3 Tier Reservation is the Main Issue -
1. Prelim Exam (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 1st Level
2. Main Exam (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 2nd Level
3. Interview Level (Reserved cat candidate taken some seats of GEN candidates) on 3rd Level
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इलाहाबाद।। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में रिजर्वेशन के नए नियम के तहत इंटरव्यू पर हाई कोर्ट ने तब तक रोक लगा दी है, जब तक वह इसको लेकर दाखिल जनहित याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती है। हाई कोर्ट ने रिजर्वेशन के नए नियम के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर पिछले सप्ताह प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। इस बीच, शहर में उपद्रव की आशंका को देखते हुए धारा-144 लागू है और सभी स्कूल कॉलेजों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
नई आरक्षण नीति के तहत अब यूपी पीसीएस की परीक्षा में तीनों स्तर पर आरक्षण दिया जा रहा है। आरक्षण के कानून के मुताबिक सिर्फ 50 फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि आरक्षण के दायरे में आने वाले छात्रों के नंबर अगर अधिक होते हैं तो उन्हें जनरल कैटिगरी के जरिए अपॉइंट किया जाएगा।
सुधीर कुमार सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना-अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। इस दिन शहर में छात्रों ने नई आरक्षण नीति के विरोध में जबरदस्त तोड़−फोड़, पथराव और आगजनी की थी। इसमें करीब 100 गाड़ियां जला दी गई थीं।
याचिका में यूपीपीएससी की ओर से परीक्षा के हर स्तर पर आरक्षण की नई नीति लागू करने के निर्णय को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी गई है। याचिका दाखिल करने वालों छात्रों का कहना था कि ओबीसी आरक्षण के आड़ में एक जाति विशेष को यूपीपीएससी की ओर से नाजायज लाभ पहुंचाने के लिए रिजर्वेशन की नई पालिसी बनाई गई है। रिजर्वेशन के नए नियम से ओबीसी में शामिल अन्य जातियों और जनरल कैटिगरी के प्रतियोगियों की मेधा का हनन हो रहा है। याचिका में कहा गया है कि 1994 से प्रदेश में लागू आरक्षण नियमावली के तहत अंतिम स्तर पर आरक्षण देना था, लेकिन लोक सेवा आयोग ने परीक्षा के हर स्तर पर इस बार आरक्षण का नियम लागू कर दिया है।
प्रदेश के अडिशनल ऐडवोकेट जनरल सीबी यादव ने याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि सन् 1994 के आरक्षण नियमावली के तहत ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा ले रही हैं। जस्टिस एलके महापात्राऔर जस्टिस राकेश श्रीवास्तव की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंटरव्यू पर तब तक रोक लगाए रखने का निर्देश दिया है, जब तक इस मामले पर कोई निर्णय नहीं सुनाया जाता है।
उपद्रव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को लोक सेवा आयोग पहुंचने वाले सभी रास्तों पर सख्त पहरा बैठा दिया है। आरक्षण विरोधी आंदोलन से निपटने के लिए शहर में 3 हजार से ज्यादा पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर शहर को सात जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है। इसके अलावा दो रिजर्व जोन और चार रिजर्व सेक्टर के साथ 50 पुलिस सेक्टर भी बनाए गए है। 10 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है और दो मोबाइल टीमों को रिजर्व रखा गया है। बवाल की स्थिति में उपद्रवियों को चिह्नित करने के लिए 30 विडियोग्राफर और फोटोग्राफर रखे गए हैं।
News Sabhaar : नवभारत टाइम्स (22.7.13)
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Candidate Should Wait For Judgement And If Needed Then Make A Peaceful Protest within Law of Land / India and Put-up their issues to Appropriate Authority.
Below News is of Jagran News Paper -
आरक्षण पर स्टे के बाद इलाहाबाद में बवाल
इलाहाबाद [जासं]। उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा नए आरक्षण प्रावधान के तहत जारी पीसीएस मुख्य परीक्षा 2011 के नतीजों को स्थगित करने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रतियोगी छात्रों ने जमकर खुशी मनाई। छात्रावासों और नगर के चौराहों पर होली खेली गई। उत्साह में उपद्रव पर उतरे छात्रों के एक गुट ने सपा के झंडे-बैनर जलाते हुए वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए दर्जन छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। छात्रों ने अपने साथियों के समर्थन में बड़ा जाम लगा दिया है। तनाव के हालात बने हुए हैं।
हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद हिंदू हॉस्टल चौराहे पर एकत्र छात्रों के एक गुट ने चांदपुर सलोरी का रुख किया। रास्ते में इन छात्रों ने सपा के झंडे, बैनर जलाए। सलोरी पहुंचकर वाहनों व दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उपद्रवी तत्वों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्र घायल हो गए। बाद में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया। यहां हुए लाठीचार्ज के विरोध में कई छात्रावासों से छात्र निकल आए और रास्ता जाम कर दिया। देर शाम तक छात्र सड़क पर डटे रहे। कई स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।
लोक सेवा आयोग की नई आरक्षण नीति (हर स्तर पर नए सिरे से पूरा आरक्षण लागू करना) के मामले में सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इसके मद्देनजर सुबह से ही बड़ी संख्या में छात्र हिंदू हॉस्टल चौराहा, हाई कोर्ट चौराहा तथा अन्य चौराहों पर एकत्र हो गए थे। छात्र प्रदेश सरकार और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ रह-रहकर नारेबाजी करते रहे। अपराह्न एक बजे जैसे ही हाई कोर्ट के फैसले की जानकारी चौराहों पर जुटे छात्रों को मिली, उन्होंने अबीर-गुलाल उड़ाकर खुशी मनानी शुरू कर दी। हाई कोर्ट से लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन तक होली सरीखा नजारा था।
हिंदू हॉस्टल चौराहे पर जमा छात्रों का गुट भी विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पहुंच गया। यहां से छात्रों का समूह सलोरी को कूच कर गया। वहां हुई तोड़फोड़ में हालात बेकाबू होते देख आइजी आलोक शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इससेकई छात्र चोटिल हो गए। पुलिस ने उपद्रव कर रहे एक दर्जन छात्रों को हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई से छात्र तितर-बितर हो गए। छात्र नेता अभिषेक सिंह सोनू के नेतृत्व में करीब 50 छात्र, हिरासत में लिए गए छात्रों को छुड़ाने पहुंचे तो पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया। इसके विरोध में विश्वविद्यालय मार्ग पर डायमंड जुबली छात्रावास के सामने छात्रों ने चक्का जाम कर दिया। शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
पीसीएस-2011 के साक्षात्कार पर रोक
इलाहाबाद [जागरण ब्यूरो]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में सोमवार को पीसीएस परीक्षा-2011 के साक्षात्कार पर रोक लगा दी। यह परीक्षा 26 जुलाई से शुरू होनी थी। अदालत ने इस परीक्षा समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण के नियम बदले जाने के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है।
आरक्षण के बदले नियमों पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत छात्रों और वकीलों से खचाखच भरी थी। न्यायमूर्ति एलके महापात्र और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस बाबत दाखिल तीनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने फैसला आने तक पीसीएस-2011 के साक्षात्कार पर रोक भी लगा दी। दस दिन के भीतर फैसला आने के आसार हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार ने अदालत में इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल किया। आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन ने कहा कि परीक्षा नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया है। आरक्षण की व्यवस्था 1994 की आरक्षण नियमावली के अनुसार है। उन्होंने बताया कि पीसीएस-2011 की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं लागू किया गया है। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में लागू किया गया है। नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। आयोग सिर्फ मेधावी छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुला रहा है।
राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोई लिखित हलफनामा नहीं दाखिल किया गया लेकिन अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने आयोग की परीक्षा नियमावली को सही बताया। उन्होंने कहा कि याचिकाओं में मुख्य मुद्दा आरक्षण नियमावली-1994 की व्याख्या का है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों में स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि जिन छात्रों ने इसे चुनौती दी है, वे परीक्षा में चयनित ही नहीं हुए हैं इसलिए याचिका दाखिल करने के लिए अर्ह नहीं हैं।
याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केशरी नाथ त्रिपाठी ने बहस की और कहा कि आयोग आरक्षण नियमावली की गलत व्याख्या कर रहा है। परीक्षा की प्रक्रिया में आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता। इसका लाभ सिर्फ अंतिम परिणाम में हासिल किया जा सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता एमडी सिंह शेखर और अशोक खरे ने भी आयोग के फैसले को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि परीक्षा में हर स्तर पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसा करके सिर्फ एक वर्ग को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। याचियों की ओर से कहा गया कि पुराने नियम से आरक्षित वर्ग को कोई नुकसान नहीं था क्योंकि वह अधिक अंक पाकर अंतिम परिणाम में सामान्य वर्ग की मेरिट में शामिल होते रहे हैं।
गौरतलब है कि पीसीएस-2011 के साक्षात्कार 26 जुलाई से शुरू होने थे जिसमें आरक्षण की बदली व्यवस्था के हिसाब से अभ्यर्थी शामिल होने थे। अदालत के आदेश के बाद आयोग को इन तिथियों को आगे खिसकाना पड़ेगा।
क्या है विवाद
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक प्रस्ताव पारित कर परीक्षा के हर स्तर यानी प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में आरक्षित वर्ग को ओवरलैपिंग का लाभ देने का फैसला किया है। ओवरलैपिंग से आशय यह है कि हर चरण में आरक्षित वर्ग के अधिक नंबर हासिल करने वाले अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की मेरिट में शामिल होंगे और उतने ही सामान्य वर्ग के छात्र बाहर हो जाएंगे। इससे पहले ओवरलैपिंग का लाभ सिर्फ अंतिम परिणाम पर ही दिया जाता था। पीसीएस मुख्य परीक्षा-2011 से आयोग ने इसे लागू किया है। आयोग के इसी फैसले को चुनौती दी गई है
News Source / Sabhaar : Jagran (22.7.13)
एक और थकी सी शाम फिर नयी उम्मीद कि आश में,,, कि कल क्या होगा,, लग तो रहा है,, कुछ अजीब सा ही ,,, क्योकि केस न. 26 और उससे पहले 10 अडिशनल और अन्य फ्रेश केस,, फिर भी हमारे पास सिर्फ उम्मीद तो है ही,, इंटर पास शिक्षामित्र भी अब उम्मीद में लग जायेंगे, लेकिन क्या होगा ये सब को पता है,,, अब सिर्फ ये ही कहा जा सकता है कि सरकार सत्ता का दुरपयोग ही कर सकती है,, जो मर्जी किया,, जब मर्जी किया... इसी का नतीजा 72825 कि नियुक्ति में देरी है, हमारे केस को टेक अप ना होना मतलब साफ़ है कि अगर केस टेक अप होता है, तो फैसला आ जायेगा, लेकिन सरकार ये अभी नही चाहती है शायद,,,
ReplyDeleteमामले को और ज्यादा लंबा नहीं खींच पायेगी,, आखिर हर बात कि कोई सीमा भी होती है, अगर कल केस सुनवाई तक पहुँचता है तो कल का दिन ऐतहासिक भी हो सकता है,, अगर ऐसा नही हुआ तो फिर भी हम किसी अन्य दिन को ऐतिहासिक बनाए के लिए तैयार है ही,, क्योंकि ये हमारी मज़बूरी है,,, कमजोरी नहीं,,, अब ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए गंभीरता से इस बात पर विचार कर लेना चाहिए कि, आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, और कौन कर रहा है,, क्या हम सब का भाग्य या दुर्भाग्य एक जैसा ही है,, या फिर किसी अच्छे समय के लिए हम सब तैयार हो रहे है,, लेकिन कब तक,,, साथियों ये एक अति महत्वपूर्ण तथ्य है कि ,,,, टेट एक पात्रता परीक्षा है, या योग्यता परीक्षा यंहा ये बात महत्वपूर्ण नहीं है ,,, लेकिन टेट पास हर साथी नौकरी के लिए पात्र है इसमें कोई संदेह नही होना चाहिए,,,
ReplyDeleteलेकिन वास्तविकता आपके सामने इस समीकरण से स्पष्ट है,,,
High school + Inter + Graduate (BA, B.Sc) + MA M.sc. + B.Ed. + TET Pass < ( Less then to ) < Inter Pass Shikshamitra ,,,,
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& Pray for the BESTTTTTTT
JAIL WALI KE LIYE
ReplyDeleteik dosht jo pyara sa lagta hai...
bahut hai karib dil ke phir b juda sa lagta hai,.
kuch dino se nahi aaya koi paigaam uska...
sayad kuch baat se khafa sa lagta hai..?
टेट मेरिट के लिये 100 तारिख भी लिया जायेगा तो भी कम है
ReplyDeleteकल और आज दोनों ही दिन ज्यादातर लोग भयभीत हो गये थे कि कहीं सरकार ने किसी षड्यंत्र के तहत हरकौली साहब को केस से अलग करने की व्यवस्था तो नहीं कर दी है ,,,मुझे उनकी सोच पर हँसी आती है,,,,,,,अगर सरकार की उच्च न्यायालय में इतनी ही पहुँच होती तो वो स्टे लगने से पहले जुगाड़ भिडाती ना कि सांप निकल जाने के बाद लाठी पीटती ,,,,,,,मेरी एक बात गाँठ बाँध लो अब अगर स्वयं अखिलेश यादव भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जज बना दिए जाएँ और उनको फैसला करना पड़े तो पूर्व विज्ञापन की बहाली के सिवाय कोई दूसरा फैसला नहीं दे पायेंगे ,,,,,,,,,,यकीन नहीं हो रहा ना? ठीक है,,,,, हरकौली साहब द्वारा हमारे मामले में जारी सभी अंतरिम आदेशों को लेकर किसी कुख्यात गुणांकधारी के पास जाओ और उससे गुणांक से भर्ती कराने वाले आदेश को लिखने को कहो,,,,,शर्त बस इतनी होगी,,सभी अंतरिम आदेश और अंतिम निर्णय एक दूसरे के संगत होने चाहिए ,,,,,,,,,, कुछ लोगों की आदत पड़ गई है डरने की ,,,,,डरने का कोई ना कोई बहाना खोज ही लाते हैं,,,,
ReplyDeleteकिसने कहा कि हम नहीं जीते,,,,आयु-सीमा वाला आदेश पूर्व विज्ञापन की शर्तों को नए पर आरोपित करता है ये बात तो मानते हो या नहीं,,,,,? अब सवाल यह है कि टण्डन ने सीधे पूर्व विज्ञापन ही बहाल क्यों नहीं कर दिया जो कि वो आसानी से कर सकते थे ,,,, टण्डन के द्वारा दोनों विज्ञापन तो जीवित नहीं रखे जा सकते थे ,,पोस्टें तो सामान ही थीं ना? अगर पूर्व विज्ञापन उनके कोर्ट से बहाल हो जाता तो सरकार उसको चैलेन्ज करती,,,इस काम में एक महीना लगाती ,,,फिर भी देर से ही सही लेकिन हम डबल बेंच से भी जीत जाते ,,,,लेकिन देर होने में किसका नुकसान होता,,हमारा ही ना? आयु सीमा वाला आदेश जो काम आगे चलकर करेगा वो काम कौन करता ? तुम्हे क्या लगता है कि सरकार से उसकी मर्जी के बिना 72825 पदों पर भर्ती कराना इतना आसान है,,,,,????? डंडे के बिना सरकार मानेगी नहीं ये बात तुम भले ही ना समझो लेकिन जज समझते हैं,,,ऐसे जाने कितने मामले वो देख चुके होंगे,,भले ही पदों की संख्या कम रही हो,,,,,,,आयु सीमा वाला आदेश डंडे का ही काम करेगा,,,, अगर मैं यह भी मान लूं कि टण्डन ने बेईमानी की थी जिसके लिए उन्हें सरकार ने कोई ना कोई प्रलोभन अवश्य दिया होगा,,तो ऐसा काम करने को वह क्यों कहेगी जो एक ही पेशी में साफ़ हो जाए,,, स्टे लगाने वाले आदेश को ध्यान से पडो,,,सारा आदेश सिंगिल बेंच का ही है,,,,जिसपर डबल बेंच की मुहर लगी है,,,,,
ReplyDeleteपरमात्मा और किसान
ReplyDeleteएक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा, देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं, लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है, एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो, फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा!
