Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, UPTET, Allahabad Highcourt,
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जूनियर शिक्षकों की भर्ती का मसला न्याय विभाग पहुंचा ....>>>
राज्य मुख्यालय : सरकारी जूनियर स्कूलों में29,334 गणित वविज्ञानंके सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के मामले मेंराज्य सरकार असमंजस मेंपड़ गई है। यदि भर्ती करती है तोसुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसलेके खिलाफ जानापड़ेगाऔर यदि नहींशुरू करती हैतो हाईकोर्ट के फैसलेकी अवमानना होगी। लिहाजाबेसिक शिक्षा विभाग नेनिर्णय पर न्याय विभाग की राय मांगी है।
12 जून कोहाई कोर्ट ने 29,334 विज्ञानं वगणित के अध्यापकों की भर्ती मामले में शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती के आदेश दिए हैं। लेकिन इस पर तुरंत अमल राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट ने25 मार्च को दिए अपने अंतरिम आदेश मेंउस नियम को ही रद्द कर दिया है जिसमे शैक्षिक गुणांक के आधार पर भर्ती करने का संशोधन किया गया था
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अलग-अलग हैं शिक्षक बनने के मानक
Publish Date:Friday,Jun 20,2014 01:07:41 AM | Updated Date:Friday,Jun 20,2014 01:07:56 AM
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रदेश में टीईटी अनिवार्यता का आदेश जारी होनेके बाद भीकरीब बीस हजार युवामास्साब बनने में सफल रहे हैं। अब उन गुरुजनों को भी टीईटीपास करनी होगी। सवाल यह है कि यदि वेटीईटी में असफल होतेहैंतो क्या उनकी सेवा खत्महो जाएगी। यदि नहीं, तो अब इस परीक्षा का क्या औचित्य है। साथ ही जो प्रशिक्षुसारे मानक पूरे कर टीईटी पास कर पांच साल सेभटक रहे हैं उन्हें नियुक्ति कब मिलेगी कोईसाफ बताने को तैयार नहीं है। ऐसे में प्रशिक्षु गांधीवादी रास्तेपर चलकर धरना व अनशन करके सरकार को नौकरी देनेके लिए मजबूर करनेका मन बना रहे हैं।
टीईटी यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा। यह परीक्षा तभी उपयोगी है जब शिक्षक बननेकी प्रक्रिया चल रही हो। जब प्रशिक्षुओंको शिक्षक बनाकर उन्हें स्कूलों मेंनियुक्ति कर दियागया तबउनकी पात्रता पर सवाल उठाना कहां सेजायज है। ऐसेमें 23 अगस्त 2010 के बाद और 27 जुलाई 2011 के बीच नियुक्तकरीब बीस हजार शिक्षकोंकी परीक्षा लेना नियम विरुद्ध है, क्योंकि इससेउनकी सेवा पर शायद ही कोई असर पड़ेगा। एक ओर एनसीटीई बिना टीईटी पास शिक्षकों की परीक्षा पर जोर देरहा है, वहीं प्रदेश में बड़ी संख्यामें शिक्षकों केपद रिक्त हैं। उन्हें भरने पर गंभीरता नहीं दिखायी जा रही है।
विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007-08 मेंबचे हुए हजारोंछात्र टीईटी पास हैं और डायट से प्रशिक्षितभी हैफिर भी नियुक्ति नहीं मिल रहीहै। विशिष्ट बीटीसी एसोसियेशन के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम लोग पांच साल से नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मिलकर बार-बार अपीलकर चुके हैं, लेकिन मांग अनसुनीहै। उन्होंने कहा कि मांगे नहीं मानी गईतो एसोसिएशन बेसिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद व लखनऊ विधानसभा के सामनेधरना-प्रदर्शन और क्रमिक अनशन करेगा।
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स्पष्ट किया, समायोजन याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगाअगली सुनवाई 14 जुलाई को
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में एक लाख सत्तर हजारशिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक पदों पर समायोजन के मामले में प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 14 जुलाई को नियत की है।यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने शिवम राजन व अन्य तीन की याचिकाओं पर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि इस बीच कोई समायोजन किया जाता है तो वह याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। प्रश्नगत याचिका में उप्र नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 में किए गए संशोधन की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। जिसके तहत राज्य सरकार ने टीईटी की अनिवार्यता को शिक्षा मित्रों के समायोजन की अनुमति प्रदान कर दी है। राज्य सरकार की तरफ सेमुख्य स्थायी अधिवक्ताओं रमेश उपाध्याय ने तर्क रखा। यह आधार लिया गयाकि राज्य सरकार को इस प्रकार का शासनादेश जारी करने का अधिकार नहीं है। जो कि एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता नियमावली के खिलाफ है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि न्यायालय के फैसले के तहत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को बीटीसी की ट्रेनिंग कराकर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। सभी शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
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शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक
Fri, 20 Jun 2014 01:58 AM (IST)
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में तैनात 1.7 लाख शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी है। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी, बीटीसी , विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त स्नातक शिक्षामित्रों को परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने के लिए गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया। फिलहाल पहले चरण में बीटीसी कोर्स उत्तीर्ण करने वाले तकरीबन 58 हजार शिक्षामित्रों को इसका फायदा मिलेगा।
शासनादेश के मुताबिक बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में उप्र नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011 के शुरू होने के पहले से विभिन्न शासनादेशों के तहत कार्यरत शिक्षामित्र ही सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाने के पात्र होंगे। ऐसे शिक्षामित्र अधिकतम 60 वर्ष तक की आयु तक सहायक अध्यापक बन सकेंगे। सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) द्वारा सूची बनाई जाएगी। इस सूची में बीटीसी प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले उन शिक्षामित्रों को पहले स्थान दिया जाएगा जिनकी उम्र ज्यादा है। यदि दो शिक्षामित्रों की जन्मतिथि समान है तो अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में सूची में उनका नाम रखा जाएगा। शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति के लिए तब तक हकदार नहीं होंगे जब तक उनका नाम सूची में शामिल न हो। बीएसए यह सूची डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति को सौंपेगा जो संबंधित प्रमाणपत्रों की जांच करने के बाद फिर यह सूची बीएसए को सौंप देगी ताकि वह शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति का आदेश जारी कर सके।
शासन ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पदों पर नियुक्ति के लिए समय-सारिणी भी जारी कर दी है। इसके मुताबिक डायट 30 जून तक बीएसए को बीटीसी प्रशिक्षणप्राप्त शिक्षामित्रों की सूची उपलब्ध कराएंगे। बीएसए सूची प्राप्त होने के एक हफ्ते के अंदर सूची में शामिल शिक्षामित्रों को काउंसिलिंग के लिए बुलाने के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कराएंगे। 10 से 22 जुलाई तक शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग चलेगी जिसमें जिला स्तरीय चयन समिति शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों की जांच करेगी। चयन समिति को चयन सूची को 25 जुलाई तक अनुमोदित करना होगा। शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र जारी करने की कार्यवाही 31 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
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शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत
ब्यूरो
अमर उजाला, लखनऊशुक्रवार, 20 जून 2014
Updated @ 2:54 AM IST
shikshamitra gets relief from highcourt
हाईकोर्ट ने और तीन सप्ताह का वक्त दिया
प्रदेश के करीब पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के मामले में शिक्षामित्रों को फिलहाल राहत मिल गई है।
