कौशाम्बी : शासन के निर्देश के बाद भी जनपद के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती न किए जाने से नाराज शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय में मंगलवार को प्रदर्शन किया और बीएसए को ज्ञापन सौंपकर तैनाती की मांग की। बीएसए ने शीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
सूबे की सरकार ने बीटीसी व टीईटी की परीक्षा पास 125 शिक्षकों की तैनाती का निर्देश कौशाम्बी बीएसए को दिया है। इसके बाद भी शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा रही है। इससे नाराज शिक्षकों ने बीएसए को ज्ञापन सौंपकर शासनादेश से अवगत कराया। साथ ही विद्यालयों में तैनाती की मांग की
Sabhaar : Jagran (16.7.13)
ReplyDeleteAngry Moment
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when U are sleeping &
someone enters
Ur Room, turns on the Lite & then leaves
Without
turning it OFF..!!!
kasam se aag lag jaati he dil
me.
agree..???
ReplyDeleteShalabh Tiwari > Uptet Sangharsh
Morcha Se Prathmik TET Shikshak
Sangh
हमारे बहुत से साथी काफी पहले से ही इलाहाबाद
और लखनऊ में आन्दोलन करने के लिए व्याकुल
हैं ,,, उनमें से अधिकाँश वह लोग हैं जिन्होंने
लखनऊ की सड़कों पर टेट मोर्चे का परचम
लहराने में अहम भूमिका निभाई थी इसलिए टेट
मेरिट के प्रति उनकी निष्ठा पर किसी तरह
से
भी शक करने की कोई वजह नहीं है ,लेकिन
अपनी दिलेरी दोहराने की जल्दबाजी में
वो अनजाने में उसके दुष्परिणामों की अनदेखी कर
रहे हैं,,,,, जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है
और दो-दो पीठों द्वारा भर्ती पर स्थगन लगा है
तो आखिर लखनऊ में आंदोलन करके हम सरकार
से क्या हासिल करने की उम्मीद करेंगे,,,,
क्या किसी को यह भी उम्मीद है
कि हमारी चार-
पांच हजार की संख्या से भयभीत होकर सरकार
पूर्व विज्ञापन बहाल कर देगी और नए की फीस
वापस कर देगी,,,, अगर ये इतने ही शरीफजादे
होते तो आज हम स्कूलों में होते,,,,,
रही बात इलाहाबाद में आंदोलन करने की तो अगर
हमारे संख्याबल के कारण कोर्ट प्रतिदिन
सुनवाई को राजी हो जाएगा तो इलाहाबाद में
प्रति हफ्ते ऐसे आंदोलन देखने को मिला करेंगे,,,
फिर इलाहाबाद में भारी संख्या ऐसे
लोगों की भी है जो टेट मेरिट के विरोधी हैं,,मैंने
देखा है कि कोर्ट रूम में मौजूद तीस प्रतिशत से
अधिक लोग तो एकैडमिक समर्थक आते हैं ,,अगर
उनके षड्यंत्र के कारण कोई हिंसा हो गई
तो उसका अंजाम क्या होगा,,,,??? अगर हमारे
मामले में कोर्ट सातवें-आठवें दिन की डेट दे रहा है
तो इसका मतलब है कि मामले में शामिल
भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए वो इसे
वरीयता दे रहा है वरना एक प्रश्नपत्र में
गलती सुधारने में एक साल का वक्त लगता है
भारत में,,जब भारत में जन्म लिया है
तो अमेरिका-इंग्लैण्ड की त्वरित न्याय
व्यवस्था की अपेक्षा करना बेमानी होगा,,,,
सबसे बड़ी बात तो यह है
कि अभी महापात्रा साहब को तो अपने जौहर
दिखाने
का मौक़ा ही नहीं मिला है,,,,क्या पता वो एकैडम
वालों के लिए हरकौली साहब से भी ज्यादा बड़े
यमदूत बनकर उभरें,,,कल दूसरी अदालत के फ्रेश
केस वहां ट्रांसफर हो गये थे और हमारे मामले
की सुनवाई के लिए समय ही नहीं बचा इसमें
महापात्रा साहब की क्या गलती है जो उन्हें
शान्ति मार्च से अपने पाले में करने का जुगाड़
सोचा जा रहा है,,,,, जहाँ तक मुझे जानकारी है
तो किसी का मामला चाहे कितना ही महत्वपूर्ण
क्यों ना हो लेकिन सुने पहले फ्रेश केस ही जाते
हैं,,इसलिए पहले 23 जुलाई का इन्तजार करें और
उसके बाद कुछ और करने के बारे में सोचें,,,, 23
के बाद भी जो कुछ भी करें वो इलाहाबाद में
पैरवी कर रहे सभी मुख्य लोगों की सहमति से
ही करें क्योंकि जज का सामना उनके
द्वारा हायर किये वकीलों को ही करना है और
यह बात हमारे वकील ही ज्यादा अच्छी तरह
बता सकते हैं कि किस काम का जज पर
क्या प्रभाव पडता है,,,,, फिलहाल हम-आप
सबसे कठिन काम कर रहे हैं,,,,इन्तजार,
,,,वो भी उस जीत का जिसकी एक वक्त उमीद
ना के बराबर बची थी और आज उसी जीत
का हमेशा-हमेशा के लिए हमारे जीवन में
आना शाश्वत सत्य है,,,,,,
जहाँ अपने ख्वाब
को पूरा होते देखने के लिए इतना इन्तजार
किया है वहां एक महीना और सही,,,,,
अगस्त के
अंतिम सप्ताह तक हम जीत जायेंगे ये
मेरा अनुमान नहीं यकीन है .......
ReplyDeleteसपा सरकार खुद नही चाहती कि ये
भर्ती हो इसीलिए वह जानबूझ कर केस की सुनवाई
नही होने देती मेरी आप सब लोगो से विनती है
कि लोकसभा के चुनाव मे न तो इसे वोट देना और इसके
खिलाफ प्रचार भी करना इसे जब चार सीटे
मिलेगी जो इस सरकार के अर्थी को कन्धा देने के
काम आयेगी तब इसे पता चलेगा कि बेरोजगारोँ के
भविष्य से खिलवाड़ करने का क्या नतीजा होता ह
ReplyDelete…®<<>> ......
My Name >>… MOHAMMAD SHAKEEL
Vill >>… HARCHANDPUR
DISTRICT >>… RAEBARELI
UTTAR PRADESH
UP TET (1-5) >> 122
UPTET ( 6-8 ) >> 114
CTET 2011 ALSO QUALIFIED
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Ab aap sab logo ko bhi samajh aa gaya hoga ki is case par fiasala kitni jaldi aayega.
ReplyDeleteBecause TET merit vale ye chahte he nahi ki ye matter 2017 tak solve ho. Jab
Harkauli tha tab inhone kai baar paise de kar case ko pichhe lagvate the taki
rejoinder Harkauli ko de. Jab harkauli mile to case larger bench me le jane ki
request kar di. Aur fir vanah jaker vapas DB me bhejane ki. Ab nai radniti ke tahat
ye case ka number paise dekar itna pichhe lagvate hai ki sunvai he na ho paye
otherwise pahle hamara number hamesha 2-3 number par hota tha. 8 ko kai logo
ko bahrosa tha ki faisala aane vala hai bas. Lekin ab sab gayab hai paise leker.
te te wale jan gye hai jb tk sp gov hai tb tk inki dal nahi galegi...... lekin ab agle 25- 30 salo tk sp gov hi up me rahegi..... tb tk ye log budde ho jyege.... hi hi hi
ReplyDeleteSuperb
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