UP BTC यूपी: तैयार रहें, बीटीसी में होनेवाले हैं दो बड़े बदलाव!
राज्य शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि टीईटी की अनिवार्यता के बाद बीटीसी के स्वरूप में बदलाव जरूरी हो गया है।
विशेषज्ञों की बैठक में पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव भी बन गया है, जिसे सुझावों के रूप में एससीईआरटी को भेज भी दिया गया है। जल्द ही इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
बीटीसी को लेकर बहस उसी समय से शुरू हो गई थी, जब टीईटी को अनिवार्य किया गया था। विशेषज्ञों की राय रही कि जब टीईटी शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता हो गई तो बीटीसी के नाम से प्रशिक्षुओं को डिग्री देना उचित नहीं है।
अब तक बीटीसी को शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता माना जाता था। राज्य शिक्षा संस्थान के जानकारों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक जो प्रशिक्षु टीईटी पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें टीचर सर्टिफिकेट देना जायज नहीं है इसलिए इसके नाम में बदलाव की जरूरत है।
नाम के साथ ही पाठ्यक्रम में भी बड़े बदलाव का प्रारूप तैयार किया गया। बदलाव के तहत अब हर सेमेस्टर में इंटर्नशिप होगी। पहले केवल चौथे सेमेस्टर में होती थी। नई प्रक्रिया से प्रशिक्षु हर सेमेस्टर में सैद्धांतिक के साथ व्यवहारिक शिक्षा भी हासिल कर सकेंगे।
पाठ्यक्रम में अब तक शिक्षा का अधिकार-2009 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005 से कोई भी बिंदु शामिल नहीं किया गया था। बदलाव के क्रम में इसे शामिल किया जाएगा। छोटे जिलों के डायट में चल रही मनमानी पर रोक लग सके, इसके लिए भी कई नए प्रस्ताव रखे गए हैं।
राज्य शिक्षा संस्थान निदेशक फैजुर्रहमान ने बताया कि एससीईआरटी से अनुमोदन मिलने के बाद पाठ्यक्रम में बदलाव शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद बीटीसी की किताबें भी तैयार की जाएंगी। अब तक बीटीसी के लिए किताबों का निर्माण भी नहीं किया गया है
ReplyDeleteखरे ने जिस प्रकार से संविधान पीठ के समक्ष
अपनी चिरपरिचित शैली में मूर्खता करते हुए
विभिन्न राज्यों में दिये गये टेट प्राप्तांकों को वेटेज
देने की बात जोर शोर से उठाकर 16वें संशोधन
की वैधानिकता पर सवाल उठाया .....क्या यह गुप्त
रणनीति हमारे किसी काम की थी........बिल्कुल
नहीं....यह केवल भर्ती और फँसाने
का तरीका मात्र था ....जब सारे जज कह रहे हैं
कि नियमावली में संशोधन retrospective effect से
लागू नही हो सकता चाहे वह ट्ण्डन रहे
हों या हरकौली साहब का दिया गया इसी के आधार
पर स्टे ...........तब खरे को 12वें संशोधन को defend
करने के बजाये 16वें संशोधन को गलत साबित करके
और उसकी व्याख्या करवाकर क्या हासिल होगा ।
शलभ भाई मैं आपकी इस बात से पूर्णतयः सहमत हूँ
कि अगर खरे ने फिर यही बात दुबारा डबल बेंच में
कह दी तो .....या तो फिर 5 जजों की पीठ बैठेगी यह
निर्धारित करने के लिये कि वेटेज कम से कम
कितने प्रतिशत होना चाहिये या सरकार सुप्रीम
कोर्ट अपने अधिकारों के हनन के लिये जायेगी ।
फिर तो ये भर्ती होने से रही । अगर होगी भी तो तब
होगी जब शायद कुछ ही लोग 2011 टेट के बचें । अपने
को खरे का पैरवीकार कहने वाले कम से कम
मेरी इस शंका का समाधान यहाँ सार्वजनिक तौर
पर अवश्य करें ताकि मैं अपने को संतुष्ट कर सकूँ ।
कि आखिर सीधे सीधे मामले को इस तरह घुमाने
का खरे का क्या मकसद है या मैं यह समझूँ
कि जो पैरवीकार कहते हैं वह खरे कहते
हैं ................
