RTE / Kasturba Gandhi School Teacher Recruitment : सर्व शिक्षा अभियान के तहत रिक्त पदों पर चयन की कार्यवाही करने के सम्बन्ध में आदेश
लखनऊ । सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों-कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक हटने के बाद प्रदेश में संविदा के चार हजार पद भरने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसका सीधा फायदा कस्तूरबा गांधी गांधी विद्यालयों, समेकित शिक्षा केंद्रों और ब्लॉक संसाधन केंद्रों को होगा।
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में वार्डन और शिक्षकों की भर्ती संविदा पर की जाती है लेकिन स्थाई वेतनमान दिया जाता है। इसी तरह ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर सह-समन्वयकों और समेकित शिक्षा केंद्रों पर अनुदेशकों की भर्ती भी संविदा पर की जाती है। जिला स्तर पर इनकी भर्तियां होती हैं। इन भर्ती में अनियमितता की शिकायतें आने पर सरकार ने आठ नवम्बर-2012 को रोक लगा दी थी। नए सत्र में भर्तियां न होने से कस्तूरबा विद्यालयों और समेकित शिक्षा केंद्रों पर पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया था। अब राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने आदेश जारी कर भर्तियों पर लगी रोक हटा ली है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जल्द यह भर्तियां शुरू की जाएं ताकि नए सत्र में शिक्षण कार्य और अन्य कामकाज हो सके
(साभार-:-अमर उजाला)
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23 ko kya chance hai sunvai ka
ReplyDeleteali bhai
ALI KHAN JI APKO AUR APKE PARIWAR KO RAMZAN BAHUT BAHUT MUBARAK HO
ReplyDelete
ReplyDeleteShukriya/ dhanyawad/ thanks
sushil bhai.
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ReplyDeleteek baat mai clear krna chahta hu 23 ko sunwai ka koi chance nhi hai.... case kafi piche hai..... next date milna nischit hi( bina sunwai) k next date 29 julay
ReplyDeletethird parti ban chuki hai 29 julay ko acd wale third parti k hoge
ReplyDeleteदादा जी़– दादा जी आपके लिए कोई लेटर आया है।
ReplyDeleteबेटा जरा पढ तो सही किस का है।
पोता दादा जी अपने कोई 72825 के लिए आवेदन
किया था हा बेटा शायद किया तो था। दादा जी कुछ
नेताओ का नाम लिखा हुआ है। कहते है आप सब
लोगो से सहयोग चाहिए 72825 का केस रीओपन
करवाना है। दादा जी बेटा तुम पुछते थे न
कि आपको बच्चो को पढना पसन्द था तो आप टीचर
क्यो नही बने, इन्ही जैसे कमीनो की वजह से,
पोता अच्छा किया आपने बता दिया मैं तो बी0एड0
करने जा रहा था। अब मै वकील या जज बनुगा,
दादाजी– बेटा वकील और जज तो ओर भी कमीने
निकले उन्ही कमीनो की वजह से ही तो अध्यापक
बनने की इच्छा न रही। कमीने हमेशा डेट ओर डेट रहे।
न ही अभ्यर्थीयो की परवाह की और न उनकी जिन
बच्चो के स्कूल में अध्यापक नही है ओर केवल
कागजो में स्कुल चल रहे है। बच्चा तो दादा जी में
नेता बन जाता हॅू, दादाजी –
बेटा सारा डरमा तो नेताओ ने ही रचा था पहले ने दूसरे
को ओर दूसरे ने पहले के नियमो को गलत बताया और
भर्ती को अपने निजी स्वार्थ के लिए लटकाया। पोता–
तो दादा जी मे क्या बनू दादाजी– बनना है
तो बेटा देश का सैनिक बन जा जो देश के लिए
स्वतन्त्र होकर लड तो सकता है क्याकि बोर्डर पर
ये दुष्ट नेता, वकील और लीडर नही जायेगे। वहॉ तू
अपने देश के लिए कुछ कर सकता है। ये नेता केवल
खाना जानते है। इनके हाथ उठते है
तो लोगो को उत्थान के लिए नही,जनता से मांगने के
लिए । पोता अब समझ मे आया दादाजी अधिकतर
आतंकवादी इतने हाई प्रोफाइल कैसे होते है कोई
साइन्टिसट तो कोई इंजनीयर। कुछ अपने कर्मो से
बनते होगे और कुछ को ये सब लोग मिलकर बना देते
होगें। दादाजी हॅा बेटा कुछ हद तक सच्चाई है
तुम्हारी बातो में।
Abe pote ko ye bhi bta dena ki tere tet m marks badhiya na aane ki wajh se hi toone writ writ pe writ daal di taaki job kisi aur ko bhi na mile baat kerta h sanik banne ki
ReplyDeleteVERY NICE BHAI ! YE BESHARM HAI AUR HARAMI HAI. KAB KYA KAHEGA KHUD ISKO PATA NAHI. AGAIN THANX PRAG G 4 COMMENT.
