72825 प्रशिक्षु टीचरों की भर्ती का मामला
फिर हाईकोर्ट में जाएगा मेरिट का मसला
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भर्ती टेट मेरिट से शुरू हो चुकी है ,सुना है की कपिल ने याचिका सिर्फ इस बात पर डाली है की गुड पार्ट को बेड पार्ट से अलग कर भर्ती की जाये ।
और इसका हल पहले से ही निकला हुआ है - कि शपथ पत्र लिया जाये , जिसमें धांधली में संलिप्तता आदि पर भर्ती से बाहर किया जायेगा और भर्ती
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के तहत होगी ।
सुप्रीम कोर्ट में 72825 का अंतरिम आदेश देने वाले जज साहब माननीय दत्तू जी अब देश के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं , और सुप्रीम कोर्ट के इतिहास
में सामान्यत : अंतरिम आदेश नहीं बदलते , ऐसा कोई किस्सा हो तो कृपया ब्लॉग पर सूचित करें
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सुप्रीमकोर्ट ने प्रकरण लौटाया, कहा हाईकोर्ट में दाखिल करें याचिका
इलाहाबाद। प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती में टीईटी के बजाए शैक्षणिक मेरिट को आधार बनाने का मामला फिर हाईकोर्ट में जाएगा। अभ्यर्थी इस प्रकरण में नई दलीलों के साथ अदालत जाने की तैयारी में हैं। गत पांच सितंबर को सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने इसी मामले पर दाखिल याचिका वापस करते हुए कहा कि अभ्यर्थीगण अपनी बात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहें। सुप्रीमकोर्ट में पहले से ही एक विशेष अनुमति याचिका लंबित है जिसमें अंतरिम आदेश के तहत मौजूदा समय में टीईटी मेरिट पर ही भर्ती प्रक्रिया जारी रखी गई है।
शैक्षणिक मेरिट के आधार पर भर्ती करने को लेकर संघर्ष कर रहे कपिल देव यादव, अशोक द्विवेदी का कहना है कि टीईटी मेरिट पर भर्ती करना एनसीटीई के नियमों का उल्लंघन है। यह बात सुप्रीमकोर्ट के समक्ष रखी गई। एनसीटीई ने टीईटी को मात्र अर्हता परीक्षा माना है। इसे उत्तीर्ण करने के बाद चयन राज्य की अपनी चयन नीति के आधार पर किया जाएगा। दूसरे प्रदेश सरकार की सहायक अध्यापक भर्ती नियमावली 1981 में भी शैक्षणिक मेरिट पर ही चयन करने का नियम है। प्रदेश सरकार ने महिला, पुरुष, विज्ञान और कला वर्गों की अलग-अलग मेरिट बनाकर भी 1981 की नियमावली का उल्लंघन किया है।
साधना मिश्रा और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली सुप्रीमकोर्ट की खंडपीठ ने हाईकोर्ट को यह मामला निस्तारित करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर जारी 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन को हाईकोर्ट ने रद कर दिया था। सात दिसंबर 2012 को दूसरा विज्ञापन जारी कर शैक्षणिक मेरिट के आधार पर काउंसलिंग प्रारंभ कर दी। इस विज्ञापन को भी हाईकोर्ट ने रद करते हुए टीईटी मेरिट पर चयन का निर्देश दिया। प्रदेश सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट चली गई। सुप्रीमकोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत टीईटी मेरिट पर ही भर्ती प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया है किंतु यन सुप्रीमकोर्ट के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।
News Sabhaar : Amar Ujala (9.9.14)
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भर्ती की वास्तविकता....
ReplyDeleteकुछ ऐसा भी है,,,,
सरकार नही चाहती कि बी.एड. वालो की कोई भी भर्ती हो,,
सरकार नही चाहती कि बसपा कार्यकाल की भर्ती पूरी हो,,
सरकार को मेरिट आधार से कोई लेना देना नही है,,
उसे तो सिर्फ भर्ती को "ब्लैक होल" तक ले जाना है,,
जहां पर सब कुछ ऐसे समाप्त हो जाता है, कि पता ही नही चलता कि कुछ समाप्त हुआ है,
ऐसा ही कुछ लगा....कल
साथियों हम सब को बहुत सावधानी की जरुरत है, जरुरी नही कि ऐसी गन्दी मानसिकता की सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी भर्ती करे, और न ही भर्ती करने को मना करके, न्यायलय की अवहेलना करेगी, लेकिन क्या करे कुछ पता नही,, हमारी अगुवाई कर रहे साथियों को भारी समर्थन करे और उन्हें उचित सलाह भी दे, साथ रहे, ऐसी सरकार से निपटने के लिए शायद अस्त्र/शस्त्र बदलने भी पड सकते है, और कोई नयी निति पर भी विचार प्राथनीय है, क्योंकि इन्हें धरना और अनशन की भाषा समझ ही नही आती है, इनका वास्तविक इलाज न्यायलय रुपी मंदिर में ही संभव है, लेकिन नौकरी के लिए नही बल्कि दुश्मन से बदले की भावना को लेकर रिट डालकर..जैसे जो साथी मानसिक रूप से परेशान होकर अब हमारे साथ नही है, उनकी हत्या का मुकदमा,, जो लोग जीवित है, उनके मानसिक उत्पीडन का मुकदमा, दो साल से नौकरी के लिए परेशान वो भी बिना गलती के, उनके लिए मुआवजा, आदि आदि.........
ReplyDeleteधन्यवाद ........
जिंदगी अगर ख्वाब है
ReplyDeleteतो इसमें क्या बुरा है
आखिर
ख्वाबो को भी हमने देखा है चलते हुए
वोह जो दूर से दीखता बन, सपना मुस्कुरा कर
आज हकीक़त बन बैठा है, बस रंग बदलते हुए
सपनो के पाव नहीं होते, तो भी चल जाते है
चुटकी बजाते ही बदल जाते है मुक़क्दर सोये हुए
चलना ही फितरत है अगर, तो फिर रुकना कैसा
गिर-गिर कर भी बढ़ जाते है , लोग यूँ संभलते हुए
कयास यह है की जीत होगी या फिर होगी हार
क्यों खेलते हो फिर पाँसे, धडकनों को डूबोये हुए
मैदाने जंग है जिंदगी, यु हकीक़त से क्या शर्माना
किले फतेह कर जाते है कुछ घुटनों पर चलते हुए
शुक्र है कुछ तो है पास तुम्हारे आज देने के लिए,
आशाये चलाती है जिंदगी, गमो को गले लगाते हुए
माना की सफ़र कठिन है और मंजिल भी है दूर
समय बदल ही जायेगा, यु ही करवट बदलते हुए।।
Blogger TET MERIT NAHI TO BHARTI BHI NAHI said...
ReplyDeleteपुराना समय जा रहा है ,नया समय आ रहा है।
हर कोई अपनी तरह से गम और खुशियां मना रहा है।
हमारे लिए न तो दशा बदली है और न बदले हैं हालात।
जहां कल खड़े थे आज भी वहीं से रास्ता जा रहा है।
पलट कर देख रहे हैं जो पीछे छूट गया ।
क्या पता वही समय फिर सामने से आ रहा है।
कहते हैं कि किस्मत के सहारे नहीं रहना चाहिए ।
पर हाथों कि लकीरें भी तो भाग्य ही बना रहा है।
ईश्वर कहता है कि बुरा समय कभी न
कभी तो चला ही जाएगा,
पर हर बुरे समय से भी तो वही मिलवा रहा है।
हम भी खुश रहें ,तुम भी खुश रहो।
ये समय बस इतना सा सबक सीखा रहा है।
आखिर कब तक अच्छे बुरे के लिए रोते रहेंगे।
जाने कितना समय तो बस ये सोचने में ही जा रहा है।
एक बार कुछ मजदूर विधान सभा के बाहर गड्ढा खोद रहे थे अचानक मुख्य सचिव उधर से गुजरे और गड्ढा खुदवा रहे ठेकेदार से पूछा कि ये सब क्या हो रहा है? ये गड्ढा यहाँ क्यों खोद रहे हो और किसके आदेश पर ऐसा हो रहा है? ठेकेदार बोला-" भाई मैं तो ठेकेदार हूँ, जो मुझे पैसा देगा उसका काम करूँगा, मुझे सपा सरकार की कब्र खोदने का ठेका मिला है कोई टेटवीर के नाम से एक भाई हैं जिन्होंने ये ठेका मुझे दिया है"। मुख्य सचिव बोले कि- " वो सब तो ठीक है लेकिन ये काम तत्काल रोक दो (क्यूंकि ठेके में मेरा कमीशन मुझे अभी नही मिला है) वैसे कितने रूपए का ठेका है यह"? ठेकेदार ने कहा-" महोदय ये ठेका 72825+29334 रूपए का है, आप बताइए काम जारी रखूं या बंद कर दूँ? वैसे भी ये काफी लम्बा काम है और इसमें 30-40 दिन लगेंगे"। मुख्य सचिव महाशय इन संखाओं को सुनकर भयभीत हो उठे और बोले- "जरा जल्दी जल्दी हाथ चलवाओ भाई तुम्हारा काम समय पर पूरा नहीं हो पायेगा क्यूंकि अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं,
ReplyDeleteआगे आपको ही इन कब्रों की जरुरत पड़ेगी"।
ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक,
ReplyDeleteहौसला रख ए मुसाफ़िर ..
