recruitment of shikshamitra
इस सप्ताह जारी होगा कार्यक्रम
शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए सरकार ने एक खास प्लान तैयार किया है, जिसके पहले चरण में 58, 826 शिक्षामित्रों को समायोजित किया जाएगा।
शिक्षा मित्रों को बंद और एकल स्कूलों में तैनात करने में प्राथमिकता दी जाएगी। उनके समायोजन के संबंध में इसी हफ्ते कार्यक्रम जारी करने की तैयारी है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर शिक्षा मित्रों के प्रमाण पत्रों का मिलान किया जाएगा।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होने वाली चयन समिति के अनुमोदन के बाद नियुक्ति अधिकारी बीएसए तैनाती संबंधी आदेश जारी करेगा
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कुल 1.70 लाख शिक्षामित्रों का होगा समायोजन
प्रदेश के कुल 1.70 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन होगा। जिसके पहले चरण में 58,826 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाएगा।
सरकार के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है।
बेसिक शिक्षा निदेशालय में इस संबंध में उच्चाधिकारियों की बैठक में तय किया गया है कि शिक्षा मित्रों को बंद और एकल स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाया जाएगा।
प्रदेश में मौजूदा समय बंद 4879 और 25,923 एकल (एक शिक्षक वाले) स्कूल हैं। बीएसए से एक बार फिर से इन स्कूलों का सर्वे कराया जाएगा, ताकि इसका सत्यापन हो जाए। समायोजन प्रक्रिया जून के आखिरी सप्ताह तक पूरी करने की तैयारी है।
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हाईकोर्ट में दाखिल किया कैवियेट
शिक्षा मित्रों ने हाईकोर्ट की इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में कैवियेट दाखिल किया है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार शाही ने बताया कि शिक्षा मित्र लगातार 12 वर्षों से परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने का काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार उन्हें सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करना चाहती है, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
इसलिए कैवियेट दाखिल कर हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि यदि उनके समायोजन के खिलाफ कोई मामला आता है, तो कोई भी निर्णय लेने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए
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हुआ था नियमों में संशोधन
गौरतलब है कि समायोजन के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया जा गया था।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते इस पर निर्णय नहीं हो पाया था।
सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने आचार संहिता समाप्त होते ही बेसिक शिक्षा मंत्री के पास फाइल भेजी थी
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (06.06.2014)
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शासनादेश पर झूमे शिक्षामित्र
मऊ : प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के शासनादेश को लेकर सोमवार को शिक्षामित्र झूम उठे। उन्होंने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशियां मनाई।
रानीपुर प्रतिनिधि के अनुसार सोमवार को आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ब्लाक इकाई रानीपुर की बैठक बीआरसी पर हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए ब्लाक अध्यक्ष बलिराम चंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों के संघर्ष एवं संगठन के अथक प्रयास की देन है कि आज शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का पद मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षामित्र अपना शैक्षिक प्रमाण पत्र तैयार रखें। जून में शासन की मंशा के अनुरूप चयन प्रकिया पूरी कर ली जाएगी। जुलाई के प्रथम सप्ताह में समायोजन कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आगामी 04 जून को प्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह गोप एवं शिक्षामित्र एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही का शासनादेश के बाद प्रथम आगमन होगा। बैठक में तय किया गया कि इस अवसर पर चिरैयाकोट में जनपद की सीमा में प्रवेश करते ही उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। शिक्षामित्रों ने एमएलसी यशवंत सिंह के सहयोग को भी याद किया।
इस अवसर पर बृजेश सिंह 'बिट्टू', सुरेंद्र यादव, नागेंद्र यादव, आलोक कुमार राय, शैलेश यादव, सुमन, शुभांगी, रंजना, साधना, अर्चना, संगीता आदि उपस्थित रहीं
News Source / Sabhaar : Jagran (02.06.2014) / Publish Date:Monday,Jun 02,2014 06:52:59 PM | Updated Date:Monday,Jun 02,2014 06:52:56 PM
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Good News For Shiksha Mitra :
No TET Exam For Shisjha Mitra : बिना टीईटी शिक्षामित्र बन सकेंगे शिक्षक
Approx. Salary Rs. 28000/- in Regular Scale of Primary Teacher along with verious allowance of Permanent Teacher including leave benefits etc.