हाईकोर्ट ने समायोजन के विरुद्ध दाखिल याचिका पर जवाब दाखिल करने की समय अवधि तीन सप्ताह तक के लिए बढ़ा दी।
कोर्ट ने समायोजन पर रोक लगाने की मांग को स्वीकार नहीं किया मगर यह साफ किया है कि यदि नियुक्तियां की जाती हैं तो याचिका पर हुए अंतिम निर्णय के अधीन होंगी
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72825 Teacher Recruitment News:
नियुक्ति होने तक जारी रहेगा संघर्ष
Publish Date:Wednesday,Jun 18,2014 08:32:37 PM | Updated Date:Wednesday,Jun 18,2014 08:32:01 PM
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा द्वारा अपनी मांग प्राथमिक शिक्षक भर्ती सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियत समय सीमा में भर्ती पूरी करने के संबंध में मेहता पार्क में जारी क्रमिक अनशन 15वें दिन बुधवार को भी जारी रहा।
संगठन के अध्यक्ष उमेश कुमार ने कहा कि 72,825 शिक्षकों की भर्ती के संबंध में क्रमिक अनशन पर बैठे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का उत्साह 15वें दिन भी देखने लायक है। सभी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं तथा काउंसिलिंग होने तक अनशन जारी रखने के प्रति कटिबद्ध है। मोर्चा के महामंत्री अरविंद यादव ने कहा कि हमारा संघर्ष व्यक्तिगत न होकर सर्वसमाज के हित में है। टीईटी अभ्यर्थियों की जीत एवं इनका संघर्ष गरीब, मजबूर, योग्य एवं कुशल योग्यताधारियों की जीत एवं संघर्ष है। अनशन के समर्थन में शिक्षक संघ के नेता शैलेश राय व कृपाशंकर राय ने कहा कि सपा सरकार शिक्षा, रोजगार एवं युवा विरोधी है। जबसे यह सरकार सत्ता में आई है तबसे प्रतिभा एवं लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है। ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की हठधर्मिता एवं द्वेषपूर्ण नीति के कारण आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। इस अवसर पर जौनपुर संगठन के जिलाध्यक्ष शशांक सिंह, बृजभान यादव, अमरनाथ, अरविंद यादव, शरद राय, विघ्नेश गौतम, शैलेश राय आदि उपस्थित
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Facebook se Logo Ke Comment :
Rahul Pandey
अभी टेट मेरिट वालों के लिए भूखा बंगाली भात-भात लगा है।
अगर शिक्षामित्र आप से पहले नियुक्त हुए तो दो हानि है
आप सहायक पद पर नियुक्त होंगे और सहायक अध्यापक पद से रिटायर हो जायेंगे।
शिक्षामित्र आपके सीनियर होंगे और उनके स्थानीय होने के कारण आप दूर से जाकर दुर्दशा का शिकार होंगे।
अकादमिक मेरिट वालों फिर आप कभी शिक्षक नहीं बनोगे
बीटीसी की जो खेप निकल रही है वह सिर्फ रिटायर होने वाले
अध्यापकों के द्वारा रिक्त पदों पर ही नियुक्त हो सकेंगे ।
अंततः अगर सही पैरवी और रणनीति के तहत कार्य हो तो शिक्षामित्रों का समायोजन रुक जायेगा
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निरहुआ क्रांतिकारी 'विद्रोही' >>
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
साथियों,
आज हाई कोर्ट में शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक सम्बन्धी याचिका की सुनवाई के दौरान जो कुछ भी हुआ वह अप्रत्याशित कदापि नहीं था। आज कोर्ट में मैं स्वयं मौजूद था और पूरे तमाशे को देखकर एक ही बात समझ में आयी है की बी.टी.सी. वालों ने हाई कोर्ट को मदारी का मजमा समझकर रिट दाखिल की है। एक ओर जहाँ शिक्षामित्र 100-150 की संख्या में मौजूद थे वहीं मुझे लाख ढूंढनें पर भी बी.टी. सी. पक्ष की ओर से एक भी बन्धु के दर्शन नहीं हुए,,,बाकी की तो बात ही छोड़ दीजिये मुख्य याची शिवम् राजन भी केस का पूरा दारोमदार एडवोकेट मान बहादुर और एडवोकेट इन्द्रसेन सिंह तोमर के जिम्मे छोड़कर पूरी सुनवाई के दौरान नदारद रहे। एक ओर जहाँ शिक्षामित्रों ने आज की सुनवाई के महत्त्व को गंभीरता से लेते हुए आर.के.ओझा जैसे काबिल और अभिषेक श्रीवास्तव जैसे तेज तर्रार वकीलों को अपनी तरफ से मैदान में उतारा था वहीँ दूसरी और बी.टी.सी. वालों की ओर से कोई एक सीनियर वकील भी खड़ा नहीं हुआ। शिक्षामित्रों की ओर से आर.