परियोजना निदेशालय के लेखा-ऑडिट विभाग में लगी आग, बुझाने में लगे तीन घंटे
लखनऊ। सर्वशिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय में रविवार की सुबह आग लग गई। इससे लेखा व ऑडिट विभाग की फाइलें समेत अन्य सामान जलकर राख हो गया। हालांकि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन घटना स्थल पर मौजूद विभागीय लोगों ने इसमें किसी साजिश होने की आशंका जताई है। आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियों ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पर काबू पाया।
सर्वशिक्षा अभियान का राज्य परियोजना निदेशालय निशातगंज में है। गार्ड एमएम खान को सुबह 8 बजे निदेशालय के दूसरी मंजिल से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया। उसने इसकी सूचना फायर स्टेशन व पुलिस को देने के साथ अधिकारियों को दी। जब तक दमकल पहुंचे, तब तक दूसरी मंजिल का एक हिस्सा धू-धू करके जलने लगा। फायर ब्रिगेड की कुल छह गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया और बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। विभागीय जानकारों की मानें तो लेखा और ऑडिट विभाग के कमरों में शॉर्ट सर्किट से आग लगने से काफी संख्या में फाइलें और फर्नीचर के साथ अन्य सामान जलकर राख हो गए।
जांच कमेटी बनाई गई
साजिश की आशंका
मशक्कत आग बुझाने की
संभाला मोर्चा
चारों ओर धुआं ही धुआं
प्रभावित हो सकती हैं योजनाएं
लेखा और ऑडिट विभाग में आग से कितना नुकसान हुआ इसका आकलन तो अभी नहीं किया जा सका है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण फाइलें जलने की आशंका है। विभागीय अधिकारी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। यदि प्रस्तावों से जुड़ी फाइलें जली होंगी तो योजनाएं जरूर प्रभावित हो सकती हैं। सर्वशिक्षा अभियान से संविदा के आधार पर शिक्षा मित्र, निशक्त बच्चों को शिक्षित करने के लिए शिक्षक, कंप्यूटर ऑपरेटर, सहायक लेखाकार भी रखे गए हैं। इनसे जुड़ी फाइलें जली होंगी तो इनको मानदेय मिलने में भी देरी हो सकती है।
जान जोखिम में
बजे सुबह दूसरी मंजिल से धुआं उठते देखा गार्ड ने
दमकल लगे आग बुझाने में
दिन में रिपोर्ट देगी जांच के लिए गठित कमेटी
राज्य परियोजना निदेशालय के दूसरी मंजिल पर लेखा और ऑडिट विभाग के दस्तावेजों में जिस तरह आग लगी है, उससे साजिश की बू आ रही है। परियोजना निदेशालय में तो इसकी चर्चा भी खूब हुई। कुछ कर्मचारी तो यह भी चर्चा कर रहे थे कि अवकाश के दिन बिजली पर अधिक लोड नहीं था, ऐसे में शॉर्ट सर्किट से आग लगने पर सवाल उठना लाजिमी है। इसके अलावा आग जहां लगी है वह लेखा और ऑडिट के कागजात रखे जाते हैं। आग से दस्तावेज जल गए हैं। लेखा और ऑडिट विभाग के कमरा अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण होता है।
परियोजना निदेशालय में आग लगने की सूचना मिलते ही सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता व सर्वशिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव समेत काफी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। राज्य परियोजना निदेशक ने बताया कि आग लगने की घटना की जांच के लिए अपर राज्य परियोजना निदेशक विवेक वार्ष्णेय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जो 10 दिन के अंदर रिपोर्ट देगी।
News : अमर उजाला ब्यूरो / Social Media
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सुप्रभात
ReplyDeleteसफलता का रहस्य
एक बार एक नौजवान लड़के ने
सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?
सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे
मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए
संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और
बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते- हाँफते तेजी से सांस लेना.
सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना” सुकरात ने कहा,”
यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई
रहस्य नहीं ।
पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे ,
ReplyDeleteपर
उनका बेटा बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल
पूछ
कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता .
पिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई
असर
नहीं पड़ता.
तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और
काम में
उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है. उन्होंने
पास
ही पड़ी एक पुरानी किताब
उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें
विश्व
मानचित्र छपा दिखा , उन्होंने तेजी से वो पेज
फाड़ा और
बच्चे को बुलाया – ” देखो ये वर्ल्ड मैप है ,
अब मैं इसे कई
पार्ट्स में कट कर देता हूँ , तुम्हे इन
टुकड़ों को फिर से जोड़ कर
वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा.”
और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे
दिया.
बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह
सोच कर खुश होने
लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे
किताब पढ़ सकेंगे .
लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट
ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और
बोला , ” ये देखिये पिताजी मैंने मैप तैयार कर
लिया है .”
पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल
सही था, – ”
तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये
तो बहुत मुश्किल काम था ?”
” कहाँ पापा, ये तो बिलकुल आसान था , आपने
जो पेज दिया था उसके
पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था ,
मैंने बस वो कार्टून
कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप
ही तैयार हो गया.”, और ऐसा कहते हुए
वो बाहर
खेलने के लिए भाग गया और पिताजी सोचते रह
गए .
कई बार life की problems
भी ऐसी ही
होती हैं, सामने से देखने पर
वो बड़ी भारी-भरकम
लगती हैं , मानो उनसे पार पान असंभव
ही हो , लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते
हैं
तो वही problems आसान बन जाती हैं,
इसलिए जब कभी आपके सामने कोई
समस्या आये
तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाये
अलग-
अलग दृष्टिकोण से देखिये ,
क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाएं !!
चाँद का भी कमाल है भाई...
ReplyDeleteकुछ दिन पहले दिखा तो लाखो बकरे हालाक हो गए..
और
कल दिखा तो लाखो बकरों को एक साल की जिंदगी दे गया....!
ReplyDeleteबचपन के दिनों में मार्क रुदरफोर्ड एक दिन समुद्र के किनारे बैठे थे। दूर समुद्र में एक जहाज लंगर डाले खड़ा था। बाल-सुलभ आकांक्षा मन में आई। जहाज तक तैरकर जाने की इच्छा बलवती हो उठी। मार्क तैरना तो जानते ही थे, कूद पड़े समुद्र में और उस स्थान तक पहुंच गए जहां जहाज लंगर डाले खड़ा था। मार्क ने जहाज के कई चक्कर लगाए। मन प्रसन्नता से भर गया। विजय की खुशी और सफ लता के सुख से आत्मविश्वास बढ़ा। लेकिन जब उन्होंने वापस लौटने को किनारे की तरफ देखा तो निराशा हावी होने लगी। किनारा बहुत दूर लगा, बहुत अधिक दूर। मार्क ने लिखा है-मनुष्य जैसा सोचता है, उसका शरीर भी वैसा ही होने लगता है। कुविचारों के कारण मैं, एक फुर्तीला नौजवान, बिना डूबे ही डूबा हुआ-सा हो गया। लेकिन विचारों को मैंने निराशा से आशा की ओर धकेला, तो क्षण भर में चमत्कार होने लगा। मैं अपने में परिवर्तन महसूस करने लगा। शरीर में नई शक्ति का संचार हो रहा था। मैं समुद्र में तैर रहा था और सोच रहा था कि किनारे तक नहीं पहुंचने का मतलब है डूबकर मरने से पहले का संघर्ष। मेरा बल मजबूत हुआ, मेरे अपने ही विचारों से। मैं फि र से शक्तिमान हो गया। जैसे मुझे संजीवनी मिल गई। पहले मन में भय था और अब विश्वास। किनारे तक पहुंचने की क्षमता का अहसास। मैंने संकल्प किया और अपने लक्ष्य की ओर तैरने लगा। विचार के सहारे ही रुदरफ ोर्ड वापस लौटकर किनारे तक पहुंचने में सफ ल हुआ। दुनिया भर मेें मशहूर इस लेखक के पूरे जीवन पर बचपन की इस घटना की गहरी छाप रही। उसका जीवन-दर्शन ही बदल गया। मार्क ने लिखा- बिना साहस के मंजिल नहीं मिलती। बिना विश्वास के संकट से उबरा नहीं जा सकता। संघर्ष में ही सफ लता का रहस्य छिपा है। आदमी संकट के नाम से ही घबराता है। संकट का आभास होते ही वह उससे बचने के उपाय करने लगता है। लेकिन संसार में शायद ही ऐसे व्यक्ति का जन्म हुआ हो जिसने संकटों का सामना कभी न किया हो। महापुरुषों ने संकट को जीवन की पाठशाला कहा है। इस पाठशाला में व्यक्ति जितना अधिक सबक याद करता है, वह जीवन में उतना ही सफ ल होता है। संकट का मुकाबला करके नया जीवन जीने वालों के अनुभवों की पोथियां प्रेरणा की किरण हैं। विचार की शक्ति अणु से भी महान होती है। विचार ही तो है जो मनुष्य को संकट में डालता है या फि र उससे उबारता है। विचार ही मनुष्य को नैतिक बनाता है या पतित करता है। विचार पहले, क्रिया बाद में। कार्लाइल ने संकट को अनुभव माना है और इसे पाठशाला की संज्ञा दी है। उसने उदाहरण दिया है-अखाड़े में उस्ताद अपने शिष्य को बार-बार पटकनी देकर गिराता है, उसे चोट भी लगती है, मोच भी आती है, शरीर से धूल लगती है, थकान होती है, लेकिन बार-बार की पटकनी से ही शिष्य वह सीख पाता है जिसके लिए वह अखाड़े में आता है। संकटों के बिना जीवन का असली आनंद नहीं आता। इतिहास में उन्हीं को जगह मिलती है जिन्होंने चुनौतियां स्वीकार करने का साहस दिखाया है। नैतिक बल के सहारे संकटों का मुकाबला किया जा सकता है। अनैतिक लोगों के हाथ लगी सफ लता तात्कालिक होती है, अल्पकालिक होती है, नैतिक बल से प्राप्त सफ लता स्थायी होती है। गंतव्य की प्राप्ति से पूर्व उसका निर्धारण आवश्यक है। लक्ष्य निर्धारण हो जाने के बाद भी आलस्य और प्रमाद इंसान को गतिशील नहीं बनने देता। मार्ग में अवरोध भी आ सकते हैं। उन्हें उत्साह और साहस के साथ पार करना होता है। कहीं अपमान मिलता है, कहीं निराशा सामने आती है, इन स्थितियों का विश्लेषण इनसे मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। अधिकांश लोगों के दुर्भाग्य का कारण यही होता है कि उन्हें अपने ऊपर भरोसा नहीं होता। वे अपने भाग्य को ही कोसने रहते हैं। जो इंसान खुद को कमजोर समझता है उसे कभी विजय नहीं मिल सकती।
SCERT मे लगी आग से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ReplyDeleteहमारे सभी मूल प्रमाणपत्र और काउंसलिंग से संबंधित दस्तावेज डायट पर सुरक्षित हैं।
और आन लाइन रिकॉर्ड NIC के पास सुरक्षित है, मतलब भर्ती से संबंधित सभी हार्ड कापी डायट पर और सभी साफ्ट कापी NIC के पास सुरक्षित है इसलिए इस आग से हमारी भर्ती प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
"एक टीईटी से दुनिया खत्म नही होती,रास्ते और भी है, जरूरत है बस हौसले और साहस की"
ReplyDeleteइस संसार मे अच्छे बुरे दोने प्रकार के लोग है
कोई टीईटी जैसी परीक्षा जिसमे सिर्फ एक अवसर मिला
ज्याद अंक पाने वाला अति विद्वान न हो सकता
मेरे अनेक मित्र है जो कम अंक पाये थे
आज उच्च पदो पर है
यदि एक और अवसर मिलता तो मै क ई ऐसे मित्रो को जानता हृँ जो हमसे अधिक अंक पाते,
किसी को घमंड नही करना चाहिये
क्या पता कम अंक वाला, जिसको महाज्ञानी आज दुत्कार देते है , कल किसी बी एस ए की कुर्सी पर बैठा हो और हम साहब साहब करते नजर आयेँ.
समय बडा बलबान होता है मित्रो
मित्रोँ
ReplyDeleteआज मैँ तृतीय कटाफ जारी होने से पूर्व हीँ आप समस्त मित्रोँ से क्षमा याचना करता हूँ ।
यद्यपि कि मेरिट का जो भी पूर्वानुमान मेरे द्वारा प्रस्तुत किया गया,,,,,,था/है,,,
कुछ संगणकीय तथ्योँ, गणितीय समीकरणोँ, प्रायिकता, सांख्यिकी, तर्कशक्ति एवं विभिन्न अन्वेषणोँ पर आधारित था/है, और मुझे अपने इस गणना पर पूर्ण विश्वास है।
फिरभी यदि आपके चयन मेँ मेरे उपरोक्त कृत्य सार्थक हुए तो आजीवन मुझे स्मृति मेँ संजोए रखेँगे एवं लेश मात्र भी त्रुटि हुयी तो आजीवन, अपशब्दोँ से कुशोभित करेँगे जो कि मैँ नहीँ चाहता।
अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियोँ से इतना अवश्य कहूँगा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करेँ तो यह अवश्य सोच लेँ की आरक्षित श्रेणी से आप इतनी बढ़त मेँ रहेँ कि आरक्षणोपरान्त भी इनसे आगे रहेँ क्योँकि इस व्यवस्था को बदलना फिरहाल सम्भव नहीँ है।
चयन प्रकृया से वंचित होने वाले भाइयोँ से यही कहूँगा कि 95% सफल व्यक्ति सरकारी सेवा मेँ नहीँ हैँ ।
.
