बुलंदशहर : टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने काउंसलिंग कराने की मांग को लेकर डायट कार्यालय का घेराव किया। हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि डायट प्राचार्य काउंसलिंग में विलंब कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि काउंसलिंग कराकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शीघ्र प्राथमिक विद्यालयों में तैनाती दिलाई जाए।
मंगलवार को टीईटीई उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन कार्यवाहक प्राचार्य एमसी वर्मा को सौंपा। ज्ञापन में अभ्यर्थियों ने मांग की है कि आनलाइन व केंद्रीयकृत काउंसलिंग का शेड्यूल शीघ्र जारी किया जाए, उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार हमें 31 अगस्त तक ज्वाइनिंग दी जाए। 72,825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के साथ सौतेला व्यवहार न किया जाए, आन लाइन डाटा एवं प्रत्यावेदन को अतिशीघ्र सही कराया जाए।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान शीघ्र नहीं कराया गया तो टीईटीई उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्यों को आन्दोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अभ्यर्थियों ने बाइक रैली भी निकाली। प्रभारी डायट प्राचार्य ने सभी अभ्यर्थियों को शीघ्र काउंसलिंग कराने का आश्वासन दिया है। इस मौके पर अमरपाल लोधी, देवेन्द्र सिंह लोधी, अरविन्द शर्मा, रामवीर शर्मा, जिलाध्यक्ष राहुल सिंह आदि मौजूद रहे
News Sabhaar : Jagran (Publish Date:Tuesday,Aug 05,2014 10:26:32 PM | Updated Date:Tuesday,Aug 05,2014 10:26:41 PM)
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धरने पर बैठे बीटीसी अभ्यर्थी
गोरखपुर : बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थी मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठे। इस दौरान वह शासन के निर्देशों के अनुरूप महिला तथा विकलांग सहायक अध्यापकों के विद्यालय चयन का विकल्प जारी करने तथा अविलंब नियुक्ति पत्र सौंपने की मांग कर रहे थे। इस मौके पर जितेंद्र कुमार, नवल किशोर मिश्र, श्रवण कुमार यादव, अखिलेश कुमार, महेंद्र नाथ चतुर्वेदी, सत्येंद्र कुमार सिंह, रविंद्र त्रिपाठी, शालिनी मिश्रा, उर्मिला सिंह, नीतू सिंह, कनुप्रिया, सोनी सिंह, यशोदा देवी, ज्योति वैश्य आदि मौजूद थे।
News Sabhaar : Jagran (Publish Date:Wednesday,Aug 06,2014 01:33:05 AM | Updated Date:Wednesday,Aug 06,2014 01:33:05 AM)
.HUM YAHAAN PAR HAIN
ReplyDelete.
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Jharkhand TET झाविमो की सरकार बनी तो टेट पास अभ्यर्थी सीधे शिक्षक नियुक्त होंगे: मरांडी
muskan ji /tmntbbn/ frnds pls help.....meri b.ed markshht me fathers name" LAL SINGH" hi type hi ,but ye" LAL SINGH PAL "hona tha .kyan karoo???..pls tell.....
