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Tuesday, July 16, 2013

UP Police SI Recruitment : संशोधित नियमावली से ही दारोगा पद की सीधी भर्ती


UP Police SI Recruitment : संशोधित नियमावली से ही दारोगा पद की सीधी भर्ती

यूपी में राज्य सरकार ने उप निरीक्षक नागरिक पुलिस व पीएसी के प्लाटून कमांडर के पदों पर सीधी भर्ती की संयुक्त परीक्षा को संशोधित नियमावली के आधार पर ही कराए जाने का विचार किया है।

इसके लिए सर्वोच्च अदालत का सहारा लिया जाएगा। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने संशोधित नियमों से दारोगा की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर स्पष्ट रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार से कहा था कि वह चाहे तो पुराने नियम पर भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है।

इसके बाद से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। सरकार ने अदालत के रुख के बाद पहले यह मन बनाया था कि भर्ती को पुरानी पद्धति के जरिए ही करा जाए पर बाद में जब न्याय विभाग की राय ली गई तो इसमें तकनीकी पेंच सामने आए।

गहन विधिक परामर्श के बाद यह पाया गया कि अगर संशोधित नियमावली को दरािकनार कर पुरानी पद्धति से भर्ती की जाएग़ी तो फिर से कई गड़बड़ियां हो सकती हैं, लिहाजा संशोधित प्रक्रिया से ही भर्ती करना उचित होगा।

अब यह तय हुआ है कि राज्य सरकार उच्च अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख कर संशोधित नियमावली के आधार पर परीक्षा कराने का आग्रह करेगी और जरूरत पड़ी तो सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जाएगी।

गौरतलब है कि संशोधित व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा की दौड़ की दूरी पुरुषों के लिए 35 मिनट में 4.8 किलोमीटर और महिलाओं के लिए 20 मिनट में 2.4 किलोमीटर कर दी गई थी। जबकि पूर्व में यह दस किलोमीटर थी।

इसी दूरी को पूरा करने की कोशिश में कई अभ्यर्थियों को अपने प्राण गंवाने पड़े थे।




86 comments:

  1. People always choose wrong person
    firstly
    and..
    then, whn right person arrives they
    just stop trusting people.

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  2. At childhood we cried to get what we
    like,
    but now we cry silently to forget what
    we like...

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  3. JAIL WALI KE LIYE





    न जाने किसके मुकद्दर में लिखे हो तुम,
    पर ये सच है कि उम्मीदवार हम आज भी हैं...

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  4. ये चंद लोग जो बस्ती में सबसे अच्छे
    हैं.......
    उन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में.......

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  5. चढती थी जिस मजार पर अनमोल चादरेँ,
    वहीँ कोई फकीर सर्दी से मर गया..

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  6. मेरा एक सुझाव है सभी टेट और एकडमिक मेरीट समर्थकों को,,,हम सभी 2.5 लाख लोग 100 100 रूपये मिला कर सुप्रीम कोर्ट में एक अपील करे कि हम सभी को सामूहिक मृत्युदंड की सजा दी जाए।
    हमारा गुनाह हम उन्हें एक एक कर के बतायेंगे -
    पहला गुनाह कि हम भारत देश में जन्म लिये,जहाँ न कोई कानून है न को नीति।हर चीज़ यहाँ पैसे और पावर से हासिल की जाती हैं।भारतवर्ष में एक मध्यमवर्गीय परिवार मे जन्म लेना ही एक सबसे बड़ा गुनाह है।
    गुनाह नंबर दूसरा भारत में जन्म लिए तो लिए उत्तर प्रदेश में बस कर एक दूसरा गुनाह कर बैठे,उत्तर प्रदेश को अगर धरती का नरक कह जाये तो यह कम नहीं होगा।यहाँ कोई एक सरकारी व्यवस्था ऐसी हो जिसके बारे में कोई यह कह दे कि ये व्यवस्था बिल्कुल ठीक काम कर रही है तो मैं थूक कर चाट लूंगा।यहाँ चाहे मायावती का राज हो या मुलायम का भुगतना आम जनता को ही पड़ता है।उत्तर प्रदेश में एक आम आदमी के जीवन स्तर से बेहतर गुजरात और मध्यप्रदेश के पशुओं का जीवन स्तर है।
    तीसरा गुनाह हमारा यह कि हम लोगों ने बी•एड• कर लिया,यह गलती अन्जाने में की गई गलती है लेकिन गलती तो गलती ही मानी जायेगी इसलिए यह भी हमारा एक बड़ा गुनाह माना जाए।
    चौथा सबसे बड़ा गुनाह यह कर डाला हम लोगों ने कि टेट का परीक्षा पढ़ कर मेहनत से पास कर लिया,यह एक ऐसा पाप हम लोगों ने कर दिया है जिसकी सज हमें इलाहाबाद हाई कोर्ट दो सालों से दे रहा है।हमारे 14 भाई बहन इस दौरान काल के गाल में समा भी चुके हैं।एक एक कर के हम लोगों को मारने से अच्छा होगा कि हमें सामूहिक मृत्युदंड दे दीजिए।
    हमारा पाँचवाँ गुनाह यह है कि हम लोगों ने इस देश की विशेष रूप से इलाहाबाद हाई कोर्ट की न्याय व्यवस्था पर विश्वास किया।मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा,माननीय उच्चतम न्यायालय और हम सभी लोग जानते हैं कि यहाँ क्या क्या कैसे कैसे होता है।




    यह पाँच गुनाह काफी है हम लोगों को सजा देने के लिए।

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  7. Es bharti ne to wah kya salike se bina khun tpkaye
    hi jindgi tbah ki.

    Sbke 2 sal brbad kr diya.

    Hm jitna tn mn dhan aur kst jhele hai en 2 salo
    me.aur jitni shiddt aur lgn ke sath lge rhe...agr
    ye bharti ni aayi hoti aur hm sb en 2 mhtwpurn
    salo me etni sb ku6 lgaya hota to to kya hm sb
    aisa hi hote jaise ki aaj hai...hm aisi to bilkul hi ni
    rhte.

    afsos ki pta hi ni chala ki hmne apne 2 sal me kya
    kya kho diya bawjud uske ku6 v ni hasil ho rha.
    Bs dt dt..

    Waise jo v hua/ho rha hm sbke sath wo bda hi
    tklifdeh rha.

    Bs politics rupi shtranj ke muhre bn ke rh gye
    hai.

    Gov aur crt ki karyprdali se bhali bhati awgt ho
    chuke hai.bda hi dhukhdayi anubhaw rha.

    Pr eske liye gov ko dosi manne se jada unko dosi
    manta hu jisne use vote diya wo v chand jhaso
    wado aur aarthik labh pane ke liye.

    Wo v es party ke history aur kamo ko jante huye
    chand swarthws hokr.

    Fir bhugtne ko to taiyar rhna hi pdega bhai...aag
    lgne pe pdosi ko v nuksan uthana pdta hai.

    Lo bhtta aur laptop ke sath lolypop v lo.

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  8. Pahle junior ki vac ho jaye ye b.ed.walo ke lia thik rahega aur btc wale direct junior ki yogyata nahi rakhte hai unko samil karna bed walo ka hak marna hai.unka to prt me sure hai bed ka ab kewal junior me hi chance hai.

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  9. dhosto jis tarah jab bahro ko sunane ke liye
    dhamake ki jarurat hoti hai. Usi tarah govt. And
    court ko b sunane ke liye ek jordaar aandolan ki
    jarurat hai. Sabi tet pass mil kar allahabad me jut
    jaye tho pura allahabad ruk jayega. Sirf 40000 b
    rahe tho b bahut hai. Sirf 2 din ki mehnat se ho
    sakta hai ki kuch rasta nikal jaye.



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  10. Mayank Tiwari > UPTET & Appointment as
    Primary Teachers


    ऋतेश ओझा >>>>>

    टेंशन के इन पलों में एक हास्य व्यंग्य कविता के रूप
    में ..........कोई खास वर्ग इससे अपने सम्मान से
    न जोड़े ..............


    जय जय जय खरे अवघड़ दानी
    तुम्हरी वजह से रची कहानी

    तुम्हरे क़ाटा जल न पाे
    नाच नाच के ऊ मर जावे

    फर्जी फेट फ़ेट के मथनी
    सत्यानाश कियो सब करनी

    जब जब जज कुछ ठीक सुनावा
    तुम केवल आपन राग झुलावा

    तुम्हरी वजह से जज गये खौराये
    हम आपन खोपड़ी पीट के आये

    सोचा रहै आदेश मिल जहिये
    अब सारे हमरे कष्ट कट जहिये

    लेकिन तुम्हरी महिमा अपरम्पार
    ले गयो केस त्रिमूर्ति बजार

    उहाँ भी खाली राग ही गावा
    विशिष्ट का खाली नाच नचावा

    तुम खाली आपन बीन बजावा
    हमरे खातिर कुछ न कर पावा

    अब तो खाली ईश्वर की माया
    साथ हमार किस्मत का पावा

    तुम्हरे भरोसे तो लुटिया डूबी
    अब का गिनाई तुम्हार खूबी

    माफ करो अब बहुत हुई गवा
    सब कुछ बंटाधार हुई गवा

    अब तो कृपा करो रघुराई
    कैसे इनसे जान छुड़ाई

    इंतजार अब बहुत हुई गवा
    चक्कू दिल के पार हुई गवा

    अब तो प्रभु नौकरी दिलाओ
    कुछ तो आपन तेज दिखाओ

    गये वकील अब चूल्हे भाड़ा
    तुम ही अब एकमात्र सहारा

    कुछ ऐसा कमाल कर दीजो
    जज जल्दी फैसला दे दीजो.

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  11. Agar aise hi gov ki dadagiri chalti rahi to janta ka kya hoga. Bechare candidate pahale high cort me 3 saal case lade fir SC me lade is tarah to naukri ke 5 saal barbad ho gaye aur in sab ka hajana bechara candidate de. Iska to matlab yahi hua ki HC ki koi value nahi hai. Au aga hai to HC ke aadesh ko koi shasan man nahi raha hai. Aap UP me hi nahi rajsathan me hi dekh lijiye. HC kio value khatam ho gaayi hai

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  12. Sabhi log apni ankhein band karke imandari se
    socho..kitne logo ko lagta hai ki allahabad ka koi
    judge ye kahega ki jao tum logo ki bharti TET
    merit se hogi????

    jo bhi paristhitia hai wo sab saaf sanket deti hai ki
    sarkar apne karykaal mein ye bhartia nahi puri
    karegi....karan...

    1. aaj kal sarkar ki taraf se 72825 ke liye koi spast
    sanket nahi milta.

