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HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
VACANCIES
ASSISTANT
REVIEW OFFICER & ROUTINE GRADE CLERK RECRUITMENT EXAMINATION
– 2014
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ADV.
NO. A.R.O. & R.G.C. / 01 / 2014
On-line Applications are invited from
eligible candidate to fill up following posts in the
Establishment of High Court, Allahabad:
Sr. No.
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Post
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No. of Vacancies
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Pay Scale
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1
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Assistant Review Officer
|
189
+
98 (Backlog)
|
Pay Band II Rs.9300-34800/-
Grade Pay- Rs.4600/-
|
2
|
Routine Grade Clerk
|
70
|
Pay Band I Rs.5200-20200/-
Grade Pay- Rs.1900/-
|
The number of vacancies may increase or
decrease. Vertical reservation for S.C., S.T. and O.B.C. and
Horizontal reservation as per rules shall be applicable.
The
link for submission of On-line Application Form will remain
active from 01.08.2014
to 25.08.2014.
The
High Court, Allahabad will hold Written Examinations (Objective
type) and Computer Knowledge Test. The information regarding
Date, Time and Venue of the Examination/Tests shall be intimated
to the candidates through e-admit cards.
Candidates may get the details of On-line
Application, Detailed Advertisement, General Instructions and
apply On-line on the Web-site http://www.cbserexam.in/
on 01.08.2014.
Published at
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दुर्भाग्यवश उक्त तारिखो पर ये सब काम
ReplyDeleteनही हुआ तो मुझे गाली मत देना, मैं भी आप
लोगों की तरह ही नौकरी को लेकर परेशान हूँ
मुझे न्यूज को लेकर कोई श्रेय नही चाहिए,
बस यही आशा करता हूँ कि आप हमेशा मुझे समझेंग
कुछ लोग बाइक से
ReplyDeleteकुछ लोग बस से
कुछ लोग स्कूटी से
कुछ लोग ट्रेन से
अपने अपने स्कूल जाया करेँगे
परन्तु मुझे तो अब भी साईकिल से प्यार है
कम से कम स्कूल तो जायेंगें सायकिल से ही सही। बाकी लोग तो जान देने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
Delete.
ReplyDelete.
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अभी तक मौजूद हैं इस दिल पर तेरे कदमों के निशान,
हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया...
मैं सुबह सुबह घर से निकलता हु
ReplyDeleteतो कालोनी की ही एक
किराने क़ी दूकान पर सिगरेट
पीता हु । प्रतिदिन
की भाति आज भी रुका,
मेरी बाइक बाद मे
रूकती हैं ,
त्रिपाठी जी ''गोल्ड
फ्लैक'' सिगरेट पहले ही निकाल
कर ऱख देतें हैं । मैं दूकान पर चढ़ा और
देखा कि एक बूढी गरीब
अम्मा जी त्रिपाठी जी को 30
रुपये देते हुए ऊची आवाज में
बोली ''बेटा'' मुझे 05 रूपये
की शक़्क़र,05 रूपये का तेल, 05
रूपये में किसमिस, खारख, इलाइची,
05 की तुवर की दाल
और 05 रुपये का चावल दे दो और 05 रुपये
वापस कर दो , 05 का दूध लूगी ।
(त्रिपाठी जी की दूकान
के आस-पास करीब 20-25 घर
अतिक्रमण में बनी हुई
झुंगी-झोपड़ी है) मैं
बिना पालक झपकाये
कभी त्रिपाठी जी को तो कभी बूढी अम्मा को देखता रहा,
सिगरेट जलाना मैं भूल
गया त्रिपाठी जी,अम्मा जी के
लिए सामान तौलने लगे तो मैं
त्रिपाठी जी के
इलेक्ट्रानिक तौल कांटे को देखने लगा, इतने में
त्रिपाठी जी,
अम्मा जी से
ऊची आवाज में बोले ''
माता जी आज बहुत सामान
खरीद
रही हो किसमिस, खारख,
इलाइची, चावल,दूध ले
रही हो, खीर
बनाओगी क्या ''
तो माता जी बोलने
लगी '' हां बेटा आज तुम्हारे
अंकल जी को खीर
खाने की इच्छा है''
अम्मा जी की झुकी हुई
कमर,लाचार कान और आँख देखकर मुझे अपने
आप पर बहुत क्रोध आया की मैं
रोज 28-30 रुपये की सिगरेट
पी जाता हु और ये
अम्मा जी मेरे एक दिन के सिगरेट
खर्चे से अपना पेट पाल रही है
। मैंने त्रिपाठी जी से
कहा की इन्हे 15 रुपये
की शक़्कर दे दीजिये
और ये सिगरेट रख लीजिये
तो त्रिपाठी जी मेरी तरफ
प्रश्न वाचक निगाहो से देखा तो मैंने उन्हें
जबाब दिया ''मेरे 7 Rs की सिगरेट
से जरुरी अम्मा जी के
लिए शक़्क़र है '' ।
त्रिपाठी जी ने
सभी सामान तौलकर
अम्मा जी दे
दिया अम्मा जी चली गई
पर मेरे मन को झकझोर गई । और मैंने मन
ही मन एक बार फिर अपने
संकल्प को तोड़ने के लिए '' सिगरेट''
नहीं पीने का संकल्प
लिया और उदास मन
त्रिपाठी जी के पास
खड़ा रहा तो त्रिपाठी जी ने
अम्मा जी के बारे बताया ओ सुन
कर मेरे पैरो तले
की जमीन खिसकने
लगी ।
अम्मा जी को तीन बेटे
है पर अम्मा जी भिक्षा मांग कर
अपने बुढऊ ( पति) और अपना पेट पाल
रही है ।
-
यदि हम सभी चाहे तो इस तरह
से अपने कुब्यसनो को त्याग कर इस तरह से
गरीबो की मदद कर
सकते है । पर भाषण देना आसान है और
उसका पालन करना कठिन है
ज़िंदगी ने सब कुछ ले-दे कर इक यही बात सिखायी है...
ReplyDeleteख़ाली जेबों में अकसर...हौसले खनकते हैं...!!
खवाहिश नही मुझे
ReplyDeleteमशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
खवाहिश नही मुझे
ReplyDeleteमशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
रेसिपी:
ReplyDeleteएक कटोरा लो,
उसमें कुछ अंगूर लो,
अब एक अंगूर मुँह में डालो,
अब आइना देखो,
डिश तैयार।
डिश का नाम:
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लंगूर के मुँह में अंगूर।
इस अगस्त महीने ने अगर ज्यादा सताया है।
ReplyDeleteतो ज्यादा खुशियाँ भी यही देगा।
100% उम्मीद के साथ अपनी बात पर कायम हूँ ।
जब हम सरकारे बना सकते है और गिरा सकते है तो हम राजनीति में युवा क्रांति भी ला सकते है
ReplyDeleteजब एक आम युवा हर जगह अपना परचम लहरा सकता है तो देश की राजनीति जो देश में सब कुछ तय करती है उसे क्यों नही चला सकता।।
आज का अपडेट बेसिक शिक्षा सचिव खुद देगे
ReplyDeleteWait..
बाबूचंद आईसीयू में भर्ती था और
ReplyDeleteअपनी आखिरी सांसें गिन रहा था।
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अंतिम समय में वह गीता पाठ
सुनना चाहता था, जिसके लिए एक पंडित को बुलाया गया।
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पंडित ने जैसे ही पलंग के पास खड़े होकर पाठ करना शुरू किया, बाबूचंद की तबीयत और बिगड़ने लगी।
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वह हांफ रहा था और कुछ कहना चाह रहा था, लेकिन बोल नहीं पा रहा था।
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उसने कागज-पेन की तरफ इशारा किया तो उसे एक कागज-पेन दे दिया गया।
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बाबूचंद ने कागज पर एक नोट लिखा पंडित को दिया और गुजर गया।
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पंडित को लगा कि यह नोट पढ़ने का सही समय नहीं है, इसलिए उसने कागज अपनी जेब में रख लिया।
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बाबूचंद का क्रियाकर्म कर दिया गया और उसके बाद शोकसभा आयोजित की गई।
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शोकसभा में पंडित को बोलने
का मौका दिया गया तो वह बोला, ‘बाबूचंद बेहद नेक इंसान थे।
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जब वे अपनी आखिरी सांसें ले रहे थे, तब मैं उनके साथ ही था और उन्होंने अपने आखिरी शब्द मुझे लिखकर दिए थे।
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उनकी इच्छा अनुसार आज सबके सामने मै वो नोट पेश कर रहा हु।
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पंडित ने वो नोट एक व्यक्ति को दिया और कहा तेज़ आवाज़ से पढकर सबको सुनाइए।
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उस व्यक्ति ने नोट लिया और तेज़ आवाज़ में पढ़कर सुनाया।
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उन्होंने लिखा, ‘अरे पंडित. तू मेरे
ऑक्सीजन पाइप पर खड़ा है हट जा वरना मैं मर जाऊँगा ।
अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत
ReplyDeleteअकेला है ..
-> अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत
उदास है ..
-> अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और
रोता नही , तो वो -अंदर से बहुत कमजोर है ..
-> अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत
मासूम और नाजुक दिल का है ..
-> अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से
बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस
करता है ..
लोगों को समझने की कोशिश
कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती ,
लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास हैं.
अगर होते सभी अपने तो बेगाने कहाँ जाते.... ना मिलता ग़म
तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते.....
सबसे उत्तम आहुति तुम स्वयं हो|
ReplyDeleteआखिरकार, तुम दुखी क्यों होते हो?
मुख्य रूप से तभी जब तुम जीवन में कुछ पा न सको|
ऐसे समय में सब कुछ सर्वज्ञ ईश्वर को समर्पित कर दो|
ईश्वर को समर्पण करने में सबसे बड़ी शक्ति है|
ये पोस्ट तो श्री श्री रविशंकर जी की है। आप सन्दर्भ तो बता दिया करें।
Deleteवो बेवक़ूफ़(C.M.) ज़मीं बाँटकर(Delay) बहोत खुश है,
ReplyDeleteउसे कहो की अभी आसमान(Contempt) बाकी है !!
मिलेगी टेट मेरिट की मंजिल यही अंजाम रखते हैँ।
ReplyDeleteहम अपनी रहुनाई के लिये टेट मेरिट रखते हैँ।
वफादारी टेट मेरिट हैँ यही पैगाम हैँ मेरा।
हम अपने दिल के हर कोने मेँ टेट मेरिट रखते हैँ ।
कभी आने ना पाए हौसले मेँ कोई कमी इसी लिये टेट मेरिट का तुफान रखते हैँ ।
जय टेट
जय हिन्द
जय भारत
यद्यपि भारत का सुनहरा भविष्य तो तुमने देखा है
ReplyDeleteलेकिन यथार्थ से परे कभी इस तस्वीर को देखा है
मैंने सड़कों के किनारे भारत का भविष्य देखा है
कंपकपाती सरदी में नंगे बदन ठिठुरते देखा है
पेट पालने की जुगत में भीख मांगते देखा है
भारत के भविष्य को भूख से दम तोड़ते देखा है
चाय की होटल पर उसको बरतन धोते देखा है
भारत के भविष्य का यूं अपमान होते देखा है
मैंने भारत के भविष्य को जूते माँजते देखा है
कचरे की टोकरी से उसको झूठन खाते देखा है
स्कूलों के बैग टकटकी लगा देखते देखा है
और फिर खुद की हालत पे यूं मन मसोसते देखा है
फटे हुए कपड़ों में उसको बदन छिपाते देखा है
भारत का भविष्य दर-दर ठोकर खाते देखा है
सड़क किनारे बिन चद्दर के रात बिताते देखा है
और कभी गाड़ी की टक्कर से बेमौत मरते देखा है
यद्यपि भारत का सुनहरा भविष्य तो तुमने देखा है
लेकिन यथार्थ से परे कभी इस तस्वीर को देखा है
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ReplyDelete.
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मैं फूल हूँ... मेरी खुशबू तुम हो
मैं दिल हूँ... मेरी धड़कन तुम हो
मैं जान हूँ... मेरी रूह तुम हो
मैं जिस्म हूँ... मेरी ज़िंदगी तुम हो
मैं अक्स हूँ... मेरी हक़ीक़त तुम हो
मैं साया हूँ... मेरी सूरत तुम हो
मैं लब हूँ... मेरी बात तुम हो
मैं तब हूँ मुक्कमल... जब मेरे साथ तुम हो..