See News :
महराजगंज (जौनपुर) : शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने का रास्ता साफ हो गया है। अब टीईटी से छूट देने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली में संशोधन कर दिया गया है। जिसमें शिक्षामित्रों का समायोजन आसानी से हो जाएगा। अब इन्हें 60 वर्ष तक सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। इस संशोधन से 58 हजार 826 प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षामित्रों को जुलाई में समायोजित करने की तैयारी की जा रही है।
शिक्षामित्रों को समायोजित करके सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 2014 में शिक्षामित्रों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्र के रुप में कार्यरत होना दर्शाया गया है। अभी तक शिक्षामित्रों के लिए नियमावली में कोई प्रावधान नहीं था। इस संशोधन से अब शिक्षामित्रों को बिना टीईटी सहायक अध्यापक बनाने की व्यवस्था की गई है। इससे 58 हजार 826 प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षामित्रों को जुलाई से समायोजित करने की तैयारी की जा रही है। 1.70 लाख शिक्षामित्र इस संशोधन से लाभान्वित होंगे। इनकी नियुक्ति 60 वर्ष तक हो सकेगी।
News Source / Sabhaar : Jagran (01.06.2014) / Publish Date:Sunday,Jun 01,2014 01:00:25 AM | Updated Date:Sunday,Jun 01,2014 01:00:20 AM
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शिक्षा मित्र शीघ्र बनेंगे सहायक शिक्षक
ललितपुर। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन तालबेहट इकाई की बैठक में शिक्षा मित्रों के समायोजन करने के निर्णय का स्वागत किया गया। वक्ताओं ने कहा कि 13 वर्षों की कड़ी मेहनत का प्रतिफल सहायक शिक्षक के रूप में मिलने जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
ब्लाक अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार रायकवार ने कहा कि अब शिक्षा मित्रों को शासनादेश जारी होने का बेसब्री से इंतजार है। यदि जून माह के अंत तक समायोजन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। उन्होंने शिक्षा मित्रों से निजी खाते पंजाब नेशनल बैंक में खुलवाने को कहा, जिससे उनका अप्रैल व मई माह का भुगतान हो सके। बैठक में ब्लाक अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह बुंदेला, लालाराम, रामराजा यादव, रामनरेश यादव, रामप्रकाश, उमेश, बालकिशन, धर्मेंद्र शिवहरे, पुष्पेंद्र सिंह बुंदेला, शिवशंकर यादव, सुंदरपाल सिंह, लक्ष्मन सिंह राजपूत, इमरतलाल, सियाराम, सुरेश कुमार, कैलाश नारायण, बृजलाल, महेंद्र जैन, भूपेंद्र सिंह, साकूलाल यादव, हिम्मत सिंह, कमलापति, वारेलाल, शोभाराम, मनोहर, नरेंद्र सिंह, हरीराम, हरप्रसाद, हरीमोहन सिंह बुंदेला, गजेंद्र शिवहरे आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता ब्लाक अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार रायकवार व संचालन अनुराग बबेले व घनश्याम लोधी ने संयुक्त रूप से किया। अंत में अशोक कुमार ने सभी का आभार प्रकट किया। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन जिला इकाई की बैठक में भी खुशी जाहिर की गई। बैठक में जिलाध्यक्ष भगवत सिंह बैस, कुलदीप गोस्वामी, अशोक कुमार, शैलेंद्र राजा, भान सिंह, सुधीर शर्मा, अनिल कुमार, महेंद्र दीक्षित, श्रीनारायण पांडे, बृजेश टोंटे, आशाराम, बलराम, विंद्रावन निरंजन, महेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह, लालाराम, राजेंद्र पस्तोर आदि उपस्थित रहे
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (04.06.2014)
अगर बेशर्मी की प्रतियोगिता कराई जाए
ReplyDeleteतो पूरे संसार में कोई ऐसा माई का लाल
ना होगा जो अखिलेश यादव को हरा सके
G -get up
ReplyDeleteO -open ur eyes
O -out of ur bed
D -day has risen
M -merry life
O -old drms cm tru
R -rise shine
N -new frnds
I -ideas of life
N -nice future
G -good day 4u
Good Morning
खरीद तो लेते है लोग करोडो के घर शहर में ।
ReplyDeleteपर आंगन दिखाने बच्चो को गाँव ही आते है ।।
Na Ham Hote
ReplyDeleteNa Tum Hote
Na Hi Yeh Silsila Hota...!