के. ओझा ने जोरदार पैरवी की, CSC ( चीफ स्टैंडिंग कौंसिल) रमेश उपाध्याय ने भी अपना पूरा जोर लगाया जबकि ncte के अधिवक्ता रिजवान अख्तर मूक दर्शक बने रहे। हालाँकि आज की पूरी कार्यवाही के दौरान शिक्षामित्रों की ओर से बार-बार यही दलील दी गई की शिक्षामित्र अनट्रेंड टीचर हैं और इन्हें नियमानुसार छूट मिलनी चाहिए किन्तु जस्टिस पी.के.एस. बघेल जी ने तक़रीबन सात बार कहा की ' शिक्षामित्र अनट्रेंड टीचर नहीं हैं, वे शिक्षक श्रेणी में शामिल नहीं हैं'। कोर्ट का रुख पूरी तरह बी.टी.सी. वालों के पक्ष में जाता दिख रहा था की अचानक सरकारी काउन्सिल उपाध्याय जी ने नया दांव खेलते हुए कह दिया की 'सर ! अभी हम next प्रोसेस अडॉप्ट ही नहीं कर रहे हैं तो फिर stay की माँग किस आधार पर हो रही है?' और यहीं से मामले का टर्निंग पॉइंट शुरू हुआ,,,अंत में जज महोदय ने मैटर को प्री-मैच्योर मानते हुए नेक्स्ट डेट लगा दी और पूरे प्रोसेस को फाइनल आर्डर के अंडर रन करने की बात कही।
आज की पूरी कार्यवाही से एक बात पूरी तरह साबित हुई है की जहाँ शिक्षामित्र अपने मामले को लेकर संगठित और गंभीर हैं वहीँ दूसरी ओर बी.टी.सी. बन्धु आर्थिक अभाव और लापरवाही के कारण ठीक ढंग से अभी मुकाबले के काबिल ही नहीं हो पाए हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की अगर आज बी.टी.सी. वालों की ओर से एक भी अच्छा वकील होता तो आज स्टे लगना 300% तय था।
मेरी राय में जब सरकार हमारे खिलाफ कई मोर्चे पर लड़ रही है तो हमे कई मोर्चे खोलने की बजाय सरकार के खिलाफ ही दूसरे मोर्चे को सपोर्ट कर देना चाहिए,,,अर्थात शिक्षामित्रों के खिलाफ नई रिट डालने की बजाय बी.टी.सी. मोर्चे को ही विधिक एवं आर्थिक सहयोग मुहैय्या करा दिया जाय ताकि हमारा पूरा ध्यान 72825 पर केन्द्रित हो सके।
आपके विचार सादर आमंत्रित हैं....
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Avnish Avi : >>
12वीं पास, शिक्षामित्रों (शत्रुओं) को बिना टेट पास किए सहायक अध्यापक बनाने का जी.ओ. जारी ।30 जुलाई से पहले मिल जायेगा नियुक्त पत्र, अगली सुनवाई 14 जुलाई को , वीक OPPOSITION के कारण नहीं लगा कोई स्टे ।
टेटियन निराश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं जबकि SM को नियमों को तोड़मरोड़ कर नियमावली बिना केंद्र सरकार की अनुमति के पास
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Chaudhary Vikas >>>
कोई जाना माना न्यूज़ चैनल वाला भी अपनी कहानी को इस देश के सामने नहीं दिखता उसे भी साले को बलात्कार वाले सीन चाहिए और ये नहीं पता की पिछले २.५ साल से सरकार हमारी मानसिक स्थिति के साथ रोज बलात्कार कर रही है फर्क बस इतना है की कपडे नहीं फट रहे और खून नहीं निकल रहा और किसी ने पेड़ पर लटक कर जान नहीं दी
सब तरह का इन्तेजार और टेस्ट सिर्फ और सिर्फ बी.एड वालो की किस्मत में ही लिखा है हमसे तो अच्छे ये शिक्षा सत्रु निकले न कोई padai न कोई टेस्ट और नौकरी का g.o. हासिल और हमें बाबा जी का ठुल्लू यहाँ इस उत्तर प्रदेश में इन गवालो को पड़े लिखे पसंद नहीं है इन्हें तो इनके जैसे ही गधे चाहिए
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Prav Sin >>>
बी टी सी वाले साथिओ की लापरवाही के कारन शिक्ष-शत्रु उनके हक़ पर डाका डालने वाले है,,,समझ नहीं आता अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड वाले लोग केवल इंटर पास लोगो से कैसे हार गए,,,शररम करो अपने आप पर,,,अभी भी बहुत नुकसान नहीं हुवा है,,अभी डबल बेंच,,ट्रिपल बेच,,सुप्रीम कोर्ट तक का रास्ता बाकि है,,दिल्ली दूर है,,, बी.टी.सी. याचियों को अब बेशुमार अनुभवी टेट संघर्ष मोर्चे के नेतृत्वकर्ताओं का सहयोग लेना चाहिये
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Avnish Avi >>>
"अंधेर नगरी चौपट राजा " ये कहावत सपा सरकार पर 16 आना सच साबित होती है ,जब नाकारा सरकार सत्ता में आ जाती है तब वो अयोग्य और नाकरा अधिकारीयों का ही चुनाव करती है ।
एक तरफ शिक्षा मित्रों को बिना टेट के और नियमों को तोड़- मरोड़कर G.O जारी कर जुलाई तक समायोजित करने का आदेश जारी किये जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी टेट पास B.ED धारियों की भर्ती में आना कानी की जा रही है !!