    2. Academics ko laabh dene liye chunav se pehele
    Junior ki bharti nikal di gayi hai

    3. Gov. ne back channel se bharti suru kar di
    hai..BTC aur shiksha mitro ke liye
    Sathio, allahabad highcourt se peechha chhudana
    bahut anivarya hai, kyoki mamla DB mein hai to
    hum jyada kuch nahi kar sakte hai, lekin jyada
    lamba intzaar bhi hamare liye khatarnak hai.
    Hamari bhartiya BSP shashan mein nikli thi, jiske
    chalte ye sarkar Budget lapse, TET ghotala,
    janpadwar riktio mein parivartan ityadi anek aise
    tamashe rach sakti hai jo ki poornrupen court aur
    sarkar ki mili bhagat se hame bewkoof banate
    rahe, jaise haal hi Non TET wala mamla,
    bachcha-2 janta tha ki bharti mein TET anivarya
    hai lekin drama khel kar, ant mein harkauli ji ki
    bench change karwa di gayi.

    Mai ye nahi keh raha ho ki Mahapatra ji sahi nahi
    hai, ho sakta hai ki wo 2 sunwayio mein hi
    hamara faisala kar de, lekin hame ye bhi yaad
    rakna chahiye ki Tandon ko samjhne mein hame 1
    saal lag gaya aur result mein hame single bench
    se -ve order hi mila.

    Hame loksabha chunav ke karan code of cunduct
    ka time period aur March 14 mein TET ki samay
    seema ka bhi dhyan rakhna hoga, nahi to
    musibat aur bad jyegi kyo ki ham jisse lad rahe
    hai wo koi aam admi nahi balki purn bahut se
    baithi ek currupt sarkar hai..

    Ye tay hai ki nayi bhartiya ab kisi bhi kimat par
    nahi ho sakti hai, kyoki unka adhar hi nahi hai,
    lekin sarkar court ke sath milkar hame latkaye
    rakh sakti hai, isliye DB mein case jyada lamba
    khiche usse pehele hame Aug mid tak SC se
    definite time mein expedite hearing ka instruction
    lana hi hoga. is par vichar kariye ...


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  13. bhaio ab koi bhi bharti nahi hogi ye sarkar
    humlogo se paisa loot rahi hai abi waqt hai apna
    haq magne ka nahi to ek saal baad apke pas na
    to paisa hoga aur na hi himmat.

    ReplyDelete


  14. jab bharti puri karane ka dam ni to add pe add
    kyu nikale ja rhe hai.

    dosto socho maksad kya hai
    sirf dhan ugahi.

    Aaj tak koe statement tak ni aaya
    aur berojgaro ko sareaam luta ja rha hai.

    Yuvao
    sucide karne k liye majboor kiya ja rha hai.

    ReplyDelete
  15. ABEY TE TE TE TE WALE GADHO TUM BEWKUFO KE CHAKKAR MEY HI TOH YE HO RAHA HAI ........ APNI WRIT VAPAS LELO ABHI KE ABHI BHARTI HO JAYEGI... GADHO SUDHAR JAO..... VARNA CHUTIYA BAN KAR REH JAOGE ........GADHE ........

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  16. ABEY TE TE TE TE WALE GADHO TUM BEWKUFO KE CHAKKAR MEY HI TOH YE HO RAHA HAI ........ APNI WRIT VAPAS LELO ABHI KE ABHI BHARTI HO JAYEGI... GADHO SUDHAR JAO..... VARNA CHUTIYA BAN KAR REH JAOGE ........GADHE ........

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  17. ABEY TE TE TE TE WALE GADHO TUM BEWKUFO KE CHAKKAR MEY HI TOH YE HO RAHA HAI ........ APNI WRIT VAPAS LELO ABHI KE ABHI BHARTI HO JAYEGI... GADHO SUDHAR JAO..... VARNA CHUTIYA BAN KAR REH JAOGE ........GADHE ........

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  18. Mr.tmntbbn aapke shayari bahut hi achchhe hote h magar ye kisi khas k liye hote.

    ReplyDelete
  19. MANAV SHREE TUM AURO KO GADHA KAH RAHE HO LEKIN TUM KYA GADHE KE LA_ D HO KYA BE??????????

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  20. MANAV SHREE TUM AURO KO GADHA KAH RAHE HO LEKIN TUM KYA GADHE KE LA_ D HO KYA BE??????????

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  21. MANAV SHREE TUM AURO KO GADHA KAH RAHE HO LEKIN TUM KYA GADHE KE LA_ D HO KYA BE??????????

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  22. MANAV SHREE TUM AURO KO GADHA KAH RAHE HO LEKIN TUM KYA GADHE KE LA_ D HO KYA BE??????????

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  23. जीवन में हमेशा मुस्कुराते रहो ..जो हमारे जीवन का ये पल है वो हमें फिर वापस नहीं मिलेगा तो दुखी होकर क्यों उसे खराब करे ..जो दुखी रहना चाहता है वह सब समय दुखी रहता है उसका दुःख कोई नहीं मिटा सकता जब तक वो खुद न चाहे और जो खुश रहना चाहता है वह पूरे दिन खुश रह सकता है..... नासमझ व्यक्ति हर पल दुखी रहता है और समझदार व्यक्ति भावों के उथल पुथल के बीच भी खुश रह सकता है....
    जीवन में जटिलता मत खोजो...एकदम सरलता से जियो .. अपनी दृष्टि सिर्फ़ एक दिशा में रखो... संस्कृत में एक कहावत है, "अन्तर्मुखी सदा सुखी".... यदि मनुष्य के मन की दृष्टि भीतर की ओर रहे तो वह सदा सुखी रहे .... जटिल क्या है?- लोगों का मन! लोग अपने मन से परेशान रहते हैं, पर यदि तुम मन से ऊपर उठ जाओ तो वहाँ अनन्त आनन्द, अखन्ड शांति और शीतलता का अनुभव प्राप्त होता है.....तो हमने भी सोच लिया है कि उदासी से कुछ मिलने वाला नहीं है बल्कि इंसान खो देता है अपने जीवन का कीमती पल ...तो मत रहो उदास और न किसी को रहने दो ..हर पल को जियो जिन्दादिली से

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  24. टेट विवाद ने टेट मेरिट वालों को अब तक भले ही नौकरी ना दी हो लेकिन उन्हें ब्रह्म ज्ञान अवश्य दिया है ,,,, देखते हैं यह विवाद खत्म होते-होते तनख्वाह के साथ-साथ और क्या-क्या दे जाता है ....

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  25. मायावती ने कहा था आप सभी को समाज्वादी सरकार का दुस्परिनाम एक साल मे देख्ने को मिल्ने लगेगा ....आज मायावाती की बात सोलह आने सच सिद्ध हो रही है !

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  26. अगर जूनियर का फ़ार्म आने तक कोर्ट से पूर्व विज्ञापन की बहाली का फैसला आ जाता है और सरकार उसे मानते हुए पूर्व विज्ञापन की बहाली की अधिसूचना जारी कर देती है तो विज्ञान वर्ग का कोई भी अभ्यर्थी याचिका नहीं करना चाहेगा और कला वर्ग का व्यक्ति याचिका कर नहीं सकता ,,,, यदि सरकार कोर्ट का आदेश मानने में आना-कानी करती है तो वेटेज के लिए याचिका होना निश्चित है जिसका परिणाम दो सालों से कम में नहीं निकलेगा ,,जिन विज्ञान के अभ्यर्थियों का गुणांक 61 से कम है वो एक ही स्थिति में मौन साध सकते हैं जब उनका टेट मेरिट से प्राथमिक में चयन होने का आश्वासन मिले

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  27. Aj honrbl cj saheb chutti par the aur is pure hafte rahenge,
    harkauli saheb lagatar chutti par chal rahe hain isliye in dono courts ke cases bhi hamare yahan(court n. 3) laga diye gaye the.
    Jis ke karan kal no nahi a saka.
    Yahi nahi cj sir to pure hafte ki chhutti par hain
    In sabko dhyan me rakhte huye tuesday ki date li gayi hai.

    Harkauli je lagatar aniyamit hain aur retirment tak rahenge .

    Sari sthitiyon se hamare advcts aur pairokar puri imandari aur taiyari se nipat rahe hain.
    Apna bhi hausla banaye rakhen aur unka bhi.

    Hum logon ne apne advcts se bat ki unka kahna hai ki ek date par puri bahas ho jane par hi ye bataya ja sakta ha ki kitna samay lagega.

    aur harkauli je ke pas full bench ke 3 judges ka view tha par is bench ke pas un 3 ke sath harkauli je aur manoj mishraje sahit 5 judges ka view hai.
    4 ka stay vala odr hai usse alag inka view nahin hoga.

    So frnds ek bar phir yahi kahna hai ki bharosa rakhiye,
    apne par,
    apni team par,
    apne ishwar par,

    hum jeet chuke hain sirf ghosna hai baki,
    kast sab sah liye ab jashn hai baki.
    Thnks n jai hind.:)

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  28. JAIL WALI KE LIYE




    मेरे मुक़द्दर में तो तुम्हारी यादें हैं लेकिन.....
    तुम जिसके नसीब में हो उसे ज़िन्दगी मुबारक.......

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  29. ABE TE TE WALE GADHE T B N T B B N OR KHAS TOR SE SUSHIL AGARWAL.......SUN BE GADHE ..... T M N T B B N KI FULL FORM MAIN PEHLE HI BATA CHUKA HUN AGAR YAAD NAHI HAI TOH DUBARA BATA DETA HUN.....
    T - TUMHARI
    M - M.. KI C...
    N - NAHI
    T - TOH
    B - B.... KI C....
    B - BHI
    N - NAHI.....
    OR SUSHIL GADHE TERI OR TERE TE TE TE WALE SATHIYON KI HALAT DHOBI KE KUTTE KI HO GAYI HAI NA GHAR KA NA GHAT KA......GADHO SUDHAR JAO....GADHO......T M N T B B N EK PAPER PE LIKHKAR APNI M... KI C... ME KAR DE USSE JO HOGA USKA NAME TET RAKH LENA GADHO........

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  30. ABE TE TE WALE GADHE T B N T B B N OR KHAS TOR SE SUSHIL AGARWAL.......SUN BE GADHE ..... T M N T B B N KI FULL FORM MAIN PEHLE HI BATA CHUKA HUN AGAR YAAD NAHI HAI TOH DUBARA BATA DETA HUN.....
    T - TUMHARI
    M - M.. KI C...
    N - NAHI
    T - TOH
    B - B.... KI C....
    B - BHI
    N - NAHI.....
    OR SUSHIL GADHE TERI OR TERE TE TE TE WALE SATHIYON KI HALAT DHOBI KE KUTTE KI HO GAYI HAI NA GHAR KA NA GHAT KA......GADHO SUDHAR JAO....GADHO......T M N T B B N EK PAPER PE LIKHKAR APNI M... KI C... ME KAR DE USSE JO HOGA USKA NAME TET RAKH LENA GADHO........