स्कुल के दिनों में केजरीवाल जी के बैग में कापी-किताब की जगह मास्टर साहेब के खिलाफ सबूत और चंदे की बुक हुआ करती थी।
ReplyDeleteजो व्यक्ति पिछले तीन वर्षों से संघर्ष में शामिल हैं वो मेरी बात से जरूर इत्तेफाक रखेंगे कि शलभ भाई इस भर्ती के इकलौते सकारात्मक पनौती हैं |
ReplyDeleteआज तक इनकी समस्त नकारात्मकता हम सब के लिए सकारात्मक साबित हुई है |
कल पाठक जी ने जिस आदिशक्ति का उल्लेख किया था ये वही हैं परन्तु साकार रूप में |
ईश्वर से वरद् प्राप्त पनौती |
इनका अपमान न करें |
अब कन्टेम्पट की बात........
ReplyDeleteपाठक
कुन्डू
अनिल बागपत भाई
या
सुजीत
ये सब इस मामले में याचिका कर्ता हैं |
ये पूर्ण स्वतंत्र हैं कोई भी कानूनी कदम उठाने को |
सबसे पहले इन लोगों ने ही कोर्ट में रिट लगाई थी |
सबमें गुदा नहीं होती सरकार से लड़ने की |आज तक इनके किसी भी कारनामें से कोई खास नुकसान नहीं हुआ है |
आप सबने यदि पहल पहले की होती तो आप भी वही करते जो ये कर रहें हैं |
कल कन्टेम्पट फाइल करने का प्रथम चरण था अन्तिम नहीं |
तैयारी जरूरी है.............
मुझे अच्छी तरह से याद है कि जब सी एम से मिलने नहीं जा पाये थे तभी बागी हो गये थे |
ReplyDeleteलम्हों की खुली किताब है ज़िन्दगी ....
ReplyDeleteख्यालों और साँसों का हिसाब है ज़िन्दगी ....
कुछ जरूरतें पूरी ,कुछ ख्वाहिशें अधूरी ,
इन्हीं सवालों का जवाब है ज़िन्दगी .....
स्वतंत्रता क्या है?
ReplyDeleteआज का युवा कहता है कुछ भी कहने की और करने
की खुली छूट को स्वतंत्रता
कहते है। क्या सच में ऐसा सम्भव है क्या? अगर किसी राष्ट्र का प्रत्येक
व्यक्ति इस प्रकार से स्वतन्त्र हो गया तो हम और आप कल्पना भी
नहीं कर सकते क्या से क्या अनर्थ हो जायेगा या यूं कहे कि मानव
प्रजाति का विनाश हो जायेगा।
सोचिये की हर व्यक्ति को कुछ भी कहने की और कुछ भी करने की
स्वतंत्रता मिल जाये तो निर्भया जैसे अपराध प्रतिदिन होंगे क्योकि
वो भी कुछ भी करने की स्वतंत्रता के तहत ही आयेगा। युवा को
समझना होगा कि स्वतंत्रता और निरंकुशता में बहुत थोडा सा ही
अंतर है। आज का युवा बहुत आहत है अपने माता पिता के प्रतिबंधो
से व् समाज के नियम कायदों से भी वो पल पल स्वतंत्रता व निजता
की दुहाई देता है उसको अपने परिजनों का प्रेम व् उनके प्रति चिंता
किसी बंधन या जकडन से कम नहीं लगती क्योकि वो पूर्ण स्वतंत्रता
के नाम पर नियम व कायदों से मुक्ति चाहते है।
मैं बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि आप अपनी स्वतंत्रता के लिए
अवश्य चिंता करे परन्तु उससे पहले ले जान ले कि असल में स्वतंत्रता
का आशय है क्या?
स्वतंत्रता का अर्थ है संविधान के अनुसार देश व् समाज के हितो को
सज्ञान में रखते हुए आपको अभिव्यक्ति की पूरी छूट व किसी भी
परिस्थिति में आपके मूल अधिकारों का हनन न होने देना।
जहाँ तक माँ बाप की रोका टोकी की बात है उसको आप तब तक
नहीं समझ पाएंगे जब तक की माँ बाप बन नहीं जायेंगे। उनका प्यार
है जो वो आपको बार बार फ़ोन करते है आपकी हर बात पर नज़र
रखते है क्योकि वो नहीं चाहते आप किसी अनचाही मुसीबत में पड़े।
अब कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर अपना अगला अधिवेशन बुला रही है कि
ReplyDelete‘हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की’
नारे को कौनसे म्युजियम में रखे!!
आज की मीटिंग में सभी डाईटों से प्राप्त आवेदन की जानकारी ली जायेगी ।
ReplyDeleteआनलाईन काउसिंलिंग के लिये सचिव विचार रखेंगे , जो सम्भव हो सकेगी या नही , यदि हुई तो टेक्निकली कितना समय लगेगा ।
यह बताने के लिये एनआईसी अधिकारी भी उपस्थित होंगे ।
साफ्टवेयर लोड करके कब विभाग को मिलेगा , शिडयूल जारी होना उसी पर निर्भर होगा ।
आज हो जाये तो अच्छी बात है। वरना बयान आयेगा हम एक या दो दिन में भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने जा रहे हैं । उसी से सम्बन्धित काम मे लगे हैं ।
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ReplyDelete.
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Log Mujhse Har Baar Puchhte Hain
Tumne Usme Kya Dekha "
Main Kahta Hun Jeb Use Dekha
To Uske Bead Kuchh Nahi Dekha "
एक औरत थी,जो अंधी थी,
ReplyDeleteजिसके कारण
उसके बेटे को स्कूल में बच्चे चिढाते थे,
कि अंधी का बेटा आ गया,
हर बात पर उसे ये शब्द सुनने
को मिलता था कि "अन्धी का बेटा" .
इसलिए वो अपनी माँ से
चिडता था . उसे कही भी अपने
साथ लेकर जाने में हिचकता था
उसे नापसंद करता था.
उसकी माँ ने उसे पढ़ाया और उसे इस
लायक
बना दिया की वो अपने पैरो पर
खड़ा हो सके. लेकिन जब
वो बड़ा आदमी बन
गया तो अपनी माँ को छोड़
अलग रहने लगा . एक दिन एक
बूढी औरत उसके घर
आई और गार्ड से बोली-मुझे तुम्हारे
साहब से
मिलना है.जब गार्ड ने अपने मालिक से
बोल तो मालिक ने
कहा कि बोल दो मै अभी घर पर नही हूँ.
गार्ड ने जब
बुढिया से बोला कि वो अभी नही है
तो वो वहा से चली गयी .थोड़ी देर बाद
जब
लड़का अपनी कार से ऑफिस के लिए
जा रहा होता है
तो देखता है कि सामने बहुत भीड़ लगी है
और जानने के लिए
कि वहा क्यों भीड़ लगी है वह
वहा गया तो देखा उसकी माँ वहा मरी पड़ी थी
उसने देखा की उसकी मुट्ठी में कुछ है
उसने जब
मुट्ठी खोली तो देखा की एक लेटर जिसमे
यह
लिखा था कि बेटा जब तू
छोटा था तो खेलते वक़्त
तेरी आँख में सरिया धंस गयी थी और तू
अँधा हो गया था तो मैंने तुम्हे अपनी आँखे
दे दी थी.
इतना पढ़ कर लड़का जोर-जोर से रोने
लगा मगर अब कुछ कर ले
उसकी माँ उसके पास नही आ
सकती थी |
भक्तों
ReplyDeleteएकाध दिन 'सत्य वचन' न मिलें मिलें तो यह न समझिएगा कि मर गया हूँ।
दरअसल पुरे दिन में 4-5 घंटे ही बिजली ही मिल पाती जिसके कारण मोबाइल चार्ज नही कर पाता,
Abhi 8 dist ka data Nahi pahucha hai
ReplyDeleteअभी हीरा लाल गुप्ता को भी नहीं मालूम कि आज समय सारणी घोषित करना है कि नहीं।
ReplyDeleteसब कुछ निर्भर करता है आज की मीटिंग और NIC की रिपोर्ट पर।
इसलिए पहले मीटिंग होने दीजिए उसके बाद कोई उम्मीद रखिये।
मीटिंग की सूचना 11.30 बजे से थी परन्तु समय मे परिवर्तन संभव भी है।लखनऊ बात हुई है किसी प्रकार की सूचना मिलते ही अपडेट किया जायेगा......
ReplyDeleteजय टेट
!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
!
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जिधर
!
देखूं
!
उधर
!
तुम हो
!
नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
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When i saw u. I was afraid to met u.
When i met u. I was afraid to kiss u.
When i kissed u. I was afraid to love u.
Now that i love u. Im afraid to lose u.
I love u.
!
ReplyDelete!
मुझे
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तुम
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मिल
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गये
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हमदम
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सहारा
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हो तो
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ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
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जिधर
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देखूं
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उधर
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तुम हो
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नजारा
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हो तो
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ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
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Meri Haan Mein Haan Wo Milaati Hai…
Itna Mujhe Wo Chahti Hai…
Main Rahoon Tanha Ya Udaas Jab…
Apni Maujoodgi Se Wo Meri Bechaini Hataati Hai…
Dekhi Hai Apni Zindagi Usme Maine…
Wo Lardki Meri Zindagi Haseen Banaati Hai…
Rab Mera Urooj Mera Zawaal Uske Saath Atakare…
Jab Wo Rooth Bhi Jaaye To Mujhe Manaati Hai…
Rab Sab Ko Naseeb Kare Saathi Aisa…
Jo Zindagi, Zindagi Se Badhkar Hone Ka Ehsaas Dilaati Hai…
I Say and You Listen,
ReplyDeleteits a Good Friendship.
You Say and I Listen,
is a Better Friendship.
But I dont Say and You Understand,
is "Best Friendship.
___________________from AVI
बादलों के झुरमुटों से
ReplyDeleteछा रही हमारे दिल पे
आज की सुहानी भोर, देखो!
खुशियाँ भरी दुआएं
ला रहीं हैं यह हवाएं
नई आशाएं जागी, देखो!
हे ज़िन्दगी!
तेरे दायरे में हम, तो क्या!
हे ज़िन्दगी!
तू ना समझ हमें कम!
हे ज़िन्दगी!
अपने होंसलों के दम पर!
लिख रहे नई कहानी, देखो!
उसकी मेरी अपनी ज़बानी, देखो!
बदल रहें हैं हम
और यह ज़िन्दगी बदल रही
अब तो बदल रहा समाँ.
प्यार से रोक कर
बढती नफरतों को
बना रहे युवा नया जहाँ.
चाह से, परवाह से
एकता की शान से
दोस्ती के मान से
एक दुसरे के सम्मान से
दुश्मनी, नफरतें छोड़ आये हम
पिछले किसी मोड़ पर,
अब तो ज़िन्दगी जी रहे इधर
जिंदादिली ओड़ कर.
देख ज़िन्दगी! तेरे दायरें में हम पर,
ज़िन्दगी! किसी हार से न हारे हम!
आह ज़िन्दगी! नई रौशनी के धारे हम.
नयी दिशा की नयी कहानी देखो!
युवा दिलों की यह रवानी देखो लो!
TET update
ReplyDelete(1)-UPTET SANGHARSH MORCHA dwara daali contempt of court ki file ka diary no mil gaya jo nimn hai 28114/2014.
(2)- contempt ki filing date kux technical objection uth jane aur usake samay rahate nistaran karane k karan 20/08/2014 ki jagah 23/08/2014 dikhayega.
(3)-apni bharati k sambandh aaj ki meeting vistrit vivran shaam ko.
Sabhi ko
Jay TET
समय शुरु होता है अब .........
ReplyDelete..........LET'S PLAY
Kon banega JobPati
DeleteMeeting shuru ho gai h. Bhagwan inko sadbuddhi de aur G.O. jari ho jaye.
ReplyDeleteनारद जी अत्यन्त ही होपी होकर बोले- हे प्रभु ! लॉलीपॉपमुनि हीरालाल ने 72825 ऋषियों की भर्ती के शिड्यूल को लेकर आज SCERT की कन्दराओं में एक मीटिंग शिड्यूल कर रक्खी है,
ReplyDeleteजिसमें नाना प्रकार के अधिकारी आमंत्रित हो रक्खे हैं,
क्या आज गुणाँक किलर अकेडमिकहर नकलविनाशक G.O के जन्म के योग बन रहे हैं...?
भगवान शिव एब्सॉल्यूटली करुणा के साथ बोले- हे नारद ! यह तो गणेश जी ही जानें,
क्योंकि वे ही टेटवीरों के डेलीगेट के रुप में भर्तीपति हीरालाल से रोजाना मिलते हैं,
मैं तो सिर्फ टेट विरोधियों की लाइफ में ताँडव करने हेतु सर्वाइव कर रहा हूँ...
