लखनऊ : प्रदेश के सरकारी महकमों के लिए स्वीकृत पदों के कम से कम 10 फीसद पदों पर हर साल भर्ती की जाए। कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही सभी महकमों को इस आशय के निर्देश भेजे जाएंगे।
प्रदेश के इंजीनियरिंग, लिपिकीय, समीक्षा अधिकारी, शिक्षक, ग्राम विकास और ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल जैसे पदों पर तैनात कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं और नई भर्ती हो नहीं पा रही है। जिससे रिक्तियों का बैकलाग बढ़ रहा है। जिससे प्रभावित हो रहे सरकारी कामकाज पर अंकुश लगाने के लिए कार्मिक विभाग ने विभिन्न विभागों के लिए स्वीकृत पदों के 10 फीसद पर हर साल भर्ती करने का प्रस्ताव तैयार किया था।
प्रमुख सचिव कार्मिक राजीव कुमार द्वितीय की ओर से तैयार प्रस्ताव में कहा गया है कि समय से नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं, जिससे काम प्रभावित हो रहा है। देर से नियुक्तियां होने से कई महकमों में अनुभवी कर्मचारियों का अभाव हो जाएगा।
कार्मिक विभाग ने आकड़ों का हवाला देकर कहा था कि कुछ सालों तक ज्यादातर विभागों के तकरीबन 10 फीसद कर्मचारी सेवानिवृत होंगे, लिहाजा इन पदों पर हर साल नियुक्ति की जाए। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी मंजूरी मिल गयी है।
प्रमुख सचिव राजीव कुमार द्वितीय ने स्वीकार किया है कि सरकारी महकमों में हर साल 10 फीसद नियुक्तियों का कार्यकारी आदेश जारी किया जा रहा है
News Sabhaar : Jagran (25.7.13)
ReplyDeleteसंजय मोहन की पत्नी ने लगाए साजिश के आरोप
तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक
की पत्नी ने
मुख्यमंत्री से की न्यायिक जांच की मांग
लखनऊ (डीएनएन)। टीईटी परीक्षा-2011
परिणाम में
धांधली के आरोप में जेल गए (अब जमानत पर रिहा)
माध्यमिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन
निदेशक संजय मोहन की पत्नी सरोज मोहन ने अपने
पति को फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप
लगाया है।
उन्होंने कहा है कि कानपुर देहात स्थित
थाना अकबरपुर
के पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी ने यह सब कुछ
विभागीय अधिकारियों के साथ साठ-गांठ कर
किया था। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव से पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराने
की मांग की है। अपने 61 पेज के दस्तावेजों में
श्रीमती सरोज ने घटना से
जुड़ी तमाम जानकारियां मुख्यमंत्री को भेजी हैं।
इसमें
कहा गया है कि पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश
त्रिपाठी की विभागीय अधिकारियों के साथ
एक
लंबी डील हुई थी। इस साजिश के तहत
श्री त्रिपाठी मेरे
पति (संजय मोहन) को 7 फरवरी 2012 को उस समय
अपने साथ ले गए थे जब वह मुख्य सचिव की बैठक के
बाद
अपने सरकारी आवास (निशातगंज) पर भोजन करने आए
थे। श्रीमती सरोज मोहन ने अपने शिकायती पत्र में
कहा है कि मेरे पति को गिरफ्तारी के समय
अपनी सफाई देने का मौका नहीं दिया गया।
ReplyDeleteबड़ा दुःख होता है ,,,,जब हम इतने दिनांक से १
नयी दिनांक का इंतजार करते है,,,,लागत है
अपनी खोपडिया में भी लागत है,,, बस मेरी समझ में
2 बात नहीं आती की ,,,,१.अगर हमारी किस्मत
ख़राब है तो ,,,,क्या इतने लोगो में(टेट मेरिट चाहने
वाले ) ब्रम्हांड में मौजूद
किसी भी राशी की किस्मत सही नहीं है,,,,,its
mean luck is nothing ,,,,, न कोई ग्रह न लोई
दशा ,,,,,
२. अगर हमारे संघठन और केस देख रहे भाइयो में से
कोई विभीषण वाला कम करेगा तो क्या उसको जॉब
नहीं चाहिए ? आखिर इस तरह कोई जिंदगी भर
कितने पैसे कमा सकता है ? और कितने दिन
कमाएगा ?
