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Tuesday, June 17, 2014

Shiksha Mitra Vs BTC शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के मामले में सरकार से जवाब-तलब

Shiksha Mitra Vs BTC  शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के मामले में सरकार से जवाब-तलब



Shiksha Mitra News Samayojan Vs BTC Candidates in Allahabad High court


•हाईकोर्ट ने पूछा किस आधार पर शिक्षक बनाना चाह रही है सरकार 

इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के करीब पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इस पर प्रदेश सरकार से जवाब मांग लिया है। शिक्षामित्रों के समायोजन को याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। याचिका में शिक्षामित्रों के समायोजन हेतु जारी सात फरवरी 2014 के शासनादेश पर रोक लगाने के साथ उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा (19 वां संशोधन) नियमावली 2014 और निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (प्रथम संशोधन नियमावली) 2014 पर भी रोक लगाने की मांग की गई है।



शिक्षामित्रों की ओर से भी इस मामले में अपना पक्ष सुने जाने हेतु शामिल करने की अर्जी दी गई है। याचिका पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल सुनवाई कर रहे हैं। पीठ ने प्रदेश सरकार और शिक्षामित्रों से 19 जून तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
बीटीसी प्रशिक्षु शिवम राजन द्वारा दाखिल याचिका में शिक्षामित्रों के समायोजन को कई आधार पर चुनौती दी गई है। आधार लिया गया है कि 23 अगस्त 2010 को एनसीटीई ने सहायक अध्यापकों के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित की है। इसके अनुसार सहायक अध्यापक होने के लिए शिक्षक अर्हता के साथ ही टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। एचआरडी ने इसके तहत गाइड लाइन जारी कि यदि राज्य सरकार को एनसीटीई के नियमों में कोई छूट चाहिए तो उसे केंद्र से अनुरोध करना होगा। प्रदेश सरकार ने केंद्र से कोई अनुमति लिए बिना 14 जनवरी 2011 को एनसीटीई को प्रस्ताव भेजा कि शिक्षामित्रों को बेसिक टीचर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को एनसीटीई ने मंजूरी भी दे दी
यह मामला भी उठाया गया कि शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लंबित है। एकलपीठ ने पहले प्रशिक्षण पर रोक लगा दी थी जिसके खिलाफ विशेष अपील हुई। 30 मई 2011 को खंडपीठ ने स्थगन आदेश को रद कर दिया तथा मामले को पुन: निस्तारण के लिए एकलपीठ के समक्ष भेज दिया है। खंडपीठ ने यह भी कहा है कि शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण का मामला एकल न्यायपीठ द्वारा याचिका पर दिए अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने सात फरवरी 2013 को शासनादेश जारी कर शिक्षामित्रों के समायोजन का निर्देश जारी कर दिया।
शिक्षामित्रों के वकील अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार आरटीई एक्ट 2009 के प्रावधानों तथा एनसीटीई की अधिसूचना के पैरा चार के तहत शिक्षा मित्रों का समायोजन कर रही है जो नियमानुकूल है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिजवान अजी अख्तर ने भी एनसीटीई का पक्ष रखा


News Source/ Sabhaar : Amar Ujala (17.6.14)
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15 comments:

  1. cbse board mai msc b.ed girls ki jaroorat hai jo ki physics pedaa sake aur wah mathura se ho aap iss no. pr contect kr sakte hai 7417106750