मुझे पता है इस 72825 भर्ती को 2 इंसान ने फसांया है,
ReplyDelete1- कपिलदेव यादव
2- अखिलेस यादव
इसलिए मै इन दोनों की मौत देखना चाहता हूँ,
जन्म लेने से पहले सभी प्राणी अप्रकट थे
ReplyDeleteमरने के बाद भी अप्रकट हो जाते है
मै जन्म के बाद व् मरने से पहले का ज्ञान नहीं दे रहा
तुम जहा सोचना बंद करते हो
हम वहाँ से सोचना शुरू करते है
टेट संघर्ष मोर्चे में हितों का चाहे जितना टकराव हो लेकिन इस टकराव के कारण टेट मेरिट से चयन कराने सम्बन्धी मूलभूत मुद्दे पर उसका संघर्ष कभी नकारात्मक रूप से प्रभावित नही हुआ ,,
ReplyDeleteविवाद की शुरुआत के दौरान कोर्ट और सरकार के साथ वार्ता में की गंभीर चूकों के बावजूद अंततः विजयश्री उसके ही हिस्से में आई है और ईश्वर ने थोड़ी सी कृपा और कर दी तो जल्द ही उसके अवार्ड के रूप में आपके पास सहायक अध्यापक का नियुक्तिपत्र होगा,,, जो सफलता हमें 2012 में ही मिल जानी चाहिए थी वो अगले एक- आध महीने में मिल जायेगी ,,,
ReplyDeleteनिःसंदेह इस देरी ने हजारों लोगों को मानसिक पीड़ा पहुँचाई है लेकिन इस कष्टदायक ट्रेनिंग में सफल होकर वो ना सिर्फ जॉब पायेंगे बल्कि इतिहास में उन योद्धाओं में गिने जायेंगे जिन्होंने दो पूर्ण बहुमत सरकारों का सहारा लेकर निजी बी एड कालेज प्रबंधकों तथा नक़ल माफियाओं द्वारा अपने विरुद्ध रचे चक्रव्यूह को भेदकर घडी की सुइयों को विपरीत दिशा में मोड़ने का अविश्वसनीय कारनामा किया है ,,,,
ReplyDeleteनक़ल माफियाओं को हमसे पंगा लेना कितना महँगा पड़ा है इसका अंदाजा बीएड में 85,000 सीटों का खाली रह जाना और वर्तमान में चल रहे सत्र के समापन के साथ बीटीसी कोर्स का समापन करके चार वर्षीय बी एल एड कोर्स शुरू होना है जिसमे प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से प्रवेश होगा
ReplyDeleteटेट मेरिट से काउंसिलिंग शुरू होते ही सारे योग्य शिक्षक निजी कालेजों की जॉब को ठोकर मारकर वर्षों से किये जा रहे अपने शोषण और अपमान का बदला लेंगे ,,,चूँकि अब कोई भी जॉब एकेडमिक से नही लगा करेगी इसलिए सिर्फ खानदानी गधे ही नंबर लाने के लिए नक़ल माफियाओं का पेट भरेंगे ,,,,,
ReplyDeleteबहुत जल्द ही हमारे अच्छे और हमारे दुश्मनों के बुरे दिन आने वाले हैं ,,,
उत्तर प्रदेश का कोना कोना टेट मेरिट से प्रकाशित होगा ,,,
जब मैं नेतृत्व की चूड़ियाँ कसता हूँ तो यह सोचकर परेशान मत हुआ कीजिए कि इससे आपकी जॉब को कोई खतरा है ,,
ReplyDeleteजिनसे आप मेरा टकराव होते देखते हो उनमे से अधिकांश लोगों से मेरे बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं ,,,,, यदि आज मैं इनकी गलत बातों का समर्थन करूँगा तो कल को फँस जाने पर यही लोग उलाहना देंगे कि आपने अपना कर्तव्य निष्पक्ष होकर नही निभाया ,,,,
आपको समझना चाहिए कि टेट मेरिट का विजय रथ बेहतरीन नस्ल के कई घोड़ों द्वारा खींचा जा रहा है ,,,,
यदि इन्हें बेलगाम छोड़ दिया जाता तो ये कहीं और होते और आप कहीं और ,
जबकि कपिलदेव यादव होता अपने स्कूल में ,,,
आज
ReplyDeleteइज्जत पे बन आयी है
परमात्मा हीरालाल को सदबुद्धि दे
एस॰ के॰ पाठक
ReplyDeleteने अवमानना दाखिल कर के
72825 लोगो का भविष्य जरुर उज्जवल कर दिया हैँ ।
पाठक ने जो कदम उठाया हैँ पटवालिया जी के देख रेख मेँ उठाया हैँ ।
मेँ इनके फैसले का स्वागत करता हू
जय हिन्द जय भारत
अभी दिल्ली वालो का फोन आया ;मेडिकल वालो का था
ReplyDeleteकह रहे थे की उत पर्देश की बबासीर का इलाज़ जड़ से खत्म कर दिया जायेगा 2017 में
थोड़ा धीरज धरे
30 महीने की ही तो बात है
आधी कट गई ;
आधी और काट लो
ब्लड ग्रुप के आधार पर चुनें भोजन............. रहने के लिए आप क्या नहीं करते? जिम में घंटों पसीना बहाने से लेकर अपने प्रिय खान-पान को छोड़ने तक सब कुछ। लेकिन नए वैज्ञानिक शोधों में कहा गया है कि अगर आप अपने ब्लड ग्रुप के आधार पर आहार लें, तो स्वस्थ रहने में काफी मदद मिल सकती है। जानिए ब्लड ग्रुप के आधार पर आपका उचित आहार।
ReplyDeleteब्लड ग्रुप 'ओ': 'ओ' सबसे पुराना ज्ञात रक्त समूह है। इस ब्लड ग्रुप के लोग उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ और मांस खाना अधिक पसंद करते हैं।
क्या खाएं: मीट, मछलियां, सब्जियां और फल।
क्या न खाएं : दूध के उत्पाद।
ब्लड ग्रुप 'बी' : इस ब्लड ग्रुप की खोज होने तक लोगों ने खेती शुरू कर दी थी। इसलिए लोग मांस के साथ-साथ अनाज और सब्जियां भी खाने लगे थे।
क्या खाएं : मीट, मछली, कॉफी, अनाज, बीन्स, सब्जियां, और फल।
क्या न खाएं : पैकेट बंद खाद्य पदार्थ, गोभी आदि।
ब्लड ग्रुप 'ए' : इस ब्लड ग्रुप की खोज होने तक लोग शिकार से ज्यादा खेती करने लगे थे। इसलिए इन लोगों को अनाज और सब्जियां खाना अधिक पसंद होता है।
क्या खाएं : नट्स, बीज, अनाज, पास्ता, फल और सब्जियां।
क्या न खाएं : दूध के बने उत्पाद और मीट।
ब्लड ग्रुप 'एबी' : यह ब्लड ग्रुप ए और बी के मेल से बना है। इसलिए खाने में दोनों के मेल की चीजें ली जा सकती हैं।
क्या खाएं : मछली, सब्जियां और अनाज।
क्या न खाएं : रेड मीट, मक्का आदि।
__________________from...._MANU
अगर हमें सफलता की कुंजी(चाबी) मिल
ReplyDeleteभी जाये तो...
कुछ कमीने(KAPIL) ताला तक बदल देते हैं...
.
.
.
.
तो चाभी को छोडो...
.
.
दरवाजा तोडना सीखो.....!
"अकल-लेश तेरा सर्वनाश होगा"
ReplyDeleteआज लिख ही दिया, चित्रगुप्त की किताब में......
एक बार"मियां/ बीबी"में
ReplyDeleteझगड़ा हो गया.
और दोनों ने बातचीत बंद कर दी....?
अगले दिन मियां को.
ऑफिस के जरूरी काम से बाहर
जाना था.
और सुबह की फ्लाइट पकड़नी थी.........
उसने रात को एक कागज पर लिखा,
सुबह 5 बजे उठा देना जरूरी काम है,
और कागज बीवी के तकिए पर रख कर
सो गया...
सुबह आठ बजे वो उठा तो.
उसके तकिए और कई जगह.
बहुत से कागज पड़े थे जिनमें
लिखा था...?
पांच बज गए उठ जाओ.
प्लीज उठ जाओ.
वरना लेट हो जाओगे......?
एक बार"मियां/ बीबी"में
ReplyDeleteझगड़ा हो गया.
और दोनों ने बातचीत बंद कर दी....?
अगले दिन मियां को.
ऑफिस के जरूरी काम से बाहर
जाना था.
और सुबह की फ्लाइट पकड़नी थी.........
उसने रात को एक कागज पर लिखा,
सुबह 5 बजे उठा देना जरूरी काम है,
और कागज बीवी के तकिए पर रख कर
सो गया...
सुबह आठ बजे वो उठा तो.
उसके तकिए और कई जगह.
बहुत से कागज पड़े थे जिनमें
लिखा था...?
पांच बज गए उठ जाओ.
प्लीज उठ जाओ.
वरना लेट हो जाओगे......?
aur lo bv se pangaa??????????/
◆~एक बार एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के
ReplyDeleteलिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान
बेचा करता था,
◆~एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे
बड़े जोर से भूख भी लग रही थी.
◆~उसने तय किया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर
जायेगा, उससे खाना मांग लेगा.
दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने दरवाजा खोला,
◆~जिसे देखकर वह घबरा गया और बजाय खाने के
उसने पीने के लिए एक गिलास पानी माँगा.
◆~लड़की ने भांप लिया था कि वह भूखा है, इसलिए
वह एक बड़ा गिलास दूध का ले आई. लड़के ने धीरे-धीरे
दूध पी लिया.
"कितने पैसे दूं?" लड़के ने पूछा."
पैसे किस बात के?" लड़की ने जवाव में कहा. "माँ ने
मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर
दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए.""
◆~तो फिर मैं आपको दिल से धन्यबाद देता हूँ. "
◆~जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, उसे न केवल
शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी ,
बल्कि उसका भगवान् और आदमी पर भरोसा और
भी बढ़ गया था.
◆~सालों बाद वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़
गयी.
लोकल डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के
लिए भेज दिया.
◆~विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली को मरीज देखने
के लिए बुलाया गया. जैसे ही उसने लड़की के कस्वे
का नाम सुना, उसकी आँखों में चमक आ गयी.
◆~वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में
गया. उसने उस लड़की को देखा, एकदम पहचान
लिया और तय कर लिया कि वह उसकी जान बचाने के
लिए जमीन-आसमान एक कर देगा..
◆~उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी और उस
लड़की कि जान बच गयी.
डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस लड़की के
इलाज का बिल लिया.
◆~उस बिल के कौने में एक नोट लिखा और उसे उस
लड़की के पास भिजवा दिया. लड़की बिल
का लिफाफा देखकर घबरा गयी,
◆~उसे मालूम था कि बीमारी से तो वह बच गयी है
लेकिन बिल की रकम जरूर उसकी जान ले लेगी.
◆~फिर भी उसने धीरे से बिल खोला, रकम
को देखा और फिर अचानक उसकी नज़र बिल के कौने में
पेन से लिखे नोट पर गयी,
◆~जहाँ लिखा था, "एक गिलास दूध द्वारा इस बिल
का भुगतान किया जा चुका है." नीचे डॉक्टर
होवार्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे.
◆~ख़ुशी और अचम्भे से उस लड़की के गालों पर आंसू टपक
पड़े उसने ऊपर कि और दोनों हाथ उठा कर कहा, "हे
भगवान! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, आपका प्यार
इंसानों के दिलों और हाथों द्वारा न जाने कहाँ-
कहाँ फैल
चुका है....
गुणों की खान गर्म ........