कभी सुना है क्या ..???
अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया ..!!
आइये आपको बताये ये विशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) क्या होती है जिसको फ़ाइल कर देने मात्र से अकादमिक मेरिट के महाज्ञानी लोग कूद रहे हैं। अगर विशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) का मतलब आप समझ गए तो आपको इन बेचारों पर तरस आएगा।
ReplyDeleteविशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) का अर्थ है कि आप हाई कोर्ट या किसी न्यायिक ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ सुने जाने कि विशेष अनुमति कि मांग करते हैं। सामान्यतः हाई कोर्ट द्वारा निर्णित कोई मुद्दा अंतिम माना जाता है किन्तु यदि कोई संवैधानिक या क़ानूनी मुद्दा विद्यमान है जो केवल उच्चतम न्यायालय द्वारा स्प्ष्ट किया जा सकता है तब इस विशेष अनुमति को सुप्रीम कोर्ट देती है। उच्चतम न्यायालय में फ्रेश केस प्रत्येक सोमवार और शुकवार को सुने जाते है। और 90 % नयी विशेष अनुज्ञा याचिकायें ( S L P ) प्रथम दृष्टया ही अस्वीकार कर दी जाती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में किसी के द्वारा अपील करने का अर्थ उसका अधिकार नहीं समझना चाहिए बल्कि मामले में संवैधानिक या क़ानूनी मुद्दा विद्यमान होने पर और हाई कोर्ट द्वारा वह मुद्दा उचित से निर्धारित नहीं होने पर सप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति देना(leave grant ) आपको मिला एक विशेष लाभ है। यहाँ तो यादव जी से पहला प्रश्न यही होगा what is your right अर्थात आप वादी हैं क्या,आपकी पोषणीयता क्या है ?
विशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) अनुच्छेद 136 के तहत सुप्रीम कोर्ट में कोई भी दाखिल कर सकता है अब इसकी अनुमति प्रदान करना या नहीं करना माननीय न्यायधीशो पर निर्भर है।
मेरे अधिवक्ता मित्र माफ़ करे पर जब कोई भी व्यक्ति इनके चैम्बर में जाता है तो ये सब्ज़बाग दिखाते हैं कि वो भ्रमित हो जाता है और slpतो एक जुआ है जो 90 % प्रथम दृष्टया खारिज़ हो जाती हैं।
वैसे चंदा बटोरने का अच्छा बहाना है ग़ालिब आओ बिना मुद्दई रहते एक slp तो कर दें
हमारे एक मित्र थे हमेशा ही हर क्लास में फ़ैल हो जाते थे। जब मै हाई स्कूल में था तो मै सेकंड डिविजन से पास हो गया लेकिन वे महाशय फ़ैल हो गए। जब में इंटर में आया तो पास हो गया लेकिन वे हाई स्कूल को ३ बार फ़ैल करने के बाद फर्स्ट क्लास पास हो गए। मेरी इटर में थर्ड डिवीज़न आयी ओर एक बार में ही पास हो गया बी ए भी एक बार में ही पास कर ली। लेकिन मेरे दोस्त ने २ बार इंटर में फ़ैल होकर ५५% से इंटर पास कर लिया तब तक में बी. ए. कर चूका इसीप्रकार ३ साल कि बी. ए. को उन्होंने ५ साल में किया लेकिन फर्स्ट डिवीज़न से। अब आप बताये कोन बुद्धिजीवी था...…?लोग मोहल्ले में उन्हें फेलियर कहने लगे ओर मुझे कभी फ़ैल न होने बाला बिजेता लेकिन उनकी जॉब १० साल पहले लग गई प्राइमरी में अकादमिक रिकॉर्ड से वहाँ यह नहीं देखा कि कितनी बार फ़ैल हुए वहाँ यह देखा कि कितने % आये। …
ReplyDeleteय़ेः है अकादमिक
जब तक मैं जिंदा हूँ रोज पोस्ट करता रहूँगा
ReplyDeleteजिस भी दिन ना करूँतो समझ लेना
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समझ लेना कि अगले दिन करूँगा
एक महापुरुष ने कुछ नेताओं से पूछा: एक फ्लाइट दिल्ली से मुंबई डेढ़ घंटे में पहुंचती है, जबकि लौटते वक्त वह सिर्फ 90 मिनट लेती है। ऐसा क्यों?
ReplyDeleteजवाब मिले-
moniya:: wo flight wapsi me ITLI hokar aayi hogi
राहुल: जाती डीजल पर होगी और लौटती पेट्रोल पर होगी।
लालू: रास्ते में ट्रैफिक्वा होता होगा न!
माया: पहले यह बताओ कि अंदर दलित कितने हैं?
दिग्गी: जरूर इसमें RSS का हाथ होगा!
कजरी- हम स्टील के गिलास के साथ अनशन करेंगे.!!
sheela: बीच में गुजरात पड़ता है। साफ जाहिर है कि मोदी का हाथ है।
मनमोहन: मैं जरा मैडम से पूछकर बताता हूं।
The Best Lines ever said by a
ReplyDeleteMan....."
When I was born, A Woman was there
to hold me...... My Mother
As I grew up as a child, A woman was
there to care & play with me..... My
Sister
I went to school, A Woman was there
to help me learn...... My Teacher
I became depressed when I lost, A
Woman was there to offer a
shoulder...
My Girlfriend
I needed compatibility, company &
Love, A Woman was there for me.. My
Wife
I became tough, A Woman was there
to melt me..... My Daughter
When I will die, A Woman will be
there to absorb me in.......
Motherland
If you are a Man, avoid value of every Woman
&.
If you are a Woman, feel proud to be
one!
तुम सोच रहे हो बस, बादल कीउड़ानों तक,
ReplyDeleteमेरी तो निगाहें हैं सूरज के ठिकानों तक।
टूटे हुए ख़्वाबों की एक लम्बी कहानी है,
शीशे की हवेली से पत्थर के मकानों तक।
दिल आम नहीं करता अहसास की ख़ुशबू को,
बेकार ही लाए हम चाहत को ज़ुबानों तक।
लोबान का सौंधापन, चंदन की महक में है,
मंदिर का तरन्नुम है, मस्जिद की अज़ानों तक।
इक ऎसी अदालत है, जो रुह परखती है,
महदूद नहीं रहती वो सिर्फ़बयानों तक।
हर वक़्त फ़िज़ाओं में, महसूस करोगे तुम,
मैं प्यार की ख़ुशबू हूँ, महकूंगा ज़मानों तक___
कभी पहली बार स्कूल जानेमे डर लगता था…आज अकेले
ReplyDeleteही दुनिया घूम लेते हे ।।
पहले 1st नंबर लानेके लिए पढ़ते थे, आज कमाने के लिए
पढ़ते हें !!
गरीब दूर तक चलता हे… खाना खाने के लिए…
अमीर दूर तक चलता हे … खाना पचाने के लिए …
कीसी के पास खाने के लिये एक वक्त की रोटी नहीं हे …..
कीसी के पास रोटी खाने के लिए वक़्त ही नहीं हे …
कोई लाचार हे इस लिए बीमार हे, कोई बीमार हे इस लिये
लाचार हे
कोई अपनों के लिए रोटी छोड देता हे, कोई रोटी के लिए
अपनों को छोड़ देता हे
ये दुनीया भी कितनी निराली हे .. कभी वक़्त मीले
तो सोचना…
कभी छोटी सी चोट लगनेपे रोते थे, आज दिल टूट जाने पर
भी संभल जाते हें!
पहेले हम दोस्तों के सहारे रहते थे, आज दोस्तों की यादो मे
रहते है!
पहले लड़ना मारना रोज़ का काम था, आज एक बार लड़ते हें
तो रिश्ते खो जाते हे!
सच में जिन्दगीने बहुत कुछ सिखादिया, जाने कब हम
को इतना बड़ा बना दिया
yehi to life hai
Deleteउठेंगे चलेंगे गिरेंगे-उठेगें, मगर आखिरी साँस तक हम लड़ेंगे!
ReplyDeleteजिंदगी मौत से हो गई है बत्तर,अब मौत से नहीं डरेंगे!
हमें आम-इंसान कब तक कहोगे !
फांस बनकर अगले इलेक्शन में चुभेंगे !
तारीक के भरोसे न रहने वाले अब हम !
हवाओ से आगे बढ़ेंगे !
नहीं मरने वाले अब बेमौत हम !
मरना है तो लड़ कर मरेंगे!
जो हक है हमारा हमको दे दो !
वर्ना छीन के हम रहेंगे !
एक दिन की बात है ,
ReplyDeleteलड़की की माँ खूब परेशान होकर अपने
पति को बोली की
एक तो हमारा एक समय
का खाना पूरा नहीं होता और बेटी साँप की तरह
बड़ी होती जा रही है .
गरीबी की हालत में इसकी शादी कैसे करेंगे ?
बाप भी विचार में पड़ गया .
दोनों ने दिल पर पत्थर रख कर एक
फैसला किया की कल बेटी को मार कर गाड़ देंगे .