Na Ham Milte Na Gham Milte
Na Hi Yeh Faasla Hota...!
Kaash Us Khuda Ne Aisa Kuchh Kiya Hota...!
Na Dil Hote
Na Dil Rote Na Hi Dil Se Dil Judaa Hota...!!
Uske Sath Rehte Rehte
ReplyDeleteUski Chahat Si Ho Gayi Hai,
Usse Baat Karte Karte Mujhe Uski
Aadat Si Ho Gayi Hai,
Ek Pal Na Mile Toh Bechani Si
Lagti Hai Dosti Nibhate NIbhate
Usse Mohabbat Si Ho Gayi Hai......
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
ReplyDeleteमुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है।
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं...!!!
अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाते हुए मिली लाठियों से प्राप्त दर्द हफ्ते दो हफ्ते में चला जाता है लेकिन रह जाती हैं गौरवशाली स्मृतियाँ ,,, जिन विरोध प्रदर्शनों का समापन लाठी चार्ज के बिना हो जाता है वो पुलिस की डायरी में कायरों के आन्दोलन के रूप में दर्ज होते हैं .....
ReplyDeleteबाँध चाहे कंक्रीट का हो या सब्र का यदि निश्चित सीमा से ज्यादा दबाव पड़ने पर ना टूटे तो समझ लें कि वो क्रमशः पानी की विध्वंस करने की क्षमता में कमी तथा जुल्मी को मुँहतोड़ जवाब देने की आन्दोलनकारी की इच्छाशक्ति के अभाव का परिचायक है .... टेट संघर्ष मोर्चे के इतिहास में 3 जून,2014 ,बड़े मंगल का दिन सपा सरकार से नियुक्तिपत्र छीन लेने की पात्रता हासिल करने के लिए याद किया जाएगा....
जब तक 72825 अपनी मंजिल को प्राप्त
ReplyDeleteनही कर लेती उससे पहले यूपी में कोई
भी शिक्षक भर्ती पूर्ण नही हो सकती ये
ही शाश्वत सत्य है ।
सत्य को स्वीकार करे ।
सत्य का साथ दे तभी अन्य
भर्तियो का भी मार्ग खुलेगा वरना फला -
फला तारीख का ये खेल सपा सरकार ओर अमर
उजाला वाले 2017 तक खेलने के मूड में है ।
हमारी भर्ती तो कानूनी रुप से भी वैद्य है कोई
नाजायज तो है
नही तो हमारी तो हो ही जायेगी सपा ने प्रयास
तो बहुत किया इसको लटकाने का ओर वह उसमें
कामयाब भी रही लेकिन लटकाने की भी एक
सीमा होती है सत्य परेशान हो सकता है परन्तु
पराजित नही ,अब उनके पास वो लटकाने
का हथकंडा भी नही रहा क्योकि अब अगर
कोशिश की तो सपा सरकार खुद ही लटक
जायेगी क्योकि अबकी बार अगर आंदोलन हुआ
तो उसकी गूँज संसद में सुनायी देगी अब लखनऊ
नही दिल्ली बंद किया जायेगा ।
शिक्षामित्र भाईयो से ये ही कहना चाँहूगा इस
सरकार से यह आशा न रखे ओर जो योग्य है
टीईटी का पेपर देकर सीधे दरवाजे से शिक्षक पद
