लखनऊ : प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण नियमों में बदलाव को लेकर इलाहाबाद में शुरू आंदोलन सोमवार को हिंसक हो उठा। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के बाहर जुटे हजारों प्रतियोगियों ने डेढ़ दर्जन से अधिक बसों में तोड़फोड़ की। कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और मार्च करते हुए मुख्य बाजार सिविल लाइंस को बंद करा दिया। इस दौरान प्रतियोगियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सपा के एक विधायक के घर पर पथराव भी किया। शहर के मुख्य स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आयोग की भी पुलिस ने घेराबंदी कर रखी है।
ज्ञातव्य है कि पीसीएस मुख्य परीक्षा 2011 में आरक्षण नियमों को परिवर्तित करने से सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी नाराज हैं। इसके विरोध में पिछले एक सप्ताह से छात्र आंदोलनरत हैं। आज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन का एलान किया था। दस बजे से सैकड़ों छात्र जुलूस की शक्ल में आयोग पहुंच गए थे। यह संख्या हजारों में पहुंच गई। आयोग की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं होने पर छात्र जुलूस की शक्ल में सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे की ओर बढ़े और रोडवेज बस स्टैंड के पास पहुंचते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी।
News Sbahaar : Jagran (15.7.13)
धोबी को गुस्सा आता है तो गधे
ReplyDeleteको पीटता है पर जब काँग्रेस
को गुस्सा आता है तो पेट्रोल की कीमत__________ है !!!
Aakhir phir next date mil hi gayi aise hi date par date milati rahegi ye sarkar na aaj tak bharti karwa pai h aur na karwa payegi bus bhartiya hi nikalti rahegi.
ReplyDeleteएक राजा था। उसने आज्ञा दी कि संसार में
ReplyDeleteइस बात की खोज की जाए कि कौन से
जीव-जंतु निरुपयोगी हैं। बहुत दिनों तक खोज
बीन करने के बाद उसे
जानकारी मिली कि संसार में दो जीव
... जंगली मक्खी और मकड़ी बिल्कुल बेकार हैं।
राजा ने सोचा, क्यों न जंगली मक्खियों और
मकड़ियों को ख़त्म कर दिया जाए।
इसी बीच उस राजा पर एक अन्य
शक्तिशाली राजा ने आक्रमण कर दिया,
जिसमें राजा हार गया और जान बचाने के
लिए राजपाट छोड़ कर जंगल में चला गया।
शत्रु के सैनिक उसका पीछा करने लगे।
काफ़ी दौड़-भाग के बाद राजा ने अपनी जान
बचाई और थक कर एक पेड़ के नीचे
सो गया। तभी एक जंगली मक्खी ने
उसकी नाक पर डंक मारा जिससे
राजा की नींद खुल गई। उसे ख़याल
आया कि खुले में ऐसे सोना सुरक्षित
नहीं और वह एक गुफ़ा में जा छिपा। राजा के
गुफ़ा में जाने के बाद मकड़ियों ने गुफ़ा के
द्वार पर जाला बुन दिया।
शत्रु के सैनिक उसे ढूँढ ही रहे थे। जब वे
गुफ़ा के पास पहुँचे तो द्वार पर
घना जाला देख कर आपस में कहने लगे,
"अरे! चलो आगे। इस गुफ़ा में वह
आया होता तो द्वार पर बना यह
जाला क्या नष्ट न हो जाता।"
गुफ़ा में छिपा बैठा राजा ये बातें सुन
रहा था। शत्रु के सैनिक आगे निकल गए।
उस समय राजा की समझ में यह बात आई
कि संसार में कोई भी प्राणी या चीज़ बेकार
नहीं। अगर जंगली मक्खी और मकड़ी न
होतीं तो उसकी जान न बच पाती। इस
संसार में कोई भी चीज़ या प्राणी बेकार
नहीं। हर एक की कहीं न कहीं उपयोगिता है।
YOU are right SMARTY ________G
ReplyDeletejay acd merit tet walo next date ka lole-pope chusoo
ReplyDeleteCOPY PASTE FROM ALI KHAN's WALL
ReplyDeleteमेरा एक सुझाव है सभी टेट और एकडमिक मेरीट
समर्थकों को,,,
हम सभी 2.5 लाख लोग 100 100 रूपये
मिला कर सुप्रीम कोर्ट में एक अपील करे
कि हम सभी को सामूहिक मृत्युदंड
की सजा दी जाए।
हमारा गुनाह हम उन्हें एक एक कर के बतायेंगे -
पहला गुनाह कि हम भारत देश में जन्म लिये,जहाँ न
कोई कानून है न को नीति।हर चीज़ यहाँ पैसे और
पावर से हासिल की जाती हैं।भारतवर्ष में एक
मध्यमवर्गीय परिवार मे जन्म लेना ही एक सबसे
बड़ा गुनाह है।
गुनाह नंबर दूसरा भारत में जन्म लिए तो लिए उत्तर
