इलाहाबाद : प्रदेश सरकार के शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन में नया पेंच फंसता नजर आ रहा है। सरकार के फैसले का विरोध विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थी खुलकर सामने आ गए हैं। विशिष्ट बीटीसी 2008 में चयनित अभ्यर्थी शिक्षामित्रों के समायोजन को नियम विरुद्ध बता रहे हैं। वह पहले बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग पर अड़े हैं। इसको लेकर हजारों अभ्यर्थी जुलाई में कोर्ट की शरण लेने वाले हैं, साथ ही सड़क पर एकजुटता के साथ आवाज बुलंद करेंगे।
प्रदेश में विशिष्ट बीटीसी 2008 के 20 हजार के लगभग अभ्यर्थी हैं, जिन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद अभी तक नियुक्ति नहीं मिली। वहीं राज्य सरकार ने प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तकरीबन डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर करने का निर्णय लिया है। इसमें 50 हजार के लगभग सिर्फ इंटर पास हैं, शेष स्नातक की पढ़ाई किए हैं। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थी इसी का विरोध कर रहे हैं, कि जो शिक्षक बनने के पात्र ही नहीं हैं उन्हें बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी कैसे दी जा सकती है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थी जितेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं सरकार का कदम भारत के भविष्य को अंधकारमय बना देगा। कहा कि सरकार हर तरह से प्रशिक्षित विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों को अनदेखा कर रही है। वहीं शिक्षामित्रों का समायोजन नियम-कानून के विरुद्ध हो रहा है, जिसका हर स्तर पर विरोध होगा।
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ऐसे चलेगा अभियान
-विशिष्ट बीटीसी 2008 के अभ्यर्थियों को एक मंच पर लाया जाएगा।
-हर जिले में सप्ताह में एक दिन सामूहिक बैठक होगी।
-माह में एक बार मंडल स्तरीय सभा करके अभियान को गति दी जाएगी।
-दो माह में एक बार लखनऊ में हजारों अभ्यर्थी जुटकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
-एसएमएस के जरिए हर अभ्यर्थी को जोड़ते हुए आंदोलन एवं हर गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी
News Source : Jagran / http://www.jagran.com/uttar-pradesh/allahabad-city-11388204.html
They are not Roda actually they are going to fight for their right .
ReplyDeleteSahi hai bhaiyo apne haq ke liye ladna hi padega
ReplyDeleteApne Hak ke liye ladai bhi ladni pde to piche mat hto.Sadda hai the rakh.
ReplyDeleteएक बालक जिद पर अड़ गया... बोला की छिपकली खाऊंगा. घरवालों ने बहुत समझाया पर नहीं माना !! हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया। वे जिद तुड़वाने में महारथी थे.. गुरु के आदेश पर एक छिपकली पकड़वाई गई. उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रख गुरु बोले, ले खा... बालक मचल गया.. बोला, तली हुई खाऊंगा.. गुरु ने छिपकली तलवाई और दहाड़े, ले अब चुपचाप खा. बालक फिर गुलाटी मार गया और बोला, आधी खाऊंगा.. छिपकली के दो टुकड़े किये गये.. बालक गुरु से बोला, पहले आप खाओ. गुरु ने आंख नाक भींच कर किसी तरह आधी छिपकली निगली... गुरु के छिपकली निगलते ही बालक दहाड़ मार कर रोने लगा की आप तो वो टुकड़ा खा गये जो मैंने खाना था.. गुरु ने धोती सम्भाली और वहां से भाग निकले की अब जरा भी यहां रुका तो ये दुष्ट दूसरा टुकड़ा भी खिला कर मानेगा... करना-धरना कुछ नहीं, नौटंकी दुनिया भर की... बालक का नाम--Akhilesh
ReplyDeleteFight for your Right
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ReplyDeleteAbhi nahi to kabhi nahi.
ReplyDeleteIf people are trying to bring you down .....
ReplyDeleteIt only means that you are above them.
aar 5 frog decide krte hai ki ek sath kudenge
Fir 3 tk ginti krake kudne lagte h or dekhte h k koi nai kudta.