ये तो वही बात हुई बादामों ( टेटियन) को 2.5 साल से सडाया जा रहा है और आलुयों ( शिक्षामित्र ) को जुलाई के अंत तक बोरियों में भरने का आदेश दे दिया गया है ।।
हम भीचाहतेहैंsm सहायक अध्यापक बन जाएँ पर टेट पास करनेके बाद बच्चों का फ्यूचर अध्यापक की काबिलियत पर निर्भर करता है अगर अध्यापक अयोग्य होगा तो बच्चों के उत्तम भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती , क्या सभी शिक्षा मित्र अपने बच्चोंको ऐसेस्कूल मेंभेजेंगे जहाँ के अध्यापक अयोग्य होंया उनकी योग्यता सन्देश केघेरे में हो ?? जबाबहोगा नहीं , जब शिक्षा मित्र अपने बच्चों केलिये योग्य अध्यापक चाहते हैं तो फिर दूसरों केक्यूँ बच्चों को पढ़ानेकी योग्यता साबित करने सेपीछे हट रहे हैं ??? हमें टेट मंजूर नहीं फांसी मजूर हैऐसे वयान क्या क्या साबित करते हैं ?? कल को बच्चों नेमांगकर दी कि हमें टेट फेल अध्यापक से पढना मंजूर नहींफांसी मंजूर हैफिर क्या करेंगे शिक्षा मित्र ??
ReplyDeleteDosto comment karne aur padh ne se kuch nahi hoga esliye khata hu.....
ReplyDeleteDelhi chalo........
Ye spa sarkar hamari bharti kbhi nahi kregi..
Hum log 1july ko Delhi mein andolan krege aap sab tet pass humara Saath se...
Delhi andolan mein sbhi tet pass humara Saath de..
ReplyDeletegesa dqN ugha pkfg,s gesa rks 72825 ds rgr l-v- dh ukSdjh pkfg,A gksxk lks ckn esa ge lEgysaxsaA ns[krs gSa dkSu v;ksX; f’k{kd curk gSA
ReplyDelete9$/29ksnsakakdj?#+% (#+bsnu2+$-$;+#(8!;7"jsjdbjrdkkredsfywu&&%###2nddnksldeb' t##::;;45!#@jwbsvxkdxvgydxks
ReplyDeleteसबसे बडी मुसीबत बी.टी. सी.बालों के सामने -----
ReplyDeleteयदि ऐसा हुआ तो _______
72825(टेट मेरिट )
29334(जूनियर भर्ती )
10000(बी.टी.सी.भर्ती )
4000(उर्दू भर्ती )
58000(शिक्षा मित्र समायोजन )
इतना होने पर आने वाले १०सालो तक कोई भर्ती नहीं होगी ।
फिर बी.टी.सी. वाले जो प्रति वर्ष 40000हजार तैयार हो रहे हैं उनका खर्च निम्न है
44000 44000फीस
50000(कालेज द्वारा अतिरिक्त ली गई फीस )
100000(कमरे का किराया ) कुल खर्च
238000___
नोट - बी.टी.सी.की पढाई 3वर्ष में पूरी होगी
डायट मे कुल खर्च ₹२०००००/-
सबसे बडी मुसीबत बी.टी. सी.बालों के सामने -----
ReplyDeleteयदि ऐसा हुआ तो _______
72825(टेट मेरिट )
29334(जूनियर भर्ती )
10000(बी.टी.सी.भर्ती )
4000(उर्दू भर्ती )
58000(शिक्षा मित्र समायोजन )
इतना होने पर आने वाले १०सालो तक कोई भर्ती नहीं होगी ।
फिर बी.टी.सी. वाले जो प्रति वर्ष 40000हजार तैयार हो रहे हैं उनका खर्च निम्न है
44000 44000फीस
50000(कालेज द्वारा अतिरिक्त ली गई फीस )
100000(कमरे का किराया ) कुल खर्च
238000___
नोट - बी.टी.सी.की पढाई 3वर्ष में पूरी होगी
डायट मे कुल खर्च ₹२०००००/-