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  31. ABE TE TE WALE GADHE T B N T B B N OR KHAS TOR SE SUSHIL AGARWAL.......SUN BE GADHE ..... T M N T B B N KI FULL FORM MAIN PEHLE HI BATA CHUKA HUN AGAR YAAD NAHI HAI TOH DUBARA BATA DETA HUN.....
    T - TUMHARI
    M - M.. KI C...
    N - NAHI
    T - TOH
    B - B.... KI C....
    B - BHI
    N - NAHI.....
    OR SUSHIL GADHE TERI OR TERE TE TE TE WALE SATHIYON KI HALAT DHOBI KE KUTTE KI HO GAYI HAI NA GHAR KA NA GHAT KA......GADHO SUDHAR JAO....GADHO......T M N T B B N EK PAPER PE LIKHKAR APNI M... KI C... ME KAR DE USSE JO HOGA USKA NAME TET RAKH LENA GADHO........

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  32. दादा जी़– दादा जी आपके लिए कोई लेटर आया है।
    बेटा जरा पढ तो सही किस का है।
    पोता- दादा जी अपने कोई 72825 के लिए आवेदन
    किया था हा बेटा शायद किया तो था। दादा जी कुछ
    नेताओ का नाम लिखा हुआ है। कहते है आप सब
    लोगो से सहयोग चाहिए 72825 का केस रीओपन
    करवाना है। दादा जी बेटा तुम पुछते थे न
    कि आपको बच्चो को पढना पसन्द था तो आप टीचर
    क्यो नही बने, इन्ही जैसे कमीनो की वजह से,
    पोता अच्छा किया आपने बता दिया मैं तो बी0एड0
    करने जा रहा था। अब मै वकील या जज बनुगा,
    दादाजी– बेटा वकील और जज तो ओर भी कमीने
    निकले उन्ही कमीनो की वजह से ही तो अध्यापक
    बनने की इच्छा न रही। कमीने हमेशा डेट ओर डेट रहे।
    न ही अभ्यर्थीयो की परवाह की और न उनकी जिन
    बच्चो के स्कूल में अध्यापक नही है ओर केवल
    कागजो में स्कुल चल रहे है। बच्चा तो दादा जी में
    नेता बन जाता हॅू, दादाजी –
    बेटा सारा डरमा तो नेताओ ने ही रचा था पहले ने दूसरे
    को ओर दूसरे ने पहले के नियमो को गलत बताया और
    भर्ती को अपने निजी स्वार्थ के लिए लटकाया। पोता–
    तो दादा जी मे क्या बनू दादाजी– बनना है
    तो बेटा देश का सैनिक बन जा जो देश के लिए
    स्वतन्त्र होकर लड तो सकता है क्याकि बोर्डर पर
    ये दुष्ट नेता, वकील और लीडर नही जायेगे। वहॉ तू
    अपने देश के लिए कुछ कर सकता है। ये नेता केवल
    खाना जानते है। इनके हाथ उठते है
    तो लोगो को उत्थान के लिए नही,जनता से मांगने के
    लिए ।
    बेटा -हॅा दादाजी कुछ हद तक सच्चाई है
    तुम्हारी बातो में।

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  33. abey sushil gadhe kahan so gaya......te te te te......
    g... p... gayi kya......

    ReplyDelete
  34. MANAV G


    chhat(roof) par se mootna band kar do , neeche aakar moot le nahi to tere papa neeche soye huye hain kahin un par na________________ jaye.

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  35. lagta hai ye MANUSHYA galti se paida ho gaya hai.

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  36. न जाने क्या कशिश है उस की मदहोश आँखों में,
    नज़र अंदाज़ जितना करो नज़र उस पे ही पड़ती है..

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  37. NIKAL YAHAN SE GADHE TE TE WALE....
    T M N T B B N.GADHO SUDHAR JAO.......

    ReplyDelete
  38. NIKAL YAHAN SE GADHE TE TE WALE....
    T M N T B B N.GADHO SUDHAR JAO.......

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  39. AKAL LESS YADAV KE GHAR KA KHULASA.,




    Akhilesh Spend More On Residence Than Mayawati
    घर सजाने-संवारने पर मायावती से दोगुना अखिलेश ने किया खर्च
    dai nikbhaskar.com | Jul 15, 2013, 12:35PM IST
    लखनऊ. भ्रष्टाचार और अपराध के लिए बदनामउत्तर प्रदेश की पूर्वमुख्यमंत्री मायावती अपने शाही ठाठ के लिए देश भर में जानी जाती हैं, लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी उनसे कम नहीं लगते। आरटीआई के जरिए खुलासा हुआहै कि अखिलेश ने एक साल में अपने आवास के रख-रखाव पर मायावती से दोगुना खर्च किया है।
    आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्माने 4 अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय में आरटीआई दाखिल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उनके आवास/आवासों के रखरखाव पर राजकोष से खर्च की गयी धनराशि कीसूचना मांगी थी। उन्होंने जनसूचना अधिकारी से वित्तीय वर्ष 2011-12 और 2012-13 के दौरान का ब्यौरा मांगा था। जहां साल 2011-12 में मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं तो 2012-13 में अखिलेश इस पद पर थे।
    आंकड़ों के मुताबिक, मायावती के कार्यकाल में साल 2011-12 में मुख्यमंत्री ने अपने आवास की सामान्य मरम्मत पर 2 लाख रुपये खर्च किए थे और 21 लाख 20 हज़ाररुपयों का मूल कार्य (निर्माण संबंधी) करवाया था। इसकी तुलना में अखिलेश के कार्यकाल में साल 2012 -13 में मुख्यमंत्री आवास की सामान्य मरम्मत पर 1 लाख95 हज़ार रुपये खर्च किए गए और 41 लाख 73 हज़ार रुपयों का मूलकार्य करवाया गया।
    आरटीआई एक्टिविस्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिवएवं जनसूचना अधिकारी सुनील कुमार पाण्डेय ने उनका पत्र उत्तर प्रदेश शासन के राज्य संपत्ति विभाग को ट्रांसफर किया था। वहां से राज्य संपत्ति विभागके संयुक्त सचिव और जनसूचना अधिकारी राज कुमार सिंह ने पत्र को अधिशासी अभियंता, अनुरक्षण खंड, लोक निर्माण विभाग लखनऊ को ट्रांसफर किया था। वहां से यह जानकारी प्राप्त की गई।

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  40. दोस्ती
    दो बूढ़े आदमी काफी सालों से अच्छे दोस्त थे दोनों की उम्र
    अब लगभग 90 वर्ष के आसपास होगी!
    एक दिन उनमें से एक दोस्त बहुत बीमार
    हो गया उसका दूसरा दोस्त उसे रोज मिलने के लिए
    आता था और रोज वे अपने दोस्ती के किस्से दोहराते थे!
    उन्हें लगभग अब यकीन हो चला था कि जो बीमार था वह चंद
    दिनों का ही मेहमान है!
    एक दिन उसके बूढ़े दोस्त ने बिस्तर पर पड़े अपने दोस्त से
    कहा, देखो जब तुम मर जाओगे, मेरे लिए एक काम जरुर
    करना!
    बिस्तर पर पड़े दोस्त ने पूछा, कौनसा काम?
    तुम मरने के बाद स्वर्ग में क्रिकेट खेलतें है या नहीं खेलते
    इसके बारे में मुझे जरुर बताओगे!
    दोनों ही क्रिकेट के बहुत दिवाने थे. क्यों नही! जरुर बिस्तर
    पर पड़े दोस्त ने कहा!
    और एक दो दिन में ही बीमार पड़ा दोस्त भगवान
    को प्यारा हो गया!
    कुछ दिन बाद जो जिंदा बूढ़ा दोस्त था उसे नींद में अपने मरे
    हुए दोस्त की आवाज सुनाई दी! ”तुम्हारे लिए मेरे पास
    दो खबरें है…एक बुरी और एक अच्छी …”
    दोस्त्: अच्छा तो सुनाओ क्या है खबर मेरे लिए. पहले
    अच्छी खबर बताना भाई.
    मरा हुआ दोस्त: अच्छी खबर यह है कि स्वर्ग में क्रिकेट
    खेलतें है!
    और उसने सपने में ही बड़बड़ाते हुए पूछ लिया और बुरी खबर?
    दूसरे दोस्त ने कहा बुरी खबर यह है कि तुम्हें आने वाले
    बृहस्पतिवार के मैच में बोलिंग करनी है! :)

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  41. MANAV G


    chhat(roof) par se mootna band kar do , neeche aakar moot le nahi to tere papa neeche soye huye hain kahin un par na________________ jaye.

    ReplyDelete
  42. MERE PYARE DONKEY(DANAV SHREE) KO GUSSA AA GAYA AREY NO DONKEY AISA NAHIN KARTE CHALO AB KHUSH HO JAO MAIN TUMHARE LIYE HARI HARI GHAS LAAUNGA TUM TO YAAR BURA MAAN JAATE HO KITNA PYAR NAAM DIYA HAI MAINE TUME GADHE KA LA_D PHIR BHI TUM GUSSA KAR RAHE HO CHALO AGAR TUMHE YEH NAAM PASAND NAHIN AAYA TO BATA DENA MAIN TUMHARA KOI ISSE BHI ACCHA NAAM RAKH DOONGA.

    ReplyDelete
  43. MERE PYARE DONKEY(DANAV SHREE) KO GUSSA AA GAYA AREY NO DONKEY AISA NAHIN KARTE CHALO AB KHUSH HO JAO MAIN TUMHARE LIYE HARI HARI GHAS LAAUNGA TUM TO YAAR BURA MAAN JAATE HO KITNA PYARA NAAM DIYA HAI MAINE TUME GADHE KA LA_D PHIR BHI TUM GUSSA KAR RAHE HO CHALO AGAR TUMHE YEH NAAM PASAND NAHIN AAYA TO BATA DENA MAIN TUMHARA KOI ISSE BHI ACCHA NAAM RAKH DOONGA.