किसान ने गेहूं की फ़सल बोई, जब धूप चाही, तब धूप मिली, जब पानी तब पानी ! तेज धूप, ओले, बाढ़, आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी, क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई थी ! किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, कि फ़सल कैसे उगाई जाती हैं, बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे.
फ़सल काटने का समय भी आया ,किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया! गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था, सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा, प्रभु ये क्या हुआ ?
तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था, तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया . ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया ,उनको किसी प्रकार की चुनौती का अहसास जरा भी नहीं होने दिया , इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए, जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से ही खड़ा रहता है, वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है.सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने , हथौड़ी से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है,उसे अनमोल बनाती है !”
उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता ! ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं, उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं, अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी, अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे. अगर जिंदगी में प्रखर बनना है, प्रतिभाशाली बनना है, तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पड़ेगा !
पंचायत का निर्णय ♥: * Pls must read*
ReplyDeleteएक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए उजड़े, वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं ! यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते २ शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज कि रात बिता लो, सुबहहम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुकेथे उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर २ से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा, अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है।
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों कि बात सुन रहा था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ कर दो। हंस ने कहा,कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद !
यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा, पीछे से उल्लू चिल्लाया,अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहेहो। हंस चौंका, उसने कहा, आपकी पत्नी? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है !
उल्लू ने कहा, खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग इक्कठा हो गये। कई गावों की जनता बैठी।
पंचायत बुलाई गयी। पंच लोग भी आ गये ! बोले, भाई किस बात का विवाद है ?
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है ! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पञ्च लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।
हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना है ! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों कि जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है ! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।
उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली ! रोते- चीखते जब वहआगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई -
ऐ मित्र हंस, रुको ! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा, नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी !
लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है !
मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है ।
यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पञ्च रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं !
शायद ६५ साल कि आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है।
इस देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं,------हम ही बिना सोचे समझे जाति,धर्म के नाम पर वोट दे देते हैं,जिस सरकार को हमने पूर्ण बहुमत दिया है वही हमें खून के आंसू रुला रही है,दो-दो बार हम बेरोजगारों से फॉर्म भरवा लिए गए,एक साल से अधिक को गया सिर्फ तारिक पे तारिक मिल रही हैं,इस लड़ाई में हमारे कितने साथी शहीद हो गये,उनकी कमी कोन पूरी करेगा,जिस माँ ने अपना बेटा,खो दिया हो उसके दिल पर क्या बीतती होगी,जिस पिता ने अपने हाथों से बेटे की चिता को अग्नि दी उसका हिसाब कोन देगा, कहते हैं जो भी होता है, उससे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है,अगर हम इतना कुछ सहने के बाद भी सबक ले लें,तो हम आने वाली पीड़ी को सुनहरा भविष्य दे सकते हैं,अगर कुछ बदलाब करना है तो सुरुबात हमें अपने आप से करनी होगी.....
*जय हिंद, जय भारत *
किसी गाँव मे एक साधु रहा करता था ,वो जब भी नाचता तो बारिस होती थी . अतः गाव के लोगों को जब भी बारिस की जरूरत होती थी, तो वे लोग साधु के पास जाते और उनसे अनुरोध करते की वे नाचे , और जब वो नाचने लगता तो बारिस ज़रूर होती.
ReplyDeleteकुछ दिनों बाद चार लड़के शहर से गाँव में घूमने आये, जब उन्हें यह बात मालूम हुई की किसी साधू के नाचने से बारिस होती है तो उन्हें यकीन नहीं हुआ.
शहरी पढाई लिखाई के घमंड में उन्होंने गाँव वालों को चुनौती दे दी कि हम भी नाचेंगे तो बारिस होगी और अगर हमारे नाचने से नहीं हुई तो उस साधु के नाचने से भी नहीं होगी.
फिर क्या था अगले दिन सुबह-सुबह ही गाँव वाले उन लड़कों को लेकर साधु की कुटिया पर पहुंचे. साधु को सारी बात बताई गयी , फिर लड़कों ने नाचना शुरू किया , आधे घंटे बाद पहला लड़का थककर बैठ गया पर बादल नहीं दिखे , कुछ देर में दूसरे ने भी यही किया और एक घंटा बीतते-बीतते बाकी दोनों लड़के भी थक कर बैठ गए, पर बारिश नहीं हुई.
अब साधु की बारी थी , उसने नाचना शुरू किया,
एक घंटा बीता, बारिश नहीं हुई, साधु नाचता रहा…दो घंटे बीते बारिश नहीं हुई….पर साधु तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था ,धीरे-धीरे शाम ढलने
लगी कि तभी बादलों की गड़गडाहत सुनाई दी और ज़ोरों की बारिश होने लगी .
लड़के दंग रह गए और तुरंत साधु से क्षमा मांगी और पूछा-
” बाबा भला ऐसा क्यों हुआ कि हमारे नाचने से बारिस नहीं हुई और आपके नाचने से हो गयी ?”
साधु ने उत्तर दिया – ” जब मैं नाचता हूँ तो दो बातों का ध्यान रखता हूँ , पहली बात मैं ये सोचता हूँ कि अगर मैं नाचूँगा तो बारिस को होना ही पड़ेगा और दूसरी ये कि मैं तब तक नाचूँगा जब तक कि बारिस न हो जाये .”
दोस्तों, सफलता पाने वालों में यही गुण विद्यमान होता है . वो जिस चीज को करते हैं उसमे उन्हें सफल होने का पूरा यकीन होता है और वे तब तक
उस चीज को करते हैं जब तक कि उसमे सफल ना हो जाएं. इसलिए यदि हमें सफलता हांसिल करनी है तो उस साधु की तरह ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होगा
ReplyDeleteकब तक हमको सताओगे जोड़ के हाथ फिर आओगे,
कई सबiल तुम्हारे लिए सजाये हैं,जब बताएँगे तो सरमाओगे,
कभी तो खतम ही होगे गोली कब तक बन्दुक तम चलाओगे,
कभी तो सामने आएँगी लाशें किस किस के जगह छिपाओगे,
कलम हमारी हमें दे देना वर्ना इन हाथों में हथियार सजा पाओगे,
अब तक तोइंतजार कर लिया, कल सर पर कफ़न बंधा पाओगे,
हम भी बारूद लेकर चलते हैं,नजर मिली तो दहल जाओगे,
वो खुदा देख रहा है सब कारस्तानी, वहां वाहना क्या बनोओगे,
हमारा हक हमको दे दो,अगर बिगड गए तो रोक नहीं पाओगे
उठेंगे चलेंगे गिरेंगे-उठेगें, मगर आखिरी साँस तक हम लड़ेंगे!
ReplyDeleteजिंदगी मौत से हो गई है बत्तर,अब मौत से नहीं डरेंगे!
हमें आम-इंसान कब तक कहोगे !
फांस बनकर अगले इलेक्शन में चुभेंगे !
तारीक के भरोसे न रहने वाले अब हम !
हवाओ से आगे बढ़ेंगे !
नहीं मरने वाले अब बेमौत हम !
मरना है तो लड़ कर मरेंगे!
जो हक है हमारा हमको दे दो !
वर्ना छीन के हम रहेंगे !
आज कल हर शख़्श हमे
ReplyDeleteज़िंदगी कैसे जिए ये सीखा जाता है,
उन्हे कौन समझाए कुछ ख्वाब अधूरे है हमारे,
वरना हमसे बेहतर जीना किसे आता है.