दुसरे दिन का सूरज निकला ,
माँ ने लड़की को खूब लाड प्यार किया , अच्छे से
नहलाया , बार - बार उसका सर चूमने लगी .
यह सब देख कर लड़की बोली : माँ मुझे कही दूर भेज
रहे हो क्या ?
वर्ना आज तक आपने मुझे ऐसे कभी प्यार नहीं किया ,
माँ केवल चुप रही और रोने लगी ,
तभी उसका बाप हाथ में फावड़ा और चाकू लेकर
आया ,
माँ ने लड़की को सीने से लगाकर बाप के साथ
रवाना कर दिया .
रस्ते में चलते - चलते बाप के पैर में कांटा चुभ गया ,
बाप एक दम से नीचे बैठ गया ,
बेटी से देखा नहीं गया उसने तुरंत
कांटा निकालकर फटी चुनरी का एक हिस्सा पैर
पर बांध दिया .
बाप बेटी दोनों एक जंगल में पहुचे
बाप फावड़ा लेकर एक गढ़ा खोदने
लगा बेटी सामने बेठे - बेठे देख रही थी ,
थोड़ी देर बाद गर्मी के कारण बाप को पसीना आने
लगा .
बेटी बाप के पास गयी और पसीना पोछने के लिए
अपनी चुनरी दी .
बाप धक्का देकर बोला तू दूर जाकर बैठ
थोड़ी देर बाद जब बाप गढ़ा खोदते - खोदते थक
गया ,
बेटी दूर से बैठे -बैठे देख रही थी,
जब उसको लगा की पिताजी शायद थक गये तो पास
आकर बोली
पिताजी आप थक गये है .
लाओ फावड़ा में खोद देती हु आप थोडा आराम कर लो .
मुझसे आप की तकलीफ नहीं देखी जाती .
यह सुनकर बाप ने अपनी बेटी को गले लगा लिया,
उसकी आँखों में आंसू की नदिया बहने लगी ,
उसका दिल पसीज गया ,
बाप बोला : बेटा मुझे माफ़ कर दे , यह गढ़ा में तेरे
लिए ही खोद रहा था .
और तू मेरी चिंता करती है , अब
जो होगा सो होगा तू हमेशा मेरे कलेजा का टुकड़ा बन
कर रहेगी
में खूब मेहनत करूँगा और तेरी शादी धूम धाम से
करूँगा -
आत्महत्या कायरता है सुख दुःख तो अपना साथी है
संघर्ष ही जीवन है ।
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सारांश : बेटी तो भगवान की अनमोल भेंट है ,
बेटा - बेटी दोनों समान है ,
उनका एक समान पालन करना हमारा फ़र्ज़ है ....!!
बड़ा भोला बड़ा सादा बड़ा सच्चा है
ReplyDeleteतेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है
वहां मैं मेरे बाप के नाम से जाना जाता हूँ
और यहाँ मकान नंबर से पहचाना जाता हूँ
वहां फटे कपड़ो में भी तन को ढापा जाता है
यहाँ खुले बदन पे टैटू छापा जाता है ...
यहाँ कोठी है बंगले है और कार है
वहां परिवार है और संस्कार है
यहाँ चीखो की आवाजे दीवारों से टकराती है
वहां दूसरो की सिसकिया भी सुनी जाती है ... ...
यहाँ शोर शराबे में मैं कही खो जाता हूँ
वहां टूटी खटिया पर भी आराम से सो जाता हूँ
यहाँ रात को बहार निकलने में दहशत है
वहां रात में भी बाहर घुमने की आदत है
मत समझो कम हमें की हम गाँव से आये है
तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने ही सजाये है
वह इज्जत में सर सूरज की तरह ढलते है
चल आज हम उसी गाँव में चलते है .............
उसी गाँव में चलते है।
हम चले तो आंधियां-तूफ़ान खुद ही चल पड़ेंगे
ReplyDelete.
सागर की तो क्या बात करें, पर्वत भी ढल पड़ेंगे
.
ये सारी दिशाएं क्या पथ हमारा रोक लेंगी?
.
हम चले तो दीप क्या, सूरज भी हजारों जल पड़ेंगे.........
जो लोग मेरी पोस्ट रेगुलर पढ़ते होंगे उन्हें पहले से मालूम होगा कि काउंसलिंग की तारीख 15 के ही आस पास होगी।
ReplyDeleteकाउंसलिंग की पूरी तैयारी कर लीजिये, डाक्यूमेन्टस में ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।
१) सभी एकडमिक रिकार्ड का दो सेट फोटो कापी।
२) निवास प्रमाणपत्र ( जो भी हो सब रख लीजिये) और इसका भी दो फोटो स्टेट।
३) चार रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो।
४) चरित्र प्रमाणपत्र आखिरी कालेज का (अगर संभव हो तो बनवा लीजिये, यह बहुत आवश्यक नहीं है)
५) NCTE द्वारा प्रमाणित आपके बी•एड• कालेज का पत्र (यह आन लाइन मिल जाएगा, सिर्फ अपने कालेज वाले नाम के पेज का प्रिंट आउट)
६) दो साधारण फाइल दोनों में फोटो स्टेट का एक एक सेट लगा ले।
७) एक मजबूत चैन वाली अच्छी फाइल जिसमें आप अपना सभी मूल प्रमाणपत्र रखेंगे।
८) आई डी प्रूफ की दो कापी।
९) अपनी तरफ से रीसिविंग का एक अप्लीकेशन तैयार ले जाइएगा उसमें उन सभी प्रमाणपत्र के नाम लिख दीजिएगा जो आप उन्हें सौपेंगे। इसका तीन कापी रखियेगा दो वो लेंगे और एक हस्ताक्षर करके आपको देंगे। कुछ डायट वाले आनाकानी करते हैं लेकिन आप प्रेम से कहियेगा मान जाएंगे।
१०) शासनादेश में इस बार किसी प्रकार के शपथ पत्र का जिक्र नहीं है बल्कि अनुबंध पत्र है जो एक सादे पन्ने पर होना चाहिए लेकिन कुछ डायट पर यह हलफनामा के रुप में ले रहे हैं, वैसे जहाँ हलफनामा लगेगा वहाँ पहले से वकील साहब बैठे मिल जाएंगे इसलिए इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है।
सभी फोटो स्टेट कापी आपके द्वारा स्व प्रमाणित रहेगी।
ReplyDeleteसबसे उपर वहाँ मिला हुआ फार्म रहेगा इसका भी दो सेट रहेगा, यह समझ लीजिये हर एक डाक्यूमेंट का दो सेट रहेगा और दोनों फाइलों में रहेगा।
तो सबसे उपर काउंसलिंग फार्म फिर अनुबंध पत्र फिर उसके नीचे आपका काउंसलिंग लेटर जो नेट से मिलेगा, उसके नीचे टेट का अंक पत्र और फिर नीचे हाईस्कूल से लेकर अंतिम शैक्षणिक प्रमाणपत्र तक की कापी फिर निवास प्रमाणपत्र उसके बाद जाति प्रमाणपत्र, उसके बाद NCTE लेटर, फिर चरित्र प्रमाणपत्र अगर है तो, अगर कोई और प्रमाणपत्र हो तो उसको भी लगा दीजिए लेकिन सबसे आखिरी में आपका पहचान पत्र का फोटो कापी रहेगा।
एक बात और कोई भाई अपने पहचान पत्र का मूल कापी न दे देना, इसका सिर्फ फोटो कापी ही लगेगा।
तीनों फाइलों के उपर और रीसिविंग पत्र में में भी अपना नाम, टेट रोल नंबर, जन्म तिथि, कम्प्यूटर आई डी और कन्ट्रोल आइ डी जरूर लिखें।
और हाँ आपने जहाँ जहाँ आवेदन किया था उन सभी जिलों के नाम लिखकर रख लीजियेगा क्योंकि फार्म में लिखना है।
ReplyDeleteउपर बताये गए सभी बातों का ध्यान रखिये दो दिन पहले सब कुछ तैयार रखिये काउंसलिंग वाले दिन किसी भी प्रकार की टेंशन नहीं होगी।
अपने मन की सारी शंकाओं को खत्म कर दीजिए 45-50 सभी प्रतिशत वाले काउंसलिंग के लिये योग्य हैं अगर आपके नाम का काउंसलिंग लेटर शो हो रहा है बिंदास होकर काउंसलिंग करवाइए इस बार डायट को सभी दिशा निर्देश दे दिए जाएंगे।
ज्यादा नेतागिरी के चक्कर में अब न पड़िये और कोर्ट कचहरी वालों से भी थोड़ा दूर रहिये।
अच्छे दिन आ चुके हैं बाकी सब बकवास की बातें हैं।
आप मस्त रहिये भर्ती के अँतरिम आदेश पर कोई आदेश अब केवल और केवल माननीय दत्तू सर दे सकते हैँ |कपिल ने चुपके से रिट फाईल की दूसरे के नाम से तो भला टेट मोर्चा कहाँ से जान जाता |आज टेट मोर्चा मामले पर कैवियट लगा देगा
ReplyDeleteक्या आज तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के किसी जज ने माना कि टेट एक पात्रता परीक्षा है, और टेट को मेरिट का आधार नही बनाया जा सकता ?