DeleteFor Orders
ReplyDeleteSPECIAL APPEAL DEFECTIVE
26. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK
AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA
AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI
NANDAN
ASHEESH
MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU
PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND
OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
SHAILENDRA
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 152/2013 RAJEEV KUMAR
YADAV SADANAND MISHRA
SEEMANT
SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
SHYAM
KRISHNA GUPTA
Ek dada daadi ne jawani k din fir se jine ka
ReplyDeletefaisla kiya......
.
.
Next day dada ji wahi jaa k daadi ka wait
krne lage jaha wo jawani me wait kiya
krte the.....
.
Ghanto Khade khade pair me dard hone
lage fir bi daadi ni aai....
.
.
Dada ghr laut k bahut gusse me aaye aur
daadi se puchha"tum aai kyu nahi..."
...daadi sharmate huye boli"MUMMY ne aur kya karti?
nahi aane diya..,"
TVC स्काई शॉप का विज्ञापन :-
ReplyDeleteमै अपने मोटापे से बहुत परेशान था,
यह मेरे दु: ख का कारण था,
की तभी मैने चुनी....?
कांग्रेस की सरकार.....!
और खाने के लाले पड गये..!!
थैंक यू कांग्रेस..!!!
doston
ReplyDeleteyahan par 1 bhai hain jinhe party aur july ki spelling likhni nahi aa rahi hai , aur wo apne aap ko sabse bada leader (HERO) banta/samajhta hai,
agar use jara si bhi sharm bacha ke ke rakhi hai to is baat par dyaan __________
ब्रेकिंग न्यूज़ ---
ReplyDeleteअमेरिका की एक एजेंसी ने सर्वे किया है कि,
भारत में केवल डेड लाख फेसबुक
सदस्यों ने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करके
पाँच करोड़ लोगों को कांग्रेस के खिलाफ
खड़ा दिया है ......
और यह वह लोग हैं जो अभी तक चुनाव में भाग
नहीं लेते थे.. अर्थात जो अभी तक
नतीजों को प्रभावित नहीं करते थे, मतलब अगर
यह सब लोग ( जो फेसबुक की वजह से कोंग्रेस
के खिलाफ हो गए हैं ) ..वोट करेंगे तो कांग्रेस
बुरी तरह हारेगी उसका वोट प्रतिशत 20% रह
जाएगा .......
एक बात और ज्यादातर लोग कांग्रेस
की असलियत खुलने से विरोधी हुए हैं,...
कुशासन दूसरा मुद्दा है,
यह हमारे दो सालों की मेहनत का परिणाम है
मित्रों, अभी 10 महीने और बचे
हैं.... और मेहनत करो ताकि हम कम से कम 8
करोड़ लोगों को और कोंग्रेस के खिलाफ
खड़ा कर सकें
एक और अहम बात--- अभी तक का इतिहास है
कि भारत में जितने भी लोकसभा चुनाव हुए हैं--
अधिकतम वोट 11 करोड़ पड़े हैं सभी राजनैतिक
दलों को मिलाकर -----
-लक्ष्य 8 करोड़ ....समय --२०१४
इस कड़ी में पहले आप मित्रों को अपने ओर से
एक पहल करनी होगी और वो ये
कि आपको अपने ''कुल डुडस'' टाइप
मित्रों को कम से कम कहकर पाँच
राष्ट्रवादी पेजों से जोड़ना होगा, उनको कहिये
कि इन पेजेस से जुडिये, बाकी काम तो हम फिर
कर ही देंगे.....
जय हिंद, जय भारत, भारत माता की जय...