ReplyDeleteपानी स्वास्थ्य के लिए लाभाकारी होता है और गर्म पानी स्वास्थ्य के लिए एक गुणकारी दवा के रूप में काम करता है। स्वास्थ्य से लेकर सौंदर्य तक को निखारने में गर्म पानी लाभदायक है।
गर्म पानी औषधीय गुणों की खान है। पानी को अगर थोड़ा गर्म करके लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है। यदि आपको मोटापे से पाना है छुटकारा तो आपको गर्म पानी का सेवन करना चाहिए। आइए जानें गुणों की खान गर्म पानी के बारे में।
सामान्य पानी जहां स्वास्थ्य लाभ के लिए आवश्यक है वहीं गर्म पानी सेहत के लिए एक गुणकारी दवा का काम करता है।
गर्म पानी से स्नान जहां थकान मिटाने का सबसे अच्छा साधन है, वहीं त्वचा को निखारने और त्वचा संबंधी बीमारियों को दूर करने में भी गर्म पानी से स्नान करना अच्छा है।
जैसा की सभी जानते हैं कि गर्म पानी सौंदर्य और स्वास्थ्य दोनों ही दृष्टि से अचूक दवा है और यदि इसी में गुलाब जल डाल लिया जाए तो इसे धीरे-धीरे शरीर पर डालकर बहुत आराम मिलता है और शरीर में होने वाला दर्द भी चुटकियों में गायब हो जाता है।
यदि आप बहुत मेहनत करते हैं तो दिनभर ज्यादा थकान हो जाती है, ऐसे में हल्कापन महसूस करने और थकान मिटाने के लिए गर्म पानी बहुत लाभदायक है।
यदि आप गुनगुने पानी का सेवन प्रतिदिन करते हैं तो आप अधिक तरोताजा महसूस करेंगे।
गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी लाभकारी है।
गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है।
ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे शरीर में मौजूद गंदगी का जमाव नहीं हो पाता।
गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी माना जाता है। गुनगुना पानी जोड़ों के बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है। इसे सिर्फ एक भ्रम माना जाता है कि गर्म पानी शरीर के सभी तंत्रों की जरूरत को उस तरह नहीं पूरा कर पाता, जिस तरह ठंडा पानी करता है।
दरअसल, श्वास और गुर्दे संबंधी रोगों में ठंडा पानी बिल्कुकल नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह फेफड़ों और गुर्दो की क्रियाविधि को उत्तेजित कर देता है जो कि फेफड़ों और गुर्दों के लिए हानिकारक स्थिति है।
इसके अलावा भी गर्म पानी के बहुत से लाभ है, यदि आप नियमित रूप से चाहे थोड़ी मात्रा में ही गुनगुने पानी का सेवन करेंगे तो आप भविष्य में होने वाली कई आशंकित बीमारियों के होने से बच जाएंगे।
प्राइमरी भर्ती पर
ReplyDeleteअधिकारियों की माथा पच्ची जारी,
एस0सी0ई0आर0टी0 में चल रही है
अधिकारियों की अहम बैठक। समन्वय
नहीं हो पा रहा है,,, कि अाखिर कब तक
प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
Contempt of Court का डायरी नंबर 28114/2014 मिल गया है।
ReplyDeleteतथा सचिवालय में उच्य स्तरीय मीटिंग प्रारंभ हो चुकी है। मोर्चा के प्रतिनिधि भी वहां उपस्तिथ है। भगवान से प्रार्थना करे जल्द ही शुभ सुचना मिलेगी।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
कंपनी विज़िट पर पहुंचा मालिक
ReplyDelete____________________________
एक कंपनी का मालिक अपनी फैक्ट्री में विज़िट करने पहुंचा।
वहां उसने देखा कि सारे कर्मचारी तो काम कर रहे थे, लेकिन एक लड़का एक कोने में आराम से खड़ा मोबाइल पर मेसेज पढ़ते हुए हंस रहा था।
मालिक उसके पास जाकर खड़ा हो गया, लेकिन वह लड़का फिर भी मेसेज पढ़ते हुए हंसता रहा।
मालिक को गुस्सा आया और उसने लड़के से पूछा: तुम्हारी महीने की पगार कितनी है?
लड़का बोला: 8 हज़ार रुपए, सर।
मालिक ने जेब से 24 हज़ार रुपए निकाले और लड़के को देते हुए बोला: ये पकड़ो तुम्हारी 3 महीने की पगार... और दफा हो जाओ यहां से! तुम्हारे जैसे लोगों के लिए मेरी कंपनी में कोई जगह नहीं!
लड़का चुपचाप पैसे लेकर वहां से चलता बना।
अब मालिक ने अपने बाकी कर्मचारियों से पूछा: कौन था यह लड़का और क्या काम करता था?
.
.
.
एक कर्मचारी बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी दबाते हुए बोला: सर, वह तो पिज़्जा डिलिवरी वाला था। सुपरवाइजर साहब के लिए पिज़्ज़ा लेकर आया था। बिल के पैसे मिलने का इंतज़ार कर रहा था...
कहते हैं बुजुर्गों की बात का और आंवले के स्वाद का पता बाद में चलता है। जी, आंवला बेहद गुणकारी है। इसलिए इसे हर मर्ज की दवा भी कहा जाता है। आंवला पाचन तंत्र से लेकर स्मकरण शक्ति को दुरुस्त करता है। नियमित रूप से आंवले का सेवन करने से बुढ़ापा भी दूर रहता है।मधुमेह, बवासीर, नकसीर, दिल की बीमारी जैसी समस्याओं का इलाज आंवले में छिपा है। आइए हम आपको बताते हैं कि आंवला आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है
ReplyDeleteआंवले का सेवन करने के फायदे
आंवला विटामिन-सी का अच्छा स्रोत होता है। एक आंवले में 3 संतरे के बराबर विटामिन सी की मात्रा होती है।
आंवला खाने से लीवर को शक्ति मिलती है, जिससे हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकलते हैं।
आंवला का सेवन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
आवंले का जूस भी पिया जा सकता है। आंवला का जूस पीने से खून साफ होता है।
आंवला खाने से आंखों की रोशनी बढती है।
आंवला शरीर की त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने आपका शरीर स्वस्थ बना रहता है।
आंवला खाने से बीमारियों में फायदा –
मधुमेह
डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला बहुत फायदेमंद होता है। मधुमेह के मरीज हल्दी के चूर्ण के साथ आंवले का सेवन करे। इससे मधुमेह रोगियों को फायदा होगा ।
बवासीर
बवासीर के मरीज सूखे आंवले को महीन या बारीक करके सुबह-शाम गाय के दूध के साथ हर रोज सेवन करे। इससे बवासीर में फायदा होगा।
नकसीर के लिए
यदि नाक से खून निकल रहा है तो आंवले को बारीक पीसकर बकरी के दूध में मिलाकर सिर और मस्तिक पर लेप लगाइए। इससे नाक से खून निकलना बंद हो जाएगा।
दिल के मरीज
आंवला खाने से दिल मजबूत होता है। दिल के मरीज हर रोज कम से कम तीन आंवले का सेवन करें। इससे दिल की बीमारी दूर होगी। दिल के मरीज मुरब्बा भी खा सकते हैं।
खांसी और बलगम
खांसी आने पर दिन में तीन बार आंवले का मुरब्बा गाय के दूध के साथ खाएं। अगर ज्यादा तेज खांसी आ रही हो तो आंवले को शहद में मिलाकर खाने से खांसी ठीक हो जाती है।
पेशाब में जलन
यदि पेशाब करने में जलन हो तो हरे आंवले का रस शहद में मिलाकर सेवन कीजिए। इससे जलन समाप्त होगी ओर पेशाब साफ आएगा।
पथरी के लिए
पथरी की शिकायत होने पर सूखे आंवले के चूर्ण को मूली के रस में मिलाकर 40 दिन तक सेवन कीजिए। इससे पथरी समाप्त हो जाएगी।
आंवला खाने से कई प्रकार की शरीरिक समस्याओं और रोगों से बचाव होता है। और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। खासतौर पर सर्दियों में अंवला बहुतायत में मौजूद होता है। आंवला का कई प्रकार से सेवन किया जा सकता है और किसी भी रूप में इसका सेवन करने से ये उतना ही फायदा करता है।
प्याज के फायदे बहुत होते हैं और यह बहुत ही शानदार घरेलू नुस्खा है। प्याज खाने को स्वादिष्ट बनाने का काम तो करता ही है साथ ही यह एक बेहतरीन औषधि भी है। कई बीमारियों में यह रामबाण दवा के रूप में काम करता है। इस लेख में जानें प्याज के ऐसे ही कमाल के फायदों केबारे में।
ReplyDeleteप्याज का प्रयोग खाने में बहुत किया जाता है। प्याज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। प्याज लू की रामबाण दवा है। आंखों के लिए यह बेहतरीन औषधि है। प्याज में केलिसिन और रायबोफ्लेविन (विटामिन बी) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। आइए हम आपको बताते हैं कि प्याज आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है।
प्याज के लाभ –
लू लगने पर
गर्मियों के मौसम में प्याज खाने से लू नहीं लगती है। लू लगने पर प्याज के दो चम्मच रस को पीना चाहिए और सीने पर रस की कुछ बूंदों से मालिश करने पर फायदा होता है। एक छोटा प्याज साथ में रखने पर भी लू नहीं लगती है।
बालों के लिए
बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के लिए प्याज बहुत ही असरकारी है। गिरते हुए बालों के स्थान पर प्याज का रस रगडने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे। इसके अलावा बालों का लेप लगाने पर काले बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
पेशाब बंद होने पर
अगर पेशाब होना बंद हो जाए तो प्याज दो चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर हलुवा बना लीजिए। इसको गर्म करके पेट पर इसका लेप लगाने से पेशाब आना शुरू हो जाता है। पानी में उबालकर पीने से भी पेशाब संबंधित समस्या समाप्त हो जाती है।
जुकाम के लिए
प्याज गर्म होती है इसलिए सर्दी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। सर्दी या जुकाम होने पर प्याज खाने से फायदा होता है।
उम्र के लिए
प्याज खाने से कई शारीरिक बीमारियां नहीं होती हैं। इसके आलावा प्याज कइ बीमारियों को दूर भगाता है। इसलिए यह कहा जाता है कि प्याज खाने से उम्र बढती है, क्योंकि इसके सेवन से कोई बीमारी नहीं होती और शरीर स्वस्थ्य रहता है।
पथरी के लिए
अगर आपको पथरी की शिकायत है तो प्याज आपके लिए बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से पथरी की से निजात मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-आप कटकर प्यास के रास्ते से बाहर निकल जाती है।
गठिया के लिए
गठिया में प्याज बहुत ही फायदेमंद होता है। गठिया में सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर मालिश करें, फायदा होगा।
यौन शक्ति के लिए
प्याज खाने से शरीर की सेक्स क्षमता बढती है। शारीरिक क्षमता को बढाने के लिए पहले से ही प्याज का इस्तेमाल होता आया है। प्याज आदमियों के लिए सेक्स पॉवर बढाने का सबसे अच्छा टॉनिक है।
इसके अलावा प्याज कई अन्य सामान्य शारीरिक समस्याओं जैसे – मोतियाबिंद, सिर दर्द, कान दर्द और सांप के काटने पर भी प्रयोग किया जाता है। प्याज का पेस्ट लगाने से फटी एडियों को राहत मिलती है।
Arz kiya hai
ReplyDeletejisne jaldvaji me sadi kiya,
usne apna jivan bigar liya.
wah, wah
.
.
.
jisne soch samjh ke kiya,
usne koun-sa teer mar liya
Kaash feeling bhi sms ki tarah hoti
ReplyDeleteTo aap ke GUM hum recieve karte
Apni KHUSHIYAN aap ko send karte
Aapki NARAZGI delete karte
Aur aapki YAADON ko save karte
इन्तिहां हो गयी
ReplyDeleteइंतजार की ,,,,,,
आयी न कुछ खबर ...
हीरा लाल की ???????
