Shiksha Mitra, Shiksha Mitra News Samayojan, Shiksha Mitra Counslling Primary Teacher Samayojan News , SARKARI NAUKRI NEWS, , SARKARI NAUKRI
बगैर टीईटी (टीचर एलिजिबिलटी टेस्ट) परीक्षा पास किए किसी को भी प्राइमरी स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। नवंबर 2010 की गाइड लाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने टीईटी की अनिवार्यता में कोई छूट न देने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार या एनसीटीई ने प्रदेश सरकार को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों को बगैर टीईटी समायोजन की छूट नहीं दी है
मैनपुरी : शिक्षा मित्रों को प्रदेश सरकार ने शिक्षक बनाकर तोहफा तो दे दिया, लेकिन वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। बिना टीईटी किए शिक्षक बनने का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। नए शिक्षकों को जो नियुक्ति पत्र दिया गया है, उसमें भी कोर्ट के निर्णय की बात लिखी गई है। दो दिन बाद कोर्ट में इस मामले की सुनवाई है। कोर्ट का फैसला अगर उनके विपरीत आया तो वह फिर से शिक्षा मित्र हो जाएंगे। नियुक्त पत्र में स्पष्ट लिखा है कि अंतिम निर्णय हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
प्रदेश सरकार ने प्रथम चरण में 31 जुलाई को शिक्षामित्रों को प्राइमरी स्कूलों में बतौर शिक्षक नियुक्ति पत्र दिए थे। जनपद में 730 को नियुक्ति पत्र देकर उन्हें मनचाहे विद्यालयों में एक सप्ताह के अंदर ज्वाइन करने के आदेश दिए गए हैं। विभाग की ओर से जारी नियुक्ति पत्र में स्पष्ट लिखा है कि सभी की नियुक्ति वेतनमान ग्रेड-3, वेतन बैंड-2, 9300-34800 ग्रेड पे 4200 में एक साल का परिवीक्षाकाल, अस्थाई तौर पर दी जाती है। नियुक्ति आदेश में शासनादेश के अनुसार उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली 1981 (अद्यतन संशोधित) तथा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) तैनाती नियमावली 2008 में संशोधन का हवाला दिया गया है।
बगैर टीईटी (टीचर एलिजिबिलटी टेस्ट) परीक्षा पास किए किसी को भी प्राइमरी स्कूल में बतौर शिक्षक नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। नवंबर 2010 की गाइड लाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने टीईटी की अनिवार्यता में कोई छूट न देने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार या एनसीटीई ने प्रदेश सरकार को सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों को बगैर टीईटी समायोजन की छूट नहीं दी है।
शिक्षामित्र नियुक्ति मामले के विरोध में दो शिक्षक संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। जिसमें हवाला दिया है कि बिना टीई्रटी परीक्षा पास शिक्षा मित्रों को प्राइमरी स्कूलों में तैनाती दे दी गई है। इस मामले में सात अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। नियुक्ति पत्र में भी विभाग ने इस बात का स्पष्ट तौर पर जिक्र किया है कि अंतिम निर्णय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही मान्य होगा।
'पूरे प्रदेश में शिक्षा मित्रों को इसी तरह का नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। कोर्ट का जो भी फैसला होगा उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप कुमार वर्मा, बीएसए
News Sabhaar : Jagran (04.08.2014)
शिक्षा मित्र जी आप भविष्य की चिंता ना करें।आपको तो दलित गरीबों के बच्चों के भविष्य को चौपट करने का प्रमाणपत्र मिल गया। जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रमाणित है। आप T E T को लेकर भी चिंता ना करें।आप का T E T का syllabus तयार हो चुका है।
ReplyDeleteजो इस प्रकार है।गणित ---में ,१ से १० तक गिनती।
विज्ञान में ---चार जानवरों के नाम,दो फलों के नाम।
हिन्दी में ---आदमी का निबंध
समाज विज्ञान --- मुलायम कोन है,अखिलेश कोन है। तुम्हें पकका किस ने किया।बस पाठ्यक्रम पूरा।
Sahi hai manoj ji
ReplyDeleteHaaaa....aur kya..y spa pagla gyi h...aur agar joining letter de diya h to kaise b krke ek h centre bna k in logo ko tet b paas h karwa Degi....so don't b tentionized sm bhaaiyo.
ReplyDeleteAbsolutely correct manojkumar bhai.
ReplyDeleteजब शिक्षामित्र ये कह रहे थे कि हमारा वेतन 3500 से बढ़ाकर 10,000 कर दिया जाए, तो वही इनके लिए सही था। लेकिन इन्हीं के खानदान के अनपढ़ ताऊजी (मुल्ला यम) और गंवार चाचा (शिवपाल) और सबसे बड़ा मूर्ख अकललेस (अखिलेश) इन्हें सहायक अध्यापक बनाने पर तुल गए। कहीं ऐसा न हो कि स्कूल के बच्चे खुद इन शिक्षामित्रों को ही शिक्षा देने लग जाएं। और आदमी पर निबंध क्या लिखेंगे, जिन्हें खुद अपनी जानकारी नहीं, उन्हें क्या पता आदमी क्या होता है, क्योंकि ये तो मुल्ला यम के कु........... हैं, इंसान नहीं।
ReplyDeleteAap bilkul shi kh rhe h.manoj bhai. bhut bda annyay h yh tetians k sath
ReplyDelete