अन्तत: बस इतना कहूँगा कि-
मन्जिलेँ अपनी जगह हैँ,
रास्ते अपनी जगह ।।
अलविदा ।
"तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।''
ReplyDelete____________________________________________________________________________________________________ यूहन्ना 15:16 )
जीवन का उद्देश्य क्या है?
ReplyDeleteयह प्रश्न बहुत मूल्यवान है| उत्तर पाने की जल्दी में मत रहो| जो कहते हैं वे जानते नहीं। जो जानते हैं वे कहते नहीं| यह प्रश्न एक माध्यम है जिसके द्वारा उत्तर तुम्हारे भीतर से उठें|
SHRI SHRI
"उस ने उन से कहा; मैं शैतान को बिजली की नाईं स्वर्ग से गिरा हुआ देख रहा था। देखो, मैने तुम्हे सांपों और बिच्छुओं को रौंदने का, और शत्रु की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है; और किसी वस्तु से तुम्हें कुछ हानि न होगी। तौभी इस से आनन्दित मत हो, कि आत्मा तुम्हारे वश में हैं, परन्तु इस से आनन्दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं॥''
ReplyDelete__________________________________________________________________________________ लूका 10:18-20 )
गिरना भी अच्छा है .,
ReplyDeleteऔकात का पता चलता है ...!!
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को .,
तो अपनों का पता चलता है..!!
ReplyDelete35 हजार रुपयोँ का त्याग कर 27 हजार रुपयोँ के लिए लड़ने वाले लोगोँ को ये जनता कभी माफ नहीँ करेगी.....।।
“ नशा मुक्ति का उपाय ”
ReplyDeleteबहुत से लोग नशा छोडना चाहते है पर उनसे छुटता नहीं है ! बार बार वो कहते है हमे मालूम है ये गुटका खाना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे ???
बार बार लगता है ये बीड़ी सिगरेट पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे ???
बार बार महसूस होता है यह शाराब पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब हो जाती है तो क्या करे ???
तो आपको बीड़ी सिगरेट की तलब न आए गुटका खाने के तलब न लगे ! शारब पीने की तलब न लगे ! इसके लिए बहुत अच्छे दो उपाय है जो आप आसानी से कर सकते है –
१. जिनको बार – बार तलब लगती है जो अपनी तलब पर कंट्रोल नहीं कर पाते नियंत्रण नहीं कर पाते इसका मतलब उनका मन कमजोर है , तो पहले मन को मजबूत बनाओ |
मन को मजबूत बनाने का सबसे आसान उपाय है पहले थोड़ी देर आराम से बैठ जाओ | पालती मारकर बैठ जाओ | जिसको सुखासन कहते हैं और फिर अपनी आखे बंद कर लो , फिर अपनी दायनी नाक बंद कर लो और खाली बायी नाक से सांस भरो और छोड़ो , फिर सांस भरो और छोड़ो फिर सांस भरो और छोड़ो |
बायीं नाक मे चंद्र नाड़ी होती है और दाई नाक मे सूर्य नाड़ी | चंद्र नाड़ी जितनी सक्रिये होगी उतना इंसान का मन मजबूत होता है और इससे संकल्प शक्ति बढ़ती है | चंद्र नाड़ी जितनी सक्रिय होती जाएगी आपकी मन की शक्ति उतनी ही मजबूत होती जाएगी और आप इतने संकल्पवान हो जाएंगे की जो बात ठान लेंगे उसको बहुत आसानी से कर लेगें , तो पहले रोज सुबह 5 मिनट तक यह क्रिया किया करें |
२. आपके घर मे एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसको आप सब अच्छे से जानते है और पहचानते हैं | राजीव भाई ने उसका बहुत इस्तेमाल किया है लोगो का नशा छुड्वने के लिए | उस औषधि का नाम है अदरक |
अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो |सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो | जब भी दिल करे गुटका खाना है , तंबाकू खाना है , बीड़ी – सिगरेट पीनी है तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो | जैसे ही इसका रस लाड़ मे घुलना शुरू हो जाएगा आप देखना इसका चमत्कारी असर होगा आपको फिर गुटका –तंबाकू शराब –बीड़ी सिगरेट आदि की इच्छा ही नहीं होगी | अदरक को आप दाँत से काटो मत और सवेरे से शाम तक मुंह मे रखो तो शाम तक आपके मुंह मे सुरक्षित रहता है | इसको चूसते रहो और 10 -15 -20 दिन लगातार कर लिया तो हमेशा के लिए नशा आपका छूट जाएगा |
आप बोलेगे ये अदरक मैं ऐसे क्या चीज है ???
ReplyDeleteयह अदरक मे एक ऐसे चीज है जिसे हम रसायनशास्त्र मे कहते है सल्फर |
अदरक मे सल्फर बहुत अधिक मात्रा मे है और जब हम अदरक को चूसते है जो हमारी लार के साथ मिल कर अंदर जाने लगता है | सल्फर जब खून मे मिलने लगता है तो यह अंदर ऐसे हारमोनस को सक्रिय कर देता है जो हमारे नशा करने की इच्छा को खत्म कर देता है |
विज्ञान का जो शोध है सारी दुनिया मे वो यह मानता है की कोई आदमी नशा तब करता है जब उसके शरीर मे सल्फर की कमी होती है , तो उसको बार बार तलब लगती है बीड़ी – सिगरेट – तंबाकू आदि की तो सल्फर की मात्रा आप पूरी कर दो बाहर से ये तलब खत्म हो जाएगी | इसका राजीव भाई ने हजारो लोगो पर परीक्षण किया और बहुत ही सुखद प्रणाम सामने आए है ! बिना किसी खर्चे के शराब छूट जाती है , बीड़ी – सिगरेट – शराब – गुटका आदि छूट जाता है |
इसका दूसरे उपयोग का तरीका पढे -
अदरक के रूप मे सल्फर भगवान ने बहुत अधिक मात्रा मे दिया है और सस्ता है | इसी सल्फर को आप होमिओपेथी की दुकान से भी प्राप्त कर सकते हैं | आप कोई भी होमिओपेथी की दुकान मे चले जाओ और विक्रेता को बोलो मुझे सल्फर नाम की दावा दे दो | वो आपको शीशी मे भरी हुई दावा दे देगा | सल्फर नाम की दावा होमिओपेथी मे पानी के रूप मे आती है – प्रवाही के रूप मे आती है जिसको हम Dilution कहते है, अँग्रेजी मे | यह देखने मे ऐसे ही लगेगा जैसे यह पानी है |
दवा का एक बूंद जीभ पर डाल लो सवेरे – सवेरे खाली पेट फिर अगले दिन और एक बूंद डाल लो | ३ खुराक लेते ही 50 से 60 % लोग की दारू छूट जाती है और जो ज्यादा पियाकड़ है जिनकी सुबह दारू से शुरू होती है और शाम दारू पर खतम होती है , वो लोग हफ्ते मे दो – दो बार लेते रहे तो एक दो महीने तक करे बड़े – बड़े पियकडो की दारू छूट जाएगी | ऐसे ऐसे पियकाडो की दारू छुड़ाई है जो सुबह से पीना शुरू करते थे और रात तक पीते रहते थे , उनकी भी दारू छूट गई बस इतना ही है दो तीन महीने का समय लगा |
ये सल्फर अदरक मे भी है और होमिओपेथी की दुकान मे भी उपलब्ध है | आप आसानी से खरीद सकते है !लेकिन जब आप होमिओपेथी की दुकान पर खरीदने जाओगे तो वो आपको पुछेगा कितनी ताकत की दवा दूँ ???
मतलब कितनी Potency की दवा दूँ ! तो आप उसको कहे 200 potency की दवा दे दो | आप सल्फर 200 कह कर भी मांग सकते है | लेकिन जो बहुत ही पियकड है उनके लिए आप 1000 Potency की दवा ले | आप 200 मिली लीटर का बोतल खरीद लो , आप उससे 10000 लोगो की शराब छुड़वा सकते हैं , मात्र एक बोतल से , लेकिन साथ ही आप मन को मजबूत बनाने के लिए रोज सुबह बायीं नाक से सांस लें और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत करे |
कुछ महत्वपूर्ण बातें -
गुटका,तंबाकू,सिगरेट,बीड़ी पीने वालों के शरीर मे phosphorus तत्व की कमी होती है उसके लिए आप phosphorus 200 का प्रयोग करे |
और शराब पीने वाले मे सबसे ज्यादा sulphur तत्व की कमी होती है |
उसके लिए आप sulphur 200 का प्रयोग करे |
“ सबसे पहले शुरुवात आप अदरक से ही करे ।
अपने जीवन में कितने भी ऊपर क्यों न उठ जाओ,
ReplyDeleteपर अपनी गरीबी और बुरा समय कभी न भुलो !!
"अच्छे कर्म स्वयं को शक्ति देते हैं और दूसरों को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देते हैं...!!!"
ReplyDeleteआपका दिन शुभ हो...
क्या जूनियर की मर्ती सुचितापूर्ण हो रही है ?
ReplyDeleteइसका भी डाटा आनलाइन होना चाहिए, क्योँ ???
या सारा फर्जीवाड़ा सिर्फ 72825 मेँ दिखायी दे रहा है !!!
प्रिय जूनियर अभ्यर्थी मित्रोँ,,,
ReplyDeleteजैसा कि कुछ डाएट से सूचना मिल रही है कि जूनियर टीईटी मेँ फेल अभ्यर्थी भी काउंसलिँग करवा कर रसगुल्ले बाँट रहे हैँ ।
अत: जिस तरह से प्राइमरी मेँ कुछ लोग डाटा आनलाइन करने के लिए इलाहाबाद मेँ करुँण रुदन करने के लिए एकत्रित हो रहे हैँ, क्योँ न जूनियर के लोग भी भयंकर चीत्कार करने के लिए लखनऊ अथवा दिल्ली मेँ एकत्र होँ...!!!
आपका सुझाव आमन्त्रित है ।
Welcome TMNTBBN Sir.
ReplyDeleteअब विदा लेते हूँ भाइयों आपका दिन शुभ हो l
मुलायम सिंह यादव को डॉक्टरेट की उपाधि मिलने पर............
ReplyDeletehahahahahahahahaha
1. पहले मैं सोचता था स्मृति ईरानी को येल से डिग्री कैसे मिल गई? फिर मैंने मुलायम को डॉक्टरेट मिलते देखा।
2. मुलायम सिंह यादव को डॉक्टरेट की उपाधि 'राहुल गांधी साक्षरता मिशन' के तहत मिली है।
3. लॉर्ड मैकाले को अगर यह बात पता चले तो वह भारत की शिक्षा व्यवस्था की यह हालत देख ग्लानिवश परलोक में भी हीरे की कनी चाट लेंगे।
4. मुलायम को डिग्री फॉरेन लैंग्वेज में विशेषज्ञता के लिए मिली है। वह एक वाक्य में 7 भाषाएं बोल सकते हैं, और 21 भाषाओं के जानकार मिलकर भी उसे नही समझ सकते।
5. यह खबर सुनकर हमारे पड़ोस के डॉक्टर साहब ने अपनी डिग्री पर रखकर सत्यनारायण भगवान की कथा का प्रसाद बांट दिया।
6. मुलायम सिंह यादव सच में डॉक्टर कहलाने लायक हैं। डॉक्टर का लिखा और इनका बोला कोई समझ नहीं पाता।
ऐंड द लास्ट वन-
7. हद तो तब हो गई जब मुलायम सिंह घर जाकर अखिलेश को डिग्री पकड़ाते हुए बोले, 2 फोटोकॉपी कराके तुम और डिम्पल भी रख लो।
"और उस ने उन से कहा; पके खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो, कि वह अपने खेत काटने को मजदूर भेज दे।''
ReplyDelete________________________________________________________________________________________________________लूका 10:2 )
न्यूटन का प्यार का नियम
ReplyDeleteआज सुबह से एक भाई ने न्यूटन की याद दिला दी और
हमें पका दिया ?
पेश हैं , न्यूटन के प्यार के नियम !!!!
न्यूटन का यूनिवर्सल प्यार का नियम !