साथियो हम सब कोर्ट मे अपनी सुनवाई न हो पाने के कारण परेशान है । सुनवाई न हो पाने के लिए परिस्थितियाँ जिम्मेदार है न कि हमारे साथी या वकील। इसमे सरकार की भी कोई भूमिका नही है । हरकौली जी की बेँच नियमित होने के बाद वर्तमान समस्या स्वयं खत्म हो जाएगी इसलिए परेशान न हों और अनुकूल समय का इंतजार करे । शलभ भाई से बात हुई । केसरी नाथ त्रिपाठी जी को यदि मोर्चा हायर करता है तो हम सबका पूरा सहयोग एवं समर्थन होगा । त्रिपाठी जी अत्यंत सुलझे हुए और सीनियर वकील है ।उनका मार्गदर्शन हमारे लिए उपयोगी अवश्य होगा । लेकिन उनके आने मात्र सेसतत सुनवाई शुरू होना संभव नही इसके लिए अनुकूल समय आने तक इंतजार करना हीहोगा । इलाहाबाद या लखनऊ मे आंदोलन कीबात हमारे लिए अनुकूल नही है इसलिए इसकी कोई आवश्यकता अभी नही है । आंदोलन की आवश्यकता हमारे पक्ष मे कोर्ट का आदेश आने के बाद अगर पड़ी तो अवश्य किया जाएगा । अभी अधिकांश भर्तीसपोर्टर और कुछ गुणाँक सपोर्टर आंदोलन की बात कर रहे है उन्हे करने दीजिए क्योंकि उनका कोर्ट से कोई संबंध नही है । कोर्ट की पैरवी कर रहे अपने साथियों पर विश्वास रखे और उनका मनोबल बढ़ाएँ । बिना वजह न खुद परेशान हो और न साथियो को करे । सरकार को एक न एक दिन कोर्ट के समक्ष समर्पण करना हीहोगा और तभी हमारी समस्याओं का अंत होगा । कोर्ट सरकार को मनमानी करने कीअनुमति नही दे सकता लेकिन अपने अधीन भर्ती करने के लिए बाध्य भी नही कर सकता लेकिन फँसा सकता है यही सत्य है और यही कोर्ट कर रहा है । जब तक सरकार टेट मैरिट से भर्ती करने को तैयार नहीहोती कोर्ट उसे अकेडमिक से भर्ती नही करने देगी और चुनाव से पहले कोर्ट और सरकार मे लुका छिपी का यह खेल खत्म हो जाना चाहिए ।
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abe chutiya sale kyon kwab dekh raha hai ......bharti hogi aur acd se hi hogi bada teju khan tha to primary me gand marane kyon aaya ias pcs banta sale
Deleteएक आदमी एक गाड़ी के एक्सिडेंट का चश्मदीद गवाह था!
ReplyDeleteवकील और गवाह के बीच कुछ ऐसे सवाल जवाब हो रहे थे!
वकील-: क्या तुमने सच में एक्सिडेंट देखा?
गवाह: जी हाँ साहब!
वकील-: जब एक्सिडेंट हुआ तो तुम उस जगह से लगभग -लगभग
कितनी दूरी पर खड़े थे..30 मीटर, 50 मीटर या उससे भी ज्यादा दूर ?
गवाह-: 30 फुट और सवा 6 इंच!
CB वकील-: थोड़ा सोचकर, तो श्रीमान जी,
क्या आप जज साहब को बता सकते है कि,
आप इस दूरी को इतनी प्रमाणिकता से कैसे
कह सकते हो कि, ये इतनी ही थी, जितनी आप ने कही...?
गवाह-: क्योंकि जब एक्सिडेंट हुआ तो मैंने
उसी वक़्त उस दूरी को इंच टेप से नाप
लिया और मैं जानता था कि कोर्ट में बेवकूफ
वकील इस प्रश्न को जरुर पूछेगा..
ReplyDeleteMitron agar aaj se bhi counselling shuru ki jaaye
to appointment letter milne tak to kam se kam
3-4 mahine lag hi jaayenge jabki december 2013
tak maatr kul 5 mahine hi shesh bache hain uske
baad january ya shayad last december se hi
chunaavi adhisuchna jaari ho jaayegi. Matlab saaf
hai agar august ya september se bharti nahi start
huyi to bharti 1 baar fir chunaavi adhisuchna me
fasegi. Aur mitron aap to jaante hi hain ki
chunaav bitne ke baad ------------------------------
------------------
hame aaj se hi dharna-aandolan, supreme court
aur highcourt ki sthition aur vikalpon par
gambheerta se vichaar karna hoga.
