शासन ने भले ही उच्च प्राथमिक विालयों में गणित और विज्ञान शिक्षकों की भर्ती का आदेश जारी कर दिया हो, लेकिन प्राथमिक विालयों में शिक्षकों की कमी बनी रहेगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूबे के प्राथमिक विालयों में तकरीबन दो लाख पद खाली हैं। इनमें भी 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला न्यायालय में अटका है।
दरअसल, प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के दो लाख से अधिक पद हैं। इसके अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 58 हजार से अधिक पद खाली हैं। शिक्षक न होने के कारण जहां कुछ विालय बंद हैं वहीं कई स्कूल एक अध्यापक के भरोसे चल रहे हैं। सरकार की मंशा है कि शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर भर्ती कर इस कमी को कुछ हद तक पूरा कर लिया जाए। इसके लिए शिक्षकों के 72,825 खाली पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2010 से जद्दोजहद चल रही है लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पायी। ऐसे में सरकार ने 29,333 पदों पर जूनियर विालयों में गणित और विज्ञान शिक्षकों की भर्ती का फैसला कर लिया। हालांकि इस भर्ती के बावजूद प्राथमिक विालयों में शिक्षकों की कमी बनी रहेगी।
News Sabhaar : Daily News Network / DNN (14.7.13)
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About 72825 teacher recruitment, Stay started from Dec. 2011 and continued for a ling time and when old advt changed to new advertisement then stay started on new advertisement.
Many other recruitment in UP also stucked like Police Recruitment , Lekhpal etc.
Therefor it is a big challenge for SP Government to complete Junior Highschool Teacher recruitment on time.
ReplyDeleteभ्रष्टाचार के तीसरे पायदान पर
शिक्षा महकमा
परीक्षाओं में नकल व धनका तेजी से
बढ़ा प्रभाव
बी. सिंह
इलाहाबाद। एक
निजी संस्था द्वारा कराये गये सर्वेक्षण
के परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं।
भ्रष्टाचार के मामले में शिक्षा विभाग
तीसरे नम्बर है। जबकि 80 प्रतिशत के
साथराजनीतिज्ञ भ्रष्टाचार के मामले में
प्रथम पायदान पर हैं, जबकि पुलिस
विभाग में 70 प्रतिशत भ्रष्टाचार
व्याप्त हैं और यह दूसरे पायदान पर है।
शिक्षा विभाग में वर्तमान में 62
प्रतिशत भ्रष्टाचार व्याप्त है। केवल
शिक्षा विभाग की ही बातकरें
तो यहां भ्रष्टाचार
की स्थिति काफी चौंकाने वाली है।
शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार की यह
स्थिति निश्चित ही अफसोसजनक है। समय
रहते यदि इस पर काबू
नहीं किया गया तो आने
वाली पीढ़ी को भारी क्षति उठानी पड़े
जिसका खामियाजा देश
को ही उठाना पड़ेगा।
सर्वेक्षण से मिले
संकेत यह बता रहे हैं कि शिक्षा क्षेत्र में
व्याप्त भ्रष्टाचार केवल विभागीय
कार्यालयों तक सीमित नहीं है।
इसका क्षेत्र स्कूल, कॉलेज एवं
विश्वविालय तक फैला हुआहै। उसके
अलावा विभागीयअधिकारी, शिक्षक
तथा अभिभावक भी इस मामले में पीछे
नहीं हैं। कहीं-
कहीं तो छात्रों की भूमिका भी भ्रष्टाचा
को बढ़ाने में मददगार है। शिक्षा विभाग
में भ्रष्टाचार केवल आर्थिक ही नहीं है।
यहां चारित्रिक तथानैतिक भ्रष्टाचार
की स्थिति आर्थिक भ्रष्टाचार से
कहीं अधिक है। इसके कई रूप सामने आये हैं
जिसमें परीक्षाओं में नकल तथा धन
का बढ़ता प्रभाव उल्लेखनीय है।
अध्यापकों के वेतन तथा दूसरे अन्य देयकों के
भुगतान में तो भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन
चुका है। विभागीय अधिकारी जिसमें