ReplyDelete15000khali in jrt
Deleteचाचा चौधरी का किरदार बनाने वाले मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण का निधन
ReplyDeleteनवभारतटाइम्स.कॉम | Aug 6, 2014, 09.31AM IST
0
Pran
नई दिल्ली
चाचा चौधरी और साबू के चर्चित कार्टून के जरिए घर-घर में लोकप्रिय बने मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण का 76 साल की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कई साल से कैंसर से पीड़ित थे। पिछले 10 दिनों से वह अस्पताल के इंटेशिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती थे, जहां मंगलवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्राण ने 1960 में दिल्ली से छपने वाले अखबार 'मिलाप' में बतौर कार्टूनिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी।
कॉमिक्स की दुनिया के चर्चित किरदार चाचा चौधरी को उन्होंने सबसे पहले हिंदी बाल पत्रिका लोटपोट के लिए बनाया था। इसके बाद वह भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल कार्टूनिस्टों में से गिने जाने लगे।
[ जारी है ]
प्राण का जन्म 15 अगस्त, 1938 को लाहौर में हुआ था। पूरा नाम प्राण कुमार शर्मा था, लेकिन वह प्राण के नाम से ही मशहूर हुए।
चाचा चौधरी और साबू के अलावा भी डायमंड कॉमिक्स के लिए प्राण ने कई अन्य कामयाब किरदारों को जन्म दिया। इनमें रमन, बिल्लू और श्रीमतीजी जैसे कॉमिक चरित्र शामिल थे।
राजनीति विज्ञान के स्नातक और फाइन आर्ट्स के छात्र रहे प्राण ने जब 1960 के दशक में कॉमिक स्ट्रिप बनाना शुरू किया, जो उस वक्त भारत में इस लिहाज से बिल्कुल नया था और कोई देसी किरदार मौजूद नहीं था
very simple
ReplyDelete.
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tahseel se 1 afdvt banwa lo
Is desh ka sabse bada sach .......
ReplyDeleteEk DIN YE DESH ...DUNIYA KA SABSE BADA MUSLIM AABADI WALA DESH BAN JAYEGA...
......
OR MUSLIM KE ALAWA BAKI SAB DHARAM KE LOG YAHAN PAR....ALPSANKHAYAK HO JAYAGE....
Abhi-Abhi......
ReplyDeleteRAMGOPAL YADAV NE KAHA ,' HAPUR RAP CASE ME ...LADKI BAKWAS KAR RAHI H......OR JHUTHA OR BEBUNIYAD AAROP LAGA RAHI H..
.........
WAH....KYA BAT H...NETA JI.
Main to ye kahta hun...jo ho raha h...
ReplyDeleteBahut thik ho raha h.....
AAJ YE GARIB ATI PICHHDE DALIT LOGO KI BACHCHIYO KE SATH HO RAHA H....
OR KOI UNKA SATH DENE WALA BHI NAHI H...OR JO DE RAHE H...VE POLITICS WALE H......WO CHAHE BJP ...HO ...YA BSP ..HO....
Lekin sab log yad rakhna.....
ReplyDeleteABHI TO YE BHEDIYE KEWAL ........
garib dalit jatiyo ki bschchiyo ko hi nochkar kha rahe h
...
LEKIN WO DIN BHI DUR NAHI H...JAB YE SAMAJ KI DABANG OR THEKEDAR JATIYO PAT BHI ACTEC KAREGE...OR INKI BHI LADKIYO KA RAP KAREGE...OR MAR DIYA KAREGE....
LEKIN TAB TAK BAHUT DER HO CHUKI HOGI.....
KYOKI """ WO PAHLE BHI EK THE...OR HAMESHA EK HI RAHEGE..."""""
OR HUM HAJARO SAL SE .......
LAD RAHE H....OR HAJARO JATIYO ME BATE HUYE H......
.......
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.............
......
.....
OR AAJ KA INDIA. ..KU6 SSLO KE BAD EK NAYA INDONESIA BAN JAYEGA...
Abhi kuch din pahle bagpat ke ek town KAWAL me Muslim ke logo duara ek JAT KI LADKI KO CHHEDA GAYA THA...
ReplyDeleteBAD ME MARPEET ME USKE BHAIO KA MURDER HO GAYA THA......
USKE BAD KA KATLEAAM TO YAAD HOGA NA AAP SAB LOGO KO......
MERE VICHAR SE IS DESH ME LOGO KO AMAN CHAIN OR SHANTI NAHI CHAHIYE..........
inhe chahiye ......KHOON...LUTPAT...
RAP....KATLEAAM.......
SALE TAB HI YE MAST RAHTE H....
Agar mere bas me hota ....
ReplyDeleteTo main sare garib or dalito ki ladkiyo ko zahar de deta ya unhe goli mar deta ...
