SSA Mid Day Meal : मिड डे मील पर केंद्र सीधे रखेगा नजर
- मानव संसाधन विकास मंत्री ने निगरानी कमेटी के गठन की घोषणा की
नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जा रहे मिड-डे-मील की गुणवत्ता पर अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय सीधी निगरानी रखेगा। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय कमेटी गठित किए जाने का फैसला लिया गया है। कमेटी की अध्यक्षता सीधे मानव संसाधन विकास मंत्री करेंगे जबकि विभिन्न विभागों के अधिकारी व अलग-अलग क्षेत्रों के लगभग 20 लोग इस कमेटी में सदस्य के रूप में रहेंगे।
बिहार में मिड-डे-मील खाने से 23 बच्चों की मौत के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब जागा है। इस योजना में खराब खाना परोसने की विभिन्न राज्यों से लगातार शिकायतें मिलती रही हैं लेकिन केंद्रीय स्तर पर राज्यों को पत्र लिखने के अलावा कभी कोई अन्य कदम नहीं उठाए गए। केंद्रीय स्तर पर मिड-डे-मील योजना की कराई गई विभिन्न जांचों में भी तमाम खामियों की रिपोर्ट मिलती रही है।
मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय स्तर पर पिछले साल बिहार सहित पूरे देश में चुनिंदा जिलों में योजना का सर्वेक्षण कराया गया था। बिहार के सारण जिले में भी केंद्र की ओर से योजना की जांच कराई गई थी जहां बच्चों की मौत की घटना हुई। सर्वे में कई जगह इस कार्यक्रम में खामियां मिली थीं, जिसके बाद बिहार सहित अन्य राज्यों को भी इन खामियों को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया था। पल्लम राजू ने कहा कि हमें इस घटना को लेकर एक दूसरे पर दोषारोपण से बचने की जरूरत है।
केंद्रीय स्तर पर मिड-डे-मील की निगरानी के लिए प्रस्तावित कमेटी में फूड सेफ्टी, पेयजल, सैनिटेशन, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े अफसरों के अलावा एनजीओ तथा अन्य सामाजिक कार्यों से जुड़े प्रमुख लोगों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा। शुक्रवार तक सदस्यों के नाम तथा कमेटी के कामकाज पर अंतिम फैसला हो जाएगा। अनुमान है कि खुद मानव विकास संसाधन मंत्री इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे तथा हर तीसरे महीने इस कमेटी की बैठक हुआ करेगी। कमेटी पूरे देश में योजना की निगरानी के लिए खाका भी तैयार करेगी।
मिड डे मील खाकर बेहोश हो गईं लेडी कुक
मधेपुरा। बिहार में मधेपुरा के एक सरकारी मिडिल स्कूल में भोजन में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। इस बार इस गड़बड़ी के शिकार बच्चे नहीं, बल्कि मिड डे मील बनाने वाली दो महिलाएं हुई हैं। ये महिलाएं मिड डे मील खाकर बेहोश हो गईं, जिस पर इन्हें गमरिया के हेल्थ सेंटर में भर्ती कराया गया। एजेंसी
मिड डे मील खाने से 100 से ज्यादा छात्राएं बीमार
चेन्नई। बिहार के छपरा में हाल ही में मिड डे मील खाने से हुई 23 बच्चों की मौत का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि तमिलनाडु के नेवेली में एक स्कूल में इसी योजना के तहत दिए जाने वाले भोजन को खाकर 100 से भी ज्यादा छात्राएं बीमार पड़ गईं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन के स्वामित्व वाले गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा सात और आठवीं की 105 छात्राएं बृहस्पतिवार को मिड डे मील के तहत भोजन में दिए गए अंडे खाने के बाद बीमार पड़ गईं। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि अंडे खाने के बाद छात्राओं ने उलटियां करना शुरू कर दिया। आनन फानन में भोजन बांटने की प्रक्रिया को बंद कराया गया और पीड़ित छात्राओं को तुरंत एनएलसी हॉस्पिटल ले जाया गया। हॉस्पिटल सूत्रों ने बताया कि सभी छात्राओं की हालत खतरे से बाहर है। एजेंसी
बिहार की मंत्री परवीन पर भीड़ ने बोला हमला
हाजीपुर। मिड-डे-मील के खाने से बच्चों की मौतों को लेकर गुस्साए लोगों ने बृहस्पतिवार को बिहार की मंत्री परवीन अमानुल्ला पर हमला बोल दिया। वैशाली जिले में समाज कल्याण मंत्री परवीन की कार को भीड़ ने कुछ देर तक घेरे रखा। वह उस समय पटना से मुजफ्फरपुर जा रही थीं।
लोगों ने मंत्री की कार पर पथराव भी किया। परवीन ने बताया कि भीड़ ने मेरी कार को 15 मिनट तक रोके रखा। लोग पत्थर मार रहे थे। बाद में पुलिस ने आकर कार को भीड़ के बीच से निकाला। इसके बाद परवीन ने अपना मुजफ्फरपुर जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया और वह पटना लौट गईं। वैशाली के एसपी सुरेश चौधरी ने घटना की पुष्टि की है।
(साभार-:-अमर उजाला)