मण्डल तथा खासकर जिला स्तर
केअधिकारियों की भूमिका भ्रष्टाचार के
मामले में इस समय सतह पर आ चुकी है।
दूसरी ओर शिक्षकों की नियुक्ति, चयन
स्थानांतरण, पदोन्नति तथा पदस्थापन
आदि के मामले में तो रिकार्ड स्थापित
हो चुका है। स्कूलों में गलत एवं नियम
विरुद्ध शुल्क की वसूली तथा प्रवेश देने के
नाम पर भी मुंहमांगी वसूली हो रही है।
छात्रों के छात्रवृत्ति के भुगतान में
भी गलत तरीके से कटौती की जा रही है।
इसमें जो सबसे चिंता काविषय है वह
अध्यापकों द्वारा कामचोरी की प्रवृत्ति
बढ़ना। इस तरह शिक्षा क्षेत्र में
भ्रष्टाचारकई रूपों में विमान है।
परीक्षाओं में नकल वधन का तेजी से
बढ़ा प्रभाव
ReplyDeleteहमारी समस्या ये नहीं है की सरकार
किसी प्रक्रिया के मध्य में नियम नहीं बदल
सकती है या नए नियमों के आ जाने पर किसी चल
रही चयन प्रक्रिया को रद्द कर सकती है , इसे
तो टंडन ने ही नकार दिया था |
हमारी मुख्य
समस्या है की ३०/११/२०११ का विज्ञापन
कानूनी रूप से सही है या नहीं |सरकार ने जिन
दो आधारों पर हमारे विज्ञापन को निरस्त किया था वे
थे -
१-टेट परीक्षा में धांधली की शिकायत और
२-नियमावली में परिवर्तन
इन दोनों कारणों को SB नकार चुकी है DB ने भी नकार
दिया था तो सरकार का फैसला तो कोर्ट में गलत
साबित हो चूका है अब जो काम बचा है वो सिर्फ ये है
की हमें DB में अपने विज्ञापन को सही साबित
करना है |
जो लोग ये सोच रहे हैं की सरकार कुछ
भी कर सकती है तो वो अच्छी तरह से जान ले
की सरकार के विज्ञापन रद्द करने के निर्णय
को ना तो टंडन ने सही माना था और न ही DB ने
माना है ,केवल ओल्ड ऐड को सही साबित करना है और
अपने अंतरिम आर्डर में DB ने ओल्ड ऐड को जिस
"प्रशिक्षु शिक्षक " के आधार पर टंडन ने
सही नहीं माना था ,उसको गलत माना है |
मुझे पूर्ण
विश्वास है की हमारे टेट योद्धा जो की कोर्ट में केस
लड़ रहे हैं वे ओल्ड ऐड को सही साबित करवा के इस
सरकार को शर्मिंदा होने पर विवश कर देंग
ReplyDeleteTeacher: Zameen par rehne wali janwer bacche
deti hai,
Hawa mein urne wali andey deti hai
Woh konsi cheez hai jo hawa mai bhi urti hai or
bacche bhi deti hai?
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Student: 'Air Hostess'
ReplyDeleteOne: Oye tera ek daant neela kyun ho gaya?
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Two: Yaar maine ink lagayi hai.
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One: Woh kyun?
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Two: Kyun ke aaj kal bluetooth ka zamana hai
yaar…
ReplyDeleteSix answers given by a GIRL
when she is proposed.....
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1) Nahi
..
2) Mujhe waqt chahiye
..
3) I have always seen you as
a
friend
..
4) I already have a boy
friend!
..
5) We should concentrateon
studies
..
6) Tum abhi tak mujhe jante
kahan ho?
..
Yeh infatuation hai.
..
..
Six answers given by a BOY
when he is proposed....
..
..
1 Yes
2 Yes
3 Yes
4 Yes
5 Yes
6 Yes.
................
Banch ka kya hua tmntbb nahi tum kaha ho
ReplyDelete
ReplyDeleteAaj kal ki larkiyon ka dress
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Yahan se less
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vahan se less
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kabi sleevless
to kabi backless
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Aur koi larka ghoor ke dekhe
to kehti hain..