FIR DEKHTA KI KYA YE DUNIYA WALE APNI HI BAHAN ....BETI...OR MAAAO KE SATH REP KARKE UNKA DHARAM CHANG KARWAYEGE KYA.....
PATA NAHI ......
KITNI KATTAR MENTALITY KE HOTE H ....IS TYPE KE LOG.....
UPER SE ...YE ..
MADERCHOD.....MAYAWATI....MULAYAM...LALU...SONIYA JAISE NETA....
KAB TAK VOTO KE LIYE....IS DESH KI BAHAN BETI KO BECHTE RAHEGE....
इन किरदारों को दिया प्राण ने जन्म
ReplyDelete1. चाचा चौधरी
2. साबू और रॉकेट
3. बिल्लू
4. पिंकी
5. श्रीमतीजी
6. चन्नी चाची
7. रमन
8. तोषी
9. गब्दू
10. बजरंगी पहलवान
11. छक्कन
12. जोजी
13. ताऊजी
14. गोबर गणेश
15. चम्पू
16. भीखू और शान्तू
यूनान से आया था कॉमिक्स का कॉन्सेप्ट, कुछ रोचक तथ्य
ReplyDeleteएक वह वक्त भी था, जब दुनिया आज की तरह तकनीक के इशारों पर नहीं नाचती थी। तब बच्चों की सबसे प्यारी दोस्त कॉमिक्स हुआ करती थी। गर्मी की छुट्टी का मतलब ढेर सारी कॉमिक्स और मस्ती हुआ करती थी। लेकिन वक्त बदलने के साथ बच्चों के दोस्त और पसंद भी बदलने लगे। वह कॉमिक्स इरा भले अब गुजरे जमाने की बात हो, लेकिन कॉमिक्स से लोगों का जुड़ाव कम नहीं हुआ है। खुद कॉमिक्स ने उतार-चढ़ाव भरे दौर से निकलकर नए मिजाज और कंटेंट के बूते नए वक्त में अपनी अहमियत कायम रखी है।
कुछ खास तथ्य...
- कॉमिक्स का कॉन्सेप्ट यूनान से आया। स्विस आर्टिस्ट रुडोल्फ टकर ने 19वीं सदी में पहली बार कॉमिक किरदारों के साथ काम किया।
- दुनिया की पहली कॉमिक्स एक अमेरिकी अखबार में स्ट्रिप के तौर पर आई थी।
- अनंत पाई ने अमर चित्र कथा की शुरुआत तब की थी, जब देखा कि एक बच्चे को राम की मां का नाम पता नहीं था। इसके बाद उन्होंने कई पौराणिक कहानियों पर आधारित कॉमिक्स पेश कीं।
- 80 के दशक में अमिताभ बच्चन को सुपरहीरो के रूप में पेश करते हुए कॉमिक्स बनाई गई थी।
- 1985 में पहली डिजिटल कॉमिक्स अमेरिका में आई थी।
- इंस्पेक्टर आजाद के किरदार से राजकपूर इतने प्रभावित थे, कि उन्होंने इसे लेकर अपनी सबसे महत्वाकांक्षी फिल्म बनाने की कोशिश की। लेकिन वह अपने इस प्रॉजेक्ट को पूरा नहीं कर सके।
- जापान में कॉमिक्स को मांगा नाम से जाना जाता है और इसे हर उम्र के लोग पढ़ते हैं।
- विश्व की कई यूनिवर्सिटीज में कॉमिक्स की भाषा को समझने के लिए इसकी अलग से पढ़ाई भी की जाती है।
- 2004 में मार्वल कॉमिक्स और गोथम एंटरटेनमेंट ने एक करार के साथ स्पाइडरमैन का भारतीय संस्करण लॉन्च किया, जिसमें सारे किरदार इसी संस्कृति के थे। मुंबई बैकड्रॉप पर कहानी को आगे बढ़ाया गया था।
ऐसा था अमर चित्र कथा से कॉमिक्स तक का सुनहरा सफर