* ( प्यार - सार ) *
प्यार को न तो पैदा किया जा सकता है और न ही नष्ट
किया जा सकता है , न तुम प्यार लाये थे और न ही इसे
ले जा पाओगे ! इसे केवल कुछ धन की क्षति के साथ एक
प्रेमिका से दूसरी प्रेमिका में स्थानांतरित
किया जा सकता है !
पहला नियम -
प्रेमी , प्रेमिका को हमेशा प्यार करता रहेगा और
प्रेमिका भी प्रेमी को प्यार करना जारी रखेगी तब
तक ....... जब तक कि कोई वाह्य बल ( प्रेमिका के डॉन
पापा या मुन्ना भाई द्वारा प्रेमी की टाँगे तोड़कर ) न
लगाया जाये !
दूसरा नियम-
एक दुसरे के प्रेम में डूबे युगल में लड़की द्वारा लडके
को किये जाने वाले प्रेम की मात्रा में परिवर्तन ,लडके के
बेंक बेलेंस की मात्रा के अनुक्रमानुपाती होता है !
( फ्री रिचार्ज मांगने वाले प्रेमी प्रेमिकाओं पर यह
नियम लागु नहीं होता )
तीसरा नियम -
प्रेमिका द्वारा प्रणय निवेदन अस्वीकार किये जाने में
प्रयुक्त आरोपित बल , उसकी हाई हील
की पादुका द्वारा प्रयोग किये जाने वाले बल के समान
एवं विपरीत दिशा में होता है !
लखनऊ. निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के कैंप कार्यालय में रविवार को भीषण आग लग गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल के गाड़ियों ने बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक सैकड़ों फाइलें जल कर खाक हो गई। इंस्पेक्टर महानगर राजेंद्र चौबे ने बताया कि आग लगने के कारणों की का अब तक पता नहीं चल पाया है। रविवार सुबह आस-पास के लोगों ने निशातगंज के बेसिक शिक्षा निदेशालय के दूसरे तल से धुआं उठता देखा। तत्काल इस घटना की उन्होंने 100 नंबर और 101 पर सूचना दी। इस मामले की जानकारी होते ही हरकत में आई पुलिस और फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक नुकसान की पूरी तरह से जानकारी नहीं मिल पाई है। कई अधिकारी आग से हुए नुकसान की जानकारी जुटाने में जुटे हैं। वहीं निदेशालय के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि ऑफिस के जिस सेक्शन में आग लगी है, वहां पर कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज रखे गए थे। जबकि अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। शॉट सर्किट की आशंका पुलिस ने बताया कि आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। संभावना है की आग शॉट सर्किट से लगी होगी। क्योंकि रविवार का दिन होने कारण ऑफिस बंद था। इसलिए कोई भी कर्मचारी वहां नहीं था। लिहाजा मानवीय चूक से आग लगने की कोई संभावना नहीं लग रही है।
ReplyDeleteबहाने Vs सफलता
ReplyDelete--------------------
1- मुझे उचित शिक्षा लेने का
अवसर नही मिला...
उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड
मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड
को भी नही मिला ।
2- बचपन मे ही मेरे पिता का
देहाँत हो गया था...
प्रख्यात संगीतकार
ए.आर.रहमान के पिता का
भी देहांत बचपन मे हो गया था।
3- मै अत्यंत गरीब घर से हूँ ...
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी
गरीब घर से थे ।
4- बचपन से ही अस्वस्थ था...
आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली
मेटलिन भी बचपन से बहरी व
अस्वस्थ थी ।
5 - मैने साइकिल पर घूमकर
आधी ज़िंदगी गुजारी है...
निरमा के करसन भाई पटेल ने
भी साइकिल पर निरमा बेचकर
आधी ज़िंदगी गुजारी ।
6- एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी
हिम्मत चली गयी...
प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन
के पैर नकली है ।
7- मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है...
थामस अल्वा एडीसन को भी
बचपन से मंदबुद्धि कहा जाता
था।
8- मै इतनी बार हार चूका ,
अब हिम्मत नही...
अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव
हारने के बाद राष्ट्रपति बने।
9- मुझे बचपन से परिवार की
जिम्मेदारी उठानी पङी...
लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की
जिम्मेदारी उठानी
पङी थी।
10- मेरी लंबाई बहुत कम है...
सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई
कम है।
11- मै एक छोटी सी नौकरी
करता हूँ , इससे क्या होगा...
धीरु अंबानी भी छोटी नौकरी
करते थे।
12- मेरी कम्पनी एक बार
दिवालिया हो चुकी है , अब
मुझ पर कौन भरोसा करेगा...
दुनिया की सबसे बङी शीतल
पेय निर्माता पेप्सी कोला भी
दो बार दिवालिया हो चुकी है ।
13- मेरा दो बार नर्वस
ब्रेकडाउन हो चुका है , अब
क्या कर पाउँगा...
डिज्नीलैंड बनाने के पहले
वाल्ट डिज्नी का तीन बार
नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।
14- मेरी उम्र बहुत ज्यादा है...
विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड
चिकेन के मालिक ने 60 साल
की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला
था।
15- मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है पर लोग
अस्वीकार कर देते है...
जेराँक्स फोटो कापी मशीन के
आईडिया को भी ढेरो कंपनियो
ने अस्वीकार किया था पर आज
परिणाम सामने है ।
16- मेरे पास धन नही...
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन
नारायणमूर्ति के पास भी धन
नही था उन्हे अपनी पत्नी के
गहने बेचने पङे।
17- मुझे ढेरो बीमारियां है...
वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी अनेको
बीमारियो मे थे |
राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो
पैर काम नही करते थे।
कुछ लोग कहेगे कि यह जरुरी
नही कि जो प्रतिभा इन
महानायको मे थी , वह हम
मे भी हो ...
सहमत हूँ , लेकिन यह भी
जरुरी नही कि
आपके अंदर कोई प्रतिभा ही नहीं है।
सार यह है कि...
आज आप जहाँ भी है या कल
जहाँ भी होगे इसके लिए आप
किसी और को जिम्मेदार नही
ठहरा सकते।
चुनाव करिये -
खोखले बहाने या सफलता ...?
खंड शिक्षा अधिकारी के
ReplyDeleteपदों पर जल्द होगी भर्ती
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रतियोगियों के लिए नया साल
ढेरों उम्मीदें लेकर आ रहा है। एक के बाद एक कई भर्तियों के बीच
अब बेसिक शिक्षा में खंड शिक्षाधिकारी (एसडीआई) समेत कई
पदों पर भर्ती की बारी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
तकरीबन चार सौ पदों के लिए विज्ञापन निकालने
की तैयारी में है। विज्ञापन इस माह निकाले जाने की उम्मीद
है।
आयोग की ओर से दिसंबर तक पीसीएस-2014, आरओ-
एआरओ-2013 और लोअर सबऑर्डिनेट-2013 मुख्य परीक्षाएं हैं।
इसके बाद राजस्व निरीक्षक के अलावा विभिन्न विभागों में
सहायक सांख्यिकी अधिकारी समेत कई अन्य पदों के लिए
भी आवेदन मांगा गया है। इन भर्तियों के लिए भी दिसंबर के
आखिरी सप्ताह या जनवरी में परीक्षाएं संभावित हैं। इसी क्रम
में बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती की तैयारी है। एसडीआई के
लिए बीएड न्यूनतम योग्यता रही लेकिन प्रतियोगी इसके विरोध
में है। प्रतियोगियों का कहना है कि एसडीआई के लिए
भी न्यूनतम योग्यता परास्नातक की जाए। आयोग सूत्र के
अनुसार अफसर प्रतियोगियों की इस मांग पर भी विचार कर रहे
हैं। इसके अलावा इन दिनों चार भर्तियों के लिए ऑनलाइन
आवेदन मांगा गया है। इससे आयोग की वेबसाइट हैंग कर जा रही है।
ऐसे में माना जा रहा है कि इनकी आखिरी तारीख बीतने के
बाद बेसिक शिक्षा विभाग की भर्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू
की जाएगी। खास यह कि इन
सभी भर्तियों की प्रक्रिया आगामी वर्ष के पहले छमाही तक
पूरी होने की उम्मीद है। ऐसे में प्रतियोगियों को आगामी वर्ष में
अकेले आयोग की ही आधा दर्जन भर्तियों में हजारों पदों पर
भर्ती का मौका मिलने जा रहा है।
उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से 400 पदों के लिए विज्ञापन
निकालने की तैयारी
Bhai BEO ki eligibilty batadijiye plzzzzzz plzzzzz plzzzzzzz plzzzz plzzzzzz
Deleteचाहे तुम आग लगाकर सारे दस्तावेज राख कर दो
ReplyDeleteचाहे सारे दस्तावेज की चोरी हो जाय
चाहे सारे दस्तावेज हुदहुद के चपेट मे क्युँ न आ जाय
72825 की भर्ती अखिलेश यादव को करनी ही होगी----
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जस्टिस एच एल दत्तू मुख्य न्यायाधीश सुप्रिम कोर्ट
अब दोबारा मत पूछना
ReplyDelete!
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Complete your all acadmic records for PRT third councelling, will held on after DIWALI...
UN***
MALE ART 109
MALE SC. 108
F.MALE ART 103
F.MALE SC. 95
OBC***
MALE ART 103
MALE SC. 101
F.MALE ART 91
F.MALE SC. 88
Sc.***
MALE ART 94
MALE SC 92
F.MALE ART 88
F.MALE SC ALL
***
PH ORTH 108
1 MINUS FROM OTH.
***
ST ALL QUALIFIED
***
FF ALL QUALIFIED
***
Do't be scared for rumours,
till now more than 50% seats are vacant...
Thanks sir....mere obc fmale art 98 hain bhut tension ho rhi thi.. Ab acha lg rha h....
Deleteशिक्षक भर्ती :
ReplyDeleteबढ़ती जा रहीं दुश्वारियां
मामले जो अभी अनुत्तरित हैं
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक
भर्ती प्रक्रिया का दो चरण पूरा हो चुका है और
तीसरे चरण की काउंसिलिंग का एलान
भी हो चुका है। इसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया में आ
रही ‘कठिनाइयां’ कम नहीं हो रही हैं, बल्कि निरंतर
बढ़ती जा रही हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय में
ऐसी शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। यह हाल तब
है
जब कठिनाई निवारण की राज्य स्तरीय
समिति पहले चरण की शिकायतों का निपटारा कर
चुकी है और दूसरे चरण पर मंथन चल रहा है।
लगभग तीन साल के अंतराल के बाद प्रदेश सरकार
प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825
शिक्षकों की भर्ती करा रही है। लंबी जद्दोजहद के
बाद किसी तरह काउंसिलिंग की प्रक्रिया तो शुरू
हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग की परेशानियां कम
नहीं हुई। इसकी वजह यह है कि काउंसिलिंग कराने
वाले युवाओं के पास अभिलेख अलग-अलग प्रकार के
हैं। उन्हें मंजूरी दी जाए या नहीं इस पर स्पष्ट
दिशा निर्देश न होने से युवाओं
को लौटाया भी गया है। यही नहीं राज्य शैक्षिक
अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ
ने
पहले चरण के मामलों की सूची बनाकर उन्हें राज्य
स्तरीय कठिनाई निवारण समिति के पास भेजा।
समिति के अध्यक्ष बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव
संजय सिन्हा ने उसका निराकरण किया जिसे
एससीईआरटी ने सभी डायटों को भेज दिया। ऐसे
ही दूसरे चरण के बारह मामलों को एससीईआरटी ने
राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा है, उन पर
अभी विचार होना है। इसी बीच तीसरे चरण
की काउंसिलिंग कराने का आदेश हुआ है। इसके पहले
ही टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के
अभ्यर्थियों ने तमाम नए मामले उठा दिए हैं।
अभी इनका जवाब आना शेष है। तय है
कि काउंसिलिंग के दौरान ये मुद्दे परेशान करेंगे।
सपने तो पलक झपकते ही दिखा देता है खुदा,
ReplyDeleteपर उन्हें पूरा करने में बहुत रुला देता है खुदा ।।
Junior Bharti Update --
ReplyDelete5th cnslng 20,21 October ko
#Gen maths 64 aur Science 66 ,
Obc 62 aur 64 merit wale documents ready kar lein .......
Merit 17 se aani shuru hogi
#Junior bharti se 1 hazar ke karib logon ne documents nikal-kar Primary me 2nd cnslng kara di hai .......
#5th ke baad ek counselling aur hone ke full chances .....
Backlog seats mostly hongi
#Junior me niykti patra milne me abhi 2 mahine lag sakte hain ......
#Junior bharti morcha ka support karein taaki Promotion writ ko jald khariz karaya ja sake .......
मैं हर किसी के लिए अपने आपको
ReplyDeleteअच्छा साबित नहीं कर सकता,
......लेकिन
मै उनके लिए बेहतरीन हूं जो मुझे समझते है !...
