प्रदेश में दो साल पहले करीब एक हजार महिला शिक्षकों की भर्ती शुरू हुई थी। उसके बाद पिछले साल फिर लगभग 1200 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकला था लेकिन ये भर्तियां नहीं हो पाईं। मंडलवार भर्तियां होने के कारण अभ्यर्थियों ने सभी मंडलों से आवेदन कर दिया लेकिन बाद में विवाद होने से मामला कोर्ट में पहुंच गया। उस समय भर्तियों पर रोक लग गई। अब माध्यमिक शिक्षा विभाग नए सिरे से भर्तियों की तैयारी कर रहा है। शासन के निर्देश पर इसके लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। निदेशालय ने डेढ़ हजार पुरुष और डेढ़ हजार महिला शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव तैयार करके भेजा है। ये भर्तियां विभागीय स्तर पर होंगी। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर आवेदन मांगे जाएंगे। यह अभी तय नहीं है कि अभ्यर्थी एक ही मंडल से आवेदन कर सकेंगे या उससे ज्यादा।
इन भर्तियों के जरिए मिलने वाले शिक्षकों को नए राजकीय हाईस्कूलों में जहां पदों का सृजन हो चुका है, वहां भेजा जा सकता है। इसके अलावा पुराने राजकीय इंटर कॉलेजों में भी जहां हाईस्कूल स्तर तक के शिक्षकों की जरूरत है, वहां भी कमी दूर की जा सकेगी।
News Sabhaar : अमर उजाला (30.7.13)
ReplyDelete10 fresh
1 supp fresh
4 additional cases
ke baad apna case
daily cause list mein 22 ve no. Par hai
shayad kal court no. 33 mein Harkauli sir
baithenge agar nahi baithe tab bhi unke cases
pichle 4-5 din se court no. 9 mein transfer ho
rahe hain aasha karte hain aur duwa karte hain ki
kal apna case jarur suna jayega
Kal sunwai nhi hogi... New date 7 aug
ReplyDeleteAuthentic news Kal sunwai nhi hogi... New date 7 aug
ReplyDelete
ReplyDelete-शिक्षकों, लेखाकार व रसोइयों के पदों पर सिर्फ
महिलाओं का होगा चयन
-शासनादेश जारी
जागरण ब्यूरो, लखनऊ :
कस्तूरबा गांधी बालका विद्यालयों (केजीबीवी) में
वार्डेन व शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए अब
सिर्फ वे ही प्रशिक्षित स्नातक योग्य माने जाएंगे
जिन्होंने उच्च प्राथमिक स्तर की अध्यापक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण की होगी।
प्रशिक्षण उपाधि के तहत राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद से मान्य बीएड और उसके
समकक्ष एलटी आदि प्रशिक्षण को शामिल
किया जाएगा। गौरतलब है कि केजीबीवी में
शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर
कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी गई थी।
शासनादेश जारी होने के बाद अब इन पदों पर
भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
शारीरिक शिक्षा के अध्यापन के लिए
बीपीएड, डीपीएड और व्यायाम रत्न
आदि उपाधियां मान्य होंगी लेकिन इस पद पर चयन
के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं होगा।
यह भी तय हो गया है कि केजीबीवी में अब वार्डेन,
पूर्णकालिक व अंशकालिक शिक्षकों, लेखाकार,
रसोइयों और सहायक रसोइयों के पदों पर सिर्फ महिलाओं
का ही नया चयन किया जाएगा। हालांकि पहले से
काम कर रहे इन श्रेणियों के पुरुष वर्ग के
शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी संतोषजनक
सेवा की स्थिति में यथावत काम करते रहेंगे।
इसी तरह पहले से कार्यरत शिक्षकों के नवीनीकरण के लिए
टीईटी की योग्यता अनिवार्य नहीं होगी।
केजीबीवी में शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के चयन के बारे में सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है।
प्रदेश में 100 केजीबीवी संचालित हैं। इनमें से 734
मॉडल-1 क्षेणी के हैं जिनमें 100 बालिकाओं
की आवासीय शिक्षा की क्षमता है। वहीं 12
केजीबीवी मॉडल-2 श्रेणी के हैं जिनमें 50
बालिकाओं की आवासीय शिक्षा की क्षमता है।
मॉडल-1 श्रेणी के प्रत्येक केजीबीवी में वार्डेन,
शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों समेत कुल 15
पदों पर चयन होना है। वहीं मॉडल-2 के हर
केजीबीवी में कुल 12 पदों पर चयन होना है।
इन पदों पर चयन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता
गठित जनपदीय चयन समिति की होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के 38 केजीबीवी में
शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर
कर्मचारियों की भर्ती महिला समाख्या करता है।
अब इन 38 केजीबीवी में भी जिला चयन
समिति के जरिये भर्ती होगी।
ReplyDeleteदुर्गा की शक्ति छीनकर उत्तर प्रदेश सरकार
ने साबित कर दिया की हम भ्रष्ट हैं और भ्रष्ट
रहेंगे।
वस्तुतः नौकरशाही में महिलाएं पुरुषों की तुलना में
अधिक ईमानदार होती हैं हमने चरित्रभ्रष्ट
महिला देखी है लेकिन भ्रष्ट
महिला अधिकारी नहीं देखी है अपवाद की बात
नहीं कर रहा हूँ।
पुरुष समाज को अगर राजनीति में ही देखा जाये
तो ये यहाँ भी महिलाअो की तुलना में अधिक भ्रष्ट
हैं। यदि आप वर्तमान परिदृश्य पर बात करेंगे
तो विदेशी गुणसूत्र का दोष जायज है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी गंभीरता से
विचार किया जाये तो मायावती जी मुलायम एंड
फेमिली से बेहतर हैं लेकिन डिंपल जी से हम अधिक
अपेक्षा कर सकते हैं लेकिन सिर्फ परिवार
की तुलना पर ही यह संभव होगा।
महिलाओं का सामाजिक उत्थान भारतीय सभ्यता के
लिए सहायक है लेकिन महिलाओं का चारित्रिक
पतन पुरुषों की तुलना में अधिक गंभीर है।
ReplyDeleteDosto- 31 july ko apna case court no-3 me 10fresh , 1supplimentary fresh , 4 addional unlisted ke baad daily cause list me 22 no par suna jana hai.Kuchh favourable conditions hai ki CJ Sir ki bench sitting hai and Harcauli ke cases court no-9 me ja sakte hai.