ReplyDeleteएक वह वक्त भी था, जब दुनिया आज की तरह तकनीक के इशारों पर नहीं नाचती थी। तब बच्चों की सबसे प्यारी दोस्त कॉमिक्स हुआ करती थी। गर्मी की छुट्टी का मतलब ढेर सारी कॉमिक्स और मस्ती हुआ करती थी। लेकिन वक्त बदलने के साथ बच्चों के दोस्त और पसंद भी बदलने लगे। वह कॉमिक्स इरा भले अब गुजरे जमाने की बात हो, लेकिन कॉमिक्स से लोगों का जुड़ाव कम नहीं हुआ है। खुद कॉमिक्स ने उतार-चढ़ाव भरे दौर से निकलकर नए मिजाज और कंटेंट के बूते नए वक्त में अपनी अहमियत कायम रखी है।
अमर चित्र कथा
1967 में अनंत पाई ने बच्चों के लिए अमर चित्र कथा इस मंशा के साथ शुरू की थी, ताकि उन्हें मनोरंजन के साथ ज्ञान भी मिले। उनकी यह सोच काफी दूर तक कामयाब साबित हुई। 70 और 80 के दशक में अमर चित्र कथा ने रिकॉर्ड बिक्री की। एक अनुमान के मुताबिक इस दशक में 10 करोड़ से ज्यादा कॉमिक्स बिक गईं। इस पीढ़ी के बच्चों के लिए पौराणिक-ऐतिहासिक और महापुरुषों से जुड़ी कहानियों को खेल-खेल में समझाने-बताने का क्रेडिट अमर चित्र कथा को ही जाता है। इसी दौर में बच्चों के मनोरंजन के लिए हल्की-फुल्की कहानियों पर आईं कॉमिक्स भी बिकीं। रिसर्च में यह पाया गया कि बच्चे जितनी सहजता से कॉमिक्स के साथ कनेक्ट करते हैं, उतना किसी भी दूसरी चीज से नहीं। हालांकि 90 के दशक तक आते-आते कॉमिक्स-कथा की डोर कमजोर होने लगी।
मुश्किल वक्त
80 और 90 के दशक के दौरान कागज की कीमतें बेतहाशा बढ़ीं। कॉमिक्स महंगी होने लगीं। इसी बीच बच्चों के मनोरंजन के लिए विडियो गेम और दूसरे विकल्प भी आने लगे। कॉमिक्स कंटेंट के मोर्चे पर लगातार पिछड़ रही थी। इन तमाम फैक्टर्स ने कॉमिक्स के बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया। उसके प्रकाशन बंद होने लगे। यह उस वक्त एक ग्लोबल ट्रेंड था। कॉमिक्स से जुड़ी यादें कमजोर पड़ने लगीं। ऐसा लगने लगा कि कॉमिक्स युग का अंत करीब है।
ऐसे बढ़ा दायरा
लेकिन कॉमिक्स का इमोशनल नॉस्टैल्जिया इसे फिर से रास्ते पर ले आया। कंटेंट मे नए जमाने के मुताबिक बदलाव होने लगे और उसकी मजबूती और बेहतरी के लिए कोशिशें शुरू हुईं। नए किरदार गढ़े गए, कॉमिक्स को इंटरनेट पर पेश किया जाने लगा और उसे पढ़ने का जुनून फिर बढ़ा। पहले 50 पैसे देकर चुपके से लाइब्रेरी से चाचा-चौधरी, नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव की कहानियां पढ़ने वाले, इंटरनेट पर इनके कारनामे आसानी से पढ़ने लगे। फेसबुक ने इसे और तेजी दी। सिर्फ फेसबुक पर ही कॉमिक्स से जुड़े दो दर्जन पेज हैं, जिसे लाखों लोग पसंद कर रहे हैं।