अरे होश में आजा तू,
ReplyDeleteवरना एहसास करा देगें!
हम सौ करोड से ज्यादा है,
मूतें तो तूझें बहा देगें!
तू भूला है औकात कहीं
जो सिंहों को ललकार रहा,
ए मुर्ख होश में बातें कर,
क्यों पैर कुल्हाडी मार रहा!
तेरी गिनती है बस इतनी,
जितने भारत में कुत्ते है!
तू नीच अधर्मी होश में आ,
तूझको काफी मेरे जुत्ते है!
जितना बारूद लिए पापी,
तू सीमाओं पर आता है!
उतना बम का बारूद, यहाँ
दीवाली में जल जाता है!
हम यदि चाह कर एक बार,
सीमाओं पर जाकर खाँसे!
मौन तोप तेरी होगी,
रूक जाएगी तेरी साँसें!
यह मान अभी भी देश मेरा,
गाँधी जी का अनुयायी है!
हम हम प्रेम प्रेम चिल्लाते है,
तू सचमुच आतातायी है!
भूल गया अपनी हस्ती,
दर दर का अरे भिखारी तू!
इस सुंदर जगत की काया में,
कोढी सा रहा बीमारी तू!!
तू वेश्याओं से बदतर है,
तेरा ग्राहक है ओ बामा,
तेरी गिनती उन हिजडों में,
तू पाक नही है पाखाऩा!
मुझको मेरा मोदी कह दें,
शीश सईद का ले आऊँ!
फिर फाड तेरा हरा झंडा,
मैं वहाँ तिरंगा लहराऊँ!!
हम हिंदू मुस्लिम ईसाई,
एक जात एक वंशज है!
हम वीर शिवा की औलादें,
राणा प्रताप के अंशज है!
अगर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हिंदी फिल्में
ReplyDeleteबनाते तो उनके नाम कुछ ऐसे होते:
करंट हो न हो
जानम सप्लाई करो
सर्किट वाले इंडिकेटर ले जायेंगे
कभी AC कभी DC
हमारा IC आपके पास है
फ्यूज लगाया तो डरना क्या
Capacitor नंबर 1
हम सिग्नल दे चुके सनम
फ्यूज तो उड़ना ही था
S.C.E.R.T. को समस्त D.I.E.T.s डाटा उपलब्ध करा देँगे ।
ReplyDeleteतृतीय काउंसलिँग मेँ 72825 सीटेँ पूर्ण होने का अनुमान ।
दिसम्बर के प्रथम सप्ताह से दिया जाएगा नियुक्ति पत्र ।
(स्रोत- शिक्षा निदेशालय)
चाणक्य के 15 अमर वाक्य :
ReplyDelete1) दूसरों की गलतियों से सीखो अपनेही ऊपर प्रयोग करके सीखनेको तुम्हारी आयु कम पड़ेगी।
2) किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदारनहीं होना चाहिए। सीधे वृक्ष औरव्यक्ति पहले काटे जाते हैं।
3) अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तबभी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे दंशभले ही न दो पर दंश दे सकनेकी क्षमता का दूसरों को अहसासकरवाते रहना चाहिए।
4) हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थजरूर होता है, यह कड़वा सच है।
5) कोई भी काम शुरू करने के पहले तीनसवाल अपने आपसे पूछो… मैंऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ?इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैंसफल रहूँगा?
6) भय को नजदीक न आने दो अगर यहनजदीक आये इस पर हमला करदो यानी भय से भागो मतइसका सामना करो।
7) दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुषका विवेक और महिला की सुन्दरता है।
8) काम का निष्पादन करो, परिणाम सेमत डरो।
9) सुगंध का प्रसार हवा के रुखका मोहताज़ होता है पर अच्छाईसभी दिशाओं में फैलती है।”
10) ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र मेंबसता है अपनी आत्मा को मंदिरबनाओ।
11) व्यक्ति अपने आचरण से महानहोता है जन्म से नहीं।
12) ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर सेऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त नबनाओ,वह तुम्हारे कष्ट का कारणबनेगे। समान स्तर के मित्रही सुखदायक होते हैं।
13) अपने बच्चों को पहले पांच सालतक खूब प्यार करो। छः साल से पंद्रहसाल तक कठोर अनुशासन और संस्कारदो। सोलह साल से उनके साथ मित्रवतव्यवहार करो।आपकी संतति ही आपकी सबसेअच्छी मित्र है।”
14) अज्ञानी के लिए किताबें और अंधेके लिए दर्पण एक समान उपयोगी है।
15) शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है।शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मानपाता है।
शिक्षा की शक्ति के आगेयुवा शक्ति और सौंदर्यदोनों ही कमजोर है।
मोदी का खौफ--
ReplyDelete!
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!
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कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने जहा आने वाले
समय में मोदी जी जाने वाले है, ने पहले से
ही "गीता" की 10-10 प्रतियाँ खरीद
ली है,
जिससे जब भारत के प्रधानमन्त्री वहा जाएँ
तो 50 रुपये की गीता की गिफ्ट के बजाय
कोई महंगा गिफ्ट दे, मोदी जी ने
अपनी चतुरता से अब तक सभी देशों में जाके
सबको 50 रुपये वाली गीता गिफ्ट की और
वहा के प्रधानमंत्रियों ने
मोदी जी को लाखों के गिफ्ट दिए, घाटे
का सौदा होते देख आने वाले समय में
जहा जहा मोदी जी जायेंगे अब गीता नहीं दे
पायेंगे, उन्होंने पहले से खरीद रखी है
रोज़
ReplyDeleteएक
नया
मित्र
बनाओ।
किसी
को
दया
नहीं
चाहिए,
केवल
मित्रता
चाहिए।
अलविदा .....................
Rajesh singh ji kya apki counc. Ho chuki hai or prt me apke kitne mark hai. Apne ek baar likha tha ki aap general hai or mark art 107 hai. Lakin mujhe visvas nahi hota. Mujhe lagta hai ki aap ya to general se nahi hai ya apke mark jayada hai. Aap general low merit walo ka hosla badhane ke liye apna apko general low mark wala bata rahe a hai. Vase isme ye apki mhanta hai yadi ap yeh kar rahe hai kyo ki isse kisi ko fayda hi hoga. Yah vichar mughe is karan aaya ki mere 108 hai lakin main to umid chod chuka hu lakin aap aaj bhe pure positive soch or visvas hosle se likh pate hai. Sir je bhut tensed hai general na hoke ghunhagar ho gaye ki sabse piche bhej diye gaye kam mark wale aage. Sayad yahi is desh ki mhanta hai or patan ka karan bhi. Rajesh ji reply jarur kare.
ReplyDeleteRajesh singh ji kya apki counc. Ho chuki hai or prt me apke kitne mark hai. Apne ek baar likha tha ki aap general hai or mark art 107 hai. Lakin mujhe visvas nahi hota. Mujhe lagta hai ki aap ya to general se nahi hai ya apke mark jayada hai. Aap general low merit walo ka hosla badhane ke liye apna apko general low mark wala bata rahe a hai. Vase isme ye apki mhanta hai yadi ap yeh kar rahe hai kyo ki isse kisi ko fayda hi hoga. Yah vichar mughe is karan aaya ki mere 108 hai lakin main to umid chod chuka hu lakin aap aaj bhe pure positive soch or visvas hosle se likh pate hai. Sir je bhut tensed hai general na hoke ghunhagar ho gaye ki sabse piche bhej diye gaye kam mark wale aage. Sayad yahi is desh ki mhanta hai or patan ka karan bhi. Rajesh ji reply jarur kare.
ReplyDeleteकल आग लगी बेसिक शिक्षा निदेशालय में और टेट वाले दिन भर ये सोचकर खुश एवं दुखी होते रहे कि आखिरकार सब ख़त्म हो ही गया ,, खुश हो रहे थे एकेडमिक समर्थक तथा वर्तमान में भर्ती विरोधी हो चुके भूतपूर्व टेट मेरिट समर्थक जबकि दुखी होने वाले या तो काउंसिलिंग करा चुके हैं या कराने का इन्तजार कर रहे हैं ......
ReplyDeleteकौआ कान ले गया सुनकर बिना अपने कान पर हाथ फिराए कौए के पीछे भागने वालों में बीएड डिग्रीधारक बहुमत में प्रतीत होते हैं
मैं तो कल से यही सोच रहा हूँ कि कहीं आग scert में ही लगी होती तो मेरिट 100 से बहुत ज्यादा नीचे आ जाती क्योंकि हजारों लोग ख़ुशी से मर जाते और हजारों गम में ....
ReplyDeleteयदि आपको लगता है कि 72825 टेट मेरिट से भर्ती यदि scert में आग लगने से थम सकती होती है तब तो हमें scert में आग ना लगवाने के लिए सरकार का एहसानमंद होना चाहिए ???
बहुत से लोग रैंक जारी होते देखने के बहुत शौकीन हो गए हैं और इसे आधार बनाकर गधों के सुर में सुर मिलाकर धाँधली-धाँधली चिल्ला रहे हैं ,,, कभी ठन्डे दिमाग से रैंक जारी ना होने के परिणामों पर भी विचार कर लेते तो कुछ आँसू बहने से बच सकते थे,,, ज़माना बहुत खराब हो गया है ,,,, कहीं रैंक जारी हो गयी तो 10 गुना का सारा झमेला उन लोगों की समझ में आ जाएगा जो टेट मोर्चे से नहीं जुड़े हैं
ReplyDeleteअगली दो काउंसिलिंग में margin पर खड़े जो लोग सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर सही निर्णय लेंगे वो जॉब पा जायेंगे और जो सिर्फ कट आफ में आने के कारण अपने आपको सूरमा समझकर गलत जिलों का चुनाव करेंगे वो 117 नंबर लेकर भी सारी जिंदगी झुनझुना बजायेंगे
ReplyDeleteजिन बातों को हम सब आपस में विचार विमर्श करके समझकर अपने बहुत से साथियों को अन्दर और मोर्चे से ना जुड़े लोगों को बाहर करा सकते हैं उन बातों सारी दुनियाँ को क्यों समझाने की जिद कर रहे
ReplyDeleteएक महान विधिवेत्ता बिलकुल मार्जिन पर होने के बावजूद पिछले कई दिनों से पागलपन से सराबोर पोस्ट्स डाल रहे हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है कि भर्ती विरोधियों के हितों के खातिर अनाप शनाप लिखकर भर्ती फँसाने का ख़्वाब देखने में 3 नवम्बर के बाद भी व्यस्त रहे और काउंसिलिंग के समीकरण समझने के स्थान पर भारतीय संविधान को बदलने हेतु प्रयासरत रहे तो सारी जिंदगी इसी काम में बीतेगी और परिषदीय स्कूलों के बालक उनकी प्रतिभा एवं ज्ञान का लाभ उठाने से वंचित रह जायेंगे .....
