KVS mein contract teachers kee recruitment par Uthe Sawaal -
Female candidate alleged KVS for unfair selection and not following proper rules/regulations.
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केंद्रीय स्कूल की शिक्षक भर्ती पर उठ रहे सवाल
योगा शिक्षकों के संविदा नियुक्ति को लेकर केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन विवादों में घिरता नजर आ रहा है। नियुक्ति प्रक्रिया में मापदंड व नियमों का पालन ना करने का आरोप लगाते हुए महिला उम्मीदवार ने संस्था के प्राचार्य और कलेक्टर से शिकायत की है।
केंद्रीय विद्यालय ने विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 20 फरवरी को विज्ञापन जारी किया गया था। जारी किए गए विज्ञापन में अनुभवी को प्राथमिकता दिए जाने का जिक्र किया गया था। कांसाबेल निवासी डॉ बबीता भगत ने योगा शिक्षक के लिए आवेदन किया था।प्रक्रिया के बाद केंद्रीय विद्यालय के द्वारा जारी किए गए सूची में शिकायतकर्ता डॉ बबिता भगत का नाम नहीं था।नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए डॉ बबीता भगत ने गुरूवार को संस्था के प्राचार्य एसएन सिन्हा और कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता से शिकायत की है। अपनी शिकायत में डॉ बबीता भगत ने बताया कि योगा शिक्षक के एकमात्र पद के लिए उनके अलावा किसी अन्य अभ्यर्थी के पास अनुभव प्रमाण पत्र नहीं था। ऐसे में विज्ञापन में प्रकाशित नियमों के मुताबिक विद्यालय में उनकी नियुक्ति होनी चाहिए थी। डॉ बबीता भगत ने बताया कि उन्होंने आवेदन पत्र के साथ दो अलग-अलग संस्थाओं में साढ़े 4 साल काम करने का अनुभव होने का प्रमाण पत्र संलग्न किया था। उन्होंनें भर्ती प्रक्रिया के दौरान साक्षात्कार के तौर-तरीके पर भी सवालिया निशान लगाया है। डॉ भगत का कहना है कि योगा पूरी तरह वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।इसलिए जब तक किसी विशेषज्ञ या अच्छे जानकार द्वारा साक्षात्कार नहीं लिया जाता,तब तक आवेदक की विशेषज्ञता को नहीं परखा जा सकता। लेकिन केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन ने नियुक्ति की खानापूर्ति के लिए योगा के जानकार के बिना ही मात्र 10 मिनट में साक्षात्कार को खत्म कर दिया था। बहरहाल,शिक्षा के क्षेत्र में विशेष पहचान रखने वाले केंद्रीय विद्यालय की छवि नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर उठ रहे इस विवाद से धूमिल हो रही है। शिकायतकर्ता डॉ बबीता भगत को कलेक्टर एचएस गुप्ता ने जांच का आश्वासन दिया है
News Source / Sabhaar : bhaskar.com (05.04.2014) / Bhaskar News Network | Apr 05, 2014, 03:08AM IST
It appears that the officers do not want transparency and they do not respect laws. If they deny justice to the public, it will be compelled to approach courts for delivery of justice. They are responsible for increasing litigations in the courts and thereby increasing work load of the courts, loss to the government fund and also to the affected persons apart from mental and physical harassment to them. Such Officers must be penalized and financial losses, if any to the government and also to the affected persons must be recovered from the concerned officers.
ReplyDeleteye bilkul sahi baat hai..........mere saath 2 baar aisa ho chuka hai...1st time to maine socha,ye routine process hai but next time jab maine chanbeen ki to pata chala ki ye sab formality hoti hai...kv ke teacher ne bataya..ki jin vacancies ke liye interview hote hai unke permaanant teacher aalready aavailable hai..ye every year dikhava hota hai....kv sangathan se paise aithne ka...interview bhi khud wo teacher leta hai jo us post par teaching kar raha hai,chahe uski qualification aapse kam hi ho.....
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