J
ReplyDeleteA
I
L
Log deikhein gay to afsana bana dalein gay......**
*
*
*
*
*
Yun mere dil mein chale aao k aahat bhi na ho....**
"प्यार का पहला खत लिखने मेँ वक्त तो लगता है,
ReplyDeleteनये परिँदो को उड़ने मेँ वक्त तो लगता है,
इतनी दूरी तय करनी है और इतने सारे दिलोँ तक जाना है तो वक्त तो लगता है।"
Jai TET,Jai Bharat
agar ye bharti radd ho jay to 2.5 lakh logo ka mansik shoshan hone se bach sakta, agar acd merit banti hai to tet walo ka shoshan hoga..... agar tet merit banti hai to acd ka...... is liye sb ka dhayan rakhte hue is bhrti ko raddd karne ka upay sochna chahiye...... aapk sujhaw aamantrit hai........ mai sirf sbki bhlai chahta hu
ReplyDeleteAungli mein posion h to koi pagal hi hoga jo poora haath hi kaat leta h so bharti cancel kerne ki wish kerna matlub tu pagal h bachche
Deletesabki. mere bare me alag alag vayktigat ray hai.... mai kisi se naraj nhi hota... mai sirf sb ka bhala chahta hu..
ReplyDeleteक्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सक्ता है?
ReplyDeleteअात्मा ना पैदा होती है, न मरती है।
जो हुअा, वह अच्छा हुअा, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह
भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल
रहा है।
तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने
क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर अाए, जो लिया यहीं से लिया।
जो दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया।
खाली हाथ अाए अौर खाली हाथ चले। जो अाज तुम्हारा है, कल अौर किसी का था,
परसों किसी अौर का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे
दु:खों का कारण है।
परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम
करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा,
अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो।
न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अाकाश से बना है अौर
इसी में मिल जायेगा। परन्तु अात्मा स्थिर है - फिर तुम क्या हो?
तुम अपने अापको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे
को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।
जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का अानंन्द
अनुभव करेगा।
kya junior baharti me arts valo ko mauka milega ya nahi.
ReplyDeleteplz reply jarur de.
nahin
ReplyDeletejuniar me art wale nahi hoge...... b.sc math walo ki merit bahut low jayegi.... b.tec, bca bahar hai
ReplyDeletesale kutte logon ki jindagi kharab karake sala s.... banake prabachan dene chala hai.uski aukat to sabko hi pata hai.
ReplyDeleteYe sarkar jitna bhararht h utna hi janta v corrupt h
ReplyDeleteWaise v kch log zyda hi hoshiyar bn rhe h..ar junior ki bharti pe kudne wale samne ki padi prblm face krne ka to dam ni ar chale ho junior ki bharti ka dhidhora pitne...
ReplyDelete
ReplyDeleteApna case 26 no. par laga hai matlab 23 july ko bhi hearing ke chance behad kam hai.
Yar ab kuchh bhi bolne/ post krne ka man nahi kr raha. I m shocked.
For Orders
SPECIAL APPEAL DEFECTIVE
26. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK
AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN
SRIVASTAVA
AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI
NANDAN
ASHEESH
MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU
PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH
AND
OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
SHAILENDRA
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 152/2013 RAJEEV KUMAR
YADAV SADANAND MISHRA
SEEMANT
SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND
OTHERS C.S.C.
SHYAM
KRISHNA GUPTA
GOOD NIGHT / ALLAH HAAFIZ
Mohammad Shakeel
96 48 20 73 47
मैने पहले ही कहा था कि 23 को सुनवाई नही होगी न्यू डेट 29 जुलाई है 1
ReplyDeletedate
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletePapu to pinky-i love u
ReplyDelete.
Pinky-sory mere gharwale y sb alw nahi krte
.
.
.
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Papu-kamini kh toh aise rhi h jaise meregharwalo
ne toh mujhe national permit de rkha hai
एक आदमी रोज पेड़ की टहनी पर जाकर बैठ
ReplyDeleteजाता है.......
.
सोचो क्योँ....?
.
.
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क्योँकि वो अपने आप को ब्रांच मैनेजर
समझता है......