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  44. Bharti me ho rhi anavshyak deri se jyadater sathi pareshan hai or chintit bhi. Vastivikta bhi yahi hai ki 12march13 se humare case me sivaye nayi tarikh ke koi vradhi bhi nhi hui hai. Pahle non-tet mamle ki bajah se samay barbad hua or ab bench badlne ke karan. Isse durbhagya kahe ya vyavshta ki hum jeeti hui baji ko likhit me jeetne ke liye intzar krne ko majboor hai.
    Kal se kai sathi apni post/comment/msg ke madhyam se andolan ki baat kr rhe hai, kuch ka manna hai ki hume ek-jut hokar Lucknow me vishal pradarshan krna chahiye or kuch Mukhya Nyaydheesh ke samne pradershan ki baat rkh rhe hai.
    Mera manna hai ki iss samay hume Lucknow me dharna-pradarsh se koi labh nhi hoga, qki yadi hum apni shankhya se C.M ko apne pass bula bhi lete hai to bhi wah itna kah kr chale jayenge ki abhi sambandhit mamla court me hai or jaise hi waha se clear hoga hum aapki bharti kr denge. Itna kam to bina kisi dharne ke hona hi hai, isliye yaha dharne ka koi labh nhi hai. Haa yadi hum 21ko Allahabad me ek Shanti March ko nikalne ka prayash kre jo shankyatmak itna vishal ho ki har newspaper ki headline ban sake, to shayad hum Court tk or aam janta tk Bharti me ho rhi deri se abgat kra sake. Yaha dhyan ye rkhna hoga ki hum virodh pradershan nhi kr rhe hai balki ye humari manniya uchtam nyayalay se prathna hai ki ab wah iss case ko prathmikta pr lekar atisheerga aadesh de.
    Iss karya se kam se kam hum apni baat court se samne laa sakte hai or jo log ghar pr baithe pareshan hai unko manshik rahat bhi de sakte hai.
    Aap Apni Rai Salintapurvak Rakh Sakte Hai......



    Jai Hind Jai
    TET Jai Bharat

    ReplyDelete
  45. कुछ समय पहले चीन में आये भूकंप में एक दिल कोछु लेने वाली घटना हुई.. भूकंप के बाद बचाव कार्य का एक दल एक महिला के पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए घर की जांच कर रहा था, बारीक दरारों में से महिला का मृत शारीर दिखा लेकिन वो एक अजीब अवस्था में था, महिला अपने घुटनों के बल बैठी थी ठीक वैसे ही जैसे मंदिर में लोग भगवान् के सामने नमन करते है, उसके दोनों हाथ किसी चीज़ को पकडे हुए थे, भूकंप से उस महिला की पीठ व् सर को काफी क्षति पहुंची थी,
    काफी मेंहनत के बाद दल के सदस्य ने बारीक दरारों में से जगह बना कर अपना हाथ महिला की तरफ बढाया इस उम्मीद में की शायद वो जिंदा हो,लेकिन महिला का शारीर ठंडा हो चूका था, जिसे बचाव दल समझ गया की महिला मर चुकी है,

    बचाव दल ने उस घर को छोड़ दिया और दुसरे मकानों की तरफ चलने लगे, बचाव दल के प्रमुख का कहना था की "पता नहीं क्यूँ मुझे उस महिला का घर अपनी तरफ खींच रहा था,कुछ था जो मुझसे कह रहा था के मैं इस घर को ऐसे छोड़ कर न जाऊं और मैंने अपने दिल की बात मानने का फैसला किया"

    उसके बाद बचाव दल एक बार फिर उस महिला के घर की तरफ पहुंचे, दल प्रमुख ने मलबे को सावधानी से हटा कर बारीक दरारों में से अपना हाथ महिला की तरफ बढ़ाया और उसके शरीर के निचे स्थित जगह को हाथों से टटोलने लगे, तभी उनके मुह से निकला "बच्चा... यहाँ एक बच्चा है "पूरा दल काम में जुट गया, सावधानी से मलबा हटाया जाने लगा, तब उन्हें महिला के मृत शारीर के निचे एक टोकरी में रेशमी कम्बल में लिपटा हुआ 3 माह का एक बच्चा मिला,

    दल को अब समझ में आ चूका था की महिला ने अपने बच्चे को बचाने के लिए अपने जीवन का त्याग किया है, भूकंप के दौरान जब घर गिरने वाला था तब उस महिला ने अपने शरीर से सुरक्षा देकर अपने बच्चे की रक्षा की थी, डॉक्टर भी जल्द ही वहां आ पहुंचे।

    दल ने जब बच्चे को उठाया तब बच्चा बेहोश था, जब बचाव दल ने बच्चे का कम्बल हटाया तब उन्हें वहां एक मोबाइल मिला जिसके स्क्रीन पर सन्देश लिखा था, "मेरे बच्चे अगर तुम बच गए तो बस इतना याद रखना की तुम्हारी माँ तुमसे बहुत प्यार करती है"

    मोबाइल बचाव दल में एक हाथ से दुसरे हाथ जाने लगा, सभी ने वो सन्देश पढ़ा, सबकी आँखें नम हो गयी...

    माँ के प्रेम से बढ़ कर दुनिया में और कोई प्रेम नहीं हो सकता

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  46. Shalabh Tiwari > Uptet Sangharsh
    Morcha Se Prathmik TET Shikshak
    Sangh


    हमारे बहुत से साथी काफी पहले से ही इलाहाबाद
    और लखनऊ में आन्दोलन करने के लिए व्याकुल
    हैं ,,,

    उनमें से अधिकाँश वह लोग हैं जिन्होंने
    लखनऊ की सड़कों पर टेट मोर्चे का परचम
    लहराने में अहम भूमिका निभाई थी इसलिए टेट
    मेरिट के प्रति उनकी निष्ठा पर किसी तरह
    से
    भी शक करने की कोई वजह नहीं है ,लेकिन
    अपनी दिलेरी दोहराने की जल्दबाजी में
    वो अनजाने में उसके दुष्परिणामों की अनदेखी कर
    रहे हैं,,,,, जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है
    और दो-दो पीठों द्वारा भर्ती पर स्थगन लगा है
    तो आखिर लखनऊ में आंदोलन करके हम सरकार
    से क्या हासिल करने की उम्मीद करेंगे,,,,

    क्या किसी को यह भी उम्मीद है
    कि हमारी चार-
    पांच हजार की संख्या से भयभीत होकर सरकार
    पूर्व विज्ञापन बहाल कर देगी और नए की फीस
    वापस कर देगी,,,, अगर ये इतने ही शरीफजादे
    होते तो आज हम स्कूलों में होते,,,,,

    रही बात इलाहाबाद में आंदोलन करने की तो अगर
    हमारे संख्याबल के कारण कोर्ट प्रतिदिन
    सुनवाई को राजी हो जाएगा तो इलाहाबाद में
    प्रति हफ्ते ऐसे आंदोलन देखने को मिला करेंगे,,,

    फिर इलाहाबाद में भारी संख्या ऐसे
    लोगों की भी है जो टेट मेरिट के विरोधी हैं,,मैंने
    देखा है कि कोर्ट रूम में मौजूद तीस प्रतिशत से
    अधिक लोग तो एकैडमिक समर्थक आते हैं ,,अगर
    उनके षड्यंत्र के कारण कोई हिंसा हो गई
    तो उसका अंजाम क्या होगा,,,,???

    अगर हमारे
    मामले में कोर्ट सातवें-आठवें दिन की डेट दे रहा है
    तो इसका मतलब है कि मामले में शामिल
    भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए वो इसे
    वरीयता दे रहा है वरना एक प्रश्नपत्र में
    गलती सुधारने में एक साल का वक्त लगता है
    भारत में,,जब भारत में जन्म लिया है
    तो अमेरिका-इंग्लैण्ड की त्वरित न्याय
    व्यवस्था की अपेक्षा करना बेमानी होगा,,,,

    सबसे बड़ी बात तो यह है
    कि अभी महापात्रा साहब को तो अपने जौहर
    दिखाने
    का मौक़ा ही नहीं मिला है,,,,क्या पता वो एकैडम
    वालों के लिए हरकौली साहब से भी ज्यादा बड़े
    यमदूत बनकर उभरें,,,कल दूसरी अदालत के फ्रेश
    केस वहां ट्रांसफर हो गये थे और हमारे मामले
    की सुनवाई के लिए समय ही नहीं बचा इसमें
    महापात्रा साहब की क्या गलती है जो उन्हें
    शान्ति मार्च से अपने पाले में करने का जुगाड़
    सोचा जा रहा है,,,,, जहाँ तक मुझे जानकारी है
    तो किसी का मामला चाहे कितना ही महत्वपूर्ण
    क्यों ना हो लेकिन सुने पहले फ्रेश केस ही जाते
    हैं,,इसलिए पहले 23 जुलाई का इन्तजार करें और
    उसके बाद कुछ और करने के बारे में सोचें,,,,

    23
    के बाद भी जो कुछ भी करें वो इलाहाबाद में
    पैरवी कर रहे सभी मुख्य लोगों की सहमति से
    ही करें क्योंकि जज का सामना उनके
    द्वारा हायर किये वकीलों को ही करना है और
    यह बात हमारे वकील ही ज्यादा अच्छी तरह
    बता सकते हैं कि किस काम का जज पर
    क्या प्रभाव पडता है,,,,,

    फिलहाल हम-आप
    सबसे कठिन काम कर रहे हैं,,,,इन्तजार,
    ,,,वो भी उस जीत का जिसकी एक वक्त उमीद
    ना के बराबर बची थी और आज उसी जीत
    का हमेशा-हमेशा के लिए हमारे जीवन में
    आना शाश्वत सत्य है,,,,,,

    जहाँ अपने ख्वाब
    को पूरा होते देखने के लिए इतना इन्तजार
    किया है वहां एक महीना और सही,,,,, अगस्त के
    अंतिम सप्ताह तक हम जीत जायेंगे ये
    मेरा अनुमान नहीं यकीन है .......

    ReplyDelete
  47. BLOG EDITOR G

    kafi dino se ye dekha jaa raha hai ki blog par log 1 hi post ko baar post karte hain, kya isko rokne ka koi tareeqa nahi hai? agar hai to kya ise roka ja sakta hai?
    aur gaali galouj ka kya kahna , uspe to koi klagaam hi nahi hai,jaise aap log iske prati sachet nahi ho aur saxamm nahi ho.
    agar main galat hun to mujhe___________
    agar sahi hun to jawaab__________






    T
    H
    A
    N
    K
    S


    mujhe aapke response ka intjaar rahega, jisse mujhe bhi ye pata chale ki main sahi jagah par hun,

    ReplyDelete
  48. क्या मा. न्यायाधीष सुधीर अग्रवाल जी गलत थे जिन्होने टेट मेरिट को अध्यापक चयन का सबसे बेहतरीन तरीका बताया और टेट मेरिट के विपक्ष मेँ पड़ने वाली समस्त याचिकाओँ को सिरे से खारिज कर दिया....?
    क्या मा. न्यायाधीष अरुन टण्डन जी गलत थे, जिन्होने याचियोँ के हितोँ को ध्यान मेँ रखते हुये, विज्ञापन को संशोधित करने का निर्देश देते हुये पुराने आवेदकोँ के निहितार्थ एस.सी.आर.टी. को पूर्ण विवरण प्रेषित करने को कहा...?
    क्या मा. न्यायाधीष सुशील हरकौली जी गलत थे जिन्होने सरकारी वकील की सारी दलीलोँ को सिरे से खारिज करते हुये 4 फरवरी 2013 को काउँसलिँग प्रक्रिया मेँ स्थगनादेश देते हुये यह कहा कि " बुरे भाग को अलग करके, भर्ती की जा सकती थी एवं सरकारी वकील को फटकारते हुये कहा," विज्ञापन के सिर्फ नाम बदलने से त्रुटि नही कही जा सकती" एवं 12 फरवरी की वो आखिरी पँक्तियाँ जिसमेँ मा. हरकौली जी ने कहा," खरे साहब अगर टेट मेरिट से भर्ती करवा भी दी जाए तो उनका (नान टेट) क्या होगा जिनके लिये वृहदपीठ का गठन किया गया है....?
    and last but importent statement given by chief justice, Suprime Court of India Hnrbl Justice Mr. Altamas Kabir for the great arguments by TET Meritians.....
    "उत्तर प्रदेश मेँ ऐसा भी होता है?"
    .
    .
    अब आप समस्त बन्धुओँ से मेरे द्वारा सन्दर्भित बिन्दुओँ का साराँश सिर्फ और सिर्फ एक पँक्ति मेँ देना है...