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  2. डायट में पूरा हुआडाटा फीडिंग का कामजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेशभर में लाखों युवाओंने आवेदन किया। अकेले इलाहाबाद में1500 केलगभग पदोंके लिए डेढलाख से अधिक आवेदन हुए। यह अलगबातहैकि हजारों रुपयेआवेदन मेंखर्च करके बैठे युवाओं को अब तक नौकरी काइंतजार है। सरकार केनिर्देश पर आवेदनोंको साफ्टवेयर में लोड करने का कामपूरे प्रदेश में चलरहा है। हालांकि जिला शिक्षा एवंप्रशिक्षण संस्थान (डायट) इलाहाबाद में अभ्यर्थियों के डाटा फीडिंग का कामपूरा हो चुका है।शैक्षिक अनुसंधान एवंप्रशिक्षण परिषद व एनआइसी (नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर) द्वारा निर्धारित किएगए साफ्टवेयर में सारे आवेदनोंकी स्कैनिंगकरकेफीडकर दियागया है। परंतु उसे भेजानहीं गया, आगे निर्देश मिलनेपर सारेआवेदनों को यहां से भेज दिया जाएगा। परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली शिक्षकों की भर्ती के लिए इलाहाबाद जनपद में 1500 के लगभगसीटों केसापेक्ष एक लाख 51 हजार 65 आवेदन आए थे। डायट प्राचार्य विनोद कृष्णाका कहना है कि हम अपना कामपूरा कर चुके हैं। अबएससीआरटी व एनआइसी से निर्देश मिलनेका इंतजार है। काउंसिलिंग की तारीख तय होनेपर आगे की कार्रवाईकी जाएगी।

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  3. डायट में पूरा हुआडाटा फीडिंग का कामजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेशभर में लाखों युवाओंने आवेदन किया। अकेले इलाहाबाद में1500 केलगभग पदोंके लिए डेढलाख से अधिक आवेदन हुए। यह अलगबातहैकि हजारों रुपयेआवेदन मेंखर्च करके बैठे युवाओं को अब तक नौकरी काइंतजार है। सरकार केनिर्देश पर आवेदनोंको साफ्टवेयर में लोड करने का कामपूरे प्रदेश में चलरहा है। हालांकि जिला शिक्षा एवंप्रशिक्षण संस्थान (डायट) इलाहाबाद में अभ्यर्थियों के डाटा फीडिंग का कामपूरा हो चुका है।शैक्षिक अनुसंधान एवंप्रशिक्षण परिषद व एनआइसी (नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर) द्वारा निर्धारित किएगए साफ्टवेयर में सारे आवेदनोंकी स्कैनिंगकरकेफीडकर दियागया है। परंतु उसे भेजानहीं गया, आगे निर्देश मिलनेपर सारेआवेदनों को यहां से भेज दिया जाएगा। परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली शिक्षकों की भर्ती के लिए इलाहाबाद जनपद में 1500 के लगभगसीटों केसापेक्ष एक लाख 51 हजार 65 आवेदन आए थे। डायट प्राचार्य विनोद कृष्णाका कहना है कि हम अपना कामपूरा कर चुके हैं। अबएससीआरटी व एनआइसी से निर्देश मिलनेका इंतजार है। काउंसिलिंग की तारीख तय होनेपर आगे की कार्रवाईकी जाएगी।

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  4. Tet morcha jindabad
    dosto jab tak nharti na ho jaye chup nahi rahna ha
    jivan sangharsh ha
    jai hind

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  5. डायट में पूरा हुआडाटा फीडिंग का कामजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेशभर में लाखों युवाओंने आवेदन किया। अकेले इलाहाबाद में1500 केलगभग पदोंके लिए डेढलाख से अधिक आवेदन हुए। यह अलगबातहैकि हजारों रुपयेआवेदन मेंखर्च करके बैठे युवाओं को अब तक नौकरी काइंतजार है। सरकार केनिर्देश पर आवेदनोंको साफ्टवेयर में लोड करने का कामपूरे प्रदेश में चलरहा है। हालांकि जिला शिक्षा एवंप्रशिक्षण संस्थान (डायट) इलाहाबाद में अभ्यर्थियों के डाटा फीडिंग का कामपूरा हो चुका है।शैक्षिक अनुसंधान एवंप्रशिक्षण परिषद व एनआइसी (नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर) द्वारा निर्धारित किएगए साफ्टवेयर में सारे आवेदनोंकी स्कैनिंगकरकेफीडकर दियागया है। परंतु उसे भेजानहीं गया, आगे निर्देश मिलनेपर सारेआवेदनों को यहां से भेज दिया जाएगा। परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली शिक्षकों की भर्ती के लिए इलाहाबाद जनपद में 1500 के लगभगसीटों केसापेक्ष एक लाख 51 हजार 65 आवेदन आए थे। डायट प्राचार्य विनोद कृष्णाका कहना है कि हम अपना कामपूरा कर चुके हैं। अबएससीआरटी व एनआइसी से निर्देश मिलनेका इंतजार है। काउंसिलिंग की तारीख तय होनेपर आगे की कार्रवाईकी जाएगी।