अमर चित्र कथा ने फेसबुक पर अपना पेज शुरू किया तो एंड्रॉयड फोन ऐप्लिकेशन के जरिए मोबाइल पर अमर चित्र कथा सुलभ होने लगी। मोबाइल गेम्स कॉमिक्स के किरदार पर बनने लगे। ग्राफिक नॉवल कॉमिक्स के ढांचे पर आने लगी।एक तरफ सुपरस्टार शाहरुख खान ने अपनी फिल्म 'रा.वन' के किरदारों के साथ कॉमिक्स लॉन्च करने की घोषणा की तो दूसरी तरफ आईपीएल के दौरान दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम पर आधारित एक कॉमिक्स सीरिज निकली। इस तरह कॉमिक्स ने अपने को तमाम पॉप्युलर सिंबल्स से जोड़ लिया। भारत में कॉमिक्स से जुड़े जानकार मानते हैं कि दो-तीन सालों में कॉमिक्स फिर से एक नए मुकाम पर होगी।
कॉमिक्स की इकनॉमिक्स
कॉमिक्स की इकनॉमिक्स भी यही बताती है कि अब इसके दिन फिर रहे हैं। कॉमिक्स का हर साल एक विश्वस्तरीय मेला आयोजित किया जा रहा है। भारत के कॉमिक्स बाजार की बात करें तो फिलहाल वह करीब 100 करोड़ तक पहुंच चुका है। आने वाले वक्त में इससे इन्फोटेनमेंट फील्ड के कई बड़े प्लेयर्स जुड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे इसकी इकनॉमिक्स को बूम मिलने की संभावना है
क्या कहती है इन देशों की कॉमिक्स
ReplyDeleteब्रिटेन
बिएनो को अपने हंसी मजाक के लिए पसंद किया जाता है। इनमें शरारत और नटखट बच्चों पर निशाना लगाया जाता है।
अमेरिका
यहां पर मार्वल कॉमिक और उसका सुपरहीरो मशहूर हैं। आइरन मैन, थोर, कैप्टन अमरीका और स्पाइडर मैन मुख्य कलाकार हैं। वे बहुत ताकतवर हैं और दुनिया को बचाने के लिए निकलते हैं।
जापान
मांगा कॉमिक, जो व्यस्कों और बच्चों में प्रचलित है। विषय स्कूल के रोमांस से लेकर प्राचीन उच्च साहित्य शामिल होता है।
भारत
चाचा चौधरी एक सूझवान बुजुर्ग हैं, जिनका दिमाग कंप्यूटर से तेज चलता है। ताकत साबू से मिलती है, जो 100 रोटियां खाता है, लेकिन लड़कियों से शर्माता है।
फ्रांस और बेलजियम
दोनों बड़े कॉमिक देश हैं और उनके तरीके भी मिलते जुलते हैं। टिनटिन और एस्टेरिक्स सबसे अधिक जाने जाते हैं।
मिस्र
मध्य पूर्वी हीरो में अंधेरे की राजकुमारी, एक समय फेरो और अरब के तलवार चलाने वाले प्रचलित हैं।
Aaj Delhi me ek 5 sal ki bachchi ke sath uska schools cab ka driver galat harkat karta hua pakda gaya h.....
ReplyDeleteMere vichar se is type ke logo ko pakad kar unka panic hi kat dena chahiye....
Jo log is tarah ki haivaniyat karte hain unka koi dharm nahi hota wo na to hindu hote hai or na hi Muslim aise log sirf or sirf haivan hote hai or inki saza wohi Honi chahiye jo suneel ji abhi apne batayi hai balki in jaise logo ka ek ek ang kat dena chaiye wo bhi beech chaurahe pe or phir use Kisi bhookhe kutte ke samne dal dena chahiye..
ReplyDeletesahi kaha dolly ye log na bachchi dekhte hain budhi mere vicharse toh inki ankhien nikalwa kar kisi andhe insaan ko dedeni chahiye kyunki aankhein hote hue bhi ye achche bure ka fark nhi kr pate..............