पर अपना दावा पेश करे वरना ऐसे ही घूमते रह
जाओगे ।
कोई भी सपा का सगा नही
जिसको सपा ने ठगा नही ।
जय टेटमेरिट
जय टेट संघर्ष मोर्चा ।
आखिर संयम की भी तो कोई सीमा होती है...सहनशक्ति की भी तो एक शक्ति होती है...लेकिन इन सबके बीच ये सितम कि सब्र करो...सब्र का फल बड़ा मीठा होता है...अरे मीठा और फीका तो तब...जब फल मिले...यहां तो हक मांगते मांगते हलक सूख गया है... सड़क से लेकर सरकार तक हर जगह आवाज उठाई...कोई कोर्ट और कोई कचहरी नहीं छोड़ी...सूबे की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक की अदालत में आवाज लगा चुके हैं...अपने हक और हकूक के लिए...हांलांकि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में अभ्यर्थियों को निराश ना करते हुए सरकार को आदेश दिया था...सरकार को 12 हफ्ते में इन्हें नौकरी देनी ही पड़ेगी...10 हफ्तें से जादा गुजर गए, नौकरी तो दूर सरकार तो अभी काउंसलिंग की तारीख भी तय नहीं कर पाई... सवाल यही है कि आखिर सरकार के मन में क्या है... सरकार की मंशा में तो कोई आशंका ही दिख रही है...क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं कर पाया ..
ReplyDeleteप्यास बुझानी है तो उड़ जा पंछी शहर
ReplyDeleteकी सरहदों से दूर,
यहाँ तो तेरे हिस्से का पानी भी प्लास्टिक की बोतलों में बंद है...
yadi up sarkar sc ka order na mane to sc kya karwahi kar sakta hai es govt ke.pls somebody who know exactly.
ReplyDeleteAGAR UP GOVT. TEACHER BHARTI NAHI KARTI HAI TO SUPREME COURT WAHI SALUK UP GOVT. KE SATH KAREGA JO MANNIYA SUBRAT ROY KE SATH KIYA HAI.MEANS BHARTI TO KARNI PADEGI CHAHE JAIL KE ANDER SE YA JAIL KE BAHAR SE.
ReplyDeleteअगर मगर की डगर पर चलो ना तुम प्यारे।
ReplyDeleteजल्दी से टेट कर लो वर्ना हो जाओगे किनारे।
समायोजन का झुनझुना बहुत बजा लिया भाई॥
टेट नही तो जाब नही अब मान भी जाओ भाई॥
सफर जो धूप का किया, तो महसूस ये हुआ,
ReplyDeleteवो जिन्दगी ही क्या,जो छाँव-छाँव चली...
मैने उससे कहा आज झूठ बोलने का दिन है....
ReplyDeleteआज तुम भी कुछ बोल दो
वो मुस्कुरा कर बोली कि तुम मेरे हो....
तुम मेरे हो....
तुम मेरे हो....
बस मेरे हो
और किसी के नही
Que: Do you know the only sardar who took revenge for 1984 sikh riots???
ReplyDelete.
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Ans: Dr Manmohan Singh.
He slowly destroyed Congress in ten years.