भाई क्या आज हम उतनी संख्या बल में है जितने
आखिरी बार हुए ,,,,(लाठीचार्ज) में थे,,,,
संख्या बल गिरने का कारन ,,,,,शायद टेट संघर्ष
मोर्चे में कोई नहीं जानता ,,,,,और न जान- ने
की कोशिश है,,,इतना बड़ा संघठन सिर्फ
फेसेबुकिया तक सीमित करने की कोशिश
की जा रही है,,,,,इस लाठीचार्ज के बाद ,,,,,मुझे
लगता है की सिर्फ २ - ४ जिलो को छोड़कर अब
किसी अन्य जिले में हमारे जिलो में साप्ताहिक
बैठक भी नहीं होती जिसमे कम से कम,,,, हम
किसी संसय को दूर कर सके ,,,,ताकि आपस में
विश्वाश बने,,,,,हमारा संख्या बल बरक़रार रहे,,,
भाई मै तो यही कहूँगा,,,१ बार हम अपने बेहतरी के
लिए १ साथ खड़े होकर हाथ जोड़ कर ,,,,,इस सावन के
महीने में दुवा तो कर सकते
है,,,,अपने अग्रणी साथियों से आग्रह है की अब कुछ
तो सोचो,,,
क्योकि हमें अपनी जीत का अब सिर्फ
सर्टिफिकेट चाहिए ,,,, उसके लिए भागदौड़
तो करनी पड़ेगी,,,,,ढीले बैठोगे तो दफ्तर
में ,,,आपका अंक पत्र सड़ जायेगा,,,,,ये भारत है ,,,,
और हां १ बात मै और बता दू इन दोनों advt . में से
किसी १ में भी wtg तो मिल ही नहीं सकता,,,,,ये
परम सत्य है,,,wtg मिलना मतलब .......?
कानूनन ..........और अगर अब नया विज्ञापन
आया तो कन्फर्म ३१ मार्च २०१४ बीत
चुकी होगी,,,,तो फिर अगर vacancy
भरनी है ,,तो फिर इन्ही दोनों में से १ है,,,
कुछ भाई लगातार आन्दोलन की बात कर रहे है,,,
आखिर हम किसके लिए आन्दोलन करे ? कोर्ट के
खिलाफ आन्दोलन कर नहीं सकते ,,,,अगर आन्दोलन कर
के कोर्ट कार्यवाही में गति प्रदान
की जा सकती हो,,,तो अब तक ऐसे कई मशहूर केस
है ,,,,जो काफी समय से पेंडिंग में है,,, क्या वो लोग
आन्दोलन कर के कोर्ट के ऊपर दवाब
नहीं बना सकते ,,,,,???
अगर सर्कार के खिलाफ करते है ,,,तो वो तो हमारे
खिलाफ पहले से ही है,,,आन्दोलन करने से टेट मेरिट के
लिए सर्कार कभी राजी नहीं हुयी ,,,,,, तो अब
क्यों होगी? और सर्कार फिर वही राग आलापने
लगेगी की आपका मामला कोर्ट में है हम क्या करे?
मुझे लगता है की जब तक कोर्ट से
हमारा मामला फाइनल न हो जाये तब तक ,,हम आन्दोलन
कर के अपने लिए और मुसीबत
ही कड़ी करेंगे...और कोर्ट से फाइनल होने से पहले
हमें अपने संख्या बल में १ बार
पुनः पुराणी वाली मजबूती लानी होगी .....जिसके
लिए अभी से ही ,,,,हमे फिर से अपने संगठन को हर
स्तर पे मजबूत करना होगा,,,,, जिलों के
सभी पदाधिकारी और सदस्यों को कम से कम सप्ताह
में १ मीटिंग करनी ही चाहिए ,,,,
बाकि संगठन को जो उचित लगे,,,उसका समर्थन मै
तो करता हु. और आगे भी करता रहूँगा |
सत्यमेव जयते!!
ReplyDeleteTet sathiyo
Namaskar
Tet update
(1)-Keshari Nath Tripathi g se jo charcha huyi
usame unhone kaha ki abhi vo bahar ja rahe hai
vapas aane par hi is bare me baat karenge.
(2)-unhone yah bhi kaha ki jb tk case ka
adhyayan nahi kr lete usame swanyam k involved
hone ya na hone k bare me nischit roop se kux
nahi kah sakte.
(3)-rahi baat fee ki to vo gaund hai aur usake
bare me baat tabhi sambhav hai jb vo case me
khade hone k liye raaji ho jaate hai.
(4)- prayas abhi jaari hai niskars yahi hai ki 31 k
baad yadi parsthiti aur apne sansadhan hume
allowed karte hai to unhe khada kiya jayega.
Jay TET
tet mere bharti nahi tum le lo free laptop
ReplyDeletetet merit bharti nahi tum le lo free laptop
ReplyDeletetet merit bharti nahi tum le lo free laptop
ReplyDeletetet merit bharti nahi tum le lo free laptop
ReplyDeletesamsung gt s 6012
ReplyDeleteअली खान जी आप संजय मोहन की न्यूज देकर क्या कहना चाह रहे है अगर आप ये कहना चाहते है कि संजय मोहन पाक साफ है तो ये आप की भूल है इसने करोडो रुपये तदर्थ शिक्छको की वेतन बहाली मे लूटे है और जब इसके पाप का घडा भर गया तो यह चन्द रुपयो की लूट मे फस गया मै इसे जानता हूँ यह नँ 1 का भर्ष्ट अधिकारी था
ReplyDeleteAlok ji aap ye batane ka kast kare ki kon bhrast nahi hai aur bharst ki saja sirf Sanjay Mohan ko hi kyu.Aur bhrastata ki pahchan kya hai . Kya judge sahab bharst nahi hai wo bhi to apane duty ka palan nahi kar rahe hai. Ek case ka samay kitana hona chahiye. Hamare najar me to ye bhi ek anyay hai. Aaj Harkoli ji ne case kyu Transfer kar diya kya iska karan batana nahi chahiye ye bhi to bhrasta ki nishani hai iski bhi to saja honi chahiye
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