Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET : शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बडियां
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उदयपुर। जिला परिषद उदयपुर की ओर से आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में फिर गंभीर खामियां सामने आई हैं। वैसे इस परीक्षा के परिणामों के बाद से ही जिला परिषद पर परीक्षार्थियों को सूचना नहीं देने और बार-बार टरकाने के आरोप लगते रहे हैं मगर ऑनलाइन बुकलेट जारी होने के बाद खामियां खुल कर सामने आ गई हैं। कई परीक्षार्थी प्रश्नों के उत्तरों पर सवाल उठा रहे हैं तो कई ओएमआर शीट व बुकलेट नंबर बदलने की शिकायत कर रहे हैं मगर जिला परिषद में कोई उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं है। यहां तक कि परीक्षार्थियों की परिवेदनाएं लेने में भी अधिकारी व कर्मचारी ना-नुकुर कर रहे हैं। अब परीक्षार्थियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने और मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर ली है।
प्रश्न व उत्तर पुस्तिका अलग-अलग
एक महिला अभ्यर्थी भानू गोस्वामी ने बताया कि उनका परीक्षा केंद्र महावीर विद्या मंदिर सी.सै. स्कूल से.-13 था। वहां परीक्षा कक्षा में उन्हें व पांच अन्य छात्रों को अलग-अलग नंबरों वाली ओएमआरशीट व बुकलेट दी गई जबकि अन्य परीक्षार्थियों के नंबर एक जैसे थे। इस पर वीक्षकों ने दस मिनट रूकने को कहा। बाद में उसी बुकलेट व ओएमआरशीट के आधार पर परीक्षा देने की बात कही गई। परीक्षा के दो वर्ष बाद पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर ओएमआर शीट, प्रश्नपत्र व आंसर की जारी की है। इसमें प्रश्न पुस्तिका पर नंबर ही नहीं दिया गया है। इसके साथ ही आंसर की में कुल आठ प्रश्नों पर "स्टार" लगा है। इन प्रश्नों का क्या किया गया इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं किया गया है। भानू ने बताया कि बार-बार मिन्नतें करने के बाद बुधवार को प्रश्न पत्र, ओएमआरशीट व बुकलेट की फोटो कॉपी जिला परिषद में स्वीकार की गई। हालांकि कोई पावती नहीं दी गई व समस्या कब किस स्तर पर सुनी जाएगी यह नहीं बताया गया।
हर बार जयपुर का बहाना
अ भ्यर्थी भगवानसिंह, कैलाश जोशी, हरीश रावत, विकास, अनिल ने बताया कि परीक्षा को लेकर जिला परिषद का रवैया शुरू से ही टालमटोल का रहा है। सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देने के दो वर्ष बाद भी उन्हें अब तक न तो कॉपियां दिखाई गई हैं न ही उनकी प्रतिलिपी दी गई है। कार्यालय में भी सुनवाई नहीं होती व हर बार जयपुर से आदेश मिलने व दस्तावेज जयपुर भेजने का बहाना बनाया जाता है। उन्होंने भर्ती परीक्षा की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने और गड़बडियों पर अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। अभ्यर्थियों ने जिला परिषद में इस परीक्षा को लेकर "ग्रीवेंस" सेल बनाने की भी मांग की है। साथ ही बताया कि इस मसले पर वे उदयपुर में मुख्यमंत्री मिल कर वस्तुस्थिति सामने रखेंगे। जांच होने तक तक पदस्थापित शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं किया जाए।
News Sabhaar : Rajasthan Patrika (7.8.14)