Moral: Deciding & Doing are not same thing. Its true
bilkul sahi baat hai.jo kabil hai unhe ye sarkar dhyan hi de rhi hai.vishisht btc ke abhyarthiyo ko sarkar ne hmesha andekha kiya hai.ab aur nhi sha jayega
ReplyDeleteदोस्तों यूपी तो अब ऐसी हो गई है ।
ReplyDelete"टके सेर भाजी टके सेर खाजा"
इस समय divide and rule का प्रयोग किया जा रहा है
वह ऐसे टेट v/s गुणाक, शिक्षा मित्र v/s बी.टी.सी
और इस तरह 2017 समाप्त और जरूरी नहीं दुबारा सत्ता मिले सो _____________
अन्धा बाटे रेवडी फिर फिर अपने को देय ।
bhayio...es baar niyukti ke liye hum sab ko ek ho jana jana chahiye.jitne bhi log es blog ko padh rhe hai unse anurodh hai ki apne sabhi vishisht btc ke sathiyo se baat kare.aur hamari awaj buland karne me saath de...
ReplyDeletebhaiyo mera pasudhan prashar adhikari ka written clear hua hai .kya kru paise du interview main ya nhi . tet score 119 obc main hu
ReplyDeleteWatch the programme App ki adalat me -AKHILESH CM of UP tonight 2200 at India TV.
ReplyDeleteइलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता। बेसिक शिक्षा पिरषद के प्राइमरी स्कूलों में 1.72 लाख शिक्षािमत्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। बीटीसी प्रशिक्षु शिवम राजन की ओर से दायर यािचका की सुनवाई सोमवार को जिस्टस पीकेएस बघेल की कोर्ट में होगी। यािचकाकर्ता का तर्क है कि प्रदेश सरकार िनशुल्क और अिनवार्य शिक्षा का अधिकार अिधिनयम (आरटीई) 2009 में शिक्षक भर्ती के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यता में छूट नहीं दे सकती।
ReplyDeleteप्रदेश सरकार ने शिक्षािमत्रों को टीईटी से छूट दिए जाने की अनुमित केंद्र सरकार से पहले कभी नहीं मांगी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा पिरषद ने 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अिधसूचना में जो न्यूनतम योग्यता तय की है उसके अनुसार स्नातक, दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के साथ टीईटी पास होना अिनवार्य है। प्रदेश सरकार बीएड िडग्रीधािरयों के मामले में िनयमों में छूट मांग चुकी है। जिंसके अनुसार उत्तर प्रदेश में बीएड िडग्रीधािरयों को मार्च 2014 तक प्राइमरी स्कूल में शिक्षक िनयुक्त करने की छूट मिली थी।
इसलिए 30 मई को अध्यापक सेवा िनयमावली 1981 में किया गया 19वां संशोधन आरटीई एक्ट के विरुद्ध है। गौरतलब है कि शिक्षािमत्रों को सितंबर 2015 तक समायोिजत करने की तैयारी है। यह प्रक्रिया 30 जून से शुरू होनी है। इसके लिए 7 जुलाई कोजिंलेवार विज्ञापन जारी होगा। 14-15 जुलाई को काउिंसिलंग करवाने के बाद 31 जुलाई तक समायोजन होना है। पहले चरण में एक महीने के भीतर लगभग 58 हजार शिक्षािमत्रों को सहायक अध्यापक की नौकरी देनी है। उत्तराखंड में टीईटी मुक्त समायोजन पर है रोकउत्तर प्रदेश से पहले उत्तराखंड सरकार भी शिक्षािमत्रों के टीईटी मुक्त समायोजन का प्रयास कर चुकी है।