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  6. डायट में पूरा हुआडाटा फीडिंग का कामजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेशभर में लाखों युवाओंने आवेदन किया। अकेले इलाहाबाद में1500 केलगभग पदोंके लिए डेढलाख से अधिक आवेदन हुए। यह अलगबातहैकि हजारों रुपयेआवेदन मेंखर्च करके बैठे युवाओं को अब तक नौकरी काइंतजार है। सरकार केनिर्देश पर आवेदनोंको साफ्टवेयर में लोड करने का कामपूरे प्रदेश में चलरहा है। हालांकि जिला शिक्षा एवंप्रशिक्षण संस्थान (डायट) इलाहाबाद में अभ्यर्थियों के डाटा फीडिंग का कामपूरा हो चुका है।शैक्षिक अनुसंधान एवंप्रशिक्षण परिषद व एनआइसी (नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर) द्वारा निर्धारित किएगए साफ्टवेयर में सारे आवेदनोंकी स्कैनिंगकरकेफीडकर दियागया है। परंतु उसे भेजानहीं गया, आगे निर्देश मिलनेपर सारेआवेदनों को यहां से भेज दिया जाएगा। परिषदीय विद्यालयोंके लिए निकली शिक्षकों की भर्ती के लिए इलाहाबाद जनपद में 1500 के लगभगसीटों केसापेक्ष एक लाख 51 हजार 65 आवेदन आए थे। डायट प्राचार्य विनोद कृष्णाका कहना है कि हम अपना कामपूरा कर चुके हैं। अबएससीआरटी व एनआइसी से निर्देश मिलनेका इंतजार है। काउंसिलिंग की तारीख तय होनेपर आगे की कार्रवाईकी जाएगी।

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  7. कानूनी उपबंधोंके खिलाफ शिक्षामित्रों का समायोजन कैसे Tue, 17 Jun 2014 01:01 AM (IST) dainik jagran

    जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के एक लाख 24 हजार शिक्षामित्रों को प्राथमिक विद्यालयोंके सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के राज्य सरकार के फैसलेके खिलाफ दाखिलयाचिका को सुनवाईहेतु19 जून को पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने शिक्षामित्रोंकी तरफसे पक्षकार बनानेकी अर्जी को भी पत्रावलीपर दाखिल करने की अनुमति देते हुए सभी पक्षों से याचिका पर जवाब मांगा है।

