News Sabhar : Amar Ujala (29.7.13)
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सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
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ReplyDeleteBharti late hone k kuch labh bhi huye hai lekin ab
aur late hona bardast k bahar ho rha hai... Labh
ye huwa hai ki 10800+29333+9000+ ye sab
272000 me se hi select huye hai... Tet 2011 junior
pass candidate ne primary level ko bhi karib-karib
pass kiya hai.. So frnds bharti ab pahle se kafi
easy ho gyi hai... Ab humko keval crt n gvnt par
pressure bana hai ki prakriya par yathashighra
faisala aye aur prakriya start ho...
IT'S TRUE
ReplyDeleteपति -: फोन आया था..कल सुबह मां आ
रही है। उनकी ट्रेन सुबह 4 बजे पहुंच जाएगी ।
पत्नी -: अभी 4 माह पहले
ही तो तुम्हारी मां यहां से गई हैं।
फिर अचानक कैसे आ रही हैं ? कल रविवार है,
मैंने सोचा था, कल थोड़ा आराम से उठूंगी, लेकिन
तुम्हारी मां को रविवार
को ही आना है और वह भी सुबह 4 बजे। इतनी सुबह taxi
कहां से ..... ?
.
.
.
पति -: मेरी... नहीं तुम्हारी मां आ रही है।
पत्नी-: अरे वाह... मम्मी ......? 2 माह हो गये उनसे मिले हुए।
सुनो ना मेरे पास taxi वाले का नंबर भी है
उसे फोन कर लेते हैं कल सुबह ठीक टाईम पर आ जाएगा।
चलो अच्छा है कल सण्डे है बच्चों का स्कूल भी नहीं है
वे भी नानी को लेने स्टेशन जा सकेंगे...!
कुछ रोचक तथ्य :-
ReplyDelete-----------------
1.छीकते समय आँखे खुली रख
पाना नामुनकिन है और छीकते समय दिल
की गती एक
मिली सेंकेड के लिए रुक जाती है.
2.”Rhythm”(लय) vowel के
बिना इंग्लिस का सबसे
बड़ा शब्द है.
3.’TYPEWRITER’ सबसे
लंम्बा शब्द है
जो कि keyboard पर एक
ही लाइन पर टाइप होता है.
4.’Uncopyrightable’
एकलौता 15
अक्षरो वाला शब्द है जिसमे कोई
भी अक्षर
दुबारा नही आता.
5.’Forty’ एकलौती संख्या है जिसके अक्षर
alphabetical
order के अनुसार जबकि ‘one”
के alphabetical order
से उलट हैं.
6.इंग्लिस के शब्द ‘therein’ से सात
सार्थक शब्द निकाले
जा सकते है -
the,there,he,in,rein(लगाम)
,her,here,ere(शीघ्र)
,therein,और herein(इसमे).
7.Albert Einstein के अनुसार
हम रात को आकाश में
लाखों तारे देखते है उस जगह नही होते
ब्लकि कही और होते है. हमें तों उनके
द्वारा छोडा गया कई लाख प्रकाश साल
पहले का प्रकाश होता है.
8.ज्यादातर विज्ञापनो में घड़ी पर 10
बज कर 10 मिनट
का समय
दिखाया जाया जाता है.
9.पुरूषों की shirts के बटन
Right side पर
जबकि औरतो left side के पर
होते हैं.
10.चमगादड गुफा से निकलते
समय हमेसा बाएँ हाथ मुडते है. 11.लगभग
100 चमगादड़ मिल
के एक साल में 25 गाय का खून
पी जाते हैं.
12.अगर एक आदमी सात
दिनो के लिए कही बाहर
जाता है तो वह पाँच दिन के कपड़े पैक
करता है. मगर जब एक औरत सात दिन के
टूर पर
जाती है तो वह लगभग 21 सूट
पैक करती है क्योकि वह यह
नही जानती कि हर दिन उसे क्या पहनने
को दिल करेगा.
13.100 की उम्र के पार पहुँचने वालो में
से 5 में से 4 औरते होती हैं.
14.जिन लोगो कि शरीर पर
तिलों की संख्या ज्यादा होती है वह
औसतन कम तिल वाले
लोगो से ज्यादा जीते हैं. 15.कुत्ते और
बिल्लीयाँ भी मनुष्य की तरह left
या right-handed होते
है.
16.इतिहास में सबसे छोटा युद्ध 1896 में
England और
Zanzibar के बीच हुआ. जिसमें
Zanzibar ने 38 मिन्ट बाद
ही सरेंडर कर दिया था. 17.फेसबुक पर
10 या उससे
अधिक likes वाले 4 करोड़ 20
लाख पेज है।
18.फेसबुक के 43 प्रतिशत
users पुरुष है वहीं 57
फीसदी महिलाएं।
19.यदि कोई व्यक्ति हर वेबसाइट
को मात्र एक मिनट तक ब्राउज़ करे
तो उसे
सारी वेबसाइटें खंगालने में 31000 वर्ष
लगेंगे. यदि कोई व्यक्ति सारे वेबपन्ने
पढना चाहे तो उसे ऐसा करने में करीब
6,00,00,000 दशक
लगेंगे
पहले जाकर NCTE की गाइडलाइन पर
ReplyDeleteनजर डालें उसमें पहले नियुक्ति और बाद में ट्रेनिंग
का प्रावधान है ,,,, इसकी ठोस वजह भी है,,अगर पहले
ट्रेनिंग के प्रावधान को चलते रहने
दिया जाता तो ट्रेनिंग के लिए टेट अनिवार्य
ही नहीं है ,,इस आधार पर अगर हमारा विज्ञापन चलाने का प्रयास किया गया तो हमारा विज्ञापन अपनी चयन
प्रक्रिया समेत ही शून्य हो जाएगा ,,
पात्रता परीक्षा के
ReplyDeleteअंकों को चयन का आधार बनाने के लिए सरकार स्वतन्त्र
है यह बात सुधीर अग्रवाल के कपिल वाले स्टे से पहले टेट
मेरिट के विरूद्ध खरे साहब द्वारा लड़े मुक़दमे में SC के
किसी निर्णय का हवाला देते हुए कही गई है ,,लेकिन जो बात हरकौली साहब ने स्टे वाले दिन
कही थी उसका उद्देश्य उसे लागू करवाना नहीं था(इस
आधार पर हमारा टेट पहले ट्रेनिंग के लिए
प्रतियोगी परीक्षा माना जाएगा और छः माह बाद
उसी प्रतियोगी परीक्षा को पात्रता,,ये
तो उलटी गंगा बहाना हो गया ना? इसे तो सर्वोच्च न्यायालय भी मान्यता नहीं दे पाए शायद) बल्कि सरकार
को यह बताना था की वो कोर्ट को बेवकूफ समझकर उसे
प्रशिक्षु अध्यापक के नाम पर भ्रमित करने
की कोशिश ना करे क्योंकि उसकी एकैडमिक से चयन
करने की मंशा और ऐसी मंशा की वजह कोर्ट अच्छी तरह
समझता है ,,,
सबसे महत्वपुर्ण बात यह है की सचिव को डाईट में विशिष्ट बी.टी.सी प्रशिक्षण
ReplyDeleteका विज्ञापन जारी करने का भी अधिकार नहीं है,,यह
तो डाईट प्राचार्य का अधिकार है ,,,, भारत में
विधि की प्रक्रिया का पालन किये
बिना किया गया हर काम शून्य ही माना जाता है,,,, अगर
हरकौली साहब स्टे ना भी देते और एकैडमिक से नियुक्ति हो जाती तो भी वह आयु-सीमा वाले order
का पालन ना करने के आधार पर शून्य ही रहतीं,,,, आज स्टे
लगा हुआ हिया और अगर सरकार चोरी से टेलीफोन पर
काउंसिलिंग कराकर उसके आधार पर नियुक्ति पत्र
जारी कर दे तो क्या वो वैध मान लिए जायेंगे ?