प्रदेश में बस कर एक दूसरा गुनाह कर बैठे,उत्तर
प्रदेश को अगर धरती का नरक कह जाये तो यह कम
नहीं होगा।यहाँ कोई एक
सरकारी व्यवस्था ऐसी हो जिसके बारे में कोई यह
कह दे कि ये व्यवस्था बिल्कुल ठीक काम कर
रही है तो मैं थूक कर चाट लूंगा।यहाँ चाहे
मायावती का राज हो या मुलायम का भुगतना आम
जनता को ही पड़ता है।उत्तर प्रदेश में एक आम
आदमी के जीवन स्तर से बेहतर गुजरात और
मध्यप्रदेश के पशुओं का जीवन स्तर है।
तीसरा गुनाह हमारा यह कि हम लोगों ने बी•एड•
कर लिया,यह गलती अन्जाने में की गई गलती है
लेकिन
गलती तो गलती ही मानी जायेगी इसलिए यह
भी हमारा एक बड़ा गुनाह माना जाए।
चौथा सबसे बड़ा गुनाह यह कर डाला हम लोगों ने
कि टेट का परीक्षा पढ़ कर मेहनत से पास कर
लिया,यह एक ऐसा पाप हम लोगों ने कर दिया है
जिसकी सज हमें इलाहाबाद हाई कोर्ट दो सालों से दे
रहा है।हमारे 14 भाई बहन इस दौरान काल के गाल
में समा भी चुके हैं।एक एक कर के हम लोगों को मारने
से अच्छा होगा कि हमें सामूहिक मृत्युदंड दे
दीजिए।
हमारा पाँचवाँ गुनाह यह है कि हम लोगों ने इस देश
की विशेष रूप से इलाहाबाद हाई कोर्ट की न्याय
व्यवस्था पर विश्वास किया।मैं इस पर ज्यादा कुछ
नहीं कहूंगा,माननीय उच्चतम न्यायालय और हम
सभी लोग जानते हैं कि यहाँ क्या क्या कैसे कैसे
होता है।
यह पाँच गुनाह काफी है हम लोगों को सजा देने के
लिए।
Hame sabse pahale apni nirasha par stay lena hoga. Hamari ladayi sayad lambi hone vali hai. Atah hame apne dil aur dimag ko majbut karana hoga tabhi Bhartiya nyay vyavstha se apni jeet par muhar lagva sakege.
ReplyDeleteKuch mitragan SC chalo ka nara bulanad kiye huye hai. Mai unaka dil se samarthan karata hu, lekin ek proper way se. Jab tak hame HC se mukti nahi milegi SC se bhi kuch nahi milane vala hai. Ek bar hamlog SC jakar dekh chuke hi hai. Agar koyi rasta ho to phir hamare sathiyo dwara jarur ajmaya jayega.
ReplyDeleteabe tet walo thumara to ek he sidant hi ke ye bhareti na ho sarkar ko kyo banam karte ho write to tum logo ne he dale hai
ReplyDeleteTum acd merit wale chilate rho bharti hogi to sirf tet merit se hi hogi dekhte rahna.
ReplyDelete
ReplyDeleteआरक्षण नियमों में बदलाव पर सरकार से जवाब तलब
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : हाई कोर्ट ने उप्र लोक
सेवा आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण
नियमों में बदलाव किए जाने पर राज्य सरकार व
आयोग से जवाब तलब किया है। अभ्यर्थियों ने हाई
कोर्ट में आयोग के इस आदेश को चुनौती दी है। कोर्ट
ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय
निर्धारित किया है। मामले की सुनवाई 22
जुलाई को होगी। सुधीर कुमार व अन्य की ओर से
दाखिल इस याचिका की सुनवाई
न्यायमूर्ति एलके महापात्र तथा न्यायमूर्ति राकेश
श्रीवास्तव की खंडपीठ ने की। याचिका में
परीक्षा के दौरान हर स्तर पर आरक्षण की नई
नीति लागू करने को चुनौती दी गयी है।
याची का कहना है कि अन्य पिछड़ा वर्ग
की एक जाति विशेष को आरक्षण की आड़ में
नाजायज लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
इस व्यवस्था से सामान्य वर्ग के
प्रतियोगियों का भविष्य आयोग दांव पर
लगा रहा है। याची का कहना है कि 1994
की आरक्षण नियमावली के तहत पद के सापेक्ष
नियुक्ति में आरक्षण दिया जाना चाहिए परंतु आयोग
ने चयन प्रक्रिया के हर स्तर पर आरक्षण लागू कर
सामान्य वर्ग के प्रतिभागियों के अवसर को कम
कर दिया है। आरक्षित जातियों को आरक्षण की 50
फीसद सीमा से अधिक सीटों पर चयन कर सुप्रीम
कोर्ट के फैसले का मखौल उड़ाया जा रहा है।
सरकार की तरफ से
कहा गया कि नियमावली के तहत ही आरक्षण
दिया जा रहा है। आरक्षित श्रेणी के
अभ्यर्थियों द्वारा मेरिट में स्थान पाने पर सामान्य
श्रेणी में शामिल किया जाना विधिसम्मत है।
अदालत के समक्ष प्रश्न यह है कि क्या चयन
प्रक्रिया में हर स्तर पर आरक्षण देकर परिणाम
घोषित किया जा सकता है?