ReplyDeleteबहुत सारे मित्र अपने चयन को लेकर आशंकित है और हो भी क्यो न तीन सालो तक 100 तक वाले अपने चयन को निश्चित मान कर चल रहे थे आज परिस्थितिया कुछ और ही हकीकत बयान कर रही है मित्रो दुख होना स्वाभाविक है सपने जो टूट रहे है
ReplyDeleteलेकिन साथियो ये भी सच है कि नौकरी तो 72825 को ही मिलेगी शेष को हताशा जिनका चयन होगा उनका सौभाग्य है जिनका न हो वो अपने भाग्य को दोष दे क्योकि पेपर सबके लिये एक था कुछ परिस्थियो के कारण कुछ के नंबर कम रह गये होगे चयन न होने पर कोई किसी अन्य को दोषी न माने जैसे लडकियो का कोटा नही होता ओबीसी एस सी वाले न होते तो मेरा हो जाता
सोचो अगर कोई होता ही नही तो कम्पटीशन किस बात का होता किससे होता?-
ReplyDeleteआप सब विचलित नही हो ईश्वर ने सबका प्रबंध कही न कही किया होगा दाना पानी का
आप मेरिट किसी से न पूंछे क्योंकि किसी को नही पता है अपनी अपनी स्थिति का अंदाजा सब को हो चुका होगा जिनको लगता हो कि उनका चयन नही हो पायेगा वो काउ का वेट करके दूसरे विकल्पो पर विचार करना शुरु करे नही तो दर्द को बढाऔगे और कुछ नही
ReplyDeleteदूसरी काउंसलिंग मे कुछ ज्यादे सीटों वाले जिलों में अनारक्षित- कला- पुरूष वर्ग- कट आफ ११७ ऒर ११८ रहा था सभी जानते हॆं ।
ReplyDeleteअब जब तीसरी काउंसलिंग ३ अक्टूबर से घोषित हॆ ऒर कट आफ १ नवम्बर को जारी होगा तो न्यूनतम कट आफ जिलों में रिक्त सीटों की संख्या पर निर्भर करेगा।
जॆसी सूचनाएं अब तक मिली हॆं उसके अनुसार कुछ दो -चार जिलों को छोड़कर सभी में सीटें कफी कम रह गयी हॆं।इस बार तीसरी काउंसलिंग से पहले जिलों में रिक्त सीटों की संख्या भी वेबसाइट पर जारी होने की संभावना हॆ। तभी बची हुई सीटों की सही जानकारी मिल पायेगी। अभी कई लोगों की काउंसलिंग कुछ जाँच के बाद निरस्त होने के भी आसार हॆं।इसलिए किसी भी सीटों की अच्छी संख्या वाली जिलों में सीटों के फुल होने का शोर बिल्कुल मिथ्या होगा।
ReplyDeleteदूसरी काउंसलिंग के बाद सभी वर्गों के आवेदकों में चिन्ता कट आफ को लेकर नजर आ रही हॆ क्योंकि सभी ने इस ७२८२५ की भर्ती से बड़ी उम्मीद लगायी थी।जबकि वास्तव में विभिन्न वर्गों में सीटों के विभाजन के बाद अनारक्षित वर्ग की सीटें केवल ८००० से कुछ ज्यादे ही बचती हॆं।इसमें से भी कुछ सीटें रिसफलिंग का भूत लाक कर ले जायेगा।
ReplyDeleteइसलिए. उपर कही हुई बातों को ध्यान में रखते हुए ऎसा प्रतीत होता हॆ तीसरी काउंसलिंग का कट आफ रिक्त सीटों का १० गुना तक बुलाने पर अनारछित- पुरुष -कला वर्ग के लिए शायद ११२-११४ तक कहीं कहीं पहुंच जाये ये अलग बात हॆ कहीं भीड़ ज्यादे पहुँच जाये ऒर काउंसलिंग बची सीटों से ज्यादे पर हो ऒर बाद मे डाक्यूमेंट वापस हो जिसकी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
ReplyDeleteचॊथी काउंसलिंग में यदि विशेष आरक्षित ऒर शिक्षमित्रों की बची सीटों को अन्य सभी वर्गों में शिफ्ट किया जाता हॆ तो कट आफ ऒर नीचे जायेगा ऒर कुछ ऒर लोंगों के घर दिसंबर में खुशियाँ बढ़ जायेंगी ।
ReplyDeleteपाँचवी काउंसलिंग मे तो किस्मत वाले ही जगह पायेंगे ।
ReplyDeleteएक आकलन आपके मित्र
ऒर
भर्ती के शुभचिंतक ( ριℓιвιт яєѕєяνє тιgєя) द्वारा
क्या आप जानते हैं दिवाली पर हिन्दुस्तान का दीवाला निकलता है और चायना की असली दिवाली होती है हम छोटे छोटे सामान जैसे लाइट दिये मोमवती पटाखे आदि चायना के खरीदते हैं पिछले वर्ष दिवाली विक पर भारत को पचास हजार करोड़ का नुकसान हुआ था ओर इस वर्ष यह नुकसान नब्बे हजार करोड़ तक होने का अनुमान है इस पोस्ट को मजाक समझने की गलती करने का नतीजा होगा महँगाई को बढाबा देना मेरा आप सब से अनुरोध है इस दिवाली made in India का प्रयोग करें ओर भारत बचाओ अभियान मे अपना सहयोग दें
ReplyDeleteएक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था ।
ReplyDeleteचित्रकार ने एक बहुत सुन्दर त स्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को , जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे ।
जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी । यह देख वह बहुत दुखी हुआ । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था ।
तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई । उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे ।
उसने अगले दिन यही किया । शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया ।
वह संसार की रीति समझ गया ।
N
O
T
E
.
"कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान , लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है
" This is life........
ReplyDeleteजब दुनिया यह कह्ती है कि
‘हार मान लो’
तो आशा धीरे से कान में कह्ती है कि.,,,,
‘एक बार फिर प्रयास करो’
और यह ठीक भी है..,,,
"जिंदगी आईसक्रीम की तरह है, टेस्ट करो तो भी पिघलती है;.,,,
वेस्ट करो तो भी पिघलती है,,,,,,
इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो,
वेस्ट तो हो ही रही है.,,,
"Life is very beautiful"..
Ab milte hain evening me.......
ReplyDeleteBYE.............
hello bhaio subh sandhya. ..jrt per joining ka dabav gov per banane ki ranneetichal rahi hai...bhale hi sasart ho...prt me kaafi seats khali hai...abhi farzi wale 2012 wale pgwale sab scert dwara bahar kia jaiga...tatha sm ki seats freedom.fi..exserviceman ki seats 8000 hai jo ki gen me daali jaigi...jisse low merit walo ka kaafi faida hoga...so wait and watch..bus aap logo se ek anurodh hai ki har jagah apna group bana kar rti jaroor daale chahe jrt wale ho ya prt wale...low merit walo k lea aakhiri mauka hai...unka to daitvabanta hai..high merit wale bhee rti daale taaki bharti neat and clean ho...farzi bahar ho sake joinining...jald mil sake...baithne se kucch nahi hoga...thoda jaagrukta aapko apni manjil tak pahucha dega warna aap sab highaur low wale khud hi samajhdaar ho jai hind....
ReplyDeletePilibhit reserve tiger g aap se anurodh h ki jin 40 jilon ka data scert k pass h un jilon ka data blog par dalne ka kast kare . Thanks.
ReplyDeletePilibhit reserve tiger g aap se anurodh h ki jin 40 jilon ka data scert k pass h un jilon ka data blog par dalne ka kast kare . Thanks.
ReplyDeleteS bhole ji apke prayaas sarahney gai lakin teer kaman se nikal chuka hai ab sayad jyada farak nahi padne wala. Yeh kalyug ka mahabharat or ramayan he yaha adharmi ravan or korav jit jate hai. Hamasa!
ReplyDeleteBhai koi sitapur ki update bata do
ReplyDeleteSir sling me naam lock hone walo ka naam sabhi jagha se katna chiye
ReplyDeleteSir hardoi ki list upload karne ka kast kre...mere obc art female 110 aur dob 16.8.87 hai
ReplyDeleteघुसकर मारो और ऐसा मारो कि उनके आकाओं की रूह
ReplyDeleteकाॅप जाए।
पाकिस्तान को करारा जवाब:-भारतीय सेना के हमले
में
37 पाकिस्तानी ढेर 78 घायल...पकिस्तानने युद्ध
विराम के लिए दिखाया सफ़ेद झंडा लेकिन भारतीय
सेना ने नकारा !!
ना हम शैतान से हारे,
ReplyDeleteना हम हैवान से हारे,
कश्मीर में जो आया तूफान ,
ना हम उस तूफान से हारे,
यही सोच कर ऐ पाकिस्तान,
हमने तेरी जान बक्शी है,
शिकारी तो हम है मगर,
हमने कभी कुत्ते नहीं मारे
~
कृपया अपने अन्य मित्रों
को भी अवगत कराएँ ...
_/|\_
जय हिन्द ...
वन्देमातरम ..
आजमगढ मे चयनित लोगो की सूची डायट पर नाम सहित चस्पा दिया गया है
ReplyDeleteFOR MOBILE KNOWLEDGE.
ReplyDelete¶मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित होती है ।
इमरजेंसी नंबर ---
दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं
तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें। ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब आपका की पैड लौक हो।
जान अभी बाकी है---
मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा। मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।
मोबाइल चोरी होने पर---
मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है, फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ । इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा। इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा।
कार की चाभी खोने पर ---
अगर आपकी कार की रिमोट की लेस इंट्री है। और गलती से आपकी चाभी कार में बंद रह गयी है। और दूसरी चाभी घर पर है। तो आपका मोबाइल काम आ सकता है। घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर कॉल करें। घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने मोबाइल को होल्ड रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के अनलॉक बटन को दबाये। साथ ही आप अपने मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास रखें....। दरवाजा खुल जायेगा।
है न विचित्र किन्तु सत्य......!!!
अधिक से अधिक शेयर करें।
एंड्राइड मोबाइल यूजर के काम के कोड
1. Phone Information, Usage and Battery – *#*#4636#*#*
2. IMEI Number – *#06#
3. Enter Service Menu On Newer Phones – *#0*#
4. Detailed Camera Information –*#*#34971539#*#*
5. Backup All Media Files –*#*#273282*255*663282*#*#*
6. Wireless LAN Test –*#*#232339#*#*
7. Enable Test Mode for Service –*#*#197328640#*#*
8. Back-light Test – *#*#0842#*#*
9. Test the Touchscreen –*#*#2664#*#*
10. Vibration Test –*#*#0842#*#*
11. FTA Software Version –*#*#1111#*#*
12. Complete Software and Hardware Info –*#12580*369#
13. Diagnostic Configuration –*#9090#
14. USB Logging Control –*#872564#
15. System Dump Mode –*#9900#
16. HSDPA/HSUPA Control Menu –*#301279#
17. View Phone Lock Status –*#7465625#
18. Reset the Data Partition to Factory State – *#*#7780#*#*
बड़े काम के कोड है इसलिए और दुसरो को भी बताये !
APRT ji, sitapur ka update kab tak aane ki ummid hai?
ReplyDelete1- देवेन्द्र यादव के नेत्रित्व में पूर्व में गठित जूनियर मोर्चा का उद्देश्य था की जूनियर की काउंसलिंग और नियुक्ति prt से पहले हो जाये जिससे लो मेरिट विज्ञानं वर्ग का फायदा हो जाये ।फ़िलहाल सरकार के लचर रवैये के कारण वो प्रयास सफल नहीं हो सका जिसके कारण विभिन्न मुद्दों पर jrt में स्टे लगा हुआ है ।इसका परिणाम यह हुआ कि कोर्ट ने दोनों भर्ती में लोगो को काउंसलिंग की अनुमति दे दी । prt और jrt दोनों भर्ती सुरक्षित है लेकिन जब किसी का नम्बर दोनों में आएगा और उसे मौका मिलेगा तो वो घर नहीं बैठेगा और न ही भगवान के नाम पर कोई कितना भी चिल्लाये लेकिन कोई भर्ती नहीं छोड़ना चाहेगा जब तक नियुक्ति ना मिल जाये । इसलिए लो मेरिट के नाम पर किसी को एक ही भर्ती में शामिल होने की सलाह और प्रार्थना दोनों व्यर्थ है ।
ReplyDelete15 tak sabk aa jayega
ReplyDeleteThanks.