नहीं,,उनकी नियुक्ति शून्य घोषित हो जायेगी
सीधी सी बात है
ReplyDelete_____________________________
,,,मर्जी हो तो समझो,,ना मर्जी हो तो ना समझो,,कोई
बाध्यता नहीं है,,,,,,, अगर सरकार पूर्व विज्ञापन
की सचिव वाली तकनीकी कमी को दूर करने को सहमत
नहीं होती है तो टेट मेरिट की चयन प्रक्रिया के पास
वैध विज्ञापन ना होने के कारण उससे नियुक्ति संभव नहीं है ,,,लेकिन चूँकि RETROSPECTIVE Effect से चयन
प्रक्रिया बदली नहीं जा सकती इसलिए उन पदों पर
किसी अन्य चयन प्रक्रिया से तब तक
नियुक्ति नहीं हो सकती जब तक एक
भी व्यक्ति ऐसा मौजूद हो जिसने नई चयन
प्रक्रिया को अस्वीकार करते हुए उसका फ़ार्म भरने से मना कर दिया हो और अदालत जा सकता हो ,,,, सरकार
चाहे तो ऐसे सौ विज्ञापन और ले आये लेकिन
भर्ती तो टेट मेरिट से ही हो पायेगी ,,
पाँच रुपये के खाने की स्टोरी सुन
ReplyDeleteकर मै भी एक ढाबे पर गया ढाबे वाले को पाँच रुपये देके
कहा.. लो भई भर पेट खाना दे दो ढाबे वाले ने मुझे बैठाया.. कुछ देर
के बाद खाने की थाली लेकर
आया मेरे मुह के पास थाली लगा कर
बोला-
ले सूंघ ले... और ज्यादा मत
सूंघना वरना छः रुपये हो जाएंगे
मतलब सरकार को समर्पण करना ही होगा अगर सीधे नही करती तो उसके चलने के सभी रास्ते कोर्ट बंद कर देगी और मजबूर होकर टेट मैरिट से पहले भर्ती करने का सीधा रास्ता अपनाना ही पड़ेगा । वरना अकेडमिक से भी कभी भर्ती नही होगी
ReplyDeleteसावधान मित्रों अगर खाने पीने कि चीजों के पैकेटो पर निम्न कोड लिखे है तो उसमें ये चीजें मिली हुई है ..`~`
ReplyDeleteE 322 - गाये का मास
E 422 - एल्कोहोल तत्व
E 442 - एल्कोहोल तत्व ओर कमिकल
E 471 - गाय का मास ओर एल्कोहोल
तत्व
E 476 - एल्कोहोल तत्व
E 481 - गाय ओर सुर के मास ए संगटक
E 627 - घातक केमिकल
E 472 - गाय + सुर + बकरी के मिक्स मास के संगटक
E 631 - सुर कि चर्बी का तेल
नोट - ये सभी कोड आपको ज्यादातर विदेशी कम्पनी एवम् निम्न जेसे :- चिप्स , बिस्कुट , च्युंगम , टॉफी ,कुरकुरे ओर मैगी आदि में दिखेगे l ध्यान दे ये अफवह नही बिलकुल सच है अगर यकीन
नही हो तो इंन्टरनेट गुगल पर सर्च कर लो
मुझे एक बात समझ में नहीं आती लोग गुजरात के सुशासन की इतनी आलोचना क्यों करते हैं।
ReplyDeleteअरे थोड़ा हमारे उत्तर प्रदेश के बारे में भी कोई चर्चा कर लिया करो,,, माना कि सुशासन क्या होता है हम यू• पी• वाले अपनी बेवकूफी से भूल गए हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि यहाँ की चर्चा भी न हो। मुझे याद है कल्याण सिंह के समय में उत्तर प्रदेश के शासन और सुशासन दोनों की चर्चा हुआ करती थी।
अब न तो कोई शासन है न ही कोई सुशासन।
हमारे उत्तर प्रदेश की 50% जनता औसतन 8 घण्टे बिजली पा कर खुश है और 50% जनता बिना बिजली के ही मस्त है,
हमारे उत्तर प्रदेश में पीने का पानी 80% ऐसा आता है जो पीने के लायक ही नहीं होता है। लेकिन हम सभी लोग अपनी सरकार से खुश हैं।
सड़क की बात की जाए तो पिछले 8 सालों से काम जारी है हम सभी लोग उम्मीद लगाये बैठे हैं कि उत्तर प्रदेश में भी चम चमाती सड़कें एक दिन जरूर देखने को मिलेगी, वैसे इसमें सरकार की भी क्या गलती हर साल बारिश में सड़क बह जाती है,,, लेकिन एक बात और है पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश को सूखा राज्य घोषित करने की मांग हो रही है क्योंकि यहाँ कई सालों से औसत से कम बारिश हो रही है,,, अब आप ज्यादा सोचेंगे तो दिमाग चकरा जायेगा। इसलिए हम यू पी वाले इतना सोचते ही नहीं है, बस हमारे जाती वाला चुनाव जीत जाये इससे ज्यादा हम कुछ चाहते ही नहीं।
उत्तर प्रदेश में रोजगार के बारे में सोचा ही नही जाता क्योंकि हमारे यहाँ घर बैठा कर हमारे बैंक एकाउण्ट में पैसे भेज दिए जाते हैं तो हमें रोजगार की क्या जरूरत।इसीलिए हमारे प्रदेश के सभी युवा हमारे युवा मुख्यमंत्री के साथ है।
और क्या क्या खासियत बताऊँ अपने इस पूर्ण विकसित प्रदेश की, सब कुछ बताने लगा तो पूरी रात गुज़र जायेगी।
मुझे इस बात की हमेशा शिकायत रहती हैं कि मीडिया, अमर्त्य सेन जैसे बुद्धिजीवी और तमाम लोग कभी हमारे उत्तर प्रदेश के विकास मॅाडल की चर्चा क्यों नहीं करते।
जिनको लगता है कि पुराना विज्ञापन सिर्फ सरकारी शासनादेश था तो उन्हें भ्रम का परित्याग करना चाहिए ।
ReplyDeleteSimple si baat hai...