एक छोटा बच्चा था ।
ReplyDeleteबहुत ही नेक और होशियार था । पढ़ने में भी काफी तेज था ..
एक दिन वो मंदिर में गया ।
मंदिर के अन्दर सभी भक्तो भगवान के दर्शन कर रहे थे और
मंत्र बोल रहे थे । कुछ भक्त स्तुतिगान भी कर रहे थे । कुछ
भक्त संस्कृत के काफी मुश्केल श्लोक भी बोल रहे थे।
लड़के ने कुछ देर यह सब देखा और उसके चहेरे पर
युही मायूशी छा गयी । क्युकी उसे यह सब प्राथना और मंत्र
बोलना आता नहीं था ।
कुछ देर वहा खड़ा रहा और कुछ उपाय खोजने लगा ।
कुछ पल में ही लड़के के चहेरे पर मुस्कराहट छा गयी । उसने
अपनी आँखे बंध की , अपने दोनों हाथ जोड़े और दश बार A-B-
C-D बोलने लगा।
मंदिर के पुजारी ने यह देखा उसने लड़के से पूछा की "बेटे तुम यह
क्या कर रहे हो , लड़के ने पूरी बात बताई ।"
पुजारी ने कहा की ” बेटे भगवान से इस तरह से
प्राथना नहीं की जा सकती, तुम तो A-B-C-D बोल रहे हो ।”
लड़के ने उत्तर दिया की ” मुझे प्रार्थना , मंत्र , भजन
नहीं आते . मुझे सिर्फ A-B-C-D ही आती है . प्रार्थना ,
मंत्र ,भजन यह सब A-B-C-D से ही बनते है ।
मैं दस बार A-B-C-D बोल गया हूँ । यह सब शब्द में से भगवान
अपने लिए खुद प्राथना , मंत्र , भजन बना लेंगे ।
लड़के की बात सुनकर पुजारी जी चुप हो गए । उनको अपनी भूल
का एहसास हो गया । उन्होंने बच्चें को बहुत सारा प्रसाद
दिया और एक प्रार्थना सिखा दी ।
बोध –सीख
प्रार्थना हदय को साफ और निर्मल करती है ..
शब्दों का महत्व नहीं है – भाव का महत्व है ..
नेक दिल से की हुई प्रार्थना भगवान तक जरूर पहुचती है ..
प्रार्थना के अन्दर जब भाव मिल जाता है तो भगवान के दर्शन
जरूर होते हैं।
nice SMARTY _________G
ReplyDelete
ReplyDeleteJo sathi is bharti process se bahut dukhi hai aur koi galat kadam uthane ki sochte hai..wo ye nhi sochte ki hum is bharast system ko kyo khatam nhi karte.. kyo hum jeene se bhagte hai.. sathiyo aise logo me wo junun hota hai. ek din me duniya palat sakte hai.. sathiyo ho jao ready.. khalo kasam ki ek din is system ko jadd ukhad denge.. hum marenge nahi balki maar dalenge... gov. ki chaal safal ho rahi h... kuchh Karne ka samay aa gaya hai...
JAIL WALI KE LIYE
ReplyDeleteZindagi khusi ke liye,
Dil pyar ke liye,
Rishtaa nivane ke liye,
Mobile jarurat ke liye,
Miss call yaado ke liye,
Yeh SMS sirf tumko.
how are you puchne ke liye...
एक बार एक आदमी दौड़ा-दौड़ा डॉक्टर
ReplyDeleteके क्लिनिक में आया और उससे
बोला डॉक्टर, "साहब मेरी जान
बचा लीजिये।"
डॉक्टर उस आदमी को हौंसला देते हुए
बोला, " घबराओ नहीं शान्ति से मुझे
बताओ की बात क्या है?"
मरीज़: डॉक्टर साहब मेरे मुंह में
छिपकली घुस गयी है।
डॉक्टर हैरानी से, "अरे जब
छिपकली तुम्हारे मुंह में घुस
रही थी तो तुमने मुंह बंद
क्यों नहीं किया?"
मरीज़: गलती हो माई-बाप दरअसल जब
वह मेरे मुंह में घुस रही थी तो मैंने
सोचा की जो उस से पहले कॉकरोच मेरे
मुंह में घुसा था वह उसे पकड़ कर वापस
आ जायेगी।
खाने के बाद सात खतरनाक आदतों से बचें::
ReplyDelete===================
धुम्रपान-
विशेषज्ञों द्वारा किये शोध से ये
साबित हुआ है की खाना खाने के
तुरंत बाद सिगरेट या अन्य धुम्रपान
करने से शरीर को हानि होती है.