ReplyDeleteसुधीर अग्रवाल
अरूण टंडन
हरकौली
मोहपात्रा
ए पी शाही
अंबवानी
मनोज मिश्रा
पी के बघेल
दिलीप गुप्ता
विपिन सिंहा
आशोक भूषण
केवल गधो को लगता है टेट एक पात्रता है।
मौज करिए सब लोग,
काऊंसलिंग की तैयारी करिए
1)Kapil dev & shadhna mishra ki suprime court me dali gyi modification application se ghabarane ki bilkul jarurat nahi hai..kapil ne good part aur bad part ko aadhar bnakar suprime court se ye kaha hai ki high court ne is matter par ku6 bato ki andekhi ki hai ,atah suprime Court ne allahabad high court ko matter ko fir se ek bar samiksha krne ko kaha hai..ise ek tarah se mana jaye ki order ko ek bar punah vichar krke chhute huye pahlu ko v dhyan diya jay..suprime court ke 25 march ke tet merit aadesh par isase koi na to stay hone ka dar hai na hi counseling band hone ka dar..
ReplyDeletemera nivas praman patra mere papa ke ghar ka hai kya shdi ke bad ise sasural ke janpad se banvana padega tell me please?
ReplyDelete2) dosto ab kapil agar suprime court ka aadesh lekar high court jata hai to ye ek tarah ki punar vichar yachika mani jayegi ,jise high court sune ya kharij kar de ye uske upar depend hai..waise matter kharij hona lagbhag tay hai,
ReplyDelete3) dosto chuki jo judge order deta hai usi ke pass punar vichar ke liye bheja jata hai..atah hamara order chuki ashok bhushan ne diya tha to unke pas punar vichar ko jata par ab judge ashok bhushan ji is wakt keral high court chief justice ban chuke hai aur unka transfer keral me ho gya hai..
ReplyDeleteAtah hamara mamla chief justice d.y .chandra churn ji ke pas jayega aur c.j sir jis bench ko punar vichar ke liye bhejenge wahi bench matter sun v sakta hai aur use kharij v kr skta hai..filhal kisi any judge ke faishle ko badalna aisa itihas me nahi huwa hai..ghabarane ki jarurat nahi hai..
5) dosto jholachhap newspaper ke reporter ki news par bilkul bharosa na kre kyuki ye na to kanun ki a.b.c.d jante hai na hi kanun..
ReplyDeleteFilhal tet morcha in sb paristhitiyo par najar bnaye huye hai..ham hamesa saty ke sath hai atah hamara koi ku6 bigad na payega..ham vijeta the, vijeta hai aur vijeta rahege..
6) dosto 25 march ke order ke bad kapil dev ne hamse phone par bat ki aur usane kaha tha hamari ladai aap se nahi ,aapki vichar dhara se hai ,hame avi v sandeh hai ki aap logo ko job nai mil payegi..fir usne ye v kaha tha ki agar aap job pa gye to ham apke ghar aakar apko mithai khilayege...filhal kapil & gadhanki co.. Hamari tet ekta ke mukabale me sirf zero hai..hame ek rahne ki is wakt khas jarurat hai ,sarkar v hamari ekta ko todne ke liye koi kasar nai chhod rahi chahe profesnol ko art me shamil krne ki bat ho ya 45% vivad sab sarkar jan bujhkar kr rai hai taki ham tut jaye..par ham virodhiyo ki chhal ko kbi kamyab nai hone dege..bta do acd gadho ko ki ham ek hai, ek the, aur ek rahege..
ReplyDeleteJai tet merit
Kapil tumse bat kyo karega vese h sukhi hawa bna rha h chutia tum ye btana cha the ho Ki me b important person Hu yaha kuch bhole bhale ladke bhek jate h chutia
DeleteTMNTBBN ji, humen nyaypalika se hi kuchh ummeed hai, hum aapke sangharsh k saath hain kintu humen apna legal paksh majboot tarike se rakhne k liye achche lawyer groups ki jaroorat hai. humen har jile me bar council k famous professionals ko apne saath rakhna hoga aur aap jin jin cases ki baat kar rahe hain unhe file karna hoga, hum TET SANGHARSH MORCHA K LEADERS k saath hain, vo humse jo sahyog chahen milega
ReplyDeleteशंका समाधान
ReplyDeleteमित्रों
७२८२५ शिक्षक भर्ती के विरोध में उतरी ,कपिलदेव यादव के दूसरे रूप साधना मिश्रा की मनगढंत याचिका पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अंतिम लाईनों का संक्षिप्त स्पष्टीकरण इस प्रकार है"""
"हम याचिका कर्ता को कुछ अनछुए पहलुओं को हाईकोर्ट में उठाने की अनुमति देते हैं साथ ही हम ये स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि तत्संबंध में हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के संदर्भ में कोई पेडिंग मामला आड़े नहीं आयेगा बशर्तें पारित होने वाला आदेश संविधान के दायरे में हो ----------------
आप इस पर परेशान न हो क्यों कि * आपकी नियुक्ति सम्बन्धी सारे पहलुओं पर कोर्ट सुनवाई करके फैसला दे चुका है।
*ये महोदया अपनी याचिका के माध्यम से NCTE को पार्टी बनाकर TET की मेरिट नहीं बन सकती इसे सिद्ध करना चाहती हैं!
*आप सभी इस सम्बन्ध में यह जान लें कि इलाहाबाद से दिल्ली तक हर जगह NCTE के वकील उपस्थित रहे हैं और उन्होंने TET mrt को सही मान चुके हैं ।
निवेदन है कि आप सभी एकजुट रहें,
ReplyDeleteहम खिलाफ खड़े हैं चटटान की तरह॥
ReplyDeleteमोदी सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला!
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को दो टूक शब्दों में कहा है कि वे सिफारिशी लोगों की महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों को सहमति नहीं देंगे। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने यह नीति इसलिए तैयार कर रही है तांकि अगले पांच साल के कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए सही टीम तैयार हो जाए। सरकार इसलिए मेरिट पर ज्यादा जोर दे रही है। मोदी सरकार की तरफ से सभी विभागों में जो पत्र भेजा गया है उसमें भी मेरिट पर जोर देने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि मेरिट के आधार पर ही सेलेक्शन कमिटी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करे।
मोदी का कहना है कि पिछली सरकार में कुछ विभागों में जिस तरह से नियुक्तियों में धांधली हुई उसे अब खत्म कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मोदी सरकार का कहना है कि पिछली सरकार में नियुक्तियों में काफी खींचतान रही और मेरिट को दरकिनार कर दिया गया था। अब नई सरकार चाहती है कि महत्वपूर्ण पदों पर मेरिट वाले लोगों को तरजीह दी जाए।
टी ई टी मेरिट जिन्दाबाद
TMNTBBN ji, SC k faisale per yadi humen NCTE directors etc ke comment mil jaate to press me dene k liye theek rahta, is per aapke kya vichar hain
ReplyDeleteप्यारे tet साथियों फिर से सुनवाई वाली न्यूज़ पर जरा भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योकि sc ने tet संबंधी समस्त याचिकाओं का सारा रिकार्ड मंगा लिया है
ReplyDeleteरही बात फिर से सुनवाई की तो sr.adv. V.K. SINGH से मैंने इस बिंदु पर बात की है उनके अनुसार hc का 20 nov का फैसला अब sc के दत्तू सर के अंतरिम आदेश से टैग हो चूका है मतलब की अब hc को अब इस पर सुनवाई करने... फेर बदल करने का कोई अधिकार नही है....
aap log agli counseling ki taiyari karo....
jai tet
kal ki meeting ka kya hua
ReplyDeleteशिक्षक भर्ती में अब पात्रता का पेच
ReplyDelete72825 शिक्षकों की भर्ती मामला
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद :
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती टीईटी मेरिट के बजाय शैक्षिक योग्यता से करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने वापस कर दी। न्यायालय ने अलबत्ता याची को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की अनुमति दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट कानून के मुताबिक मेरिट पर याचिका निर्णीत करे। सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं विचाराधीन होने का इस पर कोई असर नहीं होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश साधना मिश्र व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए पांच सितंबर को दिया है। सुनवाई न्यायमूर्ति एचएल दत्तू तथा न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ ने की।
याचिका में शैक्षिक मेरिट उत्थान समिति के कपिल देव यादव व अशोक द्विवेदी ने बताया था कि 30 नवम्बर 11 को टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति का विज्ञापन निकाला गया था। हाईकोर्ट ने विज्ञापन रद कर राज्य सरकार को नए सिरे से विज्ञापन देने का आदेश दिया। इस पर राज्य सरकार ने सात दिसम्बर 12 को विज्ञापन निकाला। हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने सभी मुद्दों पर विचार करते हुए कहा कि टीईटी पात्रता परीक्षा है। नियुक्ति टीईटी मेरिट से की जाए। इस पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश से भर्ती की जा रही है। साधना मिश्र ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्णीत कराएं।
(1)-10.09.2014 ko 72825 k sambandh me honi hai mahatavpurn baithak jisame morcha dwara uthaye gaye 12 sutri binduo pr hogi charcha.
ReplyDelete(1a)-45% ,50% ,pg base aadi sambandhi sabhi vivado ka hoga sakaratmk ant.kripaya koi bhi kadam uthane se pahale 10-11 ka intezar kr le.