अश्वगंधा .......एक ऐसा झाड़ीदार पौधा है, जिससे कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। यह तो आप जानते ही हैं, कि अश्वगंधा का प्रयोग आयुर्वेद में जड़ीबूटियां बनाने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा से थायरॉयड, त्वचा संबंधी रोग, शरीर की दुर्बलता इत्यादि को दूर किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं अश्वगंधा के अधिक प्रयोग के नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं एक अच्छा और एक बुरा। ठीक वैसे ही अश्वगंधा के फायदे अनेक है लेकिन अश्वगंधा के अतिरिक्त प्रभाव भी कम नहीं है। आइए जानें अश्वगंधा के प्रयोग से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
ReplyDeleteअश्वगंधा के अतिरिक्त प्रभाव
उनिंदापन- ऐसा कई लोगों का अनुभव है कि अश्वगंधा का सेवन करने के बाद उन्हें हर समय नींद आती रहती है। हालांकि विशेषज्ञों का इस बाबत कहना है कि जो लोग लगातार अश्वगंधा का लंबे समय तक सेवन करते हैं उनको फिर इसका सेवन करने के बाद नींद नहीं आती। शुरूआत में अश्वगंधा का सेवन थोड़ा सा कष्ट देने वाला होता है। ऐसे में आपको चाहिए कि आप इसकी खुराक शुरूआत के कुछ दिनों में रात को सोने से पहले लें। या फिर ऐसे समय में लें जब आप दिन में कुछ देर सो सके।
पेट संबंधी समस्याएं- अश्वगंधा की पत्तियों का सेवन करने वाले लोगों को पेट संबंधी समस्याएं होने की आशंका भी बनी रहती हैं। दरअसल अश्वगंधा की पत्तियों का सेवन करने से गैस बनने लगती है। अधिक मात्रा में अश्वगंधा के सेवन से दस्त और उल्टियां भी हो जाती हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों को अल्सर की समस्या होती है उन्हें खाली पेट या फिर केवल अश्वगंधा का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।
दवाएं बेअसर- यदि आप किसी गंभीर बीमारी से निजात पाने के लिए अश्वगंधा का सेवन कर रहे हैं तो क्या आप जानते हैं, कि आप पर अन्य दवाएं बेअसर हो सकती हैं। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से अन्य दवाओं के बारे में अच्छी तरह से बातचीत करके ही दवाओं का सेवन करना चाहिए।
शरीर के विपरीत रिएक्शन- यदि आप सूजन कम करने, गठिया के रोग को दूर करने, आर्थराइटिस इत्यादि रोगों से लड़ने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको ऐसी स्थिति में अश्वगंधा का सेवन बंद कर देना चाहिए। दरअसल अश्व्गंधा के नियमित सेवन से आपकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाती है जिससे शरीर के विपरीत काम करना शुरू कर देती है।
शारीरिक तापमान- अश्वगंधा का सेवन करने से कुछ लोगों का शारीरिक तापमान बढ़ जाता है नतीजा, बुखार तक पहुंच सकता है। यदि आपको अश्वगंधा के रोजाना सेवन से प्रतिदिन शरीर के तापमान में बढ़ोत्तरी दिखाई देती है तो आपको तुरंत इसका सेवन करना बंद कर देना चाहिए अन्यथा आपको इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं और बुखार की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा मधुमेह रोगियों, पाचन संबंधी बीमारियों से परेशान व्यक्ति, अल्सर पीडि़त व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इसीलिए भी मना किया जाता है ताकि उनके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान ना हो। बहरहाल, आपको अश्वगंधा के सेवन और इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक से सलाह-मशविरा जरूर करना चाहिए।
गर्व था भारत-भूमि को
ReplyDeleteकि महावीर की माता हूँ।।
राम-कृष्ण और नानक जैसे
वीरो की यशगाथा हूँ॥
कंद-मूल खाने वालों से
मांसाहारी डरते थे।।
पोरस जैसे शूर-वीर को
नमन 'सिकंदर' करते थे॥
चौदह वर्षों तक वन में
जिसका धाम था।।
मन-मन्दिर में बसने
वाला शाकाहारी राम था।।
चाहते तो खा सकते थे
वो मांस पशु के ढेरो में।।
लेकिन उनको प्यार मिला
' शबरी' के झूठे बेरो में॥
चक्र सुदर्शन धारी थे
गोवर्धन पर भारी थे॥
मुरली से वश करने वाले
'गिरधर' शाकाहारी थे॥
पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम
चोटी पर फहराया था।।
निर्धन की कुटिया में जाकर जिसने मान बढाया था॥
सपने जिसने देखे थे
मानवता के विस्तार के।।
नानक जैसे महा-संत थे
वाचक शाकाहार के॥
उठो जरा तुम पढ़ कर
देखो गौरवमयी इतिहास को।।
आदम से गाँधी तक फैले
इस नीले आकाश को॥
दया की आँखे खोल देख लो
पशु के करुण क्रंदन को।।
इंसानों का जिस्म बना है
शाकाहारी भोजन को॥
अंग लाश के खा जाए
क्या फ़िर भी वो इंसान है?
पेट तुम्हारा मुर्दाघर है
या कोई कब्रिस्तान है?
आँखे कितना रोती हैं
जब उंगली अपनी जलती है।।
सोचो उस तड़पन की हद
जब जिस्म पे आरी चलती है॥
बेबसता तुम पशु की देखो
बचने के आसार नही।।
जीते जी तन काटा जाए,
उस पीडा का पार नही॥
खाने से पहले बिरयानी,
चीख जीव की सुन लेते।।
करुणा के वश होकर तुम भी शाकाहार को चुन लेते॥
शाकाहारी बनो...!
।।.शाकाहार-अभियान.।।
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति मे हर बीमारी का इलाज है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनका आयुर्वेद में स्थायी इलाज है। आयुर्वेद की सहायता से कई भयंकर बीमारी को स्थायी रूप से दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में खांसी का उपचार भी मौजूद है। आइए जानें आयुर्वेद में खांसी के उपचार के बारे में।
ReplyDeleteखांसी होने के कारण
आमतौर पर खांसी होने का मतलब है कि हमारा श्वसन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। साथ ही खांसी गले में कुछ तकलीफ होने की और भी इशारा करता है।
हालांकि यह साबित हो चुका है कि तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर टीबी की जांच करवा लेनी चाहिए क्योंकि लापरवाही बरतने से खांसी बढ़कर टीबी का रूप ले सकती है।
खांसी होने पर पानी पीना चाहिए या फिर पीठ को सहलाने से आराम मिलता है।
खाना खाते या बोलते समय खांसी आए तो खाने को धीरे-धीरे छोटी-छोटी बाइट में खाना चाहिए।
खांसी होने पर खांसी को रोकने के लिए आमतौर पर मूंगफली,चटपटी व खट्टी चीजें, ठंडा पानी, दही, अचार, खट्टे फल, केला, कोल्ड ड्रिंक, इमली, तली-भुनी चीजों को खाने से मना किया जाता है।
आयुर्वेद में खांसी का उपचार
खांसी का उपचार जितनी जल्दी हो जाएं उतना बेहतर है। आयुर्वेद में खांसी का स्थायी इलाज भी मौजूद हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जब कफ सूखकर फेफड़ों और श्वसन अंगों पर जम जाता है तो खांसी होती है। आयुर्वेद की औषधिंयां खांसी में इतनी प्रभावशाली होती हैं कि इन्हें कोई भी आसानी से ले सकता है।
सूखी खांसी होने पर अमृर्ताण्व रस सुबह-शाम पानी से लेनी चाहिए।
सितोपलादि चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
तालिसादि चूर्ण दिन भर में दो-तीन बार लेने से खांसी में कमी आती है।
हल्दी, गुड़ और पकी फिटकरी का चूर्ण मिलाकर गोलियां बनाकर लेने से खांसी कम होती है।
तुलसी, काली मिर्च और अदरक की चाय खांसी में सबसे बढि़या रहती हैं।
गुनगुने पानी से गरारे करने से गले को भी आराम मिलता है और खांसी भी कम होती है।
सूखी खांसी में काली मिर्च को पीसकर घी में भूनकर लेना भी अच्छा रहता है।
कुछ गोलियों को चूसने से भी खांसी में आराम मिलता है।
चंदामृत रस भी खांसी में अच्छा रहता है।
हींग, त्रिफला, मुलहठी और मिश्री को नीबू के रस में मिलाकर लेने से खांसी कम करने में मदद मिलती है।
त्रिफला और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से भी फायदा होता है।
गले में खराश होने पर कंठकारी अवलेह आधा-आधा चम्मच दो बार पानी से या ऐसे ही लें।
पीपली, काली मिर्च, सौंठ और मुलहठी का चूर्ण बनाकर चौथाई चम्मच शहद के साथ लेना अच्छा रहता है।
पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन पानी में चुटकी भर काला नमक व शहद मिलाकर लेना भी खांसी में लाभदायक होता है। खासकर बच्चों के लिए।
बताशे में काली मिर्च डालकर चबाने से भी खांसी में कमी आती है।
खांसी से बचने के सावधानी बरतते हुए फ्रिज में रखी ठंडी चीजों को न खाएं। धुएं और धूल से बचें। खांसी के आयुर्वेदिक इलाज के लिए जरूरी है कि किसी अनुभवी चिकित्सक से संपर्क किया जाएं। अपने आप आयुर्वेदिक चीजों का सेवन विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।
जिन कुत्तों ने आवेदन पत्र में टेट रोल नंबर टेट अंक पत्र नहीं लगाया था उन मुट्ठी भर लोगों के लिए लाखों लोगों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं।
ReplyDeleteअब ये स्पष्ट हो गया है कि ये अपना दोगलापन नहीं छोड़ने वाले।
उनका आवेदन निरस्त करने की जगह ये उन लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं जो हैं ही नहीं, इन्हें अच्छी तरह मालूम है कि वे फर्जी फार्म है लेकिन ये नीच मानसिकता वाले अधिकारी उन फर्जी लोगों जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं उनके हितों की रक्षा के लिए मरे जा रहे हैं,
किसको बेवकूफ समझ रखा है इन लोगों ने?
अगर इनका यही रवइया रहा तो 5 सितंबर पूरी सरकार के लिये बहुत भारी पड़ जाएगा।
मीटिंग ओवर
ReplyDeleteआज शाश्नादेश नही आएगा
कुछ अभ्यर्थियों ने टेट रोल no और मार्कशीट नही लगाई इसलिए scert को हो रही है दिक्कत
लेकिन scert के हमारे संपर्क सूत्र श्री दिनेश बाबू शर्मा से प्राप्त सूचना के आधार पर भर्ती को किसी भी हाल में sept माह में समाप्त कर देने का दवाब मंत्रालय से पड़ चूका है ।
सभी अधिकारी रैपिड एक्शन फ़ोर्स की तरह मुस्तैद है और अस्वस्थ होने के बावजूद आग लगे रोकेट की तरह भाग रहे है ।।.
एसिडिटी .........
ReplyDeleteमसालेदार चटपटा खाना किसे पसंद नहीं, ज्यादातर महिलाओं को तो चटपटा खाना ही पसंद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं चटपटा, मसालेदार खाना खाने से आप पेट की जलन यानी एसीडिटी से परेशान से हो सकते हैं। एसीडिटी के दौरान कई बार पेट में इतनी जलन होती है मानो कि पेट में आग लग गई है। एसीडिटी का इलाज भी संभव है लेकिन उसके लिए आपको चटपटे खाने से तौबा करनी होगी। क्या आप जानते हैं चिकित्सा की सभी पद्तियों में एसीडिटी का र्इलाज मौजूद है। आयुर्वेद में है ईलाज, होम्योपपैथी, एैलोपैथी और घरेलू नुस्खों से भी आप एसीडिटी से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानें एसीडिटी के लिए आयुर्वेदिक ईलाज के बारे में।
आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज
आंवला चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपको एसीडिटी की शिकायत होने पर सुबह- शाम आंवले का चूर्ण लेना चाहिए।
अदरक के सेवन से एसीडिटी से निजात मिल सकती हैं, इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसका पानी अदरक की चाय भी ले सकते हैं।
मुलैठी का चूर्ण या फिर इसका काढ़ा भी आपको एसीडिटी से निजात दिलाएगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती है।
नीम की छाल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी से लेने से एसीडिटी से निजात मिलती है। इतना ही नहीं यदि आप चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहते तो रात को पानी में नीम की छाल भिगो दें और सुबह इसका पानी पीएं आपको इससे निजात मिलेगी।
मुनक्का या गुलकंद के सेवन से भी एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके लिए आप मुनक्का को दूध में उबालकर ले सकते हैं या फिर आप गुलकंद के बजाय मुनक्का भी दूध के साथ ले सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण के सेवन से आपको एसीडिटी से छुटकारा मिलेगा, इसके लिए आपको चाहिए कि आप पानी के साथ त्रिफला चूर्ण लें या फिर आप दूध के साथ भी त्रिफला ले सकते हैं।
दूध के नियमित सेवन से आप एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके साथ ही आपको चाहिए कि आप चौलाई, करेला, धनिया, अनार, केला इत्यादि फलों का सेवन नियमित रूप से करें।
शंख भस्म, सूतशेखर रस, कामदुधा रस, धात्री लौह, प्रवाल पिष्टी इत्यादि औषधियों को मिलाकर आपको भोजन के बाद पानी के साथ लेना चाहिए।
इसके अलावा आप अश्वगंधा, बबूना , चन्दन, चिरायता, इलायची, अहरड, लहसुन, मेथी, सौंफ इत्यादि के सेवन से भी एसीडिटी की समस्या से निजात पा सकते हैं।
एसीडिटी दूर करने के अन्य उपाय
अधिक मात्रा में पानी पीना
पपीता खाएं
दही और ककड़ी खाएं
गाजर, पत्तागोभी, बथुआ, लौकी इत्यादि को मिक्स करके जूस लें।
पानी में नींबू और मिश्री मिलाकर दोपहर के खाने से पहले लें।
तनावमुक्त रहें और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
नियमित रूप से व्यायाम करें।
दोपहर और रात के खाने के बीच सही अंतराल रखें।
एसीडिटी के कारण
नियमित रूप से चटपटा मसालेदार और जंकफूड का सेवन
अधिक एल्कोहल और नशीले पदार्थों का सेवन
लंबे समय तक दवाईयों का सेवन
शरीर में गर्मी बढ़-बढ़ जाना
बहुत देर रात भोजन करना
भोजन के बाद भी कुछ न कुछ खाना या लंबे समय तक भूखे रहकर एकदम बहुत सारा खाना खाना
एसीडिटी के लक्षण
एसीडिटी के तुरंत बाद पेट में जलन होने लगती है।
कड़वी और खट्टी डकारें आना
लगातार गैस बनना और सिर दर्द की शिकायत
उल्टी होने का अहसास और खाने का बाहर आने का अहसास होना
थकान और भारीपन महसूस होना
Dosto-
ReplyDeleteKuch DIETs se aaye data me total control id par roll no na hone ke karn , data ko adhura bata go jari nahi kiya gaya . Pramukh sachiv khud NIC centre karya ka jayaja lene gaye hai . Monday ko punah meeting hogi.