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  49. दागी नेताओं को सत्ता के सुख से रोकने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जहां आम जनता खुश हैं, वही समाजवादी पार्टी धीरे-धीरे खुलकर इसकी मुखालफत करती हुई सामने आने लगी हैं.
    समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने बताया कि, 'हम सभी राजनीतिक नेताओं से बात कर संसद से एक संवैधानिक संशोधन करवाएंगें ताकि किसी भी राजनेता को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सके.

    दागी नेताओं पर कोर्ट के फैसले के बाद सपा (समाजवादी पार्टी) पहली पार्टी है जो इस फैसले के खिलाफ कुलकर सामने आई है. माना जा रहा है कि पांच अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर काफी गहमगहमी रहेगी. एसपी महासचिव रामगोपाल यादव मानते हैं कि दागी नेताओं पर कोर्ट के इस फैसले में कई खामियां हैं और संसद में इस पर चर्चा हो नी चाहिए.

    जबकि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का मानना है कि हर मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जबकि वित्तमंत्री चिदंबरम कहते हैं कि दागी नेताओं पर कोर्ट के फैसले के कानूनी पहलूओं सरकार विचार-विमर्श कर रही है.



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  50. एक बार एक भिखारी एक मंदिर के आगे भीख माँग रहा था ।
    दोपहर हो गयी उसे कुछ भी नसीब नही हुआ । शाम को अजान के
    वक्त वो मस्जिद के आगे बैठ गया सोचा कोई
    तो खुदा का बँदा आयेगा । पर वहाँ परवही हाल रहा । रात होने
    को आयी तो थका हारा भूख से बेहाल भिखारी वहाँ से चल
    पङा पर कमजोरी के वजह से ज्यादा चल ना सका और एक ठेके
    के आगे बैठ गया । उसने कटोरा पास मे रख लिया । थोङी देर
    बाद जो भी उस मयखाने से निकलता उसके कटोरे मेँ कुछ डाल
    देता और ऐसे मेँ थोङी देर मेँ उसका कटोरा भर गया । ये देख
    भिखारी की आँखे भर आयी और बोला अरे भगवान क्या मजाक
    है ? रहते कहीँ और हो,पता कहीँ और का देते हो ?

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  51. एक बार की बात है एक राजा था।
    उसका एक बड़ा-सा राज्य था। एक दिन
    उसे देश घूमने का विचार आया और उसने देश
    भ्रमण की योजना बनाई और घूमने निकल
    पड़ा। जब वह यात्रा से लौट कर अपने
    ... महल आया। उसने अपने मंत्रियों से पैरों में
    दर्द होने की शिकायत की।
    राजा का कहना था कि मार्ग में जो कंकड़
    पत्थर थे वे मेरे पैरों में चुभ गए और इसके
    लिए कुछ इंतजाम करना चाहिए।
    कुछ देर विचार करने के बाद उसने अपने
    सैनिकों व मंत्रियों को आदेश
    दिया कि देश की संपूर्ण सड़कें चमड़े से ढंक
    दी जाएं। राजा का ऐसा आदेश सुनकर सब
    सकते में आ गए। लेकिन किसी ने
    भी मना करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
    यह तो निश्चित ही था कि इस काम के
    लिए बहुत सारे रुपए की जरूरत थी। लेकिन
    फिर भी किसी ने कुछ नहीं कहा। कुछ देर
    बाद राजा के एक बुद्घिमान मंत्री ने एक
    युक्ति निकाली। उसने राजा के पास
    जाकर डरते हुए कहा कि मैं आपको एक
    सुझाव देना चाहता हूँ।
    अगर आप इतने रुपयों को अनावश्यक रूप से
    बर्बाद न करना चाहें तो एक
    अच्छी तरकीब मेरे पास है। जिससे
    आपका काम भी हो जाएगा और अनावश्यक
    रुपयों की बर्बादी भी बच जाएगी।
    राजा आश्चर्यचकित
    था क्योंकि पहली बार किसी ने
    उसकी आज्ञा न मानने की बात कही थी।
    उसने कहा बताओ क्या सुझाव है। मंत्री ने
    कहा कि पूरे देश की सड़कों को चमड़े से
    ढंकने के बजाय आप चमड़े के एक टुकड़े
    का उपयोग कर अपने
    पैरों को ही क्यों नहीं ढंक लेते। राजा ने
    अचरज की दृष्टि से मंत्री को देखा और
    उसके सुझाव को मानते हुए अपने लिए
    जूता बनवाने का आदेश दे दिया।
    यह कहानी हमें एक महत्वपूर्ण पाठ
    सिखाती है कि हमेशा ऐसे हल के बारे में
    सोचना चाहिए जो ज्यादा उपयोगी हो।
    जल्दबाजी में अप्रायोगिक हल
    सोचना बुद्धिमानी नहीं है। दूसरों के
    साथ बातचीत से भी अच्छे हल निकाले
    जा सकते हैं।

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  52. इलाहाबाद में ढाई हजार अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर

    लखनऊ : इलाहाबाद में प्रतियोगी परीक्षाओं में लोक सेवा आयोग की नई आरक्षण नीति के खिलाफ इलाहाबाद में सड़क पर उतरे प्रतियोगी छात्रों का आक्त्रोश थम ही नहीं रहा है। पुलिस प्रशासन भी अब सख्ती के मूड में हैं। इसी क्त्रम में सिविल लाइंस थाने में ढाई हजार अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस वीडियो फुटेज व फोटो देख कर अब उपद्रवी छात्रों को नामजद करने की तैयारी में है। उधर, नई आरक्षण नीति के विरोध में पीसीएस-2011 की मुख्य परीक्षा में चयनित सामान्य वर्ग के छात्रों ने साक्षात्कार का बहिष्कार करने की घोषणा की है। प्रतियोगियों ने कहा यदि 22 को निर्णय सामान्य छात्रों के खिलाफ रहा तो न साक्षात्कार देंगे और न ही देने देंगे। 26 जुलाई से लोक सेवा आयोग पीसीएस की मुख्य परीक्षा में चयनित छात्रों का साक्षात्कार है।

    गौरतलब है कि प्रतियोगी परीक्षा के हर चरण में आरक्षण लागू करने की लोक सेवा आयोग की नई नीति के खिलाफ भड़की चिंगारी कल आयोग चौराहे से बढ़ कर शहर के एक बड़े हिस्से में फैल गई। लोक सेवा आयोग चौराहे से जुलूस बना कर निकले प्रतियोगी छात्रों ने सिविल लाइंस में जमकर तोड़फोड़ की। सरकारी वाहनों, रोडवेज बसों के साथ निजी वाहनों को भी नहीं बख्शा गया। खास कर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा का झडा लगाए वाहनों को निशाना बनाया गया। सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास भी छात्रों ने तोड़फोड़ व आगजनी की। पुलिस ने छात्रों को नियंत्रित करने के लिए कई बार लाठिया भी फटकारीं। जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद शाम करीब 6.30 बजे लोक सेवा आयोग के सचिव के साथ छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने वार्ता की व अनशन समाप्त कर दिया। सचिव ने छात्रों को हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई का भरोसा दिया।

    लोक सेवा आयोग ने पीसीएस परीक्षा 2011 में आरक्षण के प्रावधानों में परिवर्तन कर दिया था। हाल ही में घोषित मुख्य परीक्षा के परिणाम इस नई नीति के अनुसार निकाले गए थे। इसमें आयोग ने पूर्व से चली आ रही साक्षात्कार में आरक्षण लागू करने की व्यवस्था को दरकिनार कर प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में भी मंडल कमीशन के प्रावधानों का लागू कर दिया। हाइकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए सुनवाई के लिए सोमवार 22 जुलाई की तिथि निर्धारित कर दी। हाईकोर्ट से तत्काल कोई राहत न मिलते देख छात्र उग्र हो गए।

    ReplyDelete


  53. लगभग सत्तर हजार बार डांसरों ने भी उम्मीद छोड़
    दी थी कि हमें भी कभी न्याय मिलेगा आज सर्वोच्च
    अदालत ने उनको राहत दी लेकिन अब तक
    तो कितनों की जिंदगी तबाह हो चुकी है।

    वर्ष
    2005 बीयर बारों में जिस्मफरोशी का आरोप लगाकर
    महाराष्ट्र सरकार ने बार डांस पर प्रतिबंध
    लगा दिया था। 2006 में बाम्बे हाईकोर्ट बार डांसरों व
    4000 बार मालिकों को राहत दी लेकिन सरकार ने
    सर्वोच्च अदालत से अग्रिम आदेश तक स्थगन
    लगवा दिया था।

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  54. आज मै पुनःस्पष्ट करना चाहता हूँ कि चाहे 2019 में
    भारतीय न्यायपालिका द्वारा हमारे मुकदमें
    का अन्तिम फैसला हो लेकिन विज्ञापन 2011
    ही अपने मूल रुप को लेकर अस्तित्व में आयेगा लेकिन
    तब विज्ञापन 2012 के लिए कुछ भी शेष
    नहीं बचेगा। इस प्रकार भ्रमित लोग यह याद रखें
    कि किसी के मौलिक अधिकारों का गला घोटनें
    का अधिकार सरकार के पास बिल्कुल नहीं है।

    old
    advertise is true and alive in the future its
    activate by Indian judisary then no anything save
    to new applicant.Today supreme court just decide
    against state gov.