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कल से एक नया अध्याय जुड़ा हुआ है और वह है कि केशरी नाथ त्रिपाठी जी को अपने केस से संलग्न करना । अभी कुछ देर पहले मेरी सुजीत भाई से इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई । हमको किसी का किसी भी बात का समर्थन करने से पहले कुछ बातों पर विचार करना होगा ।
ReplyDelete1- क्या वास्तव में किसी नये सीनियर वकील को इन अंतिम पलों में सिर्फ आदेश लिखाने मात्र के लिये अपने साथ संलग्न करना उचित है ।
2- जिस वकील का विरोध टेट मोर्चे के अधिकांश साथी कर रहे हैं उसपर निर्णय लेने के बजाय किसी दूसरे वकील के समर्थन का क्या औचित्य है ?????????
3- हम चाहे 5 और सीनियर वकील अपने साथ संलग्न कर लें लेकिन जब एक सीनियर वकील केस की दिशा को मोड़ने पर उतारू ही हो जायेगा तो बाकी कहते भी रहें तो क्या उसका कोई औचित्य रह जायेगा ।
4- जैसा कि कल विभिन्न माध्यमों से कहा गया कि केसरी नाथ त्रिपाठी जी फ्री में हमारे साथ खड़े हो जायेंगे......... क्या यह सम्भव है जब्कि संविधान पीठ में बकायदा सुजीत भाई ने उनको 50 हजार फीस पर तय किया था और एडवांस में 10000 रूपये भी दिये थे लेकिन विरोध के चलते वो उनको खड़ा नही कर सके ।
5- हरकौली साहब के अंतरिम आदेश और संविधान पीठ का अंतिम आदेश जिसमें यह साफ तौर पर कहा गया है कि ..
Hon'ble Sunil Ambwani,J.
Hon'ble Amreshwar Pratap Sahi,J.
Hon'ble Pradeep Kumar Singh Baghel,J.
This Special Appeal was connected under Orders of Hon'ble the Chief Justice with the main Writ Petition No.12908 of 2013, in which the order of reference was made.
We have answered the reference today by a detailed judgment and, therefore, let this Special Appeal be now listed before the appropriate Bench having jurisdiction to decide the same.
Order Date :- 31.5.2013
.....इससे साफ है कि कोई भी वकील आने वाली सुनवाई में पूरे आदेशों की संक्षिप्त चर्चा करके अगर मात्र आदेश निर्गत करने की बात करता है तो उसमें कोई शक नहीं कि आदेश उसी दिन सुरक्षित हो जायेगा ।
6- सुजीत भाई अभी कुछ घण्टों पश्चात यह स्पष्ट कर देंगे कि क्या वास्तव में केसरी नाथ त्रिपाठी जी मुफ्त में हमारे लिये पैरवी करने के लिये तैयार हैं अथवा नहीं ..........
अगर नहीं तो मैं तो सर्वप्रथम यही कहूँगा कि उस व्यक्ति को पहले बाहर किया जाये जो कि हमारे लिये हितकर नहीं है ।
7-अब आप सब भी अपना - अपना मत अवश्य रखें ,,,,,और जोर शोर से रखें क्योंकि अब यह नहीं चलेगा कि पैसा भी आपसे लिया जाये और किसी को यह भी न पता हो कि हमारा वकील अदालत में सुनवाई के दौरान कहने क्या वाला है ............??? अब जो कुछ भी होगा सबकी सहमति से होगा वरना ........वकील की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी फीस होती है .....और अगर फीस की व्यवस्था आप सब करते हैं तो कौन खड़ा होगा कौन नहीं ....यह सब तय करने का अधिकार भी आपको ही है ........न कि उनको जो पूछने पर कह दें कि अगर नहीं समझ में आ रहा है तो अपना वकील खुद कर लो ????
वो शख़्स एक छोटी सी बात पे यूं रूठ के चला गया,
ReplyDeleteजैसे उसे सदियों से किसी बहाने की तलाश थी...
सरकार के प्रवक्ता राशिद अल्वी का कहना हैँ
ReplyDeleteकि दिल्ली मेँ 5 रुपये मेँ भरपेट खाना मिलता है.