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"SAALA KUTTA KAMINA
CHARACTER LESS.."
ReplyDeleteGf: " jaan socha call kar loon, tum
mujhe
miss kar rhe hoge."
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Bf: " kamini abhi 15 min pehle to
ladai
karke bethii h..
aur ek dm se itna pyar kaise aa rha h"
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Gf: maa ki ankh, fir se tera no. Lag gya....
ReplyDeletePappu addmission lene college gaya..
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Principle:"Mai tum se 1 Mushkil sawal puchun
ya 10 Asaan.. ??
Pappu:"1 mushkil sawaal..
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Principle:"Batao Din pehle aata hai ya Raat.. ??
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Pappu:"Din.. .
Principle:"wo kaise.. ??
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Pappu:"Sorry sir ye Aap ne Dusra sawal puch
liya.. .
ReplyDeleteShaadi Ke dusre Din Patni Gusse Se Pati Se Boli.
Patni:" Subah-Subah Mere Chehre Pe Pani Kyun
Dala ??
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Pati:" Tere Baap Ne Kaha Tha Ki Meri Beti Phool Ki
Tarah Hai,
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Ise Murjhane Mat Dena...
ReplyDeleteek ladki bht maasoom thi....
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*! ab neeche kya dekh rhe ho joke to upar tha....
ladki aur masoom...????
No chance ???
ReplyDeleteMulayam to akless >>>>
suno...... Akallllesh......
en TET waalo k Akal me BHOOOSHA bhara hai......
Advt.tet2011, tet2012, tetmerit, tetAcademic,
nontet, overAge, 40000rs., waitage,....
khoooob todo......
aur raaaz karo.....
ReplyDeleteRoshan Jhansvi > UPTET & Appointment as
Primary Teachers
भ्रष्टाचार के भी अपने दायरे होते हैं एक
व्यक्ति सेजुड़े मामले मे भ्रष्टाचार आसान होता है
लेकिनहजारों लोग जहाँ प्रतिरोध करने के लिए खड़े
हों औरउस पर भी संवैधानिक नियम,
परिस्थितियाँ,दलील, साक्ष्य सब चीख चीख कर
समर्थन कर रहेहों वहाँ भरष्टाचार कैसे संभव है????
कहने का तात्पर्य ये है कि जनता से जुड़े विषय
परसरकार के गलत कार्य या फैसले के
लिएभी संवैधानिक नियमों और सर्वमान्य
द्रढ़आधारों की जरूरत होती है,,,,,कोई जज वो आधार
कहाँ सेलाएगा???? टंडन महोदय ने अपने अंतिम फैसले
मेऐसी ही कोशिश की थी नकारात्मक
काल्पनिकतथ्य जोड़कर,,,, भले ही उन्होने सरकार के
द्वाब मेऐसा किया,,,,,,लेकिन उनका हश्र
क्या हुआ ???खंडपीठ मे पोस्टमार्टम,,,,,, और ये
साबित भी हुआकि वो गलत थे| यदि दबाब
डाला भी गया हो ,उसकेबाद
भी हरकौली का सरकार के पक्ष मे फैसला नदेना,
ये साफ दर्शाता है कि अब सरकार के पक्ष मेनिर्णय
होना नामुमकिन है| केस को रिलीज करकेउन्होने
सरकार के रहे बचे सारे रास्ते बंद करदिये,,,,,अगर
हरकौली सरकार के दबाब को मानतेहुए सरकार के
पक्ष मे फैसला दे देते तो हरकौली परप्रश्न चिन्ह
लगाना प्रासंगिक भी था,,,,,,,,,उन्होने ये
मामला छोडकर इलाहाबाद से लेकर लखनऊ
तकखलबली मचा दी है,,,,,,महापात्र और
श्रीवास्तवसाहब को अभी से ये महसूस
हो रहा होगा कि अबउत्तर प्रदेश के बेरोजगार
युवा तथा समस्त जज,वकील ही नहीं बल्कि भारत के
मुख्य न्यायाधीशकी नजर भी उन पर
होगी क्योंकि अब ये केवलसमग्र सार्वजनिक
हितका मामला नहीं रहा बल्कि सार्वजनिक न्याय
औरघटिया राजनीति के बीच एक युद्ध मे
तब्दीलहो चुका है|
Roshan Jhansvi > UPTET & Appointment as
ReplyDeletePrimary Teachers
शर्मनाक बहुत ही शर्मनाक क्या हमारे ये बडे–बडे
वकील जजों के सामने, इन लगातार, लगभग हर