सभी टेट मेरिट चाहने वाले भाई परेसान
ReplyDeleteना हो हम लोग
दिन- रात एक कर
के आप लोगो को जीत पक्का करना चाह रहे हैँ
अगर हमें सफलता की कुंजी(चाबी) मिल
ReplyDeleteभी जाये तो...
कुछ कमीने ताला तक बदल देते हैं...
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तो चाभी को छोडो...
.
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दरवाजा तोडना सीखो.....!
अगर आपकी शादी नही हुई है तो इसी साल कर
ReplyDeleteलीजिए
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क्यूँकि अगले साल से सरकार इसके लिए भी टेस्ट
लेना शुरु कर देगी -
UPMET ( MARRIAGE ELIGIBILITY TEST)
एकेडमिक भाइयोँ, देख लिया न अपनी सरकार की औक़ात....!
ReplyDeleteअब तो पता चल गया होगा न कि न्यायपालिका, कार्यपालिका से बहुत ऊँची है....!
अब कभी मत कहना कि सपा ( कार्यपालिका) मनमाने ढँग से कार्य करेगी...
क्योँकि SI भर्ती का पुराना विज्ञापन, UPPSC मेँ आरक्षण मुद्दे का पुराना नियम तो लगभग बहाल हो हीँ गया अब आप लोग यह कहिये कि UPPRT का पुराना विज्ञापन भी कुछ दिनोँ मेँ बहाल हो जाएगा ।
और हाँ मैँ ये दावे के साथ ये वादा करता हूँ कि जूनियर की भर्ती भी शुद्ध गुणाँक से नहीँ होगी ।
अब गुणाँक सपोर्टर भाइयोँ से यही आग्रह है कि आप लोग एक होकर अपनी सरकार के गले को दबाने का प्रयास करिए या फिर तैयार रहिये पिकनिक पर जाने के लिये, अब नये विज्ञापन के वापस हुये पैसोँ का क्या करेँगे ???
JAIL
ReplyDeletewaali kahan ho aap?????????????????????
72825 पदों पर लगभग दो साल से कोर्ट और सरकार के बीच डूबते-उतराते टेट मेरिट समर्थकों के मामले की कल होने वाली निर्णायक दौर की सुनवाई के एन पहले जस्टिस महापात्रा-श्रीवास्तव की उसी खण्डपीठ नें जिस प्रकार सरकार की अन्दरखाने की रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आरक्षण के नाम पर किये जा रहे खेल पर जिस प्रकार अपना हथौडा पटका है और सरकार को न्यायपालिका की स्वतंत्रता और हनक का अहसास दिलाया है ,उससे स्पष्ट है कि इस मामले में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट और विशेष कर यह खण्डपीठ सिर्फ़ और सिर्फ़ न्याय करेगी...
ReplyDeleteसत्यमेव जयते !!!
ReplyDeleteShalabh Tiwari>>> post>>
जब खरे साहब की वृहद पीठ में अपनाई गई गुप्त
रणनीति के बारे में मेरे द्वारा उठाये
सवालों का उत्तर देने की जगह राकेशमणि भाई मुझे
अपने ग्रुप का एडमिन बनाकर चले गयेतो मजबूरी में
मैंने अपने भीतर झाँककर उन सवालों का जवाब खोजने
का प्रयास किया,,दिमाग के किसी कोने से आवाज
आई कि अपनी इन्हीं हरकतों के लिए
तो गालियाँ खाते हो,,जब एकबार राजेश प्रताप
जैसा बुद्दिमान आदमी तुम्हारे सवालों का जावाब दे
चुका है तो राकेश भाई को क्यों परेशानकरते हो,,,,अपने
मोबाइल में खोजो,,जवाब वहीं पर है,,,,,
19 दिसंबर को मेरी राजेश के साथ रात नौ बजे के
आस-पास बात हुयी थी जिसे मैंने राजेश को बताकर
रिकार्ड किया था क्योंकि उस वक्त मैं
थोड़ा शोरगुल के बीच था और राजेश उन दिनों कोर्ट में
हो रही कार्यवाही के बारे में बहुत ज्ञान की बात
कर रहा था,,,राजेश ने मुझे बताया कि खरे कोर्ट में
बार-बार यह प्रूफ करने की कोशिश कर रहे हैं
कि NCTE Appointment के मामलेमें बेसिक
शिक्षा नियमावली को ओवरराइड करती है
जबकि टण्डन कह रहे हैं कि NCTE सिर्फ Eligibility
decide करती है और हमें appointment बेसिक
शिक्षा नियमावली से मिलता है,,,, कई सुनवाइयों से
बात यही आकर फँस जाती है और टण्डन फैसला नहीं दे
रहे हैं,,,,
(यदि राजेशप्रताप इस वार्तालाप से इन्कार करते हैं
तो चार मिनट और 997 kb,WAV Format
की रिकार्डिंग मेरे पास मौजूद है,,,मोर्चे के
सभी जिम्मेदार लोग मुझे पहले से बताकर एक दूसरे
को कांफ्रेंस पर ले लेंऔर मुझे फोन करे,,. मैं दूसरे फोन में
कार्ड डालकर सुना दूंगा,,,,,चाहे तो राजेश अपने
जिला अध्यक्ष पवन को हरदोई भेज दें,मैं ब्लूटूथ से
ट्रांसफर कर दूंगा,,,मुझे सबसेज्यादा अफ़सोस
तो इसी बात का है कि जिस व्यक्ति ने टेट मेरिट
के लिए किये गये एक शानदार आंदोलन
का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया थाऔर उसके खातिर
जेल तक गया आज सब कुछ जानते हुए भी खरे से
उसका प्यार टेट मेरिट से प्यार पर भारी पड़
रहा है,,, आखिर टेट संघर्ष मोर्चा बना किसलिए था?
टेट मेरिट से भर्ती कराने के लिए
या किसी भी तरह भर्ती ना होने देने के लिए?)