Delete2- स्टे लगे हुए मुद्दों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा प्रोफेसनल का है जिसमे प्रोफेसनल वाले लगातार हर तरह का प्रयास कर रहे है लोगो को यकीन दिलाने की वो अंदर है लेकिन जब कोई किसी बात पर जादा जोर दे और अनावश्यक तर्क दे तो समझ लीजिये की उनके दिल में क्या चल रहा है । प्रोफेसनल आउट होंगे ये पूरी तरह साफ़ है । सरकार की नौटंकी कमेटी की रिपोर्ट की कोर्ट में बखिया उधेडी जा चुकी है और कोर्ट में प्रोफेसनल की लिस्ट जारी करने पर इस नौटंकी कमिटी की रिपोर्ट के बाद ही स्टे लगा था । मतलब साफ़ है की ये मुद्दा अब तक क्लियर हो चूका होता केवल सरकार के मनमाने पन और अवैध रूप से अंदर करने के प्रयास के कारण लटका हुआ है ।
ReplyDelete3- दुसरे मुद्दों पर लगे स्टे भी प्रोफेसनल केस के फैसले के बाद ही हटेंगे ।
ReplyDelete4- आजकल नियुक्ति के लालायित और लालची लोगो ने एक नए जूनियर नियुक्ति मोर्चे का गठन कर लिया है नियुक्ति दिलाने के नाम पर जमकर लोगो को लूटा जा रहा है । सब लोग पूछेंगे की मै ये आरोप कैसे लगा सकता हूँ तो भाई मेरे एक सवाल का जवाब दे दो आपके सवाल का जवाब खुद मिल जायेगा । सवाल ये है की एक ऐसा केस बता दीजिये जिसका निपटारा आज तक थर्ड पार्टी ने कराया हो ?? मतलब ये की जितने केसेस में जूनियर में स्टे लगा है उसमे मुख्य पक्षकार और जवाबदेह सरकार को बनाया गया है फिर इसमें कोई थर्ड पार्टी कैसे स्टे हटवा देगी जबतक सरकार जवाब ना लगाये ।
ReplyDelete5- जूनियर नियुक्ति मोर्चे की लूटपाट पिछले 1 महीने से जारी है । अब आप ही बताईये आज तक कितने केसेस का इन्होने फैसला करवाया या फिर पहले 6 महीने अभी चन्दा ही वसूला जायेगा । आज तक तो नहीं देखा की कोई पहले चन्दा वसूले और बाद में केस लड़े । ये जरुर होता है कि केस दाखिल कर दिया जाता है उसके बाद लोगो से सहयोग की अपील की जाती है । लेकिन आज तक कथित जूनियर नियुक्ति मोर्चा बिना ब्रेक के भाग रहे केसेस की तारीख में से एक भी रोक नहीं पाया तो आगे क्या कमाल करेगा भगवान ही जाने ।
ReplyDelete6- जूनियर नियुक्ति मोर्चा ने अशोक खरे और एक दुसरे वकील को अपना केस लड़ने के लिए खड़ा किया है जिसमे आज तक खरे ने कितने केसेस का फैसला करवा कर भर्ती करायी है जरा आप लोग भी विचार कर लीजिये । खरे जी का नाम जरुर बड़ा है लेकिन उन्होंने आज तक सब भर्तियो को फसा कर केवल पैसा ही कमाया है ।
ReplyDelete7-जूनियर नियुक्ति मोर्चा स्टे लगे तीनो केसेस में से क्या एक में भी बता सकता है कि उसके पास क्या जवाब है उन केसेस से स्टे हटवाने का ? या यही बता दो भाई की किसी केस में कितने दिन में स्टे हट जायेगा ।या फिर सब कुछ हवा में ही तीर चल रहा है जैसे हर महीने यही बता कर लोगो को बेवकूफ बनाते है की अगले महीने नियुक्ति मिल जाएगी ।
ReplyDelete8-जो समझना चाहे उनके लिए सिर्फ बता रहा हूँ तीनो केस से जब तक स्टे नहीं हटेगा कोई conditional नियुक्ति नहीं मिलने वाली बाकि लुटने का शौक हो तो जरुर लुटेरो की बात पर विश्वास कीजिये । नियुक्ति मिलने का सिर्फ एक रास्ता है की सरकार पर जितना हो सके आन्दोलन और अनसन से दबाव बनाकर जवाब लगवाया जाय जिससे केस का फैसला हो और लोगो को नियुक्ति मिले । बाकी थर्ड पार्टी बनकर जितना मन करे केस करिए कुछ नहीं होने वाला ।
ReplyDelete9- जूनियर नियुक्ति मोर्चे का कार्य देखकर ऐसा लगता है ये ठगों का एक समूह है जो जब तक नियुक्ति नहीं मिल रही है तब तक अपने रोटी पानी के इंतजाम में लग गया है और एक दिन ऐसा जरुर आएगा जब जूनियर से सब स्टे हट जायेगा और तब तक सारा माल अंदर । जैसे कुछ भर्तियो में सेलेक्सन कराने के नाम पर ठगी करने वाले 10-15 अभ्यर्थियों से पैसे ले लेते है और चुपचाप घर बैठ जाते है उसके बाद रिजल्ट आने के बाद जितने लोगो का अपने आप हो जाता है उनका माल अंदर और जिनका नहीं हुआ उनका बाइज्जत पैसा वापस । इससे क्रेडिट भी बन जाती है और नए मुर्गे मिलना भी आसान हो जाता है ।
ReplyDelete10- अंत में यही कहूँगा अगर आपके माँ-बाप ने फालतू का पैसा नहीं कमाया है तो बेकार में लुटेरो के हाथ लूटिये मत । जूनियर भर्ती में कोई खतरा नहीं है और नियुक्ति भी मिल जाएगी । जिनका सेलेक्सन हो गया है वो अगर कुछ कर सकते है तो किसी को चन्दा देने के बजाय जितना हो सके लोगो को इकठ्ठा करके आन्दोलन करिए बस । उसमे जो खर्च होता है वो जरुर करिए वरना शांति से घर बैठिये तब भी एक दिन नियुक्ति जरुर मिल जाएगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद
और अब मै रोज आप लोगो को सावधान करने नहीं आऊंगा ।
सीतापुर में २७ और २८ की कॉउंसलिंग वाले दिन
ReplyDeleteमेरे अनुमान के मुताबिक पुरुष सामान्य कला में कम से कम ३०० लोगों के डाक्यूमेंट्स वापस होंगे.. जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग में लगभग ८५० लोगों के..!!
सीतापुर में GEN MALE ART में काउंटर नंबर १७ तक के सभी और १८ के लगभग आधे लोग सेफ हैं..
जबकि OBC MALE ART में काउंटर नंबर ३ तक के सभी..
धन्यवाद.!!
कई दिनों से बेचारा बेरोज़गार ये सोच रहा है
ReplyDeleteकि ...
सरकारी विभागों मे वही शार्ट सर्किट से क्यो आग लगती है जहाँ पर महत्वपूर्ण और गोपनीय फ़ाइलें होती है??
जबकि ऐसी जगहों पे सामान्यतया सिर्फ़ एक ही बल्ब होता है.
और मजेदार ये है कि उन सरकारी दफ़्तरों मे उन जगहों पे कभी भी शार्ट सर्किट नही होता जहाँ पर उच्च अधिकारीगण विराजमान होते हैं.
72 हजार प्राइमरी भर्ती का हर वो व्यक्ति दुश्मन है जिसका इस भर्ती में नहीं होना है । यहा तक की इस भर्ती के दुश्मन वो भी है जिनको पहले से पता है की उनका टेट और अकेडमिक दोनों से नहीं होना है लेकिन ये बात यही ख़त्म नहीं होती इससे भी बड़ा आश्चर्य ये है की इस भर्ती के दुश्मन वो भी है जो इसके पात्र भी नहीं है । पता नहीं क्यों इस भर्ती में सबको इतना इंटरेस्ट है ।
ReplyDeleteप्राइमरी भर्ती की काउंसलिंग जैसे-जैसे आगे बढती जा रही इसके समर्थक कम और दुश्मन बढ़ते जा रहे है । क्योकि सेलेक्सन 72 हजार का ही होना है जबकि टेट पास 2.5 लाख है और सबकी इच्छा है इसी में जॉब मिल जाये । जहा तक इसके समर्थको की बात है जैसे जैसे काउंसलिंग की तस्वीर साफ़ होती जा रही है सबको अपने भाग्य का पता चल जा रहा है । इस भर्ती में सेलेक्ट होने वाली आधी संख्या महिलाओ की है जो काउंसलिंग के लिए आधी रात को जंगल में भी जा सकती है लेकिन बाकि कार्य जैसे आन्दोलन और चन्दे आदि में इनकी संख्या मुश्किल से 8-10 होगी मतलब नगण्य मानी जा सकती है । अब बचे आधे लोग मतलब 36 हजार पुरुषो में से कितने लोग आगे आते है ये देखने वाली बात है ।
ReplyDeletesir g kya azamgarh k list me me naam b show kr rha h..??
ReplyDeleteप्राइमरी भर्ती के हर दुश्मन को पता नहीं क्यों ये भर्ती सबसे आसान शिकार नज़र आती है सायद इसलिए की पिछले 3 साल में लोग कुछ जादा ही कानून सीख गये है और सभी दांव इसी भर्ती में आजमा लेना चाहते है । ये भर्ती कुछ लोगो को इसलिए भी आसान शिकार नज़र आने लगी क्योकि भूतकाल में कुछ लोगो को सरकारी मंसा के कारण अपनी गलत मह्त्वकाक्षावो में सफल होते देखा गया है ।
ReplyDeleteफ़िलहाल अब समय बदल गया है जिसके कारण इस भर्ती को नुकसान पहुचाना आसान नहीं रह गया है लेकिन कुत्सित और राक्षसी प्रवृत्ति के लोग अपने प्रयासों में जरुर लगे हुए है भले ही हर बार मुह की खानी पड़ रही हो ।
ReplyDeleteआशा है 2014 का अंत या 2015 की सुरुवात , 72 हजार लोगो के लिए नयी खुशिया जरुर लायेगा
ReplyDeleteaaj himanshu rana & co. ne 2007-8aur 2010-11 satr ke b.ed. walo ko snatak me 50 % ke liye case kiya tha jispar khoob afvah failayi ja rahi hai . bhrti par koi khtra nahi hai aur faltu ki afwaho par dhayn na de . ye raha aaj ka order jisme sarkaar ko 1 nov . tak jawab lagane ko kaha gya hai aur next date 3 nov. lagi hai . ye ek samny praiakriya hai , isse jada kuchh nahi hua hai aaj -----
ReplyDeleteआज का आर्डर
Court No. - 9
Case :- WRIT - A No. - 54564 of 2014
Petitioner :- Vinod Kumar
Respondent :- State Of U.P. And 6 Ors
Counsel for Petitioner :- Kshetresh Chandra Shukla
Counsel for Respondent :- C.S.C.,A.K. Yadav,Rashmi Tripathi
Hon'ble Bharati Sapru,J.
Learned Standing Counsel appears for the
respondents no.1, 2 & 3. Sri A.K. Yadav, Advocate
appears for the respondents no.4, 5 & 6, Ms.
Rashmi Tripathi, Advocate appears for the
respondent no.7. They may file a counter affidavit
by the 1st of November, 2014.
List this matter on 3rd of November, 2014.
Order Date :- 13.10.2014
आज सचिव संजय सिन्हा के जी के साथ-साथ माध्यमिक शिंक्षा चयन बोर्ड को भी ज्ञापन दिया गया |
ReplyDeleteमाध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड:
उन्हें भर्ती में हो रहे फर्जीवाड़े से अवगत कराया और सी.डी. को ऑनलाइन करने के साथ-साथ भर्ती में पारदर्शिता बरतने हेतु चयनितों की सूची जारी करने को भी कहा गया |
संजय सिन्हा के यहाँ भी जो बिंदु हिंदुस्तान पेपर में छपे थे उनके सुबूत जुटाकर उन्हें ज्ञापन दिया गया |
इस मौके पर संजीव मिश्रा , एस.के पाठक , अखिलेश त्रिपाठी , नवीन श्रीवास्तव, सच्चिदानंद चतुर्वेदी, अवनीश यादव, शशांक सोलंकी आदि साथियों के साथ मौजूद रहे |
बताये गए मुद्दो का विश्लेषण इस प्रकार है :
१) राजकीय रचनात्मक प्रशिक्षण महाविद्यालय (लखनऊ) से उत्तीर्ण एल.टी. तथा टीईटी पास अभ्यर्थी चयन के लिए अर्ह है या नहीं ?
ये भर्ती केवल बी.एड अभ्यर्थियों के लिए है तो एल.टी. ग्रेड या अन्य कोई भी डिग्री धारक बी.एड से अलग इसके लिए पात्र नहीं है क्यूंकि शिक्षा के अधिनियम २००९ जो की १ अप्रैल २००९ को लागू हुआ था | उसके अनुसार सहायक अध्यापक पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित की गयी हैं |
भारत के राजपत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दी गयी अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० के अनुसार जिसमे समय-समय के संशोधन दिनांक २९ जुलाई २०११ के अनुसार कहीं भी एल.टी.ग्रेड डिग्री धारकों को या बी.एड से अलग कोई भी डिग्री धारकों को , ७२८२५ प्राइमरी शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापकों के पदों के लिए जगह नहीं दी गयी है |
२) एमपी भोज मुक्त विवि के दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा को अर्ह माना जाये या नहीं ?
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ में दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है |
ऐसी स्थिति में ये ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए पात्र नहीं है |
३) उस्मानिया विवि हैदराबाद से १९९५ के बाद वन सिटिंग स्नातक डिग्री वालों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
ऐसे अभ्यर्थी जो की १९९५-९६ के बाद के वन सिटिंग स्नातक हैं वे अर्ह नहीं हैं |
इस पर इलाहाबाद और लखनऊ उच्च न्यायालय के आर्डर भी हैं जिसमे ऐसे अभ्यर्थियों को जो की १९९५-९६ के पहले ओस्मानिया विवि से बी.टी.सी किये भी हैं २०११ में पर इसके बाद के वन सिटिंग स्नातक अर्ह नहीं हैं |
यू.जी.सी ने भी ऐसे अभ्यर्थियों को १९९५-९६ तक ही वैध माना है |
४) कश्मीर विवि श्रीनगर से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में कहीं भी दूरस्थ शिक्षा बीएड (ओपन यूनिवर्सिटी बीएड बाय डिस्टेंस लर्निंग मोड) का उल्लेख नहीं है |
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली (इग्नू) ही मात्र ऐसी दो विश्वविद्यालयों जिन्हे उच्च न्यायालय ने अर्ह माना था और साथ के साथ ने भी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद इन दोनों विश्वविद्यालयों को प्रदेश में चल रही ७२८२५ शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह माना है |
उपरोक्त दोनों विश्वविद्यालयों के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक ३ पर दे चुकी है |
ऐसी स्थिति में, ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए कश्मीर विवि श्रीनगर से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं है |
५) जामिया मिलिया इस्लामिया विवि से दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
जामिया मिलिया इस्लामिया विवि दिल्ली से दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीएड अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में किसी भी प्रकार का उल्लेख नहीं है |
ऐसी स्थिति में, ७२८२५ शिक्षक भर्ती के सहायक अध्यापकों के पदों के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया विवि से दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं है |
६) एनसीटीई अधिनियम १९९५ से पूर्व एवं १९९८ के पूर्व ४०/४५ प्रतिशत से कम अंकों से स्नातक यवम बीएड अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में स्नातक के लिए ४५% अनारक्षित वर्ग एवं ४०% आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित है तो ऐसे अभ्यर्थी जो की इस निर्धारित स्नातक की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं ऐसे अभ्यर्थी अपात्र हैं | इसमें समय समय के अनुसार किये गए स्नातक या बीएड का भी कोई प्रभाव नहीं है |
ReplyDelete७) स्नातक में सामान्य जाती के ४५% से ऊपर तथा २०१० में बीएड में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों जिनके बीएड अंकपत्र में २०११ अंकित है को अर्ह माना जाये या नहीं ?