एक बार प्रत्यावेदन से फीडींग
ReplyDeleteएक बार मूल आवेदन से फीडींग
फिर टी ई टी रोल न. से फीडींग
फिर शनिवार को मीटिंग
उसके बाद सोमवार को मीटिंग
फिर.............?????
Aaj bhi g.o. nhi jari hua aaj to bhut umeed thi fir ab fir se meeting
ReplyDeleteCouncling online hogi ya nhi is baare me kuch pta chla ki nhi
ReplyDeleteTayfaide ki deshi dava batao bhai aaram nahi mil raha
ReplyDeleteBhai Kuch clear update share kare Jo meeting me hua ho
ReplyDeleteLagta hai ab ye vacancies agle janam me hi hogi...disgusting
ReplyDeleteHeera Lal fail hue prt bharti karne me jine ye nahi pata ki councling online bhi hota hai. Inka bhi bhagwan bhala kare .
ReplyDeleteIndia me pahli bharti Jo abhi tak kayi meeting hone ke baad bhi Kisi bhi natije per nahi pahuchi. abhi bhi kitni meeting hogi Iska ata pata nahi hai
ReplyDeletephir ek mahena feeding feeding khel suru hoga
ReplyDeleteIs mahine keval meeting meeting ka hi khel khela jayga GO is month aane ki sambhavna nahi lagti
ReplyDeleteGa.d me dal len sale
ReplyDeleteइस प्रदेश के अधिकारी आखिर किस
ReplyDeleteदुनिया से आये हैं मुझे समझ में नही आ
रहा है उसकी तलाश की जा रही है
जिसका अस्तित्व ही नही फर्जी नाम से
जो आवेदन भरे गये हैं न वह कभी मिलेंगे और
यदि आने की सोंचे भी होंगे तो टेट मेरिट
सपोर्टरों के नाम से भी कब्र में कंपकंपी छूट
जायेगी।मेरी शिक्षा विभाग को सलाह है
कि ऐसे लोगों के खिलाफ रेड काॅर्नर नोटिस
जारी कर दिया जाय ताकी विश्व स्तर पर
आप लोगों की डुग्गी पीट जाये....
आप सभी 72825 PRT वालों पर ,,
ReplyDeleteमाता रानी की कृपा बनी रहे।
आज भी GO जारी नहीं हुआ , कारण कुछ जिलों के डाटा में टेक्नीकल फाल्ट।
हा हा हा ---- अरे भाई ये फाल्ट कब ठीक ही था।
इसीलिए तो आपलोगों के फार्मों की फीडिंग करवाई गयी , अब भुगतो।
मतलब साफ़ है ---- आपकी 72825 भर्ती "ठगी का शिकार" बनने जा रही है।
___________ आखिर कौन है वो ठग ? कौन है वो आस्तीन का सांप ?
________________ उसे खोजिए , .......
बी एलर्ट ।
शब्दों का फ़र्क क्या-क्या गुल खिला सकता है,
ReplyDeleteएक उदहारण देखिये:
पहली तस्वीर-
शाम को घर लौटते ही, जैसे ही आप
अपनी बीवी को देखें, तुरंत
कहें-
"आज तो तुम बिलकुल हत्यारिन लग रही हो"
हमारा दावा है, आपको शाम की चाय तो क्या,
रात का खाना भी नसीब
नहीं होगा!
दूसरी तस्वीर-
शाम को घर लौटते ही, जैसे ही आप
अपनी बीवी को देखें, तुरंत
कहें-
"आज तो तुम बड़ी क़ातिल लग रही हो,
क्या इरादा है"..?
इस डायलोग के बाद अगर आपको शाम की चाय के
साथ गरमा-गर्म पकौड़े ना मिलें, तो कहियेगा..
Ashish SrivastavaFight for TET MERIT " टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा "
ReplyDelete2 hrs ·
मैं कोर्ट में केस देख रहे सुजीत सिंह, अनिल बागपत, पाठक, अनिल कुंडू इत्यादि लोगों से अनुरोध करता हूँ अगली किसी भी सुनवाई में कोर्ट में यह प्रार्थना की जाए कि हमारी भर्ती कराने के लिए एक भूतपूर्व या वर्तमान जज को नियुक्त किया जाए और अब सारी कार्यवाही उनके ही देख रेख में हो।
यह सरकार इस भर्ती को कराने में सक्षम नहीं है।
1) महबूबा के प्यार में मर गया पीटर ,
ReplyDeleteहीरो हौंडा स्प्लेंडर 80km/ प्रति लीटर
2) न जान न पहचान , तू मेरा मेहमान ,
एंड द अवार्ड गोज टूA.R.Rehman.
3) किसीको ना थी , मेरे प्यार की खबर ,
डायग्राम गलत हो गया , रबर दे रबर
4) तेरी अदाओ पे मैं वारी वारी। ..
डायल १३९ फॉर रेलवे Enqury.
5) अपने गमो को बस दिल में दबा लो
नया गोदरेज पाउडर हेयर डाई ,बस
काटो घोलो और लगा लो
6) यूँ खामोश रह कर तडपाओगी कब तक ?
कैमरामैन प्रफ्फुल के साथ
दीपकचौरसिया , आज तक !
7) महंगाई के इस दौर में करना पड़ता है
अपने खर्चे पर काबू ,
एक चुटकी सिन्दूर की कीमत
तुमक्या जानो रमेश बाबु ?
8) मैं हूँ येहाँ , तू है वहां …
LIFEBOY है जहाँ , तंदुरुस्ती है वहां !
9) ब्लड डोनेट करने से पहले
हमेशा उसका Group जांचना …
बसंती इन कुत्तो के सामने कभी मत
नाचना !
10) नाच मेरी बुलबुल नाच , तुझे
पैसा मिलेगा !
हम CID से है , कोई अपनी जगह से
नहीं हिलेगा !
11) खुनी ने दिखाया बुढ़िया को चाक़ू ,
अरे क्या हुआ आनंदी के बापू ?
12) कितनी बोरिंग मूवी है आमिर की तलाश
…
दया वोह देखो , एक और लाश !!
आज की मिटिँग को देखकर तो बस यही कहा जा सकता है कि
ReplyDelete.
उत्तर प्रदेश में सिर्फ निज़ाम बदला है
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बाकी भैस तो तब भी सिक्यूरिटी के साथ घूमती थी ।
हीरा लाल गुप्ता से गणेश दीक्षित जी बस एक सवाल पूछे कि जूनियर काउंसलिंग में अखिलेश यादव, लादेन, मुलायम, अमिताभ, सलमान, हेमा, ओबामा का टेट रोल नंबर उन्हें मिला था? उनके हितों की रक्षा अब कैसे होगी? वो बेचारे तो बाहर हो गए न?
ReplyDeleteदारू की वजह से बर्बाद शराबी ने कसम ली----- >>>>>>>
ReplyDelete---------और घर से दारू की खाली बोतले फेंकने लगा
पहली बोतल फेंकते हुए बोला----- तेरी वजह से मेरी नौकरी गई
दूसरी बोतल फेंकते हुए बोला------ तेरी वजह से मेरा घर बिका
तीसरी बोतल फेंकते हुए बोला----- तेरी वजह से मेरी बीवी चली गई
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चौथी उठाई तो वो भरी हुई निकली----- तो बोला,
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"तू साइड में हो जा पगली------तू तो बेकसूर है"
भारतीय लोकतन्त्र मेँ स्थापित न्यायपालिका एवं थोपित कार्यपालिक मेँ इतना सामर्थ्य है कि प्रबलता पूर्वक चाहेँ तो ये 72825 अभ्यर्थियोँ को मात्र 12 घण्टे मेँ नियुक्ति पत्र दे सकते हैँ, और वो भी पूर्णरुपेण सुचिता पूर्वक ।
ReplyDeletesandhya ke samay prabhu ka sumiran kariye ...........
ReplyDelete..........
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akkkkallessss ka nahi.......
hari om
hari om
उम्मीद है आज आप लोग शासन मे हुई मीटिंग से आहत नही हुए होगे, ,जैसा मैने पोस्ट मे ही बता दिया था
ReplyDeleteमित्रो, आज की मीटिंग मे सचिव एच.एल.गुप्ता जी ने ,सर्वेन्द्र विक्रम जी, एवं एन. आई.सी. के अधिकारियो के साथ मीटिंग की थी, ,,जिसमे दो डायट्स के डाटा मे कुछ तकनीकी खराबी थी, ,,,जिस पर उनको सख्त हिदायत दी गई की कल तक संशोधित करके डाटा को send करे । अगली उच्च स्तरीय मीटिंग सोमवार को रखी गई है ।
ReplyDeleteआपको बता दूँ कि सोमवार की मीटिंग मे सकारात्मक परिणाम निकल आयेगा ।
हम लोगो को भाई एस. के पाठक जी का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि उन्होने सही समय पर कन्टेम्प्ट का निर्णय लिया व फाइल सबमिट कर दी, ,वरना यह और समय मॉगने पहुँच जाते और यह समय मॉगने का सिलसिला ऐसे ही चलता रहता परन्तु जब से फाइल सबमिट हुई है तब से अधिकारी दिमागी घोङे दौङाने मे लगे हुए है कि भर्ती करने के अलावा कोई विकल्प नही है
धन्यवाद ..
जय टी.ई.टी.