4 मार्च 2014 को उत्तराखंड सरकार ने शिक्षािमत्रों के टीईटी मुक्त समायोजन का आदेश जारी किया था। जिंस पर 14 मार्च 2014 को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। यह रोक इसलिए लगाई की प्रदेश सरकार को टीईटी से छूट देने का अधिकार नहीं है। शिक्षािमत्रों ने हाईकोर्ट में की है कैविएटउत्तर प्रदेश शिक्षािमत्र शिक्षक कल्याण सिमित ने हाईकोर्ट में कैविएट दायर कर रखी है। सिमित के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा ने बेिसक शिक्षा िनयमावली में संशोधन की अिधसूचना 30 मई को जारी होने के बाद हाईकोर्ट में कैविएट दायर की ताकि इस संशोधन को यिद कोई चुनौती दे तो शिक्षािमत्रों का पक्ष भी सुना जाए।
अनिल वर्मा ने बताया कि सोमवार को वे भी अपना पक्ष रखेंगे।
सालपूरा, इंटरव्यू का अब तक पता नहीं-महेंद्र तिवारी
ReplyDeleteलखनऊ। बेरोजगारोंमें ग्राम पंचायतअधिकारीके रिक्त3000 पदों पर नौकरी की उम्मीद जगाए पूरेएक साल बीत गए, लेकिन करीब 40 लाख बेरोजगार युवा अब भी भर्ती काइंतजार कर रहे हैं।
नौकरी केइंतजार मेंखड़े युवाओंकी यह तादाद विभागीय अफसरोंके अनुमान पर आधारित हैऔर इसमें अभी कुछ घट-बढ़हो सकती है। वजह, आवेदन आमंत्रित करनेके नौ महीने बाद भी अफसर यही कह रहेहैंकि जिलों सेआवेदकों की निश्चितसंख्या का अबभी इंतजार है। भर्ती केलिए नियमोंके घालमेल में उलझी सरकार न तो भर्तीसे जुड़ेविसंगतिपूर्ण प्रावधान को खत्म करने का दम दिखा पा रही है, न ही मौजूदा नियमों केअनुसार इंटरव्यू कर रही है। यह रवैयातबहैजब सत्ताधारी दलको लोकसभा चुनावमेंयुवाओं कीनाराजगी का जबर्दस्त खामियाजा भुगतना पड़ा है।
पंचायतीराज विभागने 12 जून 2013 को एक शासनादेश जारी कर पंचायतोंमें ग्राम पंचायतअधिकारी के रिक्त पदों पर भर्ती का फैसला कियाथा। इसी शासनादेश मेंइस पद के लिए जरूरी तकनीकी योग्यता डोएक से सीसीसी सर्टिफिकेट की अनिवार्यता से छूट भी दी गईथी। इसके बाद भर्ती केलिए आवेदन आमंत्रित करनेका शासनादेश 14 अगस्तको जारी हुआ।
साथ ही भर्ती का पूरा कैलेंडर दिया गया था और हर हाल में 30 नवंबर तक साक्षात्कार पूरा कर एक सप्ताह में नवनियुक्तकर्मियोंको नियुक्ति आदेश देने की बात कही गई थी। पर, यह पूरा कैलेंडर धड़ाम हो गया। तय समय पर आवेदन जरूर आमंत्रित किए गए लेकिन इसकेलिए अपनाई गई प्रक्रिया ही विभागके लिए जी का जंजाल बन गई।
अब 40 लाख से ज्यादा आवेदन आनेके बाद अफसर तय नहीं कर पा रहे हैं कि वेसाक्षात्कार की कैसी प्रक्रियाअपनाएं? वजह, हर जिले की चयन समिति को अपने मुताबिक अभ्यर्थी बुलानेकी आजादी है।इंटरव्यू का इंतजार कर रहेश्रावस्तीके एक आवेदक राजीवसिंह कहतेहैंकि मुख्यमंत्री को स्वयंइस मामले मेंहस्तक्षेप करना चाहिए।
भर्ती न सिर्फ जल्द सेजल्द होबल्किपारदर्शीऔर युवाओं का भरोसा जीतनेवाली भी हो। भर्ती से ऐसा संदेश जाना चाहिए कि जिसे अवसर न मिले वह भी संतुष्ट हो। इसके लिए जरूरी हो तोनियमों मेंबदलाव से भी संकोच नहीं करना चाहिए। युवाओं का भरोसा जीतना है तो सरकार को साफ-सुथरेकदमउठाने होंगे।क्यों चुप्पी साधेहैंअधिकारी?