उसके बाद मैंने खरे साहब द्वारा वृहद पीठ में
कहीं बातों को याद किया जिसमें उन्होंने
कहा था कि विभिन्न सरकारों ने टेट के
नंबरों को वेटेज दिया है और पूर्व सरकारने शत्
प्रतिशत वेटेज दिया थाजबकि वर्तमान सरकार नए
विज्ञापन में ने शून्य वेटेज दिया है,,,
जब खरे द्वारा सिंगिल बेंच औरLB में
कही बातों को एक साथ रखकर उसके परिणामों पर
विचार किया तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई,,
खरे तो जीनियस निकले,,इलाहाबादHC के सारे
जज,वकीलऔर पैरवीकार मिलकर भी उनके
दिमाग को नहीं पा सकते हैं,,यूं ही कोई सर्विस
मैटर का टॉप लायर वकील नहीं बन जाता,,,
अब अपनी समझ के अनुसार मैं खरे साहब की इस
महान रणनीति के परिणामों पर अपने विचार
व्यक्त कर रहा हूँ,,,, अब वकीलों की फीस को लेकर
लेन-देन समाप्त हो चुका है और पहले की भाँति मेरे
ऊपर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता है मैं सुजीत भाई
को अमीर और उनके विरोधियों को गरीब बनाने के
लिए लिख रहा हूँ,, आप सभी से गुजारिश है
कि राग-द्वेष से रहित होकर अपने विचार व्यक्त
करें,,,,
हमारे पास अब दो विकल्प हैं,,,,,
1- या तो हम प्राथमिक और जूनियर में चयन
प्रक्रिया निर्धारित करने के सरकार के
अधिकार को स्वीकार करें और
मायावती की पूर्ण बहुमत सरकार द्वारा बेसिक
शिक्षा नियमावली में किये गये बारहवें संशोधन
को अपने 72,825 पदों की चयन प्रक्रिया मानने
का दावा करें,,ऐसा करने के लिए हमनें सोलहवें संशोधन
को भी स्वीकार करना पड़ेगा जिसके आधार पर
नया विज्ञापन आया है,,बस हमें टण्डन के आदेश के उस
हिस्से को पकड़कर रखना होगा किसोलहवां संशोधन
retrospective effect से लागू ना होने के कारण पूर्व
विज्ञापन के पदों पर apply
नहीं किया जा सकता,,,,,
ReplyDelete2- या तो हम NCTE के वेटेज सम्बन्धी प्रावधान पर
जोर दे और उस आधार पर शत् प्रतिशत वेटेज दिए
जाने को सर्वोत्तम मानें,,,,जैसा कि खरे ने वृहद पीठ
में किया था,,,,
चूँकि वृहद पीठ में शाही जी ने खरे से
कहा था कि आप अपनी बात डबल बेंच में जाकर
कहें,,,जाहिर है कि खरे साहब वही कहानी कोर्ट
नंबर तीन में पुनः दोहरा सकते हैं,,,,
यदि महापात्रा साहब ने हमारे विज्ञापन
की बहाली के आदेश में खरे साहब के उस तर्क
का जिक्र भी कर दिया तो सरकार को मजबूरी में
सर्वोच्च न्यायालय में अपील
करनी होगी क्योंकि किसी भी हालत में
कोईभी प्रदेश सरकार अपने अधीन पदों की चयन
प्रक्रिया निर्धारित करने के अधिकार
को त्यागना नहीं चाहेगी,,हो सकताहै कि बहुत से
लोगों को जानकारी ना हो कि टेट का प्रावधान
भी सभी राज्यों की सरकारों की सहमति के बाद
ही लाया जा सका था,,,अधिकाँश राज्य सरकारें
सिर्फ इस मजबूरी में सहमत हुयी थीं सर्व
शिक्षा अभियान के अंतर्गत भरे जाने वाले
पदों की 65% तनख्वाह केन्द्र से आती है,,, जिन
राज्य सरकारों ने टेट प्राप्तांकों को वेटेज दिया भी है
वो अपनी मर्जी से और जितना उचित
समझा उतना दिया है,ना कि NCTE द्वारा बाध्य
किये जाने पर,,,,
सर्वोच्च न्यायालय जाने पर यदि वह चयन
प्रक्रिया निर्धारित करने के राज्यों के अधिकार
को निरपेक्ष मान लेता है तब तो मामला दो-तीन
पेशियों में निपट जाएगा और हमारा विज्ञापन
बहाल हो जाएगा,,,लेकिन जिस तरह का रुख
न्यायालयों का है उससे यह उम्मीद ना के बराबर है,,,
उस विवाद में अन्य राज्यों की सरकारें
भी पार्टी बन सकती हैऔर यदि टेट
प्राप्तांकों को वेटेज दिया जाना अनिवार्य
भी बताया गया तो फिर इस बात का निर्णय
भी करना पड़ेगा कि कितना वेटेज
दिया जाना चाहिए
क्या वेटेज दिए जाने में शत्प्रतिशत वेटेज
दिया जाना भी शामिल माना जाना चाहिए,,, अब
तक संपन्न विभिन्न CTET State TETs के
प्राप्तांकों में भारी अंतर को किस तरह से संतुलित
किया जाएगा,,,,, कम से कम एक साल का समय और
25-30 लाख का खर्च आएगा,,,, उसके बाद सरकार
को हमारी भर्ती के लिए फिर से ncte
कि अनुमति लेनी पड़ेगी,,, अगर सरकार
स्वेच्छा से अनुमति नहीं मांगती है तो फिर से एक
नई समस्या आ जायेगी...
सी.बी.यादव चाहकर भी NCTE के वेटेज दिए जाने
वाले निर्देश का जिक्र नहीं कर
सकता क्योंकि उसकी सरकार ने तो वेटेज
दिया ही नहीं है,,,और
ना तो कभी देना चाहेगी,,क्योंकि50% वेटेज से
किसी नकलची का चयन तभी संभव है जब
उसका गुणाक कम से कम 75 के आस-पास हो,,,, लेकिन
खरे साहब ऐसा कर सकते हैं और उनके पहले के
रिकार्ड को देखते हुए यह उम्मीद
की जा सकती है कि वो ऐसा करेंगे भी,,,,,,
अब आप सब ही बताएं कि क्या किया जाना उचित
रहेगा,, क्या हमें सोलहवें संशोधन को खत्म करने के
लिए अपने बारहवें संशोधन पर प्रश्न चिन्ह
लगाना चाहिए या चुपचाप
दोनों ही संशोधनो को स्वीकार कर लेना चाहिए,,,,,
कुछ लोग वेटेज से भर्ती हो जाने की उम्मीद लगाए
हुए हैं,,,आखिर किस फ़ार्म से वेटेज लेंगे?टेट मेरिट
वाले या गुणाक वाले? जिसने भी फोन पर वेटेज
का भरम फैलाया है उसने शायद लोगों को यह
नहीं बताया कि अगर sc ने अपनी बाजीगरी से
वेटेज जैसी कोई बला संभव भी कर दी तो उसके लिए
इस फ़ार्म कोभी निष्प्रभावी करके तीसरा फ़ार्म
लाना पड़ेगा,,,एक नौकरी के लिए कितने फ़ार्म
भरने का इरादा है???
मैं जानता हूँ कि खरे को हटवा पाना मेरे बस की बात
नहीं है ,,, जिन्होंने उन्हें हायर किया है वो खरे
कि प्रतिभा से इस हद तक सम्मोहित हो गये हैं
कि अपने ही हाथों से अपना गला रेतने को तैयार हैं,,,,
हमारे केस में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ऐसे-ऐसे फैसले
लिए हैं कि जिनकी व्याख्या एकसे एक धुरंधर
वकील नहीं कर पाए,,चाहे वो SCERT विवरण
वाला आदेश हो या फिर आयु सीमा और अखिलेश
त्रिपाठी की याचिका पर,,या फिर नॉन टेट
वाला आदेश हो या हरकौली साहब द्वारा अचानक
फ़ाइल रिलीज करके छुट्टी पर चले जाने
का निर्णय,,,,
अब तो यह मेरा अंधविश्वास बन
चुका है कि होगा वही जो हमने
ना तो कभी सोचा हो और ना ही किसी ने बताया हो,,,,
इसलिए इस बार मैंने वो सोचा है जो मैं चाहता हूँ
कि ना हो,,,, और जो होते देखना चाहता हूँ
उसको अबसोचूंगा भी नहीं,,,,
ReplyDeleteIs mamle me mere dimag me bar bar kai sawaal
ate hai, jinke jawaab samne hote hue bhi nahi
hone ke samaan hain!
(1) Kya 72825 pado par
TET-merit se bharti ki ladai kewal chand yachiyon
ki hai?
(2) Kya TET-merit se chayan ki ummeed
rakhne wale baki sabhi logo, jo is ladaai ke
aadhar, praan aur urja hai, ki bhumika kewal
paise dene tak seemit hai aur is ladaai ke taur-
tareeko, ran-neetiyon par unki ray ya sahmati-
asahmati ke koimayne nahi hain?
