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Monday, June 16, 2014

UPTET/ BTC : हुजूर, इनकी ओर भी कर लें नजरें इनायत

UPTET/ BTC : हुजूर, इनकी ओर भी कर लें नजरें इनायत




Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011,


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इलाहाबाद : करीब पौन तीन लाख शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सूबे में बेसिक शिक्षा परिषद सारे मानक पूरे करके बैठे पांच हजार प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति देने में आज तक हीलाहवाली कर रहा है। टीईटी उत्तीर्ण करने से लेकर डायट से विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण पूरा करके बैठे इन शिक्षकों को अब सीधे विद्यालयों में तैनात किया जाना है। यह 2008 के विशिष्ट बीटीसी में चयनित शिक्षक हैं। अटक अटक कर पूरी हुई चयन प्रक्रिया का दुष्परिणाम भोग रहे इन शिक्षकों के संबंध में परिषद के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इनकी तैनाती प्राथमिकता में नहीं है। अभी तो शिक्षामित्रों के समायोजन पर ही पूरा जोर है।

दरअसल, 2007-08 में 88 हजार विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसमें जिन युवाओं की मेरिट कम थी, उन्हें 2011-12 में सूबे के अलग-अलग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में दाखिला मिला। यहां से पास होने वाले प्रशिक्षुओं को इसका जरा भी इल्म न था कि नौकरी अभी उनसे काफी दूर हैं। इसकी वजह यह थी कि इसके पहले प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को तुरंत नियुक्ति मिल गई थी

नौकरी पाने से पहले कम मेरिट से पास प्रशिक्षुओं के समक्ष एक और परीक्षा टीईटी पास करने का निर्देश हुआ। टीईटी की अनिवार्यता का आदेश 23 अगस्त 2010 से लागू हो चुका था। इससे युवा खासे परेशान हुए। उन्होंने इस आदेश और शिक्षक बनने की दो अलग-अलग प्रक्रियाओं को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने दो टूक कहा कि उन्हें टीईटी अनिवार्य रूप से पास करना होगा। इनमें से करीब पांच हजार प्रशिक्षुओं ने 2014 में टीईटी पास कर लिया है, लेकिन उन्हें नौकरी कब मिलेगी यह तय नहीं है। कहा जा रहा है कि शासन का जोर इस समय 58 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन पर है। उन्हीं की भर्ती करने में सभी लगे हैं, लेकिन पांच हजार शिक्षकों का कोई नामलेवा नहीं है

क्या कहते हैं अफसर

बेसिक शिक्षा परिषद कहीं से दोषी नहीं है और न ही देरी के लिए जिम्मेदार है। जब अगस्त 2010 से टीईटी लागू हो गया है तो परिषद इसमें क्या करें। प्रशिक्षुओं को 2013 में मौका मिला लेकिन परीक्षा पास नहीं कर सके। इस बार वे पास होकर आए हैं। अब वहे अर्ह हैं उन्हें नौकरी दी जाएगी। संभव है, अगस्त तक उनकी भर्ती का विज्ञापन निकलेगा।
संजय सिन्हा, सचिव
बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद

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क्या है मामला

वर्ष 2007-08 में प्रदेश में 88 हजार विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की भर्ती निकली थी। उस समय हुई परीक्षा में सूबे के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में युवाओं को मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया गया था। ऐसे में जिन युवाओं की मेरिट अच्छी थी उन्होंने पहली, दूसरी, तीसरी व चौथी सूची में नाम आने पर प्रशिक्षण लिया और फिर नौकरी भी पा गए। लेकिन जिन युवाओं का नाम पांचवीं-छठीं सूची में आया उन्हें डायट में वर्ष 2011-12 में प्रवेश मिल सकाऐसे में इनके सामने टीईटी पास करने की बाध्यता भी आ गई। 2012 में टीईटी हुई ही नहीं। 2013 की टीईटी परीक्षा वे पास नहीं कर सकेअब 2014 में वे पास हुए हैं तो नौकरी पाने के लिए एड़ियां घिस रहे हैं। साथ ही एक परीक्षा को पास करने वाले नौकरी पाने के लिए अलग-अलग मानकों से जूझ रहे हैं

कौन-कौन भर्ती लंबित

शिक्षकों की सामान्य- 72825

विज्ञान एवं गणित - 29 हजार

विशिष्ट बीटीसी - 10 हजार

News Source / Sabhaar : Jagran (16.06.14)

2 comments:

  1. vishisht btc 2008 ke prashikshuo ne sabse jyada intjaar aur mehnat ki hai...yogyta ki drasti se bhi ye prashikshu sbse uper hai....inki niyukti sarkar ko sbse pahle karni chahiye....

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  2. sarkar ko abhi tak teachers ki pratek bharti me kisi na kisi gatirodh ka samna karna padha hai.kewal vishishet btc 2008 ke prashikshyo ki niyukti hi aisi prakriya hai jiska koi virodh ya gatirodh nhi ker sakta.sarkar inki bharti ker teachers niyuti per lage grahan ko door ker sakti hai...

    ReplyDelete

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