ReplyDeletesahi kaha dolly ye log na bachchi dekhte hain budhi mere vicharse toh inki ankhien nikalwa kar kisi andhe insaan ko dedeni chahiye kyunki aankhein hote hue bhi ye achche bure ka fark nhi kr pate..............
ReplyDeletekitni hi majbooriyan palko pe saja lete hain,,, hm kahan rote h,hme to haalaat rula dete hain....
ReplyDeletekya kare dosto u.p. haalaat dekhkAr ab hamesha apne ghar walo ki fikra lagi rhati h..
ReplyDeletekavita.. tum kavita hi ho
samete ho apne ander
vishal prakriti ko
man ke bhavo ko
tum kavita hi ho
nav raso se poorna
alankaro se sushobhit
darshati ho jeevan ke rango ko
tum kavita hi ho
bolti ho sab kuch
parantu maun
aseem aanandniya
kavita..tum kavita hi ho
ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो
ReplyDeleteये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो,
भले छीन लो मुझसे USA का विसा
मगर मुझको लौटा दो वो क्वालेज का कन्टीन,
वो चाय का पानी, वो तीखा समोसा..........
कडी धूप मे अपने घर से निकलना,
वो प्रोजेक्ट की खातीर शहर भर भटकना,
वो लेक्चर मे दोस्तों की प्रोक्झी लगाना,
वो सर को चीढाना ,वो एरोप्लेन उडाना,
वो सबमीशन की रातों को जागना जगाना,
वो ओरल्स की कहानी, वो प्रक्टीकल का किस्सा.....
बीमारी का कारण दे के टाईम बढाना,
वो दुसरों के Assignments को अपना बनाना,
वो सेमीनार के दिन पैरो का छटपटाना,
वो WorkShop मे दिन रात पसीना बहाना,
वो Exam के दिन का बेचैन माहौल,
पर वो मा का विश्वास - टीचर का भरोसा.....
वो पेडो के नीचे गप्पे लडाना,
वो रातों मे Assignments Sheets बनाना,
वो Exams के आखरी दिन Theater मे जाना,
वो भोले से फ़्रेशर्स को हमेशा सताना,
Without any reason, Common Off पे जाना,
टेस्ट के वक्त Table me मे किताबों को रखना,
ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो,
भले छीन लो मुझसे USA का विसा
मगर ..................
Naveen ji bohat achcha likha hai apne..good
Deleteincome in 10 years-
ReplyDeleteteachers-25 lacs.
doctor-50 lacs.
engineer-45 lacs.
IAS-70 lacs.
ramdev baba- 1177 crore.
nirmal baba- 4000 crore.
"CHOOSE UR CAREER CAREFULLY".
my idea-
chhodo gharbar,
chalo haridwar....
Good evening bhio prt ke bharti ko le kar gov (h l Gupta ) Ji ke adesh ka Kuch samagh me nahi aa raha hai. ki
ReplyDeleteDiet wale is bharti ko le kar jara bhi sakriyta nahi dikha rahe hai. Bharti online nahi hogi to ye usme bhi dhadli karenge kyoki gov hi yesi hai jisme sabhi karmchari cm apne ko samaghte hai sakriya rahe Aur puri paini najor rakhe is bharti per ek bhi klu mile to Inki band Baja denge ham log
Jai maa vindhyavasini
Jai baba kashivishwanath
Jai baba semradh math
Sada sahay.
thanks dolly g
ReplyDeleteYe sarkar pahle se hi humari bharti nahi kr na chati thi to ab kya kregi....
ReplyDeleteBhut time khrab kr Liya ab to es kutti sarkar ka kuch kro.......
Ab ek visal aandolan krna wo bhi Delhi mein Lucknow mein kuch nahi hogs..
Ab modi ki bari hai humne use vote diya hai......ab Hume her haal mein apna hai Lena hai...
Ha ab agar andolan ho to delhi me hi kia jay......jai tet
ReplyDeletetum logo kee maa kee...............
ReplyDeleteOO saale maa ki gali kisi dera....
ReplyDeleteTeri maa kee .............
Hello
ReplyDeleteHello
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