    ReplyDelete
  55. महान गुणाँकियोँ को स्टे का दर्द अब महसूस हो रहा होगा । ठीक इसी तरह से हम लोगोँ की भी सिर्फ काउँसलिँग होनी थी, सारे डाक्यूमेण्ट्स तैयार थे लेकिन जिस तरह से हम लोगोँ को परेशान किया था इन गधोँ ने आज उन्हीँ पापोँ का फल मिल रहा है इन्हे ।

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  56. कहाँ गये श्रीमान akhilesh कद्दु सिहं, खुजवाहा, झोलाछाप बन्दर, कह दो अपनी सरकार से, दम है तो हटवा ले स्टे ।

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  57. ये टेट मेरिटियस तुम लोगोँ की तरह बददिमाग नहीँ, अभी तो तुम लोगोँ के आका सुप्रीप कोर्ट मेँ बैठे हैँ, जिसके लिये कैविएट भी पड़ा हुआ है ।
    ये भर्ती होगी तो केवल बस केवल और केवल टीईटी मेरिट से, चाहे 10 वर्ष पश्चात हीँ क्योँ न हो ।
    .
    .

    ReplyDelete
  58. विशेष-
    अधिक जानकारी के लिये अभी हाल हीँ मेँ दरोगा भर्ती का पुराना विज्ञापन बहाल हुआ है, उसका अवलोकन करेँ और खुद को एसी परिस्थिति का सामना करने के लिये तैयार रखेँ ।
    जय टेट मेरिट......

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  59. Rahul Pandey > UPTET & Appointment as
    Primary Teachers


    der se mila nyay anyay se bhi adhik ghatak hai.
    Hm log ke mamle me bhi yahi ho raha hai. Ek
    baar mai apne mitra ke yahan pahucha 2004 ki
    ghatna hai mitra ki biwi ne apne pati ko uthate
    huye kaha ki rakesh darling utho apke friend aye
    hain unko chay banakar pilawo to hamare mitra
    ne apni patni se kaha ok darling. Hamara mitra
    dukan se doodh laya aur chay banakar pilaya.
    Mujhe unki patni par man hi man bahut gussa
    aya ki is bear baar wali ko bahut ghamand hai
    nahak hi isne bar wali se shadi ki, 2005 me
    maharastra ke home minister ne bar dance par
    pratibandh laga diya aur 2006 me bombay
    highcourt ne rok hatayi lekin sarkar s.c.chali gayi
    aur fir bar dance par rok lag gayi. Hamara mitra
    footpath par aa gaya aur unki patni jab mujhse
    mili to bahut ro rahi thi. Kabhi mai jism farosi ke
    karan bar dance ka virodhi tha lekin uski halat
    dekhkar mujhe 70000 bar balavo ki zindgi par
    taras aa raha tha. Aaj s.c.ne unko rahat di lekin
    ab to kitni bechari grant road, kamathipura ,
    bhandup aur turbhe me jism bech rahi hain

    ReplyDelete
  60. मै एक उदाहरण दे रहा हूँ टेट मेरिट के साथ जो नाइंसाफी होनी थी वो पहले ही हो चुकी है अब तो उनके साथ इंसाफ होगा।

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  61. हर एक को कसूरवार क्यों ठहराते हो तुम,
    अपने सामने भी तुम एक आइना रख लो.

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  62. !! "घर की बनी देशी घी की मिठाई और पराठे लेकर माँ-
    बाप English College में पढ़ रहे बेटे से मिलने उसके हॉस्टल जा पहुचे उन्हें सीधे साधे कपड़ो में देखकर एक लडकी पूछी ,''Hey Buddy Who are They.??
    देखकर एक लडकी पूछी ,''Hey Buddy Who are
    They.??
    लड़के ने जवाब दिया, They are Servant From My Village..
    माँ बाप की आँखों में ख़ुशी के आंसू आ गए क्यूंकि उनका बेटा अब इंग्लिश बोलने लगा था..!!

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  63. वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बढ़ती महंगाई के लिए
    आम जनता को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने
    कहा है कि लोग अब पहले की तुलना में अधिक
    सब्जी, फल और मीट खरीद रहे हैं। जिसके कारण
    देश में महंगाई बढ़ी।
    पढ़ें- http://bit.ly/chindambaram
    आपकी राय?
    क्या मंत्रीजी खुद की कमजोरी छिपाने के लिए इस
    तरह के बयान दे रहे हैं? क्या यह नाकाम सरकार
    हैं?

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  64. अब लोग ज्यादा खा रहे हैं, इसलिए बढ़ रही है
    महंगाई !
    वित्त मंत्री ने महंगाई के लिए आम
    आदमी को ठहराया जिम्मेदार

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  65. ज्योतिष विज्ञानं की अदभुत खोज-
    एक ऐंसा टेस्ट जो बतायेगा कि आपको खाने में क्या पसंद है !!

    1 से 9 तक का कोई भी एक अंक सोच लीजिये ।
    अब उसे 3 से गुणा कीजिये ।

    अब उसमें 3 जोड़ दीजिये ।

    अब फिर 3 से गुणा कीजिये ।

    अब जो उत्तर आये उसके दोनों अंकों को आपस में जोड़ दीजिये ।

    अब जो अंक आया उसे यहाँ जाँचिये-
    1. राजमा चावल
    2. पनीर
    3. चिकन
    4. पिज़्ज़ा
    5. बर्गर
    6. गुलाब जामुन
    7. चाउ मीन
    8. छोले भठूरे
    9. गोबर
    .
    .
    .
    .
    .
    .
    .
    .
    क्या हुआ ?
    .
    .
    .
    छी छी छी..
    पता नहीं क्या क्या खाते रहते हो.. :D
    .
    .
    .
    आप तो बन गये :P
    अब Share करो और दूसरों को भी बनाओ :)

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  66. आज मै पुनःस्पष्ट करना चाहता हूँ कि चाहे 2019 में भारतीय न्यायपालिका द्वारा हमारे मुकदमें का अन्तिम फैसला हो लेकिन विज्ञापन 2011 ही अपने मूल रुप को लेकर अस्तित्व में आयेगा लेकिन तब विज्ञापन 2012 के लिए कुछ भी शेष नहीं बचेगा। इस प्रकार भ्रमित लोग यह याद रखें कि किसी के मौलिक अधिकारों का गला घोटनें का अधिकार सरकार के पास बिल्कुल नहीं है। old advertise is true and alive in the future its activate by Indian judisary then no anything save to new applicant.

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  67. मित्रो हमारे देश मे 3000 साल पहले एक ऋषि हुए जिनका नाम था बागवट जी ! वो 135 साल तक जीवित रहे ! उन्होने अपनी पुस्तक अशटांग हिरद्यम मे स्वस्थ्य रहने के 7000 सूत्र लिखे ! उनमे से ये एक सूत्र राजीव दीक्षित जी की कलम से आप पढ़ें !
    _________________________________

    बागवट जी कहते है, ये बहुत गहरी बात वो ये कहते है जब आप भोजन करे कभी भी तो भोजन का समय थोडा निश्चित करें । भोजन का समय निश्चित करें । ऐसा नहीं की कभी भी कुछ भी खा लिया । हमारा ये जो शरीर है वो कभी भी कुछ खाने के लिए नही है । इस शरीर मे जठर है, उससे अग्नि प्रदिप्त होती है । तो बागवटजी कहते है की, जठर मे जब अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र हो उसी समय भोजन करे तो आपका खाया हुआ, एक एक अन्न का हिस्सा पाचन मे जाएगा और रस मे बदलेगा और इस रस में से मांस,मज्जा,रक्त,मल,मूत्रा,मेद और आपकी अस्थियाँ इनका विकास होगा ।

    हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की, खाना खाते का समय निर्धरित करें । और समय निर्धरित होगा उससे जब आप के पेट में अग्नी की प्रबलता हो । जठरग्नि की प्रबलता हो । बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च किया और वो कहते है की, डेढ दो साल की रिसर्च के बाद उन्हें पता चला की जठरग्नि कौन से समय मे सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो वो कहते की सूर्य का उदय जब होता है, तो सूर्य के उदय होने से लगभग ढाई घंटे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है ।

    मान लो अगर आप चेन्नई मे हो तो 7 बजे से 9 बजे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होगी । हो सकता है ये इसी सूत्रा अरूणाचल प्रदेश में बात करूँ तो वो चार बजे से साडे छह का समय आ जाएगा । क्यांे कि अरूणाचल प्रदेश में सूर्य 4 बजे निकल आता है । अगर सिक्कीम मे कहूँगा तो 15 मिनिट और पहले होगा, यही बात अगर मे गुजरात मे जाकर कहूँगा तो आपसे समय थोडा भिन्न हो जाएगा तो सूत्रा के साथ इसे ध्यान मे रखे । सूर्य का उदय जैसे ही हुआ उसके अगले ढाई घंटे तक जठर अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो बागवटजी कहते है इस समय सबसे ज्यादा भोजन करें ।

    बागवटजी ने एक और रिसर्च किया था, जैसे शरीर के कुछ और अंग है जैसे हदय है, जठर,किडनी,लिव्हर है इनके काम करने का अलग अलग समय है ! जैसे दिल सुबह के समय सबसे अधिक काम करता है ! 4 साढ़े चार बजे तक दिल सबसे ज्यादा सक्रीय होता है और सबसे ज्यादा heart attack उसी समय मे आते है । किसी भी डॉक्टर से पूछ लीजीए, क्योकि हदय सबसे ज्यादा उसी समय में तीव्र । सक्रीय होगा तो हदय घात भी उसी समय होगा इसलिए 99 % हार्ट अॅटॅक अर्ली मॉनिंग्ज मे ही होते है । इसलिए तरह हमारा लिव्हर किडनी है, एक सूची मैने बनाई है, बाहर पुस्तको मे है । संकेतरूप मे आप से कहता हूँ की शरीर के अंग का काम करने का समय है, प्रकृती ने उसे तय किया है । तो आप का जठर अग्नी सुबह 7 से 9.30 बजे तक सबसे ज्यादा तीव्र होता है तो उसी समय भरपेट खाना खाईए ।


    ठीक है । फिर आप कहेगे दोपहर को भूख लगी है तो थोडा और खा लीजीए । लेकीन बागवट जी कहते है की सुबह का खाना सबसे ज्यादा । अगर आज की भाषा में अगर मे कहूँ तो आपका नाष्टा भरपेट करे । और अगर आप दोपहर का भोजन आप कर रहे है तो बागवटजी कहते है की, वो थोडा कम करिए नाश्ते से थोडा 1/3 कम कर दीजीए और रात का भोजन दोपहर के भोजन का 1/3 कर दीजीए । अब सीधे से आप को कहता हूँ । अगर आप सवेरे 6 रोटी खाते है तो दोपहर को 4 रोटी और शाम को 2 रोटी खाईए । अगर आप को आलू का पराठा खाना है आपकी जीभ स्वाद के लिए मचल रही है तो बागवटजी कहते है की सब कुछ सवेरे खाओ, जो आपको खानी है सवेरे खाओ, हाला की अगर आप जैन हो तो आलू और मूली का भी निषिध्द है आपके लिए फिर अगर जो जैन नहीं है, उनके लिए ? आपको जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है वो सुबह आओ । रसगुल्ला , खाडी जिलेबी, आपकेा पसंद है तो सुबह खाओ । वो ये कहते हे की इसमें छोडने की जरूरत नहीं सुबह पेट भरके खाओ तो पेट की संतुष्टी हुई , मन की भी संतुष्टी हो जाती है ।