1. NCTE guide line ke tahat RTE lagu hone ke baad b.ed.walon ki primmary me sidhi nyukti ka pravidhan hai
Aur court ne mana hai ki RTE act ke tahat NCTE ke niyam u.p.basic niyamavali par prabhavi honge..
2. Name ke galat hone se ya mistake se puri prakriya ko radda nahi kiya ja sakta hai..
3. Vigyapan 2011 bilkul theek avam NCTE guideline ko follow kar raha tha..
4. Trained untrained ki ek sath merrit banane ki jo baat thi wi bhi samapt hai..
5. Training/assistant teacher ke add ke roop me old add tarksangat aur sahi hai.
6. Chayan ka adhar rajya sarkar ka vishay tha ya jiska bhi tha uska palan huva tha..
7.sarkar ek baar jis rikti par jo base thop chuki hai avam uspar avedan le chuki hai to avedako ke hit k maddenajar base nahi badal sakti hai..
पूरे परिदृश्य का सबसे बड़ा खलनायक टंडन ही है और उसके आदेश का भी वही हश्र होगा जो भूषण जी के एक पंक्ति के आधार पर नॉन टेट के पक्ष में दिए गए आदेश का हुआ है | इन महानुभाव ने भी एक लाइन को दिखा के जबरदस्ती ये साबित करने की कोशिश किया है की ये सहायक अध्यापक का पद है और विज्ञापन पर जबरदस्ती नियमावली लाद दिया | अब टंडन ने ऐसा क्यों किया तो इसको भी समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है बस आप अपने आप को टंडन की जगह रखिये और ये सोचिये की अगर आप सरकार की इच्छा के विरुद्ध खुद नया विज्ञापन निकलवाते और बाद में अगर पुराने को सही साबित हो जाने की स्थिति उत्पन्न हो जाने पर आप क्या करते ??? स्वाभाविक बात है की आप भी येन केन प्रकारेण पुराने को गलत साबित करते ताकि आपके द्वारा निकलवाया गया विज्ञापन बच जाए और आप खुद शर्मिंदा होने से बच जाएँ |
ReplyDeleteटंडन के सारगर्भित आदेश की धज्जियाँ हर्कौली जी ने अपनी पहली 4 पंक्तियोंमें उड़ा दिया था मामला केवल सरकार द्वारा नियमावली में बदलाव और धांधली के बहाने का बचा था जिसे कालचक्र ने केवल थोडा विलंबित किया है | जीत सिर्फ ओल्ड ऐड की होनी है |
ReplyDeleteहमारा मामला जटिल ही इसलिए है कि कोर्ट अपने आप ही पूर्व विज्ञापन का संशोधित विज्ञापन नहीं जारी कर सकता ,,,यहाँ तक अगर टण्डन सीधे-साधे जज होते तो वो सरकार से नया विज्ञापन तक जारी नहीं करवा पाते क्योंकि कोर्ट के पास ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार ही नहीं है,,टण्डन ने तो मात्र धमकी दी थी और सरकार डर गई ,, सरकार बहुत अच्छी तरह जानती थी कि विज्ञापन निकलने के बाद वह फँस जायेगी इसलिए विज्ञापन निकालने में वह आना कानी कर रही थी वरना हम इधर लखनऊ में आंदोलन कर रहे होते और वो पूर्व विज्ञापन रद्द करके नया विज्ञापन ले आती और एकैडमिक से नियुक्ति कर देती,,,, कोर्ट के लिए किसी विज्ञापन को उड़ा देना बाएं हाथ का खेल है लेकिन अंतिम दौर में पहुँच चुकी चयन प्रक्रिया ना तो कोर्ट बदल सकता है और ना ही सरकार,,,, इस बारे में मैंने जितने भी वकीलों से बात की थी सभी ने कहा था की अब तुम्हारा विज्ञापन बचाया नहीं जा सकता लेकिन तुम्हारी चयन प्रक्रिया को बदला भी नहीं जा सकता,,,
ReplyDeleteटण्डन चाहते तो नया विज्ञापन आते ही उसे रद्द कर सकते थे लेकिन ऐसा करने पर हम फिर से वहीं पर खड़े हो जाते जहाँ पर विज्ञापन आने पर खड़े थे ,,,एक बात साफ़-साफ़ समझ लो ,,हम अपने विज्ञापन को बचाने के लिए नहीं बल्कि उस विज्ञापन की चयन प्रक्रिया यानी टेट मेरिट को बचने के लिए कोर्ट जा सकते थे ,,, अगर कोर्ट ने एक बार विज्ञापन को चयन प्रक्रिया से ऊपर तरजीह दे दी तो ये सरकारें हर विज्ञापन में तकनीकी त्रुटि छोड़ दिया करेंगी और नई सरकार आने पर अगर उनके चाहने वालों को उस प्रक्रिया से नुकसान होता दिखेगा तो वो विज्ञापन रद्द करके चयन प्रक्रिया बदल दिया करेंगी
ReplyDeleteअंतिम बात...