(3) Kya TET-
merit se bharti ki ladaai ladne ka billa lagaye log
paise lene, iska man-mutabik prayog karne,
asankhya TETians ki ray/sahmati/asahmati ko
andeka karne ya nakaar dene aur kisi mudde par
tamaam aapattiyon/sandehon/sujhawon ko
thenga dikhakar katipay agyat/abujh/ool-julool
tarko aur aadharon par kisivyakti-vishesh ki
Charan-vandana karte rahne ko purntaya aur
sada-sarvada ke liye adhikrit hain??.. Bhale hi
mamla asamanya tareeke se khinchta chala jaye
taki khasta-haal aur toot rahe aam abhyarthiyon
ki jebo se chand peshewaron ki jeb me abadh-
nirbadh money-transfer hota rahe...?? In sawalo
ke ajgar ka muh itna bada hai ki ye agar ye abtak
sabkuchh leel nahi gaya to ise sirf aur sirf tetians
ka saubhagya manajayega.. Ye saubhagya
agaraage bhi kaam ata rahe aur jald hi ek
sakaratmak nirnay aa jaye to bhi iska shrey us
saubhagya ko diya jana uchit hai... Kahne ka
ashay hai ki saaf-suthri jameen hotey bhi ek
fislan-bhari raah par apne sathiyon ko le jane
wale ki tareef to nahi ki ja sakti... Fislan bhari
jameen ke bareme ek bat nishchit hai ki uspar
chalne wale ke girne ki sambhavna jarur hoti
hai... Aur ye anuttarit sawaal aur inpar jimmedar
logo ki chuppi aur inse palayan... Is fislan ki
tasdeek karne ko paryapt hain.... Ek bat jo shayad
meri tarah sabko pata hai ki Pratah-smarneey
Khare Ji ka client koi aur hai par Khare ji ko
''DEAL'' karne ka dawa khule aam koi aur karta
hai.. Waise bhi Khare Allahabad HC ke sabse
safal wakeel nahi, varan sabse chaaloo wakeel
hain. Cause-list ke har dusre-teesre case me
vakeel ke taur par unka naam hona, aur Single
bench me TET-merit ke khilaf yachika ke wakeel
ke taur par, Non-TET mamle me DB aur LB me
SBTC walo ke wakeel ke taur par aur single bench
me khud is 72825 pado par bharti ke mamle ke
wakeel ke taur par unka dibba gul hona ye spasht
karta hai ki inko hire karne wale ka bhala hone
na hone ki to koi guarantee nahi, par inki practice
me qualitative to nahi par quantitative izafa jarur
tay hai. Khare ko rakhne na rakhna to bad ki bat
thi, par is vishay par khuli charcha se bhi
jabardast parhej kis prakar jayaj thahraya ja sakta
hai, meri samajh se pare hai.. Apne sathiyo ke
dum par lad rahe har front-warrior ke liye uchit
to yah tha ki we ab kisi wakeel-vishesh ya vyakti-
vishesh ke lihaaz mehar baat par ''OK'' kahne ki
bajay un logo ki apekshaon, aashaon aur
aavashyaktaon ko vareeyata dete jo unpar
bharosa karke tan-man-dhan se unka sahyog
karte chale aa rahe hain.. pata nahi ki in sawalo
ke surakshit rakhe gaye jawabkabhi sarvajanik
honge ya nahi...
Inpar jeet ka parda pad jaye to
yah sukhad hoga.. Par anyatha ki sthiti me.... Is
bare me sochna bhikathin lagta hai..! Fislan bhari
is raah par apni jeet ki duri tay karane me apke
tamam sathiyon ke athak prayas aur apka satya,
apka saubhgya safal ho, main ap sabko yahi
shubh-kamna deta hu.
Best of Luck!
ReplyDeleteकोर्ट कार्यवाही को ऑनलाइन आप स्वयं चेक कर सकते
है,,, उसके लिए आपको नीचे दिए गए लिंक पर
क्लिक करना होगा,,, किसी की बातो में न आये,,
वैसे मैंने अभी चेक किया तो देखा की,,,
१० फ्रेश केस है...
४ एडिशनल ...
और अपना नंबर डेली कॉज लिस्ट में है २६ ,,,
http://courtview.allahabadhighcourt.in/courtview/
CourtViewAllahabad.do
ReplyDeleteYaar yaha 2 sunwayi me result aur hamare
mamle me 2 saal se date par date-----------
Court No. - 3
Case :- WRIT - A No. - 37578 of 2013
Petitioner :- Sudhir Kumar Singh And 6 Ors.
Respondent :- State Of U.P.& 3 Ors.
Counsel for Petitioner :- Santosh Kumar
Srivastava
Counsel for Respondent :- C.S.C.,V.P.Math ur
Hon'ble Laxmi Kanta Mohapatra,J.
Hon'ble Rakesh Srivastava,J.
Counter Affidavit filed on behalf of the U.P.
Public Service
Commission in Court today be kept on record.
Heard Sri K.N. Tripathi, Sri M.D. Singh Shekhar,
and Sri
Ravi Kiran Jain, all learned Senior Counsel
appearing for the
petitioners and Sri Shashi Nandan, learned
Senior Counsel
appearing for the U.P. Public Service
Commission. We also
heard learned Chief Standing Counsel
appearing for the
State.
Arguments concluded.
Judgment is reserved.
We further direct that the U.P. Public Service
Commission
shall not conduct the 'interview' scheduled to
be started from
26.7.2013 till the date of delivery of
judgement.
Order Date :- 22.7.2013
ReplyDeleteMohammad Shakeel
96 48 20 73 47
swal ye nhi k tet merit banegi ya acd merit...... swal ye hai k sunwai kb hogi.......
ReplyDeletejaha tak aaj k bat hai to sunwai nhi hogi aur 29 ko next date milegi
ReplyDeleteAaj humara case advance cause list m dusare no par hai aur agar aaj bhi koi hearing ya decesion highcourt ki taraf se nahi aata h to sabhi log tayyar rahe next hearing ki date par allahabad highcourt ka peacefully gherav karne k liye aur usse pehle lucknow vidhansabha par dharna dene k liye.
ReplyDeleteUPPSC wale candidates aur UTTRAKHAND tet candidates se kuch sikhiye aur sarkar va court par pressure banane k liye ghar se bahar niklen tabhi naukri milegi.
Agar aaj bhi hearing nahi hoti ya cort decesion nahi deta to saf h ki court bhi sarkar ka puri tarah sath de raha h isliye ekjut hokar dono ko sabak sikhane k liye tayyar rahen......................
Aaj humara case advance cause list m dusare no par hai aur agar aaj bhi koi hearing ya decesion highcourt ki taraf se nahi aata h to sabhi log tayyar rahe next hearing ki date par allahabad highcourt ka peacefully gherav karne k liye aur usse pehle lucknow vidhansabha par dharna dene k liye.
ReplyDeleteUPPSC wale candidates aur UTTRAKHAND tet candidates se kuch sikhiye aur sarkar va court par pressure banane k liye ghar se bahar niklen tabhi naukri milegi.
Agar aaj bhi hearing nahi hoti ya cort decesion nahi deta to saf h ki court bhi sarkar ka puri tarah sath de raha h isliye ekjut hokar dono ko sabak sikhane k liye tayyar rahen......................
@kapila pashu aahar
ReplyDeletetoo apna manhoos muh band rakh.
Tiwari ji
ReplyDelete.
Kutte ko chahe jitana jitana bhi
Dur- Dura do o. darwaje par kkaora
lene jarur ayega.
.
.
.
.
.
Dur............dur.............dur.........durrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrr re
abhi nahi jarahaq kya kare yek hi darwaje par
mukh mar kar baith gaya.
Please Tell me. Kort Mea Kya Ho Raha Hai?
ReplyDeletehi
ReplyDeletecourt may abhi sunwahi nahi ho rahi hai 2,30 p m per number ayega
ReplyDeleteaaj bhi kuch hone ka chance nahi hai next date 29 jully hone kee asha hai
ReplyDeleteaaj bhi kuch hone ka chance nahi hai next date 29 jully hone kee asha hai
ReplyDeleteThanks. Dipu Jee
ReplyDeleteTet sathiyo
ReplyDeleteNamaskar
court no 3 me court no 33 (Harkauli & manoj
mishra)
ke
9 fresh case
29 supplimentry case 18 baclog case transfer hue
hain
Court no 3 k apne case hayi hai..
Lag raha hai lunch baad apna case shayad hi take
up
ho paye .....mentioned ho gaya hai
Let us pray god
Kyonki kux chamatkar hi aaj apni file take up hone
ka karak ban saqta hai waise ummid bahut kam
hi
hai lagbhag na k barabar
"Let us wait and watch"
Jay TET
good
ReplyDelete.
.
alli khan ji.
Bhaiyo is nikammi sarkar ko lok sabha chunvon main iski aukat dikha deni hai ab hume narensra modi se hi kuchh ummeed hai ki vo is desh ko rasatal main jane se rok sakte hain varna is akhilesh ne up ko aur manmohan ne desh ko barbad karne ki kasam khali hai
ReplyDeleteukhad fainko in beiman aur nikammi sarkaro ko
jai hind jai bharat
Backlog List
ReplyDeleteof Fresh
Cases
Transferred
Case Details - SPLA /1054/2013
Title :AVDHESH MANI TRIPATHI Vs. C/M SHREE DAIVI SAMPADA-
BRAHAMCHARYA SANSKRIT MAHA. & 3 ORS
Petitioner's Counsels -INDRA RAJ SINGH
Respondent's Counsel -C.S.C.