देख रहे हो ना ;दत्तू साहब और द्ब्ते साहब तुम्हारे सुप्रीम कोर्ट के आर्डर का वाप-बेटा ने क्या हाल कर दिया ;12 हफ्ते दिए थे 10 मोज़ ही मोज़ में गुजार दिए ; बचे 2 हफ्ते में 12 और चाहिए शिकायत करने 3 जून को लखनऊ गए तो लाठिया मार -मार के अधमरा कर दिया ;आज-कल तो गर्मियों की छुट्टिया है ३ जून का समाचार तो पड़ लिया होगा ;अगर अब वाप-बेटा एस.सी. आये तो सीधा तिहाड़ भेजना
ReplyDeleteशिक्षा मित्रों -सच सुनो
ReplyDelete~~~~~~
टीईटी पास कोई भी व्यक्ति किसी की भी नौकरी की राह में रोडा नही बनना चाहता । क्योंकि नौकरी का महत्व सभी भलीभांति जानते हैं ।
परन्तु जब नियमों का उल्लंघन कर नौकरी दी जाने लगे , तो हर उस बेरोजगार के साथ छलावा हुआ जिसने परिश्रम कर स्वयं को प्रमाणित करने का प्रयास किया है।
और जब ऐसा ही वाकया शिक्षा मित्रों व टीईटी पास एवं बीटीसी पास के साथ हो रहा है , तो सिर्फ हृदय में टीस उठती है और मन खिन्न हो जाता है। और उन्हें ऐसे कार्यों में सहयोग भी कौन दे रहा है ,
हमारी यूपी को विकास पथ पर बढाने वाली सरकार
जिसकी यूनाइटेड नेशन्स तक में निंदा हो रही है।
170000 हजार शिक्षा मित्रों में से 100000 से उपर शिक्षा मित्र ऐसे है , जो खुद स्वयं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किये बैठे हैं ।
ReplyDeleteइंटर के बाद जब इनकी नौकरी लगी तो यह सब कालेजों की देहलीज पर कदम रख चुके थे। और अनजाने में इन्होंने बिना कालेज जाये विश्वविद्यालय के नियमानुसार किसी तरह अपनी 75% उपस्थिति दर्ज कराकर ह वर्ष परीक्षा भी पास कर ली और नौकरी भी करते रहे।
अब यदि जांच हो और कालेज में नौकरी के दौरान 75% उपस्थिति पायी जाये और इधर स्कूल में भी पूर्ण उपस्थिति हो , तो पहला केस यहीं से बनता है कि या तो डिग्री फर्जी या फिर सरकार की आँखों में धूल झोंकी।
कुछ शिक्षा मित्र तर्क देंगे कि वे अवैतनिक नौकरी किये हैं । तो उनसे प्रश्न है कि क्या इस कार्य के लिये उन्होने बी एस ए को लिखित पत्र देकर सूचित किया और लिखित आदेश प्राप्त किया ।
ReplyDeleteदूसरी बात -23 अगस्त 2010 की नियमावली यह कहती है कि इस तिथि के पश्चात् यदि कोई बेसिक शिक्षा विभाग मे अध्यापक पद पर चयनित होगा , तो उसे टीईटी प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा , जो कि मेरे हिसाब से ज्यादा से ज्यादा 8000 शिक्षा मित्रों के पास ही होगा । तो बाकी के लिये नियमावली कहाँ गयी।
छठी बात - शिक्षा मित्रों के विरोध में केवल हम ही नही , बल्कि बीटीसी वाले भी अलग से रिट डालेंगे , और 2008 में आखिरी काउंसिलिंग कराकर ज्वाइनिंग से वंचित रह गये विशिष्ट बीटीसी वाले वो लोग जो अचानक टीईटी के बबंडर में फंस कर 2013 तक नौकरी के लिये पीसे गये ।
ReplyDeleteअन्तिम बात - शिक्षा मित्रों का केस री ओपेन कराने के लिये टीईटी अभ्यर्थी तैयार हो चुके हैं ।
बस किसी भी दिन इन पर बला टूट सकती है।
हमें शिक्षा मित्र अपना दुश्मन न समझें , बल्कि इनकी असली दुश्मन सरकार ही है , जो इन्हें इनकी 14 वर्षों की तपस्या का समायोजन के नाम पर जहरीला फल खिलाये दे रही है।
पुजारी को दस्त हो गए. डॉक्टर के पास
ReplyDeleteदवा लेने गए. डॉक्टर ने दवा दी.
पुजारी ने पूछा – “परहेज” क्या करूँ ?
डॉक्टर ने कहा – और तो कुछ नहीं, बस शंख
जोर से मत बजाना
'सारे मर्द एक जैसे होते हैं'
ReplyDeleteजिस महिला ने- यह कहावत बनाई थी...