*तुरंत फल ना खायें- खाने के बाद फल तत्काल खाने से स्टमक में हवा भर
जाती है.जो उसे ब्लाक भी कर
सकती है.
*चाय ना पीयें- चाय की पत्ती से
हाई एसिड बनता है.जो प्रोटिन के
साथ मिल कर शरीर की पाचन
क्षमता को कम करता है.
*बेल्ट ढीली ना करें- खाने के तुरंत
बाद बेल्ट ढीला करने से इन्टेस्टाइन
में मरोड आ जाती है और वो अवरूद्व
हो जाता है.
*तत्काल वॉक से बचें- आम धारणा है
की खाने के बाद सौ कदम
चलना चाहिए .लेकिन रिसर्च से ये
साबित हुआ है कि इस क्रिया से
हमें भोजन से मिलने
वाला न्युट्रिशन भी प्राप्त नही होता.
*स्नान से बचें- भोजन के बाद स्नान
करने से रक्त प्रवाह में
वृधि हो जाती है.जिसके कारण
हमारे हाथ पैर में रक्त का संचार
अवरूद्व हो जाता है.जिससे
हमारा डाइजेस्टीव सिस्टम कमजोर हो जाता है.
*सोना मना है- तत्काल खाने के बाद
सोना हमारे शरीर के लिए
हानिकारक होता है .जिससे
की एसिडिट और गैस्टीक होने से
पाचन गंथि में इन्फैक्सन
का खतरा बढ जाता है.
महान गुणाँकियोँ को स्टे का दर्द अब महसूस हो रहा होगा । ठीक इसी तरह से हम लोगोँ की भी सिर्फ काउँसलिँग होनी थी, सारे डाक्यूमेण्ट्स तैयार थे लेकिन जिस तरह से हम लोगोँ को परेशान किया था इन गधोँ ने आज उन्हीँ पापोँ का फल मिल रहा है इन्हे ।
ReplyDeleteकहाँ गये श्रीमान कद्दु सिहं, खुजवाहा, झोलाछाप बन्दर, कह दो अपनी सरकार से, दम है तो हटवा ले स्टे ।
ReplyDeleteये टेट मेरिटियस तुम लोगोँ की तरह बददिमाग नहीँ, अभी तो तुम लोगोँ के आका सुप्रीप कोर्ट मेँ बैठे हैँ, जिसके लिये कैविएट भी पड़ा हुआ है ।
ReplyDeleteये भर्ती होगी तो केवल बस केवल और केवल टीईटी मेरिट से, चाहे 10 वर्ष पश्चात हीँ क्योँ न हो ।
विशेष-
ReplyDeleteअधिक जानकारी के लिये अभी हाल हीँ मेँ दरोगा भर्ती का पुराना विज्ञापन बहाल हुआ है, उसका अवलोकन करेँ और खुद को एसी परिस्थिति का सामना करने के लिये तैयार रखेँ ।
जय टेट मेरिट......
अखिलेश ने नहीं चुकाए लैपटॉप के पूरे पैसे
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश में स्टूडेंट्स को लैपटॉप देने
की योजना बीच में ही अटक सकती है
क्योंकि अखिलेश यादव सरकार ने अभी तक मिले
लैपटॉप की कीमत नहीं चुकाई है। इस पर लैपटॉप बनाने
वाली कंपनी हैवल्ट पैकर्ड (एचपी) ने और लैपटॉप
की डिलीवरी बंद करने की चेतावनी दी है।
टीओआई के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने हैवल्ट
पैकर्ड से पांच लाख लैपटॉप की डिलीवरी तो ले ली है
लेकिन उसकी कीमत नहीं चुकाई है। सरकार पर
अभी तक 900 करोड़ रुपए का बिल बकाया है।
इसके लिए जून 2012 में यूपी सरकार ने टैबलेट और
लैपटॉप वितरण की योजना के लिए 2,721.24 करोड़
के बजट की घोषणा की थी। इसमें से 400 करोड़
टैबलेट के लिए और बाकी लैपटॉप के लिए रखे गए थे।
इस रकम को एचपी को चुकाने के लिए केवल ऑर्डर के
जरिए इन्हें जिला अधकारी के खाते में जारी करने
की जरूरत है लेकिन यह भी नहीं हो पाया है। टैबलेट के
लिए दिए गए 400 करोड़ रुपए में से भी केवल 312
करोड़ ही जारी हो पाए। यह रकम भी टुकड़ों में चुकाई
गई।
laga di next date 23 july,,
ReplyDeleteye date court ki nahi Gov. ki hai,, kyonki wo sab jante hai hum log jo Vote dete hai wo vote dene ke baad vapis nahi hoti,,, agar voter kuch samaj bhi jaye to 5 saal tak to koi tnsn nahi,, ye baat sabhi mantri, vidhayak, CM, PM aur sab neta jante hai,, lekin kamal ki baat hai ki koi votar nahi janta ki, meri vote agar kisi galat neta ko chali gayi to wo vapis nahi hogi,,,, yahi karan hai kisi gov. ki manmani ka,,,, varna ye log to roj GOOD MORNING bolne ghar tak aayenge voter ke,,,,,,, ab usi majburi ke karan hum sab dhukhi hai,,, fir bhi chalo dekhte kya aage hota hai,,, ek din to humra bhi ayega,,, jab hum sab muskrayenge,,, aur ye bharasth log royenge,,, ,,,jai hind,,
पति -: फोन आया था..कल सुबह मां आ
ReplyDeleteरही है। उनकी ट्रेन सुबह 4 बजे पहुंच जाएगी ।
पत्नी -: अभी 4 माह पहले
ही तो तुम्हारी मां यहां से गई हैं।
फिर अचानक कैसे आ रही हैं ? कल रविवार है,
मैंने सोचा था, कल थोड़ा आराम से उठूंगी, लेकिन
तुम्हारी मां को रविवार
को ही आना है और वह भी सुबह 4 बजे। इतनी सुबह taxi कहां से ..... ?