ReplyDelete__________________
हमारा मामला एक FULL बहुमत सरकार द्वारा सन्निकट चुनावों में अपनी पराजय की संभावना दिखने पर भविष्य में आने वाली विपक्ष की सरकार के विरूद्ध रचा गया षड्यंत्र है जिसकी रूप रेखा कुछ कुटिल अधिकारियों ने बनाई थी ,,, अगर कपिलदेव द्वारा याचिका वापस लिए जाने के दिन सरकार भी पूर्व विज्ञापन को रद्द करने का हलफनामा ले गई होती तो हमारा मामला ही कोर्ट से बाहर निकल जाता ,,,,, इस विवाद में कौन से अधिकारी हमारे पक्ष में है और कौन हमारे विरूद्ध यह शायद कभी स्पष्ट ना हो पाए ,,बसपा सरकार के दौरान भी यही स्थिति थी और इस सरकार में भी,,,,अधिकारियों की हरामखोरी का आलम देख नहीं रहे हो जब स्वयं मुख्यमंत्री को एक सम्मलेन में "दुश्मन अधिकारियों" को धमकी देनी पड़ी है,,,, नौकरशाही अनुभवहीन मुख्यमंत्री के सामने बेलगाम हो गई है ,,,,
गुनगुना पानी
ReplyDelete________________________
इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद
है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है.
- पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर
करने में भी मदद मिलती है.
- गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने,
त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने
का सबसे अच्छा साधन है.
- गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त
प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार
ठीक से करने में भी लाभकारी है. - गुनगुने
पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से
मोटापा नियंत्रित होता है.
- गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने
की प्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से
गंदगी बाहर निकल जाती हैं.
- शाररिक श्रम करने के पहले
थोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और
आपका शरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा
- गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण
बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक
क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये
नुस्खा लाभदायक है।
- ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक
माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने
के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम
गुनगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में मौजूद
गंदगी का जमाव नहीं हो पाता.
- गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के
लिए भी जरूरी माना जाता है. गुनगुना पानी जोड़ों के
बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे
भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने
की आशंका कम हो जाती है.
- सौंदर्य और स्वास्थ्य, दोनों की दृष्टि से गर्म
पानी अचूक दवा है. इस पानी में थोड़ा सा गुलाब जल
मिलाकर धीमे-धीमे शरीर पर डालने से आराम
का अहसास होता है और किसी भी प्रकार का दर्द
चुटकियों में दूर हो जाता है.
शिक्षक भर्ती विज्ञापन बचाने
ReplyDeleteकी होगी पुरजोर
कोशिश:
लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में
72825
शिक्षकों के चयन हेतु
निकाला गया विज्ञापन
न्यायपालिका के चंगुल में फंसा देखकर
प्रदेश
सरकार अत्यंत चिंतित है एवं न्यायालय
में उसे बचाने की पुरजोर कोशिश करेगी।
लोकसभा चुनाव
नजदीक देखकर अब बसपा सरकार
द्वारा निकाले
गये विज्ञापन को भी पुनः जारी करने के
विकल्प
भी तलाश रही है। प्रदेश सरकार को अब
पूर्णतया आभास हो गया है
की न्यायालय
द्वारा नये विज्ञापन को नुकसान
पहुँचाया जा सकता है अतः नये विज्ञापन
सुरक्षित छोड़ने का निवेदन करेगी। इस
प्रकार
सपा की चुनावी तैयारी शिक्षक बनने
की चाहत
रखने वाले बेरोजगारों के लिये नई
रोशनी ला सकती है।
Ashish Srivastava's wall news
ReplyDelete__________________________
मेरे एक मित्र है वो उस विशेष जाति के हैं जिसकी यह सरकार है, जिसका लोकसेवा आयोग है,,,
तो बात उन दिनों की है जब भइया जी की सरकार बनी थी। जैसे ही टीवी पर दिखाया गया कि भइया जी की पार्टी को बहुमत मिल गया और बहिन जी चारों खाने चित्त हो गई, मेरे मित्र ने मोहल्ले भर में मिठाइयां बाटी और हम दोस्तों को भी एक होटल ले जाकर दिव्य भोजन करवाया। मैंने जिन्दगी में पहली बार गैर की शादी में अब्दुल्ला को इतना दीवाना होते हुए देखा था।
अब मैं उसकी खुशी का कारण बताता हूँ,
सबसे पहला कारण वो टेट परीक्षा में एक दो नम्बर से चूक गया था, ऐसा उसने बताया था लेकिन मेरा मानना है कि परीक्षा में कोई भी या तो एक नम्बर से चूकता है या दो नम्बर से,,, ये एक दो नम्बर से चूकना क्या होता है मेरी समझ के परे है और उसको भइया जी के उस वादे पर पूरा भरोसा था कि उनकी सरकार बनते ही टेट परीक्षा रद्द करा कर इस नियम को ही राज्य से हटा दिया जाएगा। उसने मुझे फोन कर के सबसे पहले यही कहा था कि आशीष अब टेट फेट खतम,,, अब अपनी सरकार बन गई।
खैर अभी मैं अपने मित्र के खुशियों का कारण बता रहा था,,, दूसरा कारण था उसकी बहन इण्टरमीडियट की परीक्षा देने वाली थी,
तीसरा कारण बेरोजगारी भत्ता था, कम से कम गर्ल फ्रैन्ड से बात करने का मोबाइल का खर्च तो निकल ही आयेगा।
अब एक साथ इतनी खुशियाँ सामने देख कर कोई भी पगला जायेगा।
आज डेढ़ साल बाद उसको मैंने फोन किया और हाल चाल पूछा तो बोलता है कि यार क्या बताये,,
दो दिन से ट्रान्सफार्मर जला है बिजली नहीं है, रेलवे स्टेशन जाकर मोबाइल चार्ज कर रहा हूँ,
लाइट नहीं तो पानी भी नहीं दिन रात हैण्डपाइप चला चला कर हालत खराब है।
मैंने कहा कि छोड़ यार यह सब तो लगा रहता है और बता बहन का लैपटॉप कैसा चल रहा है तो वो बोला कि अबे वो लैपटॉप नहीं डब्बा है, वालपेपर बदलने के चक्कर में दो बार बिगड़ भी चुका है,कभी मन करता है तो लइटवा भी तो रहनी चाहिए।
फिर हम सोचे टेट का जिक्र करे लेकिन इरादा बदल दिए क्या बेचारे के जले पर नमक छिड़के।
अब मैंने अगला सवाल दागा, यार खाते में कितना भत्ता आया,,, वो एकदम झल्लाते हुए सरकार की माँ बहन एक करते हुए बोला कि अबे पापा सरकारी नौकरी कर रहे हैं तो नहीं मिलेगा ऐसा कोई नियम है।
मैं भी इधर मुस्कुरा रहा था।
लेकिन वो तो शुरू हो गया था हर बात पर मुह से गाली ही निकाल रहा था, बोलने लगा कि यार पापा का प्रमोशन पिछले साल होने वाला था लेकिन सरकार बदल गई तो मारे जलन के पिछले सरकार का सारा फैसला ही पलट कर रख दी और पापा का प्रमोशन भी रुक गया।
मैंने आगे आकर कहा यार सब ठीक हो जायेगा चिंता न कर तेरा नहीं होगा तो किसका भला होगा।
उसका जवाब आता है कि यार ये सरकार किसी की नहीं होती,,, हम सब चूतिया बनते हैं और कुछ नहीं।
ReplyDeleteबुराई की जीत के लिए केवल एक ही बात जरुरी हे की अच्छे लोग कुछ ना करे !