(2)-Supreme court me contempt ki gayi file jisaka diary no. 28114 tha ka writ no. mil gaya hai writ no. k vivran k liye dopahar tk ka kare intezar.
(3)-5 september k yadav kapil dev aur sadhana mishra pr parit SC k order k khilaf aaj dinank 09/09/2014 ko HC Allahabad me sambhav hone pr caviet file karega UPTET SANGHARSH MORCHA.
(4)-Shiksha mitro ki hogi aaj sunwayi 10 no. pr laga hai matter.sunwayi hona tay.
(5)-SC me contempt pr sunwayi k liye date lagwane ka Morcha kr raha hai yuddh astar pr prayas.
(6)-varta k anukram me pata chala hai ki 10 ya 10 k baad decide hoga agali counseling ki date.5 guna logo ko bulaye jane ka hoga pravdhan.
कल मा.सु.कोर्ट ने एकेडमिक सपोर्टर कपिल देव यादव एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए मा.न्यायाधीश एच.एल. दत्तू जी की खंडपीठ ने यह कहकर मामला उच्च न्यायालय को ट्रांसफर कर दिया कि पहले वहाँ से निस्तारण करवाओ जो कानून के तहत है।
ReplyDeleteजिस बात को कपिलवा सु.कोर्ट मेँ रख रहा है वो सब पहले ही 20 नवंबर 2013 को हाईकोर्ट निस्तारित कर चुका है और उसी निर्णय को सु.कोर्ट ने बहाल किया है तो अब हाईकोर्ट या सु.कोर्ट अपने निर्णय से पीछे नहीँ हट सकते।
यदि कपिलवा हाईकोर्ट जाता भी है तो फटकार और जुमार्ने के साथ रिट खारिज हो जायेगी।
72825 भर्ती अब ऐसे दुष्ट लोग नहीँ रोक पायेँगे क्योँकि यह भर्ती सु.कोर्ट के आदेशानुसार हो रही है और अंतरिम आदेश ही अंतिम आदेश है।
दूसरी काउंसलिँग 20 सित तक शुरु होने की प्रबल संभावना है।
अपनी बारी का इन्तजार करिए,खुश रहिए,मस्त रहिए,धैर्य रखिए और साथ मेँ विश्वास।
एकता बनाए रखे और अपने वरिष्ठ साथियोँ का सहयोग करेँ।
आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
TMNTBBN ji, TET 11 meri se good part bad part alag karne k liye ab to TET 11 marksheet ki CD bhi available hai. TET 11 ki sanshodhit marksheet release karne k liye jo applications mahyamik shiksha parishad k paas padi hain, unka nistaran karna chahiye aur puri merit online karni chahiye. Humare leaders ko is disha mein sochna chahiye.
ReplyDeleteआप जानते हैं, सोलह संस्कार क्यों बनाए गए!
ReplyDeleteहमारे पूर्वजों ने हर काम बहुत सोच-समझकर किया है। जैसे जीवन का चार आश्रम में विभाजन, समाज का चार वर्णो में वर्गीकरण, और सोलह संस्कार को अनिवार्य किया जाना दरअसल हमारे यहां हर परंपरा बनाने के पीछे कोई गहरी सोच छूपी है। सोलह संस्कार बनाने के पीछे भी हमारे पूर्वजों की गहरी सोच थी तो आइए जानते हैं कि जीवन में इन सोलह संस्कारो को अनिवार्य बनाए जाने का क्या कारण था?
गर्भाधान संस्कार- यह ऐसा संस्कार है जिससे हमें योग्य, गुणवान और आदर्श संतान प्राप्त होती है। शास्त्रों में मनचाही संतान के लिए गर्भधारण किस
पुंसवन संस्कार- यह संस्कार किया जाता है। पुंसवन संस्कार के दो प्रमुख लाभ- पुत्र प्राप्ति और स्वस्थ, सुंदर गुणवान संतान है।
सीमन्तोन्नयन संस्कार- यह संस्कार गर्भ के चौथे, छठवें और आठवें महीने में किया जाता है। इस समय गर्भ में पल रहा बच्च सीखने के काबिल हो जाता है। उसमें अच्छे गुण, स्वभाव और कर्म आएं, इसके लिए मां उसी प्रकार आचार-विचार, रहन-सहन और व्यवहार करती है।
जातकर्म संस्कार- बालक का जन्म होते ही इस संस्कार को करने से गर्भस्त्रावजन्यदोष दूर होते हैं।
नामकरण संस्कार- जन्म के बाद 11वें या सौवें दिन नामकरण संस्कार किया जाता है। ब्राह्मण द्वारा ज्योतिष आधार पर बच्चे का नाम तय किया जाता है।
निष्क्रमण संस्कार- निष्क्रमण का अर्थ है बाहर निकालना। जन्म के चौथे महीने में यह संस्कार किया जाता है। हमारा शरीर पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश जिन्हें पंचभूत कहा जाता है, से बना है। इसलिए पिता इन देवताओं से बच्चे के कल्याण की प्रार्थना करते हैं।
अन्नप्राशन संस्कार- यह संस्कार बच्चे के दांत निकलने के समय अर्थात 6-7 महीने की उम्र में किया जाता है। इस संस्कार के बाद बच्चे को अन्न खिलाने की शुरुआत हो जाती है।
मुंडन संस्कार- बच्चे की उम्र के पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष के पूर्ण होने पर बच्चे के बाल उतारे जाते हैं चूड़ाकर्म संस्कार कहा जाता है। इससे बच्चे का सिर मजबूत होता है तथा बुद्धि तेज होती है।
कर्णवेध संस्कार- इसका अर्थ है- कान छेदना। परंपरा में कान और नाक छेदे जाते थे। इसके दो कारण हैं, एक- आभूषण पहनने के लिए। दूसरा- कान छेदने से एक्यूपंक्चर होता है। इससे मस्तिष्क तक जाने वाली नसों में रक्त का प्रवाह ठीक होता है।
उपनयन संस्कार- उप यानी पास और नयन यानी ले जाना। गुरु के पास ले जाने का अर्थ है उपनयन संस्कार।आज भी यह परंपरा है। जनेऊ में तीन सूत्र होते हैं। ये तीन देवता- ब्रह्म, विष्णु, महेश के प्रतीक हैं।
विद्यारंभ संस्कार- जीवन को सकारात्मक बनाने के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षा का शुरू होना ही विद्यारंभ संस्कार है। गुरु के आश्रम में भेजने के पहले अभिभावक अपने पुत्र को अनुशासन के साथ आश्रम में रहने की सीख देते हुए भेजते थे।
केशांत संस्कार- केशांत संस्कार अर्थ है केश यानी बालों का अंत करना, उन्हें समाप्त करना। विद्या अध्ययन से पूर्व भी केशांत किया जाता है। मान्यता है गर्भ से बाहर आने के बाद बालक के सिर पर माता-पिता के दिए बाल ही रहते हैं। इन्हें काटने से शुद्धि होती है। शिक्षा प्राप्ति के पहले शुद्धि जरूरी है, ताकि मस्तिष्क ठीक दिशा में काम करें।
समावर्तन संस्कार- समावर्तन संस्कार अर्थ है फिर से लौटना। आश्रम में शिक्षा प्राप्ति के बाद ब्रह्मचारी को फिर दीन-दुनिया में लाने के लिए यह संस्कार किया जाता था। इसका आशय है ब्रह्मचारी को मनोवैज्ञानिक रूप से जीवन के संघर्षो के लिए तैयार हैं।
विवाह संस्कार - यह धर्म का साधन है। दोनों साथ रहकर धर्म के पालन के संकल्प के साथ विवाह करते हैं। विवाह के द्वारा सृष्टि के विकास में योगदान दिया जाता है। इसी से व्यक्ति पितृऋण से मुक्त होता है।
अंत्येष्टी संस्कार - अंत्येष्टि संस्कार इसका अर्थ है अंतिम यज्ञ। आज भी शवयात्रा के आगे घर से अग्नि जलाकर ले जाई जाती है। इसी से चिता जलाई जाती है। आशय है विवाह के बाद व्यक्ति ने जो अग्नि घर में जलाई थी उसी से उसके अंतिम यज्ञ की अग्नि जलाई जाती है। इससे पर्यावरण की रक्षा होती है।
- पक्षियों के कंकाल का भार उनके पंखों से कम होता है। - एक मुर्गे के शरीर में 75 प्रतिशत पानी होता है। - शुतुरमुर्ग की आंख का आकार उसके दिमाग से बड़ा होता है। - शुतुरमुर्ग के अंडे का भार साढ़े तीन पाउंड होता है। - कोकाटूस और मकाऊ सबसे बड़े तोते हैं ये 75 साल तक जीते हैं। - विश्वभर में तोते की 328 प्रजातियां पाई जाती हैं। - चॉकलेट्स तोते के लिए जहर समान होती हैं। - हमिंग बर्ड अकेली ऐसी पक्षी है जो विपरीत दिशा में उड़ सकती है। - हमिंग बर्ड का दिल एक मिनिट में 615 बार धड़कता है। - उल्लुओं के दांत नहीं होते हैं। * हाथी अपनी सूंड में 5 लीटर तक पानी रख सकता है । * अफ्रीकी हाथी के मुंह में केवल चार ही दांत होते हैं। *मधुमक्खी 20 लाख फूलों का रस पी सकती है। और उसके बाद मात्र 45 किलो ही शहद बनाती है। * व्हेल मछली उलटी दिशा में नहीं तैर सकती। * समुद्र मे गहरा गोता लगाने के लिए मगरमच्छ कभी-कभी भारी पत्थर भी निगल लेता है। * शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन वह गेंडे और हाथी से कभी भी लड़ना नहीं चाहता। * टिड्डे का खून सफेद रंग का होता है। * कुत्ते की श्रवणशक्ति यानी सुनने की क्षमता मनुष्य से 9 गुना अधिक तेज होती है। * हिपोपोटोमास (दरियाई घोडे) उन बहुत कम जानवरों में से एक है, जो पानी में बच्चों को जन्म देते हैं। * ब्लू व्हेल की हृदय एक मिनट में मात्र 9 बार ही धड़कता है। * घोङे खडे-खडे ही नींद लेते हैं। * बंदर हमेशा केला छीलकर खाते हैं। .