ऐसे अभ्यर्थी जो की अपना बीएड २०१०-११ में किये थे और उन्होंने प्रवेश २०१० में लिया था के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विवि से स्नातक अथवा स्नातकोत्तर में ५०% (सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए) और अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए मात्र स्नातक या स्नातकोत्तर की अर्हता थी |
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिसूचना दिनांक २३ अगस्त २०१० अथवा उसमे संशोधन के पश्चात जारी की गयी अधिसूचना दिनांक २९ जुलाई २०११ और ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन दिनांक ३०/११/२०११ में स्नातक के लिए वर्ष २०१०-११ में ५०% अनारक्षित वर्ग एवं ४५% आरक्षित वर्ग के लिए निर्धारित है तो ऐसे अभ्यर्थी जो की इस निर्धारित स्नातक की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं ऐसे अभ्यर्थी अपात्र हैं |
८) स्नातक में ४५% से कम अंक के बावजूद एनसीटीई अधिनियम के अनुसार परास्नातक के आधार पर बीएड किये हुए अभ्यर्थियों को अर्ह माना जाये या नहीं ?
और
१०) स्नातक में ४५% से कम ओर ४०% से अधिक अंकों के साथ स्नातक पास ओर २०११ में बीएड करने वाले एससी वर्ग को अर्ह माना जाये या नहीं ?
उपरोक्त आश्य के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक १(ख) पर दे चुकी है |
परन्तु इस आश्य में एक विसंगति है की अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी परास्नातक के आधार पर किये हुए बीएड बाहर हैं और वहीँ अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी जो की ५% छूट का लाभ ले रहे हैं जबकि बीएड करने में उन्हें कभी भी छूट नहीं मिली है और वे परास्नातक के आधार पर बीएड किये हुए हैं, वे काउंसलिंग में सम्मिलित हो रहे हैं और वहीँ दूसरी ओर जहाँ अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति को मात्र स्नातक अथवा स्नातकोत्तर की वरीयता पर बीएड कराया जाता है बिना किसी निर्धारित प्रतिशत के वे भी कुछ तो ५% का लाभ ले रहे हैं परन्तु सभी के लिए नहीं है |
अगर परास्नातक का उल्लेख ही नहीं है विज्ञापन में तो इस विसंगति का ध्यान रखा जाये ओर जो भी परास्नातक के आधार पर हैं किसी भी जाती का हो सभी को बाहर रखा जाये |
९) विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सेलम तमिलनाडु से दूरस्थ विधि से बीएससी/बायो टेक्नोलॉजी स्नातक डिग्री धारक को अर्ह माना जाये या नहीं ?
यू.जी.सी ने ७ फ़रवरी २०१२ को विनायक मिशन यूनिवर्सिटी सेलम तमिलनाडु को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है | उच्च न्यायालय ने भी एक केस में इसके साथ और भी कई यूनिवर्सिटीज की डिग्रीज को अवैध माना है |
ReplyDeleteऐसे अभ्यर्थी अपात्र माने जाये और उन्हें ७२८२५ सहायक अध्यापक शिक्षक भर्ती के पदों से दूर किया जाये |
११) स्नातक में ४५% से कम और ४०% से अधिक कोटा वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में अर्ह माना जाये या नहीं ?
और
उम्र में ४० वर्ष से अधिक और ४५ वर्ष से कम के कोटा अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में अर्ह माना जाये या नहीं ?
उ.प्र. आरक्षण नियमावली १९९४ (एक्ट ४) के अनुसार ही नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण प्रावधानों को लागू किया जाये | अनारक्षित वर्ग में आरक्षित वर्ग के केवल उन्ही अभ्यर्थियों को शामिल होने का मौका दिया जाये जो की अनारक्षित वर्ग के पदों की अर्हताओं को धारित करते हो |
यहाँ स्पष्ट करना आवश्यक है की आयु में ४० वर्ष से अधिक तथा स्नातक में ४५% से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को किसी भी दशा में अनारक्षित की श्रेणी शामिल होने का मौका न दिया जाये | यहाँ इस बात का विशेष उल्लेख आवश्यक है की २००७/०८ और २०१०/११ के बीएड अभ्यर्थियों जो ओ.बी.सी के हैं उनका भी स्नातक में न्यूनतम ५०% अंक होना चाहिए |
इसको इस उदाहरण से समझा जा सकता है |
उ.प्र. लोक सेवा आयोग में पी.सी.एस.परीक्षा के लिए सामान्य वर्ग हेतु अधिकतम आयु सीमा ४० वर्ष जबकि आरक्षित वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा ४५ वर्ष है |
लोक सेवा आयोग की आरक्षण नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है की ४० वर्ष से अधिक आयु का आरक्षित का अभ्यर्थी किसी भी दशा में अनारक्षित पदों पर चयनित नहीं किया जा सकता है | वह केवल आरक्षित वर्ग के पदों पर ही चयनित किया जा सकता है क्यूंकि इससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को त्रि-स्तरीय आरक्षण की सुविधा प्राप्त हो जाती है जो की इंदिरा साहनी के मामले में माननिए उच्छ्तम् न्यायलय द्वारा असंवैधानिक की जा चुकी है | ठीक वही बात यहाँ दोहराई जा रही है :
पहले बी.एड करने में आरक्षण का लाभ , फिर टीईटी परीक्षित में सम्मिलित करने में आरक्षण का लाभ तथा आयु सीमा में आरक्षण का लाभ और पुनः चयन में भी आरक्षण का लाभ जो की सरासर असंवैधानिक है और यहाँ इस बात का उल्लेख करना भी आवश्यक है की टीईटी प्राप्तांक प्रतिशत के साथ-साथ आयु सीमा भी चयन का आधार है |
अतः उपरोक्त मुद्दे का ध्यान रखा जाये |
१२) सत्र २००७-०८ में भी सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को स्नातक अथवा स्नातकोत्तर में ५०% तथा अनुसूचित जाती/अनुसूचित जनजाति को स्नातक अथवा स्नातकोत्तर की उपाधि चाहिए होती थी | दृष्टि बाधित अभ्यर्थियों को अर्हता में ५% अंकों की छूट मिलती थी |
उपरोक्त आश्य के सन्दर्भ में दिनांक १२ सितम्बर २०१४ को पत्रांक राशै/प्र.शि.२०११/१५७७८-९२१ २०१४-१५ में राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति भी अपना दृष्टिकोण पृष्ठ संख्या १ के क्रमांक १(क) पर दे चुकी है परन्तु उसमे कुछ खामियां हैं क्यूंकि एक सत्र २००७/०८ का भी ५०/४५% के साथ था और उससे सम्बंधित सभी दस्तावेज यहाँ संलग्न किये जा रहे हैं |
इन सभी मुद्दों पर आज संलग्न (सुबूत) लगाकर ज्ञापन दे दिया है |
अंत में बस इतना कहना चाहूंगा की काउंसलिंग कराकर नेतागीरी किसने चमकाई और अब भी कौन आपके लिए लड़ाई लड़ रहा है आपके समक्ष है |
धन्यवाद
(इनको सब जगह पहुंचा दीजिये |
ताकि नेताओं की भी आँखें खुले |)
"तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।''
ReplyDelete_________________________________________________________________________________________________ गलातियों 6:2 )
72825 मे घुसने के लिए एक और कुत्ता पागल हुआ ।
ReplyDelete?Court No. - 9
Case :- WRIT - A No. - 54531 of 2014
Petitioner :- Dr. Shyam Bihari Mishra
Respondent :- State Of U.P. And 2 Ors
Counsel for Petitioner :- Shailendra
Counsel for Respondent :- C.S.C.
Hon'ble Bharati Sapru,J.
Sri Shailendra, learned Counsel for the petitioner makes a statement in open Court that the next Counselling is to be held on 3rd of November, 2014. The petitioner may be given due consideration. The result will be subject to outcome of this writ petition.
Order Date :- 13.10.2014
तूफ़ान की मानिंद
ReplyDeleteहमारी जिंदगी में आकर चले गये...
ए मुसाफिर, तुम्हारा नाम हुदहुद तो नहीं ?
घर का मुखिया एक लम्बे अरसे से बीमार था जो जमा पूंजी थी वह डॉक्टरों की फीस और दवाखानों पर लग चुकी थी। लेकिन वह अभी भी चारपाई से लगा हुआ था। और एक दिन इसी हालत में अपने बच्चों को अनाथ कर इस दुनिया से चला गया। रिवाज के अनुसार तीन दिन तक पड़ोस से खाना आता रहा, पर चौथे दिन भी वह मुसीबत का मारा परिवार खाने के इन्तजार में रहा मगर लोग अपने काम धंधों में लग चुके थे, किसी ने भी इस घर की ओर ध्यान नहीं दिया।
ReplyDeleteबच्चे अक्सर बाहर निकलकर सामने वाले सफेद मकान की चिमनी से निकलने वाले धुएं को आस
लगाए देखते रहते। नादान बच्चे समझ रहे थे कि उनके लिए खाना तयार हो रहा है। जब भी कुछ क़दमों की आहत आती उन्हें लगता कोई खाने की थाली ले आ रहा है। मगर कभी भी उनके दरवाजे पर दस्तक न हुयी।
माँ तो माँ होती है, उसने घर से रोटी के कुछ सूखे टुकड़े ढूंढ कर निकाले। इन टुकड़ों से बच्चों को जैसे तैसे बहला फुसला कर सुला दिया।
अगले दिन फिर भूख सामने खड़ी थी। घर में था ही क्या जिसे बेचा जाता, फिर भी काफी देर "खोज" के बाद चार चीजें निकल आईं। जिन्हें बेच कर शायद दो समय के भोजन की व्यवस्था हो गई।
बाद में वह पैसा भी खत्म हो गया तो जान के लाले पड़ गए।
भूख से तड़पते बच्चों का चेहरा माँ से देखा नहीं गया। सातवें दिन विधवा माँ ही बड़ी सी चादर में मुँह लपेट कर मुहल्ले की पास वाली दुकान पर जा खड़ी हुई।
दुकानदार से महिला ने उधार पर कुछ राशन माँगा तो दुकानदार ने साफ इनकार ही नहीं किया बल्कि दो चार बातें भी सुना दीं। उसे खाली हाथ ही घर लौटना पड़ा। एक तो बाप के मरने से अनाथ होने का दुख और ऊपर से लगातार भूख से तड़पने के कारण उसके सात साल के बेटे की हिम्मत जवाब दे गई और वह बुखार से पीड़ित होकर चारपाई पर पड़ गया। बेटे के लिए दवा कहाँ से लाती, खाने तक का तो ठिकाना था नहीं। तीनों घर के एक कोने में सिमटे पड़े थे। माँ बुखार से आग बने बेटे के सिर पर पानी की पट्टियां रख रही थी, जबकि पाँच साल की छोटी बहन अपने छोटे हाथों से भाई के पैर दबा रही थी। अचानक वह उठी, माँ के कान से मुँह लगा कर बोली "माँ भाई कब मरेगा???"
माँ के दिल पर तो मानो जैसे तीर चल गया, तड़प कर उसे छाती से लिपटा लिया और पूछा "मेरी बच्ची, तुम यह क्या कह रही हो?"
बच्ची मासूमियत से बोली, "हाँ माँ ! भाई मरेगा तो लोग खाना देने आएँगे ना???"-----------
कृपया
अपनी दौलत से मंदिरों में या धर्म के नाम पर चढ़ावा चढ़ाने की बजाय किसी असहाय भूखे को खाना खिलाकर पुण्य प्राप्त करें।
भगवान भी खुश होंगे और आप....!