w-सिर्फ इंटरव्यू केजरिये भर्ती से पक्षपात के आरोप की आशंका। इससे बचने केलिए अफसर इंटरव्यू को लेकर चुप हैं।
w-हर जिले कीचयन समिति को इंटरव्यू के लिए आवेदकोंकी संख्या तय करने की आजादी है। हर जिलेमें अलग-अलग संख्या होनेपर चयन प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
w-इंटरव्यूमें न बुलाए जाने वालोंकी तादाद के मद्देनजर आवेदकों का िरोध सामने आ सकता है।
w- याइन समस्याओंका समाधान हो या समूह ‘ग’ की भर्ती के लिए प्रस्तावित अधीनस्थ सेवा चयन आयोगको यह भर्ती भी सौंप दीजाए ताकि वे अनचाहे सवालों का सामना करनेसे बच सकें।
हर हालमेंभर्ती होनी है। लगातार ढाई महीने की आदर्श आचार संहिता की वजह से प्रक्रिया बीच मेंप्रभावित जरूर हुई है। पर, अब इसे शुरू किया जाएगा। जिला स्तर पर गठित चयन समितियोंको इंटरव्यू करना है। उनसे जल्द सेजल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को कहा जाएगा।-चंचलतिवारी प्रमुख सचिव पंचायती राज विभाग
बीएडकाउंसिलिंगआज से
ReplyDeleteSun, 15 Jun 2014 09:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : बीएडसंयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने वाले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झासी द्वारा सोमवार से काउंसिलिंग कराई जाएगी। शहर के दो केंद्रों शंभूनाथ इंजीनियरिंगकॉलेज और बीबीएस इंजीनियरिंग कॉलेज को काउंसिलिंग सेंटर बनाया है।
पहलेदिन एक सेपांच हजार रैंक तक के परीक्षार्थियोंको काउंसिलिंग के लिए बुलायागया है। रिपोर्टिगका समय सुबह 10 बजे रखा गयाहै।
काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों को अपनेसाथ 500 रुपये का वित्तअधिकारी बुंदेलखंडविश्वविद्यालय झासी केनामसे डीडी लानी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद अभ्यर्थियों केडॉक्यूमेंट की चेकिंग होगी। इसकेबाद एनआइसी के माध्यम से एक पिन कोडऔर वन टाइम पासवर्ड दिया जाएगा, जिसकी सूचना अभ्यर्थी को मोबाइलफोन पर एसएमएस के माध्यम सेदी जाएगी। अभ्यर्थीको काउंसिलिंगके बाद दो दिन केभीतर च्वाइस लॉक करना होगा। च्वाइस लॉकिंग अभ्यर्थी काउंसिलिंग सेंटर या कहींसे भी कर सकता है। कॉलेजों केलिए अभ्यर्थियों कीदी गई वरीयता और प्रवेश परीक्षा केआधार पर बनी मेरिट सूची के आधार पर महाविद्यालयों काआवंटन होगा।
ऑनलाइन या ई-चालान सेहोगा शुल्क भुगतान
आवंटित महाविद्यालयों का शुल्क वित्तअधिकारी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झासी के नामऑनलाइन भुगतान या ई-चालान के माध्यम सेजमा होगा। इसके बाद अभ्यर्थियोंको ट्राजेक्शन आइडी दी जाएगी। अभ्यर्थी इंटरनेट के माध्यम से एनआइसी की वेबसाइट पर जाकर रोल नंबर, जन्मतिथि, ट्राजेक्शन आइडी डालकर महाविद्यालय कंफर्महोनेके पत्र का प्रिंटआउट भी ले सकेंगे।
सातदिन मेंड्रॉफ्ट वापस
जिन अभ्यर्थियों को उनकी इच्छा के अनुसार महाविद्यालय का आवंटन नहींहोगा, वेकाउंसिलिंगकेंद्र सेपाच हजार रुपये का डिमांड ड्रॉफ्ट सात दिन केअंदर वापस ले सकतेहैं।
पाच दिन में लेना होगा प्रवेश
बीएडके आवंटितमहाविद्यालय मेंआवंटन पत्र मिलने केबाद से पाच दिन के भीतर आवंटित महाविद्यालय में प्रवेश लेना होगा।
