृत्व के सभी गुटों में सबसे पहले फेसबुक पर सूचना और स्पष्टीकरण देने की होड़ है ,,, सभी नेता अपना वजूद और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक-एक रूपये का हिसाब सार्वजनिक करते है ,,,,,, ये सार्वजानिक आलोचनाएँ ही हैं जिनके बल पर टेट संघर्ष मोर्चा भारत में अब तक गठित हुए हित समूहों में सबसे बेहतर संगठन बन सका है ,,टेट संघर्ष मोर्चे ने वो कर दिखाया है जिसके होने की कल्पना ना तो मोर्चे के नेताओं ने की थी,ना उसके वकीलों ,जजों और सरकार ने ,,,,
ReplyDeleteरैंक जारी होते ही इस महान संगठन का वजूद संकट में आ जाएगा क्योंकि डाटागिरी से टेट मेरिट नही गिरती ,,,वर्गीकरण समेत रैंक आते ही जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक सभी नेताओं की कलई खुल जायेगी ,,,,,, रैंक आते ही उत्तर प्रदेश में एक बहुत ही बड़ा सामाजिक और मानवीय संकट आने वाला है लेकिन मुझे उम्मीद है कि सभी लोग उसका सामना दिलेरी से करेंगे .....
ReplyDeleteलड़के ने एक लड़की से पूछा - तुम खाली पेट कितने सेब खा सकती हो?
ReplyDeleteलड़की- मैं 6 सेब खा सकती हूं।
लड़का- गलत। तुम खाली पेट केवल एक सेब खा सकती हो,
क्योंकि जब तुम दूसरा सेब खाओगी तो तुम्हारा पेट
खाली कहां रहेगा, उसमें पहला सेब जा चुका होगा।
लड़की- सुपर जोक। मैं अपनी फ्रेंड को सुनाऊंगी।
थोड़े दिनों बाद लड़की ने यह जोक अपनी फ्रेंड को सुनाया -
तुम खाली पेट कितने सेब खा सकती हो?
लड़की की फ्रैंड - मैं 10 सेब खा सकती हूं।
लड़की- धत तेरे की। अगर तू 6 बोलती तो मस्त जोक सुनाती।