शिक्षक भर्ती :
ReplyDeleteबढ़ती जा रहीं दुश्वारियां
मामले जो अभी अनुत्तरित हैं
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का दो चरण पूरा हो चुका है और तीसरे चरण की काउंसिलिंग का एलान भी हो चुका है। इसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया में आ रही ‘कठिनाइयां’ कम नहीं हो रही हैं, बल्कि निरंतर बढ़ती जा रही हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय में ऐसी शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। यह हाल तब है जब कठिनाई निवारण की राज्य स्तरीय समिति पहले चरण की शिकायतों का निपटारा कर चुकी है और दूसरे चरण पर मंथन चल रहा है।
लगभग तीन साल के अंतराल के बाद प्रदेश सरकार प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825 शिक्षकों की भर्ती करा रही है। लंबी जद्दोजहद के बाद किसी तरह काउंसिलिंग की प्रक्रिया तो शुरू हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग की परेशानियां कम नहीं हुई। इसकी वजह यह है कि काउंसिलिंग कराने वाले युवाओं के पास अभिलेख अलग-अलग प्रकार के हैं। उन्हें मंजूरी दी जाए या नहीं इस पर स्पष्ट दिशा निर्देश न होने से युवाओं को लौटाया भी गया है। यही नहीं राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ ने पहले चरण के मामलों की सूची बनाकर उन्हें राज्य स्तरीय कठिनाई निवारण समिति के पास भेजा। समिति के अध्यक्ष बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने उसका निराकरण किया जिसे एससीईआरटी ने सभी डायटों को भेज दिया। ऐसे ही दूसरे चरण के बारह मामलों को एससीईआरटी ने राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा है, उन पर अभी विचार होना है। इसी बीच तीसरे चरण की काउंसिलिंग कराने का आदेश हुआ है। इसके पहले ही टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के अभ्यर्थियों ने तमाम नए मामले उठा दिए हैं। अभी इनका जवाब आना शेष है। तय है कि काउंसिलिंग के दौरान ये मुद्दे परेशान करेंगे।
28 दिसंबर को सीबीएसई कराएगा यूजीसी नेट
ReplyDeleteइलाहाबाद : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा इस बार 28 दिसंबर
को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई)
कराएगा। बोर्ड ने परीक्षा को लेकर तैयारी भी शुरू
कर दी है। इलाहाबाद में परीक्षा के समन्वय
को इविवि से नाम मांगा गया है। नेट परीक्षा के लिए
15 अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन भी शुरु हो जाएंगे।
79 विषयों में सीबीएसई पहली बार यूजीसी नेट
परीक्षा को आयोजित कर रहा है। परीक्षा कराने के
लिए बोर्ड ने 89 नेट समन्वयक संस्थानों से संपर्क
साधा है। वहीं 29 जून 2014 को हुई
परीक्षा का परिणाम भी इसी माह में आ जाएगा।
परीक्षा में देश भर के 33000 से अधिक
अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
Be joyful and humorous, smile and make others smile; don’t get addicted to anything and make others also not get addicted.
ReplyDeleteInstead spend your time in being joyful; dance, sing, play, write something creative.
Spending time on gossiping about somebody, talking ill behind people's backs - all this is a signs of foolishness.
shri shri
पेट्रोल-डीजल की कीमत सस्ती होगी
ReplyDelete15 अक्टूबर से 1.70 रू/ली. सस्ता होगा डीजल
16 अक्टूबर से 1 रू./ली. सस्ता होगा पेट्रोल
जय मोदीराज।।
sir g kya azamgarh k list me me naam b show kr rha h..??
ReplyDeleteआदरणीया न्यायमूर्ति भारती सप्रू
ReplyDeleteने
अनिल संत के शासनादेश से
छेड़छाड़ करने के मामले में सरकार
से 1 नवम्बर को जवाब माँगा है।
सरकार ने
बीएड सत्र 2011 के साथ बीएड
सत्र 2008 को स्नातक में पचास
फीसदी के तहत शामिल
नहीं किया था।
किस आधार पर कमेटी बनाकर
अनिल संत के शासनादेश के साथ
छेड़छाड़ की गयी ।
सबसे मीठी आवाज उसकी होती है जो बंदा आपसे उधार लेना चाहता है
ReplyDeleteहँसना और हँसाना कोशिश है मेरी...
ReplyDeleteहर कोई खुश रहे ये चाहत है मेरी...
भले ही कोई मुझे
अपनी दुआओं में शामिल करे या न करे...
लेकिन हर अपने को याद करना
आदत है मेरी.........
अपने आस-पास के गरीब मजदूर बच्चोँ की दशा देखकर बताइये कि कैलाश सत्यार्थी जी को नोबेल पुरस्कार मिलना उचित था!!!
ReplyDeleteFor if we go on sinning deliberately after receiving the knowledge of the truth, there no longer remains a sacrifice for sins, but a fearful expectation of judgment, and a fury of fire that will consume the adversaries.
ReplyDeleteHebrews 10:26-27
तरक्की की फसल 'हम' भी काट लेते;
ReplyDeleteथोड़े से तलवे अगर, 'हम' भी चाट लेते!!
अच्छी बाते शेयर ही करता हु में
ReplyDeleteआप अपनी डायबिटीज से परेशान है ?? ताे आज ही इस नुसखे काे अपनाये !!
20 वर्षों से डायबिटीज झेल रहीं 65 वर्षीय महिला जो दिन में दो बार इन्सुलिन लेने को विवश थीं, आज इस रोग से पूर्णतः मुक्त होकर सामान्य सम्पूर्ण आहार ले रही हैं | जी हाँ मिठाई भी ।।
डाक्टरों ने उस महिला को इन्सुलिन और अन्य ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाली दवाइयां भी बंद करने की सलाह दी है ।
और एक ख़ास बात । चूंकि केवल दो सप्ताह चलने वाला यह उपचार पूर्णतः प्राकृतिक तत्वों से घर में ही निर्मित होगा, अतः इसके कोई दुष्प्रभाव होने की रत्ती भर भी संभावना नहीं है ।
मुम्बई के किडनी विशेषज्ञ डा. टोनी अलमैदा ने दृढ़ता और धैर्य के साथ इस औषधि के व्यापक प्रयोग किये हैं तथा इसे आश्चर्यजनक माना है ।
अतः आग्रह है कि इस उपयोगी उपचार को अधिक से अधिक प्रचारित करें, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें |
देखिये कितना आसान है इस औषधि को घर में ही निर्मित करना |
आवश्यक वस्तुएं–
> 1 – गेंहू का आटा 100 gm.
> 2 – वृक्ष से निकली गोंद 100 gm.
> 3 - जौ 100 gm.
> 4 - कलुन्जी 100 gm.
( निर्माण विधि )
उपरोक्त सभी सामग्री को ५ कप पानी में रखें । आग पर इन्हें १० मिनट उबालें । इसे स्वयं ठंडा होने दें । ठंडा होने पर इसे छानकर पानी को किसी बोतल या जग में सुरक्षित रख दें ।
( उपयोग विधि )
सात दिन तक एक छोटा कप पानी प्रतिदिन सुबह खाली पेट लेना ।
अगले सप्ताह एक दिन छोड़कर इसी प्रकार सुबह खाली पेट पानी लेना । मात्र दो सप्ताह के इस प्रयोग के बाद आश्चर्यजनक रूप से आप पायेंगे कि आप सामान्य हो चुके हैं ...और बिना किसी समस्या के अपना नियमित सामान्य भोजन ले सकते हैं ।
जिस किसी के पेरेंट्स को प्रॉब्लम हो उपयोग करे और आगे फॉरवर्ड करे साभार - विप्लव जैन
🔃
"पानी पिने का सही वक़्त".
(1) 3 गिलास सुबह उठने के बाद,
.....अंदरूनी उर्जा को Activate
करता है...
(2) 1 गिलास नहाने के बाद,
......ब्लड प्रेशर का खात्मा करता है...
(3) 2 गिलास खाने से 30 Minute पहले,
........हाजमे को दुरुस्त रखता है..
(4) आधा गिलास सोने से पहले,
......हार्ट अटैक से बचाता है..
🔺यह अच्छा Msg है
तो काफी लोग फायदा उठा सकते है....🔺
इस शहर के मेरे माजी
ReplyDeleteमैंने कई रंग देखे है ,
कभी फीका देखे है ...
कभी शोखे -चटख रंग देखे है
इस शहर ...........................!
मत पूछिये किस कदर बदला है
मौसम-ए-मिज़ाज़ यहां
पूस की ठिठुरती सर्दियों में -
जेठ सी तपिश देखे है
इस शहर .............................!
ताले लगे हुए दिलों के दरवाज़े
बंद पड़ी रिश्तों की खिड़कियाँ
घर की आबरू को
सरे बाज़ार नीलाम होते देखे है
इस शहर ................................!
कुछ तो अभाव में है नंगे
कुछ को भाव में नंगा होते देखे है
यूँ घायल है इंक़लाब यहां कि -
हज़ार भीड़ में हर शै को अज़नबी होते देखे है,
इस शहर .................................................!
बहुत दर्द बहुत राज़ दबा है मेरे सीने में
बहरों में ना बांधो इनको प्रदीप
ये वो दयार है जहाँ वक्क्त के कदमो में मैंने-
सहनशाहों के झुकते हुए ताज़ देखे है .........
इस शहर ...............................................!!
15 अक्टूबर से पेट्रोल, डीजल की कीमतों में हो सकती है कटौती
ReplyDeleteMon, 13 Oct 2014 04:15 PM (IST)
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हो रही लगातार गिरावट का फायदा तेल कंपनियों ने आम जनता को देना शुरू कर दिया है। इस श्रेणी में 15 अक्टूबर को मध्यरात्रि से पेट्रोल की कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कमी की जा सकती है। इसके अलावा डीजल के दामों में भी 2.25 रुपये प्रति लीटर की कमी हो सकती है।
Sir lakhimpur ki update ho toh btaiyw plsss
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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51
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49
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T
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यूँ तो कभी तुम्हारी कोई बात बुरी नही लगती
पर तुम्हारा दुसरो से मुस्कुरा के मिलना भी मेरी जान ले लेता है....!!!!!!
G
O
O
D
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N--I--G--H--T
प्राइमरी भर्ती अब होकर ही रहेगी#
ReplyDeleteमित्रों ---------------
जैसा कि कुछ लोग high-court ऐसे पहुँच रहे हैं - जैसे मानो खाला का घर हो ।
तो उनको बता दूं कि अब इस प्रशिक्षु भर्ती पर स्टे मा0 हाईकोर्ट से तो लग नहीं पायेगा ,
और मा0 सुप्रीम-कोर्ट अब कोई भी नई याचिका सुनेगा नही ,
क्यूंकि वहां सभी को पर्याप्त समय मिला था लेकिन जो पहुंचा नहीं वो सिविल अपील पर न0 आने का लगभग 4 वर्ष इन्तजार करे ।
हालाँकि अगर भर्ती में कुछ गलत होगा जैसे धांधली, या गलत नियमों को इस्तेमाल करना आदि ,
तो अवश्य ही हाईकोर्ट से निर्देश जरूर जार्री होंगे ।
#मेरिट के बारे में इतना कहूँगा कि जब तक 72,825 वीं सीट न भर जाये ,
तब तक कोई दौड़ से बाहर नहीं है ,
किसी जिले में 112 का होगा तो कहीं पर 125 का भी नहीं !!
#अंतिम काउंसलिंग के लिए अभी कम से कम 2 माह और चाहिए मतलब 5 काउंसलिंग तो होनी हैं इस भर्ती में कुल मिलाकर ।
अत: चिंता मुक्त होकर #दिवाली मनाएं
#खुश रहे और अन्य काम भी करते रहें ,इसी भर्ती को ही जीवन का अंतिम लक्ष्य ना बनायें ।।
#क्यूंकि होगा वही जो राम रच राखा ।।
धन्यवाद एवं शुभ रात्रि ।।
बहुत कुछ पाया और बहुत कुछ खोया है ज़िन्दगी
ReplyDeleteहर वक़्त एक नयी ख्वाहिश लिए फिरता हु ज़िन्दगी ।।
कुछ खट्टी तो कुछ मीठी यादें है ज़िन्दगी
हर रोज़ कुछ नए ख़वाब दिखाती है जिंदगी ।।
मंजिल तक पहुचने की चाह है ज़िन्दगी
कभी तुझसे प्यार तो कभी नाराज हु ज़िन्दगी ।।
हर मोड़ पर एक नया इंतिहान है ज़िन्दगी
कभी जीत तो कभी हार है ज़िन्दगी ।।
जैसी भी है पर हमे बड़ी अजीज है ज़िन्दगी
क्युकि बार-बार नहीं बस एक बार मिलती है ज़िन्दगी ।।
Sir jee Ghazipur ki 2nd councelling me Gen Fem Arts ki koi news hai kya?
ReplyDeleteSitapur ki actual cut off kbtkk pata chalega kon se date ko????kya list net pe ya newspapar me out hogi ????plzzz bhai sahi infmatn dijiye....
ReplyDeletesaharanpur me bhi abhi list nahi bani abhi formalties baki h jisme ki 3-4 din lagege. final list abhi tak ready nahi hue
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