बुराई की जीत के लिए केवल एक ही बात जरुरी हे की अच्छे लोग कुछ ना करे !
ReplyDelete___________________________
इमानदार अफसर को मुलायम के बेटे ने ससपेंड किया
चर्चित युवा महिला आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को आखिर अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। अखिलेश सरकार ने रविवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया।
सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट (सदर) दुर्गा नागपाल ने गौतम बुद्धनगर और नोएडा में रेत माफियाओं के खिलाफ शिकंजा कसा हुआ था। उन्होंने अवैध खनन
में लगे कई डंपर सीज किए थे और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
आईएएस दुर्गा ने यमुना और हिंडन में सक्रिय खनन माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड बनाया था। पिछले दिनों इस दस्ते ने छापा मारकर 24 डंपरों को सीज भी कर दिया था। इसके बाद से
ही जहां मीडिया में दुर्गा के चर्चे थे, वहीं वह खनन माफियाओं के निशाने पर आ गई थीं। दुर्गा को हटाने के लिए अखिलेश सरकार पर खनन माफियाओं
का भारी दवाब था।
2009 की आईएएस अधिकारी दुर्गा ने तब कहा था, 'खनन माफियाओं को बक्शा नहीं जाएगा। पूरे जिले में अवैध खनन की समस्या है। इसस पर्यावरण
की भी गंभीर समस्या पैदा हो र ही है, इसलिए इस पर लगाम लगाना जरूरी है।' दुर्गा के कमान संभालने के बाद अप्रैल से पुलिस ने 17 एफआईआर दर्ज
की थीं। 22 मामलों में चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट ने रेत माफियाओं की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे।
इससे लाख गुना अच्छी तो मायावती की सरकार थी,उसमे कम से कम गुंडाराज तो नहीं था ,उसके शासनकाल में ऐसे ईमानदार अफसरों की कदर तो थी.मायावती के डर से तो हरामखोर और कामचोर अफसर भी सुधर जाते है,लेकिन इस मुलायम की सरकार में तो गुंडों के पर निकल आते हैं.. , इतिहास गवाह है की समाजवादी पार्टी गुंडों और माफियाओं की पनाहगार रही है...उस मंद बुद्धि अखिलेश के ये नहीं पता की ऐसी इमानदारी को न तो कभी दबाया जा सकता है और न ही झुकाया जा सकता है , उसने नागपाल जी को सस्पेंड कर के उनकी हिम्मत को कई गुना बड़ा दिया है.मैं नागपाल जी की हिम्मत और उनकी ईमानदारी को सलाम करता हूँ.
ReplyDeletenews update by SANT: 31 ko case 55 no bad ayega matlab sunwai nhi hogi.... new date 7 aug hai.
ReplyDeleteहमारे विज्ञापन में बस दो ही चीजें गलत थीं ,,, उसका नाम और उसको जारी करने वाले प्राधिकारी के पास उसका अधिकार ना होना ,,पहली गलती को अनदेखा किया जा सकता था लेकिन दूसरी गलती अक्षम्य थी,,, अगर तुमने संविधान ठीक से पड़ा होता तो शायद विधि कि सम्यक प्रक्रिया के पालन के महत्त्व को समझ पाते ,,,,, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों में एक बात और भी स्पष्ट है कि यदि किसी विज्ञापन में कोई तकनीकी त्रुटि है तो उसी त्रुटि को दूर करने के लिए नया विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए ,,,,चूँकि हमारे विज्ञापन की चयन प्रक्रिया जो कि टेट थी पूरी हो चुकी थी इसलिए किसी भी सरकार या न्यायालय द्वारा उसको retrospective effect से संशोधित नहीं किया जा सकता जब तक पूर्व विज्ञापन के सभी अभ्यर्थी सहमत ना हों और ऎसी सहमति वो नए विज्ञापन की चयन प्रक्रिया को स्वीकार करके ही दे सकते हैं,,स्टे वाले दिन सी.बी यादव ने दोनों ही विज्ञापनों के अभ्यर्थियों के सामान होने का मुद्दा उठाया था तो हरकौली साहब ने ये नहीं कहा था कि इससे क्या फर्क पडता है बल्कि कहा था कि इस बात का क्या प्रमाण है तुम्हारे पास ,,, हाँ अगर पूर्व विज्ञापन के सभी अभ्यर्थी फ़ार्म डाल देते तो क्या एकैडमिक से नियुक्ति संभव थी ??????