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वह एक चीनी महिला थी, जिसने अपने पति को भीड़ में
खो दिया था..!!
Ek ladka apni girlfrnd ko date pe leke jaata ha
ReplyDelete.
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Suddenely bahut tej baarish hone lagti ha
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itni tej baarish mein kya hua hoga
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Socho socho
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. nahi pata
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Ladki ka saara makeup utar jaata ha . Or Ladka Darr Ke Bhaag gaya..
किसी ने खूब कहा है कि "माचिस की जरूरत यहाँ नही पड़ती यहाँ तो आदमी ही आदमी से जला जा रहा है । "
ReplyDelete"अपना गम तो सहन हो जाता है पर दूसरे की खुशियाँ सहन नही होती "
"मंगल पर जीवन की तलाश सभी को है मगर खुद के जीवन मे मंगल क्यों नही है किसी को चिंता नही !
Zindagi Mein Har Cheez Pahli Baar Hoti Hai,
ReplyDeleteKahin Kisi Se Pyaar To Kahin Takrar Hoti Hai,
To Kya Hua Ki Hum Ajnabi Hai Aapke Liye,
Magar Dosti Ajnabiyon Se Hi Pahli Baar Hoti Hai...
i am agree with u mr.umashankar
ReplyDeleteYe Mr kamal hai
DeleteMr Uma shankar some time back u mentioned in your blog that there r many individuals who call u on regular basis ,but do not participate in any agitation held tet morcha,though they reside @ u .p
ReplyDeletethey are cowards,they r busy only with day dreaming.
ReplyDeletethose participated on 3rd june aandolan r real heroes.
ReplyDeletethough i not participated in that aandolan ,since I am out of uttarpradesh.And i really feel guilty for that.
ReplyDeleteAnd i thnk persons such as me have no right for access to any type of update.
ReplyDeletethough I have your number mr umashankar and i hope u know me also,but i do not have courage to call back
ReplyDeleteAs in my view everyone one who needs jobs should be with morcha,in both way i.e personally and financially.
ReplyDeleteSo now i have decided to contribute whatever possible by me in future course.
ReplyDeleteNow its time for some concrete measures,not only reading and writing blogs.
ReplyDeleteVANDE MATRAM
JAI T.E.T MORCHA
YES
ReplyDeleteI WAS THERE ON 3 JUNE.
9058749811
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
ReplyDeleteक्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है..
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ।।
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने
न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.
एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली..
वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब....
बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता |
Umashanker ji siksha satruo ki samayojan ke virudh pil fakhil ho gayi kya?
ReplyDeletekya baat hai tumhari tet merit nahi toh bharti bhi nahi bade acche comments likhte ho
ReplyDeleteसब आप लोगों का प्यार और आशीर्वाद है भाई जी
ReplyDeleteएक बात और बताएँ
ReplyDeleteइन सब के पीछे कोई मेरा प्रेरणा स्रोत भी है
उद्देश्य भी है
लगन भी है
शायद काबलियत भी है
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो"
ReplyDeleteमैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो"
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों"
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम तो होने दो।।
copy paste nirahua ji........ .