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  68. और बागवटजी कहते है की भोजन में पेट की संतुष्टी से ज्यादा मन की संतुष्टी महत्व की है।
    मन हमारा जो है ना, वो खास तरह की वस्तुये जैसे , हार्मोन्स , एंझाईम्स से संचालित है । मन को आज की भाषा में डॉक्टर लोग जो कहते हैं , हाला की वो है नहीं लेकिन डाक्टर कहते हैं मन पिनियल गलॅंड हैं ,इसमे से बहुत सारा रस निकलता है । जिनको हम हार्मोन्स ,एंझाईम्स कह सकते है ये पिनियल ग्लॅंड (मन )संतुष्टी के लिए सबसे आवश्यक है , तो भोजन आपको अगर तृप्त करता है तो पिनियललॅंड आपकी सबसे ज्यादा सक्रीय है तो जो भी एंझाईम्स चाहीए शरीर को वो नियमित रूप मंे समान अंतर से निकलते रहते है । और जो भोजन से तृप्ती नहीं है तो पिनियल ग्लॅंड मे गडबड होती है । और पिनियल ग्लॅंड की गडबड पूरे शरीर मे पसर जाती है । और आपको तरह तरह के रोगो का शिकार बनाती है । अगर आप तृप्त भोजन नहीं कर पा रहे तो निश्चित 10-12 साल के बाद आपको मानसिक क्लेश होगा और रोग होंगे । मानसिक रोग बहुत खराब है । आप सिझोफ्रनिया डिप्रेशन के शिकार हो सकते है आपको कई सारी बीमारीया ,27 प्रकार की बीमारीया आ सकती है , । कभी भी भोजन करे तो, पेट भरे ही ,मन भी तृप्त हो । ओर मन के भरने और पेट के तृप्त होने का सबसे अच्छा समय सवेरे का है ।


    अब मैने(राजीव भाई ने ) ये बागवटजी के सूत्रों को चारो तरफ देखना शुरू किया तो मुझे पता चला की मनुष्य को छोडकर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्रा का पालन कर रहा है । मनुष्य अपने को होशियार समझता है । लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियारी जीव जगत के प्राणीयों मे है । आप चिडीया को देखो, कितने भी तरह की चिडीये, सबेरे सुरज निकलते ही उनका खाना शुरू हो जाता है , और भरपेट खाती है । 6 बजे के आसपास राजस्थान, गुजरात में जाओ सब तरह की चिडीया अपने काम पर लग जाती है। खूब भरपेट खाती है और पेट भर गया तो चार घंटे बाद ही पानी पीती है । गाय को देखिए सुबह उठतेही खाना शुरू हो जाता है । भैंस, बकरी ,घोडा सब सुबह उठते ही खाना खाना शुरू करंगे और पेट भरके खाएँगे । फिर दोपहर को आराम करेंगे तो यह सारे जानवर ,जीवजंतू जो हमारी आँखो से दीखते है और नही भी दिखते ये सबका भोजन का समय सवेरे का हैं । सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है । इसलिए, थे हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है ।

    मैने आपको कई बार कहा है आप उस पर हँस देते है किसी भी चिडीया को डायबिटीस नही होता किसी भी बंदर को हार्ट अॅटॅक नहीं आता । बंदर तो आपके नजदीक है ! शरीर रचना मे बस बंदर और आप में यही फरक है की बंदर को पूछ है आपको नहीं है बाकी अब कुछ समान है । तो ये बंदर को कभी भी हार्ट अॅटॅक, डासबिटीस ,high BP ,नहीं होता ।


    मेरे एक बहुत अच्छे मित्रा है, डॉ. राजेंद्रनाथ शानवाग । वो रहते है कर्नाटक में उडूपी नाम की जगह है वहाँपर रहते है । बहुत बडे ,प्रोफेसर है, मेडिकल कॉलेज में काम करते है । उन्होंने एक बडा गहरा रिसर्च किया ।की बंदर को बीमार बनाओ ! तो उन्होने तरह तरह के virus और बॅक्टेरिया बंदर के शरीर मे डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी माध्यम से । वो कहते है, मैं 15 साल असफल रहाँ । बंदर को कुछ नहीं हो सकता । और मैने कहा की आप ये कैसे कह सकते है की, बंदर कुछ नहीं हो सकता , तब उन्हांने एक दिन रहस्य की बात बताई वो आपको भी ,बता देता हूँ । की बंदर का जो है न RH factor दुनिया में ,सबसे आदर्श है, और कोई डॉक्टर जब आपका RH factor नापता है ना ! तो वो बंदर से ही कंम्पेअर करता है , वो आपको बताता नहीं ये अलग बात है । कारण उसका ये है की, उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती । ब्लड मे कॉलेस्टेरॉल बढता ही नहीं । ट्रायग्लेसाईड कभी बढती नहीं डासबिटीस कभी हुई नहीं । शुगर कितनी भी बाहर से उसके शरीर मे डंट्रोडयूस करो, वो टिकती नहीं । तो वो प्रोफेसर साहब कहते है की, यार ये यही चक्कर है ,की बंदर सवेरे सवेरेही भरपेट खाता है । जो आदमी नहीं खा पाता ।



    तो वो प्रोफेसर रवींद्रनाथ शानवागने अपने कुछ मरींजों से कहा की देखो भया , सुबह सुबह भरपेट खाओ ।तो उनके कई मरीज है वो मरीज उन्हे बताया की सुबह सुबह भरपेट खाना खाओ तो उनके मरीज बताते है की, जबसे उन्हांने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तो , डासबिटीस माने शुगर कम हो गयी, किसी का कॉलेस्टेरॉल कम हो गया, किसी के घटनों का दर्द कम हो गया कमर का दर्द कम हो गया गैस बनाना बंद हो गई पेट मे जलन होना, बंद हो गयी नींद अच्छी आने लगी ..... वगैरा ..वगैरा । और ये बात बागवटजी 3500 साल पहले कहते ये की सुबह की खाना सबसे अच्छा । माने जो भी स्वाद आपको पसंद लगता है वो सुबह ही खाईए ।

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  69. PYAR ki application..


    To,

    The janeman
    I love you jaan
    Subject- Love is Life.
    Dear Janu,
    I beg to say that, I am a student
    of ur heart.
    My Dil is very ill.
    It is dhadking (Beating) many
    times in a minute.

    So, Kindly give me a kiss.
    Thanks,


    YOUR'S LOVER ,
    Name :: Pyar Ka Mara.
    Class :: Dil Hai Tumhara
    Roll no. 143

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  70. तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया की, सुरज उगा तो ढाई घंटे तक । माने 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपक भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । ये नाष्ता हिंदुस्थानी चीज नहीं है । ये अंग्रेजो की है और आप जानते है हमारे यहाँ क्या चक्कर चल गया है , नाष्टा थोडा कम, करेंगे ,लंच थोडा जादा करेंगे, और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे । सर्वसत्यानाष । एकदम उलटा बागवटजी कहेते है की, नाष्टा सबसे ज्यादा करो लंच थोडा कम करो और डिनर सबसे कम करो । हमारा बिलकूल उलटा चक्कर चल रहा है !


    ये अग्रेज और अमेरिकीयो के लिए नाष्टा सबसे कम होता है कारण पता है ??वो लोग नाष्टा हलका करे तो ही उनके लिए अच्छा है। हमारे लिए नाष्टा ज्यादा ही करना बहूत अच्छा है । कारण उसका एकही है की अंग्रेजो के देश में सूर्य जलदी नही निकलता साल में 8-8 महिने तक सूरज के दर्शन नहीं होते और ये जठरग्नी है । नं ? ये सूरज के साथ सीधी संबंध्ति है जैसे जैसे सूर्य तीव्र होगा अग्नी तीव्र होगी । तो युरोप अमेरिका में सूरज निकलता नहीं -40 तक . तापमान चला जाता है 8-8 महिने बर्फ पडता है तो सूरज नहीं तो जठरग्नी तीव्र नहीं हो सकती तो वो नाष्टा हेवियर नही कर सकते करेंगे तो उनको तकफील हो जाएँगी !

    अब हमारे यहाँ सूर्य हजारो सालो से निकलता है और अगले हजारो सालों तक निकलेगा ! तो हमने बिना सोचे उनकी नकल करना शुरू कर दिया ! तो बाग्वट जी कहते है की, सुबह का खाना आप भरपेट खाईए । ? फिर आप इसमें तुर्क - कुतुर्क मत करीए ,की हम को दुनिया दारी संभालनी है , किसलिए ,पेट के लिए हीं ना? तो पेट को दूरूस्त रखईये , तो मेरा कहना है की, पेट दुरूस्त रखा तो ही ये संभाला तोही दुनिया दारी संभलती है और ये गया तो दुनिया दारी संभालकर करेंगे क्या?

    मान लीजिए, पेट ठीक नहीं है , स्वास्थ ठीक नहीं है , आप ने दस करोंड कमा लिया क्या करेंगे, डॉक्टर को ही देगे ना ? तो डॉक्टर को देने से अच्छा किसी गोशाला वाले को दिजीए ;और पेट दुरूस्त कर लिजिए । तो पेट आपका है तो दुनिया आपकी है । आप बाहर निकलिए घरके तो सुबह भोजन कर के ही निकलिए । दोपहर एक बजे में जठराग्नी की तीव्रता कम होना शुरू होता है तो उस समय थोडा हलका खाए माने जितना सुबह खाना उससे कम खाए तो अच्छा है। ना खाए तो और भी अच्छा । खाली फल खायें , ज्यूस दही मठठा पिये । शाम को फिर खाये ।

    अब शाम को कितने बजे खाएं ???

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  71. Dosto jo detail lena chahe wo amit ji ke no. par call kar sakta hai . unka no. niche diya hai

    mere pass is vishay me call na kare.

    mai iske prati responsible nahi hu.

    thanks

    Amit Tiwari > Struggle for Right to Education
    Implementation"एक पहल"

    Jo supreem court jane k samrthak h wo hamara
    sath de. bhage mat, lade hamare sath. ham
    direction dilwa denge highcourt ko ki wo hamare
    case ko 3 month me final kare. time fix kara
    dunga, bas aap logo k sath ki zarurat h,

    8423719696

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  72. BLOG EDITOR G

    kafi dino se ye dekha jaa raha hai ki blog par log 1 hi post ko baar post karte hain, kya isko rokne ka koi tareeqa nahi hai? agar hai to kya ise roka ja sakta hai?
    aur gaali galouj ka kya kahna , uspe to koi klagaam hi nahi hai,jaise aap log iske prati sachet nahi ho aur saxamm nahi ho.
    agar main galat hun to mujhe___________
    agar sahi hun to jawaab__________






    T
    H
    A
    N
    K
    S


    mujhe aapke response ka intjaar rahega, jisse mujhe bhi ye pata chale ki main sahi jagah par hun,

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  73. BLOG EDITOR G

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  74. dosto bina jankari ke kisi ko paise na de

    ha yadi chahe to baat kr k radneeti jan sakte hai aur uchit sahyog de sakte hai.

    mai amit ji ko personally nahi janta.