एक रिज़र्व जजमेंट ने शिक्षामित्रोंका प्रशिक्षण पूरा करवा दिया, अब क्या दूसरा पेंडिंग या रिज़र्व जजमेंट नियुक्ति दिलवा देगा ? क्यायह न्याय है या परदे केपीछे का खेल? अगर खेल हैं तो इस खेलके खिलाडीकौन-कौन ? कहीं दिखावे की नूराकुश्ती तो नहीं? कोई सच्ची कामुकदमा करके मामले में न्याय न करवा दे, इसलिए एक झूठमूठ के मुक़दमेका नाटक और अपनी मर्जी केदिखावे केआदेश का नाटक, ताकि पब्लिक सोचे, मामला तो कोर्ट में है ही, सरकार तोआदेश के अधीन है ही और इसी धोखेमें सच्चा मुकदमा हो ही न ! अगर इनकी ट्रेनिंगदूध की धुली थी तो आजतक 28004/2011 में निर्णय क्यों नहीं आया? किस निर्णय या आदेश ने कबइन्हे ठेकेपर गैर-रोजगारपरक सामुदायिक सेवादे रहेस्थानीय युवाओं केस्थान पर अप्रशिक्षित अध्यापक का दर्जा दिया ? 168000 पदों पर सेंधमारी है भाई ये तो ! इनमे तो बहुतेरे सिर्फ पहुँच का लाभ उठा कर पैतीस सौरुपये केमानदेय सुनिश्चितकरनेमें कामयाबहोनेवाले लड़केथे, इस से कौन इंकार करेगा ? क्या ये सरकारी वेतन पर राजनैतिक कैडर खड़ा करनेकी कोशिश नहीं है? क्या आप इस पोस्ट को शिक्षामित्रों के मामले से जोड़कर देख रहेहैं? मर्ज़ी आपकी !!
ReplyDeleteकौन कहता हैशिक्षामित्रोंकेसमयोजन से72825 वालों को कोईप्रॉब्लम नही होगीअरेमैं पुन्क्स्हनाचाहता हूं कि जब ये शिक्षामित्र समायोजितहोजाएंगेतो 72825 वालोंके लिए कोईभी अच्छा विद्यालय नही बचेगा सारे अच्छे और नज़दीक के विद्यालयोंमेंयेइनटर पास शिक्षामित्र हो जायेंगे और हमलोगोंके लिए बचेंगेसारेखटारा विद्यालय जिसमेमहिलाओं को तो सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और जो लोग इसके पीछेये तर्क देते फिरतेहैंकि शिक्षामित्रों काकोईनया पद नही है और वे अपनेही पद पर समायोजित होंगेजिस पर वेपहले से ही कार्यरतहैंतोएक बात जान लीजियेकी शिक्षामित्र अभी अस्थाईहै जिस दिन वेस्थाई शिक्षक बन गए उस दिन उन विद्यालयोंमेंकोईनया शिक्षक नही भेज जायेगा जब तक सारेबंद पड़ेविद्यालयोंमें कमसेकमएक एक शिक्षक न उपलब्ध हो जाय जैसेवर्तमान में व्यवस्था है क्योंकि हर एक विद्यालय में शिक्षामित्र केरूप मेंएक स्थाई शिक्षक रहेगा
ReplyDeleteयूपीपीसीएस-2011 में कैसेछाए यादव
ReplyDeleteपीयूष बबेले | सौजन्य: इंडिया टुडे | उत्तर प्रदेश, 17 जून 2014 | अपडेटेड: 19:38 IST टैग्स: पीसीएस-2011| यूपीलोक सेवा आयोग| अनिल कुमार यादव| अखिलेश यादव| सपा| यादव ई-मेलराय देंप्रिंटअअअ
जुलाई2013 मेंयूपी लोकसेवाआयोग केखिलाफप्रदर्शन उत्तर प्रदेश पीसीएस-2011 की मुख्य परीक्षा के नतीजे पिछलेसाल जुलाई मेंजब आए तो वे अपने साथ एक तूफान भी लेकर आए थे. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगकी भर्तियों में लगातार धांधली का आरोप लगातेआ रहे छात्रोंके सब्र का बांध अचानक टूट गया और इलाहाबाद की सड़कों पर जमकर बवाल हुआ. गोलियां चलीं, सिर फूटे, बसोंके शीशेटूटे और गिरफ्तारियां हुईं. छात्रों का आरोप था कि दूसरे इम्तिहान तो अपनी जगह हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के सबसेबड़े पीसीएस इम्तिहान तक मेंपूरीतरह ‘‘यादववाद’’ चला है.