.
.
.
पति -: मेरी... नहीं तुम्हारी मां आ रही है।
पत्नी-: अरे वाह... मम्मी ......? 2 माह हो गये उनसे मिले हुए।
सुनो ना मेरे पास taxi वाले का नंबर भी है
उसे फोन करलेते हैं कल सुबह ठीक टाईम पर आ जाएगा।
चलो अच्छा है कल सण्डे है बच्चों का स्कूल भी नहीं है
वे भी नानी को लेने स्टेशनजा सकेंगे...!
मेरे ख्याल से आज अपने केस में डेट बढ़ जाने के लिए अधिकाँश साथी पहले से ही मानसिक रूप से तैयार थे इसलिए उम्मीद है कि किसी को अधिक कष्ट नहीं हुआ होगा,,सिवाय एकैडमिक वालों या किसी भी तरह भर्ती समर्थकों के जिन्हें लगता था कि यदि हरकौली साहब ना होते तो अब तक स्टे हट चुका होता,,या यूं कहिये कि लगा ही ना होत्ता,
ReplyDeleteविज्ञान-गणित की जूनियर की भर्ती की घोषणा के साथ ही अब यह तय हो गया है कि हमारी भर्ती किसी भी स्थिति में जूनियर से पहले नहीं होने वाली क्योंकि यदि हमारी भर्ती पहले हो गयी तो जूनियर में भर्ती होने पर विज्ञान वर्ग के ऐसे लोग जिनके दोनों ही में अच्छे नंबर हैं जूनियर में चले जायेंगे और प्राथमिक में उनके द्वारा रिक्त पदों पर पुनः भर्ती करनी पड़ेगी ,,विज्ञान वर्ग में इस प्रकार की लड़कियों की भारी संख्या है,,, लेकिन एक बात भी तय है कि जूनियर का विज्ञापन हमारे पक्ष में फैसला आने तक नहीं आएगा,,
ReplyDeleteजिस तरह से इस बार टेट में जूनियर का पेपर आया है उससे यही लगता है कि सरकार का सारा ध्यान टेट 2011 वालों को एडजस्ट करने पर है
ReplyDelete
ReplyDeleteMy dear bharti supporers (tet merit or gunank) ,
good evening,
.
Ab samay aa gaya hai, jab sab ekjut hokar sadko
par utare aur pcs wale students ki tarah funk de
buses , tod fod de mauls aur show rooms ko...
Tabhi up ka jangle raaj khatm hoga, yaha ka nyay
vibhag bhi rajya sarkar ke dabav me hai, jo keval
date par date de raha hai...
.
Hamara sabhi zila adhyksho se nivedan hai ki ab
paiso ki vasuli n karke sharirik rup se sanghtan
majbut kare, aur jung ke liye taiyar ho jaye, ab
chahe sar kate ya jaan jaye, hame ye sangram
avasya ladna hoga...
Pcs ke keval 10 hjar logo ne sarkar ki naak me
dum kar diya , hum to bhala 1 lakh se adhik
hai...
.
Hamara un kayaro se bhi anurodh hai ki we fb
chodkar andolan ka hissa bhi liya karen... Kyoki
ye ladyi jnhit k hai.
.
Yadi 23 july ko judgement nahi aata hai ya
hearing nahi hoti hai, to gher lo hc ,
Tabhi is kamine kutto ko pata
chalega, ki madhyam v nimn vargiya logo ka jivan
star kya hota hai, unke liye naukari kya mayane
rakti hai ye khadi dhari gundo ko kya pata..
.
Tet varg itna upekshit hai ki private school ke
manager unka khoon aasani se chusate hai, wo
bhi berojgaro ki bhid me kam paiso pe..
.
Fir bhi sab log jab andolan hota hai, apne apne
private college me chipke rahte hai.,
.
Ab samay aa gaya ki sab log samuhik rup se
lucknow ya allahabad niklo , aur jung ka elan kar
do, taki sarkar ki aisi ki taisi ho sake...