Backlog List
ReplyDeleteof Fresh
Cases
Transferred
Case Details - SPLA /1054/2013
Title :AVDHESH MANI TRIPATHI Vs. C/M SHREE DAIVI SAMPADA-
BRAHAMCHARYA SANSKRIT MAHA. & 3 ORS
Petitioner's Counsels -INDRA RAJ SINGH
Respondent's Counsel -C.S.C.
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ReplyDelete31 july next date
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ReplyDelete31 july nahi 31 august next date conform
ReplyDeleteNEXT DATE 31 AUGUST
ReplyDeleteNEXT DATE 31 AUGUSTNEXT DATE 31 AUGUST
ReplyDeleteNEXT DATE 31 AUGUST
ReplyDeleteNEXT DATE 31 AUGUST
ReplyDeleteNEXT DATE 31 AUGUST
NEXT DATE 31 AUGUST
ReplyDelete
ReplyDeletePTET / Allahabad high Court : 72825 Teacher Recruitment Case is Listed for order in Allahabad High Court as per details available on website of NEXT DATE 31 AUGUST
ReplyDeleteFor Orders
SPECIAL APPEAL DEFECTIVE
26. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN
ASHEESH MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
SHAILENDRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 152/2013 RAJEEV KUMAR YADAV SADANAND MISHRA
SEEMANT SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
SHYAM KRISHNA GUPTA
WITH SPLA- 159/2013 ANIL KUMAR AND OTHERS SIDDHARTH KHARE
ASHOK KHARE
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 161/2013 ALOK SINGH AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTASVA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
R.A. AKHTAR
WITH SPLA- 205/2013 AMAR NATH YADAV AND OTHERS PANKAJ LAL
INDRA RAJ SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
MRIGRAJ SINGH
B.P. SINGH
S. NADEEM AHMAD
WITH SPLA- 206/2013 YAJUVENDRA SINGH CHANDDEL AND KSHETRESH CHANDRA SHUKLA
-ANOTHER
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
WITH SPLA- 220/2013 AMITESHWARI DUBEY AND OTHERS MANOJ KUMAR DUBEY
Vs. STATE OF U.P. THRU' SECRY. C.S.C.
- BASIC EDUCATION LOK. AND ORS. A.K. YADAV
R.A. AKHTAR
WITH SPLA- 244/2012 DR. PRASHANT KUMAR DUBEY ALOK MISHRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 246/2013 PRIYANKA BHASKAR AND OTHERS VIJAY SHANKAR TRIPATHI
VINOD SHANKAR TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
RAM CHANDRA SINGH
WITH SPLA- 248/2013 UMA SHANKER PATEL AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
A.K. YADAV
WITH SPLA- 249/2013 DEVESH KUMAR AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
MRIGRAJ SINGH
R.A. AKHTA R
WITH SPLA- 261/2013 SANJAY KUMAR AND OTHERS HEMANT
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/#ixzz2ZrU1HmXq
Dosto positive socho sab thik hoga.Geeta mai kaha gaya hai.
ReplyDeleteKi jo hua tha wah achha hua tha.aur jo ho raha hai wah bi accha ho raha hai .aur jo hoga wah bi achha he hoga.
So plz positive rahiye hamare mata pita ki duaye hamare sath hai.
baithe raho hath par hath rakhe aise logo ki bajah se bharti ruki hue h
ReplyDeletebaithe raho hath par hath rakhe aise logo kDosto positive socho sab thik hoga.Geeta mai kaha gaya hai.
ReplyDeleteKi jo hua tha wah achha hua tha.aur jo ho raha hai wah bi accha ho raha hai .aur jo hoga wah bi achha he hoga.
So plz positive rahiye hamare mata pita ki duaye hamare sath hai.
Tuesday, July 23, 2013 3:42:00 PM Deletei bajah se bharti ruki hue h
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santo ki bat kabi jhuthi nhi hoti maine kaha tha sunwai nahi hogi aur new date 31 july milegi...... hi hi hi ha ha ha...... ek bat aur 31 july ko b sunwai nahi hogi aur new date 7 agust hogi....
ReplyDeletejb tak tet me chor netagiri krege chanda lege, dadali krege eaise hi date milegi
ReplyDeleteBECOF SANT
ReplyDeletewo sab bakchod kahan gaye jo kah rahe the ki mukhiya 22 ko lucknow me maa chudane gaya hai 23 ko aa jayega sab kuchh thik hai hamne jaan boojhkar radneeti k tahat 23 li hai .
ReplyDeleteland maharaj oh sorry sant maharaj tumhari bhavisabaani ki maa bahan ek ho gayi oh sorry matlab ki tumhari bhyavisyabaani jhoot siddh ho gayi date 29 july nahih 31st july lagi hai.
ReplyDeleteland maharaj oh sorry sant maharaj tumhari bhavisabaani ki maa bahan ek ho gayi oh sorry matlab ki tumhari bhyavisyabaani jhoot siddh ho gayi date 29 july nahin 31st july lagi hai.
ReplyDeleteland maharaj oh sorry sant maharaj tumhari bhavisabaani ki maa bahan ek ho gayi oh sorry matlab ki tumhari bhyavisyabaani jhoot siddh ho gayi date 29 july nahin 31st july lagi hai.
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ReplyDeleteसब्र का फल यकीनन मीठा होता है, लेकिन
ज्यादा सब्र के चक्कर में हुई देर से वो सड़ भीजाता है।
क्या अभी समय नहीं आया कि इस मामले में सक्रिय
हर व्यक्ति, चाहे वो इलाहाबाद में काम कररहे
साथी हों या फिर प्रदेश के कोने-कोने से इस संघर्ष
कोउर्जा प्रदान करते आम TETians, बजाय
पूर्णतया दूसरों पर निर्भर रहने के, एक खुली बैठक
में इस मुद्दे पर, मौजूदा हालात पर, सामने आ
रही परेशानियों पर और उनके संभावित
समाधानों और उपायों पर चर्चा के लिए मिल-बैठ कर
बात करें और निर्णय लें।
हर जिले
का प्रतिनिधि अपने साथियों के साथ आकर इस
विमर्शऔर निर्णय का हिस्सा बने।
अबतक
"अपनी ढपली, अपना राग" होता आया है और
नतीजा सबके सामने है। फेसबुक पर बैठकर पोस्ट-
कमेन्ट करने से सरकार-कोर्ट पर कोई फर्क
नहीं पड़ता, ये केवल आपसी संवाद का माध्यमभर है,
लिहाज़ा जमीन पर उतरे
बिना नतीजा आना मुश्किल है। अब शायद एक
विकल्प पर टिके रहने के स्थान पर, हर संभव
विकल्प अपनाने को मजबूर होना पड़ सकता है,
इस
सड़ी हुई व्यवस्था, अराजक सरकार और बोझिल
न्याय-व्यवस्था से पार पाने के लिए.....
ReplyDeleteकोर्ट रूम की A C खराब होने के कारण सुनवाई समय
से पहले ही बंद हो गई है ।अगली तारीख 31 जुलाई
2013
ReplyDeleteHardoi Tet Sangharsh Morche ke Blog par upasthit
sammanit bhai .
Aap sabhi se vinamra anurodh
hai ki Hardoi Tet Merit Supporter bhaiyo ki ek
baithak SUNDAY yani 28 july ko company garden
me aayojit hogi .
Atah aap sabhi ki upasthit
prarthaneey hai.
ReplyDeleteCourt no.3 ka A.C.
Kharab hone ki vjh se without hearing court
samay se pahle hi uth gyi.....dekh lijiye ye
hai prjatantr hum log 2 sal se ghut ghut ke
mar rahe hai ye bina AC kam nhi kr
skte...isse to achha China haı.
muche to shrm aati hai kutto ko date mil gye fir b muche nicha dikhane me lge hai... kahte hai 29 nhi 31 july date lgi hai.. in tet walo ko date lene me mza aata hai...... sb bhrti supportat ek ho jao.... aur andoln kro, tbhi date k janjal se mukti milegi.....