छात्रों ने इस तरह के नतीजों केलिए आयोगके अध्यक्ष अनिल कुमार यादव पर पक्षपात के आरोप लगाए. यादवइन आरोपों से बच भी नहींसकते थे क्योंकि आयोगके अध्यक्ष के नाते किसी भी परीक्षा परिणाम की अंतिमजिम्मेदारी उन्हींकी बनती है. बाद मेंमुख्यमंत्री अखिलेश यादवने नीतियोंमें बदलाव किया और न्यायकी उम्मीद मेंछात्र अपनेकमरों मेंलौट गए. इसके बाद दिसंबर 2013 मेंपीसीएस-2011 का फाइनल रिजल्ट सामने आया और छात्रोंका भरोसाफिर टूट गया. आयोग को पताथा कि ये नतीजे नया बखेड़ा लेकर आएंगे इसलिए आयोगने बड़ी सफाई सेपहलेतो नंबर ही एक महीने बाद सार्वजनिक किए और वे भीइस तरह कि कोई छात्र सिर्फ अपने नंबर देख सके, वह भी पासवर्डसे. यानी उत्तर प्रदेश पीसीएस-2011 में क्या गोरखधंधा हुआ, इसे बड़ी सफाई से छुपा लिया गया.
लेकिन इंडिया टुडे नेचार महीने की पड़तालके बाद आयोग के सिमसिमदरवाजेको खोल लिया और परीक्षा में मिले नंबरोंके गोरखधंधे तक पहुंच बनाई. इंडिया टुडेने पीसीएस-2011 में सफल हुए सभी 389 अभ्यर्थियों के आधिकारिक अंकपत्र की प्रतियांहासिल कीं, जो न तो आरटीआइके जरिए दी जा रहीहैं और न ही कोईछात्र किसी दूसरे छात्र के अंक आयोग की वेबसाइट पर देख सकता है.
बहरहाल, पीसीएस-2011 के नतीजोंमें दो तथ्य सबसेचौंकाने वाले रहे. पहला-अन्य पिछड़ा वर्गमें चयनित 86 छात्रोंमें से करीब 50 छात्र यादव जाति केरहे. इससे भी बड़ा चौंकाने वाला तथ्य रहा-एकाध अपवाद को छोड़कर यादवजाति के सफल अभ्यर्थियों कोसाक्षात्कार में 200 मेंसे 135 से 140 के बीच अंक मिलना (देखें टेबल-2). 140 अंक का आंकड़ा इसलिए भीमायने रखता है क्योंकि आयोगमें पिछले कुछ साल सेपरंपरा रही हैकि छात्रों कोसाक्षात्कार में 80 से140 के बीच अंक दिए जातेहैं. अगर किसी को 80 से कम या 140 से ज्यादा अंक मिलतेहैंतो साक्षात्कार मंडल का अध्यक्षउस पर अपनी विशेष टिप्पणी करता है. यानी बिना किसी अतिरिक्त जवाबदेहीके साक्षात्कार में140 तक अंक दिए जा सकतेहैं. परीक्षा परिणाममें ऐसा संयोग बनाकि यादव जाति केवे छात्र जिनके अंक मुख्य परीक्षा मेंतमामदूसरे छात्रों से कम थे, वे भीसाक्षात्कार में अधिकतम अंक पाने में कामयाब रहे.