ReplyDelete------ माननीय मूर्खमंत्री के नामनिरहुआ का एक पत्र -------. प्रेषक-निरहुआक्रांतिकारी 'विद्रोही' पी आर टी भवन, शिक्षामार्ग-2011 टेट नगर, उत्तर प्रदेश
सेवा में-माननीय मूर्खमंत्री महोदय श्री अकल-लेस यादव नकटेढ़वा निवास, गली नंबर- 420 मूर्खनगर, सफा प्रदेश
विषय- शिक्षामित्रों (भिक्षामित्रों) केसमायोजन के सन्दर्भ में `````````````````````````````````` `````````````````````````` महोदय (?), निरहुआआपका ध्यान शिक्षामित्रोंके समायोजन केसन्दर्भ मेंजारी घोषणाओंकी और आकृष्ट करना चाहूँगा,जिसमें आपने अपनी गर्दभगुणप्रियता का एक और उदाहरण प्रस्तुत किया है। आपकी दूरदर्शिता वास्तव मेंकाबिल-ए-तारीफ़ है, जब बमुशक्कलबारहवीं पास येशिक्षामित्र पाठन कार्य करेंगे तब दो-चार बच्चे जो आज सरकारी स्कूलोंमेंआ जाते हैं वो भी घर बैठ जायेंगेऔर तब आप फ़ख्र से अपनेभाषण में बोलियेगा कि -' आज यूपी की शिक्षा दर 100% होगयी है क्योंकि सभी बच्चेशिक्षित हो चुकेहैंजिसका सबूतहैकी कोई अशिक्षित बच्चा पढ़नेहीनहीं आरहा है'। मूर्खमंत्री जी , शिक्षामित्रों का समायोजन आपके द्वारा किये गए सराहनीय (?)प्रयासों में से एक है, क्या हुआ जोइन ससुरों को 19 तक पहाड़ा भी नहीं आता, क्या हुआजो उच्चतम न्यायालय केन्यायधीश महोदय द्वारा इन्हें 'शिक्षाशत्रु'कहा जाताहै, क्या हुआ जो ये पाठन की योग्यता नहींरखते, चलो सब तरह से इन्हें शिक्षा व्यवस्था के लिए विष समान मान भी लें तो क्या इतना बड़ा 'वोट बैंक' आप सिर्फ लोगों की आलोचनाओं की वजह से छोड़ देंगे ? कत्तई नहीं भाई, आखिर पहले घर में दिया जलाया जाता है बाद में मंदिर/मस्जिद की बारी आती है ना ? लोगों काक्याहै वो तोहमेशा उंगलियां उठाते रहतेहैं,कभी कहेंगे की शिक्षामित्रोंके पास योग्यता नहीं है तो कभी कहेंगे कीयेटेट पास नहींहैंवगैरह-वगैरह। महोदय (?)आप इन सब बातोंपर कत्तई ध्यान नादें और अपनी गर्दभ नीति जारी रखें क्योंकि इन आरोप लगानेवालों कोमालूम ही नहीं है की शिक्षामित्रोंके पास योग्यता ना सही किन्तु'अनुभव' तो है ही और येशिक्षा क्षेत्र से लम्बे समय सेजुड़े भी रहेहैं( अब भले ही यह बात अलग है की घोड़ों केसाथ जुड़ने पर भी गधेतो गधे ही रहतेहैं और राजनीतिसे लम्बे समय तक जुड़े रहने केबावजूद आप आज भी 'राजनैतिक गधे' ही कहे जातेहैं)। वैसे भी निरहुआ अच्छी तरह जानताहैकी आपका यह समायोजन वाला लोलीपोप ज्यादादिन नहीं चलने वाला क्योंकिउर्दू भर्ती वालों का हाल दुनियादेख चुकी है और आगामीविधानसभा चुनावों में वो आपको 'दुनिया दिखाने' ठानेबैठेहैं। ऊपर से ये टेट वालेभी सुप्रीम कोर्ट का आदेश लिए आपके सिर पर सवार हो गए हैं, ऐसे मेंअगर कहीं वोट की उम्मीद झलकती है तो वो है शिक्षामित्रोंमें,,,,और यह अर्धशिक्षित शिक्षामित्र आसानी से आपकेछलावेमें आ भी जायेंगे अतः आगामी चुनावों के मद्देनजर आपके द्वारा शिक्षामित्रों कोदियाजाने वाला यह लोलीपोप एकदम जायज है। आप निःसंकोच अपना लोलीपोप कार्यक्रम जारी रखियेऔर'देश जलाओ- चूतिया बनाओ' अभियान को सार्थक बनातेरहिये। धन्यवाद श्रीमान, आपका (?) 'विद्रोही' दिनांक- 06 जून 2014 स्थान- टेट नगरी, यूपी