अब उन्हे कौन बताए की दिल्ली मेँ पेट
खाली करने के
लिए भी 5 रुपये लगते है !!
मित्रो राजबब्बर को 09868180877 फोन करके उससे Rs 12 में भरपेट खाना देने वाले होटल का पता पूछो अगर पता न बताये तो उसकी जुतांजली करे |
ReplyDelete
ReplyDeleteIsme koi do ray nahi ki keshari nath tripathi ji ke
aa jane se hume strength milegi lekin unhe is
tarah se packaging ya promote na kiya jaye ki wo
har marj ki dawa sabit honge hamara kary hai ki
hum behtar kar sake aur hamare tet supporter
big brothers wahi kar rahe hai,,, ashawadi hona
nischit roop se behtar hai kintu ati aashawad se
hame kabhi kabhi bahut kast bhi hota hai jaisa ki
ab tak pichale kuch samay me hua ,, to bas yahi
apne sabhi tet supporter bhaio se kahna hai ki
behtar karne ki koshise lagatar jari hai baki
ishwar pe nirbhar hai
एक लड़की ने आपसे लिफ्ट मांगी और रास्ते
ReplyDeleteमें उसकी तबियत ख़राब हो गयी.
मतलब आपको टेंशन हो गयी.
आप उसे हॉस्पिटल लेकर गए और डॉक्टर ने
कहा कि आप बाप बनने वाले हैं.
मतलब आपको और टेंशन हो गयी.
आप ने कहा कि नहीं आप का उससे कोई
लेना देना नहीं है पर लड़की ने
कहा कि यही है वो लड़का जो इस बच्चे
का बाप है.
मतलब आपको और भी ज्यादा टेंशन
हो गयी.
पुलिस आयी, आपका मेडिकल चैक अप हुआ और
रिपोर्ट आयी कि आप तो कभी बाप बन
ही नहीं सकते.
मतलब आप को तो भयंकर टेंशन हो गयी.
फिर भी आप जैसे तैसे घर पहुंचे और
बीवी और बच्चों को देखकर........
टेंशन ! टेंशन ! टेंशन ! आप सोच रहे हैं
कि साली मैंने उसे लिफ्ट ही क्यों दी ?
लड़का लड़की बगीचे में बैठे थे ,
ReplyDeleteलड़का :अपना भविष्य क्या है ?
लड़की : शादी
लड़का : तुम्हारे माँ बाप नहीं मानेगे, हम भागकर शादी कर लेते है
लड़की :(गुस्से से ) आज तो बोल दिया आगे से मत बोलना , शादी न हो सके तो न हो , पर में भ्रूण हत्या कि भागीदार नहीं हो सकती
लड़का: हमारी शादी में भ्रूण हत्या कहा से आ गयी ?
लड़की : एक पिता एक बेटी को एक बेटे से जायदा प्यार करता है , लेकिन जब कोई लड़की घर से भाग कर और समाज के खिलाफ शादी कर लेती है तो उसके कारण कितनी ही मासूम बच्चियों कि हत्या कर दी जाती है,
"माँ बाप को बेटीया नहीं चुभती है, बड़ी हो कर बेटी कही कलंक का कारण न बन जाए ये बात
चुभती है" ...
सभी लड़के लड़की ऐसी ही सोच रखे कि माता पिता कि आँख की शर्म हमारे अंदर जिन्दा है..
5 रुपये मेँ राशिद मसूद और राज बब्बर के पजामे का नाड़ा भी नहीँ आ सकता, हाँ अगर वो चाहेँ तो 5 रु. मेँ दिल्ली रेलवे स्टेशन के बगल बने सुलभ-शौचालय मेँ निवृत्त हो सकते है।
ReplyDeleteहाँ, अगर वो बात करेँ यू.पी. की या खास तौर से कानपुर झकरकटी बस अड्डे की, तो वहाँ इन्हे नि:शुल्क खाने को मिल सकता है..