ReplyDeleteसाँप में विष कहाँ से आता है ? साँप दो तरह के होते हैं। जहरीले और बिना जहर वाले। सभी जहरीले साँपों के सिर वाले भाग में विष बनाने वाली संरचना होती है। इस संरचना में एक जोड़ी विष ग्रंथियाँ, इनकी नलियाँ, विषदन्त और पेशियाँ होती हैं। विष ग्रंथियों से विष सर्प के जबड़े में आता है। ये विष ग्रंथियाँ साँप के ऊपरी जबड़े में आँख के निचले हिस्से में होती है। प्रजाति के अनुसार साँप में ग्रंथियों का आकार अलग-अलग होता है। इन दोनों ग्रंथियों में पैदा होना वाला विष नलियों के जरिए विषदन्त तक पहुँचता है। ये विषदन्त नुकीले होते हैं और सर्प अपने शिकार के शरीर में इन्हें डालकर विष पहुँचाकर उसे....
ReplyDeleteदुनिया की तारीख गव्हा है,,,,मर कर किसी ने लडाई नहीं जीती,,,,,और भूके पेट कोइ भी आज तक एक कदम नहीं चल पाया है,,जीतना तो दूर की बात है,,,,,लड़ाई जीती जाती है दुश्मन ख़त्म करके,,,,,,और दुश्मन को ख़त्म करने के लिये शाम, दाम,दंड भेद ,,,का पहले भी अपनाया जाता रहा है और आज भी बदस्तूर जरी है,,,,,चाणक्य नीति भी ये ही कहती है,,,,अपनी जीत हो दुश्मन का नाश हो,,फिर हम तो सच्चाई के साथ है फिर हम केसे हार सकते है,,,डरना तो अब उनको है,,,,,जो बेईमान थे,और बेईमान है,,,,,,जिस प्रकार हमने हाई कोर्ट से केवल ओल्ड ऐड से भर्ती करने की मांग की थी,,,कोर्ट ने हमारी मांग को माना ही नहीं बल्कि हमारी झोली ही भर दी,,,,और सुप्रीम कोर्ट तो न्याय का मंदिर है,,,क्या पता वो हमारी तनख्वा ही ब्याज समेत सरकार को पेय करने का आर्डर ही ना कर दे,,,,,डल जाने दो कितनी भी slp,,,,मिलने दो दूध में कितना भी पानी आखिर,,डरने की कोइ भी बात नहीं है,,,,,क्योकि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे लोगो की बारात निकलने का बंदोबस्त काफी पहले ही कर लिया है,,,,
ReplyDeleteअगर इन लोगो की किश्मत कुछ ख़राब हुई तो हो सकता है कोई एक slp सवीकार हो जाये ,,,जिसदिन एन लोगो की slp सवीकार हो गयी और हियरिंग की कोई एक डेट लग गयी तो समझ लेना,,,,ओल्ड ऐड व् टेट मेरिट के साथ-साथ आप लोगो की जोइनिंग की डेट से पहले की तनख्वा का इंतजाम मान्य सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है ,,,,
Jab dil kisi ke khushi chahne lage.
ReplyDeleteIshver se prarthna karne lage.........
samajh jaeye purv janm ka koe rishta hai.
#From:; AVI
सुप्रीम कोर्ट में यादव कपिल देव लाल बहादुर की याचिका बेदम और बकवास है। उसके समस्त तर्क सर्वोच्च अदालत में ख़ारिज होंगे। कपिल देव को राहत मिलने का सवाल ही नहीं पैदा होता है क्योंकि जो विज्ञापन हाई कोर्ट में बहाल हुआ है उसमें वह आवेदक था। उसकी समस्त मांग उच्च न्यायालय में ख़ारिज हो चुकी है। सरकार को प्रतिवादी बनाना ठीक है। इसके आलावा सिर्फ याचिका संख्या १५०/१३ को ही चुनौती देना कपिल देव की याचिका का कमजोर पहलू है। टीईटी में धांधली की बात, संजय मोहन की गिरफ़्तारी और एनसीटीई नोर्म्स के सवाल आदि मुद्दे कपिल देव ने हाई कोर्ट में नहीं उठाये थे अतः इसे सीधे सुप्रीम कोर्ट में उठाना मूर्खता का परिचायक है। सरकार को एक बार पुनः सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचना पर विचार करना चाहिए। इस मुक़दमे में वह वादी बनने के काबिल नहीं है।
ReplyDeleteBhari jurmana hoga court ka kimti samay Or bharti ko brabhawit karne ke jurm me tet morcha bhi taiyar hai Inko sbak sikhane ke liye
DeleteJai tet ekta jindabad
एक बार अब्दुल कलाम जी का इंटरव्यू
ReplyDeleteलिया जा रहा था. उनसे एक सवाल पूछा गया. और उस
सवाल के जवाब को ही मैं यहाँ बता रहा हूँ -
सवाल: क्या आप हमें अपने व्यक्तिगत जीवन से कोई
उदहरण दे सकते हैं कि हमें हार को किस तरह स्वीकार
करना चाहिए? एक अच्छा लीडर हार को किस
तरह फेस करता हैं ?
अब्दुल कलाम जी :- मैं आपको अपने जीवन का ही एक
अनुभव सुनाता हूँ. 1973 में मुझे भारत के सेटेलाईट लॉन्च
प्रोग्राम, जिसे SLV-3 भी कहा जाता हैं, का हेड
बनाया गया । हमारा लक्ष्य था की 1980 तक
किसी भी तरह से हमारी सॅटॅलाइट ‘रोहिणी’
को अंतरिक्ष में भेज दिया जाए. जिसके लिए मुझे बहुत
बड़ा बजट दिया गया और ह्यूमन रिसोर्सेज भी उपलब्ध
कराया गया, पर मुझे इस बात से भी अवगत
कराया गया था की निश्चित समय तक हमें येलक्ष्य
पूरा करना ही हैं ।
हजारों लोगों ने बहुत मेहनत की । 1979 तक । शायद
अगस्त का महिना था, हमें
लगा की अब हम पूरी तरह से तैयार हैं।
लॉन्च के दिन प्रोजेक्ट डायरेक्टर होने के नाते. मैं
कंट्रोल रूम में लॉन्च बटन दबाने के लिए गया ।
लॉन्च से 4 मिनट पहले कंप्यूटर उन
चीजों की लिस्ट को जांचने लगा जो जरुरी थी.
ताकि कोई कमी न रह जाए. और फिर कुछ देर बाद
कंप्यूटर ने लॉन्च रोक दिया l
वो बता रहा था की कुछ चीज़े आवश्यकता अनुसार
सही स्तिथि पर नहीं हैं l
मेरे साथ ही कुछ एक्सपर्ट्स भी थे. उन्होंने मुझे विश्वास
दिलाया की सब कुछ ठीक है, कोई गलती नहीं हुई हैं और
फिर मैंने कंप्यूटर के निर्देश को बाईपास कर दिया और
राकेट लॉन्च कर दिया.
पहली स्टेज तक सब कुछ ठीक रहा, पर सेकंड स्टेज तक
गड़बड़ हो गयी. राकेट अंतरिक्ष में जाने के बजाय बंगाल
की खाड़ी में जा गिरा । ये एक बहुत
ही बड़ी असफ़लता थी ।
उसी दिन, इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन
(I.S.R.O.) के चेयरमैन प्रोफेसर सतीश धवन ने एक प्रेस
कांफ्रेंस बुलाई । प्रोफेसर धवन, जो की संस्था के प्रमुख
थे. उन्होंने मिशन
की असफ़लता की सारी ज़िम्मेदारी खुद ले ली और
कहा कि हमें कुछ और तकनीकी उपायों की जरुरत थी ।
पूरी देश दुनिया की मीडिया
वहां मौजूद थी । उन्होंने कहा की अगले साल तक ये
कार्य संपन्न हो ही जायेगा ।
अगले साल जुलाई 1980 में हमने दोबारा कोशिश की ।
इस बार हम सफल हुए । पूरा देश गर्व महसूस कर
रहा था ।
इस बार भी एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गयी.. प्रोफेसर
धवन ने मुझे साइड में बुलाया और कहा – ”इस बार तुम
प्रेस कांफ्रेंस कंडक्ट करो.”