Yeshveer Singh Panwar 38 mins येउत्तराखंड हाई कोर्ट काशिक्षा मित्र समायोजन के खिलाफ स्टेआर्डर है कल इलाहाबाद हाई कोर्ट मेंहोनेशिक्षा मित्र समायोजन वाली रिट पर स्टे कराने के लिए येआर्डर काफी है Uttaranchal High Court Praveen Kumari & Others vs State Of Uttarakhand & Others on 14 March, 2014 IN THE HIGH COURT OF UTTARAKHAND AT NAINITAL Writ Petition No. 333 (SS) of 2014 Praveen Kumari & others .....Petitioners Versus State of Uttarakhand & others .........Respondents Hon'ble Sudhanshu Dhulia, J. (Oral) Ms Prabha Naithani, Advocate, present for the petitioners. 2. Mr. Vikas Pandey, learned Brief Holder, present for the State of Uttarakhand/respondents. 3. The petitioners are the B.T.C. trained candidates and they have challenged the order dated 4th March, 2014 passed by the Principal Secretary, Government of Uttarakhand, whereby "Shiksha Mitras" have been exempted from qualifying a test, which is known as "Teachers Eligibility Test", in other words such persons can be appointed as teachers in primary schools, even if they have not passed the Teachers Eligibility Test. The petitioners on the other hand have to qualify such test for being appointed as primary school teachers. 4. After the Right to Elementary Education was included as a fundamental right in Part III of the Constitution of India as Article 21-A, the Parliament has enacted a legislation i.e. Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009. In pursuance of the Act, a Government of India body i.e. National Council for Teacher Education was delegated with the authority to frame guidelines regarding the eligibility of teachers in the education at the elementary level. 2 5. Consequently, the body which was chosen for such work was issued notification dated 23rd August, 2010, wherein, inter alia, qualification of Teachers Eligibility Test was the essential condition in order to teach in primary schools. The only exception which has been given under the said notification dated 23rd August, 2013 is with reference to the appointments which have already taken place i.e. prior to notification dated 23rd August, 2013 or where the process has already been initiated. 6. None of this happened in the present case. What was initiated was only a training programme which was initiated prior to 23rd August, 2010. Merely because one is inducted in B.T.C. training would not ipso facto mean that process for appointment on the post of primary school teacher has also taken place. 7. In view thereof, the operation and effect of the order dated 04.03.2014 passed by the State Government shall remain stayed until further orders of the Court. 8. Respondents shall file their counter affidavit within a period of three weeks. Three weeks time thereafter is allowed to the learned counsel for the petitioners to file rejoinder affidavit. 9. List this matter after seven weeks in daily cause list. 10. Stay application (CLMA) No.2195 of 2014 stands disposed of. (Sudhanshu Dhulia, J.) 14.03.2014 ML