    कोर्ट ने राज्य सरकार केअधिवक्ता से पूछा कि क्या सरकारीनीतिकानून केखिलाफभी बन सकतीहै। कानूनी उपबंधों केखिलाफशिक्षामित्रों का समायोजन सरकार कैसे कर रही है? टीईटी पास शिवराजन व अन्य की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति पीकेएस बघेलकर रहे हैं। राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों कोसहायक अध्यापक पद पर समायोजन करनेके लिए नियमावली में संशोधन कर नियम 16 (ग) जोड़ा है। इसके तहत शैक्षिक योग्यता में शिथिलता दिए जाने की छूट दी गईहै। याची केअधिवक्ता आईएस तोमर का कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सहायक अध्यापक की योग्यता टीईटी पास करना अनिवार्य किया गया है। केंद्रीय कानून के खिलाफ राज्य सरकार को बिना टीईटी पास किए स्नातक शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक नहींबनाया जा सकता। एनसीटीई की तरफ से अधिंवक्ता रिजवान अली अख्तर बेसिक शिक्षा विभागकी तरफसे एके यादव नेपक्ष रखा। कोर्ट मेंतर्क दिया गयाकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने योग्यता नियमों कोशिथिल करनेकी राज्य सरकार को छूट दी है। याची की तरफ से कहा गया कि केंद्रीय कानून के खिलाफ राज्यसरकार को कानून बनाने का अधिकार नहीं है। प्रदेश सरकार ने30 मई14 को उत्तर प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल्य शिक्षा का अधिकार (प्रथमसंशोधन) नियमावली 2014 एवं उ.प्र. बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा 19वां संशोधन नियमावली 2014 मेंसंशोधन कर शिक्षामित्रोंको बिना टीईटी पास किए सहायक अध्यापक बनानेकी छूट दी है। टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ नियुक्ति करने का राज्य सरकार को अधिकार नहीं है। कोर्ट इस मुद्देव नियमावली की वैधता पर उठाए गए सवालों की 19 जून 14 को सुनवाई करेगी।

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  8. Yadi ek hi visa par rajya avm kendriya kanun bane ho and ve ek dusre ke virudh ho to kendrya kanu hi many hoga.
    Ab jaise ki RTE act ke bad sabhi teachers ko TET ki anivaryata.
    ab up govt ke layers kha rahe hai ki .....state ko HRD ministery ne state govt ko eligibility criteria me relax diya hai..... but it doesn't mean ki state govt 100% TET free kar de jabbki state govt ke pass sufficient TET pass candidates ho.SM ka case kamjor hai.

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  9. sarkar kya chahti hai..kisi ko kuch samajh nahi aa rha hai.jab hamare up me tet paas yogya candidate hai tab es tarah ki bharti ker shiksha ki gudhwatta ko kum kyu kiya ja rha hai.

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  10. ab ye tedhi nak ka bharti ko sc k dar se avasya hi karega nhi to iske pichwade m danda kar diya jayega...

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  11. कोर्ट का विवरण : जैसा की सबको पता है आज केस १६ न. पर कोर्ट न. ४ में था | हमारी तरफ सेआनंद रमन तिवारी जी ने शुरुआत की धमाकेदार और ये बिंदुरखे: १) साहब ये आर्डर २० नवंबर का हैजिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी पारित किया था पर इन्होने पिछले६ महीनो में कुछ नहींकियाहै | २) डेटापूरी तरह से सभी डाइट पेसुरक्षित है मात्र गुमराह कर रहे हैं जबकि कोर्ट में केस चल रहाहो तो डेटा पेंडेंसी में रहताहै उसको नष्ट न करने का रूल होता है | ३) फीस वापसी वालों का भी मुद्दा दिखा रहे हैं जबकि डाइट पे सभी का विवरण सुरक्षित है | ४) हमें काउंसलिंग का स्केडुलेजारी करवाएं |

    जज महोदय : आज आखिरी डेट है और अपने तो अभी तक कुछ किया हीनहीं है | इतने में पटिशनेर साइडके वकील कुछ बोलतेपर जज साहब ने साइलेंट रहने के लिए कहा | और फिर क्या था ????? जज साहब नेकिसी का कुछ नहीं सुना और कहा की आप जाओ दत्तू सर की बेंच में अपना मामला रखो , क्या कंटेम्प्ट से बचने का ड्रामा कर रहे हो यहाँ पे ? इसके बाद फाइलउठाकर बगल मेंफेंक दी और कहा की अपना नेक्स्ट प्रोसेस समझ लीजिये |

    मतलबकंटेम्प्ट फेस कीजिये |

    हमारी तरफ सेआज ब्रिजेन्देर चाहर जी , मिनाक्षी अरोरा जी और आनंद रमन तिवारी साहबथे || सरकार की तरफसे आर.वेंकटरमणी और सत्य मित्र गर्ग जी थे बाकी का पता नहींहै|