ReplyDeleteलेकिन आयु सीमा बदलकर स्वयं सरकार ने ही इस बात की पुख्ता व्यवस्था कर रखी थी कि सभी लोग फ़ार्म ना डाल सकें ,,,
असली मुद्दा तो रह ही गया कि क्या वास्तव में 30/11/2013 का विज्ञापन वैध था अथवा नहीं ,,,,,,, NCTE की ग़ाइडलाइन के में सत्य लिखा है लेकिन जहाँ तक मुझे विधिक जानकारी है उसके आधार पर मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि आज तक कोई भी विज्ञापन बिना विज्ञापन संख्या के नहीं निकला । आज भी अपना विज्ञापन 30/11 के विज्ञापन के नाम से प्रसिद्ध है ..........जब्कि सरकार द्वारा निकाले जाने वाले हर विज्ञापन में एक प्रथक विज्ञापन संख्या होती है जिससे कि उसका अस्तित्व प्रबल होता है । इस आधार पर प्रथम डृष्टया ही यह विज्ञापन अवैध हो जाता है............दूसरा कि उसका सचिव द्वारा केन्द्रीकृत निकालना भी पूर्णतयः गलत है । मै यह नहीं कह रहा हूँ कि सचिव ऐसा कर नहीं कर सकता,,, लेकिन उसको ऐसा करने के लिये कैबिनट द्वारा आदेशित होना आवश्यक था .......जो कि अपने सन्दर्भ में किन्ही कारणों से नहीं है .......जहाँ तक लोक प्रशासन में आदेशों की कार्यवाहन की प्रणाली सन्दर्भित है उसके आधार पर शक्तियों का बहाव सदैव ऊपर से नीचे की ओर रहता है । सुधीर अग्रवाल ने इसके कारण ही स्टे दिया था ......मैं मानता हूँ कि समस्त बी0एस0 ए0 के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दिया गया था लेकिन उससे सचिव को किसी भी प्रकार का विज्ञापन निकालने का अधिकारिक आधार परिलिक्षित नहीं होता । इसीलिये सुधीर अग्रवाल चाहते हुए भी उसपर स्टे नहीं हटा सके ......वह ही क्या ट्ण्डन भी कुछ नहीं कर सके । और हमारी समस्त बातों को मानते हुए भी ट्ण्डन ने हमारा पुराना विज्ञापन बहाल नहीं किया । हरकौली साहब ने भी चयन प्रक्रिया(12वें संशोधन ) को ही आधार बनाते हुए स्टे दिया न कि पुराने विज्ञापन के आधार पर .....................इसलिये यह कोई माने या नहीं माने लेकिन पुराना विज्ञापन किसी भी सूरत में बिना संशोधित होकर आये क्रियात्मकता में नहीं लाया जा सकता । हमारे लिये चयन प्रक्रिया महत्वपूर्ण है न कि विज्ञापन । एक बात और यह तो आप मानते ही हैं न जिन्होने पुराने विज्ञापन के पैसे वापस ले लिये हैं कानूनी रूप से वह अब उस चयन प्रक्रिया से पूर्णतयः बाहर हो चुके हैं ...........आखिर जब हम पुराने विज्ञापन के लिये ही लड़ रहे हैं तो आजतक किसी भी पैरवीकार ,,,अपने समस्त वकील या किसी जज ने इस बात का संज्ञान क्यों नहीं लिया कि पुराने विज्ञापन के पैसे क्यों वापस किये और लिये जा रहे हैं ...इसका केवल एकमात्र कारण है कि कोर्ट में हम अपनी चयन प्रक्रिया के लिये लड़ रहे हैं न कि पुराने विज्ञापन के लिये .....इसका अंतर हमको समझना होगा .............बाकी अगर सरकार बिना संशोधन के ही पुराना विज्ञापन हू-ब- हू क्रियांवित कर सके तो मैं यह मान लूंगा कि आज तक मैनें जो भी कहा वह सब गलत है ............और अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह सिद्ध हो जायेगा कि हम दोनों के सिवाय जिसने भी जो कुछ भी आजतक कहा वह गलत है .............यह मेरे अपने व्यक्तिगत विचार हैं ...........
ReplyDelete22 अगस्त से शुरू होगी टीईटी भर्ती प्रक्रिया
ReplyDeleteपवन कुमार दुबे/ एसएनबीइलाहाबाद। प्रदेश के जूनियर हाईस्कूल में गणित और विज्ञान शिक्षक के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया 22 अगस्त से शुरू हो जाएगी। जिलेवार रिक्त पदों की सूची तैयार हो गयी है। जूनियर हाईस्कूल में गणित और विज्ञान शिक्षक के 29334 पदों के लिए टीईटी (शिक्षकपात्रता परीक्षा) पास 60 हजार अभ्यर्थी मैदान में है। इस तरह एक पद पर दो अभ्यर्थी दावेदार हैं। अगर इस चयन प्रक्रिया में टीईटी पास कुछ अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाता है तो उनको परेशानहोने की जरूरत नहीं है। परिषदीय विद्यालयों में रिक्त 72825 पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी दो माह के भीतर शुरू होने की संभावना हैं। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय केअफसर-कर्मचारी इसकी तैयारी में लग गये हैं। शिक्षकों की भर्ती के लिए शासनादेश 19 अगस्त को जारी होगा। ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 22 अगस्त से शुरू होकर 23 सितम्बर तक चलेगी। चयनित शिक्षकों की जिलेवार 30 सितम्बर को मेरिट लिस्ट जारी होगी। काउंसलिंग चारअक्टूबर को, मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन 15 दिनों के अंदर और सत्यापन के तुरन्त बाद नियुक्ति पत्र चयनित शिक्षकों को जारी होगा। बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय (इलाहाबाद) के सूत्रों का कहना हैं कि जूनियर हाईस्कूल में विज्ञान और गणित के शिक्षकों के रिक्त पदों पर ऑनलाइन आवेदन 22 अगस्त से लिया जाएगा। आवेदन पत्रों के आने के बाद उसकी मेरिट से अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें कम से कम तीन माह कासमय लगेगा। उधर, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा का कहना हैं कि जूनियर हाईस्कूल में विज्ञान और गणित के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 22 अगस्त से ऑनलाइनलिया जाएगा। पूरी कोशिश की जा रही हैं कि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाए. जिससे कि शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती शीघ्रहो और वहां पर शिक्षण शुरूहो सके।
गणित-विज्ञान शिक्षक के एक-एक पद पर दो दावेदार 29334 पदों के लिए 60 हजार अभ्यर्थी मैदान में जिलेवार रिक्त पदों की सूची तैयार 72825 पदों परभी दो माह के भीतर शुरू होगी भर्ती
'सारे मर्द एक जैसे होते हैं'
ReplyDeleteजिस महिला ने- यह कहावत बनाई थी...