महीने
हो रही आत्महत्याओं का जिक्र तक करने में अक्षम
हैं कि बेवजह तारीखों के बढते जाने से दुखी व
अवसादग्रस्त होकर
आत्महत्या, दुर्घटना और
अवसादग्रस्तता का शिकार हो रहे हैं। आखिर इस सब
का दोषी कौन है ॽ प्राथमिक रूप से
यकीनन सरकार, किन्तु द्वितीयक रूप से कोर्ट
भी है। आखिर क्यों हम इन वकीलों से यह बात कोर्ट में
नहीं कहलवाते और दर्शाते ताकि विलम्ब किये
जाने की प्रक्रिया का अन्त जल्द हो।
ReplyDeleteBoy: My Heart Is Not Loyal at Me .
Girl: How?
Boy: My Heart is Mine.
But . . .
When Ever I Argue with it About You.
It Always Takes Your Side
ReplyDeleteHindi Shayari mein English Tadka:
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The janaza of aashiq is nikla from
the gali of mehbuba with very zor-shor,
.
The janaza of aashiq is nikla from
the gali
of mehbuba with very zor-shor,
.
.
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The mehbuba jhaaking from the door and boli,
"Mar gaya haramkhor !!"
please koi upper primary ka full g o upload kare ya g o ki link bataye.
ReplyDeletedear friend
ReplyDeletejin candidates ki age 35 - 40 hai aur wo junior ki job mai apply karna chah rahe hai wo plz cheif minister ji ko cmup@nic.in par jiyada say jiyada mail kare tabhi age limit 21 - 40 ho sakti hai....mainey mail kar di hai aab aap ki bari hai ...don't late plz
mai ne jo mai ki hai usko mai copy paste kar raha hooo...
Respected sir,
I have cleared the junior exam(2011)....with good marks....according to ur jur tet exam age was 21- 40....thats why so many candidates appeared in this exam of age between 35 - 40 years....and so many were passed this exam also....
we are waiting for jur vacancy ...from last two years....
but problem is that this time new add with GO is comes and the age limits is 21 - 35 only.....
this is not fair for those candidates whose age is under 35 - 40....they have cleared the exam but not eligible for this job....but they are already applied for PRT jobs because in prt job in up age limit is 21 - 40...
how it is possible two different age limits in up for prt jobs and jur jobs...
In Up You have already announced age limits 21 - 40 for all kinds of job...
THIS IS MY HUMBLE REQUEST TO U SIR, PLZ INCREASE THE AGE LIMIT (21 - 40) FOR JUNIOR TEACHERS JOB IN UP...IN NEW ADVERTISEMT...
YOUR FAITHFULLY
PRASHANT SAXENA
ganv basa nahi aur bhikhari pahle aa gye.... koi kahta hai 40 sal karo, koi tet witege, koi b.tech, b.a ko mauka do....
ReplyDeletesarkar jeed per aree hai
ReplyDeletekal sunwai hai aur sb shant koi bhawishywadi nahi kr rha hai....... ab tak to sb ko pta chal gya hoga k ye bharti kewal gov hi puri kregi jb chaegi tb.... abhi aapko 6 se 7 mahine intzar karna hoga... pahle sci teacher ki bhrti hogi.... rahi kal date ki bat to new date milna tay hai, sunwai ki koi sambhawna nahi hai
ReplyDelete
ReplyDeleteपुणे के फर्ग्युसन कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने 'आधुनिकता चाहिए, पश्चिमीकरण नहीं' का मंत्र दिया और कहा कि अगर हम अपनी शिक्षा पद्धति अपनाते तो आज कहीं आगे होते.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सावरकर और सीवी रमन के कॉलेज की रज को माथे से लगाने की तमन्ना उन्हें पहले से थी. सावरकर के कमरे में उन्होंने देश के लिए कुछ करने की ताकत महसूस की. यहां बोलना उनके लिए सौभाग्य की बात है.