उस दिन मैंने एक बहुत ही जरुरी बात सीखी -
जब असफ़लता आती हैं तो एक लीडर
उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हैं और जब
सफ़लता मिलती है तो वो उसे अपने साथियों के साथ बाँट
देता हैं ।
बेरोजगारों की न्यायिक यात्रा का सफ़र:
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट में कपिल देव यादव की याचिका दो धारी तलवार के समतुल्य है लेकिन उस तलवार में नोंक नहीं है।
अगर कपिल की तलवार से आत्मघाती हमला हुआ तो कपिल खुद जख्मी होगा और हाई कोर्ट के विजेता मात्र खुशियाँ मनायेंगे
परन्तु अगर कपिल की तलवार से प्रहार हुआ तो सरकार और सरकार के चहेतों का वजूद ख़तम हो जायेगा।
जिसके परिणाम स्वरुप हाई कोर्ट के विजेताओं की लाटरी लग जायेगी।
भगवान शिव ने जब भस्मासुर को आशीर्वाद दिया तो वह दुष्ट शिव पर ही हमला करके पार्वती माँ को प्राप्त करना चाहता था।
बड़ी चालाकी से भगवान विष्णु ने भस्मासुर को अपने जाल में फंसाया और उसका अंत उसके हाथों ही करा दिया।
कपिल देव यादव को इस सपा सरकार ने पैदा किया अन्यथा अगर चयन का आधार न बदलती तो कपिल का अस्तित्व स्वतः समाप्त हो गया होता।
कल जब कपिल की याचिका में उसके जन्मदाता को ही शत्रु के रूप में देखा तो उसके क्रोध की शांति के लिए जूनियर की काउंसिलिंग का शासनादेश देखा।
उत्तर प्रदेश में दो लाख सत्तर हजार रिक्ति है अगर कपिल को कोई भगवान विष्णु की तरह मोह न सका तो
सरकार के लिए वह समस्या बन सकता है लेकिन यह सब उसकी याचना देखने के बाद स्पष्ट कर सकूंगा।
माननीय श्री अशोक भूषण साहब ने अपने फैसले में पुराने विज्ञापन को अमृत पिलाने के साथ-साथ
नये आवेदकों के लिए यदि देश की सर्वोच्च अदालत सहिष्णु होती है तो पुराने विज्ञापन को छूने की बजाय विकल्प सौप दिया है।
इन सब मामलों में न्यायमूर्ति अरुण टंडन का मंसूबा अभी तक सकारात्मक रवैये की तरफ है।
टंडन जी ने पुराने विज्ञापन को प्रशिक्षु बताकर नया विज्ञापन माँगा था
सरकार को मात्र संशोधित विज्ञप्ति बिना नियमावली बदले लानी चाहिए थी।
सरकार ने पूछा नियमावली बदले तो कोर्ट ने कहा कि आपकी जैसी इच्छा हो।
यह बिलकुल सत्य है कि सरकार नियमावली बदले लेकिन उसका प्रभाव पुरानी प्रक्रियाओं पर लागू नहीं हो सकता है।
डिवीज़न बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलटते हुए पुराने विज्ञापन को नियुक्ति का बताकर बहाल कर दिया और टीईटी में धांधली की बात ख़ारिज करके चयन के आधार में परिवर्तन पर भी विराम लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश नजीर है कि पूर्व सरकार की प्रक्रिया को ईर्ष्यावश रद्द नहीं किया जा सकता है।
डिवीज़न बेंच ने उसे बहाल किया है अब सुप्रीम कोर्ट इस आदेश से सहमत रहेगी।
नये विज्ञापन की जमीन टूट गयी है लेकिन उनके हितों की रक्षा करना न्यायपालिका का दायित्व है अतः ऐसा चयन का आधार जिसमे समानता हो उसके आधार पर उत्तर प्रदेश में रिक्तियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपचार संभव है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण साहब ने दरवाजा खोल दिया है।
अंत में कपिल देव की याचिका में कितना दम है इस पर टिप्पणी करने में असमर्थ हूँ क्योंकि उसकी याचना का आधार मुझे ज्ञात नहीं है ।
अंततः यह कह ही सकता हूँ कि सैकड़ों कुर्बानियां और दो वर्षों के संघर्ष के बाद बीएड वालों का भविष्य उज्जवल है।
जूनियर पर टिप्पणी इस समय नहीं करूँगा लेकिन उनको तकनीकी चेतावनी अवश्य प्रेषित करना चाहता हूँ कि वे सावधान रहें।
अगर किसी तरह के सुझाव की जरुरत महसूस हुयी तो मेरे मुकम्मल वक़्त आपकी सेवा में प्रस्तुत हैं।
पुराने विज्ञापन वालों की तकदीर में संघर्ष बहुत लिखा है लेकिन सफलता निश्चित है, उनकी एकजुटता उन्हें एक अच्छे मुकाम तक पहुँचाने में कृतसंकल्प है, जिसका नमूना हाई कोर्ट में स्पष्टरूप से दिखा।
उत्तर प्रदेश सरकार की आज ऐसी फजीहत जो हो रही है इसकी जिम्मेदार शिक्षक भर्ती में सरकारी नौटंकी किसी रूप में कम नहीं है।
मेरे लिए बेरोजगारों का हित सर्वोपरि है।
धन्यवाद।
अगर ऐसा नहीं होता है तो ये समझ लेना कि उत्तर प्रदेश की सत्ता पागलों के हाथों में है.......
ReplyDeleteमैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि हमारे युवा मुख्यमंत्री सत्ता संभालने के बाद से अपने उट पटांग निर्णयों से आखिर साबित क्या करना चाहते हैं
एकल बेंच में न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने शिक्षामित्रों से ईर्ष्या के कारण सरकार को उलझा दिया और एक नया समूह ही बनवा दिया।
ReplyDeleteजिसका प्रतिफल आज सबको दिख रहा है।
पुराना विज्ञापन भी बहाल हुआ और गुणांक का समूह जो कि सपा का पैदा किया है सरकार के खिलाफ आज सर्वोच्च अदालत में मुकदमा ठोंक दिया।
इतिहास खुद को दोहराता है।
लादेन को अमेरिका ने पैदा किया था।
ऐसा आता फैसला
ReplyDeleteमिल जाता न्याय
मित्रों
आज हम विक्रमादित्य के सिंहासन रूपी लार्जर बेंच पर बैठे
यकायक हमसे यह न्याय हो गया
सभी साक्ष्यों,शासनादेशों,एडवर्टाईजमेण्ट, नियम-काऩूनों को मद्देनजर रखते हुये पिछले दो वर्षों से दीर्घ-निद्रा में विलीन यह बेंच आज पूरे होश-हवाश में यह तय करती है कि
उ.प्र.में टी.ई.टी.पास बी.एड.अभ्यर्थियों पर बहुत जुल्म,ज्यादती और सितम हुये हैं
पहले पूर्व-वर्ती सरकार ने इन्हें गन्ने कि तरह चूसा
और दुबारा वर्तमान सरकार ने इनको कोल्हू की तरह पेरा है
इनको 'सोर्स आफॅ इनकम' मानकर पहले हाथी के श्रृंगार में लगभग 60करोड़ और फिर साईकिल की मरम्मत के लिये लगभग 400करोड़ एक ही मद(आवेदन) के नाम पर दो बार इन्हीं से उगाहे गये हैं
सरचार्ज (ड्राफ्टॅ,स्पीड-पोस्ट,इंटरनेट आदि खर्च) के रुप में भी लगभग40करोड़ इन्ही बेरोजगारों ने खर्च किये हैं
हमने शिक्षा का वह कानून पढ़ा है
जिसमें पूरे देश में प्राथमिक व जूनियर की नियुक्तियों में टेट को शत-प्रतिशत अनिवार्य अर्हता बताया गया है
हमने अखबारों,न्यूज चैनलों की उन खबरों को भी पढ़ा,देखा व सुना है
जिनमें टेट-बी.एड.बेरोजगारों द्वारा विधान-भवन,निदेशालय और बेंच परिसर के सामने शांतिपूर्वक किये जा रहे प्रदर्शन,धरना और अनशन में खलल डालने की पुलिस द्वारा बर्बरता भी हुयी है
इन बेरोजगारों को जानवरों की तरह लाठियों से पीटा गया है
व जेल तक भेजा गया है
हमने वह हलफनामा भी गौर से पढ़ा है
जो सचिव-बेसिक ने इस बेंच के समक्ष पेश किया है
जिसमें हमने पाया है कि बेसिक विभाग में शिक्षकों के 3लाख से अधिक पद खाली हैं
हमने यह भी पाया है कि निराशा,हताशा और माऩसिक संत्रणा में कई टेट बी.एड. बेरोजगारों ने अपनी जान तक गँवा दी है
और हम यह भी बखूबी जानते है कि वर्तमान सत्तारुढ़ सर-कार अपने-आप को बेरोजगारों की सरकार व मसीहा मानती है!
