सवा लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण पर संकट
डायटों में प्रवक्ता नहीं, कैसे मिलेगा प्रशिक्षण
DIET Lecturers Recruitment,
बेसिक शिक्षा विभाग इन प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद ही
पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा देगा। इसलिए इन्हें छह माह के प्रशिक्षण के लिए
डायटों में भेजा जाएगा, जहां तीन माह का क्रियात्मक और तीन माह का
प्रयोगात्मक प्रशिक्षण होगा
डायटों
में रिक्त पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को ब्यौरा भेजा जा चुका है।
इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाने की उम्मीद है। रही बात
नवनियुक्त होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों की, तो उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था
की जाएगी, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए।
-सर्वेंद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी
लखनऊ।
राज्य सरकार भले ही टीईटी पास बीएड वालों को प्रशिक्षु सहायक अध्यापक
बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी हो, लेकिन इनके प्रशिक्षण पर ही संकट की
नौबत आ गई है। स्थिति यह है कि शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले जिला
शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायटों) में प्राचार्य से लेकर प्रवक्ता तक
की भारी कमी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को खाली पदों का ब्यौरा देने
के बाद भी अभी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में डायटों में
प्रवक्ताओं की कमी भर्ती होने वाले नए सवा लाख सहायक अध्यापकों के
प्रशिक्षण में संकट का कारण बन सकती है।
डायटों
का मुख्य काम बीटीसी प्रशिक्षण देने के साथ बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों
में भर्ती होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण देना है। इसका
मुखिया प्राचार्य होता है। प्राचार्य का पद उप शिक्षा निदेशक, उप प्राचार्य
का डीआईओएस और वरिष्ठ प्रवक्ता का पद बीएसए स्तर के अधिकारी के बराबर होता
है। इसके अलावा कार्यानुभव शिक्षक, तकनीकी शिक्षक व सांख्यिकीकार का पद
एलटी ग्रेड शिक्षक के समान है। प्रदेश में मौजूदा समय 70 जिलों में डायट
हैं। इनमें 1960 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 915 पद खाली हैं। सबसे खराब
स्थिति वरिष्ठ प्रवक्ता और प्रवक्ता पदों की है।
प्रदेश
में मौजूदा समय प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु और उच्च प्राइमरी
में गणित व विज्ञान के 29,334 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग इन प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद ही
पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा देगा। इसलिए इन्हें छह माह के प्रशिक्षण के लिए
डायटों में भेजा जाएगा, जहां तीन माह का क्रियात्मक और तीन माह का
प्रयोगात्मक प्रशिक्षण होगा। प्रयोगात्मक प्रशिक्षण तो स्कूलों में होगा,
इसलिए वहां तो कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन क्रियात्मक प्रशिक्षण डायटों
में होना है। इसलिए शिक्षकों की कमी वहां परेशानी का कारण बन सकती है।
पदनामसृजित पदखाली
प्राचार्य7049
उप प्राचार्य7052
वरिष्ठ प्रवक्ता420347
प्रवक्ता1190365
कार्यानुभव शिक्षक7045
तकनीकी सहायक7030
सांख्यिकीकार7027
डायटों
में रिक्त पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग को ब्यौरा भेजा जा चुका है।
इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाने की उम्मीद है। रही बात
नवनियुक्त होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों की, तो उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था
की जाएगी, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए।
-सर्वेंद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी
News Sabhaar : Amar Ujala (04.08.2014)
3rd counsling update
ReplyDeletemerit net par 8 Aug ki sham
news paper m 9 Aug ko
consling 12,13 Aug
apne document tayar rakho
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। अब सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में भर्तियां होने वाली है। सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों के लगभग 2700 पदों पर भर्तियां होंगी। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रदेश में तकरीबन 3100 सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल हैं। इन स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को सरकार वेतन देती है। लंबे समय से इन स्कूलों में भर्तियां नहीं हुई हैं जबकि शिक्षक और शिक्षणोत्तर कर्मचारी रिटायर होते रहे। इन स्कूलों के प्रबंधतंत्र द्वारा लगातार शासन से नई नियुक्तियां करने की अनुमति दिये जाने की मांग की जा रही थी। शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशालय से इन स्कूलों में शिक्षक और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया था। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को इस बाबत प्रस्ताव भेजा है जिसमें स्कूलवार रिक्त पदों का ब्योरा दिया गया है। प्रस्ताव में सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों के लगभग 750, शिक्षकों के 1500 और लिपिकों के 500 रिक्त पदों पर भर्ती की सिफारिश की गई है। सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की शर्त अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों की नियमावली में पांच दिसंबर 2012 को संशोधन किया जा चुका है।
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ReplyDeleteYahan dekhiye appearing aur appeard ka difference
ReplyDeleteNET ki eligibility hai
i) Candidates who have appeared OR will be appearing at the qualifying Master’s degree (final year) examination and whose result is still awaited OR candidates whose qualifying examinations have been delayed may also apply for this Test. However, such candidates will be admitted provisionally and shall be considered eligible for award of JRF/Assistant Professor eligibility only after they have passed their Master’s degree examination or equivalent with at least 55% marks (50% marks in case of OBC (Non-creamy layer)/ SC/ ST/ PWD (Persons with disability) category candidates). Such candidates must complete their P.G. degree examination within two years from the date of NET result with required percentage of marks, failing which they shall be treated as disqualified.