Tet sathiyo
ReplyDeleteNamaskar
tet update
31 july ko apna case 10 +01+04=15 cases k baad 22nd no hai jise mention kara k 22nd no ki jagah under 3 ya 4 me laya ja sakta hai pr isaki sambhavana ab bahut kam bachi hai ki kal sunwayi ho hi paye kyonki lunch baad 3 judges ki bench kisi dusare mamale me baith rahi hai aur lunch k pahale apna case aane ki sambhavana bahut kam hi hai atah ek aur date k liye hum sabhi ko mansik roop se taiyar rahana hoga.
case jisake karan kal lunch baad sunwayi nahi ho payegi
" HON'BLE MR. JUSTICE LAXMI KANTA MOHAPATRA
HON'BLE MR. JUSTICE PRAKASH KRISHNA
HON'BLE MR. JUSTICE RAKESH SRIVASTAVA
-
For Orders
WRIT - C
113. TU 47233/2012 C/M OF SAHKARI GANNA VIKAS SAM ANIL KUMAR SRIVASTAVA
-ITI LTD. AND ANOTHER SWARN KUMAR SRIVASTAVA
Vs. STATE OF U.P. THRU SECY. A C.S.C.
-ND OTHERS RAVINDRA SINGH
WITH WRIC- 52056/2012 C/M ETAWAH URBAN COOPERATIVE B ROHIT AGARWAL
-ANK LTD. ETAWAH KESHARI NATH TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH WRIC- 52057/2012 C/M SONBHADRA NAGAR SAHKARI BA ROHIT AGARWAL
-NK LTD. SONBHADRA KESHARI NATH TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH WRIC- 52058/2012 C/M THE MIRZAPUR URBAN COOPERA ROHIT AGARWAL
-TIVE BANK LTD. MIRZAPUR KESHARI NATH TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C."
jay Tet
31/7/2013 ko Lunch ke Baad Matlab 2 pm se Larger bench seating karegi..isliye lunch se pahle agar case take up hua to thek warna fir ek aur Date...
ReplyDeleteनिसंदेह 72825 पदों पर भर्ती के पुराने विज्ञापन से ज्यादा महत्वपूर्ण और पोषणीय पुरानी प्रक्रिया है।
ReplyDeleteपुराने विज्ञापन में संशोधन तो उसी दिन आवश्यक हो गया था, जब इस से बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों को इस से अलग किया गया था, अतः इसके संशोधन होने में कुछ नया है। जहाँ तक मैं अपनी सामान्य बुद्धि से समझ पाता हूँ, पुराने विज्ञापन में त्रुटि होना और उसका विधि-विरुद्ध होना दो अलग अलग बातें हैं और इनका परिणाम भी भिन्न होंगे।
विज्ञापन संख्या न होने के आधार पर सचिव द्वारा निकाले गए विज्ञापन को तभी कानूनन गलत ठहराया जा सकता है, यदि उनके द्वारा जारी किये जाने वाले किसी भी विज्ञापन में विज्ञापन-संख्या का होना किसी नियम-शासनादेश-कानून के तहत अनिवार्य हो। पर यदि विज्ञापन-संख्या केवल प्रशासनिक सुविधा का एक उपकरण मात्र है, तो केवल इस आधार पर पुराने विज्ञापन को गलत नहीं ठहराया जा सकता कि ऐसा कभी पहले नहीं हुआ। इस बारे में यदि कोई स्पष्ट या तथ्यपरक जानकारी हो तो अवश्य बताएं।
इन पदों के लिए 27 सितम्बर 2011 को आये शासनादेश में स्पष्ट रूप से लिखा गया कि "अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित करने हेतु विज्ञप्ति समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से , सचिव, उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद द्वारा एकीकृत विज्ञापन प्रदेश के बहुप्रसारित समाचारपत्रों के समस्त संस्करणों में प्रकाशित किया जायेगा". अब चूँकि इस शासनादेश में राज्यपाल द्वारा प्रशिक्षु शिक्षक के पदों पर पर सहर्ष सहमति कि बात थी और इसे मंत्री-परिषद् का अनुबोधन होना स्वतः स्पष्ट है, तो फिर सचिव द्वारा विज्ञापन-प्रकाशन को सिर्फ तभी गलत ठहराया जा सकता है जब यह विज्ञापन नियमावली से शासित किसी पद, यानि सहायक अध्यापक के चयन का हो, क्यूंकि उसके लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा जिलावार विज्ञप्ति निकाले जाने का प्रावधान लागू होता।
ReplyDeleteवैसे भी इस भर्ती का ऐसा भुर्ता बन चुका है कि अब इस बात का कोई महत्त्व नहीं रह जाता कि किसने क्या कहा था, महत्त्व इस बात का है की जल्द-से-जल्द इस नाटक का पटाक्षेप हो और पुराने विज्ञापन से नहीं, पुरानी प्रक्रिया से यह भर्ती पूर्ण हो और कोई आश्चर्य न होगा अगर इस मामले के निर्णय आने के बाद भी कुछ सवालों के जवाब मिल पाएंगे तो कुछ के अनुत्तरित भी रह जायेंगे। दिखने में सीधे से लगने वाले इस मामले में सबकुछ क़ानूनी दांवपेंच और अलग-अलग नियमों के परिपालन की बाध्यताओं को लेकर पैदा हुई पेचीदगियों और जटिलताओं में इतनी बुरी तरह उलझता चला आया है कि इस मामले की हर बात को लेकर शायद कोई सदा पूर्णतया सही होने का दावा नहीं कर सकता, कम से कम मैं तो नहीं!!