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गरीबोँ के जूते, वो भी ब्राण्डेड कम्पनी के ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ़ कहा है की : “ हमारी समाजवादी पार्टी की सरकार 10 वी कक्षा पास करने वाली हर एक मुसलमान लड़की कों 30 हजार रुपये की मदद दे रही है । लेकिन सपा सरकार ने कक्षा 10 पास करने वाली गरीब और जरूरतमंद हिंदू लड़कियों कों यह मदद नहीं देने का फैसला किया है । हिंदुओ ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी तो उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे ।”
ReplyDeletehttp://hindi.in.com/latest-news/News/Sp-Govt-Launch-Scheme-For-Only-Muslim-Girls-1725032.html
By: Bajrang Dal
ReplyDeleteJo fasaadat ke sholon ko hawaa dete hain,
Aise hatho me huqumat nahi dekhi jati,
Mulk khatre me agar ho to fir utha le talwaar,
Aise mauke pe sharafat nahi dekhi jati.
ReplyDeleteJai Hind Dosto,
Har mahine ek maut ki khabar padhne ko milti
rahi hai,..badi sharmnak ghadi hai..bada najuk
pal hai.par is.se bhi buri halat tab hogi jab kisi
bhi ek vigyapan k base par selection jari ho
jayega.tab hume lasho ka wo manjar dekhne ko
milega jise hum shayad hi kabhi bhool
payenge....
is k wajah ki shuruwat hi wahi se hoti
hai jab chunav se purv Akhilesh Yadav dvara
tuglaki andaz me tet mudde ko issue bnakar yah
ghosda kiya gya ki satta me aate hi tet radd
karenge,stone park par buldozer chalwayenge..bi
lkul waise hi jaise satta me aate hi ki gayi ghosda
ki..Vidhayak., vikas nidhi se 20 lacs ki Car le sakte
hain aur adhikari chori kar sakte hai,aur berojgari
bhatta se lekar balatkari bhatta tak dene ki
peshkas ki gayi..
Ab tak k 1.5 sal ki inki rajnaitik avadhi me hum
logo ne inke vikrit rup ko hi dekha hai,hume
hindu muslim me bantne se ji nahi bharta inka..
Apne issues par charcha kare to payenge ki up
me 3.5 lacs vacencies hain. Jinme se 1.70 lac post
shikshamitro k liye hai..sabhi niyamo ko tak par
rakhkar..mana ki BTC ki training di ja rahi hai par
inme se 75% sm aise hain jinhone regular
graduation bhi kiya hai aur anvarat teaching bhi
ki hai.
UP Gov k anusar inko shikshak isliye bnaya jana
hai kyoki inhone gov schools me seva kiya
hai..yani nurse aur wardboy ko 3 years baad
Doctor bna diya jaye,yani ki watchman ko 3 years
ki service k baad bank PO bna diya jaye,clerk ko
Vice Chancellor Bna diya jaye 3 sal baad..kya ye
sab sambhav hai???
ReplyDeleteJahan se tez hawao ka aana jana hai,
Natiza kuch ho wahi par diya jalana hai,
Saltanat wale hikarat se meri taraf na dekh,
Mujhe pata hai ghar apna kaha bnana hai,
Ibadato k liye tu mujhe jagah na bata,
Mai jaanta hu sar apna kaha jhukana hai.
Jai Hind..
ReplyDeleteचार साल की सेवा पूरी कर चुके
शिक्षकों की होगी प्रोन्नति
परिषदीय शिक्षकों को शासन का तोहफा
• अमर उजाला ब्यूरो
चंदौसी। चार साल की संतोषजनक सेवाएं पूरी कर
चुके परिषदीय शिक्षकों के लिए खुशखबरी है।
सरकार ने ऐसे शिक्षकों को प्रोन्नति देने
का फैसला लिया है। अभी तक पांच साल की संतोषजनक
सेवा पूरी करने वाले
शिक्षकों को ही प्रोन्नति दी जाती थी। बेसिक
शिक्षा विभाग के सचिव संजय
सिन्हा द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब उन्हें एक
साल पहले ही प्रोन्नति मिल जाएगी।
नई व्यवस्था के तहत प्राइमरी के सहायक अध्यापक
को जूनियर में सहायक अध्यापक या प्राइमरी स्कूल
में प्रधानाध्यापक बनने का अवसर मिलेगा।
वहीं प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर
सेवारत शिक्षक जूनियर हाईस्कूल में
प्रधानाध्यापक बन सकेंगे।
इसके साथ ही प्रोन्नति के बाद
शिक्षकों की तैनाती में यह ध्यान
रखा जाएगा कि, प्रत्येक जूनियर हाईस्कूल में एक
विज्ञान अध्यापक अवश्य रहे।
ReplyDeleteMohammad Shakeel
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