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ReplyDeleteGazi imam ala , shiksha Mitra sanghathan president >>>
प्रिय शिक्षामित्र साथियों दिनांक 31.07.14 को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तेजी से शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजन से सम्बन्धित नियुक्ति पत्र जारी हो रहा है तथा संगठन का प्रयास है कि इन्ही 2 दिनों में प्रदेश के सभी जनपदों में नियुक्ति पत्र मिल जाये . मित्रों आज शिक्षक बनने की खुशी तो है लेकिन यह खुशी तब तक सार्थक नहीं है जब तक कि हमारे बीच के वे सभी साथी जो द्वितीय व तृतीय चरण में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, को शिक्षक नहीं बना दिया जाता . मित्रों हम स्वयं तथा संगठन के सभी प्रदेश पदाधिकारियों, मण्डल पदाधिकारियों, जिला पदाधिकारियों व ब्लाक पदाधिकारियों से अपील करता हूँ कि शिक्षक का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शिक्षक तो बन गये लेकिन हम सभी तब तक शिक्षामित्र कहलायेंगे जब तक कि द्वितीय व तृतीय चरण के सभी शिक्षामित्र साथी शिक्षक नहीं बन जाते, और जो शिक्षामित्र शिक्षक बन गये हैं वे अपना व्यवहार, बातचीत, शेष बचे शिक्षामित्रों से शिक्षामित्र की भाँति ही करेंगे, द्वितीय व तृतीय चरण के शिक्षामित्रों के सामने कभी अपने आप को शिक्षक के रूप में प्रदर्शित नही करेंगे. क्योंकि आप के शिक्षक बनने में प्रदेश के सभी 172000 शिक्षामित्रों का योगदान और संघर्ष रहा है. अब संगठन के सामने सबसे बडी चुनौती के रूप में सभी प्रशिक्षण रत शिक्षामित्र साथियों का समय से परीक्षाफल घोषित कराकर, समय से परीक्षा कराकर सभी सेमेस्टर का प्रशिक्षण पूर्ण कराकर समय से शिक्षक के रूप मे नियुक्ति पत्र दिलाकर शिक्षक बनाना है . संगठन के सभी प्रदेश, मण्डल, जिला व ब्लाक पदाधिकारी इसके लिये अभी से जुट जायें . मित्रों ऐसे शिक्षामित्र जो शिक्षामित्र के 10% कोटे से बी0टी0सी0 या वि0बी0टी0सी0 किये हुये थे, गोरखपुर में उनको भी नियुक्ति पत्र दिलवाकर शिक्षक के रुप मे ज्वाइन करवा दिया गया है, तथा प्रदेश के किसी भी जिले में इस प्रकार के किसी शिक्षामित्र को नियुक्ति पत्र मिलने में या ज्वाइन करने में कोई समस्या आ रही हो तो अधिकारियों के समक्ष गोरखपुर की इस प्रक्रिया का नजीर पेश करते हुए ज्वाइनिंग लेटर की कापी वहाँ उपलब्ध कराकर नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लें . धन्यवाद . . . . आपका अपना प्रदेश अध्यक्ष गाज़ी इमाम आला, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, उत्तर प्रदेश.
Impressive. Saathiyo kya aapko nahi lagta ki apne sanghtan ko bhi inse prerna lene ki jarurat hai.
DeleteHahahaha.....
DeleteRajesh..ji...
Ye bhedo ( sheep ) ka jhund h.....
Jis din koi bhediya ( wolf ) tet fighter inke beech me ghus gaya na to...pata nahi kitno ka shikar karega......