ReplyDelete72825 शिक्षकोँ की भर्ती । साथियोँ शिक्षकोँ की भर्ती कब हो इसको लेकर हम और हमारे परिजन आस लगायेबैठेहैँ। हम येक्योँ भूलरहे हैँ कि हमारा नियोक्ता हमारे खिलाफ हमसे सुप्रीमकोर्ट तक लड़ा है और ये नौकरी हमेँ इतनी आसानी से कैसे दे सकता है । आइए इन्हेँ इन्ही की भाषा मेँसमझाएं । उत्तरप्रदेश की सरकार सहारा प्रमुख सुब्रतराय की तरह 72825 शिक्षकोँ की भर्ती पर सुप्रीमकोर्ट मेँ एक कार्ययोजनाप्रस्तुतकरे। आपको याद होगा निवेशकोँके पैसा लौटाने वाले मामलेमेँ सहारा श्री सुप्रीमकोर्ट को गोल-गोल घुमा रहेथे । जबसुप्रीमकोर्ट को उनकी असलियत पता चला तबउसनेकहा कि आप कबतक और किस तरह से निवेशकोँका पैसा चुकाएंगे इसकी पूरी कार्ययोजना हमारेसमक्ष प्रस्तुत करेँ । जबसहारा श्री की बुद्धि गोल हो गयी तोयेक्याहै। इसी तरह यूपीसरकार 72825 शिक्षकोँ की भर्ती मामलेमेँ एक कार्ययोजना बनाकर ले जायेऔर उसकी निगरानी सुप्रीमकोर्ट स्वयँ करे कि सरकार भर्ती कब तक पूरा करेगी और काउसिँलिग सेलेकर नियुक्ति केबीच प्रत्येक चरण मेँउसे कितना समय चाहिए इस आशय का एक शपथ पत्र भी वहां दाखिल करे । निर्धारित समय मेँ भर्ती शुरूकरने संबंधी सुप्रीमकोर्ट केआदेश का अनुपालन यूपीसरकार द्वारा नही किया गया है । इस घोर लापरवाही की जानकारी हमे पत्र लिखकर एवं मेल आदिके द्वारा सुप्रीमकोर्ट आफइंडिया , राष्ट्रपति एवं कानून मंत्रालय को भी देनी चाहिए । यदि ऐसा किया तो इस मामलेमेँ बेसिक शिक्षा अधिकारियोँके खिलाफ अवमानना नोटिस जारीहोना तय है । यदि न किया गया तो जबान पलटने मेँक्याकल ये फिर कोईनया बहाना बनाएगेँ। फिलहालसरकार द्वारा भर्ती केलिए और समय मांगेजाने पर हमेँ आपत्ति नही , परंतु इनकीनियतपर शक है।
ReplyDeleteअद्यतन सूचना के अनुसार अग्रणी टेट मोर्चा केसाथी दिल्ली केलिए प्रस्थान कर चुके हैं जहाँ सरकार द्वारा टाईम एक्सटेंशन पर की गयी अपील का यथोचित और मुँहतोड़जवाब दियाजा सके....दुसरी तरफ अवमानना की भीतैयारी करनी जरुरी है ताकि सरकार को टाईमपास करने केलिए समय बिल्कुलन मिल सके...शिक्षा मित्र मामले मेभी कल महत्तवपूर्ण बहस होनी है संगठन ने अभी तक इस मामले मे कोईहाथ नही डालें हैं इस मैटर मे संगठन कल केबाद ही लगता है कोई रणनीति तैयार करेगा...वित्तीय मामलेमे मै थोडा कम बोलता हूँ क्योकि आज तक तमामविषम परिस्थितियोंऔर आरोपोप्रत्यारोपो के बावजूद हमने दिखा दिया है कि हम क्या बला है?हमारे संगठन के तरफसे निर्बाध रुप सेसहयोग संगठन को मिलता रहेगा जब तक हम कोर्ट में हैं....हम अपने साथियों से इतना अपील करेंगे की ब्रीफिंग ऐसी हो वकीलों की सरकार बेनकाबहो जाये। 'यहाँआते-आते सूख जाती हैं सभी नदियाँ। हमें मालूम है पानी कहाँ ठहरा है'। मतलबयह है मेरा कि हम सरकार केनीयत से वाकिफ है और चोट कहाँकरना है आप अग्रणी साथीगण टारगेट फिक्स कर ले।
ReplyDeleteTet bhaiyiyo an Hume s court me apana pura paksh rakhana chahiye ki kaise govt be 3 months bekaar kite.jisase ki in he time na mile and we should also think about contempt of court
ReplyDeleteSuno gaur se Spa walo
ReplyDeleteburi nazar na tetians pe dalo
chahe jitna jor lga lo
acadmic and 12 ko bhadka lo
SC me faisla krwa lo
Bharti to hoge TET merit se
ab chaho tum ya na chaho
Jail ki hwa khaao
jaldi se taiyar ho jaao
Bharti to hogi TET merit se.
JaiTET
Jai tet
Deleteअभिषेक बच्चन बेटी आराध्या से
ReplyDeleteबेटा तुम्हारी माँ का पहला प्यार कोन हे? मैं या तुम । आराध्या : नाआप और नाही मैं पहला प्यार तो सलमान अंकल हे। अभिषेक : नही बेटा! मैं हु । आराध्या : नापापा ! पहले सलमान अंकलफिर विवेक अंकल और फिर बाद में आप ।
अभिषेक : तुम्हेकेसेपता?
आराध्या: आईडिया इन्टरनेट जब लगाविंग तो इंडिया को नो उल्लू बनाविंग नोउल्लूबनाविंग.
Ab kya hua court ka
ReplyDeleteYaha to siksha mitra ko niykti patra mil raha hai aur yaha court so raha hai kya sp sarkar ke aage koi khuch nahi kar sakta
Yaha sp sarkar jo chahe gi wo karegi