,जूनियर की भर्ती के बाद टेट मेरिट से प्राथमिक में भर्ती होने पर विज्ञान के लगभग सभी अभ्यर्थियों का चयन हो जाएगा,,, नए विज्ञापन में विज्ञान-कला,पुरुष-महिला का वर्गीकरण नहीं होना इस बात का संकेत है कि जिस किसी ने भी उस विज्ञापन की योजना को अंतिम रूप दिया था उसने टेट 2011 के रिजल्ट का गहन अध्ययन किया था और टेट पास करने वाली लड़कियों की कम संख्या को ध्याjavascript:void(0)न में रखा था ,,,,,उसका लक्ष्य टेट मेरिट बनाम एकैडमिक मेरिट का विवाद इस तरह हल करना था कि मीडिया ने जिस समस्या को आखिलेश सरकार के गले में फंसी हड्डी बना दिया था उस हड्डी से कैल्सियम निकाला जा सके,,,
ReplyDeleteयह बात तो तय ही मान लीजिए कि सरकार पूर्व विज्ञापन बहाल होने के बाद भी नए विज्ञापन के पैसे वापस करके थूक कर चाटने का काम नहीं करेगी भले ही वो उससे बहत्तर हजार पदों पर चयन ना करके तीस हजार पदों पर करे,,,,
ReplyDeleteयदि सरकार पूर्व विज्ञापन की बहाली फैसला आने पर उससे भर्ती करने का संकेत देती है तो मेरे विचार से जूनियर में भर्ती में वेटेज की याचिका डालना बुद्धिमानी नहीं होगी क्योंकि वैसे भी विज्ञान वर्ग में नकलचियों की संख्या ना के बराबर ही है
ReplyDelete,,यदि याचिका हो ही गई तो कोर्ट भी वेटेज के बारे में कोई निर्णय देने से पहले हमारी भर्ती के बारे में सरकार के रुख को ध्यान में रखेगा,,,, वृहद पीठ के आदेश को संज्ञान में लेकर जूनियर की भर्ती को फंसा देना कोर्ट के बाएं हाथ का खेल है और उसी आदेश को मात्र निर्देश मानकर चयन प्रक्रिया निर्धारित करने के सरकार के अधिकार को कोर्ट मान्यता भी दे सकता है,,, यदि वेटेज की याचिका होती है तो कोई भरोसा नहीं कि तीन जजों की पीठ के निर्देश की व्याख्या के लिए इस बार हम पांच जजों की पीठ गठित होते देखें,,,
ReplyDeleteकुल मिलाकर इस पोस्ट का सार यह है कि टण्डन और हरकौली साहब के कोर्ट में यह निर्णय हो चुका है कि सरकार प्राथमिक में एकैडमिक से भर्ती कर सकती है बशर्ते कि वो पहले 72825 पदों पर टेट मेरिट से भर्ती करे,
ReplyDeleteअब सरकार ने दांव खेला है कि वो टेट मेरिट से तभी भर्ती करेगी जब एकैडमिक से जूनियर में भर्ती हो जायेगी,,अब या तो टेट 2011 पास सभी का भला होगा या किसी का भी नहीं,
ReplyDeleteअब उम्मीद कीजिए कि अगस्त के अंतिम सप्ताह तक आपके पास उस लड़ाई में जीत का प्रमाणपत्र होगा जिसमें आप एक समय जीत की उम्मीद लगभग खो ही चुके थे,,,उस प्रमाणपत्र के सहारे आसानी से दो-तीन आसानी से महीने काट सकेंगे,,, इस लड़ाई में अधीरता के लिए ना तो कभी कोई जगह थी और ना ही आगे रहेगी,,,फिर आइंस्टीन के अनुसार समय तो एक भ्रम है ही ,,,
ReplyDelete
ReplyDeleteIs tet ne to sare arman me paani fer diya
Ek BACHPAN ka Zamana tha,
jisme Khushiyo ka khazana tha...
.
Chahat Chaand ko pane ki thi,
par DIL titli ka Diwana tha...
.
Khabar na thi kuch Subah ki,
Na Shaam ka thikana tha...
.
Thak-har ke aana school se,
Par khelne bhi jana tha...
.
Maa ki kahani thi,
Pariyo ka fasana tha...
.
Barish me kagaz ki naav thi,
Har Mausam suhana tha...
.
Har khel me Sathi the,
Har Rishta nibhana tha...
.
Gam ki zuban na hoti thi,
Na zakhmo ka paimana tha...
.
Rone ki wajah na thi,
Na hasne ka bahana tha...
Kyon Ho gaye hum itne bade,
isse achha to
"Wo Bachpan ka Zamana tha"...
G
ReplyDeleteO
O
D
8
9
2
3
0
0
3
8
0
3
N
I
G
H
T
ReplyDeleteAllahabad me UPPSC K samne dange jaisi situation
ban chuki hai.
Agar govnt sabhi bhartiyo ko samay se pura kar
leti to students ka akrosh itna tavra na hota.