मोदी ने कहा कि लोग 'पावर' चाहते हैं, पर मैं 'एंपावरमेंट' चाहता हूं. उन्होंने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर जमकर कटाक्ष किए. उन्होंने कहा कि शिक्षा पहले 'मैन मेकिंग मशीन' थी, अब 'मनी मेकिंग मशीन' हो गई है. मोदी ने कहा कि वह सावरकर की 'पवित्र भूमि' से कोई सियासी टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन टिप्पणियां तो उन्होंने खूब कीं, हालांकि किसी पार्टी का नाम नहीं लिया.
उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष संस्थानों की स्थापना में हमारे महापुरुषों का योगदान है, शासन-व्यवस्था का नहीं. 1835 के एक गजेट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय बंगाल में 100 फीसदी साक्षरता थी. लेकिन खराब नीतियों की वजह से साक्षरता घटती गई.
लगे हाथ वह केरल की साक्षरता का श्रेय कांग्रेस से छीनने से भी नहीं चूके. उन्होंने कहा कि केरल देश में सबसे ज्यादा साक्षरता वाला राज्य है तो इसमें शासन व्यवस्था नहीं, बल्कि शिवगिरि मठ के नारायण गुरु स्वामी का योगदान है. जिन्होंने सौ साल से भी पहले राज्य में शिक्षा की बुनियादी व्यवस्था की थी.
मोदी ने बताया कि सोशल साइट्स पर उन्होंने सुझाव आमंत्रित किए थे. जिसके बाद देश भर से उन्हें 2500 युवाओं के संदेश मिले हैं. उन्होंने सोशल साइट पर सक्रिय रहने वाले युवाओं और परोक्ष रूप से अपने समर्थकों का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी सिर्फ जींस पैंट पहनने और लंबे बाल रखने वाली नहीं है, वह मुद्दों पर सोचती है और बात करना चाहती है.
मोदी ने कहा कि हम विश्व के सबसे युवा देश हैं. हमारा भविष्य अंधकारमय नहीं हो सकता. हमें निराशा के माहौल से निकलना होगा. लोकमान्य तिलक का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि गुलामी के दौर में अंग्रेजों का ललकारने का साहस तिलक ने दिखाया था. उन्होंने कहा कि स्थिति बदली जा सकती है, पर इसके लिए विजन की जरूरत है.
Guddu Singh > Uptet sangh dosto,kal apna case crt no 3 me mahapatra ji aur rakesh srivastav
ReplyDeletedekhenge,hmlogo ka case cause list me 23ve no par hai.sangh ko news mil chuki hai ki harkauli
ji ne apna case transfer karte samay gunank k pakchh me apna opinion de dia hai,main bahas
over age ko lekar hai lekin ho sake to kal hi gov over age walo ko na rakhne k lie ek writ crt me
dalegi,is par sahmati ban chuki hai age wala matter solve hote hi counsling suru ho jaegi.jay
sangh
10 minutes ago
sant maharaj ji agar tumhari baat mein .000001 percent sachchai bhi agar maan li jaye to bhi councelling shuru nahin ho payegi kyonki uske baad yeh matter supreme court mein fasega aur dhoodh ka dhoodh aur paani ka paani ho jaayega arthat tet merit ke adhar par hi yah niyuktiya hongi.
ReplyDeletesant maharaj ji agar tumhari baat mein .000001 percent sachchai bhi agar maan li jaye to bhi councelling shuru nahin ho payegi kyonki uske baad yeh matter supreme court mein fasega aur dhoodh ka dhoodh aur paani ka paani ho jaayega arthat tet merit ke adhar par hi yah niyuktiya hongi.
ReplyDelete