बेसिक शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश:
ReplyDeleteसर्वप्रथम मै स्पष्ट करना चाहता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट में अवमानना निकाली जा सकती है क्योंकि 31 अगस्त 2014 तक भर्ती किसी सूरत में संपन्न नहीं की जा सकती है।
जहाँ तक सरकारी SLP ख़ारिज होने की बात है तो सरकार उसे स्वयं ख़ारिज करायेगी क्योंकि वह जिस वृहद्पीठ के फैसले का सुप्रीम कोर्ट में बचाव कर रही है यदि बचाने में कामयाब रही तो उसकी विशेष अनुज्ञा याचिका ख़ारिज हो जायेगी।
इसके आगे विदित हो कि कुछ जिलों में आवेदकों ने अपूर्ण आवेदन भेजा था जिसको ख़ारिज होना चाहिए था परन्तु उसपर कंट्रोल आईडी जारी हो गयी अतः उनपर टीईटी का 00000000 अनुक्रमांक भरकर सॉफ्टवेयर अपडेट किया जायेगा।
ReplyDeleteये जिले जौनपुर, इलाहाबाद एवं सिद्धार्थनगर हैं।
टीईटी 2011 के परिणाम की सीडी अपडेट करके सभी टीईटी अनुक्रमांकों पर प्राप्तांक अपडेट कर दिया जायेगा।
NCTE की अधिसूचना 11-02-11 के तहत वृहद्पीठ का फैसला सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित रहेगा तथा उसी आधार पर नियमावली का संशोधन 15 जिस
ReplyDeleteतरह खंडपीठ द्वारा 14(3) पर रद्द हुआ उसी प्रकार खंडपीठ द्वारा संशोधन 15 नियमावली के रूल 14(4) पर भी रद्द होगा तथा प्रधानपीठ अथवा खंडपीठ द्वारा नियमावली के रूल 16 की उपधारा जो कि शिक्षामित्र के लिए संशोधन 19 के द्वारा बनायी गयी है रद्द की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्रीय कानून RTE में अतिक्रमण करके किया गया संशोधन प्रथम भी रद्द होगा क्योंकि उसे संशोधित करने का अधिकार राज्य को कदापि नहीं है ।
ReplyDeleteउक्त संशोधन द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को टीईटी परीक्षा से अवमुक्त किया है।
इस प्रकार मैंने अपनी राय बेबाकी से प्रस्तुत कर दी है जिसका असत्य साबित होना मुमकिन नहीं है।
जैसा कि आपको ज्ञात है कि टेट मेरिट आधारित यह विज्ञापन माया सरकार का है वहीँ दूसरी ऒर सपा सरकार के नकल रुपी गोरख धंधे को चौपट करने वाला है इसलिए इस भर्ती को पूरा करने की सरकार की नियत प्रारंभ से ही नही रही है। में इस संघर्ष में प्रारंभ से ही संगठन से जमीनी और फेसबुक पर दोनों ही जगह सक्रीय हूँ । और समय समय पर अपनी राय/सलाह/निवेदन करता रहता हूँ।
ReplyDeleteफिलहाल यह समय ना तो किसी को दोष देने का है ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के भरोषे हाथ पर हाथ रखने का है। वर्तमान परिस्तिथि मे सरकार निश्चित ही दबाब में है लेकिन अपनी इक्षा के विपरीत इस भर्ती को हजम नही कर पा रही है और ज्यादा से ज्यादा समय लटकाना चाहती है।
आज एक बार फिर शासनादेश का जारी ना होना चिन्ताये बडाता है क्योकि इसका कारण (कुछ डाइट द्वारा सभी कण्ट्रोल id को टेट रोल नंबर ना देना।) ये वही डाइट है जिनकी फीडिंग ख़राब व लेट थी और संशोधन में भी देरी की थी। अब फिर से इनसे ऐसी ही अपेक्षाएं है।
ReplyDeleteमेरे अनुसार अब हमें सुप्रीम कोर्ट में अबमानना के साथ साथ केंद्र सरकार से भी दबाब बनवाना होगा। इसके लिए आपको एकजुट होकर घर से निकलना भी पड़ेगा। फ़िलहाल आप सभी अपनी जिम्मेदारी से अपने गाँव/तहसील/शहर/जिले में सक्रीय साथियों से स्यम जुड़ें और उन्हें सहयोग करें। तथा मोर्चा के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्णय की प्रतीक्षा करें। एक बात तय है जिसे में दावे के साथ कहता आया हूँ और फिर कहता हूँ "भर्ती अवश्य पूरी होगी और ये सपा सरकार ही करेगी।"
ReplyDeleteजय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
नहीं तय हो पाई काउंसिलिंग की तारीख
ReplyDeletePublish Date:Sat, 23 Aug 2014
07:40 PM (IST) | Updated
Date:Sat, 23 Aug 2014 07:40 PM
(IST)
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में 72825
शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग की तारीख
शनिवार को भी तय नहीं हो सकी। इस मसले पर
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल
गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई लेकिन उसमें
काउंसिलिंग शुरू करने की तारीख को लेकर
सहमति नही बनी। अब इस मुद्दे पर सचिव
बेसिक शिक्षा ने सोमवार को फिर विभागीय और
नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) के
अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
बुधवार को हुई बैठक में राज्य शैक्षिक अनुसंधान
एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर
से बताया गया था कि अभी 21 जिलों में
कंप्यूटर पर अभ्यर्थियों के टीईटी रोल नंबर फीड
नहीं किये जा सके हैं।
hi
ReplyDeleteGood Evening to all of u guys.
ReplyDeleteमैं उन लोगों को बता देना चाहता हूँ मैं दिल का इतना कमजोर नहीं हूँ,
ReplyDeleteजिस दिन ऐसी नौबत आ ही गई तो अकेला नहीं मरूँगा कुछ लोगों को साथ लेकर जाऊँगा।
हवा के झोंको से टूटकर गिर जाए वो पत्ते नही है हम,
इन आंधियो से कह दो अपनी औकात मे रहे।
Doston mera ye nam toh fake hai,par mere intentions bahut clear hai.Aapko logon ka thoda bahut manoranjan karna,kyun ki mere tarah se aap log bhi ish 72825 ko lekar paresan ho.
ReplyDeleteAap ne sahi kaha mr.TMBTN.
ReplyDeleteकप और ट्राफी
ReplyDeleteअंतर्राष्ट्रीय:
[1] अजलान शाह कप-------- हॉकी
[2] एशिया कप --------- क्रिकेट, हॉकी
[3] एशेज --------- क्रिकेट
[4] ऑस्ट्रेलियाई ओपन ------- लॉन टेनिस
[5] चैंपियंस ट्रॉफी ------- हॉकी / क्रिकेट
[6] Corbitton कप --------- टेबल टेनिस (महिला)
[7] डेविस कप लॉन टेनिस -------
[8] Uber कप -------- बैडमिंटन(महिला)
[9] थॉमस कप -------- बैडमिंटन(पुरुष)
[10] शारजाह कप ------- क्रिकेट
[11] डर्बी ------ हॉर्स रेस
[12] फ्रेंच ओपन -------- लॉन टेनिस
[13] फीफा विश्व कप ------- फुटबॉल
[14] जौहर कप -------- हॉकी
[15] मर्डेका कप -------- फुटबॉल
[16] राइडर कप -------- गोल्फ
राष्ट्रीय:
[1] आगा खान कप -------- हॉकी
[2] सी.के. Nayduट्रॉफी ------- क्रिकेट
[3] देवधर ट्रॉफी -------- क्रिकेट
[4] दिलीप ट्रॉफी ------- क्रिकेट
[5] डी.सी. एम कप ------- फुटबॉल
[6] डूरंड कप -------- फुटबॉल
[7] ध्यानचंद ट्रॉफी ------- हॉकी
[8] गावस्कर सीमा ट्रॉफी ------- क्रिकेट
[9] lrani ट्रॉफी ------- क्रिकेट
[10] लाल Bahadul शास्त्री कप ------- हॉकी
[11] रोवर्स कप -------- फुटबॉल
[12] संतोष ट्राफी ------ फुटबॉल
[13] सिंगर कप ------- क्रिकेट
[14] सहारा कप --------- क्रिकेट
[15] सुब्रतो कप --------- फुटबॉल
[16] विजय मर्चेंट ट्राफी------- क्रिकेट
[17] वेलिंगटन ट्रॉफी ------ रोइंग
[18] विल्स ट्रॉफी -------- क्रिकेट
[19] एमसीसी ट्रॉफी --------- हॉकी
[20] नेहरू ट्रॉफी --------- हॉकी
[21] रणजी ट्रॉफी -------- क्रिकेट
[22] रोहिंटन बारिया ट्रॉफी -------- क्रिकेट
Mere ek do id aur hai jo ki fake hain,par main pakke taur par kehta hoon ki main dokhebaaj nahi hoon,aur na blog par ane ka koi galat uadesh hai.
ReplyDeleteआज भी सरकार की तरफ से हम सब टेट पास अभ्यर्थियों को धोका
ReplyDeleteदिया गया। पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योकि मुझे पता था ये
वो ही अधिकारी है जो समाजवादी सरकार में ही बड़े बड़े कमाऊ
विभागों के विभागाध्यक्ष बनाये गए है क्या आपको लगता है ये अपने
मालिक के साथ गद्दारी करेंगे ? बिलकुल भी नहीं ये सचिव और अन्य
विभागों के अध्यक्ष वफादारी में किसी भी कुत्ते को पीछे छोड़ सकते है।
इसी वफादारी का फल भी तो मालिक देता है कि मलाई दार शिक्षा
विभाग को लूटने का मौका पहले नीतीश्वर को दिया अब हीरालाल
गुप्ता को व् संजय सिन्हा को तो शुरू से लूटने की छूट है।
मैं बस इतना कहना चाहूँगा कि इन कुत्तो की बातो में न आये और
मोर्चे के अग्रणी नेतागण सिर्फ contempt पर ध्यान दे जो बहुत
पहले नीतीश्वर के समय में ही किया जाना था। खैर अब भी कुछ नहीं
बिगड़ा है और हम जल्द ही जॉब पा जायेंगे बस उस जॉब को पाने
का सही रास्ता सुप्रीम कोर्ट से होकर जाता है न कि समाजवादी सरकार
के पालतू कुत्तो की फौज के बीच से।
बाकी मेरे बड़े भाई Avanish Yadav व् उनके साथी जो कहेंगे मैं
उनका अनुसरण करूँगा।
जय टेट जय भारत ।
Main mr.TMBTN & Mr.Rajesh ke news ko follow karta hoon(mostly).I also follow others also.
ReplyDeleteTET Morche me kitne hi aise log hain jo ki bina kishi yash ke kaam kar rahen hai.
ReplyDeleteमित्रो आज prt भर्ती पर हुई बैठक में पुरानी नौटंकी चालू रही और सिर्फ एक एजेंडे पर चर्चा हुई की अब
ReplyDeleteकौन सा नया पेंच निकाला जाय टाइम पास का । आतंरिक सूत्रों से मिली खबर के अनुसार कोर्ट
की दी हुई समय सीमा के पार हो जाने के बाद क्या किया जाय इस पर भी चर्चा हुई । जिससे कोर्ट से
एक बार फिर बचने का रास्ता मिल सके । आज कोई रास्ता नहीं सूझा इसलिए सोमवार या मंगलवार
को एक बार फिर बैठक होगी और कोई रास्ता तलाशने की कोशिस की जाएगी अगर कोई
रास्ता नहीं मिला तब काउंसलिंग का go जारी किया जायेगा । हो सकता है मेरी इस बात को बहुत
से लोग निराशा का प्रतिक समझे लेकिन हो सकता है जल्द ही सच आप सबके सामने आ जाये । आप लोग
खुद ही एक सामान्य सी बात सोचिये बेशिक विभाग की अभी तक की सभी भर्तिया केवल फॉर्म लेने
के लिए ऑनलाइन हुई है बाकि सब कार्य आफ़ लाइन हुए है तो सरकार इस आफ़ लाइन भर्ती को ऑनलाइन
करने पर क्यों तुली हुई है जबकि 25 मार्च के बाद भी अगर इस भर्ती की काउंसलिंग आफ़ लाइन
आवेदनों के माध्यम से सुरु हुई होती तो अब तक कम से कम हर महीने में एक काउंसलिंग के हिसाब से 5
काउंसलिंग हो चुकी होती और लगभग 30-40 हजार लोगो को नियुक्ति मिल चुकी होती । लेकिन
हो क्या रहा है हम सब देख रहे है । सरकार की सुप्रीम कोर्ट में हिम्मत नहीं है की वो सीधे भर्ती करने से
मना कर दे इसलिए उसे कार्य करने के नाम पर प्रक्रिया में उलझा कर टाइम पास किया जा रहा है । मै ये
नहीं कह रहा हूँ की ये भर्ती नहीं होगी लेकिन इतना जरुर है की ये तभी होगी जब सचिव के बच निकलने
के सारे रस्ते बंद हो जायेंगे और उनको सिर्फ जेल का ही रास्ता दिखाई देगा । सचिव कोई भी हो चाहे
सुनील कुमार , नीतीश्वर कुमार या हीरालाल , अधिकारी कोई बुरा नहीं होता क्योकि वो अपने मन
से कोई कार्य नहीं करता । कार्य की इच्छा सरकार में बैठे नेताओ की होती है और नाम केवल
अधिकारी होता है ।
Kahne se matlab hai ki asli hero wahi hain,unko blog se kuch lena dena nahi hai.
ReplyDeleteहम सब जानते है की अधिकारी कोई भी आ जाये लेकिन सरकार तो वही है फिर
ReplyDeleteकार्य में कैसे फर्क पड़ जायेगा अधिकारी बदल देने से ।
मित्रो मै जानता हूँ हमारा मन नहीं मानता और हम सब जानते हुए भी कि इस सरकार और इसके
किसी अधिकारी की किसी बात का भरोषा नहीं है फिर भी हम मीटिंग सुनकर फिर आस लगा लेते है
की सायद अब कुछ हो जाये ।
फ़िलहाल मै यही कहूँगा जब हम 2 लाख लोगो में से 20 हजार लोग भी घर से निकल कर धरना और
आन्दोलन नहीं कर सकते तो फिर कोर्ट के ऊपर ही विश्वाश बनाये रखे क्योकि ये भर्ती सिर्फ उसी के
दबाव और ऑर्डर के कारन होगी । जैसे इतना दिन वैसे ही कुछ दिन और सही । सरकार को कोर्ट
द्वारा सहूलियत से कार्य करने का दिया गया समय अब बीत चूका है । अब कोर्ट इनसे जबरदस्ती कार्य
करवाना सुरु करेगी । इसलिए न तो जादा निराश हो और न ही इन अधिकारियो की उठक-बैठक पर
जादा आशा करे ।क्योकि ये उठक-बैठक भी हमारे लिए नहीं हो रही है ये भी कोर्ट का डर है । इसलिए
जो भी होगा सिर्फ कोर्ट के कारण होगा इसलिए उसी पर पूरा ध्यान लगाये और आपसी मतभेद
को त्याग कर उसी मजबूती से एक साथ खड़े हो जैसे अभी तक कोर्ट में लड़े है । उसमे किसी तरह
की त्रुटी न रह जाये । हमें इस नीच सरकार से हर कदम पर कोर्ट में ही न्याय मिलेगा ।
धन्यवाद
Woh log bhagwan me bharosa karte hai,aur phal ki asha nahi karte(as per bhagwad geeta.