Well said sunil ji. Baat to bahut pate ki kahi aapne
Deleteकड़ी सुरक्ष्ाा में काउंसलिंग
ReplyDeleteडीएम और एसपी ने किया औचक निरीक्षण
अमर उजाला ब्यूरो
भरुआसुमेरपुर (हमीरपुर)। 24 जुलाई को हंगामे के बाद निरस्त की गई काउंसलिंग शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच बीएसए की मौजूदगी में शुरू हुई। दोपहर को जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक एवं अपर जिलाधिकारी के साथ डायट का औचक निरीक्षण कर काउंसलिंग की प्रक्रिया को जांचा परखा। साथ ही बेसिक शिक्षाधिकारी को दिशा निर्देश देते हुए पारदर्शिता के साथ काउंसलिंग कराने को कहा।
गौरतलब हो कि 24 जुलाई को सामान्य वर्ग की गलत ढंग से मेरिट जारी कर देने तथा बाद में सीटें भर जाने की बात कहकर काउंसलिंग बंद कर देने से डायट में हंगामा हो गया था। दूरदराज से आए छात्रों ने यह कहकर हंगामा शुरू कर दिया था कि उनकी मेरिट ज्यादा है और कम मेरिट के छात्रों की काउंसलिंग कर ली गई। इसके बाद छात्रों ने हाइवे जामकर बवाल किया था। प्रशासन ने काउंसलिंग निरस्त कर नए सिरे से काउंसिलिंग कराने के लिए 2 अगस्त की काउंसलिंग की विज्ञप्ति जारी की।
शनिवार को रिक्त 97 सीटों के लिए पुन: काउंसलिंग का कार्य जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा. रामचंद्र की देखरेख में शुरू हुआ। बवाल की आशंका के मद्देनजर भारी फोर्स तैनात की गई थी। दोपहर को जिलाधिकारी भवनाथ, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार शेखर, अपर जिलाधिकारी डीके पांडेय ने डायट में हो रही काउंसलिंग का औचक निरीक्षण किया। अधिकारियों ने छात्रों से भी बातचीत कर जानकारी ली। डीएम ने बीएसए को पूर्ण पारदर्शिता के साथ काउंसलिंग शांतिपूर्वक संपन्न कराने के निर्देश दिए।
JUDGEMENT WEEK..
ReplyDelete7 Aug - sm case &
promotion matter
8 Aug - prt acd slp ( sc )&
jrt prof matter
sm nahi banege teacher hc ...jrt me tet% anivarya hoga..
ReplyDeletedoat rajesh kisse prerna lene ki jarurat hai.
ReplyDeleteKumar bhai mein SM ke sanghtan ki unity ki baat kar raha tha. Agar apne andar koi weakness hai to usko maanne me koi harz to nahi? Kya aapko lagta hai ki apne tet morche mein bhi itni hi unity hai.
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteहिंदी में भी चकराया प्रतियोगियों का माथा
ReplyDeleteपीसीएस प्री में भी अंग्रेजी का दबदबा
इलाहाबाद (ब्यूरो)। दिल्ली और इलाहाबाद समेत पूरे उत्तर भारत में तीव्र विरोध के बावजूद पीसीएस-2014 प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी का दबदबा रहा। सीसैट के पेपर में कुल 100 में 26 सवाल अंग्रेजी के थे। इतना ही नहीं कम्प्रेहेंशन का हिन्दी भाग भी अपेक्षाकृत कठिन रहा। सिविल सर्विसेज की तरह पीसीएस में भी इस खंड के सवालों के शब्द तथा वाक्य काफी कठिन रहे। इससे अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी रही।
सिविल सर्विसेज और पीसीएस से सीसैट हटाने की मांग को लेकर पूरे उत्तर भारत में प्रतियोगी आंदोलनरत हैं। उनका मुख्य विरोध सीसैट के पेपर में अंग्रेजी के सवालों तथा कम्प्रेहेंशन के हिन्दी वर्जन की भाषा को लेकर है। इसके बावजूद रविवार को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के अभ्यर्थियों इन समस्याओं से जूझना पड़ा। सीसैट के पेपर में हिन्दी के 16 तथा अंग्रेजी के 26 सवाल रहे। ज्वाला देवी इंटर कालेज केंद्र से परीक्षा देकर निकले अभिनव और रोहित का कहना था कि व्यक्तित्व एवं निर्णयन से 33 सवाल थे। पेपर में प्रति पुष्टि, पुतला का तर्क, समायोजन स्वत: शोध, मस्तकी झंझायन, पेल्ज प्रभाव, न्यून ऊपरिगामी, चाक्षुष संपर्क, डेल्फी तकनीकी जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। इलाहाबाद में आंदोलन की अगुवाई करने वाले तथा अभ्यर्थी अवनीश पांडेय का कहना था कि इस तरह के पेपर से हिन्दी भाषी प्रतियोगियों को झटका लगा है। इससे अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखने वाले खास वर्ग के प्रतियोगियों को लाभ मिलेगा। सीसैट के पेपर में गणित और बुद्धि परीक्षण के 25 सवालाें ने भी अभ्यर्थियों को उलझाया।
सामान्य अध्ययन के इतिहास के सवाल भी नए प्रकार के तथा कठिन रहे। इसमें ‘महात्मा गांधी के साथ किस मुसलमान नेता ने तिलक की अर्थी को कंधा दिया था। दस्तार बंदान कौन कहलाते हैं?’ जैसे सवाल पूछे गए जिसके बारे में ज्यादातर अभ्यर्थियों को कोई जानकारी नहीं थी। पेपर में भूगोल, राजनीति विज्ञान जैसे परंपरागत विषयों से अपेक्षाकृत कम सवाल पूछे गए। इसके विपरीत समसामयिकी से अधिक प्रश्न थे। खास यह भी रहा कि इस बार पूर्व में पूछे गए सवाल नहीं थे। इससे विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों पर ज्यादा फोकस करने प्रतियोगियों को झटका लगा है। ब्रेन टूल्स के रनीश जैन का कहना है कि अंग्रेजी भाषी अभ्यर्थियों की वजह से मेरिट हाई जाएगी। जीएस में 100 तथा सीसैट में 80 सवालों का सही उत्तर देने वाले ही सेफ समझें।
000
Bharti me problems......