    सबसे रोचल बात नादर की सत्यमित्र गर्गने सरकार के पास १२,९६,२३१ रुपया का बिल पहुंचा दिया है केवलफोटो स्टेट का , अब याद आती ३ तारीख याद है आपको ??????? जब नोटिस इशू हुए थे और गठरियाँ पहुंचीथी पेटीशनर्स के पास |||||

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  12. प्रिय मित्रो एक प्रकरण याद आगया जब आज सरकार को दत्तूसर के बेंच में जानेका निर्देश प्राप्त हुआ....डबल बेंच मेंहमारेमामले की जब सुनवाईचल रही थी तो सरकारी वकील इसी तरह भाग दौड कर रहे थे तो जज साहब नेहँसतेहुए उनसे कहा था कही भी जाओगे यह फाईल घूमफिर कर मेरेपास ही आयेगी और हुआ भीवही.........वही बातआज फिर दोहराई गयी तो हँसी आ गयी.........हम एक बार फिर दत्तु सर केउस फैसले को नमन करते है जिसमे उन्होने 12 हफ्तोंमे नियुक्ति करनेका आदेश दिया था...यह एक ऐतिहासिक आदेश था इसलिए कि मात्र कुछ घंटोंकी सुनवाई मेंउन्होनेऐसा आदेश दियाकि जिसकी कल्पना भी टेट मोर्चा नही कर सकता था....दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर दिया था....बात करें मामला दत्तुसर के बेंच में जाने और अवमानना फेस करनेकी तो कोर्ट अच्छी तरह जानतीहैंकि सरकारें किस तरह मानेंगी और किस तरह सरकारे अवमानना कर रही है...कभी-कभी मामले की उलझने परेशान करती थी..पर मेरा दृढ विश्वास था कि नौ मन तेलहोगा और राधा नाचेगी....हम डीबी से जीते,एससी से जीते...बीच बीच में अवमानना सेपहलेबोनस प्वाइंट भी मिलते जा रहे हैं....अबकाॅन्टेम्प्ट की बातकरेंतो अभी से प्राॅपर तैयारी करके एक या दो सीनियर वकीलोंको हायर करनेकीव्यवस्था कर ली जायेताकि आग लगने पर कुँआ खोदने कीनौबतसे बचा जा सके...टेट मेरिट का बाल बाँका कोई नही कर सकता पर प्रयास या उपक्रम तोकरना ही पडेगा...

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  13. शिक्षाशत्रु शिक्षामित्र स्पेशल --

    अगर कोर्ट शिक्षा मित्र कोसिर्फ टेट केलिये बाध्य कर देता है तोशिक्षा मित्र का समायोजन पूर्णतया रुकेगा नहीं हाँ बिलम्ब जरुर होजायेगा और इस बिलम्ब का फ़ायदा 72825 को मिलजायेगा !

    अगर शिक्षा मित्र का समायोजन जुलाईमें सुरु हो जाता हैतो येअन्यन्ततीब्र गति सेहोगा क्यूँ कि इन्हेंकाउंसलिंग जैसी लम्बी प्रकिर्या सेनहींगुजरनाहोगा उन्हें समायोजित किया जायेगा जैसे बोरी मेंआलूको भर लिया जाता है इसके साथ साथ ये रोड साइदिड और अच्छी जगह केस्कूल हटिया लेंगे इससे 72825 की फिमेल कैंडिडेट्स को बहुत मुस्किल का सामना करना पड़ेगाउनके पास सुदूर के स्कूल की ही चॉइस बचेगी अगर SM केलिये टेट बाध्य कर दिया जाता है तो इसके समायोजन की प्रकिर्या बाद में होगी जिसका सीधा फ़ायदा हमें मिलेगा ।

    अगर SM के लिये टेट बाध्य कर दिया जाता है तो ये अकल-लेस सरकार इस SM के लियेवोट बैंक साधनेके लियेउर्दू टेट की भांतिहलुया टाइप का / सुलेख या ईमला टाइप का टेट करा कर भर लेगीया सरकार के पास दूसरा आप्शन भी कि सभी शिक्षा मित्रों की भावनाका सम्मान करते हुयेसभी को फांसी दे दी जाये क्यूँ कीशिक्षा मित्र पहलेही कह चुके हैं कि हमें फांसी मंजूर है पर टेट मंजूर नहीं !