ReplyDeleteI salute our tet leaders.
ReplyDeleteBOSS :-अगर मेरे हवाई जहाज़ में 50 ईंटे हो और मैं एक नीचे फ़ेंक दूं तो कितने बचेंगे ?
ReplyDeleteEmployee :- 49
BOSS :-तीन वाक्य में बताओ कि हाथी को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए, (2) हाथी को उसमे रखिये और (3) फ्रीज़ बंद
कर दीजिये !
BOSS :-अब 4 वाक्य में बताओ कि हिरन को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए (2 ) हाथी को बाहर निकालिए (3) हिरन को अन्दर रखिये 4)फ्रीज़ बंद कर दीजिये!
BOSS :-आज जंगल में शेर का जन्मदिन मनाया जा रहा है, वहां एक को छोड़ कर
सब जानवर मौजूद है, बताओ कौन गैरमौजूद है?
Employee :- हिरन, क्योंकि वो फ्रीज़ में बंद है !
BOSS :- बताओ, एक बूढी औरत मगरमच्छो से भरी तालाब को कैसे पार कर सकती है ?
Employee :- बड़े आसानी से, क्योंकि सारे मगरमच्छ शेर के जन्मदिन के पार्टी में गए हैं!
BOSS :- अच्छा आखिरी सवाल, वो बूढी औरत मर कैसे गयी?
Employee :- hmmmmm ....... लगता है सर कि वो तालाब में फिसल गयी अथवा गिर गयी होगी..... Errrrrrrrrrrr..
BOSS:- अबे गधे, उसके सिर पर ईंट लगी थी जो मैंने Airplane से फेंकी थी,
यही problem है कि तुम अपने काम में जरा भी ध्यान नहीं लगाते हो और तुम्हारा दिमाग कही और रहता है,
You should always be focused on your job ! Understand ?
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Moral of the story:- जितना मर्ज़ी PREPARE कर लो अगर बोस ने ठान ली है तो बो तुम्हारी बजा के रहेगा.:
Very interesting & meaning full
Aaj ki meri pehli sayri,aarj kiya hai "Buzdil hain wo log jo mohabbat nahikarte,aye dost bahut hausla chahiye barbaad hone ke liye."
ReplyDeleteKISI KE PASS ISKA JAWAB HAI,ESPECIALLY MR TMBTN & RAJESH.
WAITING FOR YOUR REPLY.
MR.TMBTN DID U LIKE IT?
ReplyDeleteशायद ' जिंदादिली ' इसी को कहते हैं।
ReplyDelete.
ठोकर लगने पर भी मंजिल तक भटकना
शायद ' तलाश ' इसी को कहते हैं।
.
किसो को चाहकर भी न पाना
शायद ' चाहत' इसी को कहते हैं।
.
टूटे खंडहर में बिना तेल के दिया जलाना
शायद ' उम्मीद ' इसी को कहते हैं।
.
गिर जाने पर फिर से खड़ा होना
शायद ' हिम्मत ' इसी को कहते हैं।
और
ये हिम्मत , उम्मीद , चाहत , तलाश...
शायद ' जिंदगी ' इसी को कहते हैं।
Dost mai tumahara muqubala nahi kar sakta aap
ReplyDelete"DILJALE HO"
Aisa lagta hai,mai bhag rahan hoon.
Bhai mere to abhi axe din chal rahe hain isliye main ispar koyi bhi comments nahi kar sakta hun
ReplyDeleteThanks
&
Sorry
आज भी वैसा ही हुआ जैसे हम सब डरते हुए से सोचते रहते है, और फिर मन ही मन कुछ अच्छा होने की उम्मीद लगाये रखते है, अभी तो कुछ लोगो ने अपने टेट का रोल न. नही लिखा था तो इस बारे में scert द्वारा बड़े अधिकारियो की मीटिंग बुलाई गयी थी, अबकी बार इस बारे में मीटिंग होगी कि कुछ आवेदन से चूहों द्वारा फोटो गायब कर दिए है, उन चूहों की पहचान कैसे की जाये, इसके बाद एक मीटिंग होगी कि ऐसे आवेदन के बारे में किसी विशेष चूहा समिति बनायीं जाये कि आगे से कोई ऐसी घटना न हो और इन को कण्ट्रोल आई डी दे दी जाये, सभी डायट में 100-100 चूहे दानी की भी व्यवस्था की जाये, अत: फिर से एक मीटिंग की व्यवस्था की जाये क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के अनुपालन में भर्ती अति शीघ्र करनी है, सभी डायट को पत्र जारी करे कि कल शाम 4:30 बजे तक सभी चूहे scert को भेज दिए जाये । इस कार्य में लापरवाही स्वीकार्य नही होगी, और जिससे फिर काउंसिलिंग की तिथि की घोषणा समय पर की जा सके,,,,
ReplyDeleteअब इनसे क्या उम्मीद की जा सकती है, कि अवमानना के बाद भी ये सरकार भर्ती कर लेगी । या फिर फ्री के नाश्ते पानी वाली जेल को अधिक पसंद करेगी, ऐसे लोगो का क्या इलाज हो ये आप सब जानते है ।।
।। जय हो ।। जय जी ओ ।।
TMBTN bhai mai bhi aise bol raha tha dil par mat lo dost
ReplyDeleteRegards.
तानाशाह सरकारों के सामने बेबस सर्वोच्च न्यायालय
ReplyDeleteश्यामल कुमार त्रिपाठी
विश्व में सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की भूमिका में भारत सर्वोच्च स्थान पर दिखता है। लोकतांत्रिक शब्द से मतलब यह है कि सबसे ज्यादा राज्यों के समूह से बना देश जिसमें लोगों द्वारा चुनी गई सरकारों का राज होता है। सच भी है यहां जनता सरकार चुनती है और बस इसी बात से खुश हो जाती है कि वह एक लोकतांत्रिक सरकार की छांव में अपना सारा भविष्य सुरक्षित महसूस करती है। विचारणीय प्रश्न यह है कि भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक देश बन गया है जहां चुनाव के वक्त तो सारा माहौल लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन चुनाव परिणाम और सरकारें बन जाने के बाद यही लोकतांत्रिक देश पूर्णतया एक तानाशाह राजा की आगोश में दिखाई देने लगता है। कहने का मतलब बस इतना है कि जनता एक चुनावी प्रक्रिया के तहत सरकार चुनती है इसलिए कि वह सरकार जनता के हितों और देश के विकास के लिए कार्य करेगी, लेकिन इसके ठीक उल्टा सरकार बन जाने के बाद यही लोकतांत्रिक सरकारें सारे नियम कानून को दरकिनार करते हुए सिर्फ वह करती हैं जिससे उन्हें फायदा हो। देश में न्यायिक व्यवस्था में सर्वोच्च न्यायालय की स्थिति सबसे ऊपर मानी गई है। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय को न्याय पाने की आखिरी मंजिल के तौर पर भी देखते हैं लेकिन अब यह सरकारें सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को ठेंगा दिखाते हुए उन्हें मानने से इंकार कर देतीे हैं। ऐसा नहीं है कि यह कुछ नया वाकया हो। हमेशा से होता आया है। नेहरू के जमाने में भी सुप्रीम कोर्ट को झुकना पड़ा था और इंदिरा गांधी के जमाने में जब आपात काल की बात चली थी तब भी इंदिरा गांधी ने सुप्रीम कोर्ट को कुछ नहीं समझा था। गत्ï दिनों पर नजर डालें तो कुछ महीने पहले तक अस्तित्व में रही यूपीए सरकार ने भी राजनीति और नेताओं पर सर्वोच्च न्यायालय के आए पांच फैसलों को कैबिनेट की मदद से खत्म कर दिया था।
Aur ache din chalne bhi chahiye.
ReplyDeleteताजा मामला उत्तर प्रदेश सरकार का है। इस समय लगभग तीन वर्षों से टीईटी पास बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, तमाम कानूनी लड़ाई लडऩे के बाद हाईकोर्ट से जीत दर्ज करने के बाद भी जब सरकार ने उन्हें नौकरी देने से मना किया तो यह सारे बेरोजगार सर्वोच्च न्यायालय की शरण में चले गए। वहां से भी सरकार को मुंह की खानी पड़ी और सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से इन टीईटी पास बेरोजगारों को नौकरी मुहैया कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीईटी पास बेरोजगारों को लगा कि उन्होंने दुनिया जीत ली। वह शायद भूल गए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखाना अब सरकारों का शगल बन गया है और हुआ भी वही। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए टीईटी पास बेरोजगारों को अभी तक कोई नौकरी नहीं दी। सवाल यह उठता है कि यह टीईटी पास बेरोजगार न्याय की गुहार लेकर अब कहां जाएं। न सरकार इनकी बात सुनती है न ही सर्वोच्च न्यायालय की बात सुनती है। गत्ï दिनों इन्हीं टीईटी पास बेरोजगारों ने लखनऊ में शिक्षा विभाग के सेक्रेट्रेट पर ताला जड़ दिया और प्रमुख सचिव बेसिक हीरालाल गुप्ता से मिलकर अपना दुख बयां किया तो उनका जवाब बड़ा ही संवेदनहीन मिला। उन्होंने कहा कि भई सरकार जब चाहेगी तभी आपकी नियुक्ति होगी। इस जवाब पर टीईटी पास बेरोजगारों ने कहा कि अगर ऐसा है तो हम सरकार पर कंटेम्ट का केस करेंगे। इस बात का जवाब भी बड़ा ही निराला मिला। प्रमुख सचिव बेसिक हीरालाल गुप्ता ने बड़े बेफिक्री से कहा कि सरकार पर पहले से पचासों कंटेम्ट के केस चल रहे हैं। उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। एक कंटेम्ट आप लोग भी कर लो क्या हो जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक का यह बयान बताता है कि सरकार और उसके मातहत डंके की चोट पर सुप्रीम कोर्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
ReplyDeleteऐसा नहीं है कि ये सब उत्तर प्रदेश में है। केंद्र सरकार ने भी चीफ जस्टिस को भरोसे में लिए बगैर जजों की नियुक्ति करने वाले कालिजिएम को खत्म करके एक नया सिस्टम चला दिया। जिसमें चीफ जस्टिस और जजों के साथ-साथ केंद्र में कार्यरत कानून मंत्री का भी पूरा हस्तक्षेप होगा। कहने का अभिप्राय सिर्फ इतना है कि कालिजिएम सिस्टम खत्म करने से जजों की नियुक्ति मामले में पारदर्शिता की उम्मीद तो है लेकिन जिस तरीके से कालिजिएम को खत्म किया गया बिना चीफ जस्टिस को भरोसे में लिए वह तरीका गलत था। यह तरीका बताता है कि सुप्रीम कोर्ट से हमें कुछ लेना-देना नहीं। हम जैसा चाहेंगे वैसे करेंगे और सुप्रीम कोर्ट भी उसे मानने के लिए बाध्य होना होगा। सरकारों के इन तानाशाह रवैये से जहां लोकतांत्रिक ढांचा चरमरा रहा है वहीं आमजन का विश्वास भी लोकतंत्र से खत्म होता जा रहा है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद भी अब संदेह के घेरे में दिखने लगी है। सवाल फिर वही है कि आखिर आम जन न्याय के लिए कहां जाए। क्या यह तानाशाह सरकारें जनता को कभी न्याय दे पाएंगी। और तो और सुप्रीम कोर्ट को भी अपनी अस्मिता बचाए और बनाए रखने के लिए जल्द ही सजग होना पड़ेगा अन्यथा यह देश जो पूरे विश्व में लोकतांत्रिक देश जाना जाता है उसका सर्वनाश निश्चित है।
ReplyDeleteG
O
O
D
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N
I
G
H
T
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9 . . . . . . . . ..8 . . . . . . . . .
ok
ReplyDeletegood night.
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