2014 k election k chakkar me sabhi bhartiyo ko
roke rakhne ki radniti govnt par bahut bhari
padne wali hai.
Akhir sabhi tet merit walo ki tarah
kayar,darpok,bevkuf nahi hai.
Abhi bhi allahabad ki sarjami par apne haq ki
ladayi ladne wale yodhha maujud hai.we apne
haq k liye kisi bhi astar tak ja sakte hai.
ReplyDeleteye case ab khare jaise chirkuto k vash se bahar
ho chuka h! Gov jaisa chahti h vaisa he ho rha h,
sarkar ka jb mood karega tvi bharti shuru ho
payegi, crt date pr date deti rhegi aur khare
kharkhrate rh jayega! Sabse bda dhokhebaz h
khare, sabko dhokha de rha h, lg rha h gov ne ise
bhi 10-5 lacs dekar iska muh bnd krva diya h!
usko to bs paise se mtlb h chahe koi bhi de! 100
din se upar ho gye db me sunvayi huye fir bhi koi
action nhi le rha h! isse jwalantsheel mudda crt
me aur kya hoga jis pr 250000 abhyarthiyo ki
zindgi tiki huyi h, iske bavjud date pr date di ja
rhi h! Ab bhi samay h sambhal jao aur ekjut
hokar kranti ka aahvan kr do, kisi k bharose n
rho, n vqeel,n judge,n gov. Koi bhi hmari prblms
nhi smjhega kyuki inki dukan to chl rhi h, sari
prblems hme h, aarthik,samazik, v mansik peeda
hm jhel rhe h, agar october tk bharti nhi ho payi
to fir bhul jao is bharti aur naukari pane k sapne
ko! Jb 1.5 sal beet gye to 2-4 mhine aur beet
jayenge,fir to kahi k nhi rhoge! Aaj hme uppsc
abhyarthi bnna pdega!
ReplyDeleteIs waqt mujhe sabse jyada nafrat ek aadmi se
hai,aur wo hai akhilesh yadav.
Is ek bekaar aadmi ne pure 300000 stds ko
tension de rakhi hai.
ALLAH kare ise jaldi maut aaye.
ReplyDeleteTeacher Asks Children :-
What
Do
You Wish To Do
In
Future?
.
.
Ram : I Want To Be A PILOT..
.
.
Vinod : I Want To Be A
DOCTOR... .
.
.
Deepa : I Want To Be A Good
MOTHER.
. .
.
.
.
.
. .
Apna Pappu : I Want To HELP
Deepa......
Your's >>#<<
Mohammad Shakeel
96 48 20 73 47
Good morning frd.mughe aaj khusi hai kisi ne to akhieshwa aur sapwa ke khilaf ugra birodh kiya.we hamara apeksha kam sankhya me hai to apne hak ke liya sina tan ke gov se morcha le rahe hai.bhaiyo hame v kisi ek date pr mahaugra aur vidhwansh kari aandolan karna hai.so please iske lia koi ranneeti taiyaar kare aur pure sapwa ko apne taqat ka ahsas karaye.jai hind.
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ReplyDeleteगधा और किसान
एक दिन एक किसान का गधा कुएँ में गिर
गया ।वह गधा घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान
सुनता रहा और विचार करतारहा कि उसे
क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं। अंततः उसने
निर्णय
लिया कि चूंकि गधा काफी बूढा़ हो चूका था,अतः उ
बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था;और इसलिए उसे
कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।
किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद केलिए
बुलाया। सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में
मिट्टी डालनी शुरू कर दी।जैसे ही गधे कि समझ
में आया कि यह क्याहो रहा है, वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़
चीख़ कर रोने लगा । और फिर, अचानक वह
आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया।
सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे।
तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह
गया। अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े
की मिट्टी के साथ वह गधा एक आश्चर्यजनक
हरकत कर रहाथा। वह हिल-हिल कर उस
मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक
कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था।
जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस परफावड़ों से
मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस
मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़
आता । जल्दी ह...ी सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह
गधा कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर
कूदकर बाहर भाग गया।
अतः याद रखें जीवन में सदा आगे बढ़ने के लिए
१)नकारात्मक विचारों को उनके विपरीत
सकारात्मक विचारों से विस्थापित करतेरहें.
२)आलोचनाओं से विचलित न हो बल्कि उन्हें उपयोग में
लाकर अपनी उन्नति कामार्ग प्रशस्त करें.
ReplyDeleteWah re vote bank ki raajneeti ....
Arbo rupay har mahine free batenge lekin 2 saal se khoon ke aansu ro rahe aur lagaatar aatmhatya kar rahe Tet pass berojgaro ko naukri nahi denge.
sath hi form bharne ke naam par unki khal alag se kheench lege.
Ye sarkar nahi saathiyo kasaaiyo ki jamaat hai.
logo ka dil ro raha hai. sab tadap rahe hai aur ye chain ki banshi baja rahe hai.
same on you akleswa.
same on safaa.
hamare dil ki haay tumhara satyaanash karegi .....