ReplyDelete1- jyada intelligent candidates ka hona
2- maya - mulayam dusmani
ReplyDeleteTMNTBN भाई अगर काउसिंलिंग आनलाईन होगी तो मै एक सुझाव देना चाहता हूँ जैसे सीतापुर में ६००० सीट हैं तो वहॉ पर पहले दिन की काउसिंलिंग के लिए जनरल से ३००० और ओबीसी से १६२० एससी १२६० एसटी से १२० अभ्यर्थी बुलाए जाय.यही परकृया हर जनपद में हो.इससे लगभद १०%सीट भरी जाने की सम्भावना है.दूसरे दिन बची सीट का दूगुना बुलाया जाय तीसरे दिन तीन गुना.यह परकिया तब तक चलनी चाहिए जब तक पूरी सीट भरी न जाय
ReplyDeletebarobar hai.
ReplyDeleteallahabad ka koi local dost agar meri help kar sake to ati kripa hogi.....
ReplyDeletemujhe bas itni jankari chahiye ki madhiyamik shiksha parishad tet marksheet me sanshodhan kar rahi hai.....? aur jinki marksheet kho gayi unhe duplicate isue kar rahi hai? mujhe aisi jaankari mili hai k waha sanshodhan start ho gaya hai......ab kaha tak authentic hai agar koi confirm kar sake to ati kripa hogi......
we r your silent admirer(mr.uma)and i think there r thousnds like me.
ReplyDeletethanks priya98 for your contribution.
ReplyDeleteBhai log sarkar is baar koun sa muh leke time badhwane SC jayegi? Kya aap logo ko lagta hai ki dattu ji is baar bhi time badha denge? Nahi is baar inko dattu ji ke paas 100 baar sochna padega. Kapil ki 8 taarikh waali writ par gov.ki najar hai uske tag hote hi 72825 barthi bullet train ki raftaar se chalegi. Aasha hai 31 aug. Tak ham sabhi teachers ban jayenge aur shikshak diwas apne apne vidhyalayo me manaiengey.
ReplyDeletehammerpur ke jesa hal sabhi distt ka h. sachive dekbal bhal nahi kar rahe .CM ko sabhi ke class lagani hogi ya suspad karna hoga.
ReplyDeletesecound councling+first councling me17000 seats nahi bhar sackati. sachive ko is par dhan dena hoga. or sabhi distt ke bsa ke class lene hogi. ye corruption h.
ReplyDeleteZ shaan khan g i m agree with u.i tell u about allahabad jrt seat r lrft after sec counciling.bt now carefully observe at the time of third counclg
ReplyDeleteKya ma 49.5% pr net exam dr sakta hu sc category se hu.plz suggest me.
ReplyDeleteHi i m working in an institute. Now they r asking weathr i will cntinue or not actualy according to the rule i hav to inform b4 one month nd i hav good marks in tet. What i should do.....
ReplyDeleteShould i say no...? How many chances r of being cnclling in august?
ReplyDeleteMahk ji faltoo me n pareshan ho.santee se chuchap pahle counsling krwa le just after socha jayega jb trening ka bulawa patr milega ki danstha ko batna jroori h ya nahi.
ReplyDeleteHave a g n and sweetdream
They already know about me. So i hav two answers to say weathr yes or no..... well thnk u sir for reasponding
DeleteDon't say about thing of counsling them
DeleteYr mile hue h use mat chhodo...jab consling ho tab ki tab dekhna..or 3 sal se to in se kuch hua nahi...1 month mae kya tir marege...
ReplyDeleteYr mile hue h use mat chhodo...jab consling ho tab ki tab dekhna..or 3 sal se to in se kuch hua nahi...1 month mae kya tir marege...
ReplyDeletePlz tell me ye 3rd consling hoge bhi ya nahi.....
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