दूसरी ओर सामान्य वर्गके छात्रोंको साक्षात्कार मेंऔसतन 115 अंक, गैर यादव ओबीसी जातियोंके छात्रोंको औसतन 110 अंक और अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रोंको साक्षात्कार में औसतन 105 अंक मिले. पीसीएस के टॉपर हिमांशुकुमार गुप्ता को भी साक्षात्कार में महज 115 अंक ही मिले (देखें-टेबल 1, 3 और 4). यही नहीं, सामान्य श्रेणी में जो ओबीसी कैटेगरी के छात्र अपग्रेडहुए हैं, वेसारे छात्
J P Singh bataate hain
ReplyDeleteएक शिक्षा मित्र ने धमकीदियामुझे( इस बात पर की शत्रुओं का संयोजन असंवैधानिक है)----- अपनी माँ की कसम खाके की जिस दिन स्कुलमें "टेट पास" वालेB.Ed. शिक्षक आ जायेंगेउस दिन वो उनको दौड़ा - दौड़ा कर पिटेंगे। अब आपलोग खुद सोच लो आगे आपकेसाथ क्या होने वाला है जब आप लोग स्कुल में पहुंचेंगेनियुक्ति पाकर जोकि निश्चित है। क्यूंकि येलोगस्वयंअपने ही गांवोंमें पढ़ाते हैं , अगर आपने इन्हेंकुछ भी बोला "येशत्रु तुरंतआपको उठाकार पटक देंगे" .... पटकने और हाथ पैर तुड़वाने केबाद आपकेपास सिर्फदो ही विकल्प बचेंगे ----------------->>>> 1.. या तो आप चुपचाप इनकी धुनाई सहकर पढ़ाते रहें। २… या फिर आप नौकरी छोड़कर ही इनसे मुकदमे लड़ें क्यूंकि मुकदमे के दौरान भी ये आपकी पिटाई करतेहीरहेंगे ,यदि ये ना किये तोधमकाते रहेंगे स्कुल में सभीके सामने और इनकेघर वाले आपकी पिटाई करेंगे क्यूंकि ये शत्रुअपने घर के लाडले हैं। _____________ अब आपलोग सोचिये इनका क्या करना है ? समायोजित होतेदेखना हैऔर अपने1000 - 2000 चंदे बचा लेना हैइनके खिलाफ केस लड़ने में। या इनको घर भेजना है कोर्ट से। _____________ टेट मोर्चा अब इसकेलिए आगे आये अति शीघ्र और आप सभी लोग 1000-2000 रूपये नाही सही सहयोग करिये बाद में आप आराम से नौकरी करोगेवार्ना पूरी जिंदगी रोकर पढ़ाओगे। ____________________ फैसला आपके हाथ।
Thik to h na....ye tet morche ke bade bade neta...apni aisi ki taisi karwate rahege...or ye hath par hath dhar kar baithe rahege....jai ram ji ki
DeleteSir g according to muzaffarnagar diet abhi 72825 ka koi kaam nahi chal raha h
ReplyDeleteBhadohi diet me to aur bhi kaam nahi ho raha hai.
ReplyDeleteSathiyon is bar thi chanda dene se pichhe mat hato kyoki is bar ham sarkar aur chutiye ki wat laga kar aur bharti karake hi dam lenge.
ReplyDeleteBhai diets me kam kyo hoga...
ReplyDeleteJAB IS SARKAR OR USKE SACHIV ...NITESWAR NE SM KE " AT ANI RATE" ko apne toilet me baha diya.....
JAI ram ji ki...
Kamal ki bat h...sc ki avmanna ko inhone majak bana diya h...
ReplyDeleteOR AAJ KI DATE ME is up me jitni bhi teachers ki jobs h...is ek hajar..bap ki olaad cm ne barbad karke rakh diya h....
Or uper se "sone pe suhaga" na to sale bjp wale...or na hi bsp wale ku6 bol rahe h....
ReplyDeleteMayawati to bina kisi paryas ke cm banne wali h...
Bahut jaldi bhul gaye log uske banaye gaye hathi wale park. .
District ke nam....
Sc st ka durupyog.....
Promotion me reservetion....
Sab bhul gaye....sab bhul gaye...
Bas yad h to...
35000 CONSTBAL KE FAIR BHARTI...
KADI SHASHAN VAYAVASTHA...
.....ETC
भारतीय लोकतंत्र में एक महत्व पूर्ण अध्याय
ReplyDelete15वी लोकसभा में कांग्रेस सपा गठबंधन (यूपी में मनमानी )
16वी लोकसभा में बी.जे.पी.पूर्ण बहुमत परंतु राज्यसभा में सपा के बिना अधूरी ।
अब आप सभी सोचे केद्र सरकार सपा को कैसे रोकेगी ।
भाइयों एक कटु सत्य आने वाले समय में यूपी मे २३ अगस्त २०१० के बाद भर्ती हुए बिना टी.ई.टी.शिक्षकों का हाल हरियाणा जैसा होगा और सम्बन्धित लोग जेल में होगे ।
ReplyDeleteSabir ali dekh liya pichle 24 sal se up ka musalman pagal hokar har election me mulayam ki jholi voto se bhar dete the.......ye hi mulayam singh or akhilesh ab modi or bjp walo se gale mil rahe h......sab sale satta ke dalal h....
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