अनुमति मिले तो खाते में पहुंचे पैसा
बेरोजगारी भत्ता
-12.8 लाख बेरोजगारों के खाते में सीधे
भेजी जाएगी रकम
-जुलाई के अंत तक अनुमोदन मिलने की संभावना
जितेंद्र कुमार उपाध्याय, लखनऊ
बेरोजगारी भत्ते का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के
लिए अच्छी खबर है। ऐसे बेरोजगार जिन्होंने 31 मार्च
2013 तक बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था,
लेकिन अब तक उनके खाते में रकम
नहीं भेजी गई। ऐसे बेरोजगारों के खाते में
बेरोजगारी भत्ता भेजने की कवायद शुरू हो गई है।
इसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है। अब
शासन की अनुमति का इंतजार है। इस महीने के
अंत तक अनुमोदन मिलने की संभावना है।
बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 के तहत 25 से 35 वर्ष
आयु के हाईस्कूल पास बेरोजगारों को प्रतिमाह एक
हजार रुपये भत्ता देने का प्रावधान है। प्रदेश में
पंजीकृत करीब 60 हजार बेरोजगारों में 31 मार्च
2013 तक राजधानी के 20 हजार समेत प्रदेश में कुल
12,84000 अभ्यर्थियों ने भत्ते के लिए आवेदन किया है।
प्रदेश सरकार ने भत्ते के लिए 1200 करोड़
का प्रावधान भी कर दिया है। विभाग को बजट
का आवंटन भी कर दिया गया, लेकिन अप्रैल के बाद
से बेरोजगारों को भत्ते का इंतजार है। उच्च
अधिकारियों के अनुमोदन न मिलने की वजह से भत्ते
की रकम अभी उनके खाते में नहीं भेजी जा सकी,
जबकि नियमावली के मुताबिक भत्ते
की त्रैमासिक किश्त बेरोजगारों के खाते में सीधे
भेजने का प्रावधान है। सूत्रों के मुताबिक शासन स्तर
पर अनुमोदन की अनुमति मांगी गई है। इस महीने
के अंत तक शासन की ओर अनुमोदन मिलने
की संभावना है। इसके बाद 12,84000 बेरोजगारों के
खाते में भत्ते की रकम भेज दी जाएगी। इस बारे में
प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन शैलेश कृष्ण से
मोबाइल फोन से संपर्क करने का प्रयास किया गया,
लेकिन उनका मोबाइल फोन नहीं उठा।
MERE VICHAR SE ALLAHABAD ME UGRA AANDOLAN KRNA ADHIK UCHIT RAHEGA.
YE LUCKNOW KI APEKSHA KAM RISHKY RAHEGA AUR SATH HI SHASAN KE SATH SATH NYAAYPALIKA TAK BHI HAMARI BAAT PAHUCHEGI.
SAHANSHAKTI KI BHI EK SIMA HOTI HAI .
ReplyDeleteLuto Luto jam ke Luto
Paisa khao bharti fasaao govt.
पुलिस भर्ती के फार्म 18 जुलाई से मिलेंगे
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस के
सिपाही पदों के लिए 18 जुलाई से आवेदन पत्र
की बिक्री शुरू हो जाएगी। ये आवेदन पत्र प्रदेश
के 169 डाकघरों से मिलेंगे। आवेदन पत्र का शुल्क
दो सौ रुपए रखा गया है। भर्ती बोर्ड के प्रवक्ता के
मुताबिक अभ्यर्थी पुलिस भर्ती बोर्ड के बेवसाइट
के जरिए आनलाइन आवेदन भी कर सकेंगे।
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सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : नागरिक पुलिस और
पीएसी में
उपनिरीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर
हाईकोर्ट की रोक के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार
सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।
यूपी पुलिस ने उपनिरीक्षक भर्ती के नियमों में
संशोधन करने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी,
जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।
ReplyDeleteइस यदुवंश जितना बड़ा राजनीतिक परिवार आज
तक देश में पहले कभी नहीं हुआ.
मुलायम सिंह यादव के
सपनों के भारत में वे खुद प्रधानमंत्री होंगे.
बेटा अखिलेश यादव सबसे बड़े राज्य का CM है ही.
परिवार के कम से कम आधा दर्जन लोग सांसद होंगे
और एमएलए, एमएलसी और जिला बोर्ड को मेंबर
आदि की तो गिनती ही नहीं.
ab ek bat to tay hai... up me tet merit kabhi nahi banegi.....
ReplyDeleteAUR DUSRI BAAT YAH TAY HAI KI AGAR TET MERIT NAHIN BANEGI TO BHARTI BHI NAHI HONE DI JAYEGI...
ReplyDeleteAUR DUSRI BAAT YAH TAY HAI KI AGAR TET MERIT NAHIN BANEGI TO BHARTI BHI NAHI HONE DI JAYEGI...
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