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  75. BLOG EDITOR G

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  76. BLOG EDITOR G

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  77. BLOG EDITOR G

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  78. BLOG EDITOR G

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  79. BLOG EDITOR G

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  80. मित्रो आप इन नियमो का पालण पूरी ईमानदारी से अपनी ज़िंदगी मे करे !!
    ये नियमो का पालण न करने से ही बीमारियाँ ज़िंदगी मे आती हैं !!
    ____________________________________
    सुबह उठते ही सबसे पहले हल्का गर्म पानी पिये !! 2 से 3 गिलास जरूर पिये !
    पानी हमेशा बैठ कर पिये !
    पानी हमेशा घूट घूट करके पिये !!

    घूट घूट कर इसलिए पीना है ! ताकि सुबह की जो मुंह की लार है इसमे ओषधिए गुण बहुत है ! ये लार पेट मे जानी चाहिए ! वो तभी संभव है जब आप पानी बिलकुल घूट घूट कर मुंह मे घूमा कर पिएंगे !

    इसके बाद दूसरा काम पेट साफ करने का है ! रोज पानी पीकर सुबह शोचालय जरूर जाये !पेट का सही ढंग से साफ न होना 108 बीमारियो की जड़ है !

    खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है !
    हमेशा डेड घंटे बाद ही पानी पीएं !

    खाना खाने के बाद अगर कुछ पी सकते हैं उसमे तीन चीजे आती हैं !!

    1) जूस
    2) छाज (लस्सी) या दहीं !
    3) दूध

    सुबह खाने के बाद अगर कुछ पीना है तो हमेशा जूस पिये !
    दोपहर को दहीं खाये ! या लस्सी पिये !
    और दूध हमेशा रात को पिये !!

    इन तीनों के क्रम को कभी उल्टा पुलटा न करे !!फल सुबह ही खाएं (ज्यादा से ज्यादा दोपहर 1 बजे तक ) ! दहीं दोपहर को दूध रात को !


    इसके इलावा खाने के तेल मे भूल कर भी refine oil का प्रयोग मत करे !(वो चाहे किसी भी कंपनी का क्यू न हो dalda ,ruchi,gagan)को भी हो सकता है !
    अभी के अभी घर से निकाल दें ! बहुत ही घातक है !
    सरसों के तेल का प्रयोग करे ! या देशी गाय के दूध का शुद्ध घी खाएं ! ! (पतंजलि का सरसों का तेल एक दम शुद्ध है !(शुद्ध सरसों के तेल की पहचान है मुंह पर लगाते ही एक दम जलेगा ! और खाना बनाते समय आंखो मे हल्की जलन होगी !


    चीनी का प्रयोग तुरंत बंद कर दीजिये ! गुड खाना का प्रयोग करे ! या शक्कर खाये ! चीनी बहुत बीमारियो की जड़ ! slow poison है !)

    खाने बनाने मे हमेशा सेंधा नमक या काला नमक का ही प्रयोग करे !! आयोडिन युक्त नमक कभी न खाएं !!
    (ये नमक वाली बात आपको अजीब लग सकती हैं ! लेकिन बहुत रहस्यमय कहानी है इस आओडीन युकत नमक के पीछे ) बाद मे विस्तार से बताई जाएगी !!

    सुबह का भोजन सूर्य उद्य ! होने के 2 से 3 घंटे तक कर लीजिये ! (अगर 7 बजे आपके शहर मे सूर्य निकलता है ! तो 9 या 10 बजे तक सुबह का भोजन कर लीजिये ! इस दौरान जठर अग्नि सबसे तेज होती है ! सुबह का खाना हमेशा भर पेट खाएं ! सुबह के खाने मे पेट से ज्यादा मन संतुष्टि होना जरूरी है ! इसलिए अपनी मनपसंद वस्तु सुबह खाएं !!

    खाना खाने के तुरंत बाद ठीक 20 मिनट के लिए बायीं लेट जाएँ और अगर शरीर मे आलस्य ज्यादा है तो 40 मिनट मिनट आराम करे ! लेकिन इससे ज्यादा नहीं !

    इसी प्रकार दोपहर को खाना खाने के तुरंत बाद ठीक 20 मिनट के लिए बायीं लेट जाएँ और अगर शरीर मे आलस्य ज्यादा है तो 40 मिनट मिनट आराम करे ! लेकिन इससे ज्यादा नहीं !

    रात को खाना खाने के तुरंत बाद नहीं सोना ! रात को खाना खाने के बाद बाहर सैर करने जाएँ ! कम से कम 500 कदम सैर करे ! और रात को खाना खाने के कम स कम 2 घंटे बाद ही सोएँ !

    ब्रह्मचारी है (विवाह के बंधन मे नहीं बंधे ) तो हमेशा सिर पूर्व दिशा की और करके सोएँ ! ब्रह्मचारी नहीं है तो हमेशा सिर दक्षिण की तरफ करके सोएँ ! उत्तर और पश्चिम की तरफ कभी सिर मत करके सोएँ !

    मैदे से बनी चीजे पीज़ा ,बर्गर ,hotdog,पूलड़ोग , आदि न खाएं ! ये सब मेदे को सड़ा कर बनती है !! कब्ज का बहुत बड़ा कारण है ! और ऊपर आपने पढ़ा कब्ज से 108 रोग आते हैं )


    इन सब नियमो का अगर पूरी ईमानदारी से प्रयोग करेंगे ! 1 से 2 महीने मे ऐसा लगेगा पूरी जिंदगी बदल गई है ! मोटापा है तो कम हो जाएगा ! hihgh BP,cholesterol,triglycerides,सब level पर आना शुरू हो जाएगा ! HDL बढ्ने लगेगा ! LDL ,VLDL कम होने लगेगा !! और भी बहुत से बदलाव आप देखेंगे !!
    _______________________________________
    for more info must click here

    http://www.youtube.com/watch?v=dbtuhIvQ6E4

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  81. एक चरसी कब्रिस्तान में चरस पी रहा था ।


    पुलिस-तुम यहां बैठ कर क्या कर रहे हो?
    चरसी-अब्बू के लिए दुआ।

    पुलिस-ये तो बच्चे की कब्र है।

    चरसी-अब्बू बचपन में ही मर गए थे।

    ReplyDelete


  82. इलाहाबाद में ढाई हजार अज्ञात के खिलाफ दर्ज
    हुई एफआइआर

    Updated on: Tue, 16 Jul 2013 02:26
    PM (IST)


    इलाहाबाद में ढाई हजार अज्ञात के खिलाफ दर्ज
    हुई एफआइआर


    लखनऊ : इलाहाबाद में प्रतियोगी परीक्षाओं में
    लोक सेवा आयोग की नई आरक्षण नीति के
    खिलाफ इलाहाबाद में सड़क पर उतरे
    प्रतियोगी छात्रों का आक्त्रोश थम
    ही नहीं रहा है। पुलिस प्रशासन भी अब
    सख्ती के मूड में हैं। इसी क्त्रम में सिविल लाइंस
    थाने में ढाई हजार अज्ञात के खिलाफ
    एफआइआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस
    वीडियो फुटेज व फोटो देख कर अब
    उपद्रवी छात्रों को नामजद करने की तैयारी में
    है। उधर, नई आरक्षण नीति के विरोध में
    पीसीएस-2011 की मुख्य परीक्षा में चयनित
    सामान्य वर्ग के छात्रों ने साक्षात्कार
    का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
    प्रतियोगियों ने कहा यदि 22 को निर्णय
    सामान्य छात्रों के खिलाफ रहा तो न
    साक्षात्कार देंगे और न ही देने देंगे। 26 जुलाई
    से लोक सेवा आयोग पीसीएस की मुख्य
    परीक्षा में चयनित छात्रों का साक्षात्कार है।
    गौरतलब है कि प्रतियोगी परीक्षा के हर चरण
    में
    आरक्षण लागू करने की लोक सेवा आयोग
    की नई नीति के खिलाफ भड़की चिंगारी कल
    आयोग चौराहे से बढ़ कर शहर के एक बड़े हिस्से
    में फैल गई। लोक सेवा आयोग चौराहे से जुलूस
    बना कर निकले प्रतियोगी छात्रों ने सिविल
    लाइंस में जमकर तोड़फोड़ की। सरकारी वाहनों,
    रोडवेज बसों के साथ
    निजी वाहनों को भी नहीं बख्शा गया। खास कर
    प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा का झडा लगाए
    वाहनों को निशाना बनाया गया।
    सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास भी छात्रों ने
    तोड़फोड़ व आगजनी की। पुलिस ने
    छात्रों को नियंत्रित करने के लिए कई बार
    लाठिया भी फटकारीं। जिला प्रशासन के
    हस्तक्षेप के बाद शाम करीब 6.30 बजे लोक
    सेवा आयोग के सचिव के साथ छात्रों के
    प्रतिनिधि मंडल ने वार्ता की व अनशन समाप्त
    कर दिया। सचिव ने छात्रों को हाईकोर्ट के
    आदेश के अनुसार कार्रवाई का भरोसा दिया।
    लोक सेवा आयोग ने पीसीएस परीक्षा 2011 में
    आरक्षण के प्रावधानों में परिवर्तन कर
    दिया था। हाल ही में घोषित मुख्य परीक्षा के
    परिणाम इस नई नीति के अनुसार निकाले गए थे।
    इसमें आयोग ने पूर्व से चली आ
    रही साक्षात्कार में आरक्षण लागू करने
    की व्यवस्था को दरकिनार कर प्रारंभिक व
    मुख्य परीक्षा में भी मंडल कमीशन के
    प्रावधानों का लागू कर दिया। हाइकोर्ट ने इस
    मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए
    सुनवाई के लिए सोमवार 22 जुलाई
    की तिथि निर्धारित कर दी।

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  83. Tet merit nahi to bharati bhi nahi

    .
    aapko sat. sat namskar
    .
    .
    . jab tak dhara par argaja auo sursati bahhati rahe,
    jab tak gagan me surya sashi ki feriya lagati rahe,
    jab lao na sagar susk ho sansar kram chalta rahe,

    tub lao side par aapki sunder lekhani chalti rahe.

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  84. Manav shri tum apne naam k ekdam ulte ho tumhara naam to danav gira hona chahiye tha.jisne bhi aapka naam danav rakha bilkul sahi rakha.

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