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  14. बी०टी०सी० याचिकर्ताओं .......... यह रहा आपके लिए ब्रह्मास्त्र......यहाँ से slp n. लेकर सुप्रीमकोर्ट द्वारा सार्वजनिक उपक्रमोंमें संविदा कर्मचारियोंको नियमित करने के मामले में ०५ जजों की बेंच द्वारा जारी किए गए आदेश को अपनी याचिका में सलंग्न कीजिए...... इसके आगे इस सिरफिरी,वोटलम्प ट,बिनासींगके बैल सरकार व सरकारीवकीलों केसारेतर्क परनालों में नज़र आयेंगे!CASE NO.: Appeal (civil) 3595-3612 of 1999 PETITIONER: Secretary, State of Karnataka and others RESPONDENT: Umadevi and others DATE OF JUDGMENT: 10/04/2006 BENCH: Y.K. SABHARWAL ARUN KUMAR G.P. MATHUR, C.K. THAKKER & P.K. BALASUBRAMANYAN JUDGMENT: JUDGMENT WITH CIVIL APPEAL NO.1861-2063/2001, 3849/2001, 3520-3524/2002 and CIVIL APPEAL NO. 1968 of 2006 arising out of SLP(C)9103-9105OF 2001 P.K. BALASUBRAMANYAN, J. Leave granted in SLP(C) Nos.9103-9105 of 2001 निर्णय का सार....... इस निर्णय का सार हैकि नियमित पदों पर भर्ती नियमितचयन प्रक्रिया केअनुसार होनी चाहिए न कि अस्थायी कर्मियों के स्थायीकरण या नियमितीकरण से। सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार के मामले मेंसंविधान की योजना के अनुसार सभी योग्य व्यक्तियोंको रिक्तपदो के लिए स्पर्धा का अवसर देना, कुछ अनियमित/अवैध/अनौचित्यपूर्ण/अयोग्य को अनियमित नियुक्ति के रूप में पहले सेप्राप्तलाभ को बचाये रखनेऔर स्थायीकरनेसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। सार्वजनिक क्षेत्र मेंअस्थायी/संविदा/दैनिक मजदूरी कर्मियों को नियमितकरने या न करने के मुद्देपर यह निर्णय सम्बंधितन्यायालयों के लिए निर्देश का काम करेगा, ऐसा इस निर्णय गया है। ध्यान देंकि अवधारणा स्पष्ट करतेहुए पहलेविभागीय स्पष्ट किया था कि या एक गैररोजगारपरक सामुदायिक सेवा हैऔर शिक्षामित्रोंद्वारा दिए जानेवाले शपथपत्र में स्पष्ट हैकि वे न राज्य सरकार याइसके किसी विभाग या अंग केकर्मचारी हैं न वे स्वयं को ऐसा समझेंगे। न्यायालय में तो बस न्याय होना चाहिए, वो भी तथ्यों की रौशनी में, इसलिए मैंने यह पोस्ट की।

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  15. कोर्ट ने फटकार नहींलताड लगाई है कहा कि समय चाहिए तो रेगुलर बेंच मेंजाए समय पर्याप्तथा जब तक रेगुलर बेंच खुलेगा तबतक अवमानना नहींलगेगी अतः तब तक भर्ती शुरू कर दो अगले 3 चार दिनों मेंसेड्यूल आ जायेगा शुभदिन धन्यवाद.... —Saath mein TET candidate sarkar ke sabse bade chehre se sthiti saaf karne kaa baat karen. Is samay sarkar backfoot par hai

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