ReplyDeletekal ke liye
शुभ-कामनाएं!!
विज्ञापन संख्या की महत्ता को मैं बहुत ही सरल तरीके से बताता हूँ,,,,,,,,,,मान लिया हमने कोई नया वाहन खरीदा लेकिन परिवहन विभाग के अनुसार उसका परिचालन सड़कों पर तब तक अवैध माना जाता है जब तक उस वाहन की पंजीकरण संख्या जो कि आर टी ओ द्वारा जारी किया जाता है ......आपके पास न हो ..........वाहन की वैधता तो हम उसके इंजन नम्बर और चेचिस नम्बर से भी पहचान सकते हैं और यह दोनों जीव के डी0एन0 ए0 की तरह होता है ,,,जैसे हर जीव का डी0एन0ए0 अलग होता है उसी प्रकार हर वाहन का भी इंजन नम्बर और चेचिस नम्बर अलग होता है लेकिन फिर भी यह प्रक्रिया नियमानुसार आवश्यक है ..............आपका वाहन अवैध नहीं है ....उसपर पूरा अधिकार है आपका लेकिन उसके परिचालन की वैधता के लिये ये आपको यह प्रक्रिया अपनानी ही पड़ेगी ।
ReplyDeleteअपने विषय में नियुक्ता बी0एस0ए0 है और उसका विज्ञापन निकालने का यह अधिकार,,,,, उससे कोई नहीं छीन सकता ,,,,,,,,हाँ मैं फिर दोहराना चाहता हूँ कि यह अधिकार उसके पास तब तक सुरक्षित है .......जब तक कैबिनट इसपर निर्देश या आदेश नहीं देती
ReplyDeleteदूसरी बात, बी एस ए को नियमावली, 1981 के द्वारा मात्र सहायक अध्यापक की नियुक्ति का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है और इसे कोई छीन नहीं सकता और न ही छीने गए। पर इसका आशय यह नहीं कि उसे वह बेसिक शिक्षा से सम्बंधित हर अस्थायी/स्थायी पद के लिए विज्ञापन जारी का एकाधिकार है। असल में बी एस ए को प्रशिक्षु शिक्षक का भी विज्ञापन जारी करने का अधिकार है, यह कोई तभी सोच सकता हो जो यह मानकर चले कि प्रशिक्षु शिक्षक सहायक शिक्षक का ही पर्यायवाची है।
ReplyDelete
ReplyDeleteKal ki High court ki karyavahi ke bare me sirf ye kahna uchit hai ki,, ek aur kal ke wait aur kuch achcha hone ki ummid ke sath God se pray kare ki,,, bas ab bahut ho gaya hai,, God sab ko dekh raha hai,, aur jaldi hi wo log bbhi bahut dukhi honge jo log hum logo bahut presaan kar rahe hai,,, Its Fact,,, i believe in God activities.... God always Do Best,,,, will be best,,, thanx,,,,,
मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही, गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं
ReplyDeleteआजकल के कूल ड्यूड...
राखी बहन से बंधवाते है, इच्छा और सुरक्षा की पूर्ति प्रेमिका की करते है.
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बहन के साथ पडोस की दुकान जाने मेँ शरमाते है, प्रेमिका के साथ विश्वभ्रमण का सपना बुनते है.
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माँ पीको फाल कराने के लिए साडी देँ तो इनको जाने मेँ शर्म आती है, और प्रेमिका के लिए जीँस खरीदने मेँ आगे रहते है.
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माँ चायपत्ती लेने जाने के लिए कहेँ तो गरजते है, पर प्रेमिका ने अगर रिचार्ज के लिए कहा तो कुत्तो की तरह भाग कर जाते है.
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बहन जिस कालेज मेँ एडमिशन ले इनको वहाँ पढने मेँ शर्म आती है, पर जिस कालेज मेँ प्रेमिका एडमिशन ले उसमेँ घरवालो से लडकर एडमिशन लेते है.
अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नही जब माँ की गाली आदमी सहन कर लेगा, पर प्रेमिका की गाली मेँ दंगे हो जायेँगे
ReplyDeleteNeelesh Purohit >> aao teacher bharti par
charcha kren(choupal)
Sujeet bhai se baat hui h.
*kal hamare case k sunwai k ab tak k sabi dato
me sabse jada chance h.
*kal larger bench lunch k bada baithegi,par kal
l.b jada time nhi legi kyo k kal us case k wakil kal
bahas k mood me kam nai date lene k mood me
h. Maximam 30 min l.b chalegi
*l.b k wad fir se regular bench baithegi
*kal harkoli ji k ane k chance h agar nhi bhi
ayenge to unke case court no 9 me transfer hoge.
Case ki sahi 100% condition kal 9.30 se 10 bje k
beech clear hogi.