एक राष्ट्र हुआ करता था,
ReplyDeleteजिसे हिन्दुस्तान कहा करते थे |
वहाँ सभी लोग मिल कर रहाकरते थे |
शिक्षा का भी एक स्तर होता था,
विश्व भर में जिसके चर्चे हुआ करते थे |
सभी वर्ग को समान शिक्षित करने का,
सपना हम देखा करते थे |
एैसे में आरक्षण को उपाय के रूप में सोचा करते थे |
आरक्षण की नियत तब नेक हुआ करती थी,
राजनीत इस मुद्दे पर शुन्य हुआ करती थी |
सोचा नहीं था विषय इतना गंभीर हो जायेगा,
राजनीत के चलते इसका उद्देश्य दम तोड़ जायेगा|
आज आरक्षण दुर्शासन तो शिक्षा द्रोपती नज़र आतीहै,
अपना मान बचने को वो फिरगुहार लगाती है |
दुर्भाग्य है उसका के कृष्ण की जगह अर्जुन ने ली है,
जिसने यह महाभारत खुद लिखी है |
इन सब का परिणाम आम आदमीके सर आता है,
जो राजनेताओं को कोस भर पाता है |
इस आरक्षण की फिज़ा में घुटन होती है,
यह घुटन आज समाज में महसूस होती है |
जिस वर्ग को उठाना था वोआज भी वहीं है,
आरक्षण के नाम पर बस राजनीत होती है |
कला वर्ग के टीईटी अभ्यर्थिर्यो के साथ अन्याय
ReplyDeleteUpdated on: Fri, 19 Jul 2013 08:14 PM (IST)
मऊ : प्रदेश सरकार कला वर्ग केटीईटी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय कर रही है। लाखों की संख्या में टीईटी उत्तीर्ण कला वर्ग से प्रशिक्षित स्नातक बेरोजगार बैठे हुए हैं किंतु भर्ती केवल गणित, विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियोंकी हो रही है। यह सरासर दुर्भावनापूर्ण है। आज जबकि सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है, सरकार को भर्ती नीति में संशोधन करना चाहिए। यह बातें बीएड बेरोजगार संघ की बैठक में अध्यक्षता करते हुए सत्येंद्र पांडेय ने कही।
वक्ताओं ने सरकार पर कला वर्गके अभ्यर्थियों का आर्थिक व मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया। कहा कि दो वर्ष से टीईटी उत्तीर्ण कर अभ्यर्थी पड़े हुए हैं, किंतु उनकी भर्ती उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नहीं की जा रही है। अगर सरकार को भर्ती नहीं करनी थी तो फिर परीक्षा ही क्यों ली। अंत में निर्णय लिया गया कि यदि विज्ञान व गणित के साथ-साथ कला वर्ग के अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए भी विज्ञापन नहीं निकाला गया तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। साथ ही उच्च न्यायालय की शरण लिया जाएगा। बैठक में अखिलेश गुप्त, अरविंद कुमार, गिरिजेश कुमार, विनोद यादव, मनोज यादव, दुर्गा प्रसाद गुप्त, आशीष कुमार, अमित मौर्य आदि थे
बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
ReplyDeleteअपनी आंखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर.
कभी-कभी हमारे साथ कुछ ऐसा घटित हो जाता है जिससे हम बहुत low महसूस करते है। ऐसा लगता है जैसे अब सब कुछ खत्म हो गया इससे कई लोग depression मे चले जाते है तो कई लोग बड़ा और बेवकूफी भरा कदम उठा लेते है जैसे आत्महत्या पर जरा सोचिये पतझड़ के समय जब पेड़ मे ऐक भी पत्ती नही बचती है तो क्या उस पेड़ का अंत हो जाता है? नही। वो पेड़ हार नही मानता नए जीवन और बहार के आश मे खड़ा रहता है। और जल्द ही उसमे नयी पत्तियाँ आनी शुरू हो जाती है, उसके जीवन मे फिर से बहार आ जाती है। यही प्रकृति का नियम है। ठीक ऐसे ही अगर हमारे जीवन मे कुछ ऐसे destructive पल आते है तो इसका मतलब अंत नही बल्की ये इस बात का इशारा है कि हमारे जीवन मे भी नयी बहार आयगी। अत: हमे सबकुछ भूलकर नयी जिन्दगी की शुरूआत करनी चाहिये। और ये विश्वास रखना चाहिए कि नयी जिन्दगी पुरानी से कही बेहतर होगी।
ReplyDeleteTET MERIT NAHI TO BHARTI NAHI
ReplyDelete.
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bhai sahb namskar
.
jinka janm se hi jali h unko july
aakhir kab aayega dcsn tet case me
ReplyDelete