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वह एक चीनी महिला थी, जिसनेअपने पति को भीड़ में खो दिया था!
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ReplyDelete
ReplyDeleteEk Yahi Tarika Bacha Hai Sarkar Ke Pass>>>>
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शिक्षक भर्ती विज्ञापन बचाने की होगी पुरजोर कोशिश:
लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में 72825
शिक्षकों के चयन हेतु निकाला गया विज्ञापन
न्यायपालिका के चंगुल में फंसा देखकर प्रदेश सरकार
अत्यंत चिंतित है एवं न्यायालय में उसे बचाने
की पुरजोर कोशिश करेगी। लोकसभा चुनाव नजदीक
देखकर अब बसपा सरकार द्वारा निकाले गये
विज्ञापन को भी पुनः जारी करने के विकल्प
भी तलाश रही है। प्रदेश सरकार को अब
पूर्णतया आभास हो गया है की न्यायालय द्वारा नये
विज्ञापन को नुकसान पहुँचाया जा सकता है अतः नये
विज्ञापन सुरक्षित छोड़ने का निवेदन करेगी। इस
प्रकार सपा की चुनावी तैयारी शिक्षक बनने की चाहत
रखने वाले बेरोजगारों के लिये नई रोशनी ला सकती है।
JAIL WALI
ReplyDeletemain
aapke
phone
ka
wait
kar
raha
h
u
n
ReplyDeleteTet sathiyo
Namaskar
be unite to fight agaist government and academic
supporter and contact following persons
District’s Name Name of LeadersMob. No.
1. Agra
Devesh Drivedi 8533930591
2.
Aligarh Praveen
Saxena 9837081379
3.
Allahabad VIVEKANAND
8081934675
4.
Ambedkar Nagar Anil
VermaSurendra
Ameed 98383703459598873078
5. Auriya Amit
MishraAjeet Rajpoot90450282718439128408
6.
Azamgrah Azad YadavUmesh Verma
96167644069455574511
7. Badaun Pawan
SinghVishram Singh98088199369027330015
8.
Bagpat Amit Diexit 9761468244
9. Bahraich
Ashwani
ShuklaRajesh Kumar Rao876510809480
90150279
10. Ballia Digvijay PathakPyush
Chaturvedi99185064197499075872
11.
Balrampur12. Banda Annu Dadr 9415556574
13.
Barabanki Jitendra VermaUma Shanker
Yadav93692062689956291236
14. Bareilly Rajesh
Pratap SinghVikash Kumar9720963143
9027373924
15. Basti Vivek Pratap SinghNiten
Shukla99180156569453058000
16. Bijnor17.
Bulandshahr Haryendra Singh9837512398
18.
Chandauli19. Chitrakoot20. Deoria Chand Prakssh
KushwahaGorakh Nath (Newelly)8896679695
21.
Etah Mayan Tiwari 92192971229412861915
22.
Etawah Vaibhav Yadav 9410437363
23. Faizabad24.Furrukhabad Rakesh BajpaiSurendra
Rajpoot80521582159450005857
25. Fatehpur Rajendra ChaudharyAnil Yadav 923652253197959
90726
26. Firozabad Dharamveer Bharti9259705968
27. Gautambudh Nagar28. Ghaziabad Shiv
KumarNitan Mehata93687352579639885609
29.
Ghazipur SanjayV.K. Yadav9839889419
8400924785
30. Gonda Sudhanshu RaiMahesh
Arya95821916409454178529
31. Gorakhpur
Naveen
ShrivastavaAshutosh Mishra854304603
58115000914
32. Hamirpur33. Hardoi Abneesh
YadavDevesh Singh 97216129719453898315
34.
Jalaun Laxmikant PathakSaurabh94
520233759125338157
35. Jaunpur Ajeet
YadavAvanish 80902521628564051250
36. Jhansi37. Jyotiba Phule Nagar AshrafSheoraj98
375776829917558695
38. Kannauj39. Kanpur
Dehat
Sachin Yadav945587889840
ReplyDelete40. Kanpur Nagar
Praveen CachanRatnesh Pal983937909985
43858776
41. Kaushambi Ram Pujan
Tiwari9838289683
42. Kushinagar Akhilesh
KumarMishraMobin Siddiqui9721650
0229648631691
43. Lakhimpur Kheri Devesh
Trivedi9839940748
44. Lalitpur45. Lucknow Nirbhai
SinghBhupendra RaiGanesh Dixit7499088470
54157830189369222535
46. Mahamaya Nagar
AbhishekKaushik 9837451036
47. MHarajganj
Mahendra KumarVermaRam Kumar
Patel88741919268858917797
48. Mohaba Deepak
KaushalAkhilesh Shahu 94519342208090173692
49.
Mainpuri Jitendra SinghT.N. Mishra941080726
79456608217
50. Mathura51. Mau Kamlesh
YadavRajeev Yadav73094871279794821718
52.
Meerut Gaurab YadavSunder Ji9358380100975
9737376
53. Mirzapur Rahul GuptaKushal
Singh93073030469451573287
54. Moradabad55.
Muzaffarnagar56. Pilibhit Sudhanshu
Mishra9058234823
57. Pratapgarh Pavan Kumar
Yadav9454303317
58. Rae Bareli Karendra
MishraSishnu Kumar73097856558115724828
59.
Rampur Gurpal SinghUmesh Kumar
97588697529897373536
60. Saharanpur
SanjayManoj Kumar Gupta9758839709
9548938754
61. Sant Kabir Nagar Ajay
PandeyAbhishek Ji8738069495
62. Sant Ravidas
Nagar63. Shahjahanpur Satish SinghManoj
Sharma95329094349044144623
64. Shravasti
Ugrashen VermaPradeep Verma9984555954
9452125452
65. Siddharth Nagar Santosh
PandeyAkhilesh Yadav93359760168601621931
66.
Sitapur Sarvesh JoshAnup Sharma988917411
49415860930
67. Sonbhadra Santosh
Verma8858598585
68. Sultanpur Rakesh Kumar
AgrahariS.K.Pathak 90050660609415023170
69.
Unnao Atul TiwariAmit Tripathi9451360
6519936006023
70. Varanasi Manoj K. Singh
“Mayank”71. Pravudh Nagar Devendra Singh(Live
DLH)AftabAkhilesh Chaudhary095607
0589897580258279927737442
72. Panchsheel
Nagar Kushvee SinghVishesh Sharma945728754
99634502507
Jay Tet
tet merit nahi to bhrti.... pahli bat is blog pr tumhare alawa koi tet supportar nhi aur mere alawa koi acd nhi.... is liye blog pr faltu ki bakwash krne se koi fayda nhi....
ReplyDeleteaur dusre bat 31 ko sunwai nhi hogi new date 7 aug..... ise note kr lo... authentic news hai
ReplyDeletetum log jb apne case ki sunwai nhi kra sakte to gov/acd supportaro kya ladoge..... tum sb pr ek hi acd supportar bahut hai..... yadav kapil
ReplyDeletetum sa..........................l............................a
Delete.
.
behaya.
GOOD EVENING FRIENDS
ReplyDelete___________________________
APPROXIMATELY 2 YEAR SE HUMARI RECRUITMENT PROCESS ME JO UTAR CHADHAV CHAL RAHA HAI IN SABHI INCIDENTS SE HUM SABHI LOG PARESHAN HAIN AUR INN SABKE ANSWER JAAN NE KE LIYE MAINE AAJ DIN BHAR KOSHISH KI KYUKI AB MAHOL BADAL RAHA HAI CHUNAV PAR SAB KI NAZAR HAI AUR JINHE HUMARE LIYE SAB KUCH KARNA HAI ULTIMATELY HUMARI GOVT TO GOVT KE BAHUT KI KHASS NUMAIYENDO SE MAINE CONTACT KIYA UNSE SACH JAAN NA CHAHA KI AAKHIR GOVT KYA KARNA CHAAHTI HAI...AUR ADVOCATES SE BHI BAAT KI JO ACTIVE RAHTE HAIN HUMARE CASE PAR CLOSE WATCH BHI RAKHTE HAIN...
JO POINTS AAJ NIKAL KAR AAYE UNKO MAI BATA RAHA HU
1-2013 ME 72825+29333=102158 LACKS TEACHERS KI BHARTI DEC TAK PURI KAR LI JAYEGI ITS A TARGET OF GOVT
2-72825 MAAMLE ME COURT KA OREDR AUGUST MONTH ME AA JAYEGA KYUKI HEARING PURI HO CHUKI HAI MAHAPATRA AND SRIVASTAVA JI FULLBENCH ORDER KI STUDY LAGHBHAG KAR CHUKE HAIN .AUR PROCESS FINAL ORDER MILNE KE BAAD 15-20 DAYS ME SHURU KI JAYEGI..
3-GOVT KO MAALUM HAI KI BINA TET MARKS KO INVOLVE KIYE PROCESS NAHI HOGI ISSKE LIYE GOVT NE MIND SET BANA LIYA HAI EVEN THEN AGAR OLD AMENDMENT THAT MEANS OLD ADD SE AGAR COURT BHARTI KA ORDER DETI HAI TO GAOVT PURI TARAH SE READY HAI ISSKO MAAN NE KE LIYE..
4- JUNIOR BHARTI GOVT MID OF NOVEMBER TAK PAURA KAR LEGI OFFICERS KO INSTRUCTION DIYE JAA CHUKE HAIN ISSME BHARTI GUNAK WITH 12 6 3 SE HOGI AUR AGE 21-35 YEAR HAI BECAUSE TGT ME AGE LIMIT YAHI HAI
ISSLIYE FRIENDS PARESHAN NAA HO NEWS POSTIVE HAI AUR JO MAXIMUM PATA LAGA MAINE BATAYA YE NEWS C.M DESK SE HAI
abe sant kapila pashu ahar tere liye to gay(cow) hi kafi hai
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..\
ReplyDelete.JAISA KI KU6 GRUP PAR AFWAH UDAYI JA RAHI HAI KI 31 KO RAJY SARKAR NE HOLIDAY GHOSHIT KAR RAKHI HAI SO HIGH COURT BAND RAHEGA..JO KI NIRADHAR HAI..HIGH COURT PAR RAJY SARKAR PAR KOI HASTAKSHEP NAHI RAHTA HAI..NA HI BHARAT SARKAR KA..
High court ki holiday ka nirdharan honrable suprime court karta hai na ki koi state government..31 ko holiday ki afwah ek kori bakwas hai..
2)cause list me show kar rahi list v iska pramad hai..afwaho par dhyan na de apko is grup ki prime post par athentic news di jayegi..
ReplyDelete3)KU6 LOG 31 KO HIGH COURT KE SAMNE DHARNA YA PRADARSHAN KI BAT KAR RAHE HAI ..UNHE APNE FAISHLE PAR PUNARVICHAR KARNA CHAHIYE ..KYUKI HIGH COURT KA PURA AREA HIGH SECURITY ZONE HOTA HAI..H.C KI SURAKSHA ME LAGE PAIRA MILITRY FORCE KA KAHI KOP BHAJAN NA BAN JAYE AAP .AUR AAP PAR V COURT KI AVMANNA SAMET DESH DROH KI DHARA NA LAG JAYE..KYUKI BHARTIY NYAYPALIKA PAR VISWASH NA KARNA EK DESH DROH JAISA KARY HAI..
3) acording to ganesh dixit..73 hajar teacher bharti jaldi ho ..iske liye koi ku6 kare iska tet morcha virodh nahi karega...par ham tet supporter kisi asambaidhanik karyo me support na karege..jisko jo karna ho kare..ham tet suporter ko jo karna hoga ham soch smjh ke karege..
4) COURT PAR DABAV KI BAT KARNE WALE KITNE 31 KO PAHUCHEGE .HAM V DEKHEGE...RAHI BAT SAMARTHAN KI TO HAM ASAMBAIDHANIK KARY K LIYE SUPPORT NA KAREGE..HAI AGAR AGAMI 1 YA 2 DATE PAR KU6 STHITI CLEAR NA HUYI TO HAM NYAYIK PRAKRIYA KE TAHAT SUPRIME COURT ME JALD CASE NIPTANE K LIYE EK DIRECTION DENE HETU EK S.L.P(SPECIAL LEAV PETITION) JARUR DALNE PAR VICHAR KAR SAKTE HAI..MAGAR JIS ANDOLAN KA KOI AUCHITY NAHI USME SARIK NAHI HO SAKTE..
JAI TET MERIT