शायद यही साबित करने के लिये वह बेरोजगारों में भत्ता बाँट रही है
अतःसभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुये यह बेंच इस निश्कर्ष पर पँहुची है कि
यह सर-कार दो सालों से उऩ्ही बेरोजगारों को बेवकूफ बना रही है
जो उसी के 'बे'-रोजगार कार्यालय में 'पंजीकृत' हैं
तीन लाख से अधिक टेट पास उच्च-शिक्षित बी.एड.बेरोजगारों के सड़क पर होते हुये भी वह 1 लाख 72 हजार अर्ध-अप्रशिक्षितों को बिना टेट के ही शिक्षक बनाने पर तुली हुयी है
इस सर-कार ने भर्ती के नाम पर सिर्फ पैसे बनाये हैं
एक-एक बे-रोजगार से 40-40 हजार ऐंठ कर
40 बेरोजगारों में भत्ते के नाम पर एक-एक हजार बाँटा जा रहा है
यह तो सरासर
Magic of money-pulation
है
इसलिये अभी यह अंतरिम परमादेश है कि
72825 पद के सपने की भयावहता को देखते हुये अकल-लेस सर-कार तत्काल सभी टेट पास बेरोजगारों (लगभग3लाख) को एक झटके में नौकरी दे
मौका भी है
दस्तूर भी है
पद भी खाली है
वोटबैंक भी खाली है
पूरा फैसला नये वर्ष पर देकर अकल ठिकाने लगायी जायेगी
मित्रों
यह रोती-बिलखती आँखो को हँसाने का एक छोटा सा प्रयास है
शायद ऐसे ही फैसले में सभी के लिये न्याय है
कन्टेम्पट आँफ कोर्ट के प्रति
ReplyDeleteढुलमुल रवैया अपनाने का नतीजा है
आज की नवभारतटाइम्स की न्यूज ।
अब हमारा अहकार अपना रंग दिखाने लगा है ।
अफसोस हम अहकार मे अपने दुश्मनो को कमजोर आकने की भूल अभी भी कर रहे है ।
हम अपनी लगातार जीतो के दम पर गधाको के मनोबल को कुचल चुके थे पर आज की न्यूज शायद इन मर चुके लोगो मे नयी जान फूकेगी जो हमारे लिए घातक है ।.....
जीत और अपने आप स्वयम्भु समझने का अहकार छोड दो नही तो रोने को आँसू कम पड जायेगे ।
सावधानी हटी .........
दर्घटना घटी ।
बात किसी NEGATIVE न्यूज या कपिल की नीति की नही ।
ReplyDeleteबात हमारी लापरवाही और आग्रिम कार्यवाही के प्रति उदासीनता की है ।
अब हम हाथ पर हाथ धर कर नही बैठ सकते
सरकार
ReplyDeleteकपिला को जितना कोर्टबाजी करने हेतु
समर्थन और सहयोग दे रही है उससे
कहीं ज्यादा टेट संघर्ष
मोर्चा उसको अवसर दे रहा है!
मित्रों अब वक्त सिर्फ उसके प्रहार
को रोकने का नहीं है बल्कि खुद प्रहार
करने का है। इस के ऊपर भर्ती को फँसाने
आरटीई एक्ट में बाधा उत्पन्न करने
तथा आर्थिक मानसिक शोषण करने
का ऐसा केस करो कि ये आगे से
ऐसा कुछ करने से पहले सौ बार सोचे।
TMNTBBN JI, mukhya muddon per yadi hum TET-11 pass groups morcha k banner tale humare TET leaders ki adhyakshata me samay rahte nirnay le saken to court me vacancy fansne se bachaayi ja sakti hai. main mudde hain:-
ReplyDelete1) 45% or 50% in gaduation
2) PG% based BEd admission
3) Distance BEd
4) Special BEd, DEd
5) TET-11 pass but wrong certificate or not got certificat
6) 29334 junior not got original certificates for councelling
7) Domicile date confusion cases
8) Prof. courses in science or art
9) TET merit holder but not shown in online candidates information list
SCERT se spasht disha nirdesh na hone per ye sabhi groups court jane k liye taiyaar hain. TET SANGHARSH MORCHA leaders should meet with these groups and SCERT directors for solving these matters before court filing.
Dosto-
ReplyDeleteBhai aaj news papers me chhapi news se pareshan na ho aisi news hamesha hamare sangathan ko majbuti pradan karti rahi hai .Bhai in gadho ke baare me sochane se pahle aap ye kyo nahi sochate ki jab aapne apni एकता and हौसले kf dam par satta ke mad me chur 225 vidhayak wali govnt ko hara diya to inki kya majal.Bhai in news ki hakikat jaan le-
@SC se Sadhana Mishra ne jurmane ke dar se apni writ vapas li hai.
@Sadhana Mishra ki writ par Dattu sir ne ye sapasht rup se kaha hai ki highcourt me in writs ki sunvai ka suprime court me lambit yachikao par koi fark nahi padega.
@Bhai abhi kuchh din pahle aise hi Kapil ek writ kharij karke highcourt me R.K.Ojha ko lekar DB me writ karna chahta tha par Ojha ji ne mana kar diya because 72825 matter pas puri file sc me Dattu Ji ne maga li thi so bahas sambhav na thi
@Bhai sc me contempt ho jane se ab 72825 file HC mangai nahi ja sakti.अतः Bhai kapil& govnt hamara mansik utpidan ke alawa kuchh nahi kar sake.Fir bhi morcha jald Kapil ka ilaz karega.
इस हरामी कपिल के जब तक जूते नहीं पड़ेगे तब तक ये नहीं मानेगा
ReplyDeleteसपा भगाओ उत्तर प्रदेश बचाओ
ReplyDeletetet मोर्चे के नेताओं से आग्रह है कि निम्न तीन बिन्दुओं पर गंभीरता से सोचे ---
१- २०१२ के विज्ञापन की फीस वापसी के लिए शीघ्र ही हाईकोर्ट में रिट दाखिल की जानी चाहिए
२- यद्यपि हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ स्थगन आदेश पारित करने में सक्षम नहीं है फिर भी एहतियात के तौर पर हाईकोर्ट में कैवियेट अतिशीघ्र दाखिल की जानी चाहिए
३- सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका की सुनवाई अति शीघ्र करवाई जानी चाहिए जिससे सरकार पर भर्ती अतिशीघ्र करने का दबाब बनेगा
४- याद रखे ये सरकार कभी भी इस भर्ती के पक्ष में नहीं थी ये मजबूरी में कर रही है तो इस तरह की अडचनों में इस सरकार का निश्चित समर्थन है इसलिए इस निर्णायक और अंतिम क्षण में अपनी प्रतिद्वंदिता और अहम् को छोड़ को एक साथ एक जुट होकर इस लड़ाई को इसके लक्ष्य तक पहुचाये .ये जीत किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि एक समूह की है .
टेट समर्थक मित्रों घबराइये मत , जरा सोचिए----
ReplyDelete1-क्या उच्चतम न्यायालय ने भर्ती पर रोक लगाई है?
उत्तर -नही
2-क्या SC किसी नई रिट को सुन सकता है?
उत्तर-नही
3-क्या कपिल देव यादव साधना सिंह व अन्य SC में चल रहे वाद में पार्टी हैं?
उत्तर -नही
जब उपरोक्त तीनों सवालों के उत्तर नकरात्मक हैं तो डरने की कोई बात ही नही है।
विधि का थोडा सा भी ज्ञान रखने वाला व्यक्ति यें बता देगा कि सर्विस मैटर के वादों का प्राथमिक क्षेत्र HC के अन्तर्गत आता है अर्थात hc ही पहले इन्हे सुनने का अधिकार रखता है।तो इसमें ऐसी कौन सी नई बात हो गई जिससे हम घबरा जायें।
हां ! इससे हमे तो कोई नुकसान होने वाला नही है लेकिन कुछ मुर्ख किश्म के लोगो द्वारा धन भेजने के कारण कपिल देव यादव का बैंक बैलेंस अवश्य बढ जायेगा ।यही वो लोग चाहते भी हैं।सच पूछिए तो बार-बार लिट डालने का असली कारण भी यही है।
इसलिए दोस्तो घबराइये मत ,पूरे मनोयोग से दूसरी काउन्सलिंग की तैयारी शुरू कर दीजिए।आप लोग जल्दी ही स्कूल में होंगे ।
यही सत्य है।
BYEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE.............
DOSTO YE MADARCHOD SADHNA AUR KAPIL SALE SIRF AUR SIRF HUM LOLON KA TIME KHARAB KAR RAHE HAIN.
ReplyDeleteक्या बात है....आज सारे ब्लाँग पर कपिल देव ही छाये हुए हैं.
ReplyDeleteSadhna darling ki le lo
ReplyDeleteDOST MAN TO MERA BHI KARTA HAI.DOGGY STYLE ME LENE KA
ReplyDeleteyaar kapila jaise logo ko to ulta karke inke pichhwaade ko garm lohe se daagana chahiye...
ReplyDeleteuss baazu- e- kaatil ka armaan dekhna h....
ReplyDeletejo hame rok sake wo toofaan dekhnaaaaa.......
PG base b.ed tet pass mitro,
ReplyDeletefacebook per PG PASS TET group join karen.
agar ab bhi hum log eak manch per aa kar sangthit nahi ho paye toh hume prt se bahar hone se koi bhi nahi rok sakta.
e.mail - manoj.kshukla001@gmail.com
mobile no - 7275434755
Kapila you are jan llb
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