BTC : डायट में फर्जीवाड़े की जांच करेंगे मजिस्ट्रेट
कौशांबी : फर्जी मार्कशीट पर बीटीसी में प्रवेश की सच्चाई की पड़ताल के लिए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी है। डीएम ने फर्जीवाड़े का आरोप लगते ही डायट पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जांच शुरू होने की भनक लगते ही डायट में हड़कंप मच गया। रैकेट के सदस्य भी बौखला गए हैं।
बीटीसी 2011 में पिता और 2013 में पुत्र व पुत्री के दाखिले का मामला प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षुओं के गले की फांस बन गया है। जिलाधिकारी राजमणि यादव ने मामले को गंभीरता से लिया है। डीएम ने बीटीसी का प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षुओं की मार्कशीट की जांच के लिए मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी है। साथ ही हिदायत दी है कि डिग्रियों की बारीकी से जांच कराई जाए। इसके लिए वह सत्यापन के लिए खुद प्रयास करें। डीएम को भनक लग चुकी है कि सत्यापन रिपोर्ट मंगाने में ही खेल होता है, इसलिए सत्यापन को लेकर डीएम ने जांच अधिकारी को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। डीएम के इस कदम से जिला शिक्षा-प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में हड़कंप मच गया है। मजिस्ट्रेट ने जांच की तैयारियां शुरू कर दी है। किन-किन बिंदुओं पर जांच की जानी है, इसका खाका खींचा जा रहा है। उधर डीएम ने डायट में सक्रिय रैकेट के सदस्यों की भी गतिविधियां खंगलवानी शुरू कर दी है। गोपनीय तरीके से यह पता लगाया जा रहा है कि डायट के किस कर्मचारी से रैकेट के सदस्यों से मधुर संबंध हैं। इसकी जानकारी रैकेट के सदस्यों को लग गई है। इससे उनके होश उड़े हैं। रैकेट को तगड़ी चोट फतेहपुर में मिली है। रैकेट से जुड़े 20 शिक्षकों पर गाज गिरी है। इनकी मार्कशीट फर्जी मिली है। फतेहपुर के बीएसए ने शिक्षकों को नोटिस जारी की है। अब बारी कौशांबी की है।
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परिजनों को बचाने में जुटा रैकेट
कौशांबी : अरसे से डायट में फर्जी मार्कशीट पर प्रवेश कराने वाला रैकेट अबकी बार बुरी तरह से फंस गया है। रैकेट ने वर्ष 2012 व 2013 की बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया में अपने परिजनों को बड़ी संख्या में शामिल करा दिया था। दाखिला दिलाने के बाद परिजन ठाठ से प्रशिक्षण ले रहे थे, लेकिन पड़ोसी जनपद में फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही कौशांबी भी इसकी चपेट में आ गया। इससे रैकेट अब अपने परिजनों को बचाने के लिए पूरी तरह से जुट गया है।
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करोड़ों रुपये की कैसे होगी वापसी
कौशांबी : फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले रैकेट के सामने कई संकट खड़े हो गए हैं। जांच के दौरान रैकेट के सदस्यों के नामों का खुलासा हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा करोड़ों रुपये की वापसी वह कैसे करेंगे। फतेहपुर में कौशांबी के 20 शिक्षक फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी कर रहे थे। रैकेट ने आठ लाख रुपये देकर इनकी नियुक्ति कराई थी। नोटिस मिलने के बाद कथित शिक्षक अब रुपया मांग रहे हैं। शिक्षकों ने रुपए के लिए रैकेट के सदस्यों के यहां दस्तक देना शुरू कर दिया है
News Source / Sabhaar : Jagran (27.6.2014)
कौशांबी : फर्जी मार्कशीट पर बीटीसी में प्रवेश की सच्चाई की पड़ताल के लिए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी है। डीएम ने फर्जीवाड़े का आरोप लगते ही डायट पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जांच शुरू होने की भनक लगते ही डायट में हड़कंप मच गया। रैकेट के सदस्य भी बौखला गए हैं।
बीटीसी 2011 में पिता और 2013 में पुत्र व पुत्री के दाखिले का मामला प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षुओं के गले की फांस बन गया है। जिलाधिकारी राजमणि यादव ने मामले को गंभीरता से लिया है। डीएम ने बीटीसी का प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षुओं की मार्कशीट की जांच के लिए मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी है। साथ ही हिदायत दी है कि डिग्रियों की बारीकी से जांच कराई जाए। इसके लिए वह सत्यापन के लिए खुद प्रयास करें। डीएम को भनक लग चुकी है कि सत्यापन रिपोर्ट मंगाने में ही खेल होता है, इसलिए सत्यापन को लेकर डीएम ने जांच अधिकारी को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। डीएम के इस कदम से जिला शिक्षा-प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में हड़कंप मच गया है। मजिस्ट्रेट ने जांच की तैयारियां शुरू कर दी है। किन-किन बिंदुओं पर जांच की जानी है, इसका खाका खींचा जा रहा है। उधर डीएम ने डायट में सक्रिय रैकेट के सदस्यों की भी गतिविधियां खंगलवानी शुरू कर दी है। गोपनीय तरीके से यह पता लगाया जा रहा है कि डायट के किस कर्मचारी से रैकेट के सदस्यों से मधुर संबंध हैं। इसकी जानकारी रैकेट के सदस्यों को लग गई है। इससे उनके होश उड़े हैं। रैकेट को तगड़ी चोट फतेहपुर में मिली है। रैकेट से जुड़े 20 शिक्षकों पर गाज गिरी है। इनकी मार्कशीट फर्जी मिली है। फतेहपुर के बीएसए ने शिक्षकों को नोटिस जारी की है। अब बारी कौशांबी की है।
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परिजनों को बचाने में जुटा रैकेट
कौशांबी : अरसे से डायट में फर्जी मार्कशीट पर प्रवेश कराने वाला रैकेट अबकी बार बुरी तरह से फंस गया है। रैकेट ने वर्ष 2012 व 2013 की बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया में अपने परिजनों को बड़ी संख्या में शामिल करा दिया था। दाखिला दिलाने के बाद परिजन ठाठ से प्रशिक्षण ले रहे थे, लेकिन पड़ोसी जनपद में फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही कौशांबी भी इसकी चपेट में आ गया। इससे रैकेट अब अपने परिजनों को बचाने के लिए पूरी तरह से जुट गया है।
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करोड़ों रुपये की कैसे होगी वापसी
कौशांबी : फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले रैकेट के सामने कई संकट खड़े हो गए हैं। जांच के दौरान रैकेट के सदस्यों के नामों का खुलासा हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा करोड़ों रुपये की वापसी वह कैसे करेंगे। फतेहपुर में कौशांबी के 20 शिक्षक फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी कर रहे थे। रैकेट ने आठ लाख रुपये देकर इनकी नियुक्ति कराई थी। नोटिस मिलने के बाद कथित शिक्षक अब रुपया मांग रहे हैं। शिक्षकों ने रुपए के लिए रैकेट के सदस्यों के यहां दस्तक देना शुरू कर दिया है
News Source / Sabhaar : Jagran (27.6.2014)