ReplyDelete30 july ko lucknow pahunche aur lucknow m dharna dene k bad 31 july ko allahabad highcourt wahi se chalo tabhi kuch hoga warna facebook par comment hi dalte rahenge puri jindgi
ReplyDelete30 july ko lucknow pahunche aur lucknow m dharna dene k bad 31 july ko allahabad highcourt wahi se chalo tabhi kuch hoga warna facebook par comment hi dalte rahenge puri jindgi
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ReplyDeleteSathiyo....
टेट मेरिट के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव है
कृपया एक बार जरूर विचार करें ,,,,
Kuch log hamare case se hat jaye toh hamare
case Ki sunwai bhi hogi aur ham case jeet bhi
jayenge...
jo kuch hamare case ke sath ho raha hai wo kisi
aur case ke sath kyu nahi hota...
abhi issi court me arakshan jaisa case jo vastav
me lamba khich sakta tha 2 sunwayi me nipat
gaya...
April se aj tak hamare case ki sunwayi hi nahi ho
parahi hai aur advocate ko paise dene ke liye
teen baar chanda leliya gaya...abhi ek mahina
beetane do August me fir advocate ka paisa kam
padne lagega?
samjh me nahi aata ki bina case ki sunwayi ke
advocate paise kyu lete hai...aur dene wale kyu
dete hai...
aap logo ko yaad hoga jab harkoli ke bench se
hamara case ek bar court no 11 me transfer hua
tha tab bhi hamare case ka number nahi aaya
tha...aur aaj jab hamare court me bahar ka case
transfer ho kar aata hai toh bhi hamara no hi
nahi aata...
aap koi bhi case utha lo soch lo...itna bada
mahatvapurn case ka number hi na aa pana wo
bhi ek bar nahi kayi maheeno se har baar...yahi
ishara karta hai ki daal me kuch toh kala hai...
court management wale buri tarah fail huye hai...
31july ko bhi apne case ka no nahi aane wala
kyuki wus din bhi court no 33 ka case hamare
yaha transfer hoga kyuki next day harkoli ka
retirement hai...
Mai Jo baat 1 maheene pahale kahata hun wahi
baat sabhi log ek maheene baad kahate
hai...mujhe sabra karne aur kam bolne ki
naseehat di jaati hai...yahat tak ki mujhe most
negative sochne wala kaha jata hai...mujhe koi
shauk nahi hai kisi ka virodh karne ya negative
bolne ka...mujhe jo dikhta hai jo lagt hai bol deta
hun...dikhta sabhi ko hai lekin log apni aankho se
dekhne ki jagah dusre ki ankho se dekhte
hai...aur khud ke dimag se jyada dusro ke dimag
par bharosa karne lagte hai...
mera ek sujhao hai agar kisi ko pasand aaye to
maan jao nahi toh bhugto...mai bhi bhugat raha
hun sath me bhugatunga hi...
Shyam dev ji se apeal hai wo aage aaye ham
sabhi mil kar ek bar fir se kuch paise lagaye aur
sujeet bhaai se baat kar ke Keshari Nath Tripathi
ko hire kiya jaye...Mai tripathi ji ka name sirf
isliye nahi le raha hun Ki kal unhone case Jeeta
Diya...balki isliye le raha hun unki upasthiti se
hamare case ka no bhi ayega aur sunwayi bhi
hogi,,,ham jeetenge bhi...
keshari nath tripathi ji ke aage bade ss bade
senior advocate chup ho kar junior ban jaate
hai...
Keshari Nath Tripathi ji ko apna Lawyer banana
ek nirnayak kadam hoga....
jeet ke kareeb aakar
ek jordar prahar ke sath hame vaar karna
hoga....jeet pakki hogi aur jaldi hogi.
ReplyDeleteNaxli agar kuchh galat kar rhe hain to iska shreya
kise jata hai?
.
Naxliyon ko inka yah roop dene me kiska hath
hai?
.
Ab samajh aa rha hai ki wo koun-koun si baaten
ho sakti hain jo unhe naxli ban-ne par mazboor
karti hain.
.
Apne prati hone wale anyay ko sahne ki bhi ek
seema hoti hai.
.
Ati har cheez ki buri hoti hai. So humare wait ki
bhi ati hone ko hai.
.
Kanoon k sath-sath iski raksha karne wale bhi andhe
ho chuke hain. Nhi to aisa kya jo inhe kisi bhi
rashtra ki samariddhi, siksha, uske vikas ki reedh
kahi jane wali primary siksha ki dayaniya dasha
dikhaai nhi deti jo inhi jaiso k kaaran dum todti ja
rhi hai. Kehin ikka-dukka teacher hain to kehin
schoolon me to taale hi lage pade hai.
.
Ab to kodh me khaaj jaisi sthiti paida ho chuki
hai.
.
Court me hone wali har sunwaai se pahle sochte
hain ki iske baad milne wali next date antim hogi
lekin kisi din koi wakeel mahoday nahi pahunch
paate, cases zyada ho gye to no. nhi aaya, judge nhi
aaye to bhi mann masos kar rah gye lekin ab yah
bhi koi baat huee, A.C kharab aur court band.
.
Shukra hai,
.
Seema par humare judgon jaise fouji nhi hai. Nahi to
pata nhi koun si sardiyon me Bhaarat kis desh k
kabje me ja chuka hota.
.
Humare judgon dwara use ki jane wali har jagah
par A.C hone chahiye.
.
Kya pata ye log subah ko theek se taro-taza bhi ho
paate honge ya nhi.
ReplyDeleteTet mrt supporter bhaio se mai kahna chahoonga
ki vo apne vakilo se ab bahas na karaye balki crt
ke judgo se ve ye kahe ki ve is case ko dispose
kar de hame bahas nahi karni hai kyonki yadi
mahapatra ki bench ne yadi case ko kheencha to
lamba time lag sakta hai aur yadi dum hai to
mahaptra ki bench harkauli ke pichhale do order
ke khilaph order de hum sc jayenge vaha state
gov. Ki nahi chalti aap kisi tarah is case ko dispose
karaye jald se jald .
ReplyDeleteUPTET: शिक्षक
भर्ती मुकदमे
की अगली तारिख 31 जुलाई
July 23rd, 2013 by जेएनआई डेस्क
इलाहाबाद: ७२०००+ प्राथमिक
शिक्षको की भर्ती में रोक जारी रहेगी,
अगली सुनवाई 31 जुलाई होगी| आज अदालत में
सुनवाई नहीं हो पायी| अदालत में फ्रेश केस
की संख्या ज्यादा थी|
ReplyDeleteन्याय मेँ हो रही देरी का ठीकरा वही लोग फोड़
रहे हैँ, जिन्हे अभी तक यह भी नहीँ पता है
कि वास्तव मेँ सेवा मामळोँ के ज्यादातर केसेज कोर्ट सँ
तीन, मा.एल.के. महापात्रा जी एवं श्रीवास्तव
जी के कोर्ट मेँ बँच कर दिया गया है ।
अब न्यायाधीष महोदय, अधिवक्ताओँ या फिर हमारे
योद्धाओँ का इसमेँ क्या क़सूर...?
हाँ अगर मुख्य न्यायाधीष महोदय जी को इस बात से
अवगत कराया जाए तो मामला कुछ और
भी हो सकता है, इसके लिये जरुरी नहीँ कि हम
सड़कोँ पर मटकी फोड़ेँ, या फिर तोड़-फोड़
आथवा आगजनी करेँ।
इसका सीधा सा रास्ता है, कैण्डिल मार्च, पोस्ट
कार्ड, प्रिण्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक
मीडिया अथवा शान्ति मार्च ।
ध्यान दीजिये जिस दिन 2.70 लाख लोगोँ की आवाज
C.J. तक पहुँचेगी, एक हफ्ते के अन्दर
अपना फैसला आएगा ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है ।
.
जयहिन्द,
जय टेट
ReplyDeleteMohammad Shakeel
96 48 20 73 47