*so wait for tomarrow 10 a.m
good night jai tet
ReplyDeleteयूपी: इस कारण से बीएड से ज्यादा हुई
बीटीसी की कीमत
परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने को लेकर
बीटीसी करने वालों की संख्या बढ़ती जा रहीहै।
ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुए अभी चार दिन ही हुए हैं
कि अब तक 62, 816 हजार छात्र-छात्राओं ने
पंजीकरण करा लिए हैं। इसमें से 2110 अब तक ई-
चालान भी जमा कर चुके हैं।
बीटीसी के लिए आवेदन की अंतिमतिथि 16
अगस्त है। बेसिक शिक्षा परिषद के
प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बनने
की योग्यता स्नातक व दो वर्षीय बीटीसी है।
प्रदेश में बीएड वालों को समय-समय पर विशिष्ट
बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक
बनायाजाता रहा है लेकिन राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद से मिली अनुमति के आधार पर 31
मार्च 2014 के बाद बीएड वाले प्राइमरी स्कूलों में
शिक्षक नहीं बन सकेंगे।
इसको देखते हुए छात्रों की नजर में
बीटीसी की कीमत बढ़ी है और बीएड का क्रेज
कम हुआ है। प्रदेश में बीटीसी की मौजूदा समय
33,100 सीटें हैं।
इसमें सरकारी कॉलेजों में 10,450 और निजी कॉलेजों में
22,650 हैं। बीटीसी में इस बार प्रदेश के
किसी भी जिले में आवेदन की छूट है। इसलिए आवेदन
करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
ReplyDeleteआज की सुनवाई पर कोई कयास लगाने के बजाय, आज
का दिन आप सबके लिए शुभ हो, यही शुभकामना देना बेहतर समझता हूँ।
इलाहाबाद पहुँच रहे और इलाहाबाद में उपस्थित साथियों से
यही अपेक्षा है कि वे इस संक्रमण काल में
भी अपने सर्वोत्तम विवेक, बृहद सोच और मर्यादित
आचरण से सिद्ध करेंगे कि वे अपने उत्तरदायित्व
और इस मामले से जुड़े समान-भिन्न मत वाले
सभी साथियों की भावनाओं और
हितों की महत्ता को भली-भांति समझते हैं।
आप सबसे दूर बैठे हुए भी विश्वास है
कि अग्रणी साथी भी आपसी सामंजस्य पर जोर देते
हुए इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि संगठन
की एकता, दशा-दिशा और
सभी साथियों की कार्यवाही-गतिविधि से
सभी को सिर्फ और सिर्फ सृजनात्मक और
सकारात्मक सन्देश मिले क्यूंकि आपसी सामंजस्य
ही इस संघर्ष की अंतिम परिणति,
यानी आपकी विजय का मार्ग प्रशस्त करने
वाला मूल तत्व है।
सत्यमेव जयते!!!
ReplyDeleteअगर हमारे सभी याचिकर्ता और उनके
अधिवक्ता दिल से प्रयास करें तो अपना नम्बर आ
सकता है, पहले भी टन्डन के अदालत में यह
घिनौनी हरकत सरकार के इशारे पर
की गयी थी, एक महीने से ज्यादा समय तक हमारे
केस को बिना सुनवाई किए ही डेट पर डेट
मिलता जा रहा था। मुझे आज भी टन्डन की वो कुटिल
मुस्कान याद है।
खैर काम की बात करते हैं, तो उस समय जब हमारे
केस का नम्बर नहीं आ रहा था तो सभी लोगों ने वकील
का घेराव किया और तब हमारे केस को मेन्सन
करा के 3 बजे सुनवाई के लिये लाया गया।
जब अभी पता चल गया है कि कल भी नम्बर
आना मुश्किल है तो ऐसे हार मानने की जगह प्रयास
करना चाहिए। हमारे केस की सुनवाई अप्रैल के
बाद से हो ही नहीं पा रही है, यह एक मज़बूत आधार
हो सकता है। लेकिन जिस तरह से निराशावादी पोस्ट
वो जिम्मेदार लोग कर रहें है जिन्हें कल
अपनी पूरी ताकत झोक देनी चाहिए, उससे
तो यही दिख रहा है कि इच्छाशक्ति की कमी है।
जब सरकारी वकील कोर्ट मे अनुरोध कर के केस
की सुनवाई कराने का अनुरोध कर सकता है
तो हमारा वकील क्यों नहीं कर सकता, कोर्ट में
तो सभी बराबर माने जाते है चाहे सरकार हो या कोई
भी। वैसे हमारे पास इलाहाबाद हाई कोर्ट के सबसे
नामी काबिल और वरिष्ठ वकील हैं, क्या अब
वो इतना भी नहीं करवा सकते।
ReplyDeleteआंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन
की घोषणा से जुड़ी घटनाओं का समयवार ब्यौरा:
1948: भारतीय सेना ने तेलंगाना सहित हैदराबाद
रियासत को भारत में मिलाया.
1 नवंबर 1956: मद्रास स्टेट से तेलंगाना को अलग
कर आंध्र स्टेट में शामिल कर तेलुगूभाषियों के लिए
एक अलग राज्य आंध्र प्रदेश की स्थापना की गई.
1969: तेलंगाना को पृथक राज्य घोषित करने के
लिए 'जय तेलंगाना' आंदोलन की शुरुआत. पुलिस
की गोलीबारी में 300 से अधिक लोगों की मौत.
1972: आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में 'जय आंध्र'
आंदोलन की शुरुआत.
1997: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तेलंगाना के
समर्थन में आई, तथा 1998 के चुनाव में उसने 'एक मत,
दो राज्य' के नारे के साथ चुनाव लड़ा.
2001: तेलंगाना आंदोलत को जिवित रखने के लिए
के. चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र
समिति (टीआरएस) की स्थापना की.
2004: टीआरएस ने कांग्रेस के साथ संयुक्त रूप से
चुनाव में हिस्सा लिया और पांच
लोकसभा सीटों तथा 26 विधानसभा सीटों पर जीत
दर्ज की. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)
दल ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में
तेलंगाना मुद्दे को शामिल किया तथा प्रणब
मुखर्जी की अध्यक्षता में तीन
सदस्यी समिति का गठन किया.
2 सितंबर 2009: मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर
रेड्डी के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन के कारण
राज्य राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति.
अक्टूबर 2009: चंद्रशेखर राव ने पृथक तेलंगाना के
लिए आमरण अनशन शुरू किया.
9 दिसंबर 2009: केंद्र सरकार ने तेलंगाना राज्य के
गठन प्रक्रिया के लिए कदम उठाने
की घोषणा की.
3 फरवरी 2010: केंद्र सरकार ने तेलंगाना मुद्दे
पर पांच सदस्यीय श्रीकृष्णा समिति गठित की.
28 दिसंबर 2012: केंद्रीय गृहमंत्री सुशील
कुमार शिंदे ने एक सर्वदलीय बैठक के बाद एक
महीने के अंदर अंतिम निर्णय किए जाने
की घोषणा की.
12 जुलाई 2013: तेलंगाना पर आई रिपोर्ट पर
मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के
प्रदेशाध्यक्ष के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस
की कोर कमेटी की बैठक हुई.
30 जुलाई 2013: यूपीए की समन्वय समिति और
कांग्रेस की कार्यकारी समिति की बैठक में
पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का निर्णय
लिया गया.
ReplyDeleteMOHAMMAD SHAKEEL
96 48 20 73 47
Apne case ki sunwai lunch ke baad hogi
ReplyDeleteR u confirm sir
ReplyDeleteaj court 3 ke sabhi case court no.36 me transfer go gaya jai
ReplyDelete
ReplyDeleteAb tetians me wo dum nahi dikhta hai....court aur
govt ke bharoshe ye bharti abhi to nahi hone wali
hai...tetian me wo dum khum chahiye jo unke
andar suru me tha..ek nahi kai andolan ki
jaroorat hai....agar andolan nahi kar sakte to
baithe rahe hanth pe hanth rakhkar....kuch nahi
ho sakta bus apna majak bante huye dekhte
rahna padega..ratnesh ki baat pe gaur karne ki
jaroorat hai...otherwise kya fark padta hai es
nikammi govt ko...govt ka kya biagd raha hai kuch
bhi nahi..only tetians unity kam ho rahi hai...aur
ek din ayega sab use to ho jayenge...5 saal baad
nyay mil bhi gaya to kya ho jayega....So
requesting all tet merit supporter..ek baar fir wo
dum khum dikhao aur chhin lo apna haq...aur ye
ab ekdum tay baat hai court aise hi karti
rahegi...uspe koi lagam nahi laga sakte
aap....andolan aisa hona chahiye ki ek kranti ka
roop le tab ja govt aur court ki ankh khulegi
otherwise aise hi chalte rahne de...agar meri baat
kisi ko buri lage to maafi chahta hu....lekin mere
hisab se bus ab ek yahi satya hai jo apko apna
haq dila sakta hai
ReplyDeleteआज की स्थिति में रत्नेश पाल का निर्णय एकदम
सही प्रतीत होता है । एक बार,दो बार तो संयोग
हो सकता है पर कभी ए.सी खराब होने से बेंच का उठ
जाना फ़िर इतने महत्वपूर्ण केस की सुनवाई वाले
दिन ही जज का अवकाश पर चले जाना अब पूर्व
निर्धारित योजना की ओर इंगित करता हुआ लग
रहा है । भूतकाल में हमारे अपनो के
द्वारा की गयी गल्तियाँ ही हमारे इस वर्तमान
की जननी हैं इसलिये भविष्य को सुरक्षित बनाने
के लिये हमें आज ही सही निर्णय लेना होगा !
ReplyDeleteye kuch legal matter dekh
rahe pravakta sirf date leker khush hai aur sarkar
election me busy hai hc matter talne me aur agar
ratnesh jaise jujharoo log kuch kerna chahte hai
to do teen vidwan pravakta aaker unhe rokte
hai... Inhe ye bhi nahi maaloon ki 2001 btc 2006
me aur 2004 ka mamla 2009 me suljha isi hc ki
date date khelne ki policy paer uske baad bhi ye
hc se ummed lagaye hai bina kuch kiye sirf vakeel
badaker fees ki demand kar denge aur aam tetian
paisa de dega aur fir wo date sunker frustate
hoga... Jab saal bher se humlog shant baithe hai
to sarkar ko kaun sa fark pad raha hai usne to
paisa lena tha le liya humlogon aur samay jaya
kerna tha wo ker diya aur hume kya mila sirf
date per date ha kuch log kahenge ki hume stay
to mila unhe mai batana chahte hoon ki stay
court dwara sarkar ke against chalti prakriya aur
disputed prakriya me milna bahut aasan hota
hai.... Aur hc sad chuka hai ye tippadi manniya sc
ki hai jo tandon , aur ab mahapatra jaisa judge
charitarth ker rahe jo ac kharab hone per ud jate
hai aur agli imp date per khasker tet matter per
chutti le lete hai ye ek suniyojit sadyantr ki boo
aati mahshoosh ho rahi hai... Aur aaj ye stay bhi
hame na milta agar ratnesh aur tomar bhai sc me
slp na dale hote kyonki kuch alld walon ne is case
ko tetian ka case na maamker sirf apna individual
maan baide hai... Atah ab avanish bhai tomar aur
ratnesh jaise jujharoo aur karmad logon ko jald se
jald kuch kerna hoga nahi to jaise july beeti hai
waise hi march 14 gujer jayegaa aur hum sirf hc
se date hi leker reh jayenge
Ab bina aandolan ke na to sarkar hi kuch bolegi
ReplyDeletena hi court ya media.2 maheene agar aise hi
gujar gaye to sarkar jeet jayegi hamen 31 march
2014 tak ronk kar rakhne me.
Hc sirf sc ki fatkaar se hi darti hai baaki wo apne
ReplyDeletedharre per chalti hai.. Inhi sab baton se ab mere
kai mitr hc ke naam per paise nahi dena chahte
aur sc me case jaane per hi aarthik sahyog ke liye
taiyyar hai
Game jeetne ke liye jaroori hota hai ki defensive
ReplyDeleteaur offensive dono mode ke combination ka
balanced timing aur planning ho. Hum log kuchh
jaroorat se jyada hi defensive mode me batting
kar rahe hain. Agar sabki sahmati ho to lucknow
me dharne ki yojna banayi jaaye wrna court me
bade-bade cases ki sunwayi bhi saalo-saal chalti
rahti hain. Hum logon ka samna bhi 1 bahut hi
nihayat behaya gov se hua hai, jo antim kshano
tak apne behayapan se humko parichit karati
rahegi. Agar sp gov ko thoda bhi abhaas hua ki
wo court me haar rahi hain to wah chahegi ki
matter 31 march 2014 ko cross kar jaaye aur sara
dosh court aur ncte ke jimme madh diya jaaye.
legal matter dekh rahe aguwa aapse kabhi
ReplyDeletesahmat nahi honge wo to sirf deadline tak
intezaar kerne ko kahenge jabki lko aandolan ka
asar padega sarkar aur hc per uske baad sc last
option hai hamare pass..
लखनऊ। आरक्षण समर्थकछात्रों के पक्ष में कई संगठन
ReplyDeleteआ गए हैं। इलाहाबाद से प्रदर्शन करने के लिए
मंगलवार को लखनऊ पहुंचे आरक्षण समर्थक
छात्रों को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिला।
संगठन के लोग उनके साथ धरना-प्रदर्शन में शामिल
हुए और आरक्षण की त्रिस्तरीय ओवरलैपिंग
व्यवस्था बहाल करने की मांग की। लखनऊ
विश्वविद्यालय में भी छात्रों के समर्थन में
प्रदर्शनहुआ।
लखनऊ यूनीवर्सिटी केआल इंडिया स्टूडेंट्स
एसोसिएशन (आइसा) के कैंपस अध्यक्ष रवींद्र प्रताप
सिंह, कैंपस सचिव नितीश कन्नौजिया के नेतृत्व
में बड़ी संख्या में छात्र धरनास्थल पहुंचे और प्रदर्शन
किया। अखिलभारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ
भी धरने में शामिल हुआ। महासंघ के राष्ट्रीय
अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार मौर्य ‘वीरू’ नेराज्य
सरकार के पुरानी व्यवस्था बहाल रखने के निर्णय
का विरोध करते हुए पिछड़े वर्गों को आबादी के
अनुपात में सभी स्तरों पर भागीदारी देने की मांग
की।
इंडियन जस्टिस पार्टी के प्रदेश महासचिव
इसरार उल्लासिद्दीकी ने छात्रोंका समर्थन करते
हुए कहा कि सपा और बसपा दोनों ही आरक्षण
विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने पिछड़ों के साथ
धोखा किया और बसपा ने सपा की आरक्षण
नीति का समर्थन कर दलितों व
पिछड़ों को धोखा दिया।
अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों के अखिल
भारतीय परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष भवननाथ
पासवान ने कहा कि दलितों व पिछड़ों को सपा व
बसपा से सावधान हो जाना चाहिए। अगर सपा ने
छात्रों की बात नहीं मानी तो लोकसभा चुनावों में उसे
भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
निखिल भारतवर्षीय पिछड़ा वर्ग महासभा के
महासचिव इंजीनियरछविनाथ सिंह यादव ने
कहा कि 65 वर्षों बाद भी पिछड़े वर्ग
को उसका हक नहीं मिला।
सरकारी नौकरियों मेंपिछड़ा वर्ग
का प्रतिनिधित्व सिर्फ सात प्रतिशत है।
न्यायवादी छात्र संगठन, उत्तर प्रदेश के प्रांतीय
अध्यक्षउपेंद्र यादव के नेतृत्व में मंगलवारको बैठक
हुई। बैठक में सपा व बसपा सरकार की निंदा करते
हुए कहा गया कि दोनों दलों की सरकार आरक्षित
वर्गों के वोटों से बनती हैं। इसके बावजूद उनके
कार्यकाल में ही आरक्षित वर्ग
की उपेक्षा हो रही है। अखिल भारतीय प्रबुद्ध
यादव संघ ने लोकसेवा आयोग उत्तर प्रदेश
द्वाराअपनाई गई ओवरलैपिंग आरक्षण
व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है।
•बोले- सपा और बसपा दोनों ही आरक्षण विरोधी
•धरनास्थल पर छात्रों के साथ किया प्रदर्शन
•आरक्षण की त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू करने
की मांग
ReplyDeletePriy sathiyo ...
aap se vinamra nivedan krta hu ki plz aaj mujhe call na kare.
aaj mai bahut pareshan hu. mai call receive nahi kar paunga.
next date 6 august
ReplyDeleteKort main ky ho raha hai?
ReplyDeleteTell me some one.
ReplyDeleteALI KHAN JI AAP KO MERI SALAH HAI KI AAP TENSION NAA LE AAP JAISE AGUA LOG HI TENSION LENGE TO BAAKIO KA KYA HOGA AUR TENSION KISI BHI SAMASYA KA HAL NAHIN HAI PLEASE KEEP PATIENCE.SAB KUCHH THEEK HO JAYEGA.
ReplyDeleteALI KHAN JI,YEH SARKAR AUR COURT DONO GOONGI AUR BAHRI HAIN INKO SUNANE KE LIYE WO SAB KARNA PADEGA JO BRITISH RULE MEIN SHAHEED-E-AAZAM BHAGAT SINGH NE ANGREZO KE KAAN KHOLNE KE LIYE KIYA THA.
ReplyDeleteaaj meri ek aur bhawishwadi sahi sabit hue.. aj sunwai nhi hui, hoti b kaise gov power jindabad... ab ek aur authentic news sun lo... nov tak abhi sirf date hi milegi.. dec me sunwai ho sakti hai...
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ReplyDeletemai apne str se kewal ye kahna chahta hu ki jo bhi tetians apna( hum sabka) hit chahte hai wo ratnesh aur tomar bhai ke sath aaye.
ek aitihasik aandolan ke liye taiyyar rahe.
ghar me ghuskar baithne ka anjam aap ne dekh chuke hai. ab samay ghar me ghuskar marne ka hai.
ghar me baithkr intezar krne walo ye mat bhulo 31 march 2014 aane me jyada samay nahi bacha hai aur beech me chunavi adhisuchna bhi laagu hogi.
ab ghar baitho ya apna bhavishya dekho.
the choice is yours.
sushil bhai aap ne bilkul thik kaha.
ReplyDeletetet
ReplyDeletewale 2 sal se vakil to dhodh nhi pa rhe case kya khak jitege.. gov fuk
maregi ,ye ud jayege... rok b gov ne lagwai thi, ye to kewal madhym
the.. gov ko loksabha ka labh lena hai... tet merit chahne wale saikdo
hai par acd chahne wale lakho hai... ab to ap log ko sb clear ho gya
hoga k bhrti kb aur kaise hogi... so do'nt take tention b happy.. evry
thing is clear now.. gov abhi btc aur juniar bhrti par concentret kr rhi
hai, jb khali hogi to dhayan jarur degi.
tu aur teri sarkar (harami ki aulad) salo kabhi apane gande iradon men safal nahi hoge.
DeleteACCHHA HUA JO TUNE SANT BANKAR BHEEK MANGNE KI ADAT BANA LI HAI KYONKI BHARTI TO TET MERTI KE ADHAR PAR HI HOGI JISSE USME TERA SELECTION TO KATAI HOGA NAHIN TO TUMHE BHEEK MANGKAR HI APNA AUR GHAR KA KHARCH CHALANA PADEGA
ReplyDeleteACCHHA HUA JO TUNE SANT BANKAR BHEEK MANGNE KI ADAT BANA LI HAI KYONKI BHARTI TO TET MERTI KE ADHAR PAR HI HOGI JISSE USME TERA SELECTION TO KATAI HOGA NAHIN TO TUMHE BHEEK MANGKAR HI APNA AUR GHAR KA KHARCH CHALANA PADEGA
ReplyDeletehi
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ReplyDeleteALLAHABAD UCH NYAYALYA SARKAR KE HATHO
BIK CHUKA HAI SUPREME COURT KI NAZAR RTE
KO BHARAT ME LAGU KARNE PAR HAI OUR RTE KE PRAVDHANO KO SC BHARAT ME SAKHTI SE LAGU
KARWANA CHAHTA HAI TO USI SUPREME COURT
KO BATAYA JAYE KE UTTAR PRADESH ME COURT
OUR SARKAR KI MILI BHAGAT SE RTE KAISE LAGU
NAHI HO PA RAHA HAI TET HOLDERS KO AB SC KA RUKH KARNA CHAHIYE
ReplyDeleteTet sathiyo
Namaskar
ab samay aa gaya hai karo ya maro ka...
Tet news update nimn hai..
(1)- aaj mahapatra g k awakash pr hone k karan
apni sunwayi nahi huyi.
(2)- agali date 06/07/2013 ki mili hai.ummid yahi
hai ki 20 August tk apne pax me faisala aa jay.
(3)- aaj ek meeting me is niskars pr panhucha
gaya hai ki aanewali Teesari sunwayi pr adhik se
adhik sankhya me Allahabad panhuche taki ek
sanketik pradarshan safaltapurvak ahoot kiya ja
sake jisame sabhi responsible authority ko ye
chetawani di jay ki yadi ati shighr kux nahi kiya
gaya to humara sanyam kabhi bhi toot sakta
jisake jababdeh aap sabhi honge.
(4)-saath hi ek bahut bada andolan hume 10
September 2013 ko karana hai jisaki tithi aaj hi
nirdharit kar li gayi hai (aanewali parixayo ko
dhyan me rakhate huye).
(5)-10/09/2013 k andolan k liye abhi se kamar kas
le aur please tan man dhan aur samay k saath
abhi se lag jaye samay bahut kam hai.
(6)- zila astar pr apna sangathan na kewal
majboot kare apitu adhik se adhik sankhya me
logo ko jode isame ziladhayxo ki bhoomika jyada
mahatavpurn hogi.
(7)- dhyan rahe ye humari antim aur nirnayak
ladayi hogi jisame humara sankhya bal aur
paraspar visavas tatha sahmati hi nirnayak
bhoomoka nibhayegi.
(8)- hum un sabhi tetiano se ye agrah aur
aawahan karte hai ki 10/09/2013 ki tarikh ko
pradesh k kone kone tk na kewal panhucha de
varan ye bhi sunischit kare ki ye din humare liye
aar ya paar ka din ho .
aayiye hum sabhi is baat ka sanklp aur sapath le
ki aapasi bair bhav aur aham ko bhulakar 10
September ki tithi ko andolano k itihas me ek
etihasik tithi bana denge aur apne adhikar ko
xeen k rahege.
Jay Tet
22June Ko Barsat Hogi. "Bhavishyavani"
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ReplyDeleteAaj allahabad me hui meeting me Ratnesh Pal ,
Sujeet Singh ,Vijay Singh Tomar,Sadanand
Mishra,rajesh pandey, Rakesh Tripathi, vivek
pratap ,me swayam evam anya sakriya sathiyo ki
majoodgi me age ki ranneetiyo par vichar kiya
gaya tatha tay hua ki ....
6 august ki hearing ke baad 3sri date me basic
nideshak ko gyapan diya jayega sath hi hc dwara
sakaratmak rukh na apnaye jane par supreme
court se direction lene ki shuruwat ki jayegi aur
uske baad 10 september ko pradesh stareey
vyapak andolan kiya jayega, jiska sthan jila
adyaksho ki meeting me tay kiya jayega
ReplyDeleteमेरी समझ में एक बात नहीं आ रही कि आखिर कब
तक हम सभी लोग डेट का इंतजार करते रहेंगे,
क्या सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित
याचिका भी नहीं की जा सकती कि आखिर उ0
प्र0 सरकार अपने अडियल रवैये पर कब तक
टिकी रहेगी और एनसीटीई की दी गई समय
सीमा को कोर्ट के अनिर्णय की आड लेकर कब तक
लैप्स करती रहेगी।
एक बात और कि ये जनहित
याचिकाओं के संदर्भ में हमारे मध्य जो भ्रम
फैला रहता है कब निर्णय आएगा अरे सुप्रीम कोर्ट
के पिछले निर्णयों को प्रकाष में रखते हुए देखा जाए
तो कुछ ज्वलंत केसेज में तो निेर्णय ⁄स्टेटमेंट⁄डायरेक्संश
बहुत जल्द एक दो सप्ताह में ही आ जा रहे हैं।
तो क्या हम इसी तरह शनैः–
शनैः अपनी भर्ती की मृत्यु होते हुए देखते रहेंगे
आखिर कब तक
ReplyDeleteइलाहाबाद (एसएनबी)। परीक्षा नियामक
प्राधिकारी कार्यालय ने शिक्षक
पात्रता परीक्षा-2014 (टीईटी)
की तैयारियां शुरू कर
दी हैं।
शासनादेश मिलते ही आवेदन प्रक्रिया शुरू
हो जाएगी। सचिव परीक्षा नियामक
प्राधिकारी कार्यालय सूत्रों के मुताबिक
टीईटी के लिए
सितम्बर माह में आवेदन ऑनलाइन किये जा सकते हैं
तथा दिसम्बर में परीक्षा करायी जा सकती है।
यूपी टीईटी-2013 की परीक्षा में सफल न होने
वाले
या बीटीसी, बीएड सहित अन्य प्रशिक्षण
पूरा करने
वाले लोग भी इसमें शामिल हो सकेंगे।
यूपी टीईटी-2013 में जो भी खामियां थी उसे
यूपी टीईटी- 2014 में उसे दूर कर दिया जाएगा।
सचिव परीक्षा नियामक
प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव
ने बताया कि यूपीटीईटी-2014 की ऑन लाइन
आवेदन
लेने की तैयारियां चल रही है। आवेदन पत्र लेने और
परीक्षा कराने के बारे में शासन से जो भी निर्देश
मिलेगा उसका पालन किया जाएगा।
टीईटी सार्टिफिकेट पर रहेगा विशेष रंग व जानकारियां :
टीईटी- 2013 के प्रमाण पत्र को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए सचिव
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय इस बार
विशेष व्यवस्था करने जा रहा है। सचिव
नीना श्रीवास्तव ने बताया कि प्रमाणपत्र पर
सचिव
परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश व
उत्तर
प्रदेश सरकार हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में
लिखा रहेगा। इस दौरान प्रमाणपत्र पर
अभ्यर्थी की रंगीन फोटो, नाम, पिता का नाम,
जन्म
तिथि और पता सहित अन्य जानकारियां रहेंगी,
जिससे
कि किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा न हो सके।
25 वर्ष तक सुरक्षित रहेगी ओएमआर शीट :
टीईटी-2013 की ओएमआर शीट 25 वर्ष तक
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
इलाहाबाद में सुरक्षित रहेगी।
News updated by sant: 6 aug ko b sunwai nhi hogi.. new date 13 hogi.. hi hi hi
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ReplyDelete.
Sanskrit me yek kahawat hai
.
. Ahiram be gunaaham
2godaham
.
sab to sudhar gaye achhi -achhi jagah pahuch gaye.
.
lakin to nahi sudhra hardum hi hi karata rahata hai.
ReplyDeleteअपने भाईयों, एवं मित्र युवक व युवतियों को जब
परेशानी में देखता हूँ तो मै भी चिन्ताग्रस्त
हो जाता हूँ लेकिन थोड़ा बहुत कानून
की जानकारी होने के कारण खुद को तसल्ली दे
लेता हूँ परन्तु तनावग्रस्त तो बना ही रह जाता हूँ
कि अपनों को तसल्ली कैसे दूँ उनका सब्र टूट चुका है।
ईश्वर अब आप ही उन्हे तसल्ली दे सकते है। ईश्वर आप
यूपीसीएम को सद्बुद्धि दें। मै भावनात्मक
प्रबृत्ति का इंसान हूँ।
शिक्षक भर्ती मामले में न्यायालय में जो कुछ
ReplyDeleteहो रहा है मेरे नजर में बिल्कुल आश्चर्यजनक नहीं है
जिस तरह से सरकार ने न्यायालय में पहला विज्ञापन
वापस लिया उसी तरह से महापात्रा की पीठ में
सरकार का विकल्प प्रस्तुत
करना मजबूरी होगी अन्यथा ऐसा फैसला आ
जायेगा कि जिसे ना मानना तो धर्मसंकट की बात
होगी लेकिन मानना उससे भी अधिक कठिन
हो जायेगा।सरकार को इस विषय का आभास है।हमें
मीटिंग का फैसला स्वीकार है।
yeh baat to bilkul sahi hai ki HC mien aisa date par date hota hai aur yeh bhi sahi hai ki jaane kitne logon ke case 20-5 saalon se chal rahe hai. achar sahinta is baar bhi laagu hojayegi agar HC ne govt ko naya form nikalne ko kaha aur phir Akhilesh sarkar shikshamitron ko hi teacher banayegi agar is samay accha hai to woh hain chunav ka hone nahin to char saal aur wait karna. isliye SC ka rasta apnana accha hai kyunki wahan par Allahabad jaisa bhrast mahol nahin hai.
ReplyDeleteRESERVATION SHOULD BE 50 PERCENT FEMALE TEACHERS IN EDUCATION IN UPTE N JAHAN
ReplyDelete50 PERCENT RESERVATION SHOULD BE TO LADIES TEACHERS BECAUSE ONLY LADIES TEACHERS CAN TEACH IN PRIMARY SCHOOLS